नाना पाटेकर ने आखिर पत्रकार राजदीप सरदेसाई को ऐसा क्या कहा जो लोगों ने ये कहना शुरू कर दिया कि नाना ने राजदीप को धो डाला? असल में ये पूरा मामला शुरू हुआ एक शो से और ये शो आया लल्लन टॉप पर लल्लनटॉप पर एक शो आता है गेस्ट इन द न्यूज़ रूम इसका hundred episode था और उसमें आए नाना पाटेकर सौरभ द्विवेदी इसमें host होते हैं, interview करते हैं। बहुत popular शो है और खासकर ये बहुत लंबा रहा, करीब चार घंटे का ये एपिसोड था। जिसमें नाना पाटेकर की जिंदगी से जुड़ी सब बातों पर discussion चल रहा था। अचानक से इस बातचीत में entry होती है, राजदीप सरदेसाई की।
आप जानते ही हैं कि टीवी टुडे ग्रुप को बिलॉन्ग करता है, जिस ग्रुप को हेडलाइंस टुडे और आज तक और ये सारा सब एक ही ग्रुप है। राजदीप सरदेसाई लल्लनटॉप के न्यूज़ रूम में आते हैं। नाना पाटेकर पर नजर पड़ती है। और फिर वो उनसे थोड़ा मराठी में संवाद करते हैं फिर तारीफ करते हैं लल्लनटॉप की और तारीफ करते-करते ये भी कहते हैं कि ये हिंदी भाषी लोग हैं और आपस में मराठी में बात कर रहे होते हैं तो नाना उन्हें वहाँ पर रोकते हैं और कहते हैं कि भाई जिस दिन हम ये तय कर लेंगे कि ये तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मराठी, बंगाली सब एक ही हैं तो उस दिन हम सही मायने में अपने देश से प्यार करते हैं ये साबित होगा और इस तरीके की बातें होती हैं फिर अह राजदीप तारीफ करते हैं।
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लल्लनटॉप की कि ये लोग आज के समय में बहुत अच्छी पत्रकारिता कर रहे हैं और अह मैं इसीलिए आ जाता हूँ कभी-कभी टहलता हुआ दफ्तर में तो इस पर नाना पाटेकर सीधे तौर पर कहते हैं राजदीप सरदेसाई से कि तू क्यों नहीं करता ऐसी पत्रकारिता तो जो बुरा ही बुरा क्यों दीखता है अब वो सबके सामने अचानक नाना पाटेकर ने जो कहा तो राजदीप सरदेसाई एकदम ठिठक गए उनको कोई जवाब नहीं सूझा और वो बेचारे बस इतना ही कह पाए कि अब हम भी इतने बुरे नहीं है मतलब कहीं ना कहीं उन्हें लगा कि वो बुरे हैं क्योंकि आमतौर पर होता क्या है दोस्तों कि एक जमाना अलग था जब पत्रकारों को बहुत ही सम्मान पूर्वक दृष्टि से देखा जाता था आज लोग बंट चुके हैं कोई सीधे हाथ की तरफ है कोई बाएं हाथ की तरफ है आप समझ ही रहे हैं राइट एंड लेफ्ट हो चुका है तो अब लोगों के मन में बातें भी आती हैं प्रश्न भी आते हैं और खासकर राजदीप सरदेसाई की अगर बात करें तो उनकी पत्नी जो है वो टीएमसी से अब राज्यसभा सांसद है तो ऐसे में राजदीप सरदेसाई अ को लेकर लोगों के मन में न्यूट्रल भाव तो नहीं होगा क्योंकि जब का एक सदस्य एक पार्टी से सांसद बन जाता है।
और आप ये दावा कर रहे हैं कि आप पत्रकार हैं वो भी न्यूट्रल पत्रकार तो फिर लोगों को उस पर संशय होता है और जिस तरीके से नाना पाटेकर ने सबके सामने कहा कि तो तू क्यों नहीं करता ऐसी पत्रकारिता। तो जो बुरा ही बुरा क्यों दिखता है? तो ये साफ दिखता है कि वो लोग जो राजदीप सरदेसाई को बहुत लंबे समय से जानते हैं उनके मन में भी ऐसी बातें आती रहती हैं। इस पूरे अह एपिसोड में हमने ये भी देखा कि अह राजदीप तो थोड़ी देर के लिए आए थे मुश्किल से पांच-सात मिनट का उनका इंटरेक्शन है जिसमें उनकी पोल खुद ही खुल जाती है और इसमें अह राजदीप सरदेसाई जो हैं वो नाना पाटेकर के बड़े करीबी दोस्त हैं, दोनों के बीच ये बात होती है कि महीने में एक बार तो मैसेज आता ही है। कभी नाना राजदीप को करते हैं, कभी राजदीप नाना को करते हैं और उनके मम्मी-पापा के जमाने से उनका घर का आना-जाना है।
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अब इतना कड़वा जो संवाद हुआ उसे लल्लनटॉप ने दिखा भी दिया। वो चाहते को एडिट कर सकते थे? हम और आपको पता ही नहीं चलता क्योंकि लल्लनटॉप के न्यूज़ रूम में इंटरव्यू शूट होने के दौरान क्या हुआ? ये कैसे पता चलेगा? जब तक कि वो खुद नहीं बताएंगे। अब ये एक ईमानदारी है लल्लनटॉप की। कि उन्होंने उस पूरे एपिसोड को दिखा दिया। अब इस वजह से राजदीप सरदेसाई को ट्रोल भी किया जा रहा है। बहुत सारे लोग तमाम तरह की बातें लिख रहे हैं सोशल मीडिया पर, कुछ लोग कह रहे हैं कि राजदीप की क्लास लगाकर नाना ने ठीक किया, कुछ ने कहा कि अह ये तो मतलब उनकी तारीफ में जो लगे हैं तो वो तो कभी नाना पाटेकर का नाम नहीं भूल पाएंगे तो ऐसे तमाम तरह के कमेंट आपको दिख जाएंगे सोशल मीडिया पर लेकिन इतना जरूर है कि आज के वक्त में जो सोशल मीडिया आया है और सब कुछ खुलकर बात करते हैं लोग पहले लोगों के मन में सवाल दबे रह जाते थे
कहाँ पूछे किस से पूछे कहाँ लिखे मौके नहीं थे आज आप देखिए कि interview चल रहा है नाना पाटेकर बैठे हैं पीछे से राजीव सरदेसाई आते हैं दोनों के बीच संवाद होता है नाना पाटेकर उनकी दो बार बेइज्जती करते हैं बेइज्जती not बेइज्जती पर हाँ वो उनको उनके काम पर टीका करते हैं, काम पर टिप्पणी करते हैं जिसका जवाब कुछ दे नहीं पाते हैं राजीव सादेसाई तो उसे ये कहते हैं कि मैं इतना भी बुरा नहीं हूँ और आज के समय में वो खुद कहते हैं कि लल्लनटॉप ने जो पत्रकारिता जिस स्तर की की है वो वाकई काबिले तारीफ है तो ऐसी बातें चलती हैं फिर वो वहाँ पर एक चीज ये भी बोलते हैं भाषा के आधार पर भी वो बांटने की कोशिश करते हैं राजीव साह देसाई अरे ये हिंदी भाषी है और पहले वो मराठी में बात कर रहे होते हैं लेकिन वो ना ना उन्हें वहाँ भी काट देते हैं कि क्या फर्क पड़ता है मराठी में बात कर तो दोस्तों ये सारी जो बातें हैं मैंने आपके सामने इसलिए रखी हो सकता है
आप में से कुछ लोगों ने वो एपिसोड देखा भी होगा कि अब कुछ छुपा हुआ नहीं रह गया है अब जो कुछ भी है वो सामने है ऐसे में आज का जो दौर है वो पत्रकारिता करने के लिए बहुत टफ दौर है आज के समय में आपकी सारी कलई खुल के रख जाती है मुझे याद है राजदीप सरदेसाई ने जब इंटरव्यू किया था रिया चक्रवर्ती का उस समय भी वो काफी विवादों में आए थे और बहुत सारी बातें उनसे कही गई थी और ये कोई पहला मौका नहीं है जब राजदीप सरदेसाई अह इस तरह से publicly insult कर दिया हो मुझे याद है एक video अह मुकेश अंबानी के साथ का भी है जिसमें वो बहुत कोशिश कर रहे हैं उनसे बात करने की और वो उनको दिखा देते हैं that he is not interested और ऐसे कई मौके हुए हैं राजदीप सरदेसाई के साथ अब ये पत्रकारिता का जो प्रोफेशन है
ये बिल्कुल एक अलग तरह के माहौल में पहुँच चुका है जहाँ पर अब आम जनता को पत्रकारों की जरूरत नहीं है अपनी बात कहने के लिए आम जनता तो सोशल मीडिया पर बोल देती है आप कुछ कहें उसके नीचे लिख देती है आपको ट्रोल वाले लोग भी आ जाते है अब हो ये गया है कि आपने जो किया है उसका सब हिसाब रखा जाता है और लोग मौका मिलने पर उसका पूरा हिसाब किताब निकालते है बहुत से लोगों के लिए तमाशा होता है बहुत से लोगों के लिए सीखने जैसी चीज होती है लेकिन अगर आप बहुत ही खुलकर इसको समझे तो एक तरह से ये एक बहुत अच्छा मौका है हमारे देश की जनता के लिए उन जागरूक नागरिकों के लिए जो अपने विचार रखते है कुछ बोलना चाहते है कहना चाहते है वो चुपचाप सुनना नहीं चाहते और साथ ही बताना चाहते है कि उन्हें हर बात समझ आती है।
तो ये जो पूरा एपिसोड हुआ है ये एक पत्रकार नाना पाटेकर का interview लिए दूसरा पत्रकार जो देश का बड़ा पत्रकार है पीछे से आता है फिर दोनों के बीच में एक मीठी नोकझोंक होती है और फिर चले जाते हैं और इस सब के बाद भी लल्लनटॉप ने इस पूरी मीठी नोकझोंक को दिखा दिया तो ये भी एक तरह की ईमानदारी लगती है ये अलग तरह की ईमानदारी है कि आपके दफ्तर में कुछ हुआ आप चाहते तो छुपा जाते अब होता ये है कि ऐसे जो interactions होते हैं कई बार हो सकता है किसी ने मोबाइल फोन से शूट कर लिया होता कोई बाद में अपलोड करता तो ये होता अरे ये वाला इंटरेक्शन तो आपने दिखाया ही नहीं के बीच में हुआ था। खैर ये एक अच्छी practice भी है और कहीं ना कहीं अब ऐसा लगता है कि अह journalism में जो चीजें होती हैं, सबसे पहली चीज तो होती है transparency जो है जैसा है बताना, दिखाना, छुपाना नहीं।
यहाँ कोई fiction नहीं है। यहाँ असलियत दिखाई जा रही है, तो आप जो भी संवाद कर रहे हैं, आप अगर fumble भी कर रहे हैं, आप किसी को कुछ बुरा-भला भी कह रहे हैं, तो वो सब कुछ सामने होता है, तो इसी इस एपिसोड की ब्यूटी रही है, मैं देख रहा हूँ कि इस, इस एपिसोड को काफी देखा गया है। अह ये संडे के दिन अपलोड हुआ था, अब तक लाखों में views पहुंच चुके हैं और बहुत सारे लोग इस इंटरव्यू को सराह रहे हैं और जिस तरह से नाना ने अपनी जिंदगी के बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने अपने बारे में भी बहुत कुछ बताया है।
मैं चाहूंगा कि इस इंटरव्यू को आप देखें जरूर अगर आपने नहीं देखा है क्योंकि इस इंटरव्यू को देखकर आपको बहुत कुछ सीखने को भी मिलने वाला है, मैंने खुद तीन-चार टुकड़ों में से इस इंटरव्यू को देखा काफी समय लगता है इसको देखने में लेकिन जब आप देख लेते हैं पूरा तब आपको समझ में आता है कि हाँ एक पचहत्तर साल का अनुभवी अभिनेता है जो सारी बातें कह रहा है जिंदगी की कितनी सीख छुपी है? तो मौका मिले इसे जरूर देखिए, उस मीठी नोक झोंक को भी देखिए, लल्लनटॉप के यूट्यूब चैनल पर आपको वो वीडियो अलग से भी मिल जाएगा जिसमें वो राजदीप को धो रहे हैं बुरी तरह लेकिन मुझे लगता है कि हमें इस तरह के वीडियोज देखने चाहिए, हमें पता होना चाहिए कि लोगों की सोच क्या है, अप्रोच क्या है? और आज के समय में वाकई neutral रह पाना बहुत मुश्किल हो चुका है।