1998 में आई classic फिल्म वीराना का जिक्र हर किसी ने कहीं ना कहीं जरूर सुना होगा। ये horror फिल्म lead actress जैस्मिन धुन्ना की खूबसूरती और boldness के चलते काफी सुर्खियों में रही थी किसी गुड़िया की तरह खूबसूरत गहरी आँखों वाली जैस्मिन ने फिल्म में भूत बनकर लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा था लेकिन यही खूबसूरती उनकी गुमनामी का और कई सारे सवालों का कारण बन गई।
कहा जाता है कि उनकी खूबसूरती मोहित होकर underworld डॉन दाऊद इब्राहिम उन्हें हासिल करना चाहता था। जैस्मिन को लगातार underworld से धमकी भरे कॉल आते थे और इसी बीच वो अचानक गुमशुदा हो गई। पैंतीस सालों से उन्हें किसी ने देखा तक नहीं है। वो कहाँ है और किस हाल में है इससे जुडी कोई पुख्ता खबर अब तक सामने नहीं आई। कभी कहा गया कि underworld के लोगों ने उन्हें kidnap करा लिया था। तो कहीं बोला गया कि वो जान बचाने के लिए इन दिनों एक गुमनाम जिंदगी जी रही हैं। आइए कहानी सुनाते हैं इन्हीं जैस्मिन धुन्ना की।
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साल उन्नीस सौ अड़सठ यानी nineteen sixty eight में जैस्मिन धुना का जन्म मुंबई में हुआ था। middle class परिवार में जन्मी जैस्मिन अपने parents की इकलौती संतान थी। बड़े नाजों से पली जैस्मिन बचपन से ही फिल्में देखने और अभिनय करने में रूचि रखती थी। यही वजह रही कि जब भी स्कूल में कोई cultural program होता था तो जैस्मिन हमेशा plays और dances में हिस्सा लिया करती थी बेहद खूबसूरत जैस्मिन जब मंच पर अभिनय करती थी तो हर छोटे-बड़े शख्स का ध्यान खींच लिया करती थी साल उन्नीस सौ उन्यासी की बात है nineteen seventy nine में जैस्मिन अपने स्कूल के एक प्रोग्राम में अभिनय कर रही थी प्रोग्राम में उस दौर के मशहूर writer डायरेक्टर प्रोड्यूसर एनडी कोठारी भी शामिल थे जैसे ही जैस्मिन ने अभिनय शुरू किया तो एनडी कोठारी उन्हें देखते ही रहे
एनडी कोठारी को महज ग्यारह साल की जैस्मिन का अभिनय इस कदर पसंद आया कि प्ले खत्म होते ही उन्हें एक फिल्म का ऑफर दे दिया। जैस्मिन की उम्र कम थी ऐसे में एनडी कोठारी ने उनके पैरेंट्स से बात करके उन्हें तैयार भी कर लिया। उस फिल्म का नाम था सरकारी मेहमान। इस फिल्म में ग्यारह साल की जैस्मिन के साथ उनसे बाईस साल बड़े विनोद खन्ना को साइन किया गया था। विनोद खन्ना उस जमाने के बड़े स्टार थे। जबकि जैस्मिन एक मामूली सी स्कूल में पढ़ने वाली कम उम्र की लड़की थी। बिना कोई प्रोफेशनल एक्टिंग ट्रेनिंग लिए जैस्मिन ने फिल्म की शूटिंग के दौरान अपने बेहतरीन अभिनय का नमूना पेश किया। जिसे देखकर हर कोई हैरान था।
फिल्म में उन्होंने बिंदिया नाम की चुलबुली गांव की लड़की का रोल प्ले किया था। इस फिल्म के गाने पर्चा मोहब्बत का और सुन सुन रहे सरकारी मेहमान काफी सुने गए। बारह जनवरी उन्नीस सौ उन्यासी यानी twelfth जनवरी nineteen seventy nine को release हुई फिल्म सरकारी मेहमान से जैस्मिन को पहचान तो जरूर मिली लेकिन ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रही। पहली फ्लॉप फिल्म के बाद जैस्मिन के परिवार ने उन्हें फिल्मों में काम करने से रोक दिया। वो चाहते थे कि जैस्मिन पहले अपनी पढ़ाई पूरी करें। जैस्मिन ने परिवार की बात मान ली और अपना सपना अधूरा छोड़कर पढ़ाई पर फोकस करने लगी। जैस्मिन ज्यादा दिनों तक खुद को ग्लैमर वर्ल्ड से दूर नहीं रख सकी।
अभी कुछ ही साल बीते थे कि जैस्मिन ने दोबारा पैरेंट्स से फिल्मों में जाने की बात कही। जब परिवार ने कम उम्र का हवाला देकर उन्हें रोक तो वो पढ़ाई के साथ-साथ मॉडलिंग करने लगी। कॉलेज के दिनों में जैस्मिन को बड़े-बड़े मॉडलिंग projects भी मिलने लगे। जैस्मिन मॉडलिंग में नाम कमा ही रही थी कि एक दिन उनके पास एनडी कोठारी का कॉल आ गया। वही एंडी कोठारी जिन्होंने जैस्मिन को फिल्म सरकारी मेहमान में काम दिया था। वो उस समय फिल्म divorce बना रहे थे जिसके लिए उन्हें खूबसूरत नौजवान लड़की की तलाश थी। जैसे ही उन्हें पता चला कि जैस्मिन मॉडलिंग कर रही है और दोबारा फिल्मों में आना चाहती है तो उन्होंने उनसे संपर्क किया और उन्हें अपनी फिल्म के लिए साइन कर लिया.
इस बार जैस्मिन ने फिल्म डिवोर्स में विजेंद्र घाटगे, शर्मिला टैगोर, पिंडू, जगदीप और केशटूम मुखर्जी जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ स्क्रीन शेयर किया. विजेंद्र घाटगे के साथ बनी उनकी जोड़ी को काफी पसंद किया गया. हालांकि नाइनटीन एटी फोर में रिलीज हुई ये फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई. जैस्मिन की फिल्में फ्लॉप जरूर हो रही थी. लेकिन हर फिल्म के साथ उनकी खूबसूरती की चर्चा बढ़ती जा रही थी. दो गज जमीन के नीचे अँधेरा, तहखाना, guest house और पुराना मंदिर जैसी बेहतरीन फिल्में बनाने वाले रामसेव brothers अपनी horror फिल्मों के लिए इंडस्ट्री में एक अलग पहचान रखते थे। वो अक्सर बी या सी ग्रेट की फिल्में बनाते थे। जिन्हें एडल्ट हॉर्र फिल्मों की कैटेगरी में रखा जाता था।
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करीब सत्रह horror फिल्मों से popularity हासिल करने के बाद रामसेव brothers फिल्म वीराना बनाने की तैयारी कर रहे थे। उनकी लगभग सभी फिल्मों में लड़के ही भूत करते थे। लेकिन वो इस फिल्म में एक ऐसी लड़की की कहानी दिखाना चाहते थे जो लड़कों को लुभाती है और फिर उनका कत्ल कर देती है। फिल्म वीराना के रोल के लिए रामसेव brothers एक खूबसूरत लड़की की तलाश में थे। इसी बीच किसी जानकार के जरिए उन तक जैस्मिन धुन्ना की तस्वीरें पहुंच गई। जैस्मिन की तस्वीरें इतनी खूबसूरत थी कि रामसेव brothers की टीम ने उन्हें मीटिंग के लिए बुलाया। टीम ने उन्हें फिल्म की स्क्रिप्ट सुनाने के साथ-साथ ये भी बताया कि स्क्रिप्ट की डिमांड पर उन्हें फिल्म में कुछ bold scenes भी देने होंगे। एक बड़ी फिल्म का इंतजार जैस्मिन झट से इस फिल्म में बोल्ड सीन करने के लिए तैयार हो गई। nineteen eighty five में ही रामसेव ब्रदर्स ने फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी फिल्म में जैस्मिन के साथ हेमंत बिरजे, विजेंद्र घाटगे, गुलशन ग्रोवर, सतीश शाह और कुलभूषण खरबंदा अहम किरदारों में थे।
1985 में बननी शुरू हुई फिल्म वीराना साल उन्नीस सौ सत्तासी यानी nineteen eighty seven तक बनकर तैयार हो गई। उस समय तक रामसे ब्रदर्स की ज्यादातर फिल्में सेंसर बोर्ड की नजरों से बच जाया करती थी लेकिन जब वीराना बनी तो इस पर सेंसर बोर्ड की कड़ी नजरें थी। इस फिल्म में रामसे brothers की पिछली bold horror फिल्मों से भी ज्यादा bold scenes थे जिन पर सेंसर बोर्ड को कड़ी आपत्ति थी। सेंसर बोर्ड को सबसे ज्यादा आपत्ति उस एक scene से थी जिसमें गुलशन ग्रोवर दरवाजे में बने छेद से जैस्मिन को नहाते हुए देख रहे थे। इसी तरह फिल्म में करीब forty सिक्स अलग-अलग bold और हिंसक scenes पर भी बोर्ड ने ऐतराज जताया। maker से कहा गया कि अगर फिल्म के उन फोर्टी सिक्स सीन्स में सुधार कर सकते हैं तभी इस फिल्म को रिलीज किया जाएगा।
रामसेव ब्रदर्स ने फिल्म को दोबारा एडिट करवाया और करीब आठ महीने तक अटकी रही फिल्म वीराना नाइनटीन एट्टी एट में जाकर रिलीज हुई। वो भी फोर्टी सिक्स बड़े बदलावों के साथ सिक्स में नाइनटीन एट्टी एट को रिलीज हुई वीराना जबरदस्त हिट रही। और फिल्म से जैस्मिन धुना रातों-रात स्टार बन गई। कुछ लोगों ने हॉरर के लिए फिल्म देखी तो वहीं एक बड़ा हिस्सा ऐसा भी था जिसने पोस्टर में दिखाए गए जैस्मिन के बोल्ड अवतार के लिए फिल्म देखी। नतीजतन फिल्म ने लागत से दस गुना ज्यादा पैसा कमाया। फिल्म और जैस्मिन के साथ-साथ राम से brothers को भी main stream सिनेमा में पहचान मिलने लगी। ये फिल्म उस वक्त करीब पैंसठ लाख रुपए में बनाई गई थी जबकि इसकी कमाई छह करोड़ सत्तर लाख रुपए थी।
फिल्म वीराना के हिट होते ही जैस्मिन को कई बड़ी फिल्मों के ऑफर आने लगे। उन्होंने कई फिल्में साइन कर रखी थी। कहा उस समय जैस्मिन की खूबसूरती के चलते underworld डॉन दाऊद इब्राहिम उन्हें अपने साथ रखने की जिद पर अड़ गया था। ये वो दौर था जब फिल्म industry में underworld का दबदबा हुआ करता था। डॉन के कहने पर कई हीरोइनों को फिल्मों में रखा गया या फिर कई बार निकाला भी गया। वहीं underworld को फिल्म का profit देना और उनका पैसा फिल्मों में लगाना भी आम बात हुआ करती थी इसी बीच खबरें आती रही कि दाऊद इब्राहिम लगातार जैस्मिन को धमकियां दिलवा रहा है। धमकियों में कहा गया था कि जैस्मिन उनसे नहीं मिलती है तो उसे जान का खतरा हो सकता है।
उस समय छपी कुछ मीडिया reports की माने तो जैस्मिन ने दाऊद इब्राहिम की धमकियों से परेशान होकर मुंबई पुलिस में एक शिकायत भी दर्ज कराई थी लेकिन उस दौर में underworld का ऐसा दबदबा था कि पुलिस भी जैस्मिन की कोई मदद नहीं कर पाई। दाऊद इब्राहिम की धमकियों के बीच जैस्मिन धुन्ना अचानक लोगों की नजरों से दूर होती चली गई। जो भी फिल्में उन्होंने साइन की थी वो सारी छोड़ दी। जैस्मिन के अचानक गायब होने से कई अलग-अलग तरह की थ्योरी सामने आने लगी।
पहली थ्योरी जिसमें ये कहा गया कि जैस्मिन को दाऊद इब्राहिम के लोगों ने किडनैप कर लिया है। दूसरी थ्योरी जिसमें ये कहा गया कि जैस्मिन ने दाऊद इब्राहिम के डर से भारत छोड़कर गुमनामी की जिंदगी चुन ली है। और तीसरी थ्योरी ये कि उन्होंने जोर्डन में रहने वाले एक शख्स से शादी करके वहीं घर बसा लिया है। जहाँ एक तरफ जैस्मिन की गुमशुदगी की कई अलग-अलग बातें सामने आ रही थी वहीं एबीपी न्यूज़ की एक रिपोर्ट में उनके परिवार के हवाले से दावा किया गया है जैस्मिन का करियर बर्बाद करने के लिए कुछ लोगों ने उनका नाम दाऊद इब्राहिम से जोड़ा था जिससे डायरेक्टर उन्हें फिल्मों में ना लें तमाम तरह की थ्योरी तो सामने आई लेकिन nineteen eighty eight की फिल्म वीराना में आखरी बार देखी गई जैस्मिन धुना की कोई पुख्ता खबर नहीं मिली समय के साथ लोग जैस्मिन को भूल गए गुमनाम होने के इकत्तीस साल बाद साल दो हजार सत्रह में जैस्मिन उस वक्त चर्चा में आई जब उनके साथ फिल्म वीराना बनाने वाले शाम रामसे ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कि जैस्मिन जिंदा हैं।
श्याम रामसे के बयान के अनुसार जैस्मिन अपनी माँ के बेहद करीब थी जब उनकी माँ बीमार रहने लगी तो जैस्मिन ने फिल्मी दुनिया छोड़कर माँ की जिम्मेदारी उठाई जब उनकी माँ का निधन हुआ तो सदमे में जैस्मिन ने लोगों से दूरी बना ली उन्होंने ये भी बताया कि जैस्मिन मुंबई में ही रहती हैं। कुछ साल पहले वीराना फिल्म में नजर आए एक्टर हेमंत बिरजे ने बॉलीवुड ठिकाना को दिए एक इंटरव्यू में जैस्मिन का जिक्र किया था।
जब उनसे जैस्मिन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जैस्मिन जिंदा है मुंबई के वर्सोवा इलाके में उनका घर है। उन्होंने ये दावा भी किया कि वो जैस्मिन से संपर्क में हैं। जैस्मिन विदेश में रहती हैं और कभी-कभी भारत आती हैं। हालाँकि उन्होंने ये भी कहा कि वो कभी जैस्मिन से मिले नहीं हैं। महज तीन फिल्मों में नजर आई जैस्मिन को लोगों की नजरों से दूर हुए अब पैंतीस साल बीत चुके हैं लेकिन ना ही उनसे जुडी कोई पुख्ता जानकारी मिली है और ना ही उन्हें फिर कभी कहीं देखा गया।