आज से ठीक पांच साल पहले दो हजार उन्नीस में एक ऐसी फिल्म आई थी जिसे बॉलीवुड में हमेशा के लिए फिल्म में शामिल कर लिया गया और मर्दों को शिकार बनाने का फॉर्मूला बदल दिया गया। नाम ये सारी आशिकी काम बॉलीवुड के नियमों के खिलाफ जनता के दिलों में इतना कमाना सस्पेंस थ्रिलर के गेम में दर्शकों को चैलेंज कर देना। वो वही अभिनेता भूषण पूरी तरह से अब बंधक आ गए हैं काफी समय बाद लेकिन साथ में पता चला कि किसे लेकर आए हैं?
आपकी और आपकी गर्लफ्रेंड दादी जी त्रिया की पसंदीदा गैलरी वधू टीवी से लेकर स्ट्रेट सिनेमा वाले तक भूतिया स्टाइल में वापसी। और जब सिनेमा में भूत की बात होती है तो एक नाम हमेशा उसके साथ फेविकोल की तरह चिपका होता है, गेस करोगे, है ना? विक्रम भट्ट भाई किसी ईसाइन खुद भूत-प्रेत भी मठाधीश हैं, कहीं पंथ के रोमांटिक आत्मा इंसानों वाली फिल्म में डाल दिया तो इतना के ले-देने हो जाएंगे। राज उन्नीस तेईस और ये लिस्ट दो हजार चौबीस तक बहुत लंबी हो गई है, लेकिन विक्रम सर की यही बात सबसे अच्छी है, उन्होंने अपने टैलेंट पर कभी घमंड नहीं किया।
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तभी तो फिर से कमबैक कर रहे हैं, एक और ऐसी फिल्म के साथ देखने के बाद इंसान तो क्या, भूत भैया को भी फेस बना लेना चाहिए। फिल्म का नाम है ब्लडिश, डरो मत, अभी तो सिर्फ नाम बताया है, आगे जो काम किया या फिर स्कैंडल स्टार किया वो भी बताऊंगी। अच्छी बात ये है कि थिएटर जाने का प्लान बिल्कुल नहीं लिया गया है, क्योंकि पिक्चर देखने के लिए बस हॉटस्टार का घर पे सब्सक्रिप्शन होना है। अच्छा अगर याद होगा तो ठीक है एक साल पहले सेम इसी समय परीक्षा वधु नी अविका गौर ने नौतीन ट्वेंटी यूनिवर्स में कदम रखा था।
बोलतीं ट्वेंटी हॉर्स ऑफ द हार्ट भाई ने कुछ भी फिल्म में थिएटर्स के आउटफुल हाउस का बोर्ड लगाया था, झूठ नहीं बोल रही हूं, मैं खुद वहां मौजूद थी क्योंकि बाहर से आप बहुत कम एक्टिंग कर रहे थे लेकिन विक्रम भट्ट सिनेमा के फैन आज भी हैं जिंदा है ये शख्स कौन है कहां से आता है ये राजा मुझे नहीं पता हां तो विक्रम भट्ट सर ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है क्योंकि बाकी एक्टर्स, डायरेक्टर, साउथ या फिर हॉलीवुड में किसी भी फिल्म को ढूंढते हैं लेकिन विक्रम सर तो अपनी ही पुरानी फिल्मों के बड़े इतने फैन हैं कि बच्चे साल भले ही चले गए हों लेकिन मजाल है कि कहानी में कुछ बदल जाए वही पुरानी कॉपी बेस्ड तो यार ये ब्लडी जो फिल्म है उसका ना टाइटल बदल के आप उन्नीस बीस हॉरर्स ऑफ द हार्ट रख के असंबद्ध फिल्म को इस्तेमाल कर दोगे ना लोगों को समझ में भी नहीं आएगा।
भूत बनाम इंसान की लड़ाई का जो पुराना फॉर्मूला है उसमें हमेशा एडल्ट सीन होते हैं, डर गया तेल लेने के बारे में आप काम सूत्र के बारे में जरूर जानें। तो एक लड़की है यार की याददाश्त हो गई है मिसेज बैकवर्ड कुछ भी याद नहीं है बस साथ में एक लड़का है जो खुद को इसका पति बताता है। लेकिन हाँ अमीरी भयंकर वाली है ये दोनों साथ में रहते हैं सात समंदर पार स्कॉटलैंड का एक सुंदर लेकिन शांत प्रकार के छोटे से द्वीप पर पे मुसीबत ये है घर के नीचे जाने वाली नाव तक वाला एक गुप्त कमरा उसकी चाबी पास नहीं है लेकिन लॉक बहुत मोटा है लगा है का मतलब अंदर कुछ तगादा छुपा है. हीरो हीरोइन का क्लैश होता है शांत करने के लिए दोनों का रेसलिंग का मैच होता है।
हारा कौन नहीं पता लेकिन जीत रोमांस की होती है। लेकिन इससे पहले की हीरोइन नई जिंदगी को सच भूत खोजने के लिए अपने पतिदेव के प्यार में उन्हें घर में दिखाई देने लगती है। एक महिला आत्मा है जो बिना फूल के वही सफेद पे दिखाई देती है जहां कुछ देर पहले उसका कुश्ती मैच हुआ था। भूल गए तो नहीं गए ना?
कुल मिलाकर टेंशन ये बात है कि नई जिंदगी तो तब शुरू होगी जब पुरानी वाली हकीकत पता चलेगी दोस्ती का फायदा उठाके पतिदेव को छुपा रहे हैं भाई फिल्म देखो कैसी है वो शायद मुझे बताने की जरूरत नहीं है क्योंकि वाइज को तो सिर्फ इशारा करना काफी होता है मैं तो पूरा निबंध आपको सुना रहा हूं लेकिन हां इसकी वजह से बॉलीवुड का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में लिखा जा रहा है पूछोगे नहीं क्यों भाई सच बोल रही हूं आपकी तारीफ से ज्यादा फालतू फिल्म आपने आज तक नहीं आंकी होगी मतलब दस आंकड़े नब्बे भी नहीं पूरी सौ प्रतिशत फिल्म वीएफएक्स से बनाई गई है
याद है वो रिची हेलीकॉप्टर आइलैंड में घर **** शूटिंग के लिए पैसे बर्बाद करने तक कार्टून से ग्रीन स्क्रीन पे चला के शूट कर लिया था सब कुछ। मुझे तो लगा था ये अविका गौरव और गौरव ये दोनों असली हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर घर बैठे-बैठे की शूटिंग चल रही है।
आप लोग फाल्टू में ओम रावत को इतना बुरा अच्छा प्रदर्शन हो गया था, जिसमें सारे इल्जाम का दावा हो गया था, जबकि रियल ट्रेजर तो इस फिल्म का रहस्य है, आपको यकीन नहीं होगा कि आंखों के अंदर पे लॉकेट के शोकेस पिक्चर से तो कोई उम्मीद पहले ही नहीं थी, लेकिन भट साहब की फिल्मों का संगीत कितना प्रतिष्ठित हुआ था। लेकिन यहां तो कान में भी किसी ने वो हरा वाला बम चला दिया हो ऐसा कुछ भी बज रहा है, कुछ भी गाए जा रहे हैं, रोमांस में मयायत वाले गाने हैं।
पित्री अविका की शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया गया है, लोग वास्तव में उनका सम्मान करते हैं, जो शायद अब बचेगा नहीं, ऐसी फिल्में करने के बाद। और भगवान के लिए भूल गए कि ब्लॉसम पूरी ने ये **** आशिक के बाद कभी कमबैक करने की कोशिश की थी। मैंने तो उनकी कोई फिल्म नहीं देखी, कहां देखी। रिव्यू चाहिए तो सलमान भाई के स्टाइल में बोलो यार, खुद पे एक एहसान करना कि इस फिल्म से अकेले हो सके खुद को दूर कर देना। बाकी शरीर तुम्हारा है, पतलाना चाहता हो तो पतला लो।
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