O Sajni Re 2 की रिलीज़: ओ सजनी रे, उल्लू ऐप की सबसे लोकप्रिय वेब श्रृंखला का दूसरा भाग अब आ चुका है। निर्माताओं ने 14 दिन पहले पहला भाग जारी किया था और फिर फैंस को अधिक इंतजार करने के लिए दूसरा भाग भी जारी किया है।
इस ऐप की वेब सीरीज “ओ सजनी रे” का पहला सीजन देखने के लिए पहले भाग 1 देखें. पिछले कुछ दिनों में, इस सीरीज की दूसरी किश्त, यानी दूसरा सीजन, भी आ चुकी है, जो अपने प्रशंसकों को बहुत खुश कर दिया है। OTT रिलीज से पहले Owl ने एक ट्रेलर जारी किया, जो फैंस को इस प्रेम कहानी में क्या होगा पता लगाया। अगर आपने 24 सितंबर को ओ सजनी रे का पहला भाग नहीं देखा है, तो तुरंत देख लें ताकि आप पूरी कहानी समझ सकें।
यह फिल्म दो नई दुल्हनों के बारे में है, जिन्हें एक घटना के बाद बदल दिया जाता है, जिसकी कहानी Laapataa Ladies से मिलती-जुलती है, जो दर्शकों को पसंद आएगी जिन्होंने किरण राव की लापता लेडीज देखी है। एक दुल्हन कहीं खो जाती है, जबकि दूसरी किसी बाहरी व्यक्ति के घर आती है।
क्या है कहानी? इस वेब सीरीज की कहानी दयाल के परिवार की है, जिसकी पत्नी बदल गई है। लेकिन वास्तविक बीवी वापस आती है जब वह बदली हुई लड़की से प्यार करने लगता है।
दयाल की असली पत्नी वापस आने के बाद बदली हुई लड़की का असली पति भी आता है अपनी बीवी लेने। लेकिन कहानी में ट्विस्ट आता है जब दयाल की खोई हुई पत्नी, तनु, दयाल के घर में रहने वाली महिला के पति की ओर आकर्षित होने लगती है।
1। आपको सिर्फ अपने ईमेल आईडी या मोबाइल नंबर का उपयोग करके ऐप में लॉग इन करना है। 2। तब आपको OTP मिलेगा अगर आप अपना मोबाइल नंबर दर्ज करेंगे. फिर आप बिना किसी समस्या के ऐप को एक्सेस कर सकते हैं। 3। Search Bar में जाकर O Sajni Re Part 2 खोजें. आप सभी एपिसोडों की सूची और उनके निर्देशों को देखेंगे।
4। आखिरी, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण, आप सामग्री पर क्लिक कर सकते हैं और HD संस्करण डाउनलोड करने का विकल्प देखेंगे। 5। ध्यान दें कि डाउनलोड किए गए एपिसोड आपके डिवाइस पर उपलब्ध नहीं होंगे; वे सिर्फ ऐप पर उपलब्ध होंगे, जिससे आप बिना इंटरनेट के भी इन सभी एपिसोड को देख सकते हैं।
ताजा खबर सीजन 2 में ये dialogue जावेद जाफरी बोलते हैं। तो क्या web series बुरी होती है, actor बुरे नहीं होते? या फिर actor बुरे होते हैं, web series बुरी नहीं होती? और क्या ये बुरी वेब series है? बिल्कुल ऐसा नहीं भुवन बाम वो नाम है जो यूट्यूब पर सबसे ज्यादा पॉपुलर creators की category में आते हैं और अब जबरदस्त acting भी कर रहे हैं।
ताज़ा खबर सीज़न वन में उन्होंने कमाल का काम किया और ताज़ा खबर सीज़न two लेकर के आए हैं छह एपिसोड हर एपिसोड पैंतीस से चालीस मिनट का भुवन बाम को पता है attention स्पैम लोगों का कितना है इस वेब series को produce भी उन्होंने ही किया है डिज्नी प्लस हॉट स्टार पे ये वेब series आई है और ये एक ठीक-ठाक वेब series है।
सीज़न वन में हमने था कि वसंत गावड़े यानी Bhuvan Bam को एक वरदान मिलता है कि उन्हें हर खबर वक्त से पहले मिल जाती है जिस वजह से वो करोड़ों के मालिक बन जाते है और उनके बहुत सारे दुश्मन भी हो जाते है लेकिन second season जब खुलता है तो ऐसे suspense के साथ खुलता है ऐसे झटके के साथ खुलता है कि आप हैरान रह जाते है कि अरे ये क्या हो गया उसके बाद कहानी आगे बढ़ती है वरदान अभिशाप बन जाता है मतलब जिस वरदान से पैसे कमाए थे वही वरदान अब उन्हें मुसीबत में डाल देता है उन्हें ही नहीं फॅमिली को भी मुसीबत में डाल देता।
अब वसंत गावडे क्या करेगा? यही कहानी है ताजा खबर सीज़न two की। it’s all about भुवन बाम शो। भुवन बाम ने फिर से एक बार कमाल की acting की है सीजन one में तो वो कमाल लगे थे सीजन two में भी उन्होंने शानदार acting की है और उन्होंने दिखा दिया है कि भाई content creators को भी acting आती है हालांकि सबको नहीं आती भुवन बाम के लिए बात कर रहा हूँ हर एक्सप्रेस में भुवन कमाल करते हैं चाहे arrogance दिखाना हो या फिर लाचारगी दिखानी हो बेचारगी दिखानी हो भुवन बाम को देख के लगता है कि जैसे अब वो एक seasoned actor बन गए हैं।
विलेन बने हैं जावेद जाफरी जावेद जाफरी को विलेन के तौर पे देखना अपने आप में झटका देता है और जावेद जाफरी ने अपने किरदार के साथ जबरदस्त इंसाफ किया है। मज़ा आता है उन्हें देख के भुवन बाम और जावेद जाफरी के बीच की जो तकरार है इस वेब की जान है। श्रेया पेलगांकर ने शानदार काम किया है। बहुत अच्छी लगी है वो। इसके अलावा जितनी भी supporting cast है सबने बहुत बढ़िया काम किया है। इस बार ये web series मुझे सीजन one के comparison में थोड़ी सी weak लगी क्योंकि सीजन one में पहली बार ये वरदान पता चलता है और सीजन two में कहानी आगे बढ़ती है तो कहीं ना कहीं मुझे ये सीजन one के comparison में उन्नीस साबित हुई भुवन बाम, जावेद जाफरी और बाकी के actress की जो acting है वो आपका interest बनाए रखती है।
हिमांग गौर ने इसे direct किया है और मुझे ऐसा लगता है कि उन्हें थोड़ा-सा इसे छोटा कर देना चाहिए था, थोड़े से इसमें twist and turns अगर वो और डालते तो ये और ज्यादा interesting वेब series बनती लेकिन भुवन बाम की जिस तरह की following है उनके चाहने वालों को ये बहुत पसंद आएगी ये एक treat लगेगी लेकिन क्योंकि इन दिनों content बहुत आ रहा है तो जब तक आप बहुत कुछ ऐसा ना परोसे जो shocking हो जो अलग हो तो दर्शक उसको bench watch नहीं करता
लेकिन इस web series में ये खासियत है कि आप इसे bench watch कर सकते है हालांकि मैं ये नहीं कहूँगा कि ये बहुत brilliant web series है season one देख के मुझे लगा था कि बहुत brilliant है ये brilliant नहीं है लेकिन ये एक could अच्छी web series है तो अगर Bhuvan Bam के fan है कुछ अलग देखना चाहते है Javed Jaffrey पसंद करते हैं तो ताज़ा खबर सीज़न two आप देख सकते हैं disappoint बिल्कुल नहीं होंगे ये मेरी guarantee है.
ताजा खबर एक लोकप्रिय वेब सीरीज है, जो दर्शकों के बीच काफी चर्चा का विषय बनी हुई है। इसे देखने के लिए विभिन्न प्लेटफार्म उपलब्ध हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि आप इस सीरीज को ऑनलाइन कैसे देख सकते हैं या डाउनलोड कर सकते हैं।
1. स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म:
ताजा खबर वेब सीरीज को देखने के लिए सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि यह किस प्लेटफार्म पर उपलब्ध है। आमतौर पर, ऐसे सीरिजेज़ OTT (Over The Top) प्लेटफार्म पर उपलब्ध होते हैं।
Disney+ Hotstar:
ताजा खबर अगर Disney+ Hotstar पर है, तो आपको वहां सदस्यता लेनी होगी।
सदस्यता लेने के बाद, आप सीधे सीरीज को सर्च करके देख सकते हैं।
Amazon Prime Video:
यदि यह Amazon Prime पर है, तो वहां भी आप सदस्यता लेकर इसे देख सकते हैं।
इन प्लेटफार्मों पर ताजा खबर देखने के लिए, आपको अक्सर सदस्यता लेनी होती है।
विभिन्न योजनाएं:
कई प्लेटफार्म पर विभिन्न सदस्यता योजनाएं होती हैं, जैसे कि मासिक, वार्षिक या परिवार योजना। आपको अपनी आवश्यकता के अनुसार योजना का चयन करना होगा।
3. ऑनलाइन देखना:
एक बार जब आप सदस्यता ले लेते हैं, तो आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:
लॉग इन करें: अपने अकाउंट में लॉग इन करें।
सर्च करें: सर्च बार में “ताजा खबर” टाइप करें।
एपिसोड का चयन करें: सीरीज का चयन करें और उस एपिसोड पर क्लिक करें जिसे आप देखना चाहते हैं।
प्ले बटन दबाएं: एपिसोड के विवरण पृष्ठ पर जाकर प्ले बटन पर क्लिक करें।
4. डाउनलोड करना:
यदि आप ताजा खबर को ऑफलाइन देखना चाहते हैं, तो कई OTT प्लेटफॉर्म डाउनलोडिंग फीचर प्रदान करते हैं।
डाउनलोड विकल्प:
एपिसोड के विवरण पृष्ठ पर “डाउनलोड” का विकल्प होगा। इसे क्लिक करें।
स्टोरेज सेटिंग्स:
सुनिश्चित करें कि आपके डिवाइस में पर्याप्त स्टोरेज हो, ताकि आप एपिसोड डाउनलोड कर सकें।
ऑफलाइन देखना:
डाउनलोड होने के बाद, आप इसे “माय डाउनलोड्स” या “ऑफलाइन” सेक्शन में देख सकते हैं।
5. प्रवेश संबंधी मुद्दे:
अगर आप किसी कारणवश प्लेटफॉर्म पर सीरीज नहीं देख पा रहे हैं, तो निम्नलिखित समाधान आजमाएं:
इंटरनेट कनेक्शन:
सुनिश्चित करें कि आपका इंटरनेट कनेक्शन मजबूत है।
ब्राउज़र या ऐप अपडेट करें:
अपने ब्राउज़र या ऐप को अपडेट करें ताकि सभी फीचर्स सही से काम कर सकें।
कैश क्लियर करें:
कभी-कभी कैश क्लियर करने से समस्या हल हो जाती है।
6. कानूनी मुद्दे:
किसी भी सीरीज को अवैध तरीके से डाउनलोड करने से बचें। हमेशा अधिकृत प्लेटफार्मों का ही उपयोग करें। इससे न केवल आप कानूनी समस्याओं से बचेंगे, बल्कि निर्माता को भी उचित समर्थन मिलेगा।
7. विज्ञापन और सब्सक्रिप्शन:
कुछ प्लेटफार्म पर, आप विज्ञापनों के साथ निःशुल्क कंटेंट देख सकते हैं। हालांकि, यदि आप बिना विज्ञापनों के देखना चाहते हैं, तो आपको सदस्यता लेनी होगी।
निष्कर्ष:
ताजा खबर वेब सीरीज को ऑनलाइन देखने और डाउनलोड करने के लिए उपरोक्त तरीकों का पालन करें। यह सुनिश्चित करें कि आप एक वैध और अधिकृत प्लेटफार्म का चयन करें ताकि आपकी viewing experience बेहतर हो। याद रखें, एक अच्छी कहानी का आनंद लेने के लिए एक अच्छा प्लेटफार्म होना जरूरी है।
आपको पता ही है इस साल अगर इस Stree 2 को हटा दो तो बाकी दो हजार चौबीस में बॉलीवुड का हाल काफी बुरा हो चुका है और इस साल में घी डाल दिया एक जादूगर ने जादूगरी बोलना पड़ेगा इनको क्योंकि जितने काम ये कर लेते हैं उतने बारी-बारी सीखने में मुझे तो कम से कम सात-आठ जन्म लग जाएंगे। ताज़ा खबर की बात कर रही हूँ जो वापस आया है पूरे एक साल बाद अपने सीजन two के साथ फिलहाल जिसके भी मन में ये सवाल घूम रहा है। तो हाँ साफ-साफ बता दूँ सीज़न two देखने के लिए सीज़न वन देखना बहुत जरूरी है तभी कहानी से कनेक्ट कर पाओगे वरना सब कुछ सर के ऊपर से बट दोस्त अच्छी बात ये है कि ये सीरीज सिर्फ नाम की है जबकि छह एपिसोड तीन घंटे से भी कम में निपट जाएंगे मतलब फिल्म जितने टाइम में सीरीज वाला मजा ले सकते हो तो अगर पार्ट वन नहीं भी देखा तो सीजन वन सीजन टू दोनों साथ देख लेना.
इसी बहाने आपको एक साल का ब्रेक भी नहीं लेना पड़ेगा और मजा दुगना मिलेगा दूसरी बात शो थोड़ा फ्रैंक टाइप का है माने लैंग्वेज में गालियां वगैरह बड़ी कॉमन सी है किसी भी सीन में कभी भी आ सकती है तो एक्स्ट्रा ध्यान से हाँ तो कॉन्सेप्ट शॉर्ट में बस इतना सा है कि अपने जादूगर को कोई भी खबर उसके होने वाले टाइम थोडासा पहले मिल जाती है शो में इसको वरदान बोला गया है क्योंकि अगर आपको तीन घंटे पहले पता चल जाए कि सुनामी आएगी पुल गिर जाएगा फैक्ट्री में आग लग जाएगी सोचो कितने लोग बच सकते हैं बट यही कहानी में ट्विस्ट है आप फ्यूचर जान तो सकते हो लेकिन उसको बदल नहीं सकते भगवान बनने की कोशिश मत करो वरदान सिर्फ इंसान को मिलते हैं लेकिन जरूरी नहीं होता ना कि हर जादूगर हीरो निकले क्या पता उसके अंदर विलन छुपा हो सुनामी गई तेल लेने ताज़ा खबर में पैसा बनाने का मौका छुपा हो अब सीजन टू में कमाल की चीज ये हो गई कि जादूगर की टोपी के अंदर खरगोश की जगह शेर निकल आया है जो अब जादूगर का शिकार करना चाहता है। जावेद जाफरी सर एस विलन भाई सच बोलूँ इनका वो शो उसको बहुत मिस किया उसके बाद इनको नेगेटिव रोल में इमेजिन करना impossible था।
लेकिन शो में क्या खतरनाक आई है इनसे साफ पता चल रहा था बॉलीवुड ने इनका ये ग्रे वाला साइट कभी सही से इस्तेमाल नहीं किया नुकसान हो गया। अच्छा जादूगर शेर के बीच जंग में आपको लग रहा होगा इंसान जीतेगा उसके पास वो वरदान है ना यही तो बताना भूल गई नया सीजन और वरदान पुराना नो। वरदान माने जादूगर का जादू finish कहीं अगले दिन ताज़ा खबर ये तो नहीं होने वाली कि जादूगर के जादू से निकले शेर ने उसको ही जिंदा करके मार डाला concept काफी नया सा है काफी सारे twist and terms है और end तक चलने वाला बेहतरीन suspense है तीन घंटे में खत्म भी करना है तो सब कुछ बहुत fast fast होता है और ये गलती से भी मत सोच लेना कि किसी famous actor का नहीं youtuber का शो है तो level मामूली होगा quality के साथ compromise होगा
बॉस भुवन का शो ऐसा है जिसके सामने बड़े-बड़े heavy बजट बॉलीवुड project चाय कम पानी जैसे एकदम महंगा वाला फील आता है इसको देख के। बहुत सारी अलग-अलग चीजें हैं, तेंदुए का डर, ड्रग्स, नशा वाला नहीं, दवा जिसका एक injection अठारह करोड़ का आता है। और हाँ plane crash सब कुछ है शो के अंदर। सोचो कहानी में कितना दम होगा कि बड़े-बड़े नाम नहीं, काम से career बनाने वाले एक्टर्स भुवन के पीछे खुशी-खुशी supporting रोल में खड़े हैं। और क्या कमाल का performance दिया है, भाई साहब ने अगर किसी famous surname actor का debut ऐसा होता ना तो पूरा बॉलीवुड सिर्फ इसके बारे में बात कर रहा होता।
एक ही शो में खुद को उसका हीरो और विलन दोनों बना के present उसी कैरेक्टर से प्यार और नफरत दोनों करने को मजबूर करना कितने लोग कर पाते हैं ऐसा? और सिर्फ दिमाग से नहीं हाथ पैर वाला एक्शन भी करके दिखाया है. शो के क्लाइमिक्स में प्रॉपर बॉलीवुड वाला फील आएगा. जिंदगी मौत के बीच में लटका अपना हीरो. भुवन की क्रिएटिविटी को इस शो में देखने के बाद पाँच में से पाँच सौ स्टार देना चाहूँगी मैं. फ्यूचर में इनके प्रोजेक्ट्स बॉलीवुड के लिए सबसे बड़ा खतरा साबित होंगे. स्पेशली इस फोटो को जरा ध्यान से देख लो और दिमाग में बिठा लो. एक स्त्री है तो दूसरा मिस्ट्री है. बॉलीवुड और बॉक्स ऑफिस दोनों को जलाने का मास्टर प्लान रेडी. हाँ तो ताजा के नाम की तरह इस शो का content भी एकदम ताजा है।
पूरे तीन घंटे सिर्फ एक चीज की गारंटी मिलेगी entertainment, entertainment, entertainment. सीरीज को पांच में से तीन stars मिलने वाले हैं। पहला कहानी मजेदार, दूसरा एक्शन दमदार, तीसरा प्रोडक्शन क्वालिटी कमाल और म्यूजिक बवाल। अच्छा, गलती ये है कि स्पीड फास्ट है ना, तो सब कुछ थोड़ा एक्स्ट्रा जल्दी हो जाता है, ऑडियंस को फील करने का टाइम ही नहीं मिल पाता है। दूसरा कहानी पार्ट वन में एकदम नई थी लेकिन सीजन टू में थोड़ा predictable हो गई थी, climax में कोई shocking twist आया नहीं। थिएटर नहीं जाना है तो मत जाओ, ओटीटी भुवन का एक्टिंग टैलेंट आपको बोर तो नहीं होने देगा। साथ में कुछ नया देखा, अलग देखा, अच्छा देखा ये फील भी होगा।
सस्पेंस ट्रिलर देखने का शौक है आपको तो टेंशन नॉट इस हफ्ते थिएटर ही जाना पड़ेगा क्योंकि डायरेक्ट घर एक ऐसी सीरीज टीवी पे चल के आई है. जिसकी शुरुआत एक्चुअली में स्क्रीन पे दी एंड लिखा आने के बाद होती है. ऐसा कॉन्सेप्ट जिसको जितनी बार सोचोगे हर बार होश उड़ जाएंगे आपके. द मोक्स आईलैंड ये रिलीज हुआ है हॉटस्टार पे ओरिजिनली शो शायद तेलुगु लैंग्वेज में है लेकिन हिंदी डब्लिंग में इसको इजीली इंजॉय कर सकते हो आप. कमाल की बात ये सीरीज किसी फिल्म की तरह सिर्फ तीन साढ़े तीन घंटे लंबी है. और हाँ पार्ट वन में शो खत्म जबरदस्ती सीजन टू का वेट करना पड़ेगा।
और एक hint देती हूँ आपको इस शो का climax वैसा बिलकुल नहीं है जैसा हर दूसरी फिल्म में happy ending पे खत्म होता है ये पूरा का पूरा शो evil है बुरा है। नाम में मोक्ष सुनके आपको idea लग गया होगा कि शो का concept जिंदगी मौत और after लाइफ माने मौत के बाद क्या इस सवाल के जवाब से जुड़ा है।
पढ़ा होगा आपने काफी सारी जगह science and technology जितना अच्छा दोस्त है उतना ही बुरा दुश्मन भी बन सकता है अगर लालच उसमें घुस जाए। कहानी की शुरुआत एक प्लेन क्रैश से होती है आग में सब कुछ जल गया और अंदर देश का बड़ा scientist भी राग बन गया ब्रेकिंग न्यूज़ प्लेन उड़ा कहाँ से एक खतरनाक island जो पूरी दुनिया से एकदम अलग है जहाँ जाना और जा के वापिस आना बड़ा ही मुश्किल काम है तो कोई ऐसी जगह जाएगा क्यों? चौबीस हजार करोड़ ये सुनते ही बाकी सारी चीजें गायब हो जाती है उस पागल scientist का खजाना जो वो अपनी मौत के बाद परिवार के लिए पीछे छोड़ गया है।
खजाना चाहिए तो बस एक शर्त है इस island पे सात दिन माने एक हफ्ता बिताना है और अगर आप जिंदा सही सलामत बच गए तो चौबीस हजार करोड़ आपका होगा। पैसे किसको मिलेंगे इसका करेगी माया नाम से ही idea लग गया होगा ये वो है जिसको हर कोई पाना चाहता है लेकिन मैडम फिलहाल इस island की इकलौती care taker है तो इस सीधी simple कहानी में कैच क्या है twist कहाँ से आएगा दिमाग से जिसके अंदर एक ख्याल बड़ी जोर से आता है जितने कम लोग उतना बड़ा हिस्सा समझे? और फिर हर सुबह इस island पे रहने वाले लोगों की गिनती धीरे-धीरे कम होने लगती है। island पे बड़े से फ्रिज में उनकी dead body store होने लगती है।
वैसे शायद ये मैं आपको बताना भूल गई कि ये island पूरी दुनिया से इतना अलग क्यों है? छुपा के क्यों रखा गया है? इसको आज तक बाकी लोगों से क्योंकि वो साइंटिस्ट यहाँ पे बड़ा अजीब सा एक्सपेरिमेंट कर रहा था. वो अपनी मौत को अपने हाथों से कंट्रोल करके भगवान बनने की कोशिश कर रहा था. लेकिन हुआ क्या सिर्फ एक सेकंड की आँख और प्लेन में बैठा जीनियस राख हो गया. पीछे रह गए चौबीस हजार करोड़ जो किसी ना किसी की किस्मत में तो जरूर लिखा होगा अगर वो जिंदा बचा होगा. साइंस की बुक्स में एक लॉ होता है जिसको खुद नेचर लिखता है सर्वाइवल ऑफ़ द फिटेस पढ़ा होगा आपने शायद जो बेस्ट है वो बचेगा बाकी किसी और का खाना बनेगा. कुछ इसी पैटर्न पे शो को आगे बढ़ाते हुए कहानी में बड़े अजीब से आते हैं और लोग धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं.
इन शोर्ट मोक्ष आइलेंड मर्डर मिस्ट्री है. बहुत सारे मर्डर्स हैं लेकिन इनके पीछे का असली मास्टरमाइंड कौन है? वो इस कहानी का असली सरप्राइज है, दिमाग हिल जाएगा. एक्टर्स कौन है? एक्टिंग कैसी है? डायलॉग्स क्या है? राइटिंग कैसी है? ये सब छोड़ो अच्छा खासा टाइम पास शो है. जिसको तीन घंटे से भी कम में निपटा दोगे आप. बाकी आशुतोष राणा है ही तो कहानी में कोई गहरा राज़ तो जरूर छुपा होगा. फिर साइंस के साथ खून-खराबे को जोड़ना काफी इंटरेस्टिंग लग रहा होगा.
देख सकते हो आप मजे-मजे में लेकिन जिस लेवल का कॉन्सेप्ट है उतना सीरियस प्रेजेंटेशन नहीं है इसलिए शो से एक्सपेक्टेशन मास्टरपीस वाली तो बिल्कुल मत रखना. मेरी तरफ से पाँच में से तीन स्टार्स मिलेंगे. कहानी बढ़िया है कॉन्सेप्ट नया है और एंडिंग में कुछ तो अलग किया है. नेगेटिव्स में शो बहुत अच्छा बन सकता था लेकिन एवरेज से मन भर लिया और हाँ मर्डर्स में डर नहीं लगेगा बट पहेली को सॉल्व जरूर करना चाहोगे आप.
1999 में इंडियन एयरलाइन्स का एक विमान आईसी eight one four उसका अपहरण हो गया था और अब इसी पर अनुभव सिन्हा की एक वेब series आई है आईसी eight one four उसको लेकर कई सारे विवाद चल रहे हैं और अब एक बयान सामने आया है इसी फ्लाइट में अपने पति के साथ यात्रा करने वाली चंडीगढ़ की पूजा कटारिया का एक टीवी चैनल है टीवी nine भारतवर्ष उनके साथ उन्होंने एक इंटरव्यू किया है और उस प्लेन हाईजैक में क्या हुआ था वो पूरा सच पूजा कटारिया ने खुद बताया है। पूजा ने बताया कि प्लेन हाईजैक के वक्त अंदर क्या चल रहा था और उस वक्त जो आज की वेब series में दिखाई गई है वो सच से कितनी दूर है या सच से कितनी पास है।
इस web series में hijackers के नामों को लेकर भी विवाद चल रहा है जिस पर पूजा कटारिया ने कहा कि series को लेकर जो विवाद खड़ा किया जा रहा है वो बिल्कुल बेवजह है और hijackers के नाम बाहर कुछ और थे लेकिन प्लेन के अंदर वो खुद को भोला, शंकर, बर्गर, चीफ इसी नाम से बुला रहे थे और series के अंदर ये वही नाम दिखाए गए हैं जिन नामों से वो एक दूसरे को बुला यानी विमान के अंदर जो भी नाम उन्होंने लिए वही series में दिखाए गए है पूजा ने ये भी कहा कि hijackers यात्रियों को इस्लाम कबूल करने के लिए प्रेरित कर रहे थे और कई motivational speech भी दे रहे थे यात्रियों को कहा गया कि वो इस्लाम धर्म कबूल कर ले पूजा ने कहा कि एक बार के लिए कई यात्री ऐसे भी थे जो hijackers के भाषण सुनकर प्रभावित भी हो गए थे और उन्हें लगा कि जान बचाने के लिए उन्हें इस्लाम धर्म कबूल कर लेना चाहिए।
ये खुद पूजा ने बताया है जो कि उस hijack प्लेन में थी पूजा ने ये भी बताया कि एक hijacker ने उन्हें gift किया था shawl जी हाँ पूजा बताती है कि Amritsar में सरकार को ah विमान को रोकने के लिए operation करना चाहिए था और यात्रियों को उम्मीद थी कि इस तरह का कोई operation किया जाएगा क्योंकि वहाँ पर Amritsar में विमान करीब पैंतालीस minute तक रुका हुआ था लेकिन ऐसा हुआ नहीं पूजा ने बताया कि जिस दिन plane hijack हुआ उस दिन उनका जन्मदिन था जिसमें burger नाम का एक hijacker था उसने उन्हें अपनी पहनी हुई shawl gift की और shawl के ऊपर एक संदेश भी दिया जिसे पूजा ने आज तक संभाल कर रखा है वाकई इस तरीके का birthday कौन imagine कर सकता है कि वो hijack plane के अंदर होगा।
अब पूजा ने hijack के दौरान plane में यात्रियों को दिया गया सामान अब तक संभाल के रखा है वो कहती है पूजा ने अपनी इस बातचीत में plane hijack के समय हुई पूरी घटना का सच बताया उन्होंने बताया कि किस तरह से plane को hijack किया गया और किस तरह वो वहाँ से निकल पाने में कामयाब हुए उन्होंने कहा कि ये series entertainment के तौर पर ही लेना चाहिए, series के अंदर प्लेन में हुई घटनाओं के साथ ही कुछ राजनैतिक गतिविधियां भी दिखाई गई हैं और ये series पूरी तरह से सत्य घटनाओं पर आधारित है और इसे इसी आधार पर देखा जाना चाहिए। अब आप सोचिए एक यात्री जो वहां मौजूद था वो खुद इस बात को कह रहा है।
इस जहाज के कैप्टन देवी शरण थे, जिनको उस वक्त मीडिया ने विलेन बना दिया था और टेलीग्राफ अखबार को देवी शरण ने एक इंटरव्यू दिया है। जो हैं कि सीरीज में दिखाया गया है कि विदेश मंत्री हमें सलामी देते हैं ऐसा दिखाया गया लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं था। उन्होंने बस एक इशारा किया था, इशारे के जरिए हमारे प्रयासों की सराहना की थी इसके अलावा एक सीन में ये भी दिखाया गया है कि देवी शरण ने plumbing lines अपने आप ठीक की थी क्योंकि plumbing lines खराब हो गई थी इतने सारे लोग इतने समय से बाथरूम का इस्तेमाल कर रहे थे लेकिन असलियत में तालिबान के जो अधिकारी थे उन्होंने कर्मचारी भेजा था plumbing lines ठीक करने के लिए और देवी शरण उस कर्मचारी को अपने साथ लेकर विमान के होल्ड में गए थे क्योंकि उसे ये नहीं पता था कि लाइनें कहाँ पर हैं।
असल में जब से इस series पर विवाद शुरू हुआ है सोशल मीडिया पर बहुत सारे लोग हैं जो बहुत कुछ लिख रहे हैं इस पूरे विवाद पर रविश कुमार का भी एक ट्वीट चर्चा में आ गया है और मैं आपको बताता हूँ कि exactly अह रवीश कुमार ने इसमें लिखा क्या है। रवीश कुमार लिखते हैं क्या ऐसा नहीं हो सकता कि जितने लोग अभी-अभी आंतरिक सुरक्षा के expert निकल कर आ गए हैं वो मणिपुर पर भी उसी तरह रिपोर्ट करें। ठीक वह एआईसी ऐट वन फोर के समय किया करते थे जब भारत रत्न वाजपेयी की सरकार ने आतंकवादियों को छोड़ा था कम से कम उनके कौशल से पता तो चले कि मणिपुर में चल क्या रहा है कहाँ चूक हो रही है और कौन जिम्मेदार है? मणिपुर भी तो आंतरिक सुरक्षा का ही मामला है। अनुभव सिन्हा की वेब सीरीज के बहाने ये पता तो चल ही जाता है कि उसी पत्रकार को पहले कितना पता होता था? सरकार में क्या चल रहा है? आंतरिक सुरक्षा से जुड़े अफसरान क्यों confuse हैं वगैरह-वगैरह?
क्या अब वो ऐसा कर सकते हैं? तो पुरानी के साथ आज की भी कोई ऐसी रिपोर्ट tweet कर देते कहाँ गई वो सब जानकारियां जो off record के रास्ते निकल कर आया करती थी जिनके सहारे सरकार के ऑन रिकॉर्ड को challenge किया जाता था आज तो जो hand आउट थमा दिया जाता है वही फाइनल मान लिया जाता है। अब तो off record ही ऑन रिकॉर्ड है और ऑन रिकॉर्ड कुछ भी नहीं। अच्छी बात है कि वेब series देखकर ये सब याद आ रहा है। सवाल है कि इसी अधिकार और निरंतरता से Manipur पर कब लिखेंगे जब Anubhav Sinha कोई नई web series बनाएँगे तब भारत का third class और **** मुख्य धारा का गोदी media अपने आपको प्रासंगिक बनाए रखने के लिए मौका खोजता रहता है वो अपनी स्मृतियों के सहारे पत्रकार होने की छवि और उससे मिलने वाले सम्मान को हासिल करना चाहता है उसका वर्तमान खंडहर है और उसके हाथ स्याही की जगह खून से रंगे है एक अच्छे पत्रकार और एक दो अच्छी स्टोरी बस इसी के दम पर गाड़ी खींच रहा है। आज उनकी reporting या संपादकीय का स्तर आप देख सकते हैं। जो पच्चीस साल पहले की यादों में तरबूज का जूस हो रहे हैं। उन्हें ठीक से पता है कि उनके पास कौशल तो है मगर वैसी reporting नहीं कर सकते।
कितनी reporting ऐसी आती है जो सरकार के भीतर से निकलती है। नेताओं के बयान पर ही खेलकर और दिल्ली में कुछ फालतू लोगों के interview से इन TV की शामे भरी जाती है ये फालतू लोग जिन्हें interview देने और debate में जाने का रोग है एक महीने के लिए अगर शहर से चले जाए तो debate की शाम भरभराकर दोपहर की तरह जलने लगेगी इस media का नाम interview उद्योग रख देना चाहिए ये लिखते है बहरहाल Anubhav Sinha की web series IC eight one four ने इतना तो बता दिया कि गुलामी के दस साल जीने के बाद भी गोदी media के पत्रकारों के भीतर पत्रकारिता करने की चाह है उन्हें है कि सम्मान मोदी मोदी करने से नहीं किसी अच्छी रिपोर्ट की याद से मिलता है मगर इसमें भी एक नौटंकी है तो ये पूरा ट्वीट लिखा है रविश कुमार ने उधर दूसरी तरफ इस पूरे केस को लगातार देश के पहले न्यूज़ चैनल पर cover करने वाले जो Zee News के anchor थे उस वक्त में जिन्होंने इस पूरे case को cover किया था मानव गुप्ता उन्होंने भी एक tweet किया और उनका tweet भी ये काफी चर्चा में है वो लिखते हैं कि IC eight one four की hijacking मैंने लगातार दिन लाइव स्टूडियो से देखी और देश दुनिया को दिखाई थी तब मैं ज़ी न्यूज़ में बतौर anchor काम कर रहा था।
उस वक्त देश में सिर्फ दो ही न्यूज़ channel होते थे। ज़ी न्यूज़ और स्टार न्यूज़ सात दिन और सात रातें चौबीस घंटे की ये coverage थी चौबीस दिसंबर से इकत्तीस दिसंबर उन्नीस सौ निन्यानवे तक के वो सात दिन देश पर कितने भारी गुजरे इसका अंदाजा वही लगा सकता है जो उस दौर में होश संभाल चुका था। अभिनव सिन्हा की series आईसी eight one four बड़ी उम्मीद से देखी। ना तो उसमें वो गहराई महसूस हुई और ना ही उसमें देश और पीड़ितों के साथ न्याय किया गया है। उस समय की सरकार की नाकामी सही दिखाई गई है लेकिन उन आतंकवादियों में इंसानियत दिखाना बेईमानी है।
उनके असली मुस्लिम नाम अंत तक छुपाना और भी बड़ी बेईमानी है। हाँ वो code name थे पर आपकी जिम्मेदारी थी कि सारे तथ्य बताते शुरू से बताते आईएसआई को clean chit क्यों दी गई ये समझ से परे है सिर्फ इसीलिए कि लादेन ने वालों को बाद की पार्टी में नहीं बुलाया। उनके पाप धो दिए गए। तब के विदेश मंत्री जसवंत सिंह जी ने खुद लिखा था। कि आईएसआई वाले तीनों छुड़वाए गए आतंकियों मौलाना मसूद अज़हर, मुश्ताक अहमद जर्गर और अहमद उमर सईद शेख के परिवार वालों को कंधार ले गए थे। छोड़ने पर इन आतंकियों की पहचान करने के लिए पहचान के बाद ही हमारे यात्रियों को छोड़ा गया पूरा plot पाकिस्तान का ही था, पाकिस्तान ISI का पूरा सच पता नहीं क्यों नहीं बताया गया पाक के non state actors की थ्योरी को जानबूझकर बल दिया गया या अनजाने में ये भी सवाल पूछते हैं मानव गुप्ता और ये भी कहते हैं कि जब पूरी series में बार-बार कहानी का flow तोड़कर तथ्य और background बताने के लिए narrations का सहारा लिया गया है तो चीफ डॉक्टर बर्गर भोला और शंकर के असली नाम भी बताते आइए आपको बताते हैं कि चीफ का असली नाम था इब्राहिम अथहर। डॉक्टर का असली नाम था शाहिद अख्तर सईद।
बर्गर का असली नाम सनी अहमद काजी और भोला का असली नाम जहूर मिस्त्री था और शंकर का असली नाम शाकिर था। ये भी ढंग से बताते कि सारे के सारे hijackers पाकिस्तानी थे। उलटे आतंकियों को यात्रियों के साथ अंताक्षरी खेलते दिखाया गया यात्रियों की फिक्र करते और मदद करते भी दिखाया गया सेना को सामने आकर research करके तथ्यों पर हर सवाल का जवाब देना चाहिए, इस series में उपयुक्त बदलाव करने चाहिए ताकि आज और आगे की पीढ़ियाँ सही इतिहास जान सके पीड़ितों के बारे में भी थोड़ा सोचा होता बहुत कुछ ऐसा है जो नहीं बताया तो ये लिखते हैं मानव गुप्ता बहुत हद तक मैं भी इनसे इत्तेफाक रखता हूँ वाकई इस तरीके से नहीं दिखाया जाना चाहिए था कि वो अंताक्षरी खोल रहे हैं, खेल रहे हैं या वो पीड़ितों का ध्यान रख रहे हैं? और पूरे मामले में पाकिस्तान को तो एकदम इस तरह से दिखाया जैसे पाकिस्तान तो involve था ही नहीं। आप जानते ही हैं कि कांधार hijack जो है वो दिसंबर उन्नीस सौ निन्यानवे में भारत जाने वाली एक उड़ान के अपहरण पर आधारित है।
ये flight काठमांडू से चलकर नई दिल्ली की ओर जा रही थी तभी इसे hijack कर लिया गया यात्रियों और चालक दल को सात दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया यात्रियों को छोड़ने के बदले में आतंकवादियों ने तीन high profile आतंकवादियों की रिहाई की मांग की थी जिसमें मौलाना मसूद अज़हर, अहमद उमर, सईद, शेख और मुस्ताक अहमद वगैरह शामिल थे। दोस्तों यहाँ एक और बात मैं कहना चाहूँगा कि ये बनाई तो बहुत अच्छी गई है अगर मैं एक फिल्म maker के angle से देखूं तो बहुत कसी हुई है अगर आप देखना शुरू करते हैं तो आप चाहते हैं कि आप इसको पूरा देखें अंत तक तो ये एक तारीफ है अनुभव सिन्हा की उन्होंने बहुत कसी हुई बनाई है हाँ उन्होंने जो पाकिस्तान को जितने हल्के ढंग से दिखाया है उस पर एक सवाल उठता है लेकिन यहाँ पर एक और बात उठती है कि इस वक्त right wing से जुड़े लोग इस series पर काफी सवाल उठा रहे हैं तो क्या वो इसलिए है क्योंकि जिस वक्त अमृतसर में land कराया गया था आईसी eight one four को वक्त अमृतसर में यानी पंजाब में भाजपा की सरकार थी, केंद्र में भी अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे और पैंतालीस मिनट तक अमृतसर की जमीन पर वो जहाज खड़ा रहा लेकिन negotiation शुरू नहीं किए गए, bargaining नहीं की गई, उनसे बात करने की कोशिश नहीं की गई, इसके बाद वो विमान उड़ता है, दुबई जाता है, कांधार जाता है। तो दोस्तों ये सारी बातें लाहौर के रास्ते जाता है।
ये सारी बात है कि हाँ, ये भी उस वक्त की सरकार की कमजोरी बताती है कि उस वक्त सरकार की इतनी बड़ी कमजोरी थी कि जब आपकी जमीन पर खड़ा था जहाज। और सिर्फ कुछ ही घंटे हुए थे हाईजैक हुए। आप उसी वक्त bargaining कर सकते थे, उसी वक्त negotiation शुरू कर सकते थे, बातचीत शुरू कर सकते थे, जो आपने नहीं की और फिर आपने कांधार जाकर की इसमें सात दिन भी लगे और जान भी गई, लोगों को सफर भी करना पड़ा और पूरी दुनिया में थू-थू भी होती रही, तो दोस्तों ये उस वक्त की सरकार पर प्रश्नचिन्ह तो लगता है, तो क्या वो लोग जो इस series पर प्रश्न उठा रहे हैं, क्या उन्हें ऐसा रहा है कि series के बहाने उस वक्त की वाजपेयी सरकार पर प्रश्न चिन्ह उठ रहे हैं, इसलिए चलिए हम कुछ निकालते हैं, हाँ जिस चीज को देखकर मैंने भी series देखी है, एक बात जरूर है कि इस series में अह पाकिस्तान और आईएसआई के पक्ष को उतना दिखाया नहीं गया है, जितना कि दिखाया जाना चाहिए था, क्योंकि सारा प्लान जो था वो पाकिस्तान का था, सारा प्लान जो था वो आईएसआई का था।
दूसरी बात ये है कि जहाँ तक नाम का सवाल है, देखिए नाम में कुछ नहीं रखा है। अह इस हाईजैक प्लेन में जो सवार थी जो अह interview दे चुकी हैं टीवी nine भारतवर्ष को वो खुद कह रही हैं कि इसी नाम से वो बुला रहे थे एक-दूसरे को तो अगर आप कहानी कह रहे हैं तो आपको वही नाम लिखने पड़ेंगे हाँ आपको disclaimer में वो नाम लिखने चाहिए थे जो शायद मुझे लगता है कि अह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से फटकार पढ़ने के बाद उन्होंने वो नाम रख दिए हैं अह disclaimer में तो कुल मिलाकर मामला ये है कि कहानी तो अच्छी कही गई है देखनी सबको चाहिए लेकिन सवाल जरूर उठते हैं कि उस वक्त की सरकार अमृतसर में negotiate क्यों नहीं कर पाई थी पैंतालीस मिनट सरकार का क्या आपस में agencies के साथ मेल नहीं था या आपसी दलों के बीच तालमेल नहीं था और क्या इन सबसे ऊपर नहीं थी उन फंसे हुए लोगों की जान.
मिर्जापुर वेब सीरीज ने अपनी पहली दो सीजन के बाद से ही दर्शकों के बीच जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की है। क्राइम ड्रामा और इंटेंस सस्पेंस से भरपूर यह सीरीज दर्शकों को अपनी कहानी में बांध कर रखती है। अब सभी की नजरें मिर्जापुर सीजन 3 पर हैं, खासकर उसके बोनस एपिसोड पर, जिसकी रिलीज डेट, समय, और डाउनलोड की जानकारी जानने के लिए लोग उत्सुक हैं।
मिर्जापुर सीजन 3 का बोनस एपिसोड
मिर्जापुर सीजन 3 का इंतजार दर्शक लंबे समय से कर रहे हैं, और खबरों के अनुसार, सीजन 3 के साथ एक खास बोनस एपिसोड भी रिलीज किया जाएगा। इस बोनस एपिसोड को लेकर दर्शकों में काफी उत्सुकता है, क्योंकि इससे मिर्जापुर की कहानी में और भी रोचक मोड़ आ सकते हैं।
मिर्जापुर सीजन 3 और इसके बोनस एपिसोड की रिलीज डेट को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि यह जल्द ही प्राइम वीडियो पर उपलब्ध होगा। अली फजल और अन्य प्रमुख कलाकारों की वापसी के साथ, फैंस को एक और धमाकेदार सीजन की उम्मीद है।
डाउनलोड कैसे करें?
मिर्जापुर सीजन 3 और इसके बोनस एपिसोड को प्राइम वीडियो पर रिलीज किया जाएगा, जहां से आप इसे आसानी से देख सकते हैं या डाउनलोड कर सकते हैं। प्राइम वीडियो की सब्सक्रिप्शन लेने के बाद आप इसे अपने मोबाइल, लैपटॉप या किसी भी अन्य डिवाइस पर डाउनलोड कर सकते हैं।
मिर्जापुर बोनस एपिसोड की रिलीज का समय
जैसे ही मिर्जापुर सीजन 3 का बोनस एपिसोड रिलीज होगा, उसका सटीक समय भी प्राइम वीडियो के प्लेटफॉर्म पर अपडेट कर दिया जाएगा। दर्शकों को सलाह दी जाती है कि वे समय-समय पर प्राइम वीडियो की वेबसाइट या ऐप पर नजर रखें ताकि कोई भी अपडेट मिस न हो।
मिर्जापुर सीरीज की लोकप्रियता
मिर्जापुर की कहानी मिर्जापुर के काल्पनिक शहर पर आधारित है, जहां क्राइम, पॉलिटिक्स, और फैमिली ड्रामा का मिश्रण दर्शकों को बांधे रखता है। अली फजल, पंकज त्रिपाठी, और दिव्येंदु शर्मा जैसे कलाकारों की दमदार अदाकारी ने इसे और भी प्रभावी बना दिया है।
क्या उम्मीद की जा सकती है सीजन 3 से?
मिर्जापुर सीजन 3 में गुड्डू भैया और कालीन भैया के बीच की दुश्मनी का नया अध्याय देखने को मिलेगा। इसके अलावा, अन्य किरदारों की कहानियों में भी ट्विस्ट और टर्न्स आने की संभावना है।
मिर्जापुर बोनस एपिसोड भी कहानी में नए एंगल और ट्विस्ट लेकर आ सकता है, जो दर्शकों को और भी बांधे रखेगा।
मिर्जापुर सीजन 3 और उसके बोनस एपिसोड का इंतजार अब दर्शकों के लिए बहुत बड़ा हो गया है। सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि कब यह सीरीज प्राइम वीडियो पर रिलीज होगी और हम इसके रोमांचक एपिसोड्स का आनंद उठा सकेंगे। तब तक, हम सभी को इंतजार करना होगा और उम्मीद करनी होगी कि यह सीजन और भी धमाकेदार हो।
रोहित के सामने रूही को कैसे expose करेगी अब हीरा? रूही अब हीरा के आगे हाथ भी जोड़ने वाली है लेकिन क्यों चलिए बताते है well दोस्तों StarPlus के most popular serial ये रिश्ता क्या कहलाता है के upcoming track की कहानी में काफी सारे interesting mode आने वाले है आप देखेंगे किस तरह से अब हीरा अरमान की date को बर्बाद करने के बाद रूही जो है अब हीरा पर गुस्सा जताने वाली है लेकिन ये सब क्यों हो रहा है?
आखिर क्यों रूही हाथ भी जोड़ रही है और चिल्ला भी रही है अभिरा पर दरअसल आप देखेंगे किस तरह से जब date बर्बाद हो जाती है तो अब हीरा अरमान अपनी प्यारी सी date को स्कूटी पर मनाते है आप देख सकते है कैसे अभिरा स्कूटी चला रही है अरमान बैठा हुआ है अब ये दोनों जब घर आ जाते है तो रूही से टकराते है अब रूही जो है यहाँ पर बहुत इतरा रही होती है क्योंकि आपने तो देखा किस तरह date बर्बाद करने के लिए रोहित को लेकर अबीरा अरमान जहाँ जा रहे थे वहीं पहुँच गई थी. इसके बाद अभिरा को गुस्सा आया अब हीरा ने रूही को खूब सुनाया.
इसके बाद जब घर के बाहर वो लोग टकराए तो यहाँ पर अबीरा जो है रूही पर गुस्सा करने लगती है. ये सारी बातें चल रही है. अरमान भी अभिरा से नाराज हो जाता है और वो अंदर चला जाता है. अब यहाँ रूही अब हीरा आमने-सामने खड़े हैं. जहाँ पर रूही अब हीरा से कहती है कि और क्या हाल है? तो यहाँ पर अभिरा कहती है देखो मुझे तुम जानबूझकर ये सब कर रही हो मुझे पता है जहाँ तुम रोहित को लेकर गई थी वहाँ तुमने एक्स्ट्रा पैसे दिए थे ताकि तुम्हारी बुकिंग वहीं हो जाए और जानबूझकर मेरी अरमान की डेट को बर्बाद कर सको मुझे पता है तुम इस घर में किस मकसद से आई हो तो तुम्हारा इस घर में आने का मकसद सिर्फ इतना ही है कि तुम बस यहाँ मुझे अरमान को अलग करना चाहती हो तुम्हें रोहित से प्यार नहीं है जो कि सच भी है आप देख ही सकते हैं अबीरा सीधा रूही से पूछती है रूही तुम चाहती क्या हो?
इस घर क्यों आई हो? और हमारी डेट क्यों बर्बाद की? तो यहाँ पर रूही जो है हाथ जोड़कर कहती है प्लीज मेरा पीछा छोड़ दो। मैंने कुछ भी नहीं किया और ना ही तुम दोनों की डेट बर्बाद की है। इस पर अभिरा जो है रूही की बात नहीं मानती इतने में अरमान आ जाता है और अरमान से गलती से रूही को टक्कर लग जाती है। तो यहाँ अरमान जो है रूही से माफी मांगता है। अबीरा गुस्सा हो जाती है और कहती है तुम्हें इससे माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है। ये तुम्हारे बीच में आई थी।
क्योंकि अभिरा जो है वो रूही की हर चाल को अच्छे से समझती है और जानती भी है कि कब रूही क्या कर सकती है रूही कितना नीचे गिर सकती है और रूही को तो आप जानते हैं वो कितनी खतरनाक है उसने तो खुद अपने मुँह से कह दिया है कि मैं यहाँ अपने पति के लिए नहीं अपने प्यार अरमान के लिए आई हूँ सिर्फ वो रोहित का use कर रही है रोहित की close भी बस वो इसी वजह से जा रही है ताकि इस घर में टिकी रहे और रोहित जो है रूही के झांसे में आ भी गया है सबसे लड़ता हुआ नजर आ रहा है
रूही के लिए लेकिन सोचिए जब अभिराह को expose Rohit के सामने तब कितना मजा आएगा आप क्या कहना चाहते है show के upcoming track को लेकर comment करके अपनी राय बताइए.
साउथ सिनेमा टॉप पर है और बॉलीवुड नीचे गिर रहा है। पूरी जुलाई इतनी बड़ी मूवीज का हर कलेक्शन मिला के कल की डे वन से भी कम है। बॉक्स ऑफिस तक तो फिर भी ठीक है, बॉलीवुड के पास तीन दो हैं, भूलभुलैया तीन हैं, सिंगम फ्री है, कमिटी करने के लिए। लेकिन वहां कंटेंट पे जब से लोगों ने विजय सेतुपति की फिल्म महाराजा का आकलन किया है, बॉस आसपास भी नहीं है, किसी फिल्म की तुलना के लिए। और अब बॉलीवुड के लिए खराब न्यूज ये है कि सिर्फ थिएटर नहीं, फिल्म में भी साउथ सिनेमा बहुत ऊपर जाने वाला है। क्योंकि महाराजा को भी कर दे ऐसा कॉन्टेंट देखने वाला है।
वृंदा का नाम बहुत कम लोगों ने सुना होगा, लेकिन वादा है मेरा एक बार जिसने यह शो देखा वह कम से कम बीस और लोगों को इसके बारे में बताता है। सोनी राइफल पे शो कुल आठ एपिसोड में रिलीज हुआ है, जो एवरेज चालीस मिनट लंबा है, यानी पांच घंटे बाद आप एंडिंग तक पहुंच गए हैं। और भी बेहतरीन न्यूज़ ये है कि सीज़न वन में ही कहानी को खत्म कर दिया जाएगा। सीजन टू के लिए आपको इंतजार करने की जरूरत नहीं है। हिंदी डबिंग मिलिंग. ठीक है सबसे पहले तो सीरियस और स्ट्रैंग वॉर्निंग है कि कमजोर दिल वाले लोग डिस्टर्बिंग टाइप का शो है कुछ घिनौने सीन तो मिलेंगे ही। लेकिन शो की थीम थोड़ी विवादास्पद है जिसमें भगवान शामिल हैं। माने लोग सड़क पर उतरते हैं बैनर ले के आदर्श कंटेंट है।
अगर वो सभी चीजें आपको असहज कर रही हैं या फिर ट्रिगर हो गई हैं तो कृपया इस शो से बहुत दूर रहें क्योंकि निर्माता बिना फिल्टर के आ गए हैं। शुरू होती है एक नामुराद केश के साथ पाइपलाइन के नीचे एक बोरी जिसमें बड़ी-बड़ी साड़ी भरी हुई कहानी है, एक आदमी की मौत के साथ एक बंधन में बंधी हुई है। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि मौत का कारण पानी से डूबना नहीं है, पानी में सबसे पहले एक सेल बार चाकू से मारा गया है, बिल्कुल दिल के पास।
अब सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि आपने किसी को भी एक्सपेक्ट नहीं किया होगा। कातिल पता कौन है? माने शक किस पे हो रहा है, पुलिस को एक जगह जो इलेक्ट्रॉनिक्स इंडोनेशिया से भारत आया था, मैगज़ीन की वजह से। ऐसा था ध्यान से सुना क्योंकि अब ये पक्षी हद है, जमाना को फिर से देखा गया। लेकिन फिर शुरुआत होती है, केमिस्ट्री की एक चेन रिएक्शन आपने पढ़ी होगी। पुलिस का ये बॉडी नैचुरल है, इससे तो शहर में मार्का की लाइन लग जाती है। मौत वाले लोगों में बस एक आम बात है सबके सब गांजे हैं और हां पैदाइश ही नहीं ठीक है रात से पहले इनका मुंडा हुआ था।
कैसे एक आदमी की मौत शहर में कम से कम सौ लोगों की मौत का खुलासा करती है आपकी किस्मत की फटी रहेगी और हां कातिल भूले तो नहीं वो रहेगा। देखो यार वृंदा जैसा शो आपको वापस सीधा लेकर जाने वाला है उस समय जब असुर और सेकेरे गेम्स जैसे शोज आपके पसंदीदा हुए थे।
याद है कैसे हर एपिसोड में प्वाइंट पे खत्म हुआ था कि अगली बार बिना नींद के नहीं आई थी और कब आई थी दोनों पूरी रात निकल गई थी वृंदा के पास दिमाग वाला सस्पेंस है खास वो विया पुतलियों की कहानी से दोस्ती मेकर्स ने दिमाग पकड़ ली थी हाथों से तुम बार फंतासी सिनेमा भी है जो सीधे भगवान के साथ जुड़ा है लेकिन जैसा आप सोच रहे हो वैसा नहीं भगवान को अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल किया गया है पूरा फोकस वास्तव में हत्या की जांच पे है जिसे बिल्कुल गंभीर तरीके से प्रस्तुत किया गया है आप खुद हैं
पुलिस स्टेशन के अंदर देखें हो और इसी तरह सीरीज में आप फिफ्थवे एपिसोड तक पहुंचें वहां पे सबसे चौंकाने वाला मोड़ आने वाला है जिसके बारे में एक भी इंसानी सपने में नहीं सोच सकते जिस तरह से तरीके से अंतःक्षेपण विलन पात्रों को अपना बनाकर बनाएं अतीत के दिखावे का वर्तमान में उपयोग किया जाता है। हीरो भूल गया विलन से प्यार हो जाएगा। कहानी में वास्तव में इतनी सारी चीज़ें दिखाई दीं और बिल्कुल तेज़ गति से कि आप समझ नहीं पाएंगे कि आपके सामने कब आठवां एपिसोड आएगा।
अतिरिक्त समय पास करने के लिए रोमांस एंगल जाना या फिर पुलिसवालों की निजी जिंदगी पर फोकस करना जरूरी है, ये सारी गलतियां इस सीरीज से दूर हैं। तृषा को पहले से ही काफी लोग पसंद करते हैं। ओनली स्टोरी वाला एपिसोड फॉर्मूला तीसरा वो पांचवा वाला शॉक अनप्रिडिक्टेबल और चौथा कॉमेडी एक्टर्स साउथ का शो फिर भी भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है। वीडियो में दो याचिका शो के अंदर मिस्ट्री सस्पेंस रोमांच भरा है लेकिन हॉर्न को आसानी से ऐड किया जा सकता है, वो चांस मिस कर दिया और दूसरा हिंदी डबिंग स्पेशली मुख्य रूप से बेहतर हो सकता है, आवाज में दम मिसिंग है। पुरजोर अनुशंसा करता हूं कि मैं आपको जरूर देखूंगा टू चौबीस का सबसे अच्छा कंटेंट में से एक है, महाराजा वाला सम्मान महसूस करोगे।
मिर्जापुर 3 देखने वाले दर्शकों के जहन में कई सारे सवाल शुरू हो चुके हैं। सवाल कुछ ऐसे हैं कि मजबूरी में शुरू हुई गैंग से बाजी का मजा ले रहे गुड्डू पंडित मिर्जापुर की गद्दी को संभाल पाएंगे या नहीं? गुड्डू के गुब्बार को गेम प्लान से मैनेज कर रही गोलू का गोल पूरा होगा या नहीं? जौनपुर के जूनियर शुक्ला और शरद पूर्वांचल पर पकड़ की open position में अपना सिक्का भिड़ाकर पापा का सपना पूरा कर पाएंगे या नहीं? प्रेम के प्रपंच में भाई को भेंट चढ़ा चुके छोटे त्यागी का अगला टारगेट अब क्या होगा? मौत के मुहाने से लौट कालीन भैया के लिए अब मिर्ज़ापुर red कारपेट बिछाएगा या फिर कांटे और सबसे बड़ी बात ये कि मुन्ना भैया मृत्यु की शैय्या से लौटेंगे या निपटे हुए ही रहेंगे। तो जब आप दूसरा सीज़न देख चुके हों मिर्ज़ापुर का और तीसरा देखने वाले हों तो ये सारे सवाल हैं जो आपके जहन में आएंगे क्योंकि वो सारे सवाल हैं जो दूसरा सीज़न आपके जहन में छोड़कर गया था।
अब जो जवाब आया है मिर्ज़ापुर 3 के रूप में तो सवाल ये है कि इन सवालों के जो जवाब आए हैं उनसे क्या निकलकर सामने आता है? क्या दर्शक इन सवालों के जवाबों को गले उतार पाएंगे? देखिए गुड्डू पंडित पहले बागी बने फिर गुंडे फिर गैंगस्टर और अब उनको बनना है बाहुबली पहले सीजन से ही ये साफ था कि गुड्डू पंडित को पावर नहीं चाहिए. ये आदमी तो अराजकता फैलाने इस दुनिया में आया है और अब जब उसके पास मिर्ज़ापुर की पॉवर आ गई है तो वो क्या करेगा? मिर्ज़ापुर थ्री शुरू होता है गोलू से।
जो कालीन भैया उर्फ अखंडानंद त्रिपाठी या उनकी dead बॉडी मिले बिना सांस नहीं लेंगी। कालीन भैया सिर्फ king of मिर्ज़ापुर नहीं थे, पूर्वांचल की power को जोड़ने वाला एक बड़ा power great थे, उनके जाने से अब ये power बिखरने लगी है। गुड्डू भले ही उनकी कुर्सी पर बैठकर खुद को खलीफा घोषित कर दे, लेकिन power का ये नियम है कि वो मिलती नहीं है। power को कमाना पड़ता है। और अपने खराब fuse के लिए बदनाम रहे, गुड्डू का सबसे बड़ा है जौनपुर का नया झंडा वरदार शरद शुक्ला, सुपुत्र of रतिशंकर शुक्ला जिसे गुड्डू ने एक सांस में का-खा पढ़ते हुए मार दिया था मगर शरद पढ़ा-लिखा चतुर चालाक, चौकस लड़का है और सब्र का भरपूर भंडार रखे हुए इस लड़के का दिमाग एबीसी भी नहीं बल्कि alpha beta गामा तक पढ़ लेता है।
गुड्डू ने तो थोक के भाव दुश्मन बनाए ही है। कोल्हू के हिस्से भी एक दिलजला आया है। भरत त्यागी बनकर जी रहा उसका जुड़वा छोटा भाई, शत्रुघ्न गोलू के चक्कर में पड़कर भाई खो चूका शत्रुघ्न अब आशिकी में केकड़ा बनने जा रहा है ये आपको तब समझ में आएगा जब आप इस शो को देखेंगे पंडित परिवार के सर अब एक नया दुख आया है। एडवोकेट रमाकांत पंडित ने सीजन टू में गुड्डू को बचाने के लिए एसएसपी मौर्या की हत्या कर दी थी अब वकील साहब खुद जेल में है और कैदियों को देखकर उनकी जो नैतिकता है वो अब डगमगाने लगी है।
उनका घर उनकी बेटी का प्रेमी रोबिन चला रहा है इधर कालीन भैया की पत्नी बीना त्रिपाठी परिवार के आखरी चिराग को मिर्जापुर की आँधियों से बचाने में लगी है गुड्डू को उनका फुल सपोर्ट है और उधर लखनऊ में स्वर्गीय मुन्ना त्रिपाठी की पत्नी मुख्यमंत्री माधुरी यादव उनके सामने भी सर्वाइवल का सवाल बहुत तगड़ा आकर खड़ा हो गया है माधुरी को अपने पिता की परम्पराओं पर चल रहे उनके पॉलिटिकल साथियों और दुश्मनों से निपटना है वो प्रदेश को मुक्त प्रदेश भी बनाना चाहती हैं और बाहुबलियों में कानून का भय भी भरना चाहती हैं। अब सवाल ये है कि जो इतने सारे ट्रैक्स चल रहे हैं इन सारे ट्रैक्स में क्या इतनी ताकत है कि वो दर्शकों को बांधकर रख पाएं? ये एक बड़ा सवाल है क्योंकि मिर्ज़ापुर टू जब ख़त्म हुआ, कई सारे सवाल छोड़ गया, मिर्ज़ापुर थ्री का इंतज़ार इसलिए था कि ये सारे सवालों के जवाब मिलेंगे या नहीं?
इतना मज़ा आएगा? या नहीं आएगा? आप जानते हो मिर्जापुर का शुरू से एक ट्रेडमार्क रहा है, खून खच्चर से दर्शकों को एकदम shock कर देना। मगर पहले सीजन से तीसरे सीजन तक आते-आते इसका इस्तेमाल अब कहना चाहिए कि ज्यादा समझदारी से हो रहा है। मिर्ज़ापुर 3 की खासियत इसकी intelligence है। पिछले दो सीजन को अगर आप देखें, उसके मुकाबले अब किरदार जो हैं, वो ज्यादा दिमाग लगा रहे हैं। यहाँ तक कि गुड्डू जैसा किरदार भी अब दिमाग लगा रहा है।
violence तो गुड्डू की यूएसपी है ही ये बात शो के writers ने establish भी कर दी है और इसको बहुत अच्छे से इस्तेमाल किया है लेकिन गुड्डू को हमेशा भभकते हुए की इच्छा रखने वालों को ये बात थोड़ी कम पसंद आएगी हालाँकि शो के अंत में जेल के अंदर डिजाइन किया गया एक पाइट सिक्वेंस जो है वो इसकी पूरी भरपाई कर देता है। मिर्ज़ापुर थ्री में कॉमिक रिलीफ पहले दो सीजन के मुकाबले काफी कम है। जहाँ भी है वो कहानी में थोड़ी ऐसा लगता है कि उसे जबरदस्ती जगह दी गई है और वो जो एक आपका मूड चल रहा होता है शो को देखने का उसमें खलल पैदा कर देती है जैसे एक undercover कॉप किरदार और प्रदेश के अह जबरदस्त जबरन गलत शब्द पढ़ने की जो उनकी नौटंकी है वो डिस्टर्ब करती है।
मिर्ज़ापुर में शुरू से ही कई सारी कहानियां आपस में क्रॉस होती रही है, आप जानते हैं इस बार इसे बहुत बेहतर तरीके से डील किया गया है, मगर शत्रुघ्न त्यागी का जो सब प्लॉट है वो शायद लोगों को लगेगा कि और थोड़ा दिखाना, दिखाया जाना चाहिए था, सीजन two में भी त्यागियों का मामला कुछ अधूरा सा रह गया था, इस बार भी वो मेन मुद्दे में ज्यादा contribute नहीं कर पाए हैं, दूसरे सीजन में जो एक नया आया था। जो जनता का favourite बन गया था इस बार उसे और ज्यादा अच्छे तरह से दिखाए जाने की उम्मीद है मगर शो ने यहाँ निराश किया writing में किरदारों को मार देना अक्सर ये दिखाता है कि राइटर उनसे बेहतर काम नहीं करवा पा रहे थे और उन्हें एक बेवजह का एक जटिल अह ट्रैक बनाकर और फिर उन्हें हटा दिया गया।
हो ये भी सकता था कि जिन किरदारों को निपटाया गया है उनसे कुछ और बेहतर अह कहानी निकलवाई जाती है, कुछ और बेहतर करवाया जाता शो का जो असली मजा है वो शरद शुक्ला और माधुरी का है। इन दो किरदारों की राइटिंग बहुत अच्छी है। दोनों यंग हैं, अच्छे पढ़े-लिखे हैं, एक नई यूनिवर्स में जीने का ख्वाब देखते हैं, विरासत में मिले कीचड़ में उतरना है, फिर उन्हें बैलेंस बनाना है और कैसे वो इसमें बैलेंस बनाते हैं, नहीं बनाते हैं। ये काफी देखने में interesting लगता है। मिर्जापुर 3 में सबसे ज्यादा मजा आता है, महिला किरदारों को देखते हुए।
बीना, माधुरी, गोलू और जरीना अपनी-अपनी रॉ में अपना काम अच्छे से करके गए हैं, डायरेक्टर्स गुरमीत सिंह और आनंद अय्यर के साथ-साथ writers की team भी अह बहुत हद तक मिर्जापुर 3 के लिए जिम्मेदार मानी जानी चाहिए कि अह जो महिला किरदार है उन्हें बहुत असरदार बनाया गया है। तीसरे सीजन में मिर्जापुर किरदारों के ट्रीटमेंट conflicts और कैमरे की नजर से details दिखाने में भी काफी समझदारी दिखाई गई है, dialogues हमेशा की तरह तैशबाजी से भरे हैं, emotion वाले scenes में आपको emotions महसूस होंगे, शो ने अपना एक जो feature है उसको बनाकर रखा सी भी हालत में आप किरदारों से जैसे बर्ताव की आशा करते हैं वो वैसा बिल्कुल नहीं करते यानी आपको शॉक वैल्यू उसमें काफी मिलने वाली है।
जो कि आपको और भी ज्यादा बांध कर रखती है। मिर्ज़ापुर से भले ही कितनी ही शिकायतें हो मगर actors के काम के मामले में इस शो का लेवल काफी ऊपर है। अली फजल पंकज त्रिपाठी, ऋषिका दुगल और श्वेता त्रिपाठी पहले सीजन से ही जिस तरह से लोगों को बांधकर रख रहे थे। और इस बार भी बिल्कुल ऐसा है कि इन सारे किरदारों ने अ दर्शकों को बांधने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। और अगर हम देखें कि विजय वर्मा जैसा उम जैसे ही कुछ माहौल बनाते हैं तो फिर उनका character उस तरह से सामने नहीं आता और इस वजह से अह ऐसा लग रहा है कि कुछ और बेहतर हो सकता था लेकिन हाँ तब भी ठीक है कुल मिलाकर मिर्जापुर में शुरू से ही एक moral scale यानी कि नैतिकता के कांटे की तो कमी रही है जो अब तीसरे सीजन में और भी ज्यादा आपको महसूस होगी।
छह साल और season तक survive कर चुके इस show में अभी तक आप किसी भी किरदार से ये उम्मीद नहीं कर सकते कि वो बड़ा morally behave करेगा एक तरह से पूरा dark ah ये संसार है dark दुनिया है लेकिन आप जानते ही है कि मनोरंजन उसी का नाम है जो आपकी monotonous life को थोड़ा सा एक break दे कुछ नया दिखाए और इससे ज्यादा मैं कुछ बताना नहीं चाहूँगा मैं चाहूँगा कि आप अब इस show को खुद देखे अपना review आपने इस शो को कितना पसंद किया, नहीं किया?
बिना किसी शक इंडियन वेब सीरीज के दुनिया का सबसे बड़ा दिन आ चुका है. क्योंकि किंग ऑफ़ मिर्ज़ापुर नहीं किंग ऑफ़ इंडियन सिनेमा की डेट रिवील हो गई है सर. मिर्ज़ापुर सीज़न थ्री वैन ये सवाल पूछ-पूछ कर शो के मेकर्स ने पब्लिक के काम से खून निकाल दिया था. इसलिए इतनी जल्दी ठंडे मत पड़ जाना. और अब फाइनली वो डेट आ गई है जिसके बाद अगर दुनिया खत्म भी हो जाती है ना टेंशन नॉट मिर्ज़ापुर सीज़न थ्री देखकर ही मरेंगे.
इस बात की ख़ुशी कोई नहीं समझ सकता. डेढ़ मिनट का टीज़र देखकर ये ऐसा लग रहा है ज़िंदगी सफल हो गई तो पूरे आठ एपिसोड जब रिलीज़ होंगे उसके जलवे ही अलग होंगे। शो कैसा है, कितना भयंकर है, कितना best and best होगा, ये सब बातें बाद में करेंगे, पहले शो वालों की marketing strategy पे दो तीन गालियां तो बनती हैं। एक चीज़ होती है बर्दाश्त करना, फिर आता है सब कुछ जानते हुए भी सह लेना, उसके बाद आता है ये मिर्ज़ापुर 3 का बेशर्म promotion.
सच में गालियों की dictionary में नए शब्द add करना पड़ेंगे इतना ज्यादा अपशब्द बोले गए हैं, अमेजॉन prime के सोशल मीडिया page पे पिछले कुछ दिनों में शर्म नहीं आई भाई तुम लोगों को एक बार भी मतलब डेढ़ दो हजार comments में लोग तड़प रहे हैं date के लिए और ये क, ख, ग, खेल रहे हैं वो भी पोस्टर के साथ। देखो प्राइम वीडियो के announcement में सिर्फ पाँच सेकंड काफी थे मिर्जापुर के लिए बाकी सारे shows को लाइन में अपने पीछे खड़े करने के लिए।
और ये लोग पिछले पचास दिनों से जो नौटंकी मचा रहे हैं उसकी माफ़ी सिर्फ तभी मिल सकती है जब सीज़न थ्री का भौकाल पिछले दोनों सीज़न से दो सौ गुना ज्यादा निकले। टीज़र के बाद गुड न्यूज़ ये है कि भौकाल दो सौ नहीं कम से कम पाँच सौ छह सौ गुना ज्यादा भयंकर होगा क्योंकि मिर्जापुर में इस बार इंसान नहीं जानवर मिलेंगे। ये आईडिया जिस भी बंदे का था ना कि बाउजी की आवाज में टीजर को किया जाए डिस्कवरी चैनल की तरह बॉस आज के आज इसका प्रमोशन कर दो सैलरी ट्रिपल अच्छा वैसे कितने लोगों ने नोटिस किया कि टीजर के लास्ट शॉट में गद्दी के पास शेर की परछाई दिख रही है
भागते हुए नहीं किया ना थैंक यू बोलो भैया ये तो ट्रेलर भी नहीं है सिर्फ टीजर है और यहीं पे शेयर बाहर निकाल दिए तैयार रहना इस बार मिर्जापुर कमजोर दिल वालों के लिए नहीं होने वाला है नेक्स्ट लेवल भाई साहब honestly ये इकलौता ऐसा शो है जिसको आप मांस क्लास किसी कैटेगरी में फिट नहीं कर सकते ये खुद में अलग कैटेगरी है अलग सिनेमा है घरवालों के साथ देख सकते और छुपकर शांति से देख लोगे ऐसा हो नहीं सकता हर दूसरे सीन पे जोश में होश खोने का मन करने लगता है।
और सीज़न थ्री का पागलपन तो next level पे चला गया है क्योंकि कौन सा character hero है कौन सा विलन ये **** किसी को समझ ही नहीं आया है। बॉस इसी को बोला जाता है perfect teaser पूरा वीडियो देखने के बाद शरीर पे रोंगटे खड़े हो गए और पता भी नहीं चला क्यों? शो में होने क्या वाला है। सब कुछ दिखा भी दिया जिसे पूरे दो सीज़न की यादें दिमाग में वापिस आ गई और सब कुछ छुपा भी लिया सीज़न थ्री का एक परसेंट हिट भी नहीं दिया two in one teaser है।
ये वीडियो में दो-तीन सीन्स रिवील किए थे तब से लेकर आज तक दिमाग का बदोबदी हो रखा है। किसको सपोर्ट करें समझ ही नहीं आ रहा था। और अब आया है ये टीजर जिसने पूरा गेम ही बदल दिया है। त्रिपाठी जी पे दया आ रही है और गुड्डू भैया पे गुस्सा। ये कैसे हो गया गुरु। इस बार लग रहा है सारी लिमिट्स क्रॉस कर देंगे शब्दों में violence में emotions में adult content में यहाँ तक कि politics का नंगा नाच भी हो सकता है।
वैसे एक न्यूज़ पढ़ी थी मैंने कहीं पे जिसके हिसाब से ये मिर्ज़ापुर सीजन थ्री का बेसिक कांसेप्ट महाभारत से उठा के adopt किए हैं इस बार। तो शो में कुछ ऐसी चीजें भी हो सकती है जो काफी unexpected होंगी, धोखा सबसे इजी है, कोई किसी के भी साथ कर सकता है, सिर्फ गद्दी important है। देख रहे हो कितने सारे characters को एक साथ लेकर आ गए हैं, सीजन थ्री में ताकि मेन कहानी के अंदर छोटी-छोटी कहानियां भी चलती रहें। इससे होगा ये कि शो में अचानक से कब किसके साथ क्या हो जाए, पूरी कहानी unpredictable हो जाएगी। मिर्ज़ापुर इस बार बॉक्सिंग में ही चेस की तरह खेला जाएगा।
वैसे गुड्डू भैया का जो over excitement reason में दिख रहा है, सच बताना लग नहीं रहा, इस बार इनका चैप्टर खत्म हो जाएगा, मरने वाले हैं ये त्रिपाठी चौक तोड़ देना, बीवी छीन लेना, कुर्सी को खिलौना समझना और दुश्मन को बौना समझना बॉस गुड्डू भैया का उल्टा टाइमर चालू हो गया है। और ये जितना मासूम इस इंसान का चेहरा दिखाया जा रहा है, उतनी ही शैतानी इसके दिमाग में चल रही है, बदला होगा, इतना भयंकर जितना सोच नहीं सकते।
कालीन भैया जमीन पे है, जबकि कुर्सी पे कोई और बैठा है। ये चीज सोचने को दिमाग भी तैयार नहीं है, तो शो में कैसे दिखाएंगे? दूसरी बात, जैसा मैंने आपको बहुत पहले बता दिया था, मिर्जापुर सीजन थ्री पिछले दोनों सीजन से बहुत अलग होगा, कि इस बार मर्दों का नहीं औरतों का भौंकाल होगा नारी शक्ति जिंदाबाद है क्योंकि मैडम सीएम वर्सेज गोलू डॉन वर्सेज बीना द मास्टरमाइंड ये सिर्फ युद्ध नहीं पूरा वर्ल्ड वॉर लड़ने वाले है एक दूसरे के खिलाफ
लास्ट टाइम आपको एक काम भी दिया था मैंने पता लगाना था ये मैडम कौन है क्योंकि इस बार सीज़न थ्री की असली चैंपियन यही होने वाली है देखो पाँच जुलाई दो हज़ार चौबीस डेट बहुत पहले ही पता चल गई थी ये घड़ी में जो सुइया घूम रही है वो थोड़ी ना शो के मेकर्स की तरह बेईमान है तो सीज़न थ्री में होने क्या वाला है क्या एक्सपेक्ट कर सकते हो आप इस शो से सबसे पहला सवाल मुन्ना भैया को लेकर है आएंगे भी या नहीं।
गुरु hundred percent आएंगे वो भी शो के प्रोड्यूसर ने confirm कर दिया है लेकिन जिस तरह से आएंगे वो नहीं बताया लालच देकर भाग गए। माने flashback होगा कि सीधा comeback teaser में तो **** समझ नहीं आया एकदम छुपा के रखा है बेचारे को ये तब आएंगे जब कोई तैयार नहीं होगा। और एक गलती जो मैं आज आप सबके सामने कबूल करने वाली हूँ मिर्जापुर का background music ये undoubtedly पूरी दुनिया में सबसे best है। और जितना इसके बारे में मुझे,
आपको, हम सबको बात करनी चाहिए थी उसका एक परसेंट credit नहीं दिया है लेकिन आज सब कुछ बदल जाएगा मिर्जापुर का म्यूजिक हीरो बन जाएगा। पूरा teaser एक तरफ और last के दस सेकंड में मिर्जापुर का बीजीएम एक तरफ इस म्यूजिक के साथ मिर्जापुर के emotions है आज के बाद ignore मत करना साहब अब सब कुछ आज ही बता दूंगी आपको तो trailer में क्या ठनठन गोपाल मेरे पास शब्दों की कोई मशीन थोड़ी है हर बार नए बना लुंगी इंतजार करिए चार-पांच दिन का trailer बहुत पास है
बस हेलो high की बारी है उसके बाद तेज स्पीड से भागने वाली मिर्जापुर की गाड़ी है। but प्लीज दोनों हाथ जोड़कर बोलती हूं ये जानलेवा मार्केटिंग बंद कर दो हम लोग शो देख लेंगे भैया उसके लिए तबाही मचाने की जरूरत नहीं है. अब इतना सुन लिए कुछ अपनी तरफ से भी तो बोलिए कैसा लगा सरप्राइज मिर्जापुर थ्री का टीजर किस तरफ खड़े हो तुम टीम त्रिपाठी वर्सेज टीम गुड्डू या फिर लोमड़ी गैंग.
पॉपुलर वेब सीरीज पंचायत का तीसरा सीजन अब 28 मई से अमेजॉन पर stream होने वाला है। रिलीज़ के पहले सीरीज अह के कुछ अपडेट्स आ गए हैं जो आपको बताते हैं, कहा ये जा रहा है कि क्योंकि इस वक्त देश में चुनाव का माहौल है, तो इसी को ध्यान में रखते हुए मेकर्स ने इस series में भी चुनावी माहौल दिखाने की कोशिश की है, सूत्र बताते हैं कि सीजन में चुनावी तैयारियों की गहमागहमी देखने को मिल सकती है।
वहीं मेकर्स का प्लान कि वो इस series अह के पांच सीजन बनाना चाहते हैं यानी आने वाले सा लो में series के दो और सीजन देखने को मिलेंगे। ये तीसरा सीजन है इसके बाद दो और आएंगे। कहा ये भी जा रहा है कि इस सीजन की शूटिंग पिछले साल जुलाई से लेकर अक्टूबर तक में पूरी हो गई थी, series का जो major portion है वो पिछले साल ही शूट किया गया और एक अहम हिस्सा इस साल की शुरुआत में शूट हुआ है।
पिछले दो सीजन की तरह इस बार भी इसकी शूटिंग मध्यप्रदेश में हुई है। वहां एक गाँव है और में जो एक पंचायत भवन है वहीं पंचायत भवन वाला scene भी शूट किया गया है असलियत में पंचायत भवन बहुत अच्छी कंडीशन में है और series के हिसाब से आज डायरेक्टर ने उसे थोड़ी सी खराब शक्ल देखने की देने की कोशिश की होगी जो शो की demand है वो ये है कि वहाँ पे एक थोड़ी सी जर्जर भवन दिख रहा है मतलब इसकी हालत उतनी ठीक नहीं है अब खास बात ये है कि series में नए किरदारों की भी एंट्री हुई है सूत्र बताते हैं कि series में नए पंचायत सचिव अब विनोद शर्मा दिखाई देंगे किरदार जो है विनोद लक्ष्मण सूर्यवंशी प्ले करने वाले हैं।
विनोद पिछले कई सा लो से थिएटर में active हैं, उन्होंने कई सारे ऐड शोज भी किए हैं, उन्होंने ड्रीम गर्ल में आयुष्मान खुराना के साथ भी काम किया था, हालाँकि उम्मीद है कि पुराने सचिव के रोल में जितेंद्र कुमार दिखेंगे यानी दोनों ही बहुत सारे लोग हैं, जो सिर्फ जीतू जी की वजह से जितेंद्र कुमार की वजह से ही ये शो देखते हैं in fact मुझे भी काफी acting की पसंद है और इसलिए मुझे भी इस शो को देखने में काफी मजा आया था।
अब कहा ये जा रहा है कि सीरीज में विधायक की बिटिया को भी इंट्रोड्यूस किया जाएगा विधायक के रोल में पंकज झा है साथ ही सचिव सहायक विकास की बीवी खुशहाली को भी सीरीज में देखा जाएगा सचिव सहायक विकास जो है उनकी बीवी भी दिखाई देंगी इसके अलावा जगमोहन और बम बहादुर नाम के किरदारों को भी कहानी में एंट्री दी गई है ये दोनों ही प्रधान जी के टीम के मेन कैरेक्टर के तौर पर मौजूद रहेंगे वहीं इस बार अह वनराकश के रोल में दिखे दुर्गेश कुमार का स्क्रीन स्पेस बढ़ा दिया गया है
तो उम्मीद है कि जैसे पिछले दो सीजन एंटरटेनिंग रहे हैं ये वाला सीजन भी काफी एंटरटेन मुझे याद है कि अह इसके characters को लोगों ने घर-घर पसंद किया और खासकर अह जब ये series आनी शुरू होती है तो उसको लेकर बहुत सारे memes आ जाते हैं, बहुत सारे चुटकुले चलने लगते हैं, लोग व्हाट्सएप पर बहुत कुछ शेयर करने लगते हैं,
तो उम्मीद है कि इस बार भी पंचायत के साथ ऐसा ही होने वाला है और बहुत सारे लोग हैं उनमें मैं भी शामिल हूँ और पंचायत का बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि पंचायत एक जो माहौल create करता है, वो उसमें बड़ा सुकून है। एक छोटे गांव की जो शक्ल वहां देखने को मिलती है, उसमें लगता है कि हाँ यहां एक छोटी सी दुनिया है, उस दुनिया में एक खिड़की खुली है, जहाँ आप झांक कर आते हैं.
हाल ही में मैंने Netflix पर release हुई लापता ladies देखी और इस फिल्म को देखने के बाद मुझे एहसास हुआ कि आमिर खान की पत्नी होने के बावजूद किरण राव ने हमारे ग्रामीण इलाकों में जो महिलाओं की मजबूरियां हैं जो उनकी जिंदगी के challenges हैं, चुनौतियां हैं, जो दर्द हैं जो किसी से कह नहीं पाती, जो रोजाना वो सहती हैं, भुगतती हैं, उनको बहुत करीब से महसूस किया है, अगर ऐसा नहीं होता तो वो ये फिल्म नहीं बना पाती।
मुझे याद आ रहा है खान का वो स्टेटमेंट जिसके लिए उन्हें काफी ट्रोल किया गया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि अब हमें इस देश में डर लगता है। और उसके बाद उन्हें कई सारे ब्रांड endorsement से हाथ धोना पड़ा था। लेकिन किरण राव की ये फिल्म बताती है कि हमारे देश में जो ग्रामीण इलाके हैं, जो छोटे शहर हैं, जो कसबे हैं और कुछ हद तक बड़े शहरों में भी कुछ इलाके ऐसे हैं, जहाँ महिलाओं की स्थिति बहुत खराब है।
उन्हें अपना जीवन जीने की आजादी नहीं है, उन्हें अपने जीवन के सपने देखने की आजादी नहीं है। उन्हें अपने जीवन को अपने हिसाब से जीने की कोई आजादी नहीं मिलती क्योंकि वो शादी नाम के एक बंधन में बंध जाती है और इसी समस्या पर एक बहुत हँसाने वाले अंदाज में जो चोट की है जो कटाक्ष किया है। वो हमें झकझोर देता है, सोचने पर मजबूर करता है, गुदगुदाता तो है, पर वो हमें हमारे बारे में ही सवाल उठाने पर भी मजबूर कर देता है।
लापता लेडीज ऐसी फिल्म है जो हमें सच से रूबरू कराती है जो हमारे सामने जुमले कसे जाते हैं भारत के महान होने के हमें ये फिल्म बताती है कि हमारा देश कितना महान है हमारे देश की सोच कितनी महान है क्योंकि जो कुछ भी उस फिल्म में दिखाया गया है हो सकता है आप ये कहें कि मेरे साथ नहीं हुआ लेकिन अगर आप अपने आस-पास नजरें घुमाकर देखेंगे आपके शहर में, गाँव में, कस्बे में, आपके किसी मित्र के साथ किसी रिश्तेदार के घर में कभी ना कभी कहीं ना कहीं कुछ ऐसी बातें जरूर हुई होंगी
जिनके दर्शन आपको इस फिल्म में हो जाएंगे, कहने का मतलब ये नहीं है कि बीवी गुम हो जाए ये सबके साथ होता है लेकिन इसके आसपास जो ताना बाना बुना गया है वो आपको आपके शहर के आपके परिवार के आपकी सोच के और जो patriarchy का system है हमारे समाज में उसके बहुत करीब से दर्शन कराता है दोस्तों बहुत मुश्किल है इस फिल्म को न्यूट्रल होकर देख पाना क्योंकि अगर एक मर्द है तो मर्द की तरह सोचेंगे औरत है तो औरत की तरह सोचेंगे पर मैं आपसे ये कहूँगा कि इस फिल्म को देखते वक्त आप ना सोचिए, ना मर्द होकर सोचिए, आप इस देश के नागरिक एक शहरी, एक जिम्मेदार citizen के तौर पर इस फिल्म को जवाब देखेंगे, तब आपको इस फिल्म में कई सारे सवाल और उनके जवाब मिल जाएंगे। फिल्म में जो छोटी-छोटी बातें भी है ना एक वृद्ध का character है।
जो बीच में आता है और सिर्फ एक dialogue बोलता है, जागते रहो। वो भी हमें जगाने का काम कर रहा है। इस फिल्म के एक-एक dialogue को गौर से सुनने की जरूरत है, मैं कहता हूं, इस फिल्म का हर dialogue इस फिल्म का हर डायलॉग एक संदेश दे रहा है। आप उस संदेश को कितनी गहराई से, कितनी गहनता से समझ पाते हैं।
ये बताएगा कि आप इस देश को, समाज को कितनी गहनता से समझते हैं, कितनी करीब से महसूस करते हैं। सिर्फ ये कह देने से कि भारत मेरा देश है, नहीं हो जाता। उसको समझना पड़ता है। उस जीवन को अगर आपने नहीं भी जिया है, तो उन कुछ घंटों के दौरान जितनी देर ये फिल्म आपके सामने चलती है, आपको उस निर्मल प्रदेश के सूरजमुखी गाँव में जाना पड़ता है। उस मूर्ति पर रहना पड़ता है।
उन कैरेक्टर्स को देखना पड़ता है, उनसे जुड़ना पड़ता है, उनके अंदर डूबना पड़ता है, उनकी सोच को, उनकी एप्रोच को और उस कैरेक्टर के अंदर जो कुछ भी चलता है। चाहे वो इमोशन हो। या उसकी सोच-विचार हो। उसको अगर आप बहुत करीब से देखेंगे तो आपको बहुत कुछ इस फिल्म में दिखेगा। बहुत कम लोग हैं बॉलीवुड में। जो बंबई में रहते हैं, मुंबई में रहते हैं, बांद्रा, पाली हिल में रहते हैं। पोश इलाकों में रहते हैं और इस सब्जेक्ट को समझ पाते हैं।
सैल्यूट है किरण राव को और शायद इस फिल्म को देखकर समझ में आता है कि आमिर खान को जब भी हुआ होगा, किरन राव से प्यार क्यों हुआ होगा? दोनों एक दूसरे के नजदीक क्यों आए होंगे? क्योंकि आमिर खान के काम में आप लाख कमियां निकाल सकते हो, लाल सिंह चड्ढा के बाद लेकिन इतना तो मानना पड़ेगा कि वो अपने काम को बहुत अच्छे से जानते हैं मुझे याद आ रहा है रणबीर कपूर का एक interview हालाँकि इस लापता लेडीज से उसका कोई ताल्लुक नहीं है लेकिन क्योंकि जिक्र निकला आमिर खान का रणबीर कपूर को ये सलाह दी थी आमिर खान ने जब वो स्टार नहीं बने थे कि बेटा अभी तुम्हें कोई जानता नहीं है अभी जाओ और जाकर देखो बनारस और मेरठ की गलियों में क्या होता है? लखनऊ, कानपुर, जबलपुर में क्या होता है?
भोपाल में, जयपुर में, जोधपुर में क्या होता है? उन चाय की टपरियों पे बैठ के आओ लोग वहाँ कैसे बात करते हैं? तब तुम जानोगे असली हिंदुस्तान क्या होता है? क्योंकि एक बार अगर तुम स्टार बन गए तो तुम फिर ये सब कर नहीं पाओगे और रणवीर कपूर था कि मैंने आमिर खान की सलाह को माना नहीं और मुझे अफसोस होता है जब भी मैं कोई character play करने जाता हूँ कि काश मैंने ये कर लिया होता क्योंकि मुंबई में जो लोग रहते हैं खासकर posh इलाकों में Bandra, Poly Hill, Pali Hill में रहता है पूरा बॉलीवुड या जुहू में रहता है, वहां हिंदुस्तान के दर्शन आपको नहीं होते, हिंदुस्तान अगर आपको देखना है तो गांव में जा के देखना है, कस्बों में जा के देखना है कि local train में सफर करना है आपको। और किरण राव ने बहुत खूबसूरती से किया है, सलाम है उनको।
और मैं चाहूंगा कि अगर आपने फिल्म नहीं देखी तो जरूर देखिए। ये फिल्म हमारी व्यवस्था चोट करती है। हमारी सोच पर सवाल उठाती है और हमारे अंदर के इंसान को मैं यहाँ पुरुष या स्त्री का इस्तेमाल नहीं कर रहा हूँ हमारे अंदर के इंसान को झकझोर देती है। ये बहुत जरूरी है हमारे लिए क्योंकि हम इस देश में रहते हैं। जानिए तो सही असली हिंदुस्तान में होता क्या है?
तो बात ऐसी है कि मैंने एक ऐसा शो देखा है जिसको देखने के बाद मुझे ये सीरीज दुनिया की सबसे लंबी सीरीज लगने लग गई है। बात करते हैं नेटफ्लिक्स पर आए नए शो हीरा मंडी की। संजय लीला भंसाली जिन्होंने आज तक जितनी भी फिल्म्स हमारे सामने रखी है, उसमें हमेशा एक चीज कॉमन रहती है ग्रैंडनेस और यहाँ ग्रैंडनेस सिर्फ फिल्म के विसुअल्स में नहीं, एपिसोड के ड्यूरेशन एंड लेंथ से भी पता चल रहा था.
8 एपिसोड एंड हर एक पचास मिनट के आस-पास. कुछ-कुछ तो यार एक घंटे की भी है. बट दिस इज हाउ वेब सीरीज शुड बी. सो पूरे आठ घंटे की ये सीरीज है पकड़ के चलो. जिसको देखने के बाद आई आस्क तो माय सेल्फ के क्यों? इसकी जरूरत क्या थी? वो भी इतनी लंबी सीरीज क्यों?
तो बेसिकली आपको स्टोरी लाइन बता दूँ कि यहाँ तीन आस्पेक्ट्स रखे गए हैं. एक pre independence era के दौर में जब बंटवारा वगैरह नहीं हुआ था तब लाहौर में हीरा मंडी नाम की जगह मशहूर थी जहाँ तवायफ वहां के नवाबों को खुश करने का काम करती थी अपने हुनर से नाच गाने से अदाएकी से और तो दूसरा aspect है इस शो का आजादी कि कैसे तवायफ भी चाहती थी आजादी और तीसरा aspect है प्यार और मोहब्बत तो इन तीनों को blend करके संजय लीला भंसाली ने एक ऐसा शो बनाया है जिसमें grandness तो आप जरूर महसूस करोगे चाहे sets में हो, actors में हो, actors के costume में हो, jewelleries में हो, even dialogues में यार dialogues तो एक से एक थे, औरत के असली दुश्मन तो उनके ख्वाब होते हैं, कमरे से भाग गई, किस्मत से कैसे भागोगी?
हीरा के लड़कियों की किस्मत हाथों की लकीरों में नहीं पैरों में होती है वगैरह वगैरह लेकिन again जब आप एक episode देखकर पूरा कर लोगे तो आपको अंदर से ये महसूस नहीं होगा कि आगे का episode भी देख ही लेते हैं नहीं you will be like ah आज के लिए बहुत हो गया next episode दो दिन बाद देखो तो भी चल जाएगा so I mean to say कि ah कहीं पर भी wow वाला moment आप नहीं देखोगे even इसको बहुत simple settle रखा गया है एकदम plain हाँ देखने सब कुछ अच्छा लग रहा है colour tone set designs actress के acting but story line बहुत ही ज्यादा straty सी लगने लगती है
एक point पर आकर और ये उनको पसंद आ सकती है जिनको लंबे लंबे drama serials वगैरह देखना पसंद है starting में जिस तरह से story line दिखाई जाती है वो आखरी episode में totally change हो जाती है जिसको actually episode wise gradually change किया गया है but इससे आपको अंदर से ये महसूस होने लगेगा कि कहाँ start हुई थी story भाई और इधर कैसे चली गयी but again ये इस की बुराई नहीं है ये अपने पॉइंट को सामने रखने के लिए कुछ ज्यादा ही टाइम लगा देती है
क्योंकि ये एक pre independence era and नवाबों के एरा की सीरीज है तो इसमें उर्दू वर्ड्स का इस्तेमाल बहुत ज्यादा हुआ है कुछ एक तो मेरे सिर के ऊपर से चले गए एंड सीरीज हिंदी में होने के बावजूद मैंने करके रखे थे सीरीज में गालियां वगैरह नहीं है एंड एडलट कंटेंट है पर न्यूडिट ही नहीं है बाकी किसके साथ देखना है किसके साथ नहीं वो आप खुद ही डिसाइड कर लेना.
2019 वैलेंटाइन डे एक ऐसा दिन जिसके बारे में सोचते ही रूह तक कांप उठती है। जी हाँ दोस्तों एक ऐसा घाव जो कि कभी भी भर नहीं सकता है। इस दिन हमने हमारे सीआरपीएफ के लगभग चालीस जवानों को खो दिया था, एक टेररिस्ट अटैक में लेकिन दोस्तों ये अटैक असल में किया किसने था, इसके पीछे एक इनका हाथ था, इनका असल में क्या मकसद था, ये सारी की सारी चीजें हमें ठीक तरह से पता भी ना हो।
लेकिन यकीन मानिए दोस्तों, फाइनली एक ऐसी वेब सीरीज रिलीज की गई है। जिसे देखने के बाद आपको ऐसा लगेगा कि हम के attack के बारे में बहुत सारी चीजें नहीं जानते हैं। और जो भी हिडन secrets थे यानी कि पुलवामा attack के पीछे किनका हाथ था उनका मोटो क्या था और लास्ट तक जो भी terrorist जो कि सीआरपीएफ बस पर हमला करते हैं उन्हें किस तरह motivate किया गया था। ये सारी की सारी चीजें इस सीरीज में दिखाई गई है। जी हाँ दोस्तों मैं बात करने जा रहा हूँ रणनीति बालाकोट एंड बियॉन्ड वेब सीरीज के बारे में जिसे फाइनली रिलीज कर दी गई है जियो सिनेमा पर।
सीरीज के टोटल नाइन एपिसोड रिलीज किए गए हैं। इसके हर एक एपिसोड लगभग फोर्टी एट टू फिफ्टी मिनट्स की है। सीरीज आप अपनी फैमिली के साथ भी बैठकर देख सकते हैं क्योंकि सीरीज की स्टोरी बहुत ही ज्यादा फ्रेश बनाई गई है. तो दोस्तों चलिए जानते हैं थोड़ा बहुत इस सीरीज की स्टोरी के बारे में दोस्तों सीरीज की स्टोरी के बारे में किसी भी तरह की इंट्रोडक्शन देने की जरूरत नहीं है. क्योंकि ये पूरी की पूरी सीरीज पुलवामा अटैक से शुरू होती है और बालाकोट में जाकर खत्म होती है.
यानि कि टेररिस्ट ने किस तरह पुलवामा में अटैक किया, किस तरह हमारे सीआरपीएफ के जवान मारे गए हैं और किस तरह हमारी इंडियन एयर फाॅर्स बालाकोट में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक करती है. ये सारी की सारी चीजें इस सीरीज में दिखाई गई है. सर्जिकल strike सुनने में बहुत ही छोटा सा शब्द है। लेकिन इस सर्जिकल स्ट्राइक को कामयाब करने के लिए पूरी की पूरी देश की आर्मी तक लग जाती है। तो दोस्तों finally बात करते हैं इस सीरीज की। दोस्तों सीरीज की स्टोरी की शुरुआत होती है पुलवामा अटैक से।
लेकिन असल में अटैक किस तरह किया गया था। जो भी आतंकवादी थे वो पुलवामा अटैक को किस तरह कामयाब करते हैं, उन्हें किस तरह motivate किया जाता है, इसके पीछे किसका हाथ रहता है और लास्ट तक इंडियन एयर फोर्स किस तरह उन सभी अपराधियों को ढूंढ कर निकालती है और उन्हें सजा देती है। ये सारी की सारी चीजें series में दिखाई गई हैं। series के concept पूरी तरह से एक सच्ची घटना पर आधारित है।
यहाँ पर आप देख पाएंगे कि बड़े-बड़े फैसले किस तरह सरकार लेती है और किस तरह शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों का बदला हमारी गवर्नमेंट लेती है उन सभी लोगों से जो कि इस पुलवामा अटैक को अंजाम दे चुके थे। बहुत सारे ऐसे हमारे जवान है जो कि शहीद होने के लिए तैयार होते हैं देश की रक्षा करने के लिए वो अपने परिवार के बारे में और अपने बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचते हैं। और यही चीज इस पूरे सीरीज में दिखाई गई है। सीरीज की स्टोरी की अगर हम बात दोस्तों इस सीरीज की स्टोरी के बारे में तो सभी को पता ही होगा।
लेकिन बात है जहाँ तक कि प्रेजेंटेशन की तो इस सीरीज की प्रेजेंटेशन सच में आपको amazing लगने वाली है। सीरीज आपको किसी भी जगह पर बोर नहीं करेगी। सीरीज की हर एक moment में आपको अच्छा खासा three मिलने वाला है। यानी कि इस सीरीज को अगर आप एक बार बैठकर देखना शुरू कर देते हैं तो खत्म किए बिना उठ नहीं पाएंगे। इस सीरीज में हर एक बारीक चीज को दिखाने की कोशिश की गई है। यानि कि इस सीरीज की आप चाहकर भी कोई भी नुक्स नहीं निकाल सकते हैं।
तो दोस्तों finally series रही मेरे लिए अब बात करते हैं इस series की rating के बारे में तो दोस्तों अगर मैं इस series को rating दूँ तो मैं इसे rating दूँगा five में four point five star क्योंकि मेरे लिए series से ही काफी हद तक अच्छी series में किसी भी तरह का आप fault नहीं निकाल सकते हैं। series की स्टोरी से लेकर इसके हर एक character बहुत ही amazing लगने वाले हैं आपको even इस series के सबसे खास बात दोस्तों Jimmy Sargill है क्योंकि Jimmy Sheregill इस series में जान डालते हैं।
उनकी acting आपको सच में बहुत ही ज्यादा पसंद आने वाली होगी। even इस series में आपको लाला दत्ता भी वाली होगी लेकिन लाला दत्ता की एक्टिंग आपको हो सकता है कि उतनी भी ज्यादा पसंद ना आए जितनी कि आपको जिम्मी सैर गिल और आशुतोष राणा या फिर आशीष विद्यार्थी की एक्टिंग पसंद आए. अगर आप सोच रहे हैं कि सीरीज को हम देखें या ना देखें तो दोस्तों सीरीज को आप बिंदास देखिए और अगर आपने इस सीरीज को मिस किया तो सोचिए कि आपने कुछ अच्छा ही मिस कर दिया है.
सीरीज को आप जरूर देखिए. सीरीज में हर चीज दिखाई गई है. तो दोस्तों सीरीज की स्टोरी पुलवामा से शुरू होती है और बालाकोट की स्ट्राइक से खत्म होती है. लेकिन इसके बाद भी कुछ कहानियां है. पाकिस्तान जो कि अपने आप को बहुत ही मासूम दिखाता है. वो भी अपने सफाई में बहुत सारी चीजें रखता है.
लेकिन इंडिया लास्ट तक पाकिस्तान को किस तरह दोषी बताता है और लास्ट तक इस अटैक के पीछे पाकिस्तान का ही हाथ है या किस तरह प्रूफ करता है ये सारी की सारी चीजें इस सीरीज में दिखाई गई है. यानि कि अगर आप सोच रहे हैं कि हम पुलवामा अटैक के बारे में सारी चीजें जानते हैं तो आप पूरी तरह से गलत हैं. क्योंकि इस सीरीज में कुछ ऐसी भी चीजें दिखाई गई हैं. जिसके बारे में आपको क्या किसी को भी आज तक पता नहीं होगा.