शाहरुख खान और सलमान खान की दोस्ती के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन दोनों के बीच में दो बार दोस्ती भी हो गई थी एक बार तो सलमान की वजह से शाहरुख खान और ऐश्वर्या राय की फिल्म से बाहर हो गई थी क्या फाइनल हुई थी आखिर क्यों खत्म हुई इसकी पीछे की कहानी शाहरुख ने की थी ऐसी जोड़ी दोस्त सलमान खान और ऐश्वर्या राय ने हम दिल दे चुके सनम में काम किया था दोनों की जोड़ी बहुत ज्यादा पसंद की गई थी यहीं से दोनों की रियल लाइफ लव स्टोरी भी शुरू हुई सलमान को लेकर आने लगे।
मीडिया सिद्धांत की खबरों के मुताबिक सलमान खान ने फिल्म चलते-चलते ये सेट पर जा के तूफान मचा दिया। शाहरुख खान पर चाकू की कोशिश का आरोप था, लेकिन मामला बढ़ गया। सलमान और शाहरुख के बीच भी हुआ झगड़ा। इसके बाद ऐश्वर्या को यह फिल्म हटा दी गई थी। वहीं फिर रानी मुखर्जी ने किया था. इसके बाद रानी मुखर्जी इस फिल्म के लिए कास्ट हुई और ये फिल्म सुपर सुपर साबित हुई।
टीचर्स टेक्निकल कि लाइव-चलते में शाहरुख के एक्टर्स के साथ प्रोड्यूसर भी थे इस बारे में शाहरुख ने बात करते हुए कहा था कि प्रोड्यूसर के बारे में मेरे हैंड ब्रोकर्स की मां अकेले प्रोड्यूसर नहीं थीं उनके करीबी लोगों की टीम है वो हमारे साथ यूटीवी की टीम भी काम कर रही है ये दस दस लोगों का सामूहिक फैसला था पूरी कंपनी की प्रतिष्ठा दांव पर था हम तीन से चार महीने की फिल्म खत्म भी करना चाहते थे ऐश्वर्या बहुत प्रोफेशनल हैं और हम पूरी घटना से दुखी हैं ये प्रोफेशनल फैसला था इसके अलावा बीच में दो हजार आठ में भी झगड़ा हुआ था ये झगड़ा कैटरीना कैफ की बर्थडे पार्टी में हुआ था
खबरें ये थी कि शाहरुख ने सलमान की फिल्म में और मैंने और खन्ना को याद करते हुए कैमरे में कैद कर लिया मना कर दिया जिसकी वजह से सलमान खान खफा हो गई पार्टी में सलमान ने शाहरुख को बताया मतलबी इंसान, कहा उनके शो को लेकर कमेंट वहीं शाहरुख ने भी सलमान को शो दस स्टेप को लेकर किया कमेंट, दोनों के बीच बहन का झगड़ा भी हुआ इसके बाद गौरी और शाह के बीच हुआ झगड़ा रुख खान को लेकर पांच बजे रात को फिर से चला गया, बाद में बाबा सिद्दीकी की पार्टी में दोनों ने हाथ मिलाया.
ट्विटर पर इस वक्त बस एक ही नाम छाया हुआ है वो है लवकेश कटारिया का जी हाँ फिनाले से पहले तगड़ा झटका लगा लवकेश कटारिया और अरमान मलिक को बिग बॉस ओटीटी three के घर से दो बड़े खिलाड़ी बाहर हो चुके है अनिल कपूर के इस शो के ग्रैंड फिनाले से पहले ही अरमान मलिक और लवकेश कटारिया का elimination हो चूका है अपनी दो बीवियों के साथ बिग बॉस ओटीटी three के घर में entry करने वाले अरमान मलिक को बिग बॉस की तरफ पूरे सीजन के लिए nominate किया गया था।
इस हफ्ते अरमान मलिक के साथ लवकेश कटारिया, सना मकबूल खान और साई केतन राव भी घर से बाहर होने के लिए nominate हुए थे। ऑडियंस का कहना था कि इस बार साई, केतन राव बिग बॉस के घर से बाहर हो सकते हैं।
लेकिन साई केतन नहीं बल्कि लवकेश कटारिया और अरमान को बिग बॉस के घर से बाहर कर दिया गया रिपोर्ट्स के मुताबिक लवकेश और अरमान को ऑडियंस की तरफ से आए हुए वोटों की वजह से नहीं बल्कि इस शो में किसी task के चलते बाहर होना पड़ा है, इस task में बाहर वाला बनी सना को important जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन ये task कौन सा था ये जानने के लिए हमें episode का इंतजार करना होगा लेकिन आपको बता दें कि इस वक्त double eviction twist के चलते ट्विटर पर लवकेश कटारिया लगातार trend कर रहे हैं।
उनके fans का मानना है कि ये unfair eviction हुआ है लवकेश कटारिया का वहीं बिग बॉस three को अपने टॉप five fanalist मिल चुके हैं। रणवीर, सना मकबूल खान, कृतिका मलिक, साईं केतन राव और रैपर नेजी अब जो है घर के टॉप five contestant है वही अरमान मलिक के जाने से उनकी दूसरी पत्नी कृतिका मलिक को तगड़ा झटका लगा है दूसरी तरफ एलविश आर्मी भी लवकेश कटारिया के काम नहीं आई। तगड़ी फैन फॉलोइंग होने के बावजूद भी लवकेश कटारिया इस वक्त घर से बेघर हो चुके हैं। ऐसे में लवकेश के eviction पर आपकी क्या राय है, हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताइएगा। साथ ही बिग बॉस ओटीटी थ्री से जुड़ी हर अपडेट के लिए हमें फॉलो करें।
जब पहली पत्नी रिनदत्ता के इश्क में दीवाने थे आमिर खान एक्टर ने अपने खून से लिखा था लव लेटर बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्टनेस यानी आमिर खान की पर्सनल लाइफ में हमेशा के लिए अलगाव रहे एक्टर ने दो शादियां की थीं लेकिन फिर उन्होंने दोनों की दोस्ती से ही तलाक ले लिया आपको बता दें कि आमिर खान की पहली शादी नागाट्टा से हुई थी आमिर और रीना की प्रेम कहानी भी काफी दिलचस्प है यहां तक कि एक्टर ने अपनी लेडी लव के लिए खून से लेटर भी लिखा था, जानिए क्या है पूरा किस्सा?
फिल्मों में डेब्यू करने से पहले आमिर खान रीना के इश्क में दीवाने हो गए थे। वो रीना को एक्सप्रेस करने के लिए भी कुछ करने को तैयार थे. एक बार तो एक्टर्स ने किया था काफी खतरनाक काम। एक साक्षात्कार के वक्ता आमिर ने खुद इस बात का खुलासा किया था। फिर उन्होंने रीना को ख़ून से एक प्रेम पत्र लिखा था। जी हां असलियत नांती नांती नौ में सी मिक देवल के साथ एक रिव्यू में आमिर खान ने खून से खत के बारे में बताया था।
उन्होंने कहा कि ठीक है एक बार मैंने खून से एक पत्र लिखा था हालांकि उन्हें यह भी पसंद नहीं आया था वो मेरे साथ काफी परेशान हो गया था इस प्यार को जटने का मेरा एक अपरिपक्व तरीका था उन्होंने कहा था कि आप जानते हैं कि उस समय मैं काफी छोटा था पर और मुझे लगा कि उनके प्रति मेरे गहरे प्यार का एक तरीका है लेकिन आज मुझे ऐसा महसूस हो रहा है मेरा मतलब है कि मैंने बहुत से बच्चों को ऐसा करते देखा है तो मुझे लगता है कि ये बहुत गलत है ख़ून से लिखा हुआ बहुत सारा पत्र मिला है और अब मुझे लगता है कि ऐसी अच्छी बात नहीं है यह किसी व्यक्ति के प्रति अपने प्यार के लिए बिल्कुल सही नहीं है इसलिए मैं युवाओं को ऐसा करने की सलाह नहीं देता वो इक्कीस साल के थे और रीना महज़ उन्नीस साल की थी तब वो भाग गए थे उनके माता-पिता उनके साथी से थे,
इस डर से कि वो एक-दूसरे को खो गए थे आमिर और रीना ने लिया था आखिरी फैसला ये भी जानते हैं कि इससे उनके माता-पिता को दुख होगा आमिर ने साफ किया कि उनका फैसला अनादर या बगावत से नहीं बल्कि असुरक्षा से उपजी है उन्होंने कहा कि जब उन्होंने शादी करने का फैसला किया तब वो इक्कीस साल के ही थे इसलिए कानूनी तौर पर शादी करने से पहले उन्हें कुछ महीने इंतजार करना पड़ा था, बता दें कि आमिर खान और रीना ने साल उन्नीस न सौ साल में शादी कर ली थी और साल दो हजार दो में उनका तलाक हो गया था। आमिर खान ने किरण राउत से इस साल दो हजार पांच साल में की थी शादी हालांकि बात यह है कि उनका रिश्ता भी साल दो हजार इक्कीस में टूट गया, दिलचस्प बात यह है कि दोनों के बीच तलाक हो रहा है, फिर भी आमिर की अच्छी बॉन्डिंग है, दोस्तों इस पर आपका क्या कहना है हमें टिप्पणियाँ में ज़रूर देखें।
अब हीरा पर लगने वाला है रूही और रोहित को अलग करने का इल्जाम. इसके बाद क्या होगा? वेल दोस्तों आपको बता दें स्टार प्लस के सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है के upcoming ट्रैक में आप देखेंगे किस तरह से अब हीरा पर एक इल्जाम लगने वाला है. वो ये कि अब हीरा जो है वो रूही और रोहित को अलग करना चाहती है.
दरअसल अब हीरा जो है रूही की तरफ से केस लड़ने वाली है रोहित के अगेंस्ट वो रोहित हमेशा अभिरा को सपोर्ट करता था अपनी भाभी मानता था और उसने कहा भी था कि मैं आपको हमेशा अपनी भाभी मानूँगा लेकिन क्या यहाँ पर अभिरा जो है वो रोहित का दिल भी तोड़ देगी आप देख सकते हैं किस तरह से अभिरा कोशिश कर रही है कि रूही और रोहित के बीच जो चीजें हैं वो ठीक हो जाए यहीं पर वो अभिरा जो है रूही को सामने बिठाकर पूछती है कि अगर रोहित बोले कि वो इस relation को एक और chance देना चाहता है तो तुम क्या करोगी रूही?
कि मैं तुम्हारी लॉयर हूँ यहाँ पर रोहित जो है सामने रखे हुए डाइवोर्स के पेपर को उठाती है उन पर साइन कर देती है जिसके बाद हंगामा शुरू होने वाला है वहीं इससे पहले अभिरा ने और भी कोशिश की थी वो रूही को लेकर गई थी जहाँ पर वो वीडियोज दिखा रही थी फोटोज दिखा रही थी अरमान और रोहित की और कह रही थी देखो इनके बीच में कितना प्यार था लेकिन इन सब के अलावा जब ये बात सबको पता चलेगी कि अभिरा जो है रूही के सपोर्ट में केस लड़ रही है तो रोहित जो है वही अपनी भाभी पर सवाल पूछने वाला है. और कहेगा क्या ये सब सच है? अब इन सबके बाद क्या होगा अब हीरा का क्या अभिरा पर फिर एक घटिया इल्जाम लगेगा इन दोनों को अलग करने का?
आज से ठीक पांच साल पहले दो हजार उन्नीस में एक ऐसी फिल्म आई थी जिसे बॉलीवुड में हमेशा के लिए फिल्म में शामिल कर लिया गया और मर्दों को शिकार बनाने का फॉर्मूला बदल दिया गया। नाम ये सारी आशिकी काम बॉलीवुड के नियमों के खिलाफ जनता के दिलों में इतना कमाना सस्पेंस थ्रिलर के गेम में दर्शकों को चैलेंज कर देना। वो वही अभिनेता भूषण पूरी तरह से अब बंधक आ गए हैं काफी समय बाद लेकिन साथ में पता चला कि किसे लेकर आए हैं?
आपकी और आपकी गर्लफ्रेंड दादी जी त्रिया की पसंदीदा गैलरी वधू टीवी से लेकर स्ट्रेट सिनेमा वाले तक भूतिया स्टाइल में वापसी। और जब सिनेमा में भूत की बात होती है तो एक नाम हमेशा उसके साथ फेविकोल की तरह चिपका होता है, गेस करोगे, है ना? विक्रम भट्ट भाई किसी ईसाइन खुद भूत-प्रेत भी मठाधीश हैं, कहीं पंथ के रोमांटिक आत्मा इंसानों वाली फिल्म में डाल दिया तो इतना के ले-देने हो जाएंगे। राज उन्नीस तेईस और ये लिस्ट दो हजार चौबीस तक बहुत लंबी हो गई है, लेकिन विक्रम सर की यही बात सबसे अच्छी है, उन्होंने अपने टैलेंट पर कभी घमंड नहीं किया।
तभी तो फिर से कमबैक कर रहे हैं, एक और ऐसी फिल्म के साथ देखने के बाद इंसान तो क्या, भूत भैया को भी फेस बना लेना चाहिए। फिल्म का नाम है ब्लडिश, डरो मत, अभी तो सिर्फ नाम बताया है, आगे जो काम किया या फिर स्कैंडल स्टार किया वो भी बताऊंगी। अच्छी बात ये है कि थिएटर जाने का प्लान बिल्कुल नहीं लिया गया है, क्योंकि पिक्चर देखने के लिए बस हॉटस्टार का घर पे सब्सक्रिप्शन होना है। अच्छा अगर याद होगा तो ठीक है एक साल पहले सेम इसी समय परीक्षा वधु नी अविका गौर ने नौतीन ट्वेंटी यूनिवर्स में कदम रखा था।
बोलतीं ट्वेंटी हॉर्स ऑफ द हार्ट भाई ने कुछ भी फिल्म में थिएटर्स के आउटफुल हाउस का बोर्ड लगाया था, झूठ नहीं बोल रही हूं, मैं खुद वहां मौजूद थी क्योंकि बाहर से आप बहुत कम एक्टिंग कर रहे थे लेकिन विक्रम भट्ट सिनेमा के फैन आज भी हैं जिंदा है ये शख्स कौन है कहां से आता है ये राजा मुझे नहीं पता हां तो विक्रम भट्ट सर ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है क्योंकि बाकी एक्टर्स, डायरेक्टर, साउथ या फिर हॉलीवुड में किसी भी फिल्म को ढूंढते हैं लेकिन विक्रम सर तो अपनी ही पुरानी फिल्मों के बड़े इतने फैन हैं कि बच्चे साल भले ही चले गए हों लेकिन मजाल है कि कहानी में कुछ बदल जाए वही पुरानी कॉपी बेस्ड तो यार ये ब्लडी जो फिल्म है उसका ना टाइटल बदल के आप उन्नीस बीस हॉरर्स ऑफ द हार्ट रख के असंबद्ध फिल्म को इस्तेमाल कर दोगे ना लोगों को समझ में भी नहीं आएगा।
भूत बनाम इंसान की लड़ाई का जो पुराना फॉर्मूला है उसमें हमेशा एडल्ट सीन होते हैं, डर गया तेल लेने के बारे में आप काम सूत्र के बारे में जरूर जानें। तो एक लड़की है यार की याददाश्त हो गई है मिसेज बैकवर्ड कुछ भी याद नहीं है बस साथ में एक लड़का है जो खुद को इसका पति बताता है। लेकिन हाँ अमीरी भयंकर वाली है ये दोनों साथ में रहते हैं सात समंदर पार स्कॉटलैंड का एक सुंदर लेकिन शांत प्रकार के छोटे से द्वीप पर पे मुसीबत ये है घर के नीचे जाने वाली नाव तक वाला एक गुप्त कमरा उसकी चाबी पास नहीं है लेकिन लॉक बहुत मोटा है लगा है का मतलब अंदर कुछ तगादा छुपा है. हीरो हीरोइन का क्लैश होता है शांत करने के लिए दोनों का रेसलिंग का मैच होता है।
हारा कौन नहीं पता लेकिन जीत रोमांस की होती है। लेकिन इससे पहले की हीरोइन नई जिंदगी को सच भूत खोजने के लिए अपने पतिदेव के प्यार में उन्हें घर में दिखाई देने लगती है। एक महिला आत्मा है जो बिना फूल के वही सफेद पे दिखाई देती है जहां कुछ देर पहले उसका कुश्ती मैच हुआ था। भूल गए तो नहीं गए ना?
कुल मिलाकर टेंशन ये बात है कि नई जिंदगी तो तब शुरू होगी जब पुरानी वाली हकीकत पता चलेगी दोस्ती का फायदा उठाके पतिदेव को छुपा रहे हैं भाई फिल्म देखो कैसी है वो शायद मुझे बताने की जरूरत नहीं है क्योंकि वाइज को तो सिर्फ इशारा करना काफी होता है मैं तो पूरा निबंध आपको सुना रहा हूं लेकिन हां इसकी वजह से बॉलीवुड का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में लिखा जा रहा है पूछोगे नहीं क्यों भाई सच बोल रही हूं आपकी तारीफ से ज्यादा फालतू फिल्म आपने आज तक नहीं आंकी होगी मतलब दस आंकड़े नब्बे भी नहीं पूरी सौ प्रतिशत फिल्म वीएफएक्स से बनाई गई है
याद है वो रिची हेलीकॉप्टर आइलैंड में घर **** शूटिंग के लिए पैसे बर्बाद करने तक कार्टून से ग्रीन स्क्रीन पे चला के शूट कर लिया था सब कुछ। मुझे तो लगा था ये अविका गौरव और गौरव ये दोनों असली हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर घर बैठे-बैठे की शूटिंग चल रही है।
आप लोग फाल्टू में ओम रावत को इतना बुरा अच्छा प्रदर्शन हो गया था, जिसमें सारे इल्जाम का दावा हो गया था, जबकि रियल ट्रेजर तो इस फिल्म का रहस्य है, आपको यकीन नहीं होगा कि आंखों के अंदर पे लॉकेट के शोकेस पिक्चर से तो कोई उम्मीद पहले ही नहीं थी, लेकिन भट साहब की फिल्मों का संगीत कितना प्रतिष्ठित हुआ था। लेकिन यहां तो कान में भी किसी ने वो हरा वाला बम चला दिया हो ऐसा कुछ भी बज रहा है, कुछ भी गाए जा रहे हैं, रोमांस में मयायत वाले गाने हैं।
पित्री अविका की शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया गया है, लोग वास्तव में उनका सम्मान करते हैं, जो शायद अब बचेगा नहीं, ऐसी फिल्में करने के बाद। और भगवान के लिए भूल गए कि ब्लॉसम पूरी ने ये **** आशिक के बाद कभी कमबैक करने की कोशिश की थी। मैंने तो उनकी कोई फिल्म नहीं देखी, कहां देखी। रिव्यू चाहिए तो सलमान भाई के स्टाइल में बोलो यार, खुद पे एक एहसान करना कि इस फिल्म से अकेले हो सके खुद को दूर कर देना। बाकी शरीर तुम्हारा है, पतलाना चाहता हो तो पतला लो।
एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा दोनों अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को लेकर खूब चर्चा में हैं वहीं जहीर इकबाल के साथ शादी के बाद एक्टर्स का पहला रैंप वीडियो सामने आया है जिसमें वो बेहद ही खूबसूरत लग रही हैं सोशल मीडिया पर उनका ये लुक छाया हुआ है इसी वजह से फैंस के बीच चर्चाओं का वो विषय बनी है जैसे कि जहीर इकबाल की शादी के बाद सोनाक्षी को ज्यादा से ज्यादा लोगों ने अपनी अदाओं से लिया था।
दूसरी ओर इस बिजी शेड्यूल के बीच भी सोनाक्षी अपनी हैप्पी माउंट लाइफ का आनंद ले रही हैं। वायरल हो रहा है जिसमें उनका दिलकश डांस शो देखने को मिल रहा है जिसमें सोनक्षी सिन्हा ने रैंपोल के हाई स्लिट और एम्बुलेंस पिंक गाउन पहना था जिसके बाद वो एक दम पागल जैसी लग गई थी ये पिंक गाउन आज इस बार भी लग रही थी उनका शानदार आउटफिट उन्होंने सोनक्षी का साथ दिया उन्होंने यहां तक कि लोगों का ध्यान तब अपनी ओर खींचा जब उन्होंने कार्डिगन्स के गाने खाना पसंद किया पर डांस कर दिया जी हाँ इस इवेंट के बाद अपनी शादी के बारे में भी बातें की रिले मुझे रिपोर्ट करती है एजेंसी की एजेंसी यानी की एआरआई को उन्होंने ये कहा कि मुझे सच ऐसा लगता है कि सिंपल दुल्हन वाला दोस्त वापस आ गया है
सत्यता से कहूं तो मैं अपना बहुत आनंद ले रहा हूं और शादी के बाद एक अलग ही अहसास हो रहा है मुझे ऐसा लग रहा है कि काम करने की मुझे पूरी आजादी है और मैं भी कुछ करता हूं तो मेरा समर्थन करने के लिए भी है मेरा इरादा मेरे गद्दारों से हो और उन्होंने यह भी कहा कि मुझे लगता है कि हम कभी-कभी सही फैसला लेते हैं जैसा कि मैंने यह निर्णय लिया था। शादी से होगी बात, सर के वर्क फ्रेंड की तो सोनाक्षी को आखिरी बार फिल्म तकोदा में लिखा गया था,
क्योंकि यह एक विदेशी कॉमेडी फिल्म है, जिसमें उनके अपोजिट रितेश देशमुख थे, उन्होंने इस फिल्म को इस फिल्म को निर्देशित किया था, इस फिल्म को दो जुलाई को ज़ी फाइव द्वारा निर्देशित किया गया था। रिलीज हुई फिल्म में रितेश देशमुख और साकिब सलीम भी आए थे आपको सोयांशी का ये लुक हमें कैसा लगा कमेंट करके बताएं?
अंबानी वेडिंग पर आपने बहुत सारे वीडियोज देखे होंगे। अलग-अलग तरह के वीडियोज में बहुत सारे लोग दिखाई दे रहे हैं। खासकर बच्चन परिवार दो टुकड़ों में आया। वहां रेखा भी थी, ऐश्वर्या भी थी, सलमान खान भी थे, अमिताभ बच्चन भी थे। और कई ऐसे चेहरे थे, जो अक्सर साथ नहीं दिखते हैं, जैसे शाहरुख खान, प्रियंका, चोपड़ा। अब आप सोचिए कि मुकेश अम्बानी ने इतने अलग-अलग तरह के लोगों को एक छत के नीचे इकट्ठा कर दिया। जैसे सलमान, ऐश्वर्या, जैसे शाहरुख, प्रियंका जैसे परिवार भी दो टुकड़ों में वहां पहुंचा, निखिल नंदा वहां दिखाई दे रहे थे।
श्वेता बच्चन के जो पति हैं अगस्त्या के पिता तो ये तमाम बातें हमें बताती हैं जैसे हम अक्सर जिंदगी के बारे में सोचते हैं कि जिंदगी में कब कहां, क्या हो जाए, कुछ भरोसा नहीं और अक्सर हम जो करते हैं वो हमारे पास वापस भी आता है। कई मौके ऐसे होते हैं, कई चेहरे ऐसे होते हैं जिनसे हम मुँह छुपाना चाहते हैं लेकिन छुपा नहीं सकते। मजबूरी होती है, कहीं फस जाते हैं, दिखने लगते हैं। आपने अक्सर अंग्रेजी का वो phrase भी सुना होगा, the world is so small. अगर कोई हमें बहुत दूर का परिचित अचानक से किसी और connection से अपने अपने साथ जुड़ा हुआ आता है तो हम कहते हैं अरे दुनिया कितनी छोटी है।
तुम इतने दूर के हो और हमें इतने करीब में मिल गए। तमाम तरह की बातें हैं। दोस्तों ये जो अंबानी वेडिंग सागा हुआ है पूरा ये हमें बहुत कुछ बताता है। कितने बड़े-बड़े महारथी एक छत के नीचे इकट्ठा थे एक शख्स के बुलावे पर और इसमें उन लोगों के माथे पर कोई शिकन नहीं थी जो अक्सर एक दूसरे के साथ ना आने के बहाने ढूंढते हैं। जैसे मैंने नाम लिए सलमान ऐश्वर्या मैंने लिया शाहरुख़ प्रियंका का और बच्चन परिवार में भी जो कुछ चल रहा है। कहा जाता है कि दो टुकड़ों में बच्चन परिवार का आना बताता है कि शायद कुछ पहले जैसा नहीं रहा है। लेकिन ये तमाम बातें हम सबके लिए जानना इसलिए जरूरी है क्योंकि हम अक्सर इन so called बड़े-बड़े लोगों को इंस्टाग्राम पर फॉलो करते हैं।
इनको हम इनके footages देखते हैं, इनके feeds हम देखते हैं, रात को सोने से पहले हम इन्हें मोबाइल में देखकर सोते हैं, सुबह उठकर इनके बारे में सुनना, जानना चाहते हैं। तो कहीं ना कहीं ये सब हमारी जिंदगी में से गए हैं। हमें ऐसा लगता है कि ये तो हमारे family member ही हैं प्रियंका चोपड़ा के कब चोट लगी थी? वो कौन सी फिल्म ऑस्ट्रेलिया में शूट कर रही है? या ऐश्वर्या, आराध्या के साथ पिछली बार कहाँ गई थी? और कब आखरी बार शाहरुख़ खान, गौरी के साथ दिखे थे या फिर निग जोनस के साथ प्रियंका चोपड़ा की लास्ट कौन सी पिक्चर थी? ये सब हमें याद होता है इसलिए इन सब के बारे में जब भी बातें होती है तो हम कहीं ना कहीं ये समझने लगते हैं कि ये जो बातें हो रही हैं ये हमारे ही किसी फैमिली मेंबर के बारे में हो रही हैं सबसे ज्यादा हैरानी मुझे हुई अह प्रियंका चोपड़ा को देखकर प्रियंका चोपड़ा जिन्हें अब बॉलीवुड में ना तो काम करना है ना उन्हें जरूरत फिर भी वो मुकेश भाई के बुलावे पर सिर्फ एक शाम के लिए आईं अपने पति निक जोनस के साथ।
और ऐसी महफ़िल में उन्होंने शिरकत की जहाँ गौरी खान मौजूद थी। वहीं गौरी खान जिनके बारे में कहा जाता है कि आज अगर प्रियंका चोपड़ा बॉलीवुड में नहीं है तो उसकी एक वजह गौरी खान भी है क्योंकि कहा ये जाता है कि शाहरुख खान के साथ बढ़ती नजदीकियां उन्हें पसंद नहीं थी और उसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि प्रियंका चोपड़ा को बॉलीवुड से बाहर जाना पड़ा और बॉलीवुड से बाहर जाकर उन्होंने अपना एक नया ही परचम लहरा दिया।
और ऐसा लहराया कि आज वो बॉलीवुड की मोहताज नहीं है, वो बॉलीवुड की पार्टीज में अगर आती हैं तो किसी के बुलावे पर आती हैं उनको कोई जरूरत नहीं है ना बॉलीवुड में काम करने की उनके पास बाहर बहुत सा काम है तो अक्सर होता ये है कि कई बार कोई झगड़ा कोई मुसीबत जिंदगी में आया कोई चैलेंज हमें इस जगह पर पहुंचा देता है जहाँ शायद हम बिना उस चैलेंज के आए जाने की सोच भी नहीं सकते थे प्रियंका चोपड़ा के साथ जो हुआ वो कभी सोच भी नहीं सकती थी कि ऐसा होगा और उसकी वजह से उन्हें छोड़नी पड़ेगी इंडस्ट्री और फिर वो एक ऐसी जगह पहुंच जाएगी जहाँ से उन्हें कभी मलाल भी नहीं होगा कि उन्हें क्यों छोड़ना पड़ा? और ऐसा ही कुछ हम हमने देखा कि सलमान और ऐश्वर्या जो साथ में आने से कतराते हैं लेकिन एक छत के नीचे इकट्ठा हुए क्योंकि एक ऐसे शख्स का बुलावा था जिसे वो ना नहीं कर सकते।
बच्चन परिवार भी दो टुकड़ों में आया लेकिन आया बहुत दिनों बाद निखिल नंदा दिखाई दिए। तो ऐसे कई सारे चेहरे हमें दिखे। हमें ऐश्वर्या रेखा जी के साथ बात करती दिखाई दी। वही रेखा जी जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ अह कभी एक फ्रेम में आना मंजूर नहीं किया। ये अमिताभ ने नहीं किया या उन्होंने नहीं किया। लेकिन ऐसे कई सारे चेहरे हमें दिखते रहे। कुल मिलाकर ये बातें मैं आपको इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि अक्सर बॉलीवुड पार्टीज में वो होता है जिसके चर्चे आने वाले काफी समय तक होते हैं और ये जो अम्बानी साहब की शादी थी इसके चर्चे तो मुझे लगता है आने वाले एक डिकेट तक होने वाले हैं क्योंकि पिछले करीब छह महीने से ज्यादा समय हो चूका है इनकी pre wedding और wedding events चल रहे थे लेकिन एक बात जो हमें इन सारे events को देखकर सीखने समझने के लिए मिली वो ये कि अक्सर हम ऐसा कर जाते हैं या कर बैठते हैं
जिसकी हमें उम्मीद नहीं होती है जो प्लान नहीं किया होता है अब आप खुद सोचिए कि अभी तक इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है कि क्या सिर्फ पैसा ही वो वजह है जिसकी वजह से इतने सारे बॉलीवुड सितारे जुड़े अगर हम सिर्फ पैसे की बात कर लें तो बहुत से ऐसे चेहरे हैं जिन्हें पैसा देकर भी साथ नहीं बुलाया जा सकता अब आप सोचें कि सलमान ऐश्वर्या को कोई पैसा देकर साथ बुला ले संभव नहीं है बच्चन साहब और रेखा जी को कोई बुला ले संभव नहीं है प्रियंका को कोई साथ में बुला ले संभव नहीं है लेकिन फिर भी ये संभव हुआ तो यही वजह है कि ये जो शादी है ये कई वजहों से चर्चा में इसीलिए रही कि यहाँ पर ऐसे-ऐसे लोग देखने को मिले एक साथ एक ही छत के नीचे जो आमतौर पर एक साथ एक ही छत के नीचे नहीं आते कहने वाले तो कुछ भी कहेंगे, कहने वाले कहेंगे देखो पैसे के बल पर बुलाया है, कोई कहेंगे कि अरे अंबानी साहब को बुलावा था तो मना कैसे करते?
लेकिन इतना जरूर है कि कहीं ना कहीं कुछ बात है जो हमें इस शादी समारोह से समझनी चाहिए। पहली बात तो ये कि दुनिया वाकई बहुत छोटी है। आप कब, कहाँ, किस से, कैसे टकरा जाएं इसलिए अगर कभी किसी से दुश्मनी हो भी जाए तो इतनी गुंजाइश रखें कि कभी अगर आमना-सामना हो जाए तो ये ना लगे कि अरे कौन सामने आ गया। हम सब अपनी में भी ऐसे लोगों से वास्ता रखते हैं, जिन्हें हम पसंद नहीं करते। ये सारी बातें मैं आपको बता ही इसलिए रहा हूँ क्योंकि हम सब अपनी जिंदगी में बहुत सारे लोगों को देखना पसंद नहीं करते हैं लेकिन फिर भी हमें उनके सामने पढ़ना पड़ता है।
तो ये शादी का समारोह हमें ये भी बता रहा है कि हम कितने ही रसूख वाले, पैसे वाले मशहूर इंसान क्यों ना हो जाए लेकिन तब भी हमारे सामने ऐसे कई मौके आते हैं, जब हमें ऐसी जगहों पर होना पड़ता है। जहाँ हम नहीं होना चाहते या ऐसे शख्स के सामने आना पड़ता है जिस नहीं आना चाहते वजह चाहे कुछ भी हो तो घटनाएं जो भी होती है हमारे आसपास वो बहुत कुछ सीखा के जाती है अंबानी साहब की शादी में इतने सारे लोगों का एक साथ इकट्ठा होना यूके के दो पीएम आए थे एक्सपीएम और स्वीडन के एक एक्स पीएम आए थे एचएसबीसी के सर्वेसर्वा आए थे सैमसंग के सर्वेसर्वा आए थे और इतने सारे बॉलीवुड सेलिब्रिटीज और उसके अलावा क्रिकेट खिलाड़ी सारे एक चेहरा लोगों को बड़ी हैरानी हुई हैरानी नहीं लोग जानते हैं क्यों नहीं था विराट कोहली और अनुष्का विराट कोहली और अनुष्का लंदन सेटल हो चुके हैं वो यहाँ नहीं दिखाई दिए
तो लोगों को लगा कि अरे वो नहीं है तो यहाँ पर ये समझना भी जरूरी है कि हर किसी को बुलाने का यहाँ पर इक्वेशन अलग-अलग था कोई क्यों आया था किस वजह से आया था किस बहाने से आया था कुछ लोग स्टेटस सिंबल के हिसाब से आए थे कुछ लोग मजबूरी में थे कुछ को ये था कि नहीं जाना जरूरी है बुलाया है तो और कुछ उस दिखावे का हिस्सा बनकर रह गए जो दिखावे की नुमाइश वहां लगी थी तो सबके आने के कारण अलग-अलग रहे लेकिन हाँ इतना जरूर है कि अंबानी वेडिंग ने ऐसे कई सारे चेहरों को अपने एक साथ इकट्ठा कर दिया जो आमतौर पर एक साथ नहीं दिखते हैं और इस सबसे अगर एक निचोड़ निकालना हो तो निचोड़ ये निकलता है कि जिंदगी अक्सर हमारे हिसाब से नहीं चलती है वो हमें कई बार ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा करती है जहाँ हम खड़े नहीं होना चाहते पर खड़ा होना पड़ता है जहाँ हम वैसे देखना चाहते पर देखना पड़ता है क्योंकि किसी ने सही कहा है कि जिंदगी जो आप जी रहे हैं इसकी किताब पहले ही लिखी जा चुकी है आप बस उस किताब की स्क्रिप्ट को फॉलो कर रहे हैं।
अक्षय कुमार इतना सारा काम क्यों करते हैं? क्या अक्षय कुमार ज्यादा काम करते हैं, ज्यादा फिल्में करते हैं? इसीलिए उनकी फिल्में फ्लॉप हो जाती हैं? क्या अक्षय कुमार अपनी फिल्म के कैरेक्टर में पूरी तरह से समां नहीं पाते? ये तमाम बातें हैं जो अक्षय कुमार के बारे में कही जाती रही हैं? हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने इन सारे सवालों का जवाब दिया है, अक्षय कुमार गलाता को दिए गए, इस इंटरव्यू में कहते हैं कि मैं तो पहली बार हूँ कि किसी शख्स को ये प्रॉब्लम हो जाए कि आप ज्यादा काम क्यों करते हैं, ज्यादा काम करना तो अच्छी बात है।
लोगों मेरे ज्यादा काम करने से क्यों प्रॉब्लम होती है। अब इसकी सफाई ये है अक्षय कुमार साहब कि लोगों को आपके ज्यादा काम करने से बिल्कुल प्रॉब्लम नहीं है, आप चार नहीं चालीस फिल्में कीजिए लेकिन लोगों की समस्या वहां पर शुरू होती है जब आप एक फिल्म करते हैं। और क्योंकि आप बहुत सारी फिल्में कर रहे होते हैं, उन्हें जल्दी-जल्दी खत्म कर रहे होते हैं तो आप किसी भी फिल्म के एक कैरेक्टर में पूरी तरह से समा नहीं पाते हैं, उसके साथ justice नहीं कर पाते हैं, इंसाफ पाते हैं और इसीलिए लोगों की आपसे शिकायत होती है कि आप इतनी फिल्में क्यों करते हैं? असल में लोगों की प्रॉब्लम ये नहीं है कि आप ज्यादा फिल्में कर रहे हैं लोगों की प्रॉब्लम ये है कि आप जो इतनी ज्यादा फिल्में कर रहे हैं शायद इसी वजह से आप किसी भी फिल्म के कैरेक्टर में समा नहीं पाते हैं उदाहरण के लिए लोगों ने पृथ्वीराज देखी और लोगों ने कहा कि पृथ्वीराज में तो आप अक्षय कुमार ही लगते रहे आप पृथ्वीराज लग ही नहीं पाए शायद उसका कारण ये रहा होगा कि आपने बहुत जल्दबाजी में उस फिल्म को खत्म किया साल में दिन तो तीन सौ पैंसठ है आप उसमें एक फिल्म पे लगा या चार पे लगा दीजिए या चालीस पर लगा दीजिए। तो ये कारण है।
असल में लोगों को आपकी ज्यादा फिल्में आने से कोई प्रॉब्लम नहीं है। सवाल ये है कि वो फिल्में फ्लॉप ना हो। क्योंकि जब फिल्में फ्लॉप होती है तो प्रोड्यूसर का पैसा भी डूबता है। लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरता है। उन फ्लॉप फिल्मों को भी देखने कुछ लोग तो जाते ही हैं, अपनी मेहनत की कमाई खर्च करते ही हैं, अपना समय खर्च करते ही हैं। आपकी बेल बॉटम फ्लॉप हुई, लक्ष्मी बॉम्ब फ्लॉप हुई, मिशन रानीगंज फ्लॉप हुई बड़े छोटे मियाँ तो इतनी बड़ी फिल्म थी वो फ्लॉप हो गई। तो लोग जब ये कहते हैं सेल्फी आपकी फ्लॉप हुई थी, वो भी remake थी तो लोगों का कहने का मतलब ये होता है कि selected काम कीजिए, आप इतने सा लो से काम कर रहे हैं।
आप इतने समय से लोगों को जानते हैं, इस मीडियम को समझते हैं तो जब सब कुछ आपको पता है तो फिर ये गलती क्यों होती है? दूसरा अक्षय कुमार ने इस इंटरव्यू में बात की है, reviewers के बारे में जो आलोचक होते हैं, critics होते हैं, उनके बारे में। उनका ये कहना है कि कोई अगर अच्छा critic है और अच्छी से रिव्यु करता है और सच में कोई कमी बताता है तो मैं उसे स्वीकार भी करता हूँ लेकिन आजकल ये भीड़ बढ़ गई है। तो हम किस-किस को सुने? बात आपकी सही है। मुझे लगता है अक्षय कुमार साहब आपको सिर्फ जनता की सुननी चाहिए। किसी क्रिटिक को मत सुनिए। किसी आलोचक को मत सुनिए। जनता अगर देखना चाहेगी।
तो वो फिल्म आपकी जरूर देखेगी। हाल ही में बारहवीं फेल भी आई थी, बहुत छोटे बजट की फिल्म थी, विक्रांत मेसी उसमें थे, छह महीने तक वो थिएटर में चलती रही। अब आप याद करके बताइए कि आपकी ऐसी कौन सी पिछली फिल्म थी जो कई हफ्ते या कई महीने तक थिएटर में चली है। जबकि आप तो इतनी सारी फिल्में करते हैं। जानते हैं इसका जवाब क्या होगा? इसका जवाब ये होगा कि जब आप कम काम करते हैं तो आप फोकस रहने लगते हैं। फिर आप क्वालिटी देने लगते हैं। आजकल आप क्वांटिटी दे रहे हैं। फिल्में बहुत आती हैं, बहुत फ्लॉप होती हैं।
पैसा शायद आप कमा रहे होंगे, लेकिन लोगों का विश्वास नहीं कमा पा रहे हैं, तो ध्यान उस पर अगर देंगे तो बेहतर होगा क्योंकि वैसे भी आप इतने सा लो से काम कर रहे हैं, इतने समय से काम कर रहे हैं, आपको पता होना चाहिए कि किसी भी फिल्म में अगर ज्यादा आप ध्यान लगाएंगे ज्यादा focus करेंगे तो वहां character अच्छा निकलकर आता है। फिर लोगों को आपसे ये शिकायत नहीं होगी कि अरे अक्षय कुमार की फिल्म देखी पर मजा नहीं आया तो अगर आप लोगों से ये उम्मीद करते हैं कि लोग आपके नाम पर अपनी महीने भर की जो मेहनत की कमाई है उसका कुछ हिस्सा आपके तीन घंटे की फिल्म पर खर्च करें तो उसके लिए आप भी थोड़ा committed हो जाइए और आप भी इस बात का भरोसा दिलाइए कि हाँ अब मैं selected फिल्म करूंगा पूरा ध्यान दूंगा और मेरी ये कोशिश रहेगी कि अगर मेरे नाम पर कोई भी पैसा लगा रहा है, चाहे वो प्रोड्यूसर हो, दर्शक हो, या और कोई हो तो मैं उसे अपना पूरा बल लगाकर और अपनी इच्छा से और अपनी पूरी ताकत से उस रोल को निभाऊंगा।
देखिए आपने वो गुटखे वाला ऐड भी किया था। जाहिर है गुटके वाला ऐड किया था आपने पैसे के लिए किया था आपने पैसा लिया ऐड किया आप जानते थे कि आपकी फिटनेस फ्रीक वाली इमेज है और लोग इसकी वजह से भड़केंगे। लोग भड़के फिर आपने हाथ जोड़कर माफी मांगी और ऐड वापस ले लिया लेकिन कुछ समय तो वो ऐड चला कुछ पैसा तो आपके पास आया आप बहुत कुछ जानते थे आप बुद्धिमान हैं अंदर व्यापार की भी समझ है। इसीलिए आपने ये फैसला लिया। यहाँ क्या हुआ? आपने वो ऐड भी कर लिया, उस ऐड के पैसे भी ले लिए, जनता के सामने माफ़ी भी मांग ली और उस ऐड को हटाकर ये बता भी दिया कि आप जनता की बहुत ज्यादा कद्र करते हैं, अक्षय कुमार साहब हम सब इतनी अक्ल रखते हैं, हम सबको इतनी समझ है।
और अगर कोई रिव्युर कोई आलोचक या चलिए सबको हटा दीजिए, कोई अगर आपका आम दर्शक भी आपकी फिल्म देखकर ये कहता है ना कि भाई मजा नहीं आया तो आपको seriously लेना चाहिए। क्योंकि ये जो आम हैं आप इन्हीं के लिए फिल्में कर रहे हैं और जो प्रोड्यूसर आप पर पैसा लगाते हैं वो इन्हीं आम दर्शकों की वजह से पैसा लगाते हैं कोई भी प्रोड्यूसर आपके ऊपर इसलिए पैसा नहीं लगाता कि आपकी फिल्म को क्रिटिक्स पसंद करेंगे आपकी फिल्म को आम दर्शक पसंद करेंगे इसलिए आप पर पैसा लगाया जाता है लेकिन अफसोस की बात है कि लगातार आपकी बहुत सारी फिल्में फ्लॉप हुई है ज्यादा काम करना ही काफी नहीं होता है सही काम करना भी उतना ही जरूरी होता है अगर आप बहुत ज्यादा काम कर रहे हैं और सही से नहीं कर पा रहे हैं तो जनता तो आपसे पूछेगी कि आपने ये क्या किया ये फ्लॉप फिल्म आपने क्यों दी और आप इस इंडस्ट्री में कोई नए नहीं है आप पिछले तीन दशकों से फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव है लगभग तीस साल से ऊपर का समय हो चूका है आपको फिल्मों में काम करते हुए और अगर आप अभी भी इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं कि आपको कैसी फिल्में करनी चाहिए कौन सा रोल करना चाहिए कैसे आपको उस रोल में समा जाना चाहिए तो फिर कहीं कुछ या तो गड़बड़ है या आप जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं।
क्योंकि आपको मालूम है बहुत सारे लोग फिल्में बनाने की इच्छा रखते हैं आपको लेकर इसलिए आप धड़ाधड़ एक के बाद एक फिल्में साइन करते चले जाते हैं। आपको आपका मेहनताना मिलता चला जाता है। लेकिन दर्शकों को वो नहीं मिलता जिसका वो इंतजार करते हैं। आप ये भी जानते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में काम करने का मौका मिलना आजकल आसान नहीं है। बहुत सारे टैलेंटेड एक्टर्स हैं। शायद उनमें से कुछ आपसे भी ज्यादा टैलेंटेड होंगे। लेकिन उनको वो मौका नहीं मिल रहा है क्योंकि industry एक close circuit है।
यहाँ हर किसी को एंट्री नहीं है। आप भाग्यशाली हैं कि आपको मौका मिला है और अगर आप भाग्यशाली बुद्धिमान हैं, व्यापार को समझते हैं, कलाकार हैं तो फिर क्यों ना आप अच्छा काम करें जिससे लोग सराहें क्रिटिक्स को छोड़ दीजिए, जाने दीजिए, क्रिटिक्स की वजह से तो वैसे भी फिल्में ना चलती हैं ना फ्लॉप होती फिल्में चलती हैं आम दर्शकों की वजह से विनोद चोपड़ा ने जब बारहवीं फिल्म बनाई तो उन्हीं की पत्नी जो कि बहुत अच्छी बड़ी क्रिटिक हैं अनुपमा चोपड़ा उन्होंने कह दिया था ये फिल्म नहीं चलेगी लेकिन उनके कहने से क्या हुआ वो फिल्म चली क्यों?
क्योंकि दर्शकों को पसंद आई तो बात यहाँ दर्शकों की हो रही है अगर दर्शक आपको पसंद करेंगे आपका सिनेमा चलेगा आपकी फिल्म जाएगी अभी जो सरफिरा आई है आपकी आज रिलीज हुई है देखते हैं दर्शक इसे कितना पसंद करते हैं क्रिटिक्स को पढ़ना छोड़ दीजिए मत देखिए रिव्युज लेकिन जब आप अपने स्तर से कोई गलती कर रहे हैं तो उसको तो स्वीकारिए क्या आप इस बात को मानते हैं कि ज्यादा फिल्में करने की वजह से आप पूरी तरह से फोकस नहीं रह पाते किसी एक फिल्म पर किसी एक कैरेक्टर पर और इस वजह से गलतियां होती हैं फिर आप उन एक्टर्स के बारे में क्या कहेंगे जो सालों महीनों लगाकर एक ही फिल्म पर काम करते हैं
क्योंकि अगर आप साल में चार फिल्में ला रहे होते और चारों की चारों आपकी हिट हो रही होती तब इस बात को समझा जाता कि हाँ आप सारी फिल्मों पर बराबर फोकस दे रहे हैं लेकिन फिल्में आपकी आ रही हैं लेकिन लगातार पिट भी रही हैं तो आपसे ये सवाल क्यों ना पूछा जाए कि आप इतना काम करते तो हैं पर वो किसी तरह से सार्थक नहीं होता, फेल क्यों हो जाता है? काम ज्यादा करना ही जरूरी नहीं होता है? काम को सही जगह तक पहुँचाना भी जरूरी होता है.
बिग बॉस के घर में चल रहा है घमासान और इस घमासान में असली विलेन कौन है? यही सवाल सबके जहन में इस समय तैर रहा है क्या विशाल को जो थप्पड़ मारा है? अरमान मलिक ने उसके लिए बिग बॉस जिम्मेदार है? क्या बिग बॉस ने ये आग जबरदस्ती घर में लगाई है? क्या पायल मलिक बाहर जाकर भी एक नया गेम खेल रही है? क्या शिवानी के जो झगड़े बढ़ रहे हैं, उसमें बिग बॉस को मजा आ रहा है?
ये तमाम बातें हैं जो इस समय पूछी जानी चाहिए और पूछी जा रही है क्योंकि देखिए झगड़ा शुरू हुआ और जिस तरीके से सारी बातें सामने आई विशाल ने जो भी कहा कृतिका के लिए और उसको जिस तरीके से पेश किया गया उसमें एक बात तो तय है कि इसमें तिल का ताड़ बनाया गया है लेकिन तिल का ताड़ बनना ही था क्योंकि ये सब कुछ बिग बॉस के घर में हो रहा था बिग बॉस का शो तो पहचाना ही इसलिए जाता है ताकि उसमें तिल का ताड़ बनता रहे।
जिस तरीके से विशाल का पूरा gesture सामने आया उसको देखकर ज्यादातर लोगों का ये कहना है कि बेवजह अरमान ने पंगा ले लिया और अब बहुत सारे लोग हैं जो घर के बाहर सपोर्ट कर रहे हैं विशाल को और उनका ये कहना है कि इस तरीके से थप्पड़ मारने की जरूरत नहीं थी विशाल ने जो भी कहा उसके पीछे कोई गलत मंशा नहीं थी उधर बिग बॉस जिनके आँगन में जिनके अखाड़े में ये सब कुछ हुआ है बड़ा चुपचाप इस तमाशे को देख रहे हैं और शायद उन्हें अब ये भरोसा है कि इस थप्पड़ कांड के बाद इस शो की टीआरपी थोड़ी ऊपर जाएगी क्योंकि मैंने आपको बताया ही था कि किस तरह से अनिल कपूर जब से होस्ट बनकर आए हैं इस शो को काफी ठंडा-ठंडा कहा जा रहा है थोड़ा बहुत तड़का शिवानी के से लगता है।
थोड़ा बहुत तड़का अरमान मलिक और उनकी दो पत्नियों से लगता है और इस बार भी बिग बॉस ने एक बहुत सही खेल खेला है क्योंकि बिग बॉस को ये लग रहा था कि अगर अरमान अपनी दोनों पत्नियों के साथ घर के अंदर रहेंगे तो हो सकता है वो खुलकर ना खेल पाए इसलिए एक पत्नी को बाहर भेज दिया गया और बाहर इसलिए भेजा गया ताकि वो बाहर जाकर एक अलग तरह का माहौल सेट करे बिग बॉस के मेकर्स को अच्छी तरह से पता है कि जैसे ही कोई कॉन्टेस्टेंट बाहर जाता है तो बहुत सारे मीडिया चैनल्स उसका इंटरव्यू लेना शुरू कर देते हैं और उसका इंटरव्यू लेने से क्या होता है नए-नए गॉसिप, नई-नई सामने आती है।
अभी मैं पायल मलिक का भी एक interview देख रहा था जिसमें उनसे पूछा गया कि क्या अंदर सब कुछ scripted होता है? उन्होंने कहा कुछ भी scripted नहीं होता आपको तो एक घंटे का शो दिखाया जाता है और मुझे कोई मलाल नहीं है इस बात का कि मैं घर से बाहर आ गई हूँ आखिर मेरे घर के दो सदस्य घर के अंदर हैं और मैं चाहूँगी कि उनमें से कोई एक जीते उन्होंने ये भी कहा कि मैं तो उन्हें बस भरोसा दिलाना चाहती हूँ अरमान को कि बाहर में सब कुछ संभाल रही हूँ और वो जिस तरीके से खेल रहे हैं खेलते रहें और साथ ही पायल ने ये भी कहा कि जिस तरीके से ने जो कुछ भी कहा मैं ये तो नहीं कहती कि थप्पड़ मारा जाना चाहिए था लेकिन हाँ वो सब कुछ ठीक नहीं था।
लेकिन कहीं ना कहीं ये बात उठती है, ये जो पूरा मामला शुरू हुआ ये किस वजह से शुरू हुआ? क्या बिग बॉस ने जानबूझकर इस मसले को बढ़ाया? क्या ये मामला शुरूआती तौर पर दब गया था और बाद में सिर्फ इसीलिए उठाया गया क्योंकि बाद में ये जाकर realize हुआ कि इसमें तो कुछ मसाला है, इसमें कुछ गर्मा-गर्मी हो सकती है? क्योंकि जो दर्शक देख रहे हैं, उनका ये कहना है कि विशाल की उतनी नहीं थी जिस तरह से पूरा मामला निकलकर सामने आया है क्योंकि उन्होंने सिर्फ ये कहा था कि वो कृतिका को खूबसूरत मानते है और वो भाग्यशाली कह रहे थे अरमान मलिक को जिसका कोई दूसरा मतलब ही निकाला अरमान ने और इस तरीके से वो भड़क गए, इस पूरे मामले में हमने देखा कि बिग बॉस के मेकर्स ने एक अलग तरह का रुख अख्तियार किया, उन्होंने इस पर एक्शन को बढ़ने दिया,
उन्होंने इस पर एक माहौल बनाकर रखा और अब धीरे-धीरे हालांकि मामला पुराना हो चुका है लेकिन फिर भी इसको तरोताजा रखा गया है, गरमा गरम रखा गया है और क्योंकि अब बहुत सारे लोग सोशल मीडिया पर हैं जो इस कांड के बारे में बात कर रहे हैं, तो बिग बॉस की भी कोशिश है कि ये मामला किसी तरीके से ठंडा नहीं पड़ना चाहिए और यही हम देख रहे हैं कि जितने भी चैनल्स कवर करते हैं बिग बॉस को जितने भी पोर्टल्स बिग बॉस के बारे में लिखते हैं, उन सबकी कोशिश ये है कि वो लगातार विशाल और अरमान के बारे में बात करते रहें, उधर अरमान की जो एक खास तरह की इमेज है, जो बार-बार कहा जाता है कि दो पत्नियां हैं,
ये भी कहा जाता है कि ठरकी है, ये भी कहा जाता है कि गलत किया है लेकिन इसके बावजूद वो जिस तरीके की फेम एन्जॉय कर रहे हैं चाहे वो यूट्यूब हो या बिग बॉस वो भी देखने लायक है हालांकि पायल अक्सर अपने मुँह से ये कहती सुनी जाती है कि हम बहु विवाह को सपोर्ट नहीं करते हैं और अरमान ने जो भी किया वो गलत किया लेकिन साथ ही इसके उनके मन में अरमान के लिए जो सॉफ्ट कार्नर है वो भी दिखता है और इसके पीछे कहीं ना कहीं ये बात भी समझ में आती है कि ये दो पत्नियां रखना और इस तरह का कॉन्टेंट बनाना इसके पीछे सोच यही है कि लोग ज्यादा से ज्यादा इस शो को देखें ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ उनके घर में झाँकते रहें लोग उनके घर में ताकि अह देखिए जैसे बिग बॉस में भी बुलाया गया अरमान को तो उसके पीछे बुलाए जाने का कारण यही था कि भाई आप अकेले नहीं आएंगे अपनी दोनों पत्नियों के साथ आएंगे क्योंकि दुनिया देखना चाहती है कि आपके बीच क्या चलता है शुरुआती कुछ दिन ये तीनों साथ में रहे फिर बिग बॉस के घर में ये फैसला लिया गया कि एक पत्नी को बाहर भेजते हैं
ताकि वो बाहर जाकर माहौल सेट करें और अंदर ये दोनों खुलकर खेलें उधर सब जानते थे कि एक पत्नी के बाहर जाने के बाद इन दोनों के बीच में नजदीकी ही बढ़ेंगी और हो सकता है उसके बीच एक बीच में किसी तीसरे की भी एंट्री हो या फिर बाहर से ही पायल कुछ इस तरीके के स्टेटमेंट दें जिससे अह लोगों के बीच में एक अलग तरह का माहौल है तो कुल मिलाकर जो बिग बॉस की ये टेक्निक है वो तो काम कर रही है क्योंकि लोग इस समय सप्पड़ कांड के बारे में भी बात कर रहे हैं, पायल मलिक के बारे में बात कर रहे हैं, कृतिका के बारे में बात कर रहे हैं और एक तरह से मलिक फैमिली का एक मेंबर बाहर है फिर भी मलिक फैमिली ही सबसे ज्यादा हैपनिंग लग रही है और इस समय मलिक फैमिली के happening लगने का जो सबसे ज्यादा वो बिग बॉस को ही मिलने वाला है।
कुछ लोगों का ये भी कहना है कि जो थप्पड़ कांड है इसको बढ़ा-चढ़ाकर एक तरह से पेश भी किया गया है और बिग बॉस के मेकर्स खुद ये चाहते हैं कि मामला गरमा-गरम बना रहे ताकि इसके बहाने कुछ ना कुछ टीआरपीज आती रहे और इस समय माहौल भी बना हुआ है बहुत सारे लोग सोशल मीडिया पर बातें भी कर रहे हैं देखिए बिग बॉस में होता क्या है कि बिग बॉस में जब तक कोई कांड नहीं होता तब तक इसके बारे में जिक्र और चर्चे नहीं होते और बिग बॉस जो है वो कांड करने वालों का घर कहा जाता है अगर किसी एक ने कांड किया है तो बिग बॉस चाहते हैं कि वो समय तक वो कांड गरमा गर्म चलता रहे ताकि लोग उसको लेकर बातें भी करते रहे उसको लेकर कई तरह के issues create होते रहे उसको लेकर तमाम तरह की media tension भी मिलती रहे और इस मामले में अरमान कामयाब हुए है और इस बार के अगर आप मेहमानों को देखे तो इस बार के मेहमान भी बहुत छंटे हुए आए है
TV journalist को लाया गया ताकि वो आग लगाने का काम करता रहे दो पत्नियों वाले पति को लाए है popular youtuber को लाए है एक बिलकुल गाँव की लड़की गाँव की छोरी Shivani को लाए है तो कुल मिलाकर माहौल बिलकुल ऐसा set गया है कि जिससे एक हर समय आग में घी का काम होता रहे लेकिन फिर भी अभी देखना ये है कि ये जो पूरा माहौल सेट किया गया है ये बिग बॉस को किस हद तक फायदा पहुँचाता है क्योंकि बिग बॉस के घर अब असली विलेन कौन है इसको लेकर भी बाहर चर्चा काफी हो रही है और लोग बिग बॉस को लेकर भी अब अलग तरह के सवाल उठा रहे हैं और हर बार आपको पता है कि बिग बॉस के मेकर्स को लेकर हमेशा चर्चा होती है कुछ ना कुछ हमेशा ऐसा मौका होता है जब ये निकलकर आता है कि ये जो कुछ भी हो रहा है ये fair नहीं है पिछली बार wild card entry थे और जिस तरह से winner बने उसके बाद इस बार जब लव कटारिया की entry हुई और ये कहा गया कि भाई ये तो एलविश का चेला है और ये भी अह अह ट्रॉफी ले के जा सकता है बिग बॉस की तो कुल मिलाकर लोगों के बीच में कौतूहल बना हुआ है कि आगे क्या होगा?
दूसरा अरमान ने जिस तरीके से behave किया है उसको लेकर एक एलविश का स्टेटमेंट भी सामने से आया है बाहर जिसमें उन्होंने कहा है कि भाई ये तरीका सही नहीं है कि आप किसी के ऊपर हाथ उठाएं आप verbal fight कर सकते हैं, आप गुस्सा दिखा सकते हैं, आप अपना विरोध कर सकते हैं लेकिन ऐसे अगर आप किसी पर थप्पड़ लेकर टूट पड़ेंगे तो फिर आपको सपोर्ट नहीं मिलेगा लेकिन कुल मिलाकर देखा जाए अगर ये तो बिग बॉस में अभी असली विलन की तलाश हो रही है बहुत से लोगों का ये मानना है कि बिग बॉस में जो असली विलेन है वो अरमान मलिक नहीं है बल्कि बिग बॉस खुद है।
और कुछ लोगों का ये कहना है कि इस इस थप्पड़ कांड के बाद बिग बॉस में जो असली विलन बनकर आया है वो अरमान है उधर बाहर निकलकर आई पायल मलिक भी तरह-तरह के interview दे रही है बहुत तरह की बातें कर रही है और उन पर भी लोगों की निगाह लगी हुई है कि पायल बाहर क्या कहती है? पायल ने साफ कहा है कि वो वाइल्ड कार्ड एंट्री नहीं बनना चाहती। वो इस शो को वाइल्ड कार्ड एंट्री से जाकर नहीं जीतना चाहती। उनका ये कहना है कि अभी भी जो मेरे घर के दो दो सदस्य अंदर हैं।
तो मैं चाहूंगी कि वो जीते हैं और मैं उनका भरोसा दिलाना चाहती हूँ कि मैंने बाहर आकर सबको संभाल लिया और वो खुलकर खेल सकते हैं। तो कुल मिलाकर देखना ये है कि थप्पड़ कांड कितनी मदद करता है अरमान मलिक की क्या थप्पड़ कांड बिग बॉस को अह एक एक विलन के तौर पर स्थापित करता है या लोगों की जो है वो किसी तरीके से विशाल के साथ जुड़ता है तमाम चीजें हैं देखते हैं पूरी तरह से कैसे ये मामला आगे बढ़ता है लेकिन इतना ज़रूर है कि इस बार बिग बॉस में कौन विलेन है इसको लेकर बहस चल रही है अब मैं आप लोगों से पूछता हूँ कि इस समय आपको बिग बॉस में रियल विलेन कौन लग रहा है? क्या आपको लगता है बिग बॉस खुद विलेन है या आपको लगता है कि अरमान मलिक विलेन की तरफ बढ़ रहे हैं या आप किसी और नाम को mention करना चाहेंगे जो आपको लगता है कि वो विलेन बनता जा रहा है?
आखिर क्यों पूरा का पूरा Bollywood अपनी दुकान का shutter गिराकर सेठ जी की शादी में busy है आखिर ऐसी क्या वजह है जो बड़े बड़े फ़िल्मी सितारें जो अपने बेटा बेटी की शादी में किसी को खाना परोसते नहीं दिखाई देते वो सेठ जी की शादी में खाना परोस रहे है आखिर ऐसी क्या वजह है जो ये सारे फिल्मी सितारे इस बात का ऐलान कर चुके है कि सेठ जी की शादी में हमसे जो कहा जाएगा हम करेंगे हम वो काम भी करेंगे जो करते हुए हमें कभी किसी ने पहले कहीं देखा नहीं।
सब जानते हैं कि शाहरुख खान ने मन्नत बनाने के लिए खुद बहुत सी शादियों में जाकर dance किया, वो उनका पेशा था, उसका उन्होंने पैसा लिया लेकिन क्या कभी आपने शाहरुख खान का ऐसा कोई footage कोई वीडियो देखा है जिसमें वो शादी में dance कर रहे हो, इतने साल हो गए, आज तक ऐसा कोई वीडियो सामने नहीं आया, हाँ, कहा ये गया खुद शाहरुख खान ने इस बात को माना कि हाँ मैं पैसे के लिए शादियों में जाता हूँ और मेरे इस तरह की बातें कही जाती है लेकिन आपने कभी वो video देखा नहीं होगा। लेकिन अब आप बात करें अंबानी जी की wedding में कितनी अलग-अलग तरह के videos सामने आए।
हमने देखा आमिर खान को खाना परोसते हुए वो बेटी वाले बने हुए थे, लड़की वाले बने हुए थे, अमिताभ बच्चन बने हुए थे, लड़की वाले वो खाना परोस रहे थे और कहा ये गया कि ये तो रस्म थी अभिषेक बच्चन की तरफ से भी बयान आया था जब तमाम तरह की बातें लिखी गई तो ये कहा गया ये तो रस्म है, बेटी की शादी है, लड़की की शादी है, लड़की वाले खाना परोसते हैं, लेकिन आज से पहले क्या कभी बच्चन साहब किसी लड़की की शादी में नहीं गए? क्या आमिर खान किसी लड़की की शादी में नहीं गए? हमने तो कहीं पर भी ऐसा नजारा नहीं देखा?
ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसा क्या है? जो पूरा का पूरा बॉलीवुड अंबानी जी के घर में शादी हो तो कभी वो क्रूज पर दिखाई देता है, कभी बस में बैठकर जामनगर में जाकर perform करते दिखाई देता है, कभी एंटीलिया में दिखाई देता है, और एक खास बात ये भी है, कि कुछ सितारें हैं जो इन महफ़िलों में दिखाई नहीं देते वो क्यों नहीं देते वो भी मैं आपको बताऊँगा लेकिन पहले आप जरा गौर करके देखिए कि इस समय जो बॉलीवुड की हालत खराब है क्या बॉलीवुड को इस खराब हालत से बाहर निकालने में सिर्फ एक ही शख्स मदद कर सकता है और वो अंबानी साहब है क्योंकि उनके पास एक तरह से पूरे बॉलीवुड की अब तो कमांड आ गई है उनके पास जियो सिनेमा है जियो स्टूडियो है तमाम चैनल है नेटवर्क एट्टीन ग्रुप के और बहुत कुछ है एक तरह से देखें तो अब तो बिग बॉस भी अंबानी जी है यानी बॉलीवुड के भी बिग बॉस बने बैठे हैं अंबानी जी क्या यही वजह है जो सारे के सारे बॉलीवुड वाले उनकी महफ़िल में जरूर जाते हैं और ऐसे-ऐसे काम करते हैं जो आमतौर पर वो किसी शादी में करते दिखाई नहीं देते।
जैसा मैंने जिक्र किया कि कभी आपने शाहरुख खान का कोई ऐसा वीडियो नहीं देखा होगा कि वो शादी में जाकर डांस कर रहे हैं जबकि उन्होंने बहुत सी शादियों में perform किया है। ऐसे कई सारे stars हैं जो पैसा लेकर शादियों में perform करते रहे हैं लेकिन उन्होंने ये भी सुनिश्चित किया कि उनके ऐसे वीडियो और ऐसे footages बाहर ना आए। लेकिन क्या है जो अंबानी जी की शादी में जाकर तीनों खान भी टॉवल डांस करते हैं मंच के ऊपर खड़े होकर और वो सारा फुटेज दिन भर इंस्टाग्राम पे चलता है और पूरी दुनिया देखती है और किसी को कोई ऐतराज नहीं क्या बॉलीवुड ने ये मान लिया है कि वो नतमस्तक है अंबानी जी के आगे क्या बॉलीवुड ने मान लिया है कि उनकी दुकान बंद हो चुकी है और अब इस बंद हो चुकी दुकान को अगर कोई दोबारा खोल सकता है तो वो ताकत सिर्फ अंबानी साहब में है?
क्योंकि ये सारी बातें इस बात को बताती है फिर चाहे के एक बड़े ओटीटी platform की बात हो, इतने सारे टीवी channels की बात हो, एक बड़े स्टूडियो की बात हो। दोस्तों एक दौर था जब बॉलीवुड में कम बजट में फिल्में बन जाया करती थी लेकिन फिर दौर बदला बाहर के स्टूडियोज आए और इन बाहर के स्टूडियोज ने हमें जानते हैं क्या सिखाया। हमें वही सिखाया जो पहले हमने दुनिया को सिखाया था। पहले हमने दुनिया को सिखाया था कि शून्य कैसे कहते हैं, जीरो का आविष्कार हमने किया था, जीरो की खोज हमने की थी फिर बाहर से जो स्टूडियोज आए वो हमें बताते हैं कि एक के कितने सारे शून्य लगाने चाहिए तो सौ करोड़ और हजार करोड़ हो जाता है।
बॉलीवुड का गेम बढ़ता चला गया और फिर धीरे-धीरे जब ये गेम बढ़ा और कॉन्टेंट अच्छा नहीं आया ओटीटी से कॉम्पिटिशन आया और कोरोना में लोग घर बैठ गए तो बॉलीवुड को उसकी नानी याद आ गई। इसी बीच हमें पता चलता है कि अंबानी साहब के घर में शादियां और एक-एक करके पूरा का पूरा बॉलीवुड लाइन लगाकर शूटिंग कैंसिल करके शूटिंग बंद करके स्टूडियो पे ताला लगाकर पहुंच जाता है यहां नाचने, गाने, perform करने, बारातियों का स्वागत करने, गेट पर खड़े होकर खाना न जाने ऐसे कौन सा जैसे आप ये माने कि बॉलीवुड का बिग बॉस आ गया हो जिसको कोई मना ही नहीं कर पा रहा है दोस्तों अब मैं आपको वो नाम बताता हूँ जो इन महफ़िलों में हमें दिखाई नहीं देते अभी आपने देखा विराट कोहली विश्वकप जीत कर आए एक दिन के लिए इंडिया आए और वो तुरंत अगले दिन उड़ गए लंदन क्योंकि वहाँ अनुष्का शर्मा रहती है अपने दोनों बच्चों से मिलने मुड़ गए। क्या विराट कोहली इस महफ़िल की शान नहीं हो सकते थे?
क्या विराट कोहली के साथ अनुष्का इस महफ़िल की शान नहीं हो सकती थी? लेकिन शायद अनुष्का को अब बॉलीवुड से उतना लेना-देना नहीं है, उन्हें फर्क नहीं पड़ता फिल्में मिले ना मिले वो अपनी family लाइफ में busy हैं इस महफ़िल में हमें हर वो चेहरा नजर नहीं आता जिसके लिए अब बॉलीवुड का career important नहीं है जैसे कैटरीना कैफ शादी करके घर बसा चुकी है जैसे परिणीति चोपड़ा शादी करके घर बसा चुकी है प्रियंका चोपड़ा जो अब हिंदुस्तान में नहीं रहती है लेकिन इसके अलावा हर वो चेहरा जिसको बॉलीवुड में करियर बनाना है या जिसका करियर दांव पर लगा हुआ है या जिसको लग रहा है उसकी दुकान बंद होने वाली है हर वो चेहरा इन महफ़िलों में दिखाई देता है दोस्तों बात ये नहीं है कि ये लोग शादी में perform करने के लिए कितना पैसा लेते हैं। सेल्फी खिंचाने के लिए कितना पैसा लेते हैं। ये तमाम बातें जो आती हैं रेट कार्ड के तौर पर ये सारी बातें अम्बानी जी की शादी में होने वाले कार्यक्रमों से बिल्कुल अलग हैं क्योंकि यहाँ बॉलीवुड वाकई में एक परिवार की तरह जाता है क्योंकि इस परिवार से कुछ मिलने वाला है।
इस परिवार से फॅमिली बिजनेस में मौका मिलने वाला है क्योंकि अब अगर हम ये कहें कि बॉलीवुड का एक ही बॉस है और वो है साहब तो कोई गलत नहीं होगा अब आप खुद सोचिए ऐसी दूसरी कौन सी शादी आपने इस देश में देखी है जहाँ पूरा का पूरा बॉलीवुड खड़े होकर नतमस्तक हो जाता हो और एक-एक करके सब के सब ऐसे खड़े होते हैं कि जी हम हाज़िर हैं आप बताइए हुक्म तो कीजिए तो जाहिर है ये सब तभी होता है जब एक उम्मीद होती है कि हाँ अब हमें काम भी मिलेगा अब हमें फिल्में भी मिलेंगी।
हो सकता है हमारी फिल्म को finance कर दिया जाए, हो सकता है हमारी फिल्म को ओटीटी के लिए खरीद दिया जाए, हो सकता है हमारा कोई शो जो है वो किसी ओटीटी पर लांच कर दिया जाए ऐसी तमाम चीजें हैं और सब जानते हैं कि इस समय बॉलीवुड को पैसे की सख्त जरूरत है। बॉलीवुड इस समय अपने खराब दौर से होकर गुजर रहा है और ऐसे में सिर्फ एक ही आस है। और वो है अंबानी साहब और जब उनके यहाँ शादी होती है अब आप सोचिए शादी अह के कितने फंक्शन पिछले छह महीने से चल रहे हैं और पूरा का पूरा बॉलीवुड पहुंच जाता है जबकि अह ये वो स्टार्स है कि अगर आप इन्हें मैसेज कर दें तो ये तुरंत रिप्लाई देते हैं कि कहीं आप ये ना समझ लें कि खाली बैठे हैं। इनके managers के reply भी दो दिन बाद आते हैं कि we were busy we were shooting. लेकिन ये पूरा का पूरा बॉलीवुड सारे के सारे लोग एक साथ एक ही जगह पर इनकी dates कभी clash नहीं होती।
इनकी शूटिंग कोई अह important नहीं होती उस दिन, सारी की सारी शूटिंग कैंसल हो जाती है, सारे स्टूडियो पे ताले लग जाते हैं, सब के सब वहां पहुंच जाते हैं और अंबानी जी की शादी का ही नजारा था, जब हमने stars को बसों में बैठकर जाते देखा, वो stars अपनी बड़ी-बड़ी luxuries कारों से आते हैं, करोड़ों रुपए की कारों से आते हैं वो हमें बस तक में बैठे दिखाई दिए यानी आखिर ऐसा क्या है जाहिर है पैसे से बढ़कर है, यहाँ बात बॉस के घर होने वाली शादी की है। बॉस पर मुझे याद आ रहा है कि दुबई में जो डॉन रहते हैं, जिनका बॉलीवुड पर एक जमाने में बहुत बड़ा कब्जा था, दबदबा था।
ऐसा तो उनकी महफिलों में भी हमने नहीं देखा, वहां भी इक्का-दुक्का लोग पहुंचते थे, दो-चार पहुंचते थे चेहरे लेकिन यहां तो पूरा का पूरा बॉलीवुड लाइन लगाकर खड़ा होता है। आप सोचिए समय बॉलीवुड को इस बात का एहसास हो चुका है कि अगर उन्हें कोई बचा सकता है तो वो यही शादी है जिसमें नाच-नाच कर वो अपना भविष्य बचा सकते हैं क्योंकि अगर उन्होंने इसके लिए ना कर दिया तो फिर हाँ किसको कहेंगे किससे कहेंगे क्योंकि फिल्में बनना लगभग बंद है फिल्में लगातार पिट रही हैं प्रोडक्शन हाउसेस के बारे में खबरें आ रही हैं कि उन्होंने पेमेंट नहीं दिया है अपने crew members का सोचिए जो दो-दो चार-चार लाख रुपए के पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं बॉलीवुड के प्रोडक्शन हाउस अब वो इन बड़े stars को कहाँ afford करेंगे और इनको भी पता है कि इनका अब सिर्फ यही एक destination हो सकता है, जहाँ जाकर ये अपने बॉलीवुड को, अपनी दुकान को, अपने भविष्य को बचा सकते हैं।
मिर्जापुर 3 देखने वाले दर्शकों के जहन में कई सारे सवाल शुरू हो चुके हैं। सवाल कुछ ऐसे हैं कि मजबूरी में शुरू हुई गैंग से बाजी का मजा ले रहे गुड्डू पंडित मिर्जापुर की गद्दी को संभाल पाएंगे या नहीं? गुड्डू के गुब्बार को गेम प्लान से मैनेज कर रही गोलू का गोल पूरा होगा या नहीं? जौनपुर के जूनियर शुक्ला और शरद पूर्वांचल पर पकड़ की open position में अपना सिक्का भिड़ाकर पापा का सपना पूरा कर पाएंगे या नहीं? प्रेम के प्रपंच में भाई को भेंट चढ़ा चुके छोटे त्यागी का अगला टारगेट अब क्या होगा? मौत के मुहाने से लौट कालीन भैया के लिए अब मिर्ज़ापुर red कारपेट बिछाएगा या फिर कांटे और सबसे बड़ी बात ये कि मुन्ना भैया मृत्यु की शैय्या से लौटेंगे या निपटे हुए ही रहेंगे। तो जब आप दूसरा सीज़न देख चुके हों मिर्ज़ापुर का और तीसरा देखने वाले हों तो ये सारे सवाल हैं जो आपके जहन में आएंगे क्योंकि वो सारे सवाल हैं जो दूसरा सीज़न आपके जहन में छोड़कर गया था।
अब जो जवाब आया है मिर्ज़ापुर 3 के रूप में तो सवाल ये है कि इन सवालों के जो जवाब आए हैं उनसे क्या निकलकर सामने आता है? क्या दर्शक इन सवालों के जवाबों को गले उतार पाएंगे? देखिए गुड्डू पंडित पहले बागी बने फिर गुंडे फिर गैंगस्टर और अब उनको बनना है बाहुबली पहले सीजन से ही ये साफ था कि गुड्डू पंडित को पावर नहीं चाहिए. ये आदमी तो अराजकता फैलाने इस दुनिया में आया है और अब जब उसके पास मिर्ज़ापुर की पॉवर आ गई है तो वो क्या करेगा? मिर्ज़ापुर थ्री शुरू होता है गोलू से।
जो कालीन भैया उर्फ अखंडानंद त्रिपाठी या उनकी dead बॉडी मिले बिना सांस नहीं लेंगी। कालीन भैया सिर्फ king of मिर्ज़ापुर नहीं थे, पूर्वांचल की power को जोड़ने वाला एक बड़ा power great थे, उनके जाने से अब ये power बिखरने लगी है। गुड्डू भले ही उनकी कुर्सी पर बैठकर खुद को खलीफा घोषित कर दे, लेकिन power का ये नियम है कि वो मिलती नहीं है। power को कमाना पड़ता है। और अपने खराब fuse के लिए बदनाम रहे, गुड्डू का सबसे बड़ा है जौनपुर का नया झंडा वरदार शरद शुक्ला, सुपुत्र of रतिशंकर शुक्ला जिसे गुड्डू ने एक सांस में का-खा पढ़ते हुए मार दिया था मगर शरद पढ़ा-लिखा चतुर चालाक, चौकस लड़का है और सब्र का भरपूर भंडार रखे हुए इस लड़के का दिमाग एबीसी भी नहीं बल्कि alpha beta गामा तक पढ़ लेता है।
गुड्डू ने तो थोक के भाव दुश्मन बनाए ही है। कोल्हू के हिस्से भी एक दिलजला आया है। भरत त्यागी बनकर जी रहा उसका जुड़वा छोटा भाई, शत्रुघ्न गोलू के चक्कर में पड़कर भाई खो चूका शत्रुघ्न अब आशिकी में केकड़ा बनने जा रहा है ये आपको तब समझ में आएगा जब आप इस शो को देखेंगे पंडित परिवार के सर अब एक नया दुख आया है। एडवोकेट रमाकांत पंडित ने सीजन टू में गुड्डू को बचाने के लिए एसएसपी मौर्या की हत्या कर दी थी अब वकील साहब खुद जेल में है और कैदियों को देखकर उनकी जो नैतिकता है वो अब डगमगाने लगी है।
उनका घर उनकी बेटी का प्रेमी रोबिन चला रहा है इधर कालीन भैया की पत्नी बीना त्रिपाठी परिवार के आखरी चिराग को मिर्जापुर की आँधियों से बचाने में लगी है गुड्डू को उनका फुल सपोर्ट है और उधर लखनऊ में स्वर्गीय मुन्ना त्रिपाठी की पत्नी मुख्यमंत्री माधुरी यादव उनके सामने भी सर्वाइवल का सवाल बहुत तगड़ा आकर खड़ा हो गया है माधुरी को अपने पिता की परम्पराओं पर चल रहे उनके पॉलिटिकल साथियों और दुश्मनों से निपटना है वो प्रदेश को मुक्त प्रदेश भी बनाना चाहती हैं और बाहुबलियों में कानून का भय भी भरना चाहती हैं। अब सवाल ये है कि जो इतने सारे ट्रैक्स चल रहे हैं इन सारे ट्रैक्स में क्या इतनी ताकत है कि वो दर्शकों को बांधकर रख पाएं? ये एक बड़ा सवाल है क्योंकि मिर्ज़ापुर टू जब ख़त्म हुआ, कई सारे सवाल छोड़ गया, मिर्ज़ापुर थ्री का इंतज़ार इसलिए था कि ये सारे सवालों के जवाब मिलेंगे या नहीं?
इतना मज़ा आएगा? या नहीं आएगा? आप जानते हो मिर्जापुर का शुरू से एक ट्रेडमार्क रहा है, खून खच्चर से दर्शकों को एकदम shock कर देना। मगर पहले सीजन से तीसरे सीजन तक आते-आते इसका इस्तेमाल अब कहना चाहिए कि ज्यादा समझदारी से हो रहा है। मिर्ज़ापुर 3 की खासियत इसकी intelligence है। पिछले दो सीजन को अगर आप देखें, उसके मुकाबले अब किरदार जो हैं, वो ज्यादा दिमाग लगा रहे हैं। यहाँ तक कि गुड्डू जैसा किरदार भी अब दिमाग लगा रहा है।
violence तो गुड्डू की यूएसपी है ही ये बात शो के writers ने establish भी कर दी है और इसको बहुत अच्छे से इस्तेमाल किया है लेकिन गुड्डू को हमेशा भभकते हुए की इच्छा रखने वालों को ये बात थोड़ी कम पसंद आएगी हालाँकि शो के अंत में जेल के अंदर डिजाइन किया गया एक पाइट सिक्वेंस जो है वो इसकी पूरी भरपाई कर देता है। मिर्ज़ापुर थ्री में कॉमिक रिलीफ पहले दो सीजन के मुकाबले काफी कम है। जहाँ भी है वो कहानी में थोड़ी ऐसा लगता है कि उसे जबरदस्ती जगह दी गई है और वो जो एक आपका मूड चल रहा होता है शो को देखने का उसमें खलल पैदा कर देती है जैसे एक undercover कॉप किरदार और प्रदेश के अह जबरदस्त जबरन गलत शब्द पढ़ने की जो उनकी नौटंकी है वो डिस्टर्ब करती है।
मिर्ज़ापुर में शुरू से ही कई सारी कहानियां आपस में क्रॉस होती रही है, आप जानते हैं इस बार इसे बहुत बेहतर तरीके से डील किया गया है, मगर शत्रुघ्न त्यागी का जो सब प्लॉट है वो शायद लोगों को लगेगा कि और थोड़ा दिखाना, दिखाया जाना चाहिए था, सीजन two में भी त्यागियों का मामला कुछ अधूरा सा रह गया था, इस बार भी वो मेन मुद्दे में ज्यादा contribute नहीं कर पाए हैं, दूसरे सीजन में जो एक नया आया था। जो जनता का favourite बन गया था इस बार उसे और ज्यादा अच्छे तरह से दिखाए जाने की उम्मीद है मगर शो ने यहाँ निराश किया writing में किरदारों को मार देना अक्सर ये दिखाता है कि राइटर उनसे बेहतर काम नहीं करवा पा रहे थे और उन्हें एक बेवजह का एक जटिल अह ट्रैक बनाकर और फिर उन्हें हटा दिया गया।
हो ये भी सकता था कि जिन किरदारों को निपटाया गया है उनसे कुछ और बेहतर अह कहानी निकलवाई जाती है, कुछ और बेहतर करवाया जाता शो का जो असली मजा है वो शरद शुक्ला और माधुरी का है। इन दो किरदारों की राइटिंग बहुत अच्छी है। दोनों यंग हैं, अच्छे पढ़े-लिखे हैं, एक नई यूनिवर्स में जीने का ख्वाब देखते हैं, विरासत में मिले कीचड़ में उतरना है, फिर उन्हें बैलेंस बनाना है और कैसे वो इसमें बैलेंस बनाते हैं, नहीं बनाते हैं। ये काफी देखने में interesting लगता है। मिर्जापुर 3 में सबसे ज्यादा मजा आता है, महिला किरदारों को देखते हुए।
बीना, माधुरी, गोलू और जरीना अपनी-अपनी रॉ में अपना काम अच्छे से करके गए हैं, डायरेक्टर्स गुरमीत सिंह और आनंद अय्यर के साथ-साथ writers की team भी अह बहुत हद तक मिर्जापुर 3 के लिए जिम्मेदार मानी जानी चाहिए कि अह जो महिला किरदार है उन्हें बहुत असरदार बनाया गया है। तीसरे सीजन में मिर्जापुर किरदारों के ट्रीटमेंट conflicts और कैमरे की नजर से details दिखाने में भी काफी समझदारी दिखाई गई है, dialogues हमेशा की तरह तैशबाजी से भरे हैं, emotion वाले scenes में आपको emotions महसूस होंगे, शो ने अपना एक जो feature है उसको बनाकर रखा सी भी हालत में आप किरदारों से जैसे बर्ताव की आशा करते हैं वो वैसा बिल्कुल नहीं करते यानी आपको शॉक वैल्यू उसमें काफी मिलने वाली है।
जो कि आपको और भी ज्यादा बांध कर रखती है। मिर्ज़ापुर से भले ही कितनी ही शिकायतें हो मगर actors के काम के मामले में इस शो का लेवल काफी ऊपर है। अली फजल पंकज त्रिपाठी, ऋषिका दुगल और श्वेता त्रिपाठी पहले सीजन से ही जिस तरह से लोगों को बांधकर रख रहे थे। और इस बार भी बिल्कुल ऐसा है कि इन सारे किरदारों ने अ दर्शकों को बांधने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। और अगर हम देखें कि विजय वर्मा जैसा उम जैसे ही कुछ माहौल बनाते हैं तो फिर उनका character उस तरह से सामने नहीं आता और इस वजह से अह ऐसा लग रहा है कि कुछ और बेहतर हो सकता था लेकिन हाँ तब भी ठीक है कुल मिलाकर मिर्जापुर में शुरू से ही एक moral scale यानी कि नैतिकता के कांटे की तो कमी रही है जो अब तीसरे सीजन में और भी ज्यादा आपको महसूस होगी।
छह साल और season तक survive कर चुके इस show में अभी तक आप किसी भी किरदार से ये उम्मीद नहीं कर सकते कि वो बड़ा morally behave करेगा एक तरह से पूरा dark ah ये संसार है dark दुनिया है लेकिन आप जानते ही है कि मनोरंजन उसी का नाम है जो आपकी monotonous life को थोड़ा सा एक break दे कुछ नया दिखाए और इससे ज्यादा मैं कुछ बताना नहीं चाहूँगा मैं चाहूँगा कि आप अब इस show को खुद देखे अपना review आपने इस शो को कितना पसंद किया, नहीं किया?
चार बातों की जो जिम्मेदार है बॉलीवुड की इस खराब दशा के लिए आखिर ऐसा क्या हुआ है बॉलीवुड को किसकी नजर लग गई है बॉलीवुड वाले लगातार क्या गलतियां कर रहे हैं और एक के बाद एक हर फिल्म में वो गलती हो रही है हर प्रोड्यूसर वो गलती कर रहा है फिर भी वो गलती समझ नहीं आती दिखाई नहीं देती हमारे जैसे लोग आंखें खोलने की कोशिश करते हैं आंखें खुलवाने की लेकिन फिर भी आंखें नहीं खोलते वो गलतियां क्या हैं? आइए मैं आपसे एक सवाल पूछता हूं अगर मैं आपसे ये कहूं कि आप मुझे top favorite बॉलीवुड के writers के नाम बताइए।
आप सोच में पड़ जाएंगे। आपको पाँच क्या आपको शायद तीन writer के नाम भी ना पता हों, दो के भी ना पता हों, जो आजकल फिल्मों की कहानियाँ लिख रहे हैं। तो ये तो importance है हमारे बॉलीवुड में कहानीकारों की, जो कहानियां लिखते हैं, कहानी जो फिल्म की बैकबोन होती है, कहानी जिसके आसपास सब कुछ बुना जाता है। कहानी से ही तो निकलता है हीरो, कहानी से निकलती है हीरोइन, कहानी से निकलता है विलेन। और इस कहानी से निकलने वाले हीरो, हीरोइन और विलेन को तो इतने पैसे दे दिए जाते हैं लेकिन जो कहानी है उसका तो नाम तक के पता नहीं है और आप सोचिए इसका नाम तक आपको नहीं पता उसको ये पैसे क्या देते होंगे।
तो पहली गलती ये है कि ना तो कहानी पर कभी ध्यान दिया गया है और ना ही ध्यान दिया जाता है इसीलिए ये हाल है। दूसरी गलती जानते हैं क्या है? दूसरी गलती है कोई भी खतरा ना लेना। खतरे का मतलब ऐसा नहीं कि तीन सौ करोड़ रूपए खर्च कर दो। इसको खतरा नहीं कहते हैं, इसको बेवकूफ ही कहते हैं, खतरे का मतलब ये होता है कि आप एक ऐसा risk लीजिए। कोई ऐसा टॉपिक लेकर आइए जिस पर पिछले कुछ लोगों ने content ना देखा हो आप लोगों को बांध पाएंगे, कुछ नया दे पाएंगे।
लोग आपकी तरफ attract होंगे वरना वो घिसी पिटी भाषा में कहते हैं ना अरे यार ये तो typical बम्बई या फिल्में मसाला फिल्म है पता है इसमें क्या होगा हीरो, हीरोइन विलन बस या लव ट्रायंगल कोई घिसे पिटे फार्मूले, कुछ नया आप try नहीं करते क्योंकि जब भी कुछ नया try किया गया है तो वो चला है। फिर चाहे लगान जैसी फिल्म हो या बारहवीं फेल जैसी फिल्म हो जब भी नए प्रयोग हुए वो चलते हैं। तीसरी सबसे बड़ी गलती क्या है कि जो हिट हो गया उसको कॉपी कर लो। कांतारा साउथ में हिट हुई अब आप उसको कैसे बनाएंगे आप? वो तो कल्चर वहां का है। आप बाहुबली को रीमेक बना देंगे क्या? बाहुबली वहां की फिल्म थी।
आप किसका रीमेक बनाएंगे? किस-किस का रीमेक बनाएंगे? आपने सेल्फी एक रीमेक बनाया था ना, फ्लॉप हो गई। कितने रीमेक्स हैं जो फ्लॉप हो गए, क्योंकि उस भाषा में ही अच्छे लग रहे थे, वो वहां की कहानी थी। उसमें वहां की खुशबू थी, लेकिन आपको लगा कि नहीं मैं तो पेट केक बनाकर बेचूंगा। पेठा-पेठा है, केक-केक है। सबकी अपनी खासियत है। कुल मिलाकर कहने का मतलब ये है कि जब आप दूसरे की देखा-देखी कॉपी करने लगते हैं, तब आप खुद का अस्तित्व खो देते हैं और बॉलीवुड यही कर रहा है। ना अपनी नई कहानी लाता है। ना कोई खतरा मोल लेता है, नए सब्जेक्ट को बताने को लेकर और जब कहते हैं कुछ नया करो तो जो हिट हो गया पहले से उसकी तरफ देखते हैं, बोलते हैं, आओ मैं तुमको कॉपी कर लेता हूँ।
और तीसरी सबसे बड़ी गलती ये करने के बाद कि आप दूसरे को कॉपी कर रहे हैं, आप चौथी सबसे बड़ी गलती करते हैं, जानते हैं क्या? आप उन्हीं को बार-बार रिपीट करते हैं। वही तीस साल से खान साहब, खान साहब, खान साहब चले जा रहे हैं, चले जा रहे हैं, चले जा रहे हैं। अब खान साहब बूढ़े हो गए तो खान साहब के भांजे, भतीजे, बेटा, बेटी, रिश्तेदार, पड़ोसी, नातेदार सब आ रहे हैं। भाई क्यों? नए लोग नहीं है क्या? राजकुमार राव कहीं से आए हैं ना? कार्तिक आर्यन कहीं से आए हैं ना? नवाजुद्दीन कहीं से आए हैं इरफ़ान खान कहीं से आए थे इतने नए चेहरे आए और जब भी कोई नया चेहरा आया उसने कभी निराश नहीं किया।
लेकिन nepogates की वजह से आप दर्शकों को forgranted लेते हैं दर्शक खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं ना आप नई कहानी ला पाते हैं ना कोई नया टॉपिक होता है आपसे कुछ अच्छे की उम्मीद करो तो जो पहले से किसी ने अच्छा किया हुआ है आप उसकी कॉपी कर लेते हैं यानी दूसरे के **** पर अपना लेबल लगाकर बेचते हैं और कुछ नया करने के बारे में सोचे तो आप कहते हैं ठीक है हम कुछ नेपोगिट्स को ले आते हैं तो आप सोचिए कि इस सब के बाद कोई भी दर्शक आपकी फिल्म पर पाँच सौ रुपया क्यों खर्च करें और पांच सौ रुपया तो मैं बहुत कम बोल रहा हूं आप अगर सिनेमा के साथ पॉपकॉर्न और कोल्ड ड्रिंक और आना-जाना, रिक्शा, भाड़ा, टैक्सी, टाइम सब गिनेंगे तो हजार रुपए चले जाते हैं. कोई आपको हजार रुपए क्यों दे?
आप तो कहानी तक पर काम नहीं करना चाहते आप तो नए कहानीकार तक को मौका नहीं देना चाहते. आज बड़ी इंडस्ट्री है बॉलीवुड बहुत बड़ा नाम है. विदेशों में पहचान है. पाँच राइटर भी नहीं जाने जाते हैं बॉलीवुड के आप सोचिए कि विदेश में लोग कितनी हंसी उड़ाते हैं कि बॉलीवुड अच्छा वहाँ पर राइटर होते हैं वो लोग कहानियाँ भी लिखते हैं अरे उनकी फिल्मों में तो सिर्फ नाच गाना होता है. ये छवि बनी है. क्यों? क्योंकि आप रिपीट कर रहे हैं. हर फिल्म में शाहरुख खान, शाहरुख खान लगते हैं. हर फिल्म में अक्षय कुमार, अक्षय कुमार लगते हैं. सलमान खान के तो कहना ही क्या?
और बड़े स्टार्स को सो कॉल्ड बहुत बड़ा कहा जाता है शाहरुख खान चार साल घर पे बैठे थे सलमान खान पिछले पांच साल में कोई हिट नहीं आई है सुल्तान के बाद से तो मुझे कुछ सुनाई नहीं दिया कि उनकी कोई फिल्म हिट हुई हो आमिर खान लास्ट जो रिलीज फिल्म है उसका हाल देख लीजिए लाल सिंह चड्ढा तो हालत ये हो चुकी है बात ये है कि आप जब फिल्म बनाने के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाना शुरू करते हैं ना दर्शक आपको बताना शुरू करते हैं दोस्तों आजकल जो खबरें आ रही हैं ना अमिताभ बच्चन साहब ने अह ऑफिस खरीद अभिषेक बच्चन ने फ्लैट खरीद लिए। तमन्ना भाटिया ने commercial space खरीद लिया। ये जो तमाम खबरें आ रही हैं जानते हैं क्या है ये? ये साफ इस बात को बताती है कि फिल्म इंडस्ट्री में अब दम नहीं है।
ये फिल्म इंडस्ट्री के लोग अब रियल स्टेट में पैसा इसलिए लगा रहे हैं क्योंकि इनको मालूम है। कि इस पैसे को जो ये कमा रहे हैं यहाँ से इन्वेस्ट कहीं और करना पड़ेगा। फिल्मों में अब कमाई नहीं है। क्योंकि लोगों के सामने ये सारे रहस्य उजागर हो चुके हैं कि आपने पिछले कुछ सालों में कुछ भी नहीं किया है। और लोगों के पास ऑप्शन है, वो ओटीटी पे जाते हैं, कोरिया का content देखते हैं, ईरान का content देखते हैं। वो टर्की देखते हैं। पाकिस्तान तक का content देख लेते हैं पर बॉलीवुड को नहीं देखते। जानते हैं क्यों? इसके लिए आप ही जिम्मेदार हैं। आपकी फिल्मों में कहानियां ढूंढने से नहीं मिलती।
आपकी फिल्मों में नए चेहरे ढूंढने से नहीं मिलते। आपकी फिल्मों में नया content ढूंढने से नहीं मिलता और अगर कोई बना देता है ना बारहवीं फेल जैसी फिल्म तो छह महीने तक चलती है वो। छह महीने तक चलती है। क्यों? क्योंकि बेचारे छह महीने तक, अगले छह महीने तक कोई नया content आया ही नहीं तो लोग बारहवीं फेल को ही देखे जा रहे थे। और जो बड़े-बड़े प्रोड्यूसर सैकड़ों करोड़ों रूपए खर्च करके फिल्में बनाते हैं वो ठप्प हो जाती है। अक्षय कुमार एक टाइम में नाम था सबसे ज्यादा टैक्स पे करने वाला एक्टर सबसे ज्यादा टैक्स पे करने वाला एक्टर और पिछले इतने सा लो से लगातार फ्लॉप पे फ्लॉप दे रहा है।
एक गणित किसी के समझ में आता है? आपने अक्षय कुमार को पिछली बार कौन सी फिल्म में कोई किरदार निभाते देखा था? वो तो पृथ्वीराज में भी पृथ्वीराज जी नहीं बन पाए वो अक्षय बने रहे. साल में चार-चार फिल्में करते हैं. महीने दो महीने में एक्टिंग खत्म कर देते हैं. करैक्टर में घुसे उससे पहले तो फिल्म रिलीज हो जाती है. तो हाल ये है कि आज बॉलीवुड सिवाय बेवकूफ बनाने के और कुछ नहीं कर रहा है. बॉलीवुड में असल में फिल्में नहीं बनाई जाती, दर्शकों को बेवकूफ बनाया जाता है। आप सोचिए कि ऐसी फिल्म इंडस्ट्री जहाँ के राइटर को कोई जानता तक ना हो मतलब बॉलीवुड मुझे लगता है दुनिया में अकेली ऐसी फिल्म इंडस्ट्री है, जहाँ के राइटर को कोई जानता ही नहीं है।
वहां का राइटर बड़ी से बड़ी सुपरहिट फिल्म का कोई राइटर जा रहा होगा, उसका नाम तक लोगों ने बताया होगा क्यों? क्योंकि हमने कभी तवज्जो ही नहीं दी। हमने तो वही पुराने घिसे-पिटे फार्मूले पर फिल्में बनानी है, नए लोगों को मौका देना नहीं है, मालूम है इतने insecure है इसलिए किसी और को घुसने भी नहीं देंगे क्यों? क्योंकि ये हमारी राजगद्दी चली जाएगी, अब ये राजगद्दी जो है वो ढहने वाली है, इसलिए फिल्म इंडस्ट्री के लोग बाहर पैसा लगा रहे हैं क्योंकि वो जानते हैं। अब फिल्म इंडस्ट्री पैसे कमाने की जगह नहीं रह गई है। साढ़े तीन सौ करोड़ में बनी थी, बड़े मियां, छोटे मिया। साठ करोड़ भी नहीं कमा पाई, ये तो सिर्फ example है।
अकेली ऐसी फिल्म नहीं है ये। लोग सा लो से फ्लॉप फिल्में दे रहे हैं। आप बताइए ना, अक्षय कुमार की, सलमान खान की आमिर की कौन सी फिल्में हिट हुई है पिछले कुछ सा लो में? शाहरुख खान तक को चार साल घर पे बैठना पड़ा था जिन्हें कहा जाता है कि वो so called बहुत बड़े सुपरस्टार है। घर बैठा हुआ था ये सुपरस्टार। क्रिकेट टीम खरीद के पैसा कमा रहा था क्योंकि फिल्मों में लोगों ने आउट कर दिया था ये असलियत है बॉलीवुड की।
बॉलीवुड को अगर सुधारना है तो सबसे पहले कहानी पर ध्यान देना होगा। innovation पर ध्यान देना होगा। नए लोगों को नए talent को लाना होगा और लोगों से लोगों को बेवकूफ बनाना छोड़ना होगा, सिनेमा बनाना शुरू करना होगा।
कुछ सालों पहले इंडियन सिनेमा में जब आदि पुरुष को announce किया गया हर किसी ने बोला था इस फिल्म का collection बीट करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा। लेकिन एक universal fact बताऊँ प्रभास का रिकॉर्ड अगर कोई तोड़ सकता है तो उसका नाम है प्रभास। हाँ जी प्रभास वर्सेस प्रभास की लड़ाई में फिर से प्रभास जीत गए। सिर्फ छह दिन माने डेढ़ सौ घंटे से भी कम है प्रभास ने उस फिल्म का lifetime collection क्रॉस कर दिया है जिसको एक time पे इंडिया की सबसे बड़ी फिल्म माना गया था। ये कांड करने वाली फिल्म का नाम आप जानते ही हो, कल की two eight, nine, eight, एडी इतना तो फिल्म को थिएटर में हुए टाइम नहीं हुआ जितने records इसने तोड़ डाले हैं।
हैरान रह जाओगे आप ये सुनकर कि सिर्फ छह दिनों के अंदर कल की दो हजार चौबीस में हिंदी की नंबर वन फिल्म बन चुकी है already पूरे साल का रिकॉर्ड सिर्फ छह दिनों में टाटा गुडबाइक खत्म। कल की पैन इंडिया मार्केट को अनलॉक कर चुकी है जिसका सॉलिड प्रूफ है तेलुगु के डाउन जाने के बाद भी तमिल और हिंदी नंबर्स में बैलेंस बने रहना। फिल्म का हिंदी बिजनेस ट्रेड एक्सपर्ट को बिजली के झटके की तरह लगा है जिन्होंने predict किया था आदि पुरुष का failure और सलाह के ब्लेम गेम के बाद फिल्म पिट जाएगी। लेकिन कमाल की बताऊँ साहू जो डायरेक्ट बाहुबली के बाद रिलीज हुई थी उसका लाइफ टाइम कलेक्शन हिंदी में कल्कि ने already क्रॉस कर दिया है।
इस वक़्त जब आप ये वीडियो देख रहे हो कल्कि ने नॉट बेल्ट में सिर्फ हिंदी शोज के अंदर डेढ़ सौ करोड़ का नंबर achieve कर लिया है in net figures. और इस सेकंड week के खत्म होने के पहले-पहले प्रभास की फिल्म double century markets three two जैसी movies को solid challenge देने वाली है। वैसे कुछ लोग बोल रहे हैं तीन सौ करोड़ for कल्की in Hindi मुश्किल होगा लेकिन मेरे हिसाब से साढ़े तीन सौ चार सौ करोड़ का नंबर काफी easily cross हो सकता है because सिर्फ नंबर नहीं फिल्म को पब्लिक का सॉलिड रिस्पेक्ट भी मिल रहा है जिसका सीधा इंपैक्ट पड़ा है थिएटर ओनर और डिस्ट्रीब्यूटर्स के ऊपर.
ये लोग कल्कि को मैक्सिमम शोज देना चाहते हैं मल्टीप्लेक्स स्क्रीनस में तो ऑलमोस्ट हर घंटे फिल्म का नया शो एड किया जा रहा है. और इसी वजह से अजय देवगन जैसे बिग ब्रांड स्टार की फिल्म औरों में कहाँ दम था वो भी जबरदस्ती पोस्टपोन करना पड़ा कोई स्कीम देना ही नहीं चाहता है. कुछ लोग बोलेंगे नहीं लेकिन मन ही मन सोच रहे होंगे अजय देवगन थे तो चुपचाप हट गए लेकिन बादशाह एसआरके होते तो प्रभास को हटना पड़ता. Versus डंकी के clash के time क्या-क्या नहीं देखने को मिला? इतना गंदा फैन war plus screens को लेकर इतना dirty politics एसआरके वर्सेज प्रभास ये वर्ल्ड war जैसा है। तो गुरु shocked रह जाओगे आप ये सुनकर कि कल्की ने एसआरके की most popular फिल्म जवान का collection surprisingly बीट कर दिया है। कड़वा है लेकिन सच है।
छह दिनों के अंदर-अंदर जवान का बिजनेस जब इंडिया से net figures में तीन सौ पैंतालीस करोड़ बाहर आया था तो प्रभास की फिल्म तीस करोड़ आगे तीन सौ सत्तर प्लस पे खड़ी हुई है। चलो ये तो हो गई इंडिया की बात आपस में लड़ाई चलती रहती कल्कि के मेकर्स ने हमें रिलीज से पहले सपने दिखाए थे पैन वर्ल्ड सिनेमा के. तो बॉस जो वादा किया था वो निभा दिया है तो बॉस एंड टीम ने क्योंकि कल्कि टू एट, नाइन, एट, एडी सिर्फ इंडिया नहीं नॉर्थ अमेरिका में भी नंबर वन फिल्म बन चुकी है. बिगेस्ट ओपनिंग वीकेंड नंबर किसी भी इंडियन फिल्म के लिए ये रिकॉर्ड कल्कि के नाम लिखा जा चुका है. एंड फिल्म अब टोटल लाइफ टाइम कलेक्शन में नंबर छह पे बैठी है.
इस लिस्ट में बाहुबली टू, पठान, जवान, आरआरआर और एनिमल टॉप फाइव में आती है. लेकिन कल्कि को अभी सिर्फ दिन हुए हैं, पूरा महीना पड़ा है इस लिस्ट को बनने के लिए। इतना सब कुछ सुनने के बाद आप लोग सोच रहे होंगे, हर कोई कितना proud होगा, कल की जैसी फिल्म के लिए, इसको ही तो बोलते हैं, real इंडियन सिनेमा। ना कोई east, west, not, south सिर्फ content power और पूरा इंडिया इसको सच्चे दिल से सपोर्ट भी करेगा। फिल्म industry वाले लोग तो खुशी से पागल हो गए होंगे।
बस यहीं पे आता है, कहानी में twist. ये सारी बातें अचानक से धरी की धरी रह जाएंगी, अगर मैं आपसे ये बोल दूँ कि कल्कि का collection fake है, झूठा है। tension मत लो, मैं नहीं बोल रही हूँ, लेकिन काफी लोग बोल रहे हैं, वो भी with proof और सिर्फ अपने मन नहीं सोशल मीडिया पे उधम मचा रखा है दिन-रात. और जिस चीज की वजह से प्रभास के फैन्स और कल्कि के मेकर्स को टेंशन होना चाहिए वो ये कि उल्टा-सीधा बोलने वाले लोग डायरेक्ट फिल्म लाइन से जुड़े हुए हैं.
देखो जो ऑफिशियल नंबर्स इंटरनेट पे पढ़ने को मिलता है. उसके हिसाब से कल की two eight, nine, eight, eighty का business in India after सिक्स days है three seventy करोड़ प्लस in net figures. जबकि ग्रॉस में चार century और half century touch करके कल की चार सौ पचास करोड़ के नंबर से ठीक पहले खड़ी हुई है. Easy simple. चलो अब worldwide की गिनती समझा दूँ इंडिया से बाहर कल्कि ने double century मार के दो सौ करोड़ का नंबर cross कर लिया है आसानी से इस हिसाब से थोड़ा maths लगा के बताऊँ तो कल्कि two eight nine eight eighty का सिक्स days worldwide business पूरे सात सौ करोड़ से थोड़ा सा कम छह सौ अस्सी करोड़ के आसपास जाता है बस ये सुनते ही कुछ लोग भड़क गए हैं पाँच दस करोड़ नहीं पूरे अस्सी करोड़ का manipulation किया गया है collection में ऐसे इल्जाम लगाए जा रहे हैं
इन लोगों के हिसाब से Kalki अभी तक worldwide छह सौ करोड़ cross करना तो छोड़ो film उससे भी दस पंद्रह करोड़ पीछे ही बैठी हुई है इवन एक कदम आगे बढ़के ये भी बोल रहे हैं कि टिकट प्राइज नॉर्मल से काफी heavy रखे गए हैं इसीलिए प्रभास की फिल्म इतना बड़ा नंबर achieve कर लेगी वरना चार सौ करोड़ भी क्रॉस नहीं होता इन लाइफ टाइम अब नॉर्मल ऑडियंस इस वक्त सोच रही होगी कि एक ही फिल्म के दो अलग-अलग डेटा कैसे आ सकते हैं वो भी इतना बड़ा डिफरेंस बिजनेस में कैसे आ गया? क्लियरली समझाती हूँ आपको इस बात के पीछे दो बड़े-बड़े रीजन है एक मैथमेटिकल दूसरा इमोशनल बात ऐसी है जो वर्ल्ड व्हाइट कलेक्शन आता है उसमें इंटरनेशनल बिजनेस ट्रैक करने वाली कोई ऑफिशियल वेबसाइट होती नहीं है.
इसीलिए फिल्म की टीम अपने नंबर्स बताती है तो लोग अपनी चॉइस के हिसाब से उसको मान लेते हैं या फिर उसको बदनाम करने लगते हैं। आप सोचोगे किसी की क्या पर्सनल दुश्मनी हो सकती है किसी फिल्म के साथ इस पूरी दुश्मनी की जड़ क्या है आप जानते हो समोसा with चटनी। ये समोसा खाने की बहुत बुरी आदत लग चुकी है स्पेशली अपनी बॉलीवुड हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को इसीलिए रिलीज़ के टाइम टिकट के साथ समोसा अगर फ्री नहीं मिलता तो कुछ लोगों का स्वाद और दिमाग दोनों बिगड़ जाते हैं जिसका रिजल्ट वही होता है जो आजकल आप कल्की के against सोशल मीडिया पर देख रहे हो।
ये सेम टारगेट की गई थी सलाह के टाइम पे भी एक अच्छे खासे सिनेमेटिक experience को हिंदी ऑडियंस से छीन लिया उनको manipulate करके। आयरन ही यहाँ पे ये है कि समोसा लवर्स के हिसाब से आधी पुरुष एक मास्टर पीस experience था लेकिन कल की एक disaster है प्रभास की वजह से failure है। but अंदर ही अंदर दिक्कत इन लोगों को ये है कि बिना किसी पीआर बिना किसी प्रमोशन के कल की ऑडियंस तक पहुँच कैसे गई? इनका फ्री वाला समोसा तो चला गया ना बॉस कलेक्शन की वजह से कोई फिल्म हिट फ्लॉप हो सकती है लेकिन अच्छी या बुरी नहीं बनती। कल की एक once in a generation की फिल्म है.
कल की जैसी फिल्म चलेंगी तो आगे सौ इसके जैसी और फिल्म्स बनेंगी. आपको नहीं लगता कल की पार्ट टू ये छह सौ सात सौ करोड़ एक दो दिन में कमा के इन सब का मुँह बंद कर देगी. बात पैसे की है ही नहीं फिल्म्स को बनाना और फिल्म को जबरदस्ती बेचना ये डिफरेंस नॉर्मल ऑडियंस जिस दिन समझ जाएगी प्रभास की इज्जत आपकी आँखों में खुद बढ़ जाएगी. फिलहाल तो फेक कलेक्शन वालों को थैंक यू बोलना क्योंकि उनकी वजह से ही कल्की का हाइट टेन टाइम मल्टीप्लाई हो गया.
बिग बॉस के घर से बाहर आ चुकी है पायल मलिक, अरमान मलिक की पहली वाइफ और बाहर आते ही उन्होंने बिग बॉस की पोल खोलनी शुरू कर दी है। बहुत कुछ ऐसा बताया है जिसे सुनने और देखने के बाद लोगों को अब बिग बॉस का गेम समझ में आने लगेगा। देखिए आप सभी जानते हैं कि पायल मालिक, कृतिका मलिक और अरमान मलिक ये तीनों एक साथ अपने यूट्यूब चैनल पर तो दिखते ही रहते हैं।
अब इनके यूट्यूब चैनल से बिग बॉस अगर इन्हें अपने घर में बुला लेते हैं तो क्या नया वाला था कुछ भी नहीं जो यूट्यूब पर चल रहा था वही वो वहां करने लगते इसलिए ये जो गेम था वो पहले से ही प्लान्ड था कि बुलाया तो इन तीनों को जाएगा लेकिन इन तीनों में से किसी एक को यानी जो दोनों बीवियां हैं उनमें से एक बीवी को बाहर कर दिया जाएगा ताकि गेम का वो मजा आए जो यूट्यूब पर नहीं आता क्योंकि यूट्यूब पर तो तीनों साथ में रहते हैं आपने देखा होगा कि इनसे शुरुआत से ही ऐसे सवाल पूछे गए अरमान मलिक से पूछा गया दोनों बीवियों का comparison कराया गया किसके साथ सोना हैं, किसके साथ जाना चाहते हैं, कौन ज्यादा रोमांटिक है, तमाम तरह के सवाल पूछे गए। अब जब बाहर निकलकर आई हैं पायल मलिक तो उन्होंने एक इंटरव्यू दिया है अह इसके अलावा इंटरव्यू के अलावा उन्होंने एक संभावना सेठ के साथ एक वी लॉक भी शूट किया है, तो उसमें उनके दिल की भड़ास निकलकर सामने आ रही है, वो ये कहती है कि बिग बॉस जो है पक्षपात करते हैं।
बिग बॉस के घर में सब कुछ स्क्रिप्टेड तो नहीं है पर well planned जरूर है यानी ये पहले से ही तय था, दूसरा जब वो बाहर निकलकर आई तो उन्होंने ये कहा कि मेरे बहुत सारे जो moments थे अरमान के साथ में उन्हें एडिट कर दिया गया वो स्विमिंग पूल में जहाँ पर थी अरमान के साथ हटा दिया गया, अरमान उन्हें जहाँ पर गले लगा रहे हैं वो हटा दिया गया, ऐसे तमाम मौकों पर ये जानबूझकर किया गया ताकि एक खास तरह का एजेंडा सेट किया जा सके, यानी दर्शकों के बीच में और देखिए पहले भी कई तरह के ऐसे सवाल भी हुए, जिसमें ऐसा लगने लगा कि अरमान मलिक का जो झुकाव है वो उनकी सेकंड वाइफ की तरफ ज्यादा है और अब पायल मलिक ने भी बाहर आकर ये कह दिया है कि ये इस गेम में इसी तरीके से सेट किया गया था, अब आप सोचिए ना कि ये तीन एक साथ जाते हैं अंदर और ये तीनों अगर पूरे टाइम अंदर रहते तो दर्शकों को नया क्या मिलता?
नया तो तभी होता है ना जब इन तीनों में से कोई दो है अंदर एक बाहर है। और हो सकता है बाहर आने के बाद भी वो बहुत सारा कुछ तमाशा करे बाहर से किसी को इंटरव्यू दे क्योंकि क्या होता है बिग बॉस में दो तरह की पब्लिसिटी होती है एक तो जो शो में हो रहा होता है वो और एक वो होता है जो शो से evict हो जाते हैं निकल जाते हैं वो बाहर जाकर जो बोलना शुरू करते हैं वो एक अलग तरह की पब्लिसिटी होती है उसका एक अलग तरीका है पायल मलिक बाहर जाकर जो बोल रही है उसको लेकर जो बिग बॉस शो चल रहा है उसमें नई तरीके के अह खेल शुरू हो जाएंगे अब इसी सबको दिखाना चाहता है बिग बॉस दूसरा क्या है कि इस पूरे गेम में कौन सा सीन ज्यादा emphasize करना है किस टॉपिक को ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना है किसे साइड लाइन कर देना है और किसे बार-बार दिखाना है ये सब कुछ तय होता है यानी पहले से ही एजेंडा सेट होने लगते हैं जैसे ही घर वाले तैयार होते हैं उनके दो-तीन दिन बीतते हैं तो के बारे में पता लग जाता है कि किसका क्या-क्या वीक पॉइंट है और कहाँ पर किसको भड़काया जा सकता है ताकि अंदर का जो राक्षस है वो जाग उठे और फिर वो तमाशा करें, चीखें, चिल्लाएं, गुस्सा करें, आपको मालूम है बिग बॉस के शो में यही होता है, तो ये जो पायल मलिक को बाहर लिया गया है,
ये पहले से ही प्लान्ड था और ये उसी वक्त प्लान हो गया था जब ये clearity आनी शुरू हुई कि अरमान मलिक का झुकाव कृतिका की तरफ ज्यादा है, उन्होंने कहा कि वो रोमांटिक ज्यादा है तो कुल मिलाकर मामला ये है कि अब पायल जो बाहर रखा गया है पायल मलिक को बोला गया आप बाहर जाकर इंटरव्यूज दीजिए कहीं वो संभावना सेठ के साथ बैठी दिख रही है कहीं किसी टीवी चैनल के साथ बैठी दिख रही है तमाम तरह की बातें कर रही हैं और उसमें से नए-नए अर्थ निकलते जा रहे हैं अब यहाँ पर एक बात ये भी समझनी पड़ेगी कि जिस तरह से वो बार-बार कहती है ना कि हम को प्रमोट नहीं करते हम बहु विवाह को प्रमोट नहीं करते कि ज्यादा शादियाँ नहीं करनी चाहिए साथ में वो ये भी कह रही हैं कि अब मैं कहीं जा भी नहीं सकती वो साफ कह रही हैं कि अरमान मलिक ने मुझे कहीं का नहीं छोड़ा मैं तो अपने घर वालों को छोड़कर आ ही गई थी उनके लिए सिर्फ सात दिन से जानती थी और घर छोड़ दिया था
इन जनाब ने जाकर किसी और को पसंद कर लिया उसे भी सात दिन के अंदर ये घर ले आए अब मैं कहाँ जाऊँ मैं joint family से आती हूँ और joint family में हमारे साफ rule है कि अगर आपने एक बार घर की दहलीज लांघी है तो आप दुबारा वापस नहीं आ सकते और ये जो तमाशा चल रहा है Bigg Boss के घर में वो अलग है तो कुल मिलाकर दोस्तों ये जो बिग बॉस है ये इंसानी रिश्तों का तमाशा है ये इस बात का तमाशा है कि आप लोग किस चीजों की तरफ attract होते है जाहिर है हमारे समाज में ये चीजें बहुत आम नहीं है कि एक व्यक्ति दो बीवियाँ रखता है अब क्योंकि एक व्यक्ति की दो तो लोगों को interest है जानने का अच्छा झगड़ा हुआ नहीं हुआ किस बात पर हुआ क्योंकि वो सारी चीजें है जो लोगों के मन में पहले से है
ये सिर्फ अंदर से कुरेद कर निकालते है तो Bigg Boss के घर में भी यही हो रहा है और पायल मलिक जिस तरीके से बाहर आकर ये कह रही है कि मुझे मेरे साथ भेदभाव हुआ पक्षपात हुआ ah partiality हुई है Bigg Boss ने पहले से plan कर रखा था तो वो सब दिख रहा है और अब आने वाले दिनों में जबकि पायल नहीं है और अरमान और कृतिका close आ रहे है उनके बीच में भी कई सारे ऐसे moments आएँगे जिनको देखकर हो सकता है पायल बाहर भड़के कुछ interviews दे उनसे बात करें। हो ये भी सकता है कि उनकी वाइल्ड कार्ड एंट्री कराई जाए, हो ये भी सकता है कि उन्हें कुछ घंटों के लिए मिलने बुलाया जाए, तमाम चीजें होंगी हो सकता है कुछ ऐसी चीज हो जिस पर अचानक से बिग बॉस कहें कि अब पायल मलिक को बुलाकर पूछते हैं कि इस मामले में वो क्या कहना चाहती हैं क्योंकि इसको जितना भी वो स्पाइसी बना सकते हैं, मसालेदार बना सकते हैं, वो बनाएंगे और इसके लिए बहुत सारी ट्रैक्टर्स इस्तेमाल होंगी, आप सोच लीजिए कि ये सब कुछ पहले से तय होता है कि कौन, कब, कहाँ, कैसे निकाला जाएगा, कब, कौन, कहाँ वापस आएगा, किससे क्या बुलवाना है, सारी चीजें होती हैं,
देखिए स्क्रिप्टेड तो नहीं होता ये ऐसा तो सबने कहा है और obviously scripting possible भी नहीं है कि इतने सारे dialogues आप देंगे पूरा-पूरा दिन कोई घर के अंदर है लेकिन well plan जरूर होता है इसको इस तरह से edit करके आपके सामने पेश किया जाता है कि बिग बॉस जो दिखाना चाहते हैं आप वही देखें हुआ तो बहुत कुछ है चौबीस घंटे में तो बहुत सारी चीजें होती हैं उन चौबीस घंटों में से जो छह चीजें वो निकाल कर लाते हैं वो चाहते हैं आप इन छह चीजों को देखें और इस पर्टिकुलर सीक्वेंस में देखें ताकि आपके दिमाग में जो बातें चलनी शुरू हो और आप उसी के हिसाब से फिर वोट उसी के हिसाब से आप कुछ नया निकाल कर आए ये गेम पूरा-सा उलझा हुआ है और इतना भी है कि इस बार क्योंकि host weak है अनिल कपूर weak है सलमान खान वाला मजा नहीं आ रहा है लोगों को ये भी कहना है लोगों का तो कहीं ना कहीं contestants के बीच में से ही मसाला ज्यादा निकालना पड़ेगा और इस बार इसको कहते है ना कि पहला मौका है ये दो वाइफ वाले एक हस्बैंड को लेकर आए हैं
जो youtuber है तो यहाँ पर कहना चाहिए कि बिग बॉस की पांचों उँगलियाँ घी में है और सर कढ़ाई में है एक तरफ तो पायल कृतिका और मान के जो चाहने उनके followers है उनकी views मिल रहे है plus यहाँ पे Bigg Boss एक नया तमाशा create कर रहे है एक बीवी चली गयी दूसरी बीवी अंदर है अब उन दोनों के बीच में moments होंगे ये बाहर जो बीवी गयी है चीखना चिल्लाना शुरू करेगी इसको लेकर अलग तमाशा होगा अंदर अलग तमाशा होगा ये उसके बारे में कुछ बोलेंगे फिर वो बाहर से कुछ और बोलेगी यानी सब कुछ होने वाला है सब कुछ planned है आने वाले दिनों में आपको कई सारे ऐसे तमाशे देखने को मिलेंगे और जितना अभी देखकर समझ में आ रहा है वो ये है कि इन सारे तमाशों की planning पहले ही कर ली गयी थी अब धीरे धीरे इनके आपके सामने खुलेंगे और जैसे-जैसे चैप्टर्स खोलेंगे लोगों को इसमें मजा आना शुरू होगा बहुत सारे लोग खासकर इंडिया में एक दूसरे के घरों में झांकने का होता है इसको हम वॉयरिस्म बोलते हैं कि एक दूसरे की जिंदगी में झांकने का होता है कि किसके घर में क्या चल रहा है
किसका किससे अफेयर चल रहा है किसका किससे क्या चल रहा है ये तमाम बातें लोग इसलिए जानने के लिए इच्छुक रहते हैं क्योंकि उनको कहीं ना कहीं इसमें मजा आना शुरू हो जाता है और यही मजा आता रहे इसके लिए इस गेम को और इंटरेस्टिंग बनाया जा रहा है और स्पाइसी बनाया जा रहा है कोई किसी की जिंदगी को यहाँ सीरियसली किसी को मतलब नहीं है, पायल मालिक के साथ क्या होता है, कृतिका मलिक के साथ क्या होता है? अरमान दोनों को खुश रखते हैं, दोनों के बीच झगड़े होते हैं, किसी को कुछ फर्क नहीं पड़ता, सब यहाँ पर सारे के सारे जो हैं, तमाशबीन हैं। तमाशा देखने के लिए खड़े हुए हैं, तमाशा देखने के लिए इकट्ठे हुए हैं और ये गेम में लगातार ये चीजें चलती जा रही हैं।
आगे जैसे-जैसे ये गेम आगे बढ़ेगा, इसमें बहुत सारी ऐसी चीजें सामने आएंगी। इनको देखने के बाद आप कहेंगे हम्म पता था पहले से ये होने वाला है क्योंकि ये हुआ है तभी तो मसाला निकल कर आएगा, ये हुआ है तभी तो होगा तो दोस्तों क्या कहना है आपका बिग बॉस की इस पक्षपातपूर्ण रवैये के बारे में के बारे में और क्या आपको लगता है कि पायल मलिक जो कह रही है घर से बाहर आकर वो बिल्कुल सही कह रही है अ आप क्या पायल के साथ कोई सम्पति रखते हैं या आपको लगता है कि पायल ने जानबूझकर ये सीन क्रिएट किया वो चाहती तो अपने पति का विरोध कर सकती थी.
बॉलीवुड की फिल्में इतनी घिसी पिटी क्यों होती हैं, इनकी कहानियां इतनी बेकार क्यों होती हैं? ये सारा माजरा आपको समझ में आ जाएगा, मेरे इस वाले वीडियो से जिसमें मैं आपको बताने जा रहा हूँ, कि कैसे भगनानी जी की पूजा एंटरटेनमेंट की कहानी जो कि रियल लाइफ में चल रही थी, वो कैसे क्रैश हो गई है? पहले खबर ये आई कि पूजा एंटरटेनमेंट में काम करने वाले कई सारे ऐसे employees हैं, जिनको इस बात की शिकायत है कि उनकी सैलरी नहीं मिली है। फिर ये भी गया कि वो सोशल मीडिया पर आकर इंसाफ मांग रहे हैं।
तमाम तरह की बातें हो रही थी कहा ये भी गया कि पूजा एंटरटेनमेंट की बिल्डिंग बिक गई है फिर ये आया कि नहीं बिल्डिंग बिकी नहीं है वो तो भगनानी साहब वहां पर पंद्रह माले की बिल्डिंग बनाएंगे फिर ये भी कहा गया कि जुहू में पंद्रह माले की बिल्डिंग कैसे बन सकती है वो तो एविएशन जोन है तमाम तरह की बातें होती रही और उसके बीच में बगनानी साहब का एक इंटरव्यू आया जो उन्होंने लंदन में बैठकर दिया था एएनआई न्यूज़ एजेंसी को जिसमें उन्होंने कहा कि भाई ना तो हमें कोई घाटा हुआ ना ही हमारे अह पर किसी का पैसा बकाया है और ये जो सोशल मीडिया में लोग शोर मचा रहे हैं ये गलत है हम इनके खिलाफ कार्यवाही करेंगे और अगर वाकई किसी का पैसा बकाया होता तो हमारे पास आता है ये सोशल मीडिया में पैसे बकाया है ये कहने की क्या जरूरत है और उन्होंने कहा कि हम तो बहुत बड़े-बड़े प्रोजेक्ट लेकर आ रहे हैं हमारा बिजनेस तो बहुत फ्लर्श कर रहा है।
अब इस सबके बीच जब लोगों को लगने लगा कि हाँ हो सकता है जी के साथ किसी ने दुश्मनी निकाली हो। अब अचानक से जैकी भगनानी का एक स्टेटमेंट आता है। इस स्टेटमेंट में वो कुमार की तारीफ करते हैं और कहते हैं कि अक्षय कुमार ने हमारी crisis को समझा है और सीधे सामने से आगे आकर ये कहा है कि जब तक हमारी production house में काम करने वाले जितने भी स्टार कास्ट हैं या जो crew members हैं जिनका पैसा बकाया जब तक सबका payment ना हो जाए तब तक तो मेरा payment रोक सकते हो और हम अक्षय की इस महानता के प्रति आभारी हैं और industry तो चलती ही relationship पर है और ऐसी तमाम बातें कही हुई हैं अब अगर बगनानी साहब ये कह रहे थे कि कोई घाटा नहीं हुआ किसी का पैसा बकाया नहीं है, ये सब बेकार की बातें हैं। तो अचानक से ये स्टेटमेंट कहाँ से आ गया? अब सब पूछ रहे हैं कि भई जब कुछ हुआ ही नहीं था।
तो फिर ये अक्षय कुमार को क्या सुझा ये कहने का कि आप मेरे पैसे बाद में दे देना। ये आप तो कह रहे थे कि कोई पैसा बकाया ही नहीं है, कुछ ऐसा हुआ ही नहीं है। हाँ, वो बात अलग है, हो सकता है बिल्डिंग का सौदा पहले हुआ हो, लोगों ने दो और दो चार जोड़ लिए हो, लेकिन दो और दो चार जोड़े भी क्यों ना लो। अब देखिए अक्षय कुमार के साथ लाइन से फ्लॉप फिल्में आई हैं। पूजा एंटरटेनमेंट की पहले तो Belbottam आई थी फिर mission रानीगंज आई और फिर सबसे ताजा गरमा-गरम फ्लॉप फिल्म आई है बड़े मियाँ, छोटे मियाँ जो साढ़े तीन सौ करोड़ के बजट में बनी साठ करोड़ भी कमा नहीं पायी और इसमें टाइगर श्रॉफ को repeat किया गया था मतलब इससे पहले वो गणपत बना चुके थे वो गणपत का क्या हाल हुआ था आप जानते ही हैं तो इतनी सारी जो गलतियां हुई, इतनी सारी जो फिल्में फ्लॉप हुई उसकी वजह से घाटा हुआ अब यहाँ एक पूरी बात जो मेरे समझ के बाहर है देखिए बिजनेस कोई भी ऐसा नहीं होता जिसमें नुकसान नहीं होता।
किसी भी बिजनेस में किसी को कभी भी नुकसान हो सकता है, कई बार आप बाजार को नहीं समझ पाते, कई बार आप अपने product को पाते, कई बार आपकी timing गलत हो जाती है, कई बार आप सोच कर कुछ लाते हो और हो कुछ और जाता है। business में risk होते और अगर किसी का पैसा बकाया रह गया था तो पैसा दे दिया जाता लेकिन ये जो सोशल मीडिया पर लिखने का मामला शुरू हुआ इसका मतलब ये है कि जिनका पैसा बकाया था उन्हें ये भरोसा नहीं दिलाया गया कि भाई पैसा मिल जाएगा इसलिए वो परेशान होने लगे वरना आप खुद सोचिए किसी को क्या अच्छा लगता है कि वो सड़क पर जाकर या सोशल मीडिया में जाकर ये कहे कि अरे जी हमारा तो पैसा नहीं मिला है हमारा तो पैसा नहीं मिला है।
ये आदमी तब करता है मजबूर हो जाता है जब उसे लगने लगता है भाई अब कोई रास्ता नहीं बचा फिर वो जा के चार लोगों को बताता है कि जी देखो हमारे साथ क्या हो गया अब वही कुछ हुआ इन लोगों के साथ क्योंकि अगर कुछ भी नहीं हुआ होता कहते है ना बिना आग के धुआं नहीं उठता चिंगारी तो कहीं ना कहीं रही होगी जब इतने सारे लोग बात कर रहे थे तो कुछ ना कुछ तो था तभी तो अक्षय कुमार निकलकर सामने आए खुद जैकी बगनानी का स्टेटमेंट निकल कर आया कि भाई हम अक्षय के बड़े आभारी हैं उन्होंने इस crisis में जो है इस बात को समझा और ये कहा कि हमारा पैसा आप बाद में दे देना पहले इनका पैसा चुका दो तो खुद सोचिए कि फिल्म इंडस्ट्री में कहानियां क्यों पीटती है अरे जब आप अपनी ही कहानी सही से लोगों को नहीं बता पा रहे हो तो आप सिनेमा के पर्दे पर कहानी कैसे बताओगे आपकी कहानी में ही कई सारे पेंच है पहले ये कहना कि पैसा बकाया है फिर ये कहना कोई पैसा बकाया नहीं है बिजनेस फ्लरिश कर रहा है हम तो बहुत सारा काम कर रहे हैं हमें बिजनेस मत सिखाइए हमने तो बहुत अपना अपने धंधे को काफी फ्लरिश कराया हुआ है
फिर अचानक से एक सो कॉल्ड सुपरस्टार अक्षय स्टार कहलाते हैं लाइन से इतनी फ्लॉप दे रहे हैं तब भी वो सुपरस्टार ही हैं खैर हैं तो हैं तो उनका फोन आ जाता है कि जी आप मेरे पैसे बाद में दे देना मतलब आप सोचिए कि ये इंडस्ट्री चल कैसे रही है आप लोगों को मनोरंजन दें इसके लिए ना तो अच्छे राइटर्स की तलाश होती है ना अच्छे चेहरे नए चेहरों की तलाश होती है वही घिसे पिटे चेहरे जो सालों से चलते आ रहे हैं जब वो पुराने हो जाते हैं तो उनके भांजे, भतीजे, बेटा, बेटी को लेकर आ जाते हैं मतलब कितना लिया हुआ है इंडिया के दर्शकों को कि इन्हें तो कुछ भी दिखा दो I still remember ये कहा जा रहा था कि साढ़े तीन सौ करोड़ में बनी है अक्षय कुमार की बड़े मियाँ छोटे मियाँ और एक हजार एक सौ करोड़ का business करेगी ऐसे बड़े-बड़े स्टेटमेंट दिए गए थे वो सौ करोड़ तक नहीं पहुंची actually साठ करोड़ तक भी नहीं पहुंची फिर कहा ये गया कि उसके satellite rights बिक गए वहां से पैसा आ गया कि उसके बिक गए वहां से पैसा आ गया देखिए अब वो कहीं ना कहीं से तीस सा लो से काम कर रहे हैं अक्षय कुमार तो इतना तो होगा ही ना so called start बॉक्स ऑफिस में पिट जाते हो लेकिन कहीं ना कहीं से पैसा आ ही जाता है
लेकिन आप सोचिए कि क्या ऐसा काम करने में मजा है कि किसी तरह बस जोड़-जुगाड़ के रख दिया पब्लिक को पसंद नहीं आया आप सोचिए एंटरटेनमेंट एक ऐसी इंडस्ट्री है जो वाह वाही पे चलती है तारीफ पे चलती है कि वाह मजा आ गया यार क्या लाइन बोली थी क्या कहानी थी क्या डांस था क्या एक्शन था लोग ये वाह वाही करते हैं तब चलती है एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री और यहाँ क्या हो रहा है जोड़-गुगाड़ के कहीं कुछ बना लिया फिर वो फ्लॉप हो गया फिर कुछ कह दिया, फिर किसी के पैसे नहीं दिए, मतलब क्या चल रहा है ये? किसी को क्या फर्क पड़ता है? वो तो सारी बातें सोशल मीडिया पर आ जाती हैं, इसलिए सारी बातें यहाँ पर निकल रही हैं, वरना सोचिए अगर उन crew members ने सोशल मीडिया पर आकर ना बताया होता तो ये सारी बातें चल ही ना रही होती।
तो सोशल मीडिया का बस इतना फायदा कह सकते हैं कि हाँ इससे लोगों की नजर में आ जाता है, लोग बात करने लगते हैं, लोग पूछने लगते हैं। लेकिन ये बड़े अफसोस की बात है कि entertainment industry जो है, अपनी कहानी ही सही से नहीं बता पाती। इसीलिए तो फिल्में फ्लॉप मैं कह रहा था ना इस वीडियो के शुरू में कि आप अपनी कहानी को तो सही से नहीं रख पा रहे हैं। और ठीक है गलती हो गई, फिल्म पिट गई, timing wrong थी, समझ में market नहीं आया। पुराना formula था, चेहरे पुराने थे या फिर फ्लॉप हो रहे थे लगातार, अभी लोग नहीं देखना चाह रहे होंगे अक्षय कुमार को अभी लोग नहीं देखना चाह रहे होंगे टाइगर श्रॉफ को, ठीक है, कोई भी चीज हो गई उसको accept करने में क्या जाता है।
देखिए जो बेचारे मजबूर लोग हैं जो चंद पैसों के लिए करते हैं, नौकरी करते हैं। उनकी तो मजबूरी है, वो तो कोई decide नहीं कर सकते ना कि ये वाली फिल्म पर कहानी मत बनाओ, ये वाला ऐसा शूट मत करो, वो तो बेचारे आपने उनको जैसा कहा, उन्होंने कर दिया। उनकी सैलरी मिल जाती है, वो अपना उनका घर चलने लगता। तो हर किसी उस पावरफुल position में होता नहीं है, कि वो govern करें चीजों को, अगर आप हैं तो फिर फैसले वैसे लीजिए और कई बार अगर फैसला गलत हो भी गया तो ठीक है, दुनिया का ऐसा कौन सा बिजनेस है, जिसमें नुकसान नहीं होता, जिसमें घाटा नहीं होता। या ऐसी कौन सी industry है, जो कहती है, कि flourish होती है, यहाँ तो कभी सूखा पड़ता ही नहीं है।
बड़े-बड़े business घरानों में ऐसा हो जाता है। यहाँ पूरा मामला ये है कि एक ईमानदारी होनी चाहिए। अपने धंधे के प्रति हमारा कहानी सुनाने का धंधा है तो हम ऐसी कहानी सुनाएं जो लोगों को बांधकर रखें। लोगों को खींच कर लेकर आए कि नहीं हमें ये कहानी देखनी है, भाई ये कहानी आ रही है, हमको देखना है, हमें जानना है, क्या हुआ है इसके बाद? वाह! क्या acting है, क्या action है? अब जब वो हो नहीं पा रहा है तो फिर इधर-उधर की बातें शुरू हो जाती हैं। और ठीक है, हर जो है वो इस तरह का होता है। एक जगह पैसा लगाते हैं, कहीं घाटा होता है, दूसरी जगह लगा के मुनाफा कमाते हैं, बिजनेस है ही इस चीज का नाम कि आप पैसे से मुनाफा कमाएं, चीजें ऐसी बनाएं जो बिके मार्केट में कई बार नहीं भी बिकती हैं, तो कौन-सी बहुत बड़ी बात होगी? कुल मिलाकर मामला ये है कि जब फिल्म इंडस्ट्री की कहानी इतने ढीले तरीके से सामने आती है.