बॉलीवुड की फिल्में इतनी घिसी पिटी क्यों होती हैं, इनकी कहानियां इतनी बेकार क्यों होती हैं? ये सारा माजरा आपको समझ में आ जाएगा, मेरे इस वाले वीडियो से जिसमें मैं आपको बताने जा रहा हूँ, कि कैसे भगनानी जी की पूजा एंटरटेनमेंट की कहानी जो कि रियल लाइफ में चल रही थी, वो कैसे क्रैश हो गई है? पहले खबर ये आई कि पूजा एंटरटेनमेंट में काम करने वाले कई सारे ऐसे employees हैं, जिनको इस बात की शिकायत है कि उनकी सैलरी नहीं मिली है। फिर ये भी गया कि वो सोशल मीडिया पर आकर इंसाफ मांग रहे हैं।
तमाम तरह की बातें हो रही थी कहा ये भी गया कि पूजा एंटरटेनमेंट की बिल्डिंग बिक गई है फिर ये आया कि नहीं बिल्डिंग बिकी नहीं है वो तो भगनानी साहब वहां पर पंद्रह माले की बिल्डिंग बनाएंगे फिर ये भी कहा गया कि जुहू में पंद्रह माले की बिल्डिंग कैसे बन सकती है वो तो एविएशन जोन है तमाम तरह की बातें होती रही और उसके बीच में बगनानी साहब का एक इंटरव्यू आया जो उन्होंने लंदन में बैठकर दिया था एएनआई न्यूज़ एजेंसी को जिसमें उन्होंने कहा कि भाई ना तो हमें कोई घाटा हुआ ना ही हमारे अह पर किसी का पैसा बकाया है और ये जो सोशल मीडिया में लोग शोर मचा रहे हैं ये गलत है हम इनके खिलाफ कार्यवाही करेंगे और अगर वाकई किसी का पैसा बकाया होता तो हमारे पास आता है ये सोशल मीडिया में पैसे बकाया है ये कहने की क्या जरूरत है और उन्होंने कहा कि हम तो बहुत बड़े-बड़े प्रोजेक्ट लेकर आ रहे हैं हमारा बिजनेस तो बहुत फ्लर्श कर रहा है।
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अब इस सबके बीच जब लोगों को लगने लगा कि हाँ हो सकता है जी के साथ किसी ने दुश्मनी निकाली हो। अब अचानक से जैकी भगनानी का एक स्टेटमेंट आता है। इस स्टेटमेंट में वो कुमार की तारीफ करते हैं और कहते हैं कि अक्षय कुमार ने हमारी crisis को समझा है और सीधे सामने से आगे आकर ये कहा है कि जब तक हमारी production house में काम करने वाले जितने भी स्टार कास्ट हैं या जो crew members हैं जिनका पैसा बकाया जब तक सबका payment ना हो जाए तब तक तो मेरा payment रोक सकते हो और हम अक्षय की इस महानता के प्रति आभारी हैं और industry तो चलती ही relationship पर है और ऐसी तमाम बातें कही हुई हैं अब अगर बगनानी साहब ये कह रहे थे कि कोई घाटा नहीं हुआ किसी का पैसा बकाया नहीं है, ये सब बेकार की बातें हैं। तो अचानक से ये स्टेटमेंट कहाँ से आ गया? अब सब पूछ रहे हैं कि भई जब कुछ हुआ ही नहीं था।
तो फिर ये अक्षय कुमार को क्या सुझा ये कहने का कि आप मेरे पैसे बाद में दे देना। ये आप तो कह रहे थे कि कोई पैसा बकाया ही नहीं है, कुछ ऐसा हुआ ही नहीं है। हाँ, वो बात अलग है, हो सकता है बिल्डिंग का सौदा पहले हुआ हो, लोगों ने दो और दो चार जोड़ लिए हो, लेकिन दो और दो चार जोड़े भी क्यों ना लो। अब देखिए अक्षय कुमार के साथ लाइन से फ्लॉप फिल्में आई हैं। पूजा एंटरटेनमेंट की पहले तो Belbottam आई थी फिर mission रानीगंज आई और फिर सबसे ताजा गरमा-गरम फ्लॉप फिल्म आई है बड़े मियाँ, छोटे मियाँ जो साढ़े तीन सौ करोड़ के बजट में बनी साठ करोड़ भी कमा नहीं पायी और इसमें टाइगर श्रॉफ को repeat किया गया था मतलब इससे पहले वो गणपत बना चुके थे वो गणपत का क्या हाल हुआ था आप जानते ही हैं तो इतनी सारी जो गलतियां हुई, इतनी सारी जो फिल्में फ्लॉप हुई उसकी वजह से घाटा हुआ अब यहाँ एक पूरी बात जो मेरे समझ के बाहर है देखिए बिजनेस कोई भी ऐसा नहीं होता जिसमें नुकसान नहीं होता।
किसी भी बिजनेस में किसी को कभी भी नुकसान हो सकता है, कई बार आप बाजार को नहीं समझ पाते, कई बार आप अपने product को पाते, कई बार आपकी timing गलत हो जाती है, कई बार आप सोच कर कुछ लाते हो और हो कुछ और जाता है। business में risk होते और अगर किसी का पैसा बकाया रह गया था तो पैसा दे दिया जाता लेकिन ये जो सोशल मीडिया पर लिखने का मामला शुरू हुआ इसका मतलब ये है कि जिनका पैसा बकाया था उन्हें ये भरोसा नहीं दिलाया गया कि भाई पैसा मिल जाएगा इसलिए वो परेशान होने लगे वरना आप खुद सोचिए किसी को क्या अच्छा लगता है कि वो सड़क पर जाकर या सोशल मीडिया में जाकर ये कहे कि अरे जी हमारा तो पैसा नहीं मिला है हमारा तो पैसा नहीं मिला है।
ये आदमी तब करता है मजबूर हो जाता है जब उसे लगने लगता है भाई अब कोई रास्ता नहीं बचा फिर वो जा के चार लोगों को बताता है कि जी देखो हमारे साथ क्या हो गया अब वही कुछ हुआ इन लोगों के साथ क्योंकि अगर कुछ भी नहीं हुआ होता कहते है ना बिना आग के धुआं नहीं उठता चिंगारी तो कहीं ना कहीं रही होगी जब इतने सारे लोग बात कर रहे थे तो कुछ ना कुछ तो था तभी तो अक्षय कुमार निकलकर सामने आए खुद जैकी बगनानी का स्टेटमेंट निकल कर आया कि भाई हम अक्षय के बड़े आभारी हैं उन्होंने इस crisis में जो है इस बात को समझा और ये कहा कि हमारा पैसा आप बाद में दे देना पहले इनका पैसा चुका दो तो खुद सोचिए कि फिल्म इंडस्ट्री में कहानियां क्यों पीटती है अरे जब आप अपनी ही कहानी सही से लोगों को नहीं बता पा रहे हो तो आप सिनेमा के पर्दे पर कहानी कैसे बताओगे आपकी कहानी में ही कई सारे पेंच है पहले ये कहना कि पैसा बकाया है फिर ये कहना कोई पैसा बकाया नहीं है बिजनेस फ्लरिश कर रहा है हम तो बहुत सारा काम कर रहे हैं हमें बिजनेस मत सिखाइए हमने तो बहुत अपना अपने धंधे को काफी फ्लरिश कराया हुआ है
फिर अचानक से एक सो कॉल्ड सुपरस्टार अक्षय स्टार कहलाते हैं लाइन से इतनी फ्लॉप दे रहे हैं तब भी वो सुपरस्टार ही हैं खैर हैं तो हैं तो उनका फोन आ जाता है कि जी आप मेरे पैसे बाद में दे देना मतलब आप सोचिए कि ये इंडस्ट्री चल कैसे रही है आप लोगों को मनोरंजन दें इसके लिए ना तो अच्छे राइटर्स की तलाश होती है ना अच्छे चेहरे नए चेहरों की तलाश होती है वही घिसे पिटे चेहरे जो सालों से चलते आ रहे हैं जब वो पुराने हो जाते हैं तो उनके भांजे, भतीजे, बेटा, बेटी को लेकर आ जाते हैं मतलब कितना लिया हुआ है इंडिया के दर्शकों को कि इन्हें तो कुछ भी दिखा दो I still remember ये कहा जा रहा था कि साढ़े तीन सौ करोड़ में बनी है अक्षय कुमार की बड़े मियाँ छोटे मियाँ और एक हजार एक सौ करोड़ का business करेगी ऐसे बड़े-बड़े स्टेटमेंट दिए गए थे वो सौ करोड़ तक नहीं पहुंची actually साठ करोड़ तक भी नहीं पहुंची फिर कहा ये गया कि उसके satellite rights बिक गए वहां से पैसा आ गया कि उसके बिक गए वहां से पैसा आ गया देखिए अब वो कहीं ना कहीं से तीस सा लो से काम कर रहे हैं अक्षय कुमार तो इतना तो होगा ही ना so called start बॉक्स ऑफिस में पिट जाते हो लेकिन कहीं ना कहीं से पैसा आ ही जाता है
लेकिन आप सोचिए कि क्या ऐसा काम करने में मजा है कि किसी तरह बस जोड़-जुगाड़ के रख दिया पब्लिक को पसंद नहीं आया आप सोचिए एंटरटेनमेंट एक ऐसी इंडस्ट्री है जो वाह वाही पे चलती है तारीफ पे चलती है कि वाह मजा आ गया यार क्या लाइन बोली थी क्या कहानी थी क्या डांस था क्या एक्शन था लोग ये वाह वाही करते हैं तब चलती है एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री और यहाँ क्या हो रहा है जोड़-गुगाड़ के कहीं कुछ बना लिया फिर वो फ्लॉप हो गया फिर कुछ कह दिया, फिर किसी के पैसे नहीं दिए, मतलब क्या चल रहा है ये? किसी को क्या फर्क पड़ता है? वो तो सारी बातें सोशल मीडिया पर आ जाती हैं, इसलिए सारी बातें यहाँ पर निकल रही हैं, वरना सोचिए अगर उन crew members ने सोशल मीडिया पर आकर ना बताया होता तो ये सारी बातें चल ही ना रही होती।
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तो सोशल मीडिया का बस इतना फायदा कह सकते हैं कि हाँ इससे लोगों की नजर में आ जाता है, लोग बात करने लगते हैं, लोग पूछने लगते हैं। लेकिन ये बड़े अफसोस की बात है कि entertainment industry जो है, अपनी कहानी ही सही से नहीं बता पाती। इसीलिए तो फिल्में फ्लॉप मैं कह रहा था ना इस वीडियो के शुरू में कि आप अपनी कहानी को तो सही से नहीं रख पा रहे हैं। और ठीक है गलती हो गई, फिल्म पिट गई, timing wrong थी, समझ में market नहीं आया। पुराना formula था, चेहरे पुराने थे या फिर फ्लॉप हो रहे थे लगातार, अभी लोग नहीं देखना चाह रहे होंगे अक्षय कुमार को अभी लोग नहीं देखना चाह रहे होंगे टाइगर श्रॉफ को, ठीक है, कोई भी चीज हो गई उसको accept करने में क्या जाता है।
देखिए जो बेचारे मजबूर लोग हैं जो चंद पैसों के लिए करते हैं, नौकरी करते हैं। उनकी तो मजबूरी है, वो तो कोई decide नहीं कर सकते ना कि ये वाली फिल्म पर कहानी मत बनाओ, ये वाला ऐसा शूट मत करो, वो तो बेचारे आपने उनको जैसा कहा, उन्होंने कर दिया। उनकी सैलरी मिल जाती है, वो अपना उनका घर चलने लगता। तो हर किसी उस पावरफुल position में होता नहीं है, कि वो govern करें चीजों को, अगर आप हैं तो फिर फैसले वैसे लीजिए और कई बार अगर फैसला गलत हो भी गया तो ठीक है, दुनिया का ऐसा कौन सा बिजनेस है, जिसमें नुकसान नहीं होता, जिसमें घाटा नहीं होता। या ऐसी कौन सी industry है, जो कहती है, कि flourish होती है, यहाँ तो कभी सूखा पड़ता ही नहीं है।
बड़े-बड़े business घरानों में ऐसा हो जाता है। यहाँ पूरा मामला ये है कि एक ईमानदारी होनी चाहिए। अपने धंधे के प्रति हमारा कहानी सुनाने का धंधा है तो हम ऐसी कहानी सुनाएं जो लोगों को बांधकर रखें। लोगों को खींच कर लेकर आए कि नहीं हमें ये कहानी देखनी है, भाई ये कहानी आ रही है, हमको देखना है, हमें जानना है, क्या हुआ है इसके बाद? वाह! क्या acting है, क्या action है? अब जब वो हो नहीं पा रहा है तो फिर इधर-उधर की बातें शुरू हो जाती हैं। और ठीक है, हर जो है वो इस तरह का होता है। एक जगह पैसा लगाते हैं, कहीं घाटा होता है, दूसरी जगह लगा के मुनाफा कमाते हैं, बिजनेस है ही इस चीज का नाम कि आप पैसे से मुनाफा कमाएं, चीजें ऐसी बनाएं जो बिके मार्केट में कई बार नहीं भी बिकती हैं, तो कौन-सी बहुत बड़ी बात होगी? कुल मिलाकर मामला ये है कि जब फिल्म इंडस्ट्री की कहानी इतने ढीले तरीके से सामने आती है.