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पुरानी फिल्मों के एक्टर असित सेन की अनसुनी कहानी | The unheard story of old film actor Asit Sen

Black and white फिल्मों में acting और comedy के लिए मशहूर असिद सेन एक ऐसा चेहरा है। अगर आपने हिंदी फिल्में देखी है तो आप इन्हें ज़रूर जानते होंगे। असिद सेन अपनी एक अलग पहचान रखते थे और बेहद धीमी और slow आवाज से dialogue delivery करना उनकी खासियत थी बीस साल बाद इस title की एक फिल्म आयी थी जिसमें उनकी भूमिका ऐसी थी कि वो बहुत धीरे-धीरे dialogue बोलते थे और इसी वजह से वो काफी popular हो गए।

असिद सेन ने करीब ढाई सौ बंगला और हिंदी में काम किया। आसिफ सेन के फिल्मों में आने का किस्सा भी बड़ा दिलचस्प है। जब वो उस वक्त के बॉम्बे पहुंचे जो आज मुंबई कहलाता है। उस वक्त उन्हें मशहूर फिल्मकार विमल रॉय के साथ बतौर कैमरामैन काम करना था। दरअसल असिफ सेन को फोटोग्राफी का बहुत शौक था और उनका उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में एक फोटो स्टूडियो भी हुआ करता था। फोटोग्राफी के सिलसिले में वो साल nineteen forty nine और nineteen fifty के आसपास की बात है, कोलकाता गए थे वहां उन्होंने new theater join किया।

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वहां एक ड्रामा कंपनी में acting करते-करते उनकी मुलाकात हो गई विमल रॉय से। असल में इनकी comic timing और बोलने का अंदाज इतना अच्छा था कि विमल रॉय ने इन्हें देखते ही अपनी आने वाली फिल्म सुजाता में प्रोफेसर का रोल दे दिया। इसके बाद असतसेन एक बेहतरीन कॉमेडियन के तौर पर पहचाने जाने लगे। असत सेन की कहानी शुरू होती है thirteenth May nineteen seventeen के दिन से गोरखपुर शहर से।

जो उत्तर प्रदेश का शहर है वहाँ thirteenth May यानी तेरह मई उन्नीस सौ सत्रह को बंगाली परिवार एक रहा करता था वहाँ इनका जन्म हुआ रोजगार के सिलसिले में इनका परिवार बाद में पश्चिम बंगाल के जिला वर्धमान से आकर उत्तर प्रदेश में आकर रहने लगा था गोरखपुर में और असत सिंह के पिता किसी जमाने में रेडियो और ग्रामोफोन की दुकान चलाया करते थे और फिर धीरे-धीरे वो बिजली का सामान भी उस दुकान पर बेचा करते थे अशित सिंह को दुकान पर बैठना पसंद नहीं था लेकिन उन्हें फोटोग्राफी का बहुत शौक था तो कई समारोह में जाकर वो फोटो खींचने काम करते थे। असिद जब दसवीं पास हुए तो उनकी माँ चाहती थी कि उनकी शादी करवा दी जाए लेकिन असिद तो कुछ और ही चाहते थे।

वो उस वक्त के कलकत्ता और आज के कोलकाता के न्यू थिएटर्स में जाकर डायरेक्टर नितिन बोस से फिल्म मेकिंग सीखना चाहते थे। असिद को समझ नहीं आ रहा था कि कलकत्ता जाए कैसे? तभी एक शादी के सिलसिले में उनका वहां जाना हुआ। कलकत्ता जाकर असिद ने अपने परिवार वालों के सामने ये बहाना बनाया कि उन्हें कलकत्ता में रहकर बीकॉम की पढ़ाई करनी है। कलकत्ता अब मौका मिल गया उनको आने का कोलकाता आकर असिद ने थिएटर में फिर हाथ आजमाना शुरू किया और कुछ नाटकों में धीरे-धीरे काम करना शुरू किया धीरे-धीरे उन्हें अपने काम के लिए तारीफें मिलने लगी और तभी जब तारीफें मिल रही थी, काम मिल रहा था, असिद से इनको वापस अपने घर गोरखपुर जाना पड़ा।

दरअसल गोरखपुर के पुलिस कमिश्नर साहब से असिद के पिता की बड़ी अच्छी जान-पहचान थी और उनका गोरखपुर से तबादला हो गया तो शहर में उनका एक बहुत बड़ा विदाई समारोह रखा गया था। अब समारोह में photography की जिम्मेदारी असत सेन को दे दी गई। और इसीलिए उन्हें कलकत्ते से बुलाया गया था कि भाई तुम photography करो यहाँ पर। उस वक्त इनका शहर में काफी नाम था कि भाई असिद सेन बड़ी अच्छी फोटो खींचते हैं। अशित सेन भी अपनी तारीफ से खुश होते थे और उन्होंने उन्नीस सौ बत्तीस में nineteen thirty two में गोरखपुर में सेन फोटो studio इस नाम से अपना स्टूडियो खोल लिया। उनका फोटो स्टूडियो काफी अच्छा चलने लगा था लेकिन तभी world war two शुरू हो गया उस दौर में इंडिया में फोटोग्राफी का सारा सामान विदेश से आता था। अब war की वजह से ऐसा हो नहीं पाया कि सामान आ जाए।

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तो सेन का जो फोटो स्टूडियो था में आ गया आप सोचिए उस जमाने में हम अपने देश से अह फोटो भी नहीं खींच सकते थे, उसका सामान भी विदेश से आता था, खैर फोटो स्टूडियो बंद होने की कगार पर पहुंचा तो असिद सेन को रोजी रोटी की चिंता होने लगी, इस सिलसिले में वो बम्बई पहुंचे जहाँ उन्हें एक फिल्म कंपनी में स्टिल फोटोग्राफर का काम मिल गया और नए काम में असिद को बड़ा मजा आने लगा लेकिन अभी मजा आना शुरू हुआ ही था कि घर से एक तार आया, उस जमाने में तार आने का मतलब कोई बुरी खबर होती थी,

उसमें लिखा था माँ बीमार है घर आ जाओ अब असिद सेन थे वो तुरंत गोरखपुर आ गए खबर मिली थी माँ की बीमारी की लेकिन उनसे पहले असिद की दादी माँ चल बसी दादी के निधन के कुछ समय बाद अशिद की माँ का भी निधन हो गया अब तीन महीने के अंदर घर में हो गई दो मौत और इससे अशित सिंह बुरी तरह टूट गए अब वो ना गोरखपुर में रह पा रहे थे ना ही बंबई जाकर दोबारा काम करने की हिम्मत जुटा पा रहे थे मतलब उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा था वो करें क्या एक दिन अशिफ ने अपना दिल पक्का किया और सब कुछ पीछे छोड़कर फिर से कोलकाता पहुँच गए अब कलकत्ता जाकर अशित सिंह के साथ क्या हुआ ये उन्होंने एक इंटरव्यू दिया था अच्छे से explain किया वो मैं आपको बताता हूँ तो उस interview में कहते है कि वहाँ जाकर मेरी मुलाकात अपने दोस्त कृष्णकांत से हुई जो फिल्म बनफूल में तानन्द बाला के साथ काम कर रहा था

कृष्णकांत ने मेरी मुलाकात एक्ट्रेस सुमित्रा देवी और उनके पति देव मुखर्जी से करा दी दोनों से ये जान पहचान आगे मेरे बहुत काम आई उनकी बदौलत ही मेरी मुलाकात फिल्म मेकर विमल रॉय से हुई जो की तब तक अपनी पहली बंगाली फिल्म उदय बना चुके थे और अब हिंदी में एक फिल्म बनाने की तैयारी कर रहे थे। उन्हें एक असिस्टेंट की तलाश थी जो कि हिंदी में माहिर हो तो उन्होंने मुझे रख लिया।

मुझसे पहले वो असिस्टेंट रख चुके थे। और तो मैं उनका एक तरह से तीसरा असिस्टेंट था लेकिन धीरे-धीरे अपने काम की बदौलत मैं उनका पहला असिस्टेंट बन गया इसके साथ में कुछ फिल्मों में छोटे-मोटे काम भी करने लगा। मेरी सबसे पहली फिल्म हमराही थी जिसमें बहुत ही छोटा सा रोल मैंने प्ले किया nineteen forty five से nineteen forty nine तक असत से थिएटर से ही जुड़े रहे। पचास के दशक की शुरुआत में ही विमल रॉय ने फैसला किया कि वो बंबई जाकर रहेंगे और असत सेन को भी उन्होंने अपनी टीम का हिस्सा बनाया और कहा तुम भी आ जाओ।

उन्नीस सौ छप्पन तक असत सेन विमल दा के असिस्टेंट बने रहे। उन्नीस सौ तिरपन में एक फिल्म आई दो बीघा जमीन। इसमें बतौर प्रोडक्शन executive इन्होंने काम किया और nineteen fifty three में रिलीज हुई परिणिता में इसके अलावा nineteen fifty four में आई विराज बहु में और nineteen fifty five आई फिल्म देवदास में उन्हें बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर बकायदा क्रेडिट मिला। उन्नीस सौ छप्पन में nineteen fifty सिक्स में विमलदा ने असत सिंह को अपनी ही फिल्म कंपनी विमल रॉय प्रोडक्शन के बैनर में फिल्म परिवार के डायरेक्शन का मौका दे दिया।

इसके तुरंत बाद ही नाइनटीन फिफ्टी सेवन में असत सिंह ने फिल्म अपराधी कॉन डायरेक्ट की और इन दो फिल्मों को डायरेक्ट करने के बाद असिद फिर से अभिनय की ओर मुड़ना चाहते थे। देखिए गोरखपुर शहर से निकला एक फोटोग्राफर जिसे स्टेज का शौक था वो कहाँ से होते बॉम्बे की फिल्म इंडस्ट्री पहुंचता है। ये इसमें इस कहानी में बड़ी रोचक बात है। अच्छा इस दौरान जब वो अभिनय की तरफ मुड़ना चाह रहे थे nineteen fifty seven के आसपास की बात है तो उन्होंने फिल्म छोटा भाई ये साइन कर ली और इस फिल्म में असत सेन को एक बुद्धू से नौकर के किरदार में कॉमेडी करनी थी उन्हें कुछ सोच नहीं रहा था कि मैं क्या करूँ?

कैसे बनूं मैं बुद्धू नौकर तभी उन्हें ख्याल आया कि बचपन में उनके घर में एक नौकर काम किया करता था जो बड़े ही slow अंदाज में बोला करता था बाबू का करत हो मतलब बहुत ही धीरे धीरे धीरे उन्होंने कहा ठीक है मैं अपने उस बचपन वाले नौकर को कॉपी करता हूँ और उनकी ये ट्रिक काम कर गई बेहद कम स्पीड में डायलॉग बोलने का ये जो स्टाइल था वो अब ये होने लगा कि डायरेक्टर ने कहा कि भाई आपका हम डायलॉग बढ़ा रहे हैं आप जरा ऐसे बोलो क्योंकि वो बड़ा एक कॉमिक अंदाज क्रिएट कर रहा था खुद विमल रॉय ने अशित सेन की डायलॉग डिलीवरी से प्रभावित होकर उन्हें फिल्म सुजाता में रोल दे दिया असत सिंह को एक ही तरह स्टाइल में अब टाइप होने का डर भी सताने लगा हर तरफ वो वो ही धीरे वाले डायलॉग बोलते थे फिर अह nineteen sixty one में जब फिल्म आती है

ये बीस साल बाद वहाँ एकदम ये चरम पर पहुँच गए ये वाला जो इनका स्टाइल था धीरे-धीरे डायलॉग बोलने का वो पॉपुलर हो गया इस फिल्म में उन्होंने गोपीचंद जासूस का किरदार निभाया था और गोपीचंद जासूस वाला ये किरदार इतना पॉपुलर हुआ इसकी बार-बार नकल की गई और nineteen eighty two में अभिनेता राजेंद्र कुमार के भाई फिल्म मेकर नरेश कुमार ने एक फिल्म बना दी गोपीचंद जासूस जो कि एक फिल्म के कैरेक्टर पर आधारित थी। इसके बाद ninety sixty थ्री में चांद और सूरज, nineteen sixty five में भूत बंगला, ninety sixty seven में नौनिहाल, nineteen sixty eight में ब्रह्मचारी, ninety sixty nine में यकीन और आराधना, प्यार का मौसम, पूरब, पश्चिम, दुश्मन, मझली दीदी, बुड्ढा मिल गया ये वो सारी फिल्में हैं। जहाँ इन्होंने बहुत सारा काम किया। आशिष सिंह ने आनंद में काम किया।

दूर करा ही अमरप्रेम, बॉबे टू गोवा, बालिका वधु ऐसी बहुत सारी फिल्मों में उन्होंने खूब सारे किरदार निभाए और इससे इनकी शादी बाद में मुकुल से हुई जो कि कोलकाता की रहने वाली थी दोनों के तीन बच्चे हुए। दो बेटे अभिजीत और सुजीत सिंह और एक बेटी तो अभिजीत सेन जो हैं वो **** गुहा जैसे एक नामी निर्देशक हुए उनके assistant रहे और फिर बाद में वो बांग्ला फिल्मों में काम कर रहे हैं आज भी सुजीत सेन अ cameraman हैं 1993 में असिद की पत्नी अह मुकुल सेन काफी बीमार पड़ गई थी जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गई और अपनी पत्नी की मौत से असिद इतना टूट गए कि कुछ महीने बाद इसी साल यानी अह सितंबर अठारह सितंबर उन्नीस सौ तिरानवे को वो भी इस दुनिया से चल बसे।

तो ये है असित सेन की कहानी जो शुरू होती है गोरखपुर शहर से जहाँ उनका एक छोटा सा फोटो स्टूडियो था गए थे, उन्हें फोटो खींचने के लिए वापस बुलाया गया, फिर मुंबई पहुंचे और किस तरीके से उन्होंने विमल रॉय को assist किया और वहां से अह एक असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर उनका career रहा, एक अच्छे फोटोग्राफर थे, फिर एक नौकर के किरदार में कैसे जान फूंकी जाए, कैसे comic अंदाज लेकर आया जाए, उसके लिए उन्होंने एक असल जिंदगी के नौकर की नकल की और अपना एक अलग style स्थापित किया।

देवरा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 6 दिन | Devra box office collection 6 days

किसने गायब करवाया वीराना गर्ल जैस्मीन को ? | Who made Veerana girl Jasmine disappear?

 1998 में आई classic फिल्म वीराना का जिक्र हर किसी ने कहीं ना कहीं जरूर सुना होगा। ये horror फिल्म lead actress जैस्मिन धुन्ना की खूबसूरती और boldness के चलते काफी सुर्खियों में रही थी किसी गुड़िया की तरह खूबसूरत गहरी आँखों वाली जैस्मिन ने फिल्म में भूत बनकर लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा था लेकिन यही खूबसूरती उनकी गुमनामी का और कई सारे सवालों का कारण बन गई।

कहा जाता है कि उनकी खूबसूरती मोहित होकर underworld डॉन दाऊद इब्राहिम उन्हें हासिल करना चाहता था। जैस्मिन को लगातार underworld से धमकी भरे कॉल आते थे और इसी बीच वो अचानक गुमशुदा हो गई। पैंतीस सालों से उन्हें किसी ने देखा तक नहीं है। वो कहाँ है और किस हाल में है इससे जुडी कोई पुख्ता खबर अब तक सामने नहीं आई। कभी कहा गया कि underworld के लोगों ने उन्हें kidnap करा लिया था। तो कहीं बोला गया कि वो जान बचाने के लिए इन दिनों एक गुमनाम जिंदगी जी रही हैं। आइए कहानी सुनाते हैं इन्हीं जैस्मिन धुन्ना की।

देवरा vs स्त्री 2 बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 5 दिन | Devra vs Stree 2 Box Office Collection 5 Days

साल उन्नीस सौ अड़सठ यानी nineteen sixty eight में जैस्मिन धुना का जन्म मुंबई में हुआ था। middle class परिवार में जन्मी जैस्मिन अपने parents की इकलौती संतान थी। बड़े नाजों से पली जैस्मिन बचपन से ही फिल्में देखने और अभिनय करने में रूचि रखती थी। यही वजह रही कि जब भी स्कूल में कोई cultural program होता था तो जैस्मिन हमेशा plays और dances में हिस्सा लिया करती थी बेहद खूबसूरत जैस्मिन जब मंच पर अभिनय करती थी तो हर छोटे-बड़े शख्स का ध्यान खींच लिया करती थी साल उन्नीस सौ उन्यासी की बात है nineteen seventy nine में जैस्मिन अपने स्कूल के एक प्रोग्राम में अभिनय कर रही थी प्रोग्राम में उस दौर के मशहूर writer डायरेक्टर प्रोड्यूसर एनडी कोठारी भी शामिल थे जैसे ही जैस्मिन ने अभिनय शुरू किया तो एनडी कोठारी उन्हें देखते ही रहे

एनडी कोठारी को महज ग्यारह साल की जैस्मिन का अभिनय इस कदर पसंद आया कि प्ले खत्म होते ही उन्हें एक फिल्म का ऑफर दे दिया। जैस्मिन की उम्र कम थी ऐसे में एनडी कोठारी ने उनके पैरेंट्स से बात करके उन्हें तैयार भी कर लिया। उस फिल्म का नाम था सरकारी मेहमान। इस फिल्म में ग्यारह साल की जैस्मिन के साथ उनसे बाईस साल बड़े विनोद खन्ना को साइन किया गया था। विनोद खन्ना उस जमाने के बड़े स्टार थे। जबकि जैस्मिन एक मामूली सी स्कूल में पढ़ने वाली कम उम्र की लड़की थी। बिना कोई प्रोफेशनल एक्टिंग ट्रेनिंग लिए जैस्मिन ने फिल्म की शूटिंग के दौरान अपने बेहतरीन अभिनय का नमूना पेश किया। जिसे देखकर हर कोई हैरान था।

फिल्म में उन्होंने बिंदिया नाम की चुलबुली गांव की लड़की का रोल प्ले किया था। इस फिल्म के गाने पर्चा मोहब्बत का और सुन सुन रहे सरकारी मेहमान काफी सुने गए। बारह जनवरी उन्नीस सौ उन्यासी यानी twelfth जनवरी nineteen seventy nine को release हुई फिल्म सरकारी मेहमान से जैस्मिन को पहचान तो जरूर मिली लेकिन ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रही। पहली फ्लॉप फिल्म के बाद जैस्मिन के परिवार ने उन्हें फिल्मों में काम करने से रोक दिया। वो चाहते थे कि जैस्मिन पहले अपनी पढ़ाई पूरी करें। जैस्मिन ने परिवार की बात मान ली और अपना सपना अधूरा छोड़कर पढ़ाई पर फोकस करने लगी। जैस्मिन ज्यादा दिनों तक खुद को ग्लैमर वर्ल्ड से दूर नहीं रख सकी।

अभी कुछ ही साल बीते थे कि जैस्मिन ने दोबारा पैरेंट्स से फिल्मों में जाने की बात कही। जब परिवार ने कम उम्र का हवाला देकर उन्हें रोक तो वो पढ़ाई के साथ-साथ मॉडलिंग करने लगी। कॉलेज के दिनों में जैस्मिन को बड़े-बड़े मॉडलिंग projects भी मिलने लगे। जैस्मिन मॉडलिंग में नाम कमा ही रही थी कि एक दिन उनके पास एनडी कोठारी का कॉल आ गया। वही एंडी कोठारी जिन्होंने जैस्मिन को फिल्म सरकारी मेहमान में काम दिया था। वो उस समय फिल्म divorce बना रहे थे जिसके लिए उन्हें खूबसूरत नौजवान लड़की की तलाश थी। जैसे ही उन्हें पता चला कि जैस्मिन मॉडलिंग कर रही है और दोबारा फिल्मों में आना चाहती है तो उन्होंने उनसे संपर्क किया और उन्हें अपनी फिल्म के लिए साइन कर लिया.

इस बार जैस्मिन ने फिल्म डिवोर्स में विजेंद्र घाटगे, शर्मिला टैगोर, पिंडू, जगदीप और केशटूम मुखर्जी जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ स्क्रीन शेयर किया. विजेंद्र घाटगे के साथ बनी उनकी जोड़ी को काफी पसंद किया गया. हालांकि नाइनटीन एटी फोर में रिलीज हुई ये फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई. जैस्मिन की फिल्में फ्लॉप जरूर हो रही थी. लेकिन हर फिल्म के साथ उनकी खूबसूरती की चर्चा बढ़ती जा रही थी. दो गज जमीन के नीचे अँधेरा, तहखाना, guest house और पुराना मंदिर जैसी बेहतरीन फिल्में बनाने वाले रामसेव brothers अपनी horror फिल्मों के लिए इंडस्ट्री में एक अलग पहचान रखते थे। वो अक्सर बी या सी ग्रेट की फिल्में बनाते थे। जिन्हें एडल्ट हॉर्र फिल्मों की कैटेगरी में रखा जाता था।

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करीब सत्रह horror फिल्मों से popularity हासिल करने के बाद रामसेव brothers फिल्म वीराना बनाने की तैयारी कर रहे थे। उनकी लगभग सभी फिल्मों में लड़के ही भूत करते थे। लेकिन वो इस फिल्म में एक ऐसी लड़की की कहानी दिखाना चाहते थे जो लड़कों को लुभाती है और फिर उनका कत्ल कर देती है। फिल्म वीराना के रोल के लिए रामसेव brothers एक खूबसूरत लड़की की तलाश में थे। इसी बीच किसी जानकार के जरिए उन तक जैस्मिन धुन्ना की तस्वीरें पहुंच गई। जैस्मिन की तस्वीरें इतनी खूबसूरत थी कि रामसेव brothers की टीम ने उन्हें मीटिंग के लिए बुलाया। टीम ने उन्हें फिल्म की स्क्रिप्ट सुनाने के साथ-साथ ये भी बताया कि स्क्रिप्ट की डिमांड पर उन्हें फिल्म में कुछ bold scenes भी देने होंगे। एक बड़ी फिल्म का इंतजार जैस्मिन झट से इस फिल्म में बोल्ड सीन करने के लिए तैयार हो गई। nineteen eighty five में ही रामसेव ब्रदर्स ने फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी फिल्म में जैस्मिन के साथ हेमंत बिरजे, विजेंद्र घाटगे, गुलशन ग्रोवर, सतीश शाह और कुलभूषण खरबंदा अहम किरदारों में थे।

1985 में बननी शुरू हुई फिल्म वीराना साल उन्नीस सौ सत्तासी यानी nineteen eighty seven तक बनकर तैयार हो गई। उस समय तक रामसे ब्रदर्स की ज्यादातर फिल्में सेंसर बोर्ड की नजरों से बच जाया करती थी लेकिन जब वीराना बनी तो इस पर सेंसर बोर्ड की कड़ी नजरें थी। इस फिल्म में रामसे brothers की पिछली bold horror फिल्मों से भी ज्यादा bold scenes थे जिन पर सेंसर बोर्ड को कड़ी आपत्ति थी। सेंसर बोर्ड को सबसे ज्यादा आपत्ति उस एक scene से थी जिसमें गुलशन ग्रोवर दरवाजे में बने छेद से जैस्मिन को नहाते हुए देख रहे थे। इसी तरह फिल्म में करीब forty सिक्स अलग-अलग bold और हिंसक scenes पर भी बोर्ड ने ऐतराज जताया। maker से कहा गया कि अगर फिल्म के उन फोर्टी सिक्स सीन्स में सुधार कर सकते हैं तभी इस फिल्म को रिलीज किया जाएगा।

रामसेव ब्रदर्स ने फिल्म को दोबारा एडिट करवाया और करीब आठ महीने तक अटकी रही फिल्म वीराना नाइनटीन एट्टी एट में जाकर रिलीज हुई। वो भी फोर्टी सिक्स बड़े बदलावों के साथ सिक्स में नाइनटीन एट्टी एट को रिलीज हुई वीराना जबरदस्त हिट रही। और फिल्म से जैस्मिन धुना रातों-रात स्टार बन गई। कुछ लोगों ने हॉरर के लिए फिल्म देखी तो वहीं एक बड़ा हिस्सा ऐसा भी था जिसने पोस्टर में दिखाए गए जैस्मिन के बोल्ड अवतार के लिए फिल्म देखी। नतीजतन फिल्म ने लागत से दस गुना ज्यादा पैसा कमाया। फिल्म और जैस्मिन के साथ-साथ राम से brothers को भी main stream सिनेमा में पहचान मिलने लगी। ये फिल्म उस वक्त करीब पैंसठ लाख रुपए में बनाई गई थी जबकि इसकी कमाई छह करोड़ सत्तर लाख रुपए थी।

फिल्म वीराना के हिट होते ही जैस्मिन को कई बड़ी फिल्मों के ऑफर आने लगे। उन्होंने कई फिल्में साइन कर रखी थी। कहा उस समय जैस्मिन की खूबसूरती के चलते underworld डॉन दाऊद इब्राहिम उन्हें अपने साथ रखने की जिद पर अड़ गया था। ये वो दौर था जब फिल्म industry में underworld का दबदबा हुआ करता था। डॉन के कहने पर कई हीरोइनों को फिल्मों में रखा गया या फिर कई बार निकाला भी गया। वहीं underworld को फिल्म का profit देना और उनका पैसा फिल्मों में लगाना भी आम बात हुआ करती थी इसी बीच खबरें आती रही कि दाऊद इब्राहिम लगातार जैस्मिन को धमकियां दिलवा रहा है। धमकियों में कहा गया था कि जैस्मिन उनसे नहीं मिलती है तो उसे जान का खतरा हो सकता है।

उस समय छपी कुछ मीडिया reports की माने तो जैस्मिन ने दाऊद इब्राहिम की धमकियों से परेशान होकर मुंबई पुलिस में एक शिकायत भी दर्ज कराई थी लेकिन उस दौर में underworld का ऐसा दबदबा था कि पुलिस भी जैस्मिन की कोई मदद नहीं कर पाई। दाऊद इब्राहिम की धमकियों के बीच जैस्मिन धुन्ना अचानक लोगों की नजरों से दूर होती चली गई। जो भी फिल्में उन्होंने साइन की थी वो सारी छोड़ दी। जैस्मिन के अचानक गायब होने से कई अलग-अलग तरह की थ्योरी सामने आने लगी।

पहली थ्योरी जिसमें ये कहा गया कि जैस्मिन को दाऊद इब्राहिम के लोगों ने किडनैप कर लिया है। दूसरी थ्योरी जिसमें ये कहा गया कि जैस्मिन ने दाऊद इब्राहिम के डर से भारत छोड़कर गुमनामी की जिंदगी चुन ली है। और तीसरी थ्योरी ये कि उन्होंने जोर्डन में रहने वाले एक शख्स से शादी करके वहीं घर बसा लिया है। जहाँ एक तरफ जैस्मिन की गुमशुदगी की कई अलग-अलग बातें सामने आ रही थी वहीं एबीपी न्यूज़ की एक रिपोर्ट में उनके परिवार के हवाले से दावा किया गया है जैस्मिन का करियर बर्बाद करने के लिए कुछ लोगों ने उनका नाम दाऊद इब्राहिम से जोड़ा था जिससे डायरेक्टर उन्हें फिल्मों में ना लें तमाम तरह की थ्योरी तो सामने आई लेकिन nineteen eighty eight की फिल्म वीराना में आखरी बार देखी गई जैस्मिन धुना की कोई पुख्ता खबर नहीं मिली समय के साथ लोग जैस्मिन को भूल गए गुमनाम होने के इकत्तीस साल बाद साल दो हजार सत्रह में जैस्मिन उस वक्त चर्चा में आई जब उनके साथ फिल्म वीराना बनाने वाले शाम रामसे ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कि जैस्मिन जिंदा हैं।

श्याम रामसे के बयान के अनुसार जैस्मिन अपनी माँ के बेहद करीब थी जब उनकी माँ बीमार रहने लगी तो जैस्मिन ने फिल्मी दुनिया छोड़कर माँ की जिम्मेदारी उठाई जब उनकी माँ का निधन हुआ तो सदमे में जैस्मिन ने लोगों से दूरी बना ली उन्होंने ये भी बताया कि जैस्मिन मुंबई में ही रहती हैं। कुछ साल पहले वीराना फिल्म में नजर आए एक्टर हेमंत बिरजे ने बॉलीवुड ठिकाना को दिए एक इंटरव्यू में जैस्मिन का जिक्र किया था।

जब उनसे जैस्मिन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जैस्मिन जिंदा है मुंबई के वर्सोवा इलाके में उनका घर है। उन्होंने ये दावा भी किया कि वो जैस्मिन से संपर्क में हैं। जैस्मिन विदेश में रहती हैं और कभी-कभी भारत आती हैं। हालाँकि उन्होंने ये भी कहा कि वो कभी जैस्मिन से मिले नहीं हैं। महज तीन फिल्मों में नजर आई जैस्मिन को लोगों की नजरों से दूर हुए अब पैंतीस साल बीत चुके हैं लेकिन ना ही उनसे जुडी कोई पुख्ता जानकारी मिली है और ना ही उन्हें फिर कभी कहीं देखा गया।

बच्चन और नेहरू परिवार में क्यों पड़ी दरार ? | Why did a rift occur between the Bachchan and Nehru families?

बच्चन और नेहरू परिवार में क्यों पड़ी दरार ? | Why did a rift occur between the Bachchan and Nehru families?

Rajiv Gandhi और Amitabh Bachchan के बीच की दोस्ती में दरार कैसे आयी इसकी कहानी सुनाने जा रहे है लेकिन इस कहानी को सुनाने के लिए हमें आपको थोड़ा सा पीछे ले जाना पड़ेगा तो शुरुआत करते है Jawaharlal Nehru और Harivansh Rai Bachchan की दोस्ती से Jawaharlal Nehru और Harivansh Rai Bachchan की दोस्ती का परिणाम ये रहा कि साल उन्नीस सौ पचपन में यानी देश को आजादी मिलने के करीब आठ साल बाद Harivansh Rai Bachchan को विदेश विभाग में Hindi के विशेष अधिकारी के रूप में नियुक्त कर दिया गया हरिवंश राय बच्चन की पत्नी और अमिताभ बच्चन की माँ तेजी बच्चन के इंदिरा गांधी के साथ बेहद करीबी रिश्ते थे इंदिरा और तेजी बच्चन की मुलाकात इलाहबाद के आनंद भवन में हुई थी

अब यहाँ एक लाइन का उल्लेख करना बहुत जरुरी है वो लाइन है he is a poet and she is his poem ये कवि है और ये उनकी कविता है असल में ये लाइन कही थी आजादी के कुछ साल बाद Rai Bachchan और उनकी पत्नी Teji Bachchan की Jawaharlal Nehru से मुलाकात कराते हुए Sarojini Naidu ने यानी Sarojini Naidu ने Jawaharlal Nehru से जब पहली बार Harivansh Rai Bachchan और Teji Bachchan को मिलवाया तब उन्होंने ये कहा था कि भाई ये कवि है और ये उनकी कविता है पंडित Nehru और Harivansh Rai Bachchan की इस मुलाकात से ही शुरू हुआ Nehru परिवार और Bachchan परिवार का रिश्ता जिस वाक्य पर आकर खत्म हुआ था वो जानते है क्या वो था he is a snake वो सांप है ये दूसरा जो वाक्य है ये वाली line कांग्रेस के नेता राजीव गाँधी ने अमिताभ बच्चन के लिए कही थी और यहीं पर आकर ये रिश्ता खत्म हो गया था

देवरा vs KGF 2 बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 4 दिन | Devra vs KGF 2 Box Office Collection 4 Days

अमिताभ बच्चन जिन्होंने सोनिया गाँधी और राजीव गाँधी की शादी के समय सोनिया गाँधी के भाई का फर्ज अदा किया था और इटली से आया सोनिया गाँधी का परिवार भी अमिताभ बच्चन के घर पर ठहरा था जवाहरलाल नेहरू और बच्चन परिवार की दोस्त के बारे में अगर आपको ज्यादा जानना है तो कुछ बातें आपको समझनी होंगी तेजी बच्चन असल में सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिय रहती थी तेजी बच्चन यानी अमिताभ बच्चन की माँ उन्नीस सौ अड़सठ में जब सोनिया गांधी शादी से पहले पहली बार भारत आई तो एयरपोर्ट पर रिसीव करने के लिए पूरा बच्चन परिवार मौजूद था सोनिया के स्वागत के लिए पूरा घर सजाया गया भारतीय रिवाज के हिसाब से शादी से पहले कोई भी लड़की ससुराल में नहीं ठहर सकती। इसीलिए सोनिया गांधी बच्चन पर के साथ ही ठहरी थी और शादी से कुछ दिन पहले ही राखी बांधकर अमिताभ बच्चन को उन्होंने अपना भाई बनाया था

शादी के दिन जब इटली से सोनिया गाँधी का परिवार भारत आया तो वो भी अमिताभ बच्चन के घर ही रुका था राजीव गाँधी और अमिताभ बच्चन की पहली मुलाकात अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर हुई थी उस समय अमिताभ बच्चन चार साल के थे और राजीव गाँधी की उम्र सिर्फ दो साल थी राजीव गाँधी की माँ इंदिरा गाँधी, राजीव को गोद में लिए अमिताभ के जन्मदिन की पार्टी में पहुँची थी उम्र बढ़ने के साथ राजीव और अमिताभ की जितनी अच्छी दोस्ती हुई उतनी ही अच्छी दोस्ती राजीव के छोटे भाई संजय गांधी और अमिताभ के छोटे भाई अमिताभ बच्चन के बीच भी हुई

स्कूल के दिनों में जब भी छुट्टियां होती तो ये चारों दिल्ली में एक साथ मस्ती करते थे राजीव गांधी का technology में काफी interest था खिलौनों और दूसरे यंत्रों के पुर्जों से खेलना और फिर उन्हें जोड़ना उन्हें बेहद पसंद था एक बार हरिवंश राय बच्चन विदेश से transistor कम recorder लेकर आए थे एक दिन Amitabh Bachchan ने इसे जाँचने परखने के लिए सारे कल पुर्जे खोल दिए फिर काफी कोशिशें करने के बाद जब वो transistor के पुर्जे जोड़ने में विफल रहे तो सारे पुर्जे एक bag में भरे और सीधे Gandhi निवास तीन मूर्ति की तरफ चल दिए Rajiv Gandhi के पास गए और बोले यार इसे ठीक कर दो नहीं तो बाबूजी बहुत गुस्सा होंगे

Rajiv Gandhi ने कुछ ही देर में सारे पुर्जे ठीक कर दिए जब Rajiv Gandhi England पढ़ने चले गए तो एक दिन Indira Gandhi अचानक Bachchan परिवार के पास पहुँच गयी और बोली मेरा राजीव इंग्लैंड में मजे में तो है ना उसका कोई समाचार? जिस पर तेजी बच्चन ने जवाब दिया अरे वाह अपने बेटे का समाचार आपके पास नहीं है। इंद्रा ने जवाब दिया अरे यही तो मुसीबत है मुझे तो अपने बेटे की खैर खबर भी तुम्हारे बेटे से लेनी पड़ती है। राजीव मुझे चिट्ठी लिखे या ना लिखे लेकिन अमिताभ को चिट्ठी जरूर लिखता है। जब राजीव गांधी पायलट बन गए तो अक्सर वो अमिताभ बच्चन को इसकी जानकारी दिया करते थे कि फलां-फलां दिन वो फला-फला route पर रहेंगे और इतने बजे वो इस शहर में पहुंचेंगे।

राजीव जब भी Mumbai जाते तो airport पर उन्हें receive करने Amitabh Bachchan ज़रूर होते थे Amitabh जब कभी सफर में होते तो उड़ान भरने से पहले वो अपनी seat पर बैठते थे लेकिन उड़ान भरने के बाद Rajiv Gandhi उन्हें cockquit में बुला लिया करते थे Jawaharlal Nehru से लेकर Indira Gandhi और Rajiv Gandhi से लेकर Sonia Gandhi तक जीवन के हर मोड़ पर Gandhi परिवार और Bachchan परिवार साथ में रहा सब सुख दुःख के साथ ही रहे लेकिन इस कालखंड में ऐसी कई घटनाएँ हुई जिसकी वजह से इन परिवारों के बीच दूरियां बढ़ने लगी लेखक राशिद अपनी किताब नेता अभिनेता बॉलीवुड स्टार पार एंड इंडियन पॉलिटिक्स में वरुण गांधी के हवाले से लिखा है कि जब आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी को सत्ता गंवानी पड़ी तो बच्चन परिवार ने गांधी परिवार से दूरी बना ली इंदिरा गांधी ने एक प्रस्ताव रखा था कि बच्चन परिवार को एक जनसभा में बुलाया जाए लेकिन अमिताभ बच्चन की माँ तेजी बच्चन ने ये कहते हुए मना कर दिया कि इससे मेरे बेटे के बॉलीवुड गलत असर पड़ेगा

जावेद और शबाना के रिश्ते का अधूरा सच! | The incomplete truth of Javed and Shabana’s relationship!

सत्ता जाने के बाद एक बार संजय गांधी मुंबई गए तो अमिताभ बच्चन उन्हें रिसीव करने एयरपोर्ट नहीं आए जबकि पहले हमेशा वो एयरपोर्ट पर मौजूद रहा करते थे इस व्यवहार से संजय गांधी भी काफी दुखी हुए थे एक पत्रिका सूर्या ने दावा किया था कि nineteen eighty में जब इंदिरा सत्ता में लौटी तो उन्होंने तेजी बच्चन की जगह नर्गिश दत्त को राज्यसभा भेजने का फैसला किया इससे तेजी बच्चन नाराज हो गई थी कहा जाता है कि इस वजह से दोनों के बीच कहा सुनी भी इस घटना के बाद से दोनों परिवारों के बीच दूरियां बढ़ती चली गई कांग्रेस के नेता एमएल फोतेदार ने दो हजार पंद्रह में आई अपनी किताब में लिखा है कि इंदिरा गांधी ने अपनी मौत से कुछ दिन पहले एक बैठक में राजीव गांधी को अमिताभ बच्चन को लेकर एक महत्वपूर्ण बात कही थी इंदिरा गांधी ने राजीव गांधी के अलावा अरुण नेहरू और एमएल फोटेदार को बैठक में बुलाया था के मुताबिक इस बैठक में लोकसभा चुनाव पर चर्चा हो रही थी

इस दौरान उन्होंने अपने बेटे से खास तौर पर दो चीजें कही जो भविष्य में कभी नहीं करनी चाहिए इसमें पहली बात थी तेजी के बेटे Amitabh को कभी भी चुनावी राजनीति में मत लाना अब आपको बताते है Rajiv और Amitabh के रिश्ते कैसे बिगड़े Rajiv Gandhi ने Indira Gandhi की चेतावनी को बहुत हल्के में लिया Indira Gandhi के निधन के बाद उन्नीस सौ चौरासी के लोक सभा चुनाव में Rajiv Gandhi ने खुद अपनी तरफ से Amitabh Bachchan को इलाहाबाद seat से चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया Rajiv Gandhi की सरकार बनी Amitabh Bachchan जीतकर संसद पहुँचे इसी बीच Bofors घोटाले की संसद से लेकर सड़क तक सुनाई देने लगी राजीव गाँधी के साथ इसमें अमिताभ बच्चन का नाम भी घसीटा गया बस यहीं से अमिताभ बच्चन ने एक बार फिर से राजीव गाँधी से दूरियाँ बनानी शुरू कर दी अमिताभ बच्चन अपने फ़िल्मी करियर को बचाने के लिए राजनीति से दूर होना चाहते थे

और अपने दोस्त राजीव को संकट की घड़ी में उन्होंने अकेला छोड़ दिया अमिताभ बच्चन ने इलाहाबाद लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया राजीव गाँधी ने अमिताभ बच्चन से इस्तीफा लिया था इसके बाद अमिताभ बच्चन ने राजीव गाँधी से बना ली Bofors कांड के बाद हुए चुनाव में Rajiv Gandhi को सत्ता गंवानी पड़ी वरिष्ठ पत्रकार Santosh Bhartiya ने अपनी किताब V P Singh, Chandra Shekhar, Sonia Gandhi और मैं में लिखा है कि Rajiv Gandhi ने एक बार Amitabh Bachchan को साफ कह दिया था ये बात उस समय की है जब V P Singh सरकार के समय Rajiv Gandhi विपक्ष के नेता थे और Amitabh Bachchan उनसे मिलने आए थे उस वक्त Congress के वरिष्ठ नेता Rajiv Shukla भी वहाँ मौजूद थे जब Amitabh चले गए तो Rajiv Gandhi ने कहा he is a मतलब वो एक सांप है, तो कुछ इस तरह से वो कविता वाली लाइन से शुरू हुआ इन दोनों परिवार का रिश्ता इस स्नेक वाली लाइन पर आकर खत्म हो गया.

देवरा vs स्त्री 2 बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 5 दिन | Devra vs Stree 2 Box Office Collection 5 Days

शाहबाज खान को किस फिल्म ने बर्बाद किया? | Which movie ruined Shahbaz Khan?

शाहबाज खान जिनका जन्म हुआ था tenth मार्च nineteen sixty सिक्स के दिन हिंदुस्तानी classical music के एक बहुत बड़े नाम हुए हैं उस्ताद अमीर खान जो इंदौर में रहा करते थे उनके घर इनका जन्म हुआ और उस वक्त मैं आपको बता दूँ कि हिंदुस्तानी classical music की सेवा करने के लिए उस्ताद अमीर खान को पद्म भूषण award भी मिला था। संगीत नाटक अकादमी award भी मिला था।

जैसे ही था शहबाज खान का जन्म हुआ इसके कुछ ही दिनों बाद इनके जो पिता थे उस्ताद अमीर खान जिनका मैं जिक्र कर रहा हूँ वो अपने पूरे फैमिली के साथ उस वक्त बॉम्बे कहते थे आजकल मुंबई कहते है यहाँ शिफ्ट हो गए और इसीलिए ये जो शाहबाज खान है इनकी शुरुआती पढ़ाई मुंबई शहर में ही पूरी हुई शाहबाज खान जब करीब छह या सात साल के रहे होंगे उसी वक्त उस्ताद अमीर खान साहब का कोलकाता में जो अब कोलकाता कहलाता है वहां कार दुर्घटना में निधन हो गया अब इतनी छोटी उम्र में पिता के निधन के बाद इनकी माँ रईसा बेगम इन्हें लेकर नागपुर चली गई।

देवरा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 4 दिन | Devra Box Office Collection 4 Days

तो इनकी आगे की पढ़ाई जो थी वो उन्होंने नागपुर कैंट का एक सेंट जोसेफ स्कूल है अह सेंट जोसफ जोसफ स्कूल कैंप्टी वहां से इन्होंने पूरी की। इसके बाद नागपुर शहर के हिस्लोप कॉलेज से इन्होंने अपना ग्रेजुएशन किया और यहां आपको ये भी बता दें कि शाहबाज खान का जो असल में नाम रखा गया था पहले वो हैदर अमीर है। लेकिन ये हुए शहबाज खान के नाम से। असल में फिल्मों में आने के बाद इन्होंने अपना नाम हैदर अमीर से बदलकर शहबाज खान रख लिया था। हालांकि शुरुआत में फिल्म इंडस्ट्री में ये एक सिंगर के तौर पर काम करना चाहते थे जाहिर है इनके पिता भी बहुत आला दर्जे के सिंगर रहे थे।

लेकिन जब ग्रेजुएशन इन्होंने पूरा किया। उसके बाद शाहबाज खान ने होटल मैनेजमेंट का एक कोर्स किया। और फिर उन्होंने एक बार में कुछ दिनों तक काम किया लेकिन अब काम में इनका मन नहीं लग रहा था तो आखिरकार एक दिन इन्होंने नौकरी छोड़ दी और वो शहर है ना बॉम्बे वहाँ चले आए, नागपुर छोड़ कर ये साल था nineteen eighty nine का और ये समझिए कि कभी सिंगर बनने का ख्वाब देखने वाले शाहबाज खान को इस समय तक ये एहसास हो चूका था कि वो तो actor बनने के लिए पैदा हुए हैं।

शाहबाज खान को किस फिल्म ने बर्बाद किया? | Which movie ruined Shahbaz Khan?

यानी शुरुआती रुझान रहा सिंगिंग की तरह होटल मैनेजमेंट भी हो गया, नौकरी भी हो गई, पढ़ाई भी हो गई लेकिन असल में इनको लगा कि मैं तो actor बनना चाहता हूँ अब खुद शाहबाज खान की जो माँ रईसा बेगम थी उनसे कहा था कि अह तुम इतना अच्छा गा नहीं पाते हो लेकिन भई तुम्हारे पिता का इतना नाम था लेकिन तुम इतना अच्छा गा नहीं पाते हो इसीलिए बेहतर है कि तुम सिंगर बनने का ख्वाब तो छोड़ दो शाहबाज ने कहा कि बस अब मेरे मन की बात मेरी माँ ने सुन ली है और उन्होंने सिंगर बनने का इरादा तो साइड में रख दिया और एक्टिंग में कैरियर बनाने की जो तैयारी थी उन्होंने शुरू कर दी और ये स्कूल कॉलेज के दिनों से अह काफी कोशिश किया करते थे अह नाटकों में हिस्सा लेने की तो एक्टिंग का थोड़ा बहुत तजुर्बा जो स्कूल-कॉलेज के level पर होता है वो इन्हें मिल गया था शाहबाज ने मुंबई के एक स्कूल एक्टिंग में भी इन्होंने शुरुआत में दाखिला लिया। और क्योंकि अच्छी personality थी इसलिए इन्हें काम के लिए ज्यादा इंतजार करना नहीं पड़ा ये acting अभी सीख ही रहे थे कि कुछ ही हफ्ते के अंदर इनके पास एक बहुत शानदार रोल का offer आया असल में ये वक्त था जब संजय खान अपना एक बहुत बड़ा project the soul of टीपू सुल्तान आपने देखा होगा दूरदर्शन पर बचपन में वो शुरू कर रहे थे। इस शो के लिए संजय खान कुछ नए चेहरों को तलाश रहे थे।

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एक दिन संजय खान की शाहबाज खान पर पड़ गई और उन्होंने तुरंत शाहबाज को टीपू सुल्तान के पिता हैदर अली का रोल ऑफर कर दिया इस समय शहबाज खान की जो उम्र थी वो सिर्फ तेईस साल की थी यानी सिर्फ तेईस साल की उम्र में ये टीपू सुल्तान के पिता हैदर अली के रोल के लिए संजय खान को जम गए अब कमाल की बात ये है कि शाहबाज ने इस शो में सोलह साल के हैदर अली से लेकर उस हैदर अली का भी किरदार निभाया जो अंग्रेजों से लोहा लेता है और हो जाता है।

शाहबाज खान को हैदर अली के रोल में खूब पसंद किया गया और आपके जहन में भी जो इनकी पहली याद है वो टीपू सुल्तान के हैदर अली के रूप में ही जरूर होगी उसके बाद इनका फिल्मी career भी शुरू हुआ। कहते हैं कि टीपू सुल्तान एक हिट शो रहा और उसके बाद इन्हें फिल्मों के offers भी आने लगे और साल उन्नीस सौ इक्यानवे में एक फिल्म आई नाचने वाले गाने वाले इस फिल्म में ये बतौर हीरो नजर आए। वैसे तो इस फिल्म में कादर खान और शक्ति कपूर भी थे लेकिन फिर भी ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रही।

अब ये पहली और आखरी फिल्म थी जिसमें शाहबाज बतौर हीरो नजर आए थे। इसके बाद वो किसी भी फिल्म में फिर कभी बतौर हीरो नहीं दिखाई दिए इनके करियर की दूसरी फिल्म थी मेरी आन ये nineteen ninety three में रिलीज हुई इस फिल्म में ये शेर खान बने थे वही धरतीपुत्र नाम की फिल्म में ये अनवर खान बने अब इनकी टीवी पर वापसी होनी बाकी थी क्योंकि फिल्मों में इनका सिक्का चल नहीं रहा था acting में पसंद आने लगे थे नामचीन चेहरा बन चुके थे लोग इन्हें पहचानते थे फिर nineteen ninety four में एक बार फिर शाहबाज खान की तरफ लौटे और संजय खान की एक और बेहद लोकप्रिय टीवी शो the ग्रेट मराठा में ये महाद्वीजी शिंदे के किरदार में नजर आए इनके इस किरदार को लोगों ने काफी पसंद किया लेकिन दो बड़े टीवी shows और कुछ फिल्मों में काम करने के बाद भी शाहबाज खान को लग रहा था कि इन्हें वो stardom नहीं मिला है

जिसकी ख्वाहिश इन्हें थी मगर जब शाहबाज खान को लोगों ने नीरजा गुलेरी के बेहद लोकप्रिय टीवी शो चंद्रकांता में कुंवर वीरेंद्र के किरदार में देखा तो सब के सब हैरान रह गए। शायद यही वो success थी, यही वो शोहरत थी, जिसका इंतजार शाहबाज कर रहे थे और असल में इन्हें चंद्रकांता ने बेहद मशहूर कर दिया। इनकी dialog delivery और इनका acting style जो था, वो लोगों को बहुत पसंद आया और देखते ही देखते शाहबाज खान पूरे भारत में लोकप्रिय हो गए।

नब्बे के दशक में जिन घरों में टीवी होता था, वहां चंद्रकांता सीरियल का बड़ी बेसब्री से इंतजार होता था कि कुंवर विक्रम आएंगे और सब उनको टीवी पर देखना चाहते थे संडे के दिन सुबह के समय और आखिरकार इसी शो के साथ शाहबाज खान को वो stardom मिल गया जिसकी तलाश में वो अपने घर से निकलकर मुंबई तक आए थे। दो सालों तक चंद्रकांता सीरियल ने दूरदर्शन पर अपनी धाक जमा कर रखी। कुंवर वीरेंद्र विक्रम सिंह यानी शाहबाज खान और राजकुमारी चंद्रकांता यानी शिखा स्वरूप की romantic chemistry उस वक्त ये समझिए कि लोगों को पूरे इंतजार रहता था कि Sunday का दिन कब आएगा जब वो इस romantic chemistry को टीवी पर देख पाएंगे।

चंद्रकांता के बाद बड़े पर्दे पर ना सही लेकिन छोटे परदे पर शाहबाज खान जरूर एक सुपरस्टार बन चुके थे इन्हें एक से बढ़कर एक टीवी shows मिलते रहे इनके प्रमुख टीवी shows की बात करें तो ये नजर आए युग नियत बेताल पचीसी मैं दिल्ली हूँ द्रौपदी, आम्रपाली, सीआईडी आहट महाराजा रंजीत सिंह, नागिन, अफसर बिटिया, का वीर पुत्र महाराणा प्रताप राम सिया के लवकुश और फिर लौट आई नागिन। ऐसे कई टीवी shows में कहा जा सकता है कि दूरदर्शन के जमाने से टीवी पर active रहे शाहबाज खान आज भी जो है television industry से जुड़े हुए बड़े चेहरे हैं और ऐसा नहीं कि इन्होंने सिर्फ टीवी shows में काम किया शाहबाज खान ने बाद में कई और फिल्मों में भी काम किया इनके प्रमुख फिल्मों को अगर हम याद करें तो जय विक्रांता, जिद्दी, किला, मेहंदी, अर्जुन पंडित, हिंदुस्तान की कसम बादल चल मेरे भाई राजू चाचा हम किसी से कम नहीं जानी दुश्मन, द हीरो, जाल, मस्ती, टैंगो चाली लुटेरी दुल्हन, agent विनोद और रक्तधर जैसी फिल्में शामिल है, इनकी आखरी जो release हुई फिल्म है, वो रिस्कनामा है जो दो हजार उन्नीस में release हुई और इस फिल्म में ये अरुण नागर के रोल में दिखाई दिए,

शाहबाज खान ने कुछ तमिल, तेलगु, कन्नड़ गुजराती, पंजाबी और मराठी फिल्मों में भी काम किया है इन्होंने दो हजार अठारह में release हुई Chinese फिल्म Dying To survive में भी काम किया है और कहा ये जा रहा है कि वो फिर से अपनी फिल्मों में come back की तैयारी कर रहे हैं। दोस्तों उम्मीद है शाहबाज खान के बारे में मेरे साथ इस तरह जानना आपको बहुत अच्छा लगा होगा आपकी जो चंद्रकांता की यादें हैं जो आपकी the sword of टीपू सुल्तान की यादें हैं वो ताजा हो गई होंगी। और आप जल्दी से मुझे बताइए कि और ऐसे कौन से चेहरे हैं जिन्हें आप बचपन से देखते आए हैं और आप उनके बारे में जानना चाहते हैं कि वो कहाँ हैं? क्या कर रहे हैं? उनकी जिंदगी की कहानी क्या है?

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उर्मिला के पति को जब आतंकवादी कहा गया तो उर्मिला ने क्या किया? | What did Urmila do when her husband was called a terrorist?

आखिर कौन है उर्मिला मांतुटकर के पति मोहसिन मीर जिनसे तलाक की खबरें आज सबके सामने आ चुकी हैं। हम आपको बता दें कि पचास साल की उर्मिला मातोडकर ने तलाक के लिए चार महीने पहले ही अर्जी दी थी और ये शादी मार्च दो हजार सोलह में एक निजी समारोह में हुई थी। हम आपको आगे बताएंगे कि मोहसिन मीर कौन है और इनकी मुलाकात उर्मिला मातोडकर से कैसे हुई। जिस वक्त ये शादी हुई थी उस वक्त ये शादी कई वजहों से सुर्ख़ियों में रही थी इसमें दो अलग-अलग लोग एक साथ आए थे और उनके बीच दस साल का उम्र का फर्क भी था और इसी बात को लेकर काफी बवाल हुआ।

ये शादी तीन मार्च दो हजार सोलह को हुई थी लेकिन अब आठ साल बाद उनका तलाक होने की खबर है। हालाँकि अभी इस पर कपल की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, उनके अलग होने के कारण भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि ये अलगाव आपसी सहमति से नहीं हुआ है। और इसमें उर्मिला मांतोडकर ने अपनी पहल की है।

देवरा एडवांस बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 3 दिन

इस कपल के करीबी सूत्र ने बताया कि उर्म उर्मिला ने मुंबई के बांद्रा कोर्ट में तलाक के लिए अर्ज़ी दी है। ये भी बताया जा रहा है कि तलाक आपसी सहमति से नहीं हुआ है। उर्मिला मादुटकर भारतीय सिनेमा का एक जाना पहचाना नाम है लेकिन मोहसिन अख्तर मीर ने अपनी शादी के दौरान कम ही लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया था क्योंकि लोग इन्हें जानते ही नहीं थे।

हम आपको बता दें कि मूल रूप से कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले मोहसिन इक्कीस साल की उम्र में बॉलीवुड में एक बड़ा नाम बनने की ख्वाहिशों के साथ मुंबई चले आए। इसके बाद उन्होंने it’s a men’s world जो दो हजार में आई थी फिर लक buses चांस जो दो हजार नौ में आई थी और मुंबई मस्त कलंदर जो दो हजार ग्यारह में आई थी ऐसी फिल्मों में काम किया हालांकि इसके बावजूद उनके acting career को कोई खास गति नहीं मिली। आखिरकार मोहसिन ने अपना ध्यान कारोबार की तरफ मोड़ लिया और फिलहाल अब वो मशहूर fashion डिजाइनर मनीष मल्होत्रा के level के साथ जुड़े हैं जो कश्मीरी शिल्प कौशल को प्रदर्शित करता है।

दो हजार चौदह में मनीष मल्होत्रा ने एक पारिवारिक शादी में मोहसिन की पहली मुलाकात उर्मिला मातोडकर से कराई थी उनका रिश्ता जल्द ही परवान चढ़ने लगा और मुलाकात के सिर्फ दो साल के अंदर उन्होंने गुपचुप तरीके से शादी कर ली। इसके बाद एक मौका ऐसा भी आया जब मोहसिन मीर को लोगों ने आतंकवादी कहा और अपने पति के बचाव में सीधे सामने आ गई थी उर्मिला मांतुटकर और ट्रोलर्स की जमकर क्लास लगाई थी। हम आपको बता दें कि कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले मोहसिन मीर इस्लाम धर्म को मानते हैं।

और उधर मराठी मूल की हिंदू हैं। अब देखना ये है कि इनके बीच तलाक की मुख्य वजह क्या सामने आती है? क्योंकि हर कोई जानना चाहता है कि इतने सारे differences के बावजूद जब दोनों ने शादी की तो यानी चाहत दोनों तरफ रही होगी? तो फिर आखिर आठ साल में ऐसा क्या हुआ? जो सारी चाहत एक तरफ और अब तलाक की नौबत आ चुकी है।

दूसरे धर्म में रचाई शादी अब हो रहे अलग,उर्मिला मातोकर के तलाक की वजह क्या थी?

ऐश्वर्या राय जूझ रही है एक बीमारी से ? | Is Aishwarya Rai suffering from a disease?

Bollywood actress Aishwarya Rai अपने look और खूबसूरती से सभी का दिल जीत लेती है बता दे कि Aishwarya Rai इन दिनों अपने divorce की खबरों की वजह से headlines में है आए दिनों Aishwarya और Abhishek के रिश्ते को लेकर भी social media पर कई तरह के post viral होते है जो इशारा करते है कि दोनों के रिश्तों के बीच में दरार आ चुकी है और वो बढ़ती ही जा रही है इतना ही नहीं Aishwarya Rai को लोग उनके बढ़ते वजन की वजह से भी troll करते है हाल ही में Aishwarya Rai fashion week में नजर आई। लेकिन जैसे ही उनकी फोटो सामने आई लोगों ने उन्हें troll करना शुरू कर दिया। ऐश्वर्या की latest photos देख लोग उन्हें तरह-तरह की सलाहें दे रहे हैं। कोई उन्हें dieting करने के लिए कह रहा है, तो कोई उन्हें gym में workout करने की सलाह दे रहा है।

देवरा एडवांस बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 3 दिन

ऐश्वर्या की लगातार हो रही trolling के बाद उन्होंने इस बारे में कभी भी कुछ नहीं बोला है। लेकिन हाल ही में मीडिया reports में ऐश्वर्या राय को लेकर एक दावा किया गया है, जिसे सुनकर लोग होश उड़ गए है जी हाँ media reports के according Aishwarya Rai एक medical condition से गुजर रही है reports में ये दावा किया गया है कि Aishwarya Rai कई सालों से health related issues से जूझ रही है जिस वजह से वो Bollywood की बाकी actress की तरह diet follow नहीं कर पाती है और ना ही वो अपने weight को control कर पा रही है जिसके लिए कई तरह के supplements भी लेने पड़ते है reports में बताया गया है कि industry के ही एक source ने बताया है कि Aishwarya कुछ सालों से medical condition से गुजर रही है जिसके बारे कोई क्लियर इनफार्मेशन नहीं है.

इस वजह से वो स्ट्रिक्ट डाइट फॉलो नहीं कर पाती है और जिस वजह से उनका वजन भी बढ़ रहा है. और वो वेट लॉस के लिए सप्लीमेंट्स भी नहीं ले पा रही है. इसके लिए उनके स्टाइलिश जिम्मेदार नहीं है, वो अपनी बॉडी के मुताबिक ही अपने कपड़े पहनना पसंद करती है. अभी तक ऐश्वर्या राय और उनकी टीम ने उनकी पर्सनल लाइफ और उनकी मेडिकल कंडीशन के बारे में कोई भी ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं दिया है. फिलहाल तो ऐश्वर्या अभी चुप है और अपनी प्रोफेशनल लाइफ पर ध्यान दे रही है.

लेकिन उनके फैंस उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में में काफी interested रहते हैं। क्योंकि हाल ही में ऐश्वर्या और अभिषेक के divorce की खबरें भी सामने आई थी जिसके बाद से उनके fans काफी shocked हो गए थे और वो नहीं चाहते थे कि ये couple अलग हो। फिलहाल ऐश्वर्या पैरिस से इंडिया लौट आई है लेकिन उनके fans ने फिर से देखा कि आराध्या और ऐश्वर्या ही थे। उनके साथ उनके पति अभिषेक बच्चन नजर नहीं आए। ना वो उन्हें receive करने आए और ना ही वो उनके साथ पेरिस गए थे। आराध्य और ऐश्वर्या दोनों ही events पर अकेले ही पहुंचती है खासा नाराज उनके फैंस अभिषेक और बच्चन परिवार को काफी ट्रोल करते हैं.

स्त्री 2 बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 42 दिन

हवा हवाई गर्ल ने किसको दिया चरम सुख! | To whom did Hawa Hawai girl give charamsukh!

देवी की जिन्हें गुजरे हुए अब छह साल हो चुके हैं। बड़ी-बड़ी आँखें, खूबसूरत चेहरा और आवाज में खनक रखने वाली श्रीदेवी ने अपने अभिनय से इस male dominated industry की काया ही पलट दी। महज चार साल की उम्र से acting की शुरुआत करने वाली श्रीदेवी ने अपनी जिंदगी के पचास साल सिनेमा को दिए और पद्मश्री national award और lifetime achievement समेत कई सारे सम्मान अपने नाम कर लिए। चौबीस फरवरी दो हजार अठारह के दिन जब दुबई से अचानक ये खबर आई कि Sridevi नहीं रही तो कोई यकीन ही नहीं कर सका।

असल में वो अपने भतीजे की शादी के लिए दुबई पहुंची थी। अगले ही दिन उनके पति बोनी कपूर भारत लौट आए थे लेकिन Sridevi वही रुकी हुई थी इसी बीच बोनी कपूर अचानक उन्हें surprise देने पहुँच गए। वो बहुत खुश थी। दोनों date पर जाने वाले थे। जिसके लिए Sridevi तैयार होने के लिए bathroom गई थी लेकिन वहाँ से लौटी ही नहीं। जब दस minute बाद भी वो bathroom से बाहर नहीं निकली, तो Boney Kapoor उन्हें देखने गए, दरवाजा अंदर से बंद था और कोई जवाब नहीं मिल रहा था। जब दरवाजा तोड़ा गया, तो Sridevi bath tub में बेसुध पड़ी हुई थी।

पानी में डूबी हुई Sridevi की साँसे थम चुकी थी। police पहुँची, ambulance आयी और फिर पहुँचा media. रात के करीब एक से दो बजे के बीच का समय था जब media में खबर आई कि Sridevi अब नहीं रही उनके देवर संजय कपूर ने मीडिया channel से उनकी मौत confirm करते हुए मौत का कारण cardiac arrest बताया था। हालांकि postmortem रिपोर्ट में जो सामने आया वो सबको चौंका देने वाला था। फिल्मी दुनिया की चांदनी और हवा हवाई का एक लम्हें में गुजर जाना लाखों चाहने वालों के लिए एक सदमे से कम नहीं था।

स्त्री 2 बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 42 दिन

यही वजह थी कि जब सफेद फूलों से Sridevi की अंतिम यात्रा निकाली गयी तो पूरा शहर उनके साथ चल रहा था और ये बन गया भारत का चौथा सबसे बड़ा अंतिम संस्कार Bollywood की बोलती खबरों से लेकर पुराने सितारों के राज़ खोलती कहानियों तक बात दुनिया के रहस्यों की हो या हैरान करने वाली घटनाओं की YouTube का सबसे रंग बिरंगा content मेरे साथ सिर्फ Ujjwal Trivedi Talks पर तेरह अगस्त उन्नीस सौ तिरसठ के दिन जन्मी Sridevi का असली नाम Shri Amma Yanger Ayyapan था अभिनय उनकी रगों में बसा हुआ था जिस उम्र में बच्चे से बोलना सीखते है तब Sridevi घर आए मेहमानों की नकल उतार कर लोगों का ध्यान खींच लिया करती थी उन्नीस सौ छियानवे में Tamil भाषा की Hindu mythological film Tan Dhan बनाई जा रही थी इस film में उस जमाने के superstar Germany Ganeshan, Shivaji Ganeshan, Savitri, Jayjayalita और ऐसे कई लोग अहम किरदारों में दिखने वाले थे film में भगवान Kartikeya के role के लिए south Indian actor Vijay Kumar को cast किया गया था आखरी समय पर Vijay Kumar को दूसरा role दे दिया गया। जब Kartikeya के role के लिए एक urgent बाल कलाकार की जरूरत पड़ी तो production के किसी व्यक्ति ने film makers से Sridevi के नाम का जिक्र कर दिया।

casting की हड़बड़ी में film makers Sridevi का पता लेकर सीधे उनके घर पहुँच गए। घर पहुँचते ही नन्ही सी Sridevi का एक छोटा सा test लिया गया। जो जाहिर तौर पर उन्होंने pass कर लिया। जब बात पक्की होने को आयी तो makers ने एक शर्त रख दी कि Kartikeya role के लिए बच्ची के बाल मुंडवाने होंगे अब भला तीन साल की बच्ची इसका क्या मतलब समझती लेकिन उसकी माँ अड़ गयी की बाल नहीं कटेंगे अगर makers अड़ जाते तो उनकी film में देरी हो सकती थी तो वो लोग Kartikeya का look बदलने के लिए तैयार हो गए film Kandhan Karoni उन्नीस सौ सड़सठ में release हुई तब Sridevi चार साल की हो चुकी थी ये film जबरदस्त hit रही और Sridevi के चंद मिनटों के role ने हर किसी का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया पहली ही film के बाद चार साल की Sridevi के पास कई फिल्मों के offer आने लगे उन्नीस सौ उनहत्तर में Sridevi को तीन फिल्में Thonaiban Namnadu और Gulabi Akku मिल गयी इन सभी फिल्मों में Sridevi को Baby Sridevi के नाम से credit दिया गया उन्नीस सौ सत्तर में Sridevi ने film Maanna Nirdosi से Telugu cinema और उन्नीस सौ इकहत्तर में film पुनपट्टा से Malayali cinema में entry ले ली फिल्म पुआपट्टा के लिए उन्हें best child artist का केरल state award भी मिल गया Sridevi की भले ही उम्र बहुत कम थी लेकिन उनमें इस कदर था कि child artist के role के लिए वो हर फिल्म maker की पहली पसंद बनती चली गई।

यही वजह थी कि वो सालाना दो-तीन चार फिल्मों में नजर आ ही जाती थी इतनी फिल्मों के लिए baby Sridevi को double shift में काम करना पड़ता था। आधे दिन एक फिल्म की shooting पर जाना होता था और फिर दूसरी फिल्म के लिए निकल जाती थी। shooting के चलते Sridevi का पढ़ाई से मन हटने लगा था। जिससे उनके माँ-बाप चिंतित रहने लगे। busy schedule और पढ़ाई का तालमेल मिलाने के लिए उनके पिता set पर ही एक teacher को भेजा करते थे जो फुर्सत के समय में उन्हें पढ़ाते थे शहर से बाहर shooting होती तो माँ और teacher दोनों साथ में सफर करते थे लेकिन Sridevi को मिलती बढ़ती फिल्मों के साथ साथ acting के साथ पढ़ाई का तालमेल बिठाना बहुत मुश्किल होने लगा था ऐसे में Sridevi ने acting को अहमियत दी और पढ़ाई छोड़ दी

Sridevi ने new Indian Express को दिए हुए अपने एक interview में कहा था मैं school और college जाने से रह गयी लेकिन मैं film industry में आयी और बिना gap के काम करती चली गयी एक artist से मैं सीधे heroine बन गयी कभी कुछ सोचने का समय ही नहीं मिला लेकिन मैं इसके लिए बहुत शुक्रगुजार हूँ एक वक्त ऐसा था जब Sridevi की माँ उन्हें बहुत कम उम्र में heroine बनता नहीं देखना चाहती थी जब K Balachandar ने Sridevi को film Munduru Madichu में lead role दिया तो हर कोई खुश था लेकिन उनकी माँ Rajeshwari नहीं चाहती थी कि वो इतनी कम उम्र में adult role play करें उनका मानना था कि इन roles का Sridevi पर बुरा असर पड़ सकता है इस film में Sridevi को साल की Selvi नाम की एक ऐसी लड़की का role play करना था जो अपने प्रेमी और बहन की मौत के बाद गरीबी में एक बुजुर्ग आदमी से शादी कर लेती है film में Kamal Haasan ने Sridevi के boyfriend का role play किया था जबकि Rajinikanth इस film में villain थे ये Rajinikanth के career का पहला बड़ा role था माँ लगातार film maker से इंकार करती रही लेकिन जब K Balachandra ने उन्हें समझाया तो वो मान गयी इस film में Sridevi को Rajinikanth से ज्यादा fees दी गयी थी उस जमाने में को इस फिल्म के लिए दो हजार रुपए मिले थे। कमल हासन को तीस हजार रुपए मिले थे जबकि Sridevi को पांच हजार रुपए की fees मिली थी में Sridevi के अभिनय को बेहद सराहना मिली जिसके बाद उन्हें back to back Kamal Hasan और Rajinikanth के साथ फिल्में मिलने लगी। Sridevi ने Kamal Haasan के साथ कुल सत्ताईस फिल्मों में काम किया है।

अब आपको बताते हैं कि Sridevi की शुरुआत हिंदी फिल्मों में कैसे हुई। असल में तमिल फिल्म आई थी। सोलह इसमें lead role निभाया था। बाद में जब इसका हिंदी में remake बना Solva Sawant तो इसमें भी Sridevi को लिया गया इस फिल्म से सोलह साल की Sridevi ने Bollywood में कदम रखा लेकिन इससे पहले वो बतौर child artist Rani, Mera Naam और Julie में दिख चुकी थी।

पर अफसोस ये रहा कि film Solava Sawant Tamil film जितनी कामयाब नहीं हो पाई जिससे Sridevi का हिंदी फिल्मों से मन उठ गया इसके बाद उन्हें चार हिंदी फिल्में मिली लेकिन उन्होंने हर फिल्म ठुकरा दी। पहली हिंदी फिल्म सोलह सावंत flop होने के बाद साल तक Sridevi ने कोई Hindi film नहीं की और उसके बाद film Himmatwala से उन्होंने Hindi cinema में वापसी की उन्नीस सौ तिरासी में Himatwala के साथ Sridevi की छह फिल्में और release हुई और इनमें से ज्यादातर hit रही Himmatwala उन्नीस सौ तिरासी की highest crossing फिल्म थी जिससे Sridevi ने देश भर में पहचान बना ली थी film के गाने नैनों में सपना chart buster रहा और उस दौर में इस गाने ने dance का नया trend शुरू किया इस film में Sridevi के पहने गए कपड़े और भी trend बन गए।

इसके बाद फिल्म सदमा जो कि nineteen eighty three में आई थी इसके लिए श्रीदेवी को फिल्म fare का best actress का nomination मिला। और इसके अगले ही साल उन्नीस सौ चौरासी की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म तोहफा से श्रीदेवी हिंदी फिल्मों की भी स्टार बन गई। उन्नीस सौ चौरासी की फिल्म तोहफा से stardom हासिल करने के बाद श्रीदेवी ने मास्टर जी, नगीना और जांबाज जैसी back to back कई हिट फिल्में दी। फिल्म नगीना जो कि उन्नीस सौ छियासी में आई थी उसकी अकेले कमान संभाल श्रीदेवी देश की पहली female सुपरस्टार बन गई।

हालाँकि ये रुतबा हासिल करने के लिए श्रीदेवी ने अपनी आँखों की रोशनी तक दांव पर लगा दी थी दरअसल फिल्म नगीना में सबसे पहले जया प्रदा को नागिन का lead रोल दिया गया था लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि फिल्म में उन्हें सांपों से झगड़ा करना पड़ेगा तो उन्होंने घबराकर ये फिल्म ही छोड़ दी जया प्रदा के इंकार के बाद डायरेक्टर रमेश मल्होत्रा श्रीदेवी के पास ये offer लेकर पहुंची और वो पहली ही meeting में मान गई।

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उस समय श्रीदेवी एक साथ दर्जनों फिल्मों में काम कर रही थी इसके बावजूद उन्होंने अपने best schedule से film Nagina के लिए समय निकाला film में नागिन बनने के लिए Sridevi को set पर घंटों contact lens पहनने पड़ते थे उस जमाने में lens का चलन ज्यादा नहीं होता था ऐसे में लगातार lens पहनने से उनकी आँखों में दिक्कत होने लगी थी जब Sridevi इलाज के लिए doctor के पास गयी तो doctor ने उनसे कहा था कि अगर आप lens लगाती रही तो आपकी आँखों की रोशनी तक जा सकती है Sridevi का फिल्मों और अभिनय के लिए dedication इस कदर था कि उन्होंने doctor की सलाह के बावजूद लगाकर ही फिल्म की शूटिंग पूरी की और एहतियात रखते हुए वो सेट पर अपने साथ eye drops रखा करती थी और जलन होने पर उसका इस्तेमाल करती थी फिल्म की shooting खत्म होने के बाद जब श्रीदेवी की आँखों में दिक्कत आने लगी तो उन्होंने ऋषिकेश के पास स्थित नीलकंठ मंदिर में मन्नत मांगी थी मन्नत के लिए उन्होंने वहाँ मुसाफिरों के लिए तीन कमरे बनवाए जिन्हें आज भी श्रीदेवी की धर्मशाला के नाम से जाना जाता है।

फिल्म नगीना साल उन्नीस सौ छियासी की दूसरी highest crossing फिल्म रही। वहीं फिल्म का गाना मैं तेरी दुश्मन दुश्मन आज भी लोगों की जुबान पर रहता है एक वक्त ऐसा भी आया जब Sridevi ने mister India की हवा हवाई बनने के लिए मुँह मांगी रकम मांगी थी जब film mister India के producer Boney Kapoor Sridevi को film में cast करने के लिए पहुँचे तो उनकी माँ ने साफ कह दिया कि Sridevi को sign करना है तो दस लाख रुपए fees देनी होगी Boney Kapoor ने कहा मैं आपको दस नहीं बल्कि पूरे ग्यारह लाख दूँगा बात पक्की हुई और ग्यारह लाख रुपए की fees लेकर Sridevi उस वक्त Rekha और Hema Malini को पीछे हिंदी सिनेमा की सबसे महंगी actress बन गई। श्रीदेवी की माँ ने उनसे कहा था अगली बार जब बोनी कपूर के साथ फिल्म करो तो फीस मत लेना। किसे पता था कि दोनों जिंदगी भर के हमसफर बन जाएंगे।

फिल्म मिस्टर इंडिया की शूटिंग तीन सौ पचास दिन में पूरी की गई थी जी हाँ लगातार फिल्म की शूटिंग करते हुए श्रीदेवी को तेज बुखार भी हुआ था और तबीयत बिगड़ने लगी थी लेकिन श्रीदेवी को ठीक उसी समय फिल्म के गाने काटे नहीं कटते ये दिन ये रात शूट करना था। वो भी श्रीनगर की हुई ठंड में scene के मुताबिक Sridevi को एक बहुत ही पतली सी साड़ी पहनकर श्रीनगर की ठंड में भीगते हुए शूटिंग करनी थी श्रीदेवी की तबियत उस समय इतनी बिगड़ चुकी थी कि उन्हें एक सौ दो degree का बुखार था। उनकी माँ नहीं चाहती थी कि वो shooting करें लेकिन अपने काम के लिए जुनूनी श्रीदेवी नहीं मानी और उन्होंने बिगड़ी हुई तबियत में ही पूरा गाना शूट किया। साल उन्नीस सौ सत्तासी में release हुई superhero fictional फिल्म mister इंडिया में reporter सीमा का रोल प्ले करके श्रीदेवी ने superstar हासिल किया। ये cult classic फिल्म एक सौ पचहत्तर दिनों तक सिनेमाघरों में लगी रही।

फिल्म में चालीस की नजर उतारकर श्रीदेवी ने हर किसी को अपना comic timing का मुरीद बना दिया था। कई scene तो ऐसे भी थे जब अमरीश पूरी और अनिल कपूर के dialogues के बीच हर किसी की निगाहें श्रीदेवी पर टिकी थी। कई trade analyst का मानना था कि श्रीदेवी ने अनिल कपूर को भी overshadow कर दिया। जिससे फिल्म का नाम मिस्टर इंडिया नहीं बल्कि मिस इंडिया रखा जाना चाहिए था।

मिस्टर इंडिया में श्रीदेवी का दमदार अभिनय के बाद director Pankaj Parashar ने Sridevi के साथ एक film बनाने का फैसला किया उन्होंने Sita और Geeta का remake बनाने का फैसला किया और उस वक्त Sridevi चार चार shift में काम कर रही थी लेकिन इसके बावजूद वो इस film में काम करने को तैयार हो गयी बाद में इस film में lead role निभाने के लिए Anil Kapoor को approach किया गया लेकिन वो नहीं चाहते थे कि mister India की तरह दोबारा Sridevi उन्हें over shadow कर दे इस डर से उन्होंने ये film ही छोड़ दी उनकी जगह film में Rajinikanth और Sunny को cast किया गया इस फिल्म में पहली बार Sridevi ने double role निभाया था हम बात कर रहे हैं film चालबाज़ की इसके बाद Yash Chopra की film Chandni से fashion icon बन गयी थी Sridevi और उन्होंने इस film के लिए करीब पंद्रह लाख रूपए की fees ली थी इतनी ज्यादा fees लेकर उन्होंने उस वक्त एक बार फिर highest paid actress होने का अपना ही record तोड़ दिया था film में Sridevi के पहने हुए कपड़े fashion का एक नया दौर लेकर आए थे एक वक्त ऐसा भी आया जब Sridevi के मौत हो गई लेकिन उसके बावजूद उन्होंने फिल्म की shooting नहीं छोड़ी।

साल उन्नीस सौ इक्यानवे में Sridevi फिल्म Lamhe की shooting कर रही थी इसी बीच उन्हें अपने पिता की मौत की खबर मिली Sridevi को shooting से break दिया गया और हर किसी ने मान लिया कि अब लम्हे की shooting टल जाएगी लेकिन पिता के अंतिम संस्कार के ठीक अगले दिन Sridevi set पर पहुँच गयी set पर लौटकर उन्होंने अपना एक comedy scene भी shoot किया फिल्म लम्हे के लिए Sridevi को दूसरा best actress का film fair award मिला था समय के इस film को भी cult classic का दर्जा दे दिया गया Sridevi ने जिन भी फिल्मों में double role किए वो फिल्में hit रही बात चाहे चालबाज की हो Lamhe Ki Ho या Khuda Gawaha की, आपको एक किस्सा बताते है film Ladla का असल में साल उन्नीस सौ चौरानवे की film Ladla Divya Bharti के साथ बननी शुरू हुई थी उनके साथ film का एक बड़ा हिस्सा भी shoot कर लिया गया था लेकिन पाँच अप्रैल उन्नीस सौ तिरानवे के दिन Divya Bharti की मौत हो गयी और उसके बाद ये film Sridevi को दी गयी Divya की मौत के छह महीने बाद Sridevi के साथ ये film दुबारा शुरू हुई उनपर फिल्माया गया पहला scene वो था जिसमें वो Raveena Tandon को नौकरी से निकालती है ये scene पहले Divya shoot कर चुकी थी

लेकिन इसे shoot करते हुए वो एक dialogue में बार बार अटक रही थी जब Sridevi ने वही scene shoot किया तो वो भी उसी dialogue में बार बार अटकती रही ये देखकर set पर मौजूद हर कोई डर गया set पर मौजूद लोग सहम गए तो Shakti Kapoor के कहने पर तुरंत एक पंडित जी को बुलाकर set पर पूजा करवाई श्रीदेवी भी ये देखकर डरी हुई थी तो उन्हें संभालने के लिए रवीना टंडन ने उनका हाथ थाम लिया। वहाँ पूजा की गई, नारियल फोड़े गए और उसके बाद फिर से shooting शुरू हुई, ये किस्सा रवीना टंडन ने बॉलीवुड बबल को दिए एक interview में सुनाया था।

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धक् धक् गर्ल ने बताया चोली के पीछे क्या है! माधुरी दीक्षित का जीवन परिचय | Dhak Dhak girl told what is behind the blouse! Biography of Madhuri Dixit

हिंदी सिनेमा की धक-धक गर्ल माधुरी दीक्षित अपनी खूबसूरती, बेहतरीन अदाकारी और dance skills की वजह से हमेशा लोगों को अपना दीवाना बनाए रखती हैं। माधुरी ने अब तक सत्तर फिल्मों में काम किया है, उनके acting career की शुरुआत फिल्म अबोध से हुई थी। हम आपको उनकी कहानी सुनाने जा रहे हैं। बॉलीवुड की बोलती खबरों से लेकर पुराने सितारों के राज खोलती कहानियों तक। बात दुनिया के रहस्यों की हो या हैरान करने वाली घटनाओं की। यूट्यूब का सबसे बिरंगा contact मेरे साथ सिर्फ उज्जवल द्विवेदी talks पर माधुरी दीक्षित का जन्म पंद्रह मई उन्नीस सौ सड़सठ को मुंबई में एक मराठी ब्राह्मण family में हुआ था। उनके माता-पिता शंकर और स्नेह लता दीक्षित के चार बच्चे थे।

शुरू से ही माधुरी को dance में रूचि थी तो उनके पिता ने उन्हें तीन साल की उम्र से ही कत्थक क्लास में प्रवेश दिलवा दिया। आठ साल की होने तक माधुरी दीक्षित एक trained कत्थक dancer बन चुकी थी जब माधुरी आठ साल की थी तब उन्होंने गुरु पूर्णिमा पर आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर माधुरी का डांस इतना अच्छा था कि वहां मौजूद एक journalist ने इस program पर एक article लिखा जिसकी headline थी इस छोटी सी बच्ची ने कार्यक्रम को चुरा लिया। जिसके कुछ समय बाद नौ साल की उम्र में माधुरी दीक्षित को कत्थक के लिए scholarship मिल गई।

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माधुरी schooling के दौरान भी acting में काफी active रहती थी स्कूल में हो रहे हर ड्रामा में माधुरी भाग लेती थी कॉलेज में पहुँचकर माधुरी ने बीएससी की पढ़ाई की लेकिन उनका मन पढ़ाई में कम और acting में ज्यादा लगता था इसीलिए उन्होंने पढ़ाई को बीच में ही छोड़कर फिल्मों में काम करने का मन बना लिया माधुरी की पहली फिल्म nineteen eighty four में आई नाम था अबोध ये फिल्म बुरी तरह फ्लॉप रही लेकिन इस फिल्म में माधुरी की performance को critics ने खूब प्यार दिया जिसके बाद nineteen eighty five में आई फिल्म आवारा बाप भी बुरी तरह फ्लॉप रही इसी बीच एक फोटोग्राफर ने उनकी फोटो खिंच ली जो उस वक्त की पॉपुलर मैगजीन डेबिनार के कवर पर छपी ये फोटो इतनी अच्छी थी कि nineteen eighty सिक्स में माधुरी को कवर गर्ल के फिल्म fair पुरस्कार से नवाजा गया.

लेकिन अब तक माधुरी को फिल्मों में वो पहचान नहीं मिली थी जिसकी उन्हें तलाश थी अब तक माधुरी की सभी फिल्में फ्लॉप हो रही थी लेकिन हर फिल्म में उनकी एक्टिंग और उनकी मेहनत की तारीफ हो रही थी और इसी दौरान उन्हें एक फिल्म मिल गई नाम था तेजाब nineteen eighty eight में अनिल कपूर के साथ leading रोल में नजर आई माधुरी को फिल्म में रातों-रात स्टार बना दिया। ये फिल्म उस वक्त की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक थी।

फिल्म तेजाब के बाद माधुरी दीक्षित हिंदी सिनेमा का एक जाना-माना नाम बन गई। जिन्हें हर डायरेक्टर अपनी फिल्म में कास्ट करना चाहता था। माधुरी दीक्षित एक ऐसी actress है, जिन्होंने अपने करियर में लगभग बॉलीवुड के सभी सुपरस्टार्स के साथ काम किया है। उन्होंने तीनों खान के साथ ना सिर्फ काम किया बल्कि कुछ फिल्मों में उनसे ज्यादा फीस भी ली है।

जी हाँ ये बात बहुत कम लोग हैं बॉलीवुड की successful फिल्म हम आपके हैं कौन में माधुरी ने सलमान खान से ज्यादा फीस ली थी इस फिल्म के लिए माधुरी दीक्षित को दो करोड़ सत्तर लाख रुपए दिए गए थे माधुरी अपने जमाने की highest paid actress में से एक रही हैं एक उनका पुराना किस्सा हैं शेखर सुमन से जुड़ा हुआ उस जमाने में माधुरी स्टार नहीं थी शेखर सुमन को एक बार एक निर्देशक सुदर्शन रतन का फोन आया उन्होंने शेखर से कहा की मैं एक फिल्म प्लान कर रहा हूँ और उसका टाइटल मानव हत्या।

देवरा एडवांस बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 2 दिन | Devara Advance Box Office Collection 2 Day

तो उन्होंने कहा कि अच्छा हीरोइन कौन है? तो उन्होंने कहा कि हीरोइन तो कोई नई लड़की है। और उसने अभी तक सिर्फ एक ही फिल्म की है वो राजश्री के साथ अबोध। शेखर ने पूछा कि अच्छा भाई फीस कितनी दोगे? तो सुदर्शन ने कहा कि पैसे तो नहीं दे पाऊंगा। शेखर ने कहा पैसे दोगे नहीं और हीरोइन भी कोई नई है तो कैसे काम करूंगा? खैर उनकी बहुत request पर शेखर सुमन तैयार हो गए। तो वो शेखर को लेकर गए मुंबई में अंधेरी ईस्ट के जेबी नगर के इलाके में और वहां एक छोटा सा घर था। सुदर्शन ने शेखर से कहा कि इसी घर में हीरोइन बस अभी दो मिनट में आती होगी।

अंदर से माधुरी दीक्षित निकली और माधुरी दीक्षित को देखकर शेखर सुमन ने अपना फैसला बदल लिया और उन्होंने कहा कि भाई ये हीरोइन तो बहुत खूबसूरत है मैं तो जरूर काम करूंगा। इस फिल्म के बाद शेखर और माधुरी की अच्छी दोस्ती हो गई। माधुरी के पास सेट पर जाने के लिए कोई साधन नहीं था और वो बस से सेट पर आया करती थी लेकिन दोनों की दोस्ती के बाद शेखर सुमन अपने माधुरी दीक्षित को सेट पर ले जाने लगे नब्बे के दशक में संजय और माधुरी बॉलीवुड की हिट फिल्मों की गारंटी माने जाते थे

जी हाँ संजय दत्त और माधुरी दीक्षित फिल्म साजन में काम किया था और दोनों ने थानेदार खतरों के खिलाड़ी और महानता जैसी फिल्मों में भी काम किया था और इन फिल्मों के दौरान ही दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई लेकिन nineteen ninety one में आई फिल्म साजन के दौरान दोनों के बीच नजदीकियां कुछ ज्यादा ही बढ़ गई जिसके बाद फिल्म खलनायक की शूटिंग के दौरान दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया हालांकि संजय दत्त शादीशुदा थे और शादी से उनकी एक बेटी भी थी जब इस रिश्ते के बारे में माधुरी के घर वालों को पता चला तो उन्होंने माधुरी को संजय से मिलने के लिए मना कर दिया लेकिन माधुरी संजय दत्त के लिए अपने घरवालों से बगावत करने तक को तैयार थी दोनों एक दूसरे से शादी करने की तैयारी भी कर चुके थे लेकिन nineteen ninety four में हुए बॉम्ब ब्लास्ट में संजय दत्त का नाम आने से इन दोनों का रिश्ता खत्म हो गया.

इसके बाद संजय को पुलिस ने गिरफ्तार किया इस ब्लास्ट में कई लोगों की जानें गई थी इसके बाद माधुरी ने संजय की ओर कभी नहीं देखा और उनसे सारे रिश्ते खत्म कर लिए। संजय ने माधुरी से कई बार कांटेक्ट करने की कोशिश भी की लेकिन माधुरी ने कभी उनसे बात नहीं की हालांकि दोनों की जोड़ी छब्बीस साल बाद दो हजार उन्नीस में आई फिल्म कलंक में एक साथ नजर आई थी फिल्म तो फ्लॉप रही पर दोनों के फैंस के लिए संजय और माधुरी को एक साथ देखना एक विसुअल ट्रीट की तरह था संजय दत्त से दूर होने के बाद माधुरी पूरी तरह टूट चुकी थी ऐसे में वो अपने करियर में किसी तरह आगे बढ़ना चाहती थी इसीलिए परिवार की पसंद से जब उनका carrier कामयाबी पर था उसी वक्त उन्होंने अमेरिका में एक cardiovascular surgeon डॉक्टर श्री राम नेने से nineteen ninety nine में शादी कर ली शादी के बाद माधुरी अमेरिका में जाकर रहने लगी श्री राम नेने से माधुरी के दो बच्चे भी है.

हालांकि दस साल तक अपने देश से दूर रहने के बाद दो हजार ग्यारह में माधुरी ने अपने परिवार के साथ भारत में शिफ्ट होने का मन बना लिया। माधुरी वैसे तो कई दिलों पर राज करती है लेकिन उनके सबसे बड़े फैन होने का दावा मशहूर painter एमएफ हुसैन करते थे। एमएस हुसैन माधुरी की खूबसूरती के दीवाने थे, उन्होंने माधुरी की कई पेंटिंग्स भी बनाई यहाँ तक कि उन्होंने एक बार बताया था कि उन्होंने माधुरी स्टारर फिल्म हम आपके हैं कौन sixty seven times देखी है।

एमएस हुसैन माधुरी दीक्षित के इतने कायल थे कि उनकी हर फिल्म थिएटर में देखने जाते थे। माधुरी के देश के साथ-साथ विदेशों में भी काफी फैन रहे हैं। पाकिस्तान में भी माधुरी के लिए कम दीवानगी नहीं है। रेडियो मिर्ची डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने ताना मारा था अगर भारतीय उन्हें माधुरी दीक्षित देते हैं तो हम कश्मीर छोड़ देंगे।

इसके जवाब में भारतीय सेना ने ताना मारते हुए कहा क्या तुम्हें माधुरी से प्यार है। वैसे माधुरी को अब तक छह फिल्म फेयर अवार्ड मिल चुके हैं, साथ ही माधुरी का नाम सबसे ज्यादा बार फिल्म फेयर के nomination में रखा गया है, माधुरी के नाम तेरह बार फिल्म fare nomination का रिकॉर्ड है और वहीं भारत सरकार ने दो हजार आठ में माधुरी दीक्षित को पद्मश्री से भी सम्मानित किया था।

2050 में पुष्पा 2 री – रिलीज होगी! | Pushpa 2 will be released in 2050!

तलाक की खबरों के बीच ऐश्वर्या का बड़ा बयान | Aishwarya’s big statement amid divorce news

अभिषेक बच्चन के साथ ऐश्वर्या के तलाक की खबरें लगातार आ रही हैं लेकिन इस बीच एक वीडियो ऐसा आया है जिसमें कहा जा रहा है कि ऐश्वर्या ने अपनी तरफ से साफ जवाब दे दिया है कि ऐसा उनके बीच में कुछ भी नहीं है असल में ये वीडियो सामने आया है पेरिस फैशन वीक से यहाँ अपनी बेटी आराध्या के साथ पहुंची हुई है ऐश्वर्या और यहाँ एक वीडियो सामने आया और इस वीडियो में क्या करती है ऐश्वर्या कि वो wing करती हैं एक आँख मारती हैं कैमरे की तरफ और अपनी wedding रिंग दिखाती हैं ये कह रही हूँ कि हमारे बीच सब कुछ ठीक है आप लोग कयास लगाना बंद कीजिए इससे पहले अभिषेक बच्चन ने भी एक वीडियो में साफ तौर पर कहा था कि आप लोग तिल का ताड़ बनाकर पेश करते हैं मैं समझता हूँ आपको भी कोई ना कोई स्टोरी फाइल करनी होती है.

इसलिए आप कुछ का कुछ भी छाप देते हैं हम celebrities हैं हमें इस बात का खामियाजा भुगतना पड़ता है और मैं अच्छे से समझता हूँ कि आप झूठ को भी सच बनाकर पेश कर देते हैं और उसके बाद अपनी wedding रिंग दिखाते हुए कहा था still married और अब वैसा ही वीडियो ऐश्वर्या की तरफ से भी सामने आया है देखिए दोस्तों किसी के घर परिवार में क्या चल रहा है वो वो दो लोग या उनके परिवार में रहने वाले जो चार-पाँच लोग हैं जो घर के अंदर रहते हैं वही बेहतर जानते हैं बाहर जो घूम रहे हैं या जो मीडिया घूम रहा है वो सिर्फ जो बाहर दिखता है उसके आधार पर रिपोर्टिंग करते हैं। उन्हें ये नहीं पता कि घर के अंदर क्या चल रहा है तो एक तरह से ऐश्वर्या ने बताने की कोशिश की है एक सेलिब्रिटी के नाते उन्हें इस बात का भी ख्याल रखना होता है, इस बात की मर्यादा भी रखनी होती है कि वो certain language मीडिया के सामने कैमरे के सामने ना बोले लेकिन बहुत कुछ ऐसा होता है जो बिना शब्दों के भी कहा जा सकता है,

क्या बॉलीवुड ने पाकिस्तान के साथ मिलकर रची साजिश

जैसा कि ऐश्वर्या ने कहा है उन्होंने सीधे तौर पर कुछ कहा नहीं, कैमरे की तरफ देखा, विंग किया यानी एक हल्की सी आँख मारी और उसके बाद अपनी wedding नहीं दिखा दी और यही काम अभिषेक बच्चन भी करते रहे हैं, मानो दुनिया को ये बताने की कोशिश हो कि आप भले ही कुछ भी बात रहे हो लेकिन हमारे बीच में सब कुछ ठीक है। दोस्तों मैं आपसे जानना चाहता हूँ बहुत सारे लोग हैं जो रोजाना मैसेजेस करते हैं और इन्फेक्ट इस समय अगर आप यूट्यूब पर जाएं, इंस्टाग्राम पर जाएं या किसी भी सोशल मीडिया हैंडल पर जाएं, सबसे ज्यादा इस बात को लेकर चर्चा हो रही है कि ऐश्वर्या अभिषेक के बीच क्या चल रहा है ऐश्वर्या अभिषेक साथ क्यों नहीं दीखते, वो अलग क्यों दिखते हैं, मान लीजिए हो सकता है कुछ खटपट हो भी गई हो लेकिन इतना बड़ा स्टेटमेंट दे देना मीडिया की तरफ से कि उनके बीच तलाक की खबरें हैं।

ये बहुत बड़ी बात होती है क्योंकि एक घर को बनाने में जितना effort जाता है, एक रिश्ते को बनाने में जितनी कोशिशें जाती हैं मीडिया सिर्फ अपने चटपटी गॉसिप के लिए अपने अह जो कहते हैं ना अपने टैबलाइड अखबारों को चलाने के लिए इस तरह की खबरें छाप देती है, बिना ये जाने कि इसका पूरा सच क्या है? दोस्तों मैं आपसे जानना चाहता हूँ कि जब इस तरह की unconfirmed reports आती हैं आपके सामने और आप भी पन्ने दर पन्ने पलटते चले जाते हैं, scroll करते जाते हैं, reels देखते चले जाते हैं, पढ़ते चले जाते हैं, बिना ये जाने कि सच क्या है? क्योंकि अभी तक कोई भी authentic बयान official नहीं आया जिस बात को साबित करें कि हाँ कुछ हुआ है। लोग अपने-अपने कयास लगाते हैं, लोगों ने बहुत कुछ कहा लोगों ने श्वेता बच्चन के बारे में बहुत कुछ कहा, लोगों ने ये भी कहा कि प्रतीक्षा वाला बंगलोर को गिफ्ट किया गया, उसके बाद खटपट शुरू हुई, तमाम तरह की बातें कही जाती रही हैं।

बहुत सारे लोग अलग-अलग तरीके से अपनी दावे पेश करते हैं, लेकिन ये बात भी अपनी जगह उतनी ही बड़ी, सच है कि अभी तक इस मामले पर कोई साफ बयान नहीं आया है, अगर हम दो की बात करें जब अभिषेक ने साफ तौर पर कहा कि still married और अभी जो ऐश्वर्या का वो वीडियो है जिसमें वो आँख मार रही है और कहती है कि अपनी बेडिंग रिंग दिखा रही है इसका मतलब है कि वो बताने की कोशिश कर रहे हैं कि आप जिस तरीके की बातें कर रहे हैं उन पर प्लीज लगाम लगाई है और ये सारी चीजें हमें इस बारे में भी ध्यान रखने की जरूरत होती है कि उनके बीच एक छोटी बच्ची भी है आराध्या जो हर दिन के साथ बड़ी हो रही है वो जब अपने माता-पिता के बारे में इस तरह की खबरें पढ़ती है, देखती है, जानती है और लोगों को उस तरह से बात सुनती है और ये वही लोग हैं जो ये कहते हैं बच्चों परिवार के प्रशंसक हैं, हम उनके फैन हैं। जाहिर है आप फैन हैं उनकी फिल्में देखते हैं तभी आप उनके बारे में जानना चाहते हैं लेकिन इस सबके बीच बिना confirm हुई खबरों पर ध्यान देना बिना अह सच बताने वाली खबरों पर ध्यान देना।

और इस तरीके से पेश आना इस तरह की खबरों के साथ ये क्या बताता है दोस्तों एक पत्रकार के तौर पर मेरा फर्ज ये भी है कि मैं आप लोगों से भी जानू मैं आपको वो तो बताता ही हूँ जो कि हो रहा है लेकिन एक मेरा फर्ज ये भी मैं आपसे जानू कि आपके सामने जो अखबार या मीडिया इस तरह की खबरें पेश करते हैं क्या आप सिर्फ अपने गॉसिप के लिए सिर्फ अपने टाइम पास के लिए ऐसी खबरों को पढ़ते हैं? या आपको वाकई concern है या आप वाकई कुछ कहना चाहते हैं या आप उनके जिंदगी से सीखना चाहते हैं या आपको ताका झांकी की आदत है? या आप एक तरह से दूसरों के घरों में झाँक कर मनोरंजन निकाल रहे हैं? ये तमाम चीजें क्योंकि आप सोशल मीडिया का जो युग आया है वो हमें ये भी बताता है कि आज हम दूसरों की जिंदगियों में झांकने लगे पर आने वाली reels क्या है?

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यूट्यूब पर आने वाले शॉर्ट्स क्या है? यही है ना जो हमें बताते है कि दूसरे की जिंदगी में क्या चल रहा है और हम उसके आधार पर कई तरह के अनुमान लगाते है कई तरह की बातें कहते है हमारे लिए वो गॉसिप होता है हमारे लिए वो एक बातचीत का विषय बन जाता है हम जब भी किसी से मिलते है हम उसी बारे में पूछते है कि ये हो रहा है क्या और आप अक्सर ऐसे कई सारे जर्नलिस्ट को पत्रकार को ये मानने लगते है कि वो उनके घर में झांक कर आए वो भी जो बाहर चीजें चल रही होती है उनका आकलन करके बताते है उनको देखकर बताते है उनका analysis करते है और आपको बता लेकिन दो लोगों के रिश्ते के बीच में क्या चल रहा है, कोई तीसरा शायद ही कभी analysis कर पाए।

हम बहुत कोशिश करते हैं, बहुत सारे लोग हैं जो मशहूर couples हैं, जो मशहूर चेहरे हैं, जिनको आप रोज दिन रात टीवी पर स्क्रीन पर अपने मोबाइल स्क्रीन पर देखने के आदि हैं, आप उनकी जिंदगी में झांकना चाहते हैं, लेकिन आप सोचिए कि वो भी आपसे कुछ कहना चाह रहे हैं। अभी बहुत सारे लोग होंगे जिनको इस बात में इंटरेस्ट नहीं आएगा कि अरे अच्छा कुछ भी नहीं हो रहा, अरे ये सब कुछ नार्मल है, तो उनको लगता है कि अरे ये तो खबर ही नहीं है। उनको खबर तभी लगती है, जब उसमें होती है उसमें कुछ टूट रहा होता है, कुछ बिखर रहा होता है। तो उस दिन कहीं ना कहीं हमारी मनोदशा को भी बताता है कि हम किस तरह की खबरें देखना, पढ़ना, सुनना चाहते हैं, कई बार हम अपनी जिंदगी में हार रहे होते हैं।

तो हम सामने वाले को जीतता देखकर खुश होते हैं कि चलो मैं नहीं जीत रहा, कोई और तो जीत रहा है लेकिन अक्सर जो celebrity gossip पढ़ने वाले दर्शक होते हैं उनके अंदर ये बात चला करती है कि वो सामने वाले व्यक्ति को हारते हुए देखना चाहते हैं क्योंकि उससे उन्हें संतोष मिलता है कि सिर्फ अकेला मैं ही नहीं हार रहा हूँ, देखो इसके पास इतना कुछ है और ये भी हार रहा है वो सारी मनोदशाएं हैं जो मैं आपके सामने रख रहा हूँ मैं बहुत सारे अपनी audience के messages पढता हूँ, उनसे interact करता हूँ, उनसे बातचीत होती है और बहुत सारे लोग तो सिर्फ यही जानना चाहते हैं कि किसकी जिंदगी में क्या गलत हो रहा है, क्या खत्म हो रहा है, नेगेटिव न्यूज़ सबसे जल्दी फैलती है।

क्योंकि लोग जानना चाहते हैं कि क्या कुछ है जो बिगड़ गया, कहीं ऐसा तो नहीं सिर्फ हम ही बिगड़ रहे हैं, हमारे आसपास और क्या-क्या बिगड़ रहा है, उनको कहीं ना कहीं उसका pleasure मिलता है, इस बात का कि देखो अकेले हम ही तबाह नहीं हो रहे, ऐसे और बहुत से लोग हैं जो तबाह हो रहे हैं ये सारी चीजें हैं जो हमें ये सोचने पर मजबूर करती हैं कि हमारा अपना परसोना क्या है? क्या हम दूसरे की बर्बादी में अपना मनोरंजन देख रहे हैं? क्या हम दूसरे को टूटते हुए देखकर हम खुद इस बात को एक लेकर चल रहे हैं कि देखो फलां का घर टूट रहा है, फलां देखो इतने बड़े हैं, इतने रिच हैं, इतने मशहूर हैं और उसके बाद भी देखो उनका घर नहीं संभला और देखो हमने कैसे अपनी स्थिति को संभाला हुआ है?

ऐसे तमाम तरह के अलग-अलग तरह के दर्शक हैं, मैं आपसे जानना चाहता हूँ, आप भी अपने आस-पास बहुत तरह के लोगों से मिलते होंगे कि इस तरह की जब आपके सामने आती है कि सामने वाले का घर टूट रहा है तो क्या वो आपको एक एक self satisfaction देता है कि देखो फलां का टूट गया और मैंने बचा लिया या आपको लगता है कि हाँ अब इसमें और gossip मिलेगी और मनोरंजन मिलेगा क्या आपके लिए इस तरह की खबरें सिर्फ एक मनोरंजन का साधन है या आपको लगता है कि इस तरह की खबरों से आपको सीखने को मिलता है या आपको लगता है कि आपको बस यूँ ही जानने का शौक है जरा झांके तो जरा देखे तो क्या चल रहा है? अभी अंबानी परिवार की शादी में जो वीडियोज वायरल हुए थे उनमें का मकसद यही था कि बहुत सारे लोग देखना चाहते थे किस तरह की ड्रेस पहनी है, कैसा costume पहना है, कैसे-कैसे बातें करते हैं, कहाँ खड़े होते हैं, क्या माहौल होता है तो ये तमाम चीजें हैं, देखिए आप जिस तरीके का content consume करते हैं वो आपको ये भी बताता है कि आपका अपना पर्सोना क्या है?

मेरे तलाक से मेरी बेटियों को हुआ नुकसान | My divorce hurt my daughters

ऋचा चड्ढा का मैटरनिटी फोटोशूट देख आग बबूला हुए लोग | People got furious after seeing Richa Chadha’s maternity photoshoot

Famous actress ऋचा चड्ढा इस time पर लोगों के निशाने पर है। और वजह बना है उनका maternity फोटो शूट जोकि उन्होंने बेटी के जन्म के बाद अब जाकर सोशल मीडिया पर share किया। ऋचा चड्ढा बॉलीवुड industry की जानी-मानी actress है। ऋचा चड्ढा इन दिनों अपने काम के साथ-साथ अपनी personal लाइफ को लेकर खबरों में है। web series हिरा मंडी की success के बाद ऋचा चड्ढा माँ बनी है।

उन्होंने 16 जुलाई को बेटी को जन्म दिया था। हालाँकि अभी तक ना तो चड्ढा ने अपनी बेटी का नाम reveal किया और ना ही बेटी का चेहरा। fans तो नन्ही परी का मासूम चेहरा देखने के लिए इतने ज्यादा बेताब है कि उन्होंने कई बार ऋचा चड्ढा की सोशल मीडिया पर कमेंट किया है उनके पोस्ट पर कमेंट किया है कि अपनी बेटी का चेहरा reveal करें। ऋचा चड्ढा अपनी बेटी का चेहरा दिखाती उससे पहले ही उन्होंने अपनी कुछ unseen maternity photos को इंस्टाग्राम पर share कर दिया।

तुम्बाड और स्त्री २ के बाद २३ ऐसी फिल्में जो आपके रोंगटे खड़े कर देगी 

जिन photos को देखने के बाद fans जो हैं वो आग बबूला हो गए हैं। ऋचा चड्ढा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर मेटरनिटी फोटो शूट की कुछ photos को शेयर किया। इन photos में आप देख सकते हैं कि ऋचा चड्ढा golden कलर की साड़ी लपेटी नजर आ रही है। उन्होंने साड़ी इस तरह से लपेटी है कि उनका बेबी बंप साफ नजर आ रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा का लोगों का ध्यान किसी ने खिंचा तो वो है ऋचा चड्ढा का बेबी बंप और चेस्ट पर बना काले रंग का डिजाइन।

और इन्ही फोटोस को देखने के बाद लोग ऋचा चड्ढा को बहुत ज्यादा ट्रोल कर रहे हैं। इन photos को शेयर के साथ ही रिचा चड्ढा caption में लिखती है। माया एंजेलो ने कहा है मेरी माँ ने मेरे चारों और अपनी सुरक्षात्मक प्यार बरसाया और बिना जाने क्यों लोगों को लगा कि मेरे पास values है। तुम्हारा value हमेशा रहेगा। मेरी बच्ची की photos मेरी गर्भावस्था के नौवें महीने में हर्ष फोटोग्राफर की तरफ से ली गई थी। मेरी बॉडी पर जो पवित्र प्रतीकों को बनाया गया है।

मेरी नाभि पर जीवन का फूल और मेरी छाती पर दिव्य स्तित्व का प्रतीक है। उस टाइम मुझे नहीं पता मेरी एक बेटी होगी। महिला ब्रह्मांड का पवित्र पात्र है। और जो अपनी छवि के एक और जीवन को दुनिया में लाती है। इसी के साथ actress ने बेटी को daughters डे की बधाई भी दी। happy daughters डे मेरी बेटी हम दोनों एक दिन इन photos को साथ में देखेंगे जहाँ अपने अंदर पोस दिया और मैं ख़ुशी से झूम उठी।

आपको बता दें रचा चड्ढा की photos जहाँ उनके fans को काफी पसंद आई तो वहीं कुछ लोगों ने photos को देखते ही actress को टोल करना शुरू कर दिया। users comment कर रहे इन फोटोज पर उसके साथ ही actress को काफी खरी खोटी सुना रहे हैं आप देख सकते हैं लोगों ने ऋचा चड्ढा के इस maternity शूट पर कैसे-कैसे comment किए हैं हालांकि ऋचा चड्ढा को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि लोग उनके बारे में कैसी-कैसी बातें कर रहे हैं फिलहाल actress अपनी motherhood को काफी enjoy कर रही हैं सोलह जुलाई को उन्होंने प्यारी सी बेटी को जन्म दिया हालांकि अभी तक उन्होंने बेटी का नाम या फिर चेहरा अभी तक सोशल मीडिया पर reveal नहीं किया है.

देवरा एडवांस बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 1 दिन |

तापसी पन्नू को बॉलीवुड ने क्यों दिए इतने झटके, अब है सफल | Why did Bollywood give so many shocks to Taapsee Pannu, now she is successful

तापसी का education qualification बॉलीवुड की कई actresses से काफी high रहा है। दिल्ली के गुरु तेग बहादुर इंस्टिट्यूट of technology से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद तापसी एक फर्म में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर जॉब कर रही थी वहां उन्होंने कुछ apps भी develop की इसी दौरान उन्हें मॉडलिंग के ऑफर आए और फिर वो वहीं से एक्टिंग की फील्ड में आ गई हालांकि बॉलीवुड में उनकी एंट्री इतनी आसान नहीं थी साउथ इंडियन इंडस्ट्री में पूरी दस फिल्में करने के बाद उन्हें बॉलीवुड में पहला chance मिला था। बॉलीवुड की बोलती खबरों से लेकर पुराने सितारों के राज खोलती कहानियों तक बात दुनिया के रहस्यों की हो या हैरान करने वाली घटनाओं की यूट्यूब का सबसे रंग-बिरंगा content मेरे साथ सिर्फ उज्जवल त्रिवेदी टॉक्स पर।

तापसी पन्नू के करीबी लोग उन्हें प्यार से मैगी बुलाते हैं। और कारण ये है कि उनके घुंघराले बाल हैं। और ये fourth class में जब पढ़ती थी, तभी से ये classical dance सीखती रही हैं। first august nineteen eighty seven को दिल्ली की एक proper पंजाबी फैमिली में जन्मी तापसी के पिता दिलमोहन सिंह पन्नू real स्टेट एजेंट है और उनकी माँ निर्मलजीत एक housewife है तापसी की एक छोटी बहन शगुन पन्नू भी है तापसी का जन्म स्कूलिंग और ग्रेजुएशन सब कुछ दिल्ली में ही हुआ है घुंघराले बालों की वजह से तापसी को एक प्यार भरा नाम मिला मैगी का तापसी ने फोर्थ क्लास से ही कत्थक और भरतनाट्यम डांस की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया था.

शराब के नशे में सलमान ने विवेक को क्या कहा?

स्कूल में भी कई सारे dance competitions उन्होंने जीतने शुरू कर दिए थे। एक मीडिया event की बात है तापसी ने अपने पहले प्यार का उसमें जिक्र किया था उन्होंने बताया था कि जब वो नाइन क्लास में थी तब उन्हें उनके साथ tenth क्लास में पढ़ने वाले एक लड़के से प्यार हो गया था उस समय उनके पास मोबाइल फोन नहीं था तो वो पीसीओ बूथ पर जाकर अपने बॉयफ्रेंड को कॉल किया करती थी कुछ दिनों बाद बॉयफ्रेंड के बोर्ड के एग्जाम शुरू हो गए और पढ़ाई के लिए उसने तापसी से breakup कर लिया के बाद तापसी खूब रोई थी एक इंटरव्यू में तापसी ने ये भी बताया था कि दिल्ली में रहते हुए जब वो डीटीसी की बस में ट्रेवल किया करती थी तब उनके साथ की घटना भी हुई थी दिल्ली के गुरु तेग बहादुर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद तापसी ने एक फर्म में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर जॉब की है इस दौरान उन्होंने फंड स्वैप नाम की एक एप्प को भी develop किया था इसके बाद तापसी को देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी Infosys में काम करने का भी मौका मिला।

यहाँ काम करना IT industry के लोगों का सपना होता है क्योंकि इसे एक सफल career की guarantee माना जाता है। हालाँकि इसी दौरान तापसी को कुछ modeling offers भी मिले और उन्होंने अपना career switch कर लिया। वो कई सारे talent hunt shows का हिस्सा बनी और उसके बाद उन्होंने femina miss fresh face title भी जीत लिया। इसी साल उन्होंने Channel We के talent hunt show get gorgeous सीजन सिक्स के लिए दिया और इसमें वो select भी हो गई। शो में पहुँचकर तापसी का एक्टिंग में interest बढ़ता चला गया मॉडलिंग के दौरान तापसी ने रिलायंस ट्रेंड्स, रेड एफएम, कोका-कोला, पैंटलून, पीबिया सिनेमा और एयरटेल समेत कई सारे बड़े ब्रांड्स के लिए भी किया।

और फिर एक ऐसा वक्त आया जब उन्हें ये महसूस हुआ कि मॉडलिंग के जरिए उन्हें पहचान नहीं मिलेगी, तब तापसी ने खुद को पूरी तरह से एक्टिंग की फील्ड में उतारने का फैसला कर लिया। तापसी के करियर की शुरुआत बहुत अच्छी नहीं थी यहाँ उनका कोई गॉडफादर भी नहीं था हालांकि उनकी पहली ही तमिल फिल्म आडु कलम को छह नेशनल अवार्ड्स मिले पर तापसी को मिली सिर्फ तारीफ उन्होंने तमिल, तेलुगु और मलयालम तीनों भाषाओं में कई सारी फिल्मों में काम किया और उसके बाद उन्हें बॉलीवुड में एंट्री मिली तीन साल में साउथ की दस फिल्में करने के बाद तापसी ने दो हजार तेरह में बॉलीवुड में एंट्री की फिल्म थी चश्मे बद्दूर इसके बाद वो बेबी में भी एक छोटे से दिखाई दी आखिरकार दो हजार सोलह में उन्हें पिंक से बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने का मौका मिल गया इस फिल्म में अमिताभ बच्चन जैसे बड़े कलाकार के होने के बावजूद भी तापसी को नोटिस किया गया इसके बाद मुल्क, बदला, सांड की आँख, थप्पड़, हसीन दिलरुबा और रश्मि रॉकेट जैसी फिल्मों से आज वो हिंदी सिनेमा में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी हैं।

तीन साल बाद भी अनसुलझा है सिद्धार्थ की मौत का सच

पिछले दिनों तापसी ने अपने career की सबसे बड़ी फिल्म डंकी फिल्म में उनके opposite शाहरुख खान हैं। जिनके साथ काम करना का सपना था। तापसी से जुड़ा एक मजेदार किस्सा ऐसा है कि एक बार उन्होंने अपने दोस्त की सलाह पर एक event management company भी शुरू की थी जी हाँ acting के अलावा तापसी The Wedding Factory नाम से एक event management company भी चलाती है इसका idea उनको उनकी एक दोस्त ने दिया था जो लोगों की शादी में मदद करना चाहती थी इसके अलावा वो badminton franchise पुणे seven SS की owner भी है जो premier badminton league में खेलती है इसके अलावा टैलेंट मैनेजमेंट कंपनी केआरआई एंटरटेनमेंट की co-owner भी हैं तीन फिल्मफेयर अवार्ड जीत चुकीं तापसी पन्नू की लिस्ट में भी अपना नाम दर्ज करवा चुकी हैं।

तापसी पन्नू ने सांड की आँख के लिए बेस्ट एक्ट्रेस क्रिटिक्स और थप्पड़ के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड जीता है इसके अलावा लूप लपेटा के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर ओटीटी अवार्ड भी जीत चुकी हैं। दो हजार अठारह में तापसी को फोर्फ इंडिया की celebrity वाली लिस्ट में जो hundred लोगों की लिस्ट थी उसमें sixty seven position दी गई थी publication के मुताबिक उनकी estimated इनकम fifteen पॉइंट four eight करोड़ rupees थी रिपोर्ट्स के मुताबिक इस वक्त तापसी की net worth लगभग पैंतालीस करोड़ रूपए की है। कंगना राणावत की बहन रंगोली ने एक बार तापसी का नाम न लेते हुए कहा था कि कुछ लोगों का बिजनेस कंगना को कॉपी करके ही चल रहा है। इसके बाद तापसी ने उन्हें सोशल मीडिया पर ही तगड़ा जवाब दिया तापसी ने कहा था कि उनकी बहन कंगना ने घुंघराले बालों पर copyright नहीं करवाया है।

कंगना cheap है और industry की highest paid actresses में से नहीं है, कंगना रनौत से कई बार ऑनलाइन बहस की आरोपी रह चुकी तापसी पन्नू इसी साल उस वक्त भी चर्चा में आ गई थी, जब उन्होंने एक फैशन वीक के दौरान माँ लक्ष्मी का एक नेकलेस अपनी रिवीलिंग ड्रेस के साथ पैर करके पहना था, जिसे देखकर सोशल मीडिया users काफी भड़क गए थे और इन पर कई तरह के लगाए थे। समय-समय पर तापसी पन्नू कई बार विवादों का विषय जरूर रही है लेकिन इतना कहना बहुत जरुरी हो जाता है कि तापसी पन्नू ने अपनी मेहनत के बल पर अपनी जगह बनाई है वो बॉलीवुड में जब आई थी तब उससे पहले उन्होंने करीब दस साउथ इंडियन फिल्मों में काम किया और उसके बाद बिना किसी गॉडफादर के अपने टैलेंट के बल पर बॉलीवुड में उन्होंने अपना मुकाम बना लिया है।

आज वो शाहरुख खान के साथ फिल्म कर चुकी जो कि किसी भी बड़ी हीरोइन के लिए एक बहुत बड़े सपने से कम नहीं होता तो तापसी पन्नू देश की उन हजारों लाखों लड़कियों के लिए एक मिसाल की तरह है जो जीवन के किसी भी क्षेत्र में या फिर किसी भी कैरियर में अपने बल पर अपनी पहचान बनाना चाहती है। हमें इस तरह की कहानियां सुनाने की जरूरत इसलिए भी है क्योंकि आज के संघर्ष के दौर में बहुत से लोगों के लिए ऐसी कहानियां सुनना, सुनाना बहुत जरूरी हो जाता है। ताकि बहुत से आम लोगों को मिलता रहे कि अगर आपके सपने सच्चे हैं, आप कड़ी मेहनत कर रहे हैं और अपने पद से डिकते नहीं हैं तो फिर आपको मिलने वाली कामयाबी आपसे कोई नहीं छीन सकता। उम्मीद है तापसी पन्नों की इस कहानी से आप लोग बहुत कुछ सीखेंगे और आप जीवन के चाहे जिस क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाना चाहते हो, ये कहानी आपको कुछ ना कुछ एक नई सीख जरूर देगी.

इतने पंगे फिर भी श्रद्धा ने ठेंगा दिखाया सबको |

महमूद (शिव भक्त ) की अनसुलझी कहानी | The unsolved story of Mahmud (Shiv bhakt)

महमूद एक शानदार कॉमेडियन, एक जबरदस्त अभिनेता महमूद का नाम सुनकर आँखों में चमक ना आए भला ऐसा कौन होगा? महमूद ना सिर्फ एक बहुत बढ़िया एक्टर थे बल्कि एक बेहतरीन इंसान भी थे, उनका जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था और वो खुद को सच्चा मुसलमान भी कहते थे और उनकी शख्सियत को और भी ज्यादा खूबसूरत जो बात बनाती थी, वो ये थी, दोस्तों आप यकीन नहीं करेंगे, जो नए बच्चे हैं, उन्हें नहीं पता होगा कि भगवान शिव के वो परम भक्त जी हाँ हनीफ जावेरी की लिखी किताब महमूद अ man of many moods के लिए इंटरव्यू देते हुए महमूद साहब ने कहा था कि उन्हें बचपन से ही भगवान शिव के साथ खुद का कनेक्शन लगता था, उन्हें महसूस होता था जैसे भगवान शिव ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया हो, भगवान शिव का एक नाम महेश भी है और सा लो पहले महमूद साहब की एक साथी अदाकारा और नामी actress शुभा ने इस बात पर रोशनी डाली थी कि जिन फिल्मों में महमूद जी का नाम महेश होता है वो सुपरहिट हो जाती है।

छोटी बहन लविन टोकियो, जिद्दी, तुमसे अच्छा कौन है? दो कलियां, नया जमाना और कुंवारा बाप। ये कुछ वो फिल्में हैं, जिनमें महमूद साहब ने काम किया और ये फिल्में काफी सफल भी रही और इत्तेफाक से इन सभी फिल्मों में महमूद साहब के किरदार का नाम महेश ही था। शुभा खोटे ने ही महमूद साहब से ये बात भी कही थी कि भगवान शिव की उनपर शायद कुछ विशेष कृपा है। महमूद a man of many modes नाम की अपनी biography book में महमूद अपने बचपन के किस्से का जिक्र किया है। महमूद साहब ने बताया था कि बचपन में एक बार उन्होंने एक सपना देखा था।

इतने पंगे फिर भी श्रद्धा ने ठेंगा दिखाया सबको

उस सपने में उन्हें भगवान शिव दिखाई दिए थे। महमूद साहब सड़क किनारे लगे खंभे से सटकर खड़े थे और भगवान शिव उनकी तरफ आ रहे थे, इस दौरान जो भी भगवान शिव के रास्ते में आया उसके चिथड़े उड़ गए। भगवान शिव महमूद के पास आए और उन्हें अपनी गोद में उठा लिया और फिर एक चीख के साथ महमूद साहब की आँख खुल गई। इस महमूद साहब काफी बीमार पड़ गए फिर जब महमूद साहब से शुभा खोटे ने भगवान शिव वाली वो बात कही तो फिर उन्हें यकीन हो गया कि भगवान शिव के साथ उनका कोई ना कोई कनेक्शन तो जरूर है इसके बाद से ही महमूद भगवान शिव के भक्त बन गए अपने फार्म हाउस में उन्होंने एक मस्जिद तो बनवाई ही साथ ही एक छोटा सा शिव मंदिर भी बनवाया उनके एक दोस्त ने उन्हें भगवान शिव की एक मूर्ति भी गिफ्ट की थी वही मूर्ति महमूद साहब ने अपने फार्म हाउस वाले शिव मंदिर में स्थापित कराई थी.

दोस्तों ये सारी कहानी आपके सामने इसलिए लेकर आया हूँ कि आज जो हमारे देश का माहौल है, लोग धर्म के नाम पर एक-दूसरे को अक्सर नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में बॉलीवुड से आने वाले जो महमूद साहब हैं, ये अपने आप में एक ऐसी मिसाल की तरह हैं, जो आपको ये बताते हैं कि सर्वधर्म एक बिल्कुल बराबर हैं और हम सभी धर्मों का सम्मान कर सकते हैं, वरना आप सोचिए, महमूद नाम सुनकर क्या आपने पहले कभी ये सोचा था कि वो भगवान शिव के परम भक्त हैं। आज की तारीख में हमें ऐसे किस्सों को लोगों तक जाने की जरूरत है। ऐसी बातों को शेयर करने की जरूरत है और इसीलिए मैं आपसे दरख्वास्त करूंगा। कि आप इस वीडियो को जरूर शेयर करें, लोगों तक पहुंचाएं। ऐसी कहानियां, ऐसी सच्ची बातें लोगों तक पहुंचना बेहद जरूरी है। और अगर आपने अभी तक हमारे चैनल को सब्सक्राइब नहीं किया है, तो आप अभी तुरंत सब्सक्राइब कर सकते हैं।

शक्ति कपूर की जिंदगी के ऐसे राज जो आप नहीं जानते

शक्ति कपूर की जिंदगी के ऐसे राज जो आप नहीं जानते | Shakti Kapoor’s life secrets that you don’t know

खोलेंगे शक्तिकपूर के जिंदगी के कुछ ऐसे राज जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं क्योंकि शक्तिक कपूर आज जो करते हैं। वो तो सबको पता है लेकिन एक जमाने में जब शक्तिकपूर, शक्तिकपूर नहीं बने थे। तो उस वक्त उनकी शुरुआत कैसे हुई थी वो मैं आपको इस video में बताने जा रहा हूँ चालीस सा लो से शक्तिकपूर बॉलीवुड में active हैं सात सौ से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि बॉलीवुड में इनका कोई नहीं है और ये दिल्ली से ताल्लुक रखते हैं, इनकी यहाँ कोई जान-पहचान नहीं थी ना ही इनका कोई गुरु था, ना कोई godfather था लेकिन फिर भी शक्ति कपूर ने ना केवल बॉलीवुड में अपनी जगह बनाई बल्कि खुद का एक बड़ा मुकाम भी बना लिया।

.तो आज हम शक्ति कपूर की जिंदगी के वो किस्से आपको सुनाएंगे जो शक्ति कपूर की जो शुरुआती जिंदगी है, जब वो फिल्मी दुनिया में नहीं आए थे। जब ये दिल्ली का एक लड़का हुआ करते थे और कैसे इनके घर का माहौल था, पिताजी का क्या नाम था, कहाँ काम करते थे, मुंबई आए किस तरह के challenges थे इनका पारिवारिक वातावरण कैसा था तो ये सब सुनाने के लिए पहले आपको थोड़ा पीछे लेकर चलते हैं शक्ति कपूर जिनका जन्म हुआ third September nineteen fifty two के दिन दिल्ली में एक इलाका है Karol Bagh इनके पिता का नाम Sikander Lal Kapoor और उनके पिता एक tailor master थे और Connaught Place में ही उनकी खुद की एक दुकान थी Sikander Lal Kapoor ने अपने इस बेटे को नाम दिया था Sunil यानी Shakti Kapoor का असली नाम Sunil है और Sikander Lal Kapoor अपने छोटे से घर में अपनी पत्नी और चार बच्चों के ही ख़ुशी ख़ुशी अपनी ज़िंदगी गुज़ार रहे थे उन्हें नहीं पता था कि उन्होंने Bollywood के सबसे बड़े villain को जन्म दे दिया है लेकिन वो शुरुआत से ही अपने इस बेटे Sunil से परेशान रहते थे यानी Shakti Kapoor को शुरू से ही लोगों को परेशान करने की आदत थी इनका किस्सा ऐसा है कि ये शुरुआत में तीन बार स्कूलों से निकाले गए Shakti Kapoor बड़े शरारती थे school में इनका मन पढ़ाई में कम और बदमाशी करने में ज्यादा लगता था इनकी बेतहाशा शरारतों के चलते कई स्कूलों से इन्हें कई बार निकाला गया

जैसे तैसे इन्होंने बारहवीं पास की और sports कोटे से इन्हें दिल्ली के Kirodimal college में दाखिला मिल गया शक्ति कपूर बचपन से ही cricket के बड़े शौक़ीन थे और ये बढ़िया cricket खेला करते थे और ये cricket ही था जिसकी मदद से इन्हें Kirodi Mal College जैसे दिल्ली के top college में दाखिला मिला था जबकि पढ़ाई में इनका मामला बहुत ही खराब था अब आपको बताते हैं कि वहाँ क्या हुआ cricket team एक बार की बात है college team से cricket खेल रहे थे और इनका नाम भी खूब हो रहा था लेकिन इसी दौरान team का जो captain था उसकी girlfriend से इनका fair शुरू हो गया जब captain को इसकी भनक लगी उन्होंने ना केवल अपनी गर्लफ्रेंड से शक्ति कपूर को दूर कर दिया बल्कि उन्हें कॉलेज की क्रिकेट टीम से भी निकलवा दिया यानी रियल लाइफ में विलेन बनने से पहले ये रियल लाइफ में ही विलन वाले काम करना शुरू कर चुके थे इसके बाद शक्ति कपूर कॉलेज कम ही जाते थे और अपने पिता की फिएट कार लेकर अपने दोस्तों के साथ खूब आवारागर्दी करते थे।

स्त्री 2 बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 18 दिन | Stree 2 box office collection 18 day

उनकी इन हरकतों से परेशान होकर उनके पिता सिकंदरलाल कपूर बड़े नाराज रहते थे और बहुत परेशान रहते थे। और अक्सर इस बात को लेकर उनके उनके झगड़े होते थे दोनों बाप बेटे के कि भाई तुम क्या कर रहे हो? इस तरह से अब से जिंदगी को खराब कर रहे हो और इधर शक्ति कपूर जो थे जो उस वक्त तक सुनील कपूर थे उन पर इस बात का कोई खास असर पड़ता नहीं था अच्छा ये कॉलेज में ही थे तभी इन्हें कुछ modeling के offers भी मिलने लगे थे क्योंकि इनका look अच्छा था। दरअसल मामला ये था कि एक पान की दुकान थी जहाँ से सिगरेट खरीदकर पीते थे उसका मालिक अक्सर इनसे कहता था कि तुम्हें फिल्मों में काम करना चाहिए या फिर modeling करनी चाहिए।

किस्मत ने इनका थोड़ा साथ दिया और एक दिन इन्हें जलाल आगा ने सूर्यवंशी shootings नाम का एक clothing brand होता था। उसका add मौका दे दिया। इसके बाद कई और modeling projects इन्हें मिलते रहे और उन projects से इनकी इतनी कमाई हो जाती थी कि दोस्तों के साथ इनकी रोज पार्टी होती थी और ये modeling से कमाए गए पैसों को अपने दोस्तों के साथ शराब सिगरेट में उड़ा देते थे यानी टिपिकल शक्ति कपूर जो थे वो फिल्मों में आने से पहले टिपिकल शक्ति कपूर बन चुके थे। अच्छा इनका एक ख्वाब भी था कि मैं ट्रैवल एजेंसी खोलूं। तो जैसे कॉलेज खत्म हुआ जैसे-तैसे तो इनके पिता ने पूछा भाई क्या करोगे अब तो तुम कॉलेज से भी बाहर आ हो तो उन्होंने कहा कि भाई पहली बात तो ऐसा है कि तुम मेरी दुकान पर बैठना शुरू करो मैं तुम्हें दूकान का आधा हिस्सा दे देता हूँ उसमें तुम अपना काम शुरू करो तो उन्होंने कहा हाँ ठीक है मैं travel एजेंसी शुरू करूँगा अब शक्ति कपूर को travel एजेंसी में काम करने का तजुर्बा था क्योंकि कॉलेज के दिनों में ये कुछ महीनों के लिए travel

एजेंसी में काम कर चुके थे और अक्सर घर पर कहते थे कि एक दिन मैं अपनी travel एजेंसी खोलूंगा तो पिताजी tailor थे बेटे को बनना था travel एजेंट और ऐसा लग रहा था कि जिंदगी इसी तरह दिल्ली में कटेगी ऊपर वाले ने कुछ और लिखा हुआ था। क्योंकि शक्तिकपूर ने अब जैसे ही अपनी travel agency शुरू करने का mood बनाया तभी अचानक इनके पिता ने अपना फैसला बदल दिया और ये कहा कि मैं अपनी दुकान में तुझे आधी जगह तो नहीं दूंगा और शक्तिकपूर ये बात सुनकर बड़े हैरान हुए सोच में पड़ गए कि अब करें तो आखिर क्या करें? अब किस्सा शुरू होता है कि ये पुणे के फिल्म institute में कैसे पहुंचे। अब शक्ति कपूर को जब पिताजी ने दुकान में आधी जगह देने से मना कर दिया तो इनके समझ में आना बंद हो गया कि अब करें क्या? भविष्य का सवाल था कुछ तो करना और ये समय भी उनका बड़ा important था, नए-नए कॉलेज से निकले थे, जवान थे।

इसी दौरान इन्हें पता ये चला कि इनके कुछ दोस्त हैं जो एफटीआईआई, पुणे में admission लेने की तैयारी कर रहे हैं और उसका form भर रहे हैं। अपने दोस्तों को ऐसा करते देखकर इन्होंने भी वो form भर दिया और ये सोचकर कि अगर दाखिला ना भी मिला तो कम से कम चलो पुणे घूम आएँगे, मज़ा आएगा। दोस्तों के साथ Pune पहुँच गए और इत्तेफाक से इनके किसी भी दोस्त का admission FTII में नहीं हुआ पर इनका हो गया अकेले इनका यही वो वक्त था जब शक्ति कपूर को एहसास हुआ कि किस्मत ने कुछ तो प्लान उनके लिए बना रखा है अच्छा एफडीआईआई में जब ये दाखिला लेने पहुंचे तब इनके पास सिर्फ सात सौ रुपए थे और ये ट्रेन से दिल्ली से मुंबई गए थे इनका प्लान ये था कि पहले मुंबई जाएंगे और फिर वहां से पुणे जाएंगे जिस ट्रेन से ये मुंबई तब बम्बई कहते थे जा रहे थे इत्तेफाक से उसी ट्रेन में अनिल वर्मा भी थे और वो भी एफडीआई जा रहे थे ट्रेन में इन दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई और अनिल वर्मा ने इन्हें सलाह दी कि मुंबई में lodge में रुकने की जगह तो मेरे साथ मेरी बहन के घर चलो।

Shakti Kapoor ने इनकी बात मान ली और ये Anil Verma के साथ उनकी बहन के घर पहुँच गए लेकिन जैसे ही ये Anil Verma की बहन के घर पहुँचे तो इनका सामना हुआ एक बहुत बड़े Bollywood star से जानते हैं कौन थे वो? वो star थे विनोद खन्ना जी हाँ और विनोद खन्ना से इनका सामना ही नहीं हुआ बल्कि इनकी दोस्ती भी हो गई। असल में हुआ क्या कि जैसे ही अनिल वर्मा की बहन के flat पहुँचे Anil के साथ में तो वहाँ देखा Vinod Khanna बैठे है Rakesh Roshan बैठे है Rajesh Roshan बैठे है तो इतने सारे लोग वहाँ कैसे बैठे है तो Shakti Kapoor ने जब Anil Verma से पूछा कि भाई ये उनकी बहन क्या करती है ऐसा कि इतने बड़े बड़े hero उनके घर पे बैठे है उन्होंने कहा ऐसा है कि जो मेरी बहन है इनकी शादी हुई है Vinod Khanna के एक भाई है Pramod Khanna उनसे और इसलिए Vinod Khanna इनके घर आते रहते है Shakti Kapoor ने अब वहाँ पर Vinod Khanna से दोस्ती कर ली और उनका सबसे बहुत अच्छा याराना हो गया in fact कहते है कि Vinod Khanna से इतनी अच्छी दोस्ती हो गई कि मुंबई से पुणे खुद विनोद खन्ना उन्हें छोड़ने आए और अह बाकायदा उन्होंने कहा कि नहीं-नहीं मेरी तो तुमसे बहुत अच्छी दोस्ती हो गई तुम अकेले नहीं जाओगे तो मुंबई से वो पुणे छोड़ने जाते हैं इनको एफडीआई में आने के बाद शक्ति कपूर ने अपना पुराना रवैया तो छोड़ा नहीं वो यहाँ भी खूब शराब, सिगरेट, पार्टी ये सब चलता था

कई दफा तो कॉलेज कैंपस में भी इन्हें शराब के नशे में देखा गया उन दिनों मिथुन चक्रवर्ती जो कि FDI में शक्ति कपूर के senior थे जब उन्हें मालूम पता चला कि एक ऐसा कोई फ्रेशर आया है जो ऐसी हरकतें करता है वो शराब, सिगरेट पीता है, खुले आम घूमता है। तो एक दिन मिथुन चक्रवर्ती ने as a senior शक्ति कपूर को बुलाया और उनको एक कमरे में लेकर गए। और ऐसा कहते हैं कि वहाँ पर मिथुन दा ने शक्ति कपूर को बहुत पीटा मिथुन ने इन्हें चेतावनी दी कि ये कभी भी FTII campus में ऐसी हरकत फिर से ना करें और मिथुन दा की इस चेतावनी से शक्ति कपूर काफी घबरा गए, अगले चार दिनों तक इन्होंने खुद को कमरे में बंद कर लिया हालांकि बाद में campus में ही इनकी मिथुन से फिर दोस्ती भी हो गई अब सवाल ये है कि पुणे तो पहुँच गए लेकिन पहली फिल्म कैसे मिली?

स्त्री २ को पीछे छोड़ने वाली मूवी तुम्बाड होगी री रिलीज | Tumbbad movie which left Stree 2 behind will be re-released

मिथुन जब एफडीआई से पास आउट होकर मुंबई आ गए तो ये शक्ति कपूर अक्सर मिथुन से मिलने मुंबई आते थे और मिथुन के घर पे ही रुकते थे मतलब एक जमाने में मिथुन ने इनकी पिटाई की लेकिन फिर ऐसी दोस्ती हो गई थी ये मिथुन के घर पे रुका करते थे, इसी दौरान मुंबई में इन्हें कुछ विज्ञापनों में काम करने का मौका मिल गया और फिर एक फिल्म मिली, इन्हें एक छोटा सा रोल मिला, फिल्म का नाम था खेल खिलाड़ी का इस फिल्म में धर्मेंद्र और शबाना आजमी थे, ये फिल्म चली लेकिन Shakti Kapoor के इस छोटे से role को लोगों ने खूब पसंद किया Shakti Kapoor जब FTII से ah pass out होकर Mumbai आए तो Vinod Khanna ने इन्हें free में रहने के लिए एक जगह दे दी और ये तकरीबन छह सालों तक वहाँ रहे इस दौरान ये कई सारी ऐड फिल्मों में काम करते रहे

फिर एक दिन ऐसा आया जब Firoz Khan ने इनकी किस्मत हमेशा के लिए बदल दी तो उस जमाने में इनको जो छोटी मोटी कमाई होती थी modeling वगैरह करके उससे उन्होंने थोड़े बचा लिए थे शक्ति कपूर ने एक second hand fiet कार खरीद ली थी एक दिन ये अपनी इसी fiet कार से कहीं जा रहे थे कि इनका accident एक Mercedes के साथ हो गया अब शक्ति कपूर इतने गुस्से में थे कि यार ये देखो Mercedes वाला इसने मेरी Fat में टक्कर मार दी और फिर ये भी डर था कि ऐसा ना हो कि कहीं ये Mercedes वाला मेरे ऊपर चढ़ जाए और मुझसे माँगने लगे पैसे मेरे पास तो पैसे नहीं है अब Mercedes के driver से इनकी कुछ देर बहस हुई वहाँ पे लेकिन जब इन्होंने देखा कि Mercedes car में से Feroz Khan खुद उतर रहे है तो इनका गुस्सा ठंडा हो गया और Shakti Kapoor उनसे ये कहने लगे कि अरे आप मुझे कुछ role दे दीजिए film में इसके बाद Feroz Khan से भी इनकी अच्छी जान पहचान हो गयी और Feroz Khan ने इन्हें दरवाज़ा Ali Baba Margina समेत कई सारी ऐसी कई सारी फिल्में इनको दी और अब हम आपको बताते हैं वो किस्सा कि चलिए फिल्मों में शुरुआत हो गयी Feroz Khan से मिल लिए Vinod Khanna से मिल लिए Mittal Chakraborty से दोस्ती हो गयी

अब ये Shakti Kapoor कैसे बने क्योंकि ये तो Sunil Kapoor थे तो Sunil Kapoor से Shakti Kapoor कैसे बने ये कहानी भी काफी रोचक है दरअसल Sunil Dutt ने इन्हें अपने बेटे Sanjay Dutt की debut film Rocky में cast किया अब एक दिन Dutt साहब ने इनसे कहा कि तुम एक बढ़िया actor हो villain के role में खूब जमते हो लेकिन तुम्हारा ये जो नाम है तुम्हारे काम से match नहीं करता क्यों ना तुम अपना नाम Sunil से बदलकर शक्ति रख लो Dutt साहब का ये idea Sunil को बहुत पसंद आया और उन्होंने कहा कि ठीक है मैं आज से Sunil Kapoor नहीं अब मैं Shakti Kapoor हो जाऊँगा और Shakti Kapoor नाम रखते ही कहते है कि Shakti Kapoor की किस्मत बदल गयी पहले Rocky में Sunil Kapoor यानी Shakti Kapoor को एक छोटा सा role मिला था वही बाद में Sunil Dutt साहब ने इनसे इतना काम कराया क्योंकि इनके काम से काफी impress हुए कि उन्होंने Rocky में इनके role को ही बड़ा कर दिया जब Rocky release हुई तो film industry को ये बात समझ में आ गयी कि Shakti Kapoor में काफी potential है

वो एक बढ़िया कलाकार है इसके बाद तो मानो Shakti Kapoor की किस्मत पूरी तरह से ही पलट गयी Prakash Mehra और Manmohan Desai जैसे दिग्गज directors ने इन्हें अपनी फिल्मों में काम देना कर दिया और देखते ही देखते Shakti Kapoor भारत में एक जाना पहचाना नाम और एक जाना पहचाना चेहरा बन गए बाद में इनकी जोड़ी Kader Khan के साथ भी खूब जमी और आप जानते ही है कि Kader Khan और Shakti Kapoor की जोड़ी जो है वो Bollywood की सबसे hit जोड़ियों में count की जाती है आज भी लोग Kader Khan और Shakti Kapoor को साथ में अगर imagine कर ले तो बहुत सारे लोग हसने लगते है कि हाँ क्या कमाल की इन्होंने फिल्में दी है.

सलमान खान 3.0 ओ के लिए शायद भारतीय सिनेमा का रेडी नहीं है | Maybe Indian cinema is not ready for Salman Khan 3.0.

कंगना ने इमरजेंसी की रिलीज के पहले नया ऑफिस लिया | Kangana takes a new office before the release of Emergency

Emergency की रिलीज़ से पहले कंगना रनौत के बारे में खबर ये आ रही है कि उन्होंने मुंबई में एक करोड़ छप्पन लाख रुपए का अपना एक ऑफिस फेस खरीदा है। जहाँ बहुत जल्द वो अपना नया ऑफिस खोलने जा रही हैं। कंगना के पास मुंबई के बांद्रा इलाके में पहले से ही एक होम ऑफिस और रेजिडेंशियल अपार्टमेंट है हालाँकि खबरें ये भी आई थी कि वो उसे बेच रही है और कंगना के पास इस समय करीब चार-पाँच properties हैं प्राइम लोकेशन पर जो जिसकी कंगना मालकिन है ये जो proper है जो उन्होंने अपने ऑफिस के लिए खरीदी है ये एक बिल्डिंग के nineteenth फ्लोर पर है मीडिया reports बताती है कि आक वन नाम की ये building है

जिसके nineteenth फ्लोर पर ये जो property है करीब अ four hundred and seven स्क्वायर फीट में है और कंगना ने ये डील तेईस अगस्त को की है और इसके लिए उन्होंने करीब nine point three seven lakh rupees की स्टैम्प ड्यूटी भी चुकाई है साथ ही उन्होंने तीस हजार रूपए की registration फीस भी दी है कंगना ने दो हजार सत्रह में मनाली अपना एक आलीशान बंगला बनवाया था जिस पर करीब पंद्रह करोड़ का खर्च आया था मई दो हजार चौबीस में जब कंगना ने लोकसभा चुनाव में भाग लेने से पहले अपनी प्रॉपर्टी डिक्लेअर की तो उन्होंने करीब नाइंटी वन करोड़ रुपीस की प्रॉपर्टी डिक्लेअर की थी और अपने एफिडेविट में कंगना ने अपनी प्रॉपर्टी इसका सारा जिक्र किया था उन्होंने ये बताया था कि चंडीगढ़ में उनके पास चार कमर्शियल यूनिट्स हैं उसकी वो मालकिन है इसके अलावा मुंबई में एक कमर्शियल प्रॉपर्टी और मनाली में एक कमर्शियल बिल्डिंग है साथ ही मुंबई में उनके पास सोलह करोड़ के तीन फ्लैट्स हैं और में जो उनका बंगला है,

छाती के बाल इतने प्यारे क्यों है सलमान और अक्षय को 

जहाँ उनका परिवार रहता है, वो करीब पंद्रह करोड़ रूपए की लागत से बना है। आप जानते हैं दो हजार बीस में बीएमसी ने मुंबई में उनके बंगले का एक हिस्सा तोड़ दिया था, पिछले साल उन्होंने इंटरव्यू में कहा भी था कि बीएमसी ने उनका बांद्रा के पाली हिल स्थित बंगले का कुछ हिस्सा दो हजार बीस में तोड़ दिया था, इसके लिए उन्होंने मुआवजे की मांग की थी मगर अब उन्हें  वापस आएगा इसको लेकर काफी सारी बातें चल रही है देखते है जब ये फिल्म रिलीज होगी उसके बाद क्या होता है क्योंकि फिलहाल emergency के बाद किसी भी फिल्म के बारे में अभी सुनाई नहीं दिया है कि कंगना किसी फिल्म में काम कर रही होंगी हालांकि जब वो चुनाव लड़ रही थी उस वक्त उन्होंने एक बात कही थी कि अगर मैं चुनाव जीत गई तो सिर्फ राजनीति करूंगी फिल्मों से अपनी दूरी बना लुंगी

तो क्या कंगना अपनी दूरी फिल्मों से बना पाएंगी या वो राजनीति और फिल्म दोनों की नैया पर सवार होंगी, दो नाव की सवारी करेंगी, ये अभी तक क्लियर नहीं है, बहुत कुछ पता चलेगा, छह सितंबर के बाद जब उनकी इमरजेंसी को देखते हैं, कैसा रिस्पांस मिलता है, बहुत लंबे समय से कंगना रनौत एक अदद हिट को तरस रही है, बहुत सारी फिल्में उनकी फ्लॉप हुई है सुर्ख़ियों में रहती हैं, कंट्रोवर्शियल बयान देती हैं,

लेकिन वो जो दर्शक सुर्खियां पढ़ते हैं, जो उन्हें सोशल मीडिया पर उनकी कंट्रोवर्सी को फॉलो करते हैं, वो दर्शक उन्हें देखने सिनेमा घरों तक नहीं पहुंचते और यही कंगना के सामने एक बहुत बड़ा चैलेंज है कि उन दर्शकों को वो सिनेमा घर तक खींचकर कैसे लाएं? देखते हैं कंगना कामयाब हो पाती हैं या नहीं?

कंगना रनौत: पंजाब को भी वही बना दिया जाता जो आज बांग्लादेश को बना दिया गया है | Kangana Ranaut: Punjab would have been turned into what Bangladesh has been turned into today

धमकियां मिलने पर भड़क गई है कंगना रनौत | Kangana Ranaut is furious after receiving threats

धमकियां मिलने पर भड़क गई है कंगना रनौत और कह रही है कि मुझे डरा कर चुप नहीं करवा सकते गोलियां मार लें तब भी नहीं डरूंगी emergency पर सिख समुदाय को गलत तरह से दिखाने का नया आरोप लगा है कंगना रनौत पर आप सभी जानते हैं कंगना रनौत की जो फिल्म है emergency वो छह सितंबर को release होने वाली है trailer सामने आते ही ये फिल्म विवादों के घेरे में है दरअसल फिल्म में संत जर्नल सिंह भिंड्रा वाले को दिखाए जाने के बाद से ही कंगना रनौत को मारने की धमकियां मिल रही है हाल ही में विक्की थॉमस सिंह नाम के एक शख्स ने उन्हें सरेआम धमकी दी है कि अगर वो फिल्म में संत जरनैल सिंह भिंडरा वाले को गलत तरह से दिखाएंगी तो उन्हें उसके परिणाम भुगतने होंगे, धमकियां मिलने के बाद अब कंगना ने कहा है कि उन्हें किसी का डर नहीं है, लोग चाहें तो उन्हें गोली मार देंगे, खुद कंगना रनौत कह रही है, जो मंडी से भाजपा सांसद है, चार बार national award जीत चुकी है, अपनी अभिनय क्षमता के लिए, हाल ही में कंगना रनौत ने आज तक टीवी चैनल से बात करते हुए इन धमकियों पर अपना रिएक्शन दिया।

कंगना ने कहा मुझे डरा नहीं सकते, इस देश की आवाज को मैं मरने नहीं दे सकती, ये लोग मुझे धमका लें, गोलियां मार लें, लेकिन मैं नहीं डरने वाली ये गुंडाराज नहीं चलेगा। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी पोस्ट किया गया था, जिसमें कुछ निहंग बैठे हुए हैं।

उनके साथ बैठे विक्की थॉमस सिंह ने कंगना को धमकी देते हुए कहा कि इतिहास को बदला नहीं जा सकता। अगर आतंकवादी गया तो अंजाम के लिए तैयार हो जाना। अब सवाल ये है कि सतवंत सिंह और बे एन सिंह जो कि अह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर गोलियां बरसाने के आरोपी थे वो कौन थे और वो रोल भी करने के लिए तैयार हो जाना ये मैं दिल से बोल रहा हूँ क्योंकि उंगली जो हमारी तरफ करता है वो उंगली हम झटका देते हैं वो संत जरनैल सिंह भिंडरावाला के लिए हम अपना सिर कटवा देंगे ऐसी ऐसी वीडियो में बातें कही गई हैं कि अगर सिर कटवा सकते हैं तो काट भी सकते हैं ऐसी तमाम बातें कही गई हैं।

इस वीडियो पर कंगना ने भी रिएक्ट किया है, उन्होंने अपने ऑफिशियल एक्स प्लेटफार्म जो कि पहले ट्विटर था उस पर एक वीडियो रिपोर्ट करके महाराष्ट्र के डीजीपी हिमाचल और पंजाब की पुलिस को टैग करते हुए इनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की है, आपको बता दें कि छह सितंबर के दिन कंगना की फिल्म है, इमरजेंसी वो रिलीज हो रही है, फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान लगाई गई इमरजेंसी का जिक्र है,

ये उसी पर फिल्म बनी है, ट्रेलर सामने आने के बाद से ही सिख समुदाय को तरह से दिखाए जाने के उन पर आरोप लग रहे हैं हालांकि फिल्म अभी तक किसी ने देखी नहीं है क्योंकि रिलीज नहीं हुई है सबसे पहले पंजाब के निर्दलीय सांसद सर्वजीत सिंह खालसा ने इस ट्रेलर में दिखाए गए दृश्यों पर आपत्ति जताई थी उन्होंने कहा कि इसमें सिखों को गलत तरीके से पेश किया गया है उन्होंने केंद्र सरकार को लेटर लिखकर इस फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग भी की सर्वजीत सिंह खालसा ने कहा कि नई फिल्म इमरजेंसी में सिखों को गलत तरीके से पेश करने की खबरें आ रही हैं जिससे समाज में शांति और कानून की स्थिति बिगड़ने की आशंका अगर इस फिल्म में सिखों को अलगाववादी या आतंकवादी के रूप में दिखाया गया तो ये गहरी साजिश है और ये फिल्म हमारे ऊपर एक मनोवैज्ञानिक हमला है जिस पर सरकार को पहले से ध्यान देकर दूसरे देशों में सिखों के प्रति नफरत भड़काना बंद कर देना चाहिए

आपको क्या लगता है इतिहास के काले पन्नों को पलटने वाली फिल्में क्या हमें वाकई उस तरफ ले जाती है जहाँ उन्हें नहीं जाना चाहिए या आपको लगता है कि इतिहास के काले पन्नों को उलटना और उनपर फिल्म बनाना पूरी तरह सही है। आप किसे सही मानते हैं? आपको लगता है कि कंगना रनौत ने जो emergency जैसा टॉपिक उठाया है वो बिल्कुल सही है या आपको लगता है कि इस समय जो विरोध हो रहे हैं। ये ज्यादा सही है या आप इन दोनों के बीच का रास्ता निकालना चाहते हैं जहाँ आपको ये लगता है कि इतिहास के काले पन्नों को छुआ ही ना जाए क्योंकि इनको छूने से बहुत सारे लोग जो हैं वो अशांत हो जाते हैं। इस पूरे मामले पर आपकी अपनी क्या सोच है उसको बहुत अच्छे से लिखिए।

ये बयानबाजियाँ एक तरफ से दो तरफ से लेकिन इसमें जनता से सवाल कोई नहीं पूछता कि जनता क्या चाहती है मैं अपने प्लेटफार्म पर आकर जनता से ये पूछना चाहता हूँ कि क्या आप ऐसा सिनेमा देखना चाहते हैं या आपको लगता है कि सिनेमा है मनोरंजन के लिए है तो सब्जेक्ट कोई दूसरा भी हो सकता था तो वो लेना चाहिए। या आपको ये लग रहा है कि कंगना जो है अपनी राजनैतिक पारी जो शुरू कर चुकी है उसके लिए एक मैदान वो तैयार कर रही है।