सावरकर की फिल्म पर बवाल: ये है पांच डायलॉग

रणदीप हुड्डा की फिल्म वीर सावरकर रिलीज से साथ ही चर्चा में आ गई है, विवादों में आ गई है और पांच ऐसे डायलॉग हैं जिनका जिक्र इस समय सोशल मीडिया पर हो रहा है, सबसे पहले तो इसके ट्रेलर को देखते ही आपत्ति जताई है, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परपोते ने उन्होंने ये कहा है कि नेताजी एक धर्मनिरपेक्ष नेता थे, इसलिए उन्हें बैड लाइट में ना दिखाया जाए, अब मैं बात बताने वाला हूँ, आपको उन पांच Dialogues की, जिनको लेकर काफी चर्चा हो रही है, जो चर्चा में Dialogues हैं, उसमें नंबर वन पर है, मैं ऐसे लोगों को ढूंढ रहा हूँ, जो जिंदा अंग्रेजों का फाड़ कर खा जाए। ये dialogue है जिस पर काफी चर्चा है।

दूसरा है आपने कभी सोचा है कांग्रेस के किसी Member को काले पानी की सजा क्यों नहीं हुई और देश में चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में इस Dialogue को लेकर भी काफी चर्चा हो रही है। तीसरा dialogue है आजादी की लड़ाई नब्बे साल चली। पर ये लड़ाई सिर्फ कुछ ही लोगों ने लड़ी बाकी सब तो सत्ता के भूखे थे तो इस तरफ इशारा किया जा रहा है। ये भी एक बड़ी बात है और जैसा आप जानते है कि बॉलीवुड में फिल्में जब रिलीज होती है, लोगों के बीच चर्चा का विषय बनती है, खासकर अगर देश में कोई बड़ा चुनावी मौसम आया हुआ हो तो इसका असर भी साफ दिखता है, हाल ही में जिस तरह से अभी केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई और जिस तरीके से Electoral bond का मामला निकल कर आया है, तो कुल मिलाकर ये सारी चीजें जो है, किसी खास तरफ इशारा कर रही है!

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एक और डायलॉग जो चौथे नंबर का डायलॉग है, और काफी चर्चा में है, वो है, महात्मा गांधी बुरे नहीं थे, लेकिन अगर वो अपनी अहिंसावादी सोच पर अड़े नहीं रहते, तो भारत पैंतीस साल पहले आजाद हो जाता। तो सीधा गांधी जी पर एक प्रहार है और इसको लेकर भी सोशल मीडिया पर बहस काफी तेज हो रही है। पांचवा डायलॉग है मूल्यवान तो सोने की लंका भी थी लेकिन बात अगर किसी की स्वतंत्रता की हो तो रावण राज हो या ब्रिटिश राज दहन तो हो के रहेगा। इन पांच डायलॉग्स पर काफी चर्चा हो रही है। एक में सीधे महात्मा गांधी को निशाना बनाया गया है, दूसरे में कांग्रेस को निशाना बनाया गया है। तीसरा इसके ट्रेलर पर आपत्ति जता दी है, नेताजी बोस के परपोते ने और उन्होंने एक साफ तौर पर लिखा है अह देखिए इसमें एक सीन है जिसमें वीर सावरकर सुभाष चंद्र बोस से कह रहे हैं कि जर्मनी और जापान के आधुनिक हथियारों के साथ अंग्रेजों पर हमला कीजिए।

और चंद्र कुमार बोस जो कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परपोते हैं वो सोशल मीडिया पर लिखते हैं रणदीप हुड्डा सावरकर पर फिल्म बनाने के लिए आपकी सराहना करता हूँ लेकिन कृपया नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम सावरकर के साथ जोड़ने से बचें, नेताजी एक धर्मनिरपेक्ष नेता और देशभक्त यानी उन्होंने बहुत कुछ इस Sentence में कह दिया मिलाकर जो पांच dialogue चर्चा में है इसको लेकर सोशल मीडिया पर काफी बातें हो रही है।

मैं आपको ये भी बता दूँ कि अह ये जो डायलॉग है कांग्रेस वाला या महात्मा गांधी वाला उसको लोग अभी के चुनावी मौसम से जोड़कर भी देख रहे हैं और जैसा कि आप जानते हैं कि फिल्मों में बोले गए डायलॉग अक्सर सोशल मीडिया पर trend करने लगते हैं अगर ये सीधा तौर पर कोई कटाक्ष हो या किसी खास राजनीतिक पार्टी को अह या तो support करने वाले हों या उसके विरोध में हो तो इसको लेकर काफी चर्चाएं तेज हो जाती है। अब मैं आपको बताऊँ कि हाल फिलहाल के दिनों में Propaganda movies का काफी चलन रहा है।

हम शायद कश्मीर फाइल्स की बात कर ले the कैनेडा स्टोरी की बात कर ले इन दोनों फिल्मों ने एक खास तरह का सच हमारे सबके सामने रखा और बहुत से लोगों ने इसकी सराहना की और शायद इसकी जरूरत भी थी लेकिन कई बार ऐसे Subjects का राजनैतिक इस्तेमाल भी होने लगता है जिसको देखकर चिंता ये होती है कि क्या इन फिल्मों का मकसद सिर्फ सच को सामने रखना था या किसी खास एजेंडा करना था जहाँ तक सच को सामने रखने की बात है मैं सराहना करता हूँ the कश्मीर files की The केरला स्टोरी की कि एक बहुत बड़ा सच सामने रखा गया जिसको शायद बरसों से किसी ने कहने का साहस नहीं किया था

लेकिन साथ ही चिंता उस वक्त होने लगती है जब इस तरह की फिल्मों के आने के बाद एक खास तरह की सोच, एक खास तरह के लोगों की अह जो मानसिकता है उसको आगे रखा जाता है और फिर सवाल खड़े होते हैं कि क्या कुछ एजेंडा परोसा जा रहा है, क्या ये Propaganda movies कहलाती हैं? देखिए अह अभी हाल ही में एक मार्च दो हजार चौबीस को अह फिल्म Release हुई accident या Conspiracy गोधरा उसको भी इसी श्रेणी में रखा गया कि ये एजेंडा है या कुछ खास तरह की बात कहने की कोशिश है और फिर फिल्म गोधरा Incident आई जो तीन मार्च दो हजार चौबीस को release हुई और इसमें  दो हजार दो में गुजरात में जो हुआ था उसका जिक्र है 

अभी जो फिल्म आने वाली है जेएनयू है जहांगीर national university जेएनयू आप समझते हैं कि क्या समझा जाता है हमारे देश में ये पांच अप्रैल को फिल्म release हो रही है राजनीति पर आधारित जिससे जेएनयू यानी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से प्रेरित है लेकिन नाम थोड़ा-सा बदल दिया गया है। इसके अलावा the battle story of अह सोमनाथ इसकी release date अभी तय नहीं है लेकिन ये भी मोहम्मद गजनवी के अह सोमनाथ मंदिर पर जो हमले हुए उसकी कहानी को दिखाई थी, कई बार ऐसा होता है कि एक फिल्म के जरिए हम कुछ कहने की कोशिश करते हैं, कई बार उसके अर्थ अलग-अलग लोग निकालते हैं, कई बार ये होता है कि उसका Promote कैसा किया जा रहा है और सबसे बड़ी बात ये होती है कि वो फिल्म किस वक्त में release हो रही है, उस वक्त देश में क्या चल रहा है। तो इस वक्त देश चुनाव आने वाले हैं और ऐसे में सावरकर जैसी फिल्म का आना और उसमें ऐसे पाँच विवादित dialogues का होना आपको क्या लगता है? क्या कुछ कहने की कोशिश है? और या फिर ये एक सहज रूप से कही गई बात है जिसको लोगों ने अर्थ निकालने शुरू कर दिए हैं।

स्वातंत्र्यवीर सावरकर मूवी बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 1 दिन: 0.007 करोड़

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2024 की मोस्ट अमेटेड फिल्म वीर सावरकर फाइनली रिलीज हो चुकी है जिस फिल्म में हमें नजर आ रहे हैं रणदीप हुडा और उनके साथ में है अंकिता लोखंडे। फिल्म का डायरेक्शन भी खुद रणदीप हुडा ने किया है। तो जानते हैं कैसी है ये फिल्म और ये फिल्म उम्मीद पर कितनी खरी उतरी है। फिल्म की कहानी की शुरुआत अठारहवीं सदी के अंत के दृश्यों के साथ में होती है। देश में प्लेग की महामारी फैली हुई है, लोग मरे जा रहे हैं। देश गुलामी जंजीरों में जकड़ा हुआ है। इसी बीच महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में विनायक दामोदर सावरकर का जन्म होता है। विनायक दामोदर सावरकर के अंदर बचपन से ही अंग्रेजों के खिलाफ एक गुस्सा है। वो अपने देश से अंग्रेजों को भगाना चाहते हैं इसके लिए वो अभिनव भारत नाम से एक संगठन भी बनाते हैं। सावरकर का हमेशा से यही मानना था कि अंग्रेजों को अहिंसा से नहीं हराया जा सकता है।

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इसके लिए वो लोगों को हथियार उठाने के लिए आह्वान भी करते हैं। अंग्रेजों से लोहा लेने सावरकर उन्हीं के देश लंदन चले जाते हैं वहीं से अपनी क्रांति जारी रखते हैं वहाँ उनके कुछ सहयोगी अंग्रेजी अधिकारियों की हत्या कर देते हैं फिर सावरकर के ऊपर साजिश करने का आरोप लगाया जाता है उन्हें गैर कानूनी रूप से भारत भेजकर काला पानी की सजा दे दी जाती है काला पानी की सजा के दौरान उन्हें असहनीय पीड़ा दी जाती है कई साल जेल में बिताने के बाद सावरकर एक के बाद एक कई दया याचिका दायर करते हैं हालांकि इन के पीछे उनकी एक सोची-समझी रणनीति होती है। सावरकर कहते हैं कि जेल में रहकर मरने से बेहतर है कि वो बाहर निकलकर देश के लिए कुछ किया जाए। जेल से छूटने के बाद उनका संपर्क भगत सिंह सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी से होता है, इसके बाद देश की आजादी मिलने तक सावरकर अपनी लड़ाई लड़ते हैं। इस फिल्म में सावरकर के किरदार में रणदीप उड़ा ने काफी बेहतरीन काम किया है और रणदीप को देखकर यही लगता है कि सावरकर के रोल में उनसे बेहतर शायद ही कोई कास्ट हो सकता था, ऐसा लगा कि हम सावरकर को ही बड़े पर्दे पर देख रहे हैं। काला पानी वाले sequence में रणदीप हुडा की एक्टिंग काफी दमदार है। इस रोल के लिए उन्होंने जो मेहनत की है वो पर्दे पर साफ दिखाई देती है। सावरकर के भाई के रोल में अमित सियाल और पत्नी के किरदार में अंकिता लोखंडे का काम भी काफी बढ़िया है। इनके अलावा कास्टिंग और भी काफी ज्यादा बेहतर है जैसे कि गांधी जी का किरदार अंबेडकर साहब का किरदार सबकी एक्टिंग काफी लाजवाब है।

बात करें फिल्म के डायरेक्शन की तो इस फिल्म को प्रोड्यूस और राइटर खुद रणदीप हुडा है और ये कहने में कोई गलत नहीं है कि उन्होंने अपनी पहली ही फिल्म में कमाल का डायरेक्शन किया है उन्नीसवीं सदी के सीक्वेंस बिल्कुल असली लगते हैं जेल के अंदर के जो सीक्वेंस है वो तो आपके रूह कंपा देंगे। फिल्म के वन लाइनर्स और डायलॉग ताली बजाने पर मजबूर कर देंगे। महात्मा गांधी और सावरकर के बीच के जो संवाद है काफी मजेदार लगते हैं। दोनों के बीच के जो गजब वैचारिक मतभेद दिखाए गए हैं। कुछ सीन्स तो ऐसे हैं जो आपको भी कर सकते हैं। cinematography की भी तारीफ बनती है आज़ादी के पहले का भारत कैसा होगा।

शैतान बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 14 दिन: 112 करोड़

cinematographer अरविन्द कृष्णा ने इसे काफी बेहतरीन ढंग से दिखाने की कोशिश की है। फिल्म का कलर टू डार्क रखा गया है जो कि फिल्म की स्टोरी के हिसाब से काफी perfect है। फिल्म का स्क्रीनप्ले इतना Solid है कि फिल्म शुरू होती है, खत्म हो जाती है जहाँ तक आप एक मिनट के लिए भी आपकी नजरें स्क्रीन से नहीं हटा पाओगे। फिल्म का जो first half है उसमें आप फिल्म की पूरी कहानी की पूरी स्टार कास्ट से अच्छे से कनेक्ट हो जाते हो वही फिल्म का सेकंड हाफ तो आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाता है। तो दोस्तों यही कहूँगा कि अगर इस वीकेंड एक आप अच्छी फिल्म देखना चाहते हो तो वीर सावरकर एक परफेक्ट चॉइस है क्योंकि दोस्तों इस फिल्म के अंदर आपको हिस्ट्री का नॉलेज और एंटरटेनमेंट दोनों चीजें परफेक्ट बैलेंस के साथ में मिलती है। मैं इस फिल्म को दूंगा फोर आउट of Five स्टार और आपको recommend करूंगा कि एक अगर अच्छी फिल्म देखना चाहते हो अच्छे सिनेमा को सपोर्ट चाहते हो तो वीर सावरकर बड़े पर्दे पर जाकर देखिए, फिल्म आपको बहुत पसंद आएगी।

हालांकि दोस्तों फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर अच्छी खासी शुरुआत मिल चुकी है और ये फिल्म पहले ही दिन लगभग पांच करोड़ रुपए की शानदार कमाई कर रही है और फिल्म अच्छी है तो उम्मीद कर सकते हैं कि आने वाले दिनों में फिल्म के कलेक्शन में और भी उछाल देखने को मिलेगा। यानी कि दोस्तों वीर सावरकर randeep हुड्डा  के करियर की सबसे बड़ी सुपरहिट फिल्म बनने को तैयार है।

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स्वातंत्र्य वीर सावरकर मूवी रिव्यू हिंदी: आजादी की कहानी बस अहिंसा के साथ जोड़कर दिखाई गई | Swatantra veer savarkar movie review in Hindi

आजकल देशभक्ति वाली फिल्मों को लोग ज्यादा भाव नहीं दे रहे.  स्पेशली अगर वो बायोपीक मूवी हो तो और भी नहीं लेकिन जहाँ मैं ये  बोल रहा हूँ वहीं अभी एक ऐसी फिल्म आई है जो रियल लाइफ से  इंस्पायर्ड भी है पेट्रोटिक भी है. और बायोपीक भी है.  स्वातंत्र्य वीर सावरकर आई है थिएटर में वो भी एक दिन पहले  इक्कीस की रात को ही मैंने ये शो देख लिया और सरप्राइजिंगली थिएटर  हॉल अच्छा खासा हाउसफुल था. व्हिच वास एक्चुअली  अनएक्सपेक्टेड फॉर मी तो आइए फटाफट बात कर लेते हैं.

देखो  इसमें कोई डाउट नहीं है कि रणदीप हुडा एक बहुत अच्छे एक्टर है. पर  इस फिल्म में वो नेक्स्ट लेवल चले गए हैं भाई साहब. इस मूवी  में आपको उनके अलग-अलग रूप देखने को मिलते हैं. एंड काला पानी की  सजा के लिए जो डेडिकेशन के साथ खुद का मेकओवर किया है ना भाई.  बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन की है ना, हैट्स ऑफ टू दिस गाय, बट हर बार  आपको महसूस होता रहेगा कि यार ये बार-बार एक पर्टिकुलर पॉलिटिकल  पार्टी पे ऊँगली रही है और लिटरली कांग्रेस का मजाक बनाया  तो बनाया बट सामने से गांधी जी का भी मजाक बनाने से नहीं डरे  हैं मेकर्स हर बार जब गांधी जी सामने आए उनको ऐसा रिप्रेजेंट  किया है कि he is ए ट्रेटर he Has no मोरल वैल्यू उनको कोई  पड़ी ही नहीं है लोगों की बस अहिंसा-अहिंसा करके खुद का काम  आगे लेकर गए एंड लिटरली फिल्म स्टार्ट होते ही आपको बताया जाता  है कि आपको आजादी की कहानी बस अहिंसा के साथ जोड़कर दिखाई गई  है लेकिन ये वो कहानी नहीं अब इसके पीछे कांग्रेस बीजेपी का  क्या एजेंडा है वो तो आप लोग ही जानो पर बात अगर content की करें  तो first half बहुत ही ज्यादा Slow है भाई मेरे बाजू वाले को  मैंने first half में ऐसे ही पूछ लिया कि अब तक कैसी लगी तुमको  मूवी?

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वो बोला opener जैसी लगी भाई मैं उसमें भी सोया था और  इसमें भी serious jokes apart Second half में जब काला पानी की  सजा दिखाई जाती है वो अच्छा खासा चालीस से पैंतालीस मिनट का कुछ  Sequence होगा पूरा-पूरा वो इस पूरे का सबसे बेहतरीन sequence  था कि कैसे सावरकर जी को अंधेरे कोठरी में रखा जाता था, उनपे  कैसे जुल्म हुए वगैरह-वगैरह? I Can’t explain it आप चाहो तो  मूवी देख सकते हो। और पता है क्या ऐसे freedom fighters वालों  की movies देखकर ना जिसमें गांधी जी, सावरकर नेताजी को दिखाया  जाता है। वो एकदम ऐसे goosebums दे देते हैं।

एक  बात और कहना चाहूंगा कि बहुत से ऐसे dialogues हैं जिसमें लोग  भर-भर के तालियां बजा रहे थे। यकीन नहीं होता तो ये सुनो जिससे  ये तो समझ में आता है कि लोगों को कहीं ना कहीं पसंद आई है  Movie but I failed कि बहुत लंबी थी यार ये and literally it  Failed कि हाँ भाई मूवी तीन घंटे की है जिसके वजह से बहुत से  Scenes या घटनाएं ऐसी थी जिसको वो अच्छे से सामने नहीं ला पाए  क्योंकि again it’s a biopic और पूरे जीवनी को तीन घंटे में  समाना it’s not a joke I failed कि मूवी की जगह पर ये अगर series  होती तो और भी ज्यादा कमाल कर सकती थी इतनी सारी घटना हैं  जिसके लिए आपको खुद इतिहास का हिस्सा बनना पड़ेगा I mean  इतिहास को अच्छे से पहले से ही पढ़ना होगा तब जाकर बहुत से  Scene पल्ले पड़ेंगे क्योंकि I Also failed के सब कुछ दिखाने के  चक्कर में वो plot को create करना ही भूल गए या build up को  ही सीधा skip कर दिया।

पूरे movie में सिर्फ एक ही गाना हैं वो भी  Second half में जोकि again अच्छी बात हैं but honestly अगर  आप कांग्रेस को सपोर्ट करते हो तो आप मूवी को hate करने वाले हो  और बीजेपी को सपोर्ट करते हो तो इस फिल्म की भर-भर के तारीफ  करोंगे बाकी it’s your कॉल movie को किस नजरिए से देखना है एक  Biopic and historical movie के नजरिए से या propaganda but  Overall as a content point of View ये एक अच्छी कोशिश थी जहाँ  Veer Savarkar जी के अनसुने संघर्ष को दिखाया गया है बस उसी  के लिए and Randeep Hooda के Acting performance के लिए इस  Movie को तीन stars।

जे एन यू जंहागीर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय टीज़र

वॉर 2: पता चल गया जापानी कनेक्शन का

Hrithik Roshan की War 2 को लेकर काफी suspense बना हुआ है film से Japan का connection निकलकर सामने आ रहा है fans भी इन खबरों को सुनने के बाद film के लिए highly chargeed up हो गए है जैसा की आप जानते है कि इस film में Hrithik एक agent के role में नज़र आने वाले है जिसका नाम Kabir है इसी बीच खबर आयी है कि Hrithik Roshan इस picture के लिए कड़ी training कर रहे है दरअसल Hrithik Roshan War two के लिए एक खास तरीके की तलवारबाज़ी सिख रहे है जिसका नाम कताना बताया जा रहा है इतना ही नहीं उन्होंने martial art भी सीखा है इसी के साथ उन्होंने physical transformation भी किया है

Picture की shooting के बीच Hrithik Roshan अपनी training पूरी कर रहे है अब एक बहुत बड़ी खबर leak हुई है जिसमें ये पता चला है कि Hrithik Roshan का Japan से क्या connection होने वाला है कहा जा रहा है कि War two में Hrithik Roshan एक Samurai spy के role में दिखाई देने वाले है और यही वजह है कि Hrithik तलवारबाज़ी सिख रहे है और इसके साथ fight scene shoot कर रहे है जैसा की आप जानते है कि Samurai अपनी salt के साथ ही लड़ाई लड़ते है उन्हें as a soldiers की तरह use किया जाता है और Hrithik तो पहले से ही spy का किरदार अदा कर रहे है ऐसे में उनका ये role एकदम पैसा वसूल होने वाला है हालांकि इससे ज्यादा details अभी तक Hrithik के character को लेकर बाहर नहीं आयी है मगर fans के बीच इस film की चिंगारी की आग भड़काने के लिए यही खबर बहुत बड़े धमाके का काम करती नजर आने वाली है

बता दे कि movie में junior NTR Hrithik के opposite नजर आने वाले है reports की माने तो film के makers ने shoot के लिए viral studio में एक शानदार Japanese monestry बनवाई है इस monestry को कुछ इस तरीके से बनाया गया है जिससे ये तीन सौ साल पुरानी दिखे इससे setup को Rajat Potdar ने बनाया है movie के लिए करीब बारह action को रखा गया है. बॉय टू के डायरेक्टर अयान मुखर्जी हैं. ये पहली फिल्म है जिसमें ऋतिक रोशन और अयान मुखर्जी एक साथ नजर आने वाले हैं पिक्चर अगले साल चौदह अगस्त को सिनेमा घरों में रिलीज होगी.

वॉर २ टीजर अपडेट मार्च २०२४, ऋतिक रोशन | War 2 teaser update march 2024, Hrithik roshan

सैफ अली खान के साथ फिल्म की शूटिंग के दौरान हुआ अजीबो गरीब वक्या, एक जोड़ी कपड़े के लिए तरसे एक्टर

सैफ अली खान अपने नेगेटिव रोल को लेकर खासा सुर्ख़ियों में हैं आखिरी फिल्म उनके आधे पुरुष थे जिसमें वो नेगेटिव रोल में नजर आए थे इससे पहले भी सैफ अब नेगेटिव रोल पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं well देखा ये जा रहा है कि बॉलीवुड में जो सितारे लंबे time बाद वापसी कर रहे हैं वो ज्यादातर negative roles के साथ ही अब सैफ अली खान को देख लीजिए या फिर देओल को देख लीजिए बॉबी देओल भी अपने फिल्मों में अब नेगेटिव रोल्स को ज्यादा पसंद कर रहे हैं एनिमल में जिस तरीके से उनको रिस्पांस मिला अब वो इसी के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं अगर बात करें सैफ अली खान की तो पहली बार नहीं है कि उन्होंने कोई नेगेटिव रोल किया हो साल दो हजार में भी उन्होंने नेगेटिव रोल करके वाहवाही पाई थी आज की इस रिपोर्ट में सैफ अली खान का एक ऐसा दिलचस्प किस्सा साल दो हजार से जुड़ा हुआ है आपको बताएंगे जिस फिल्म में के साथ उन्होंने काम किया था इस फिल्म में सैफ अली खान ने कपड़ों को लेकर के काफी सुर्खियां पाई थी दरअसल आमतौर पर ये होता है कि अगर आप किसी फिल्म की शूट करते हैं या फिर स्टार्स अगर किसी फिल्म की शूटिंग करते हैं तो वहां पर प्रोडक्शन हाउस उन्हें कपड़े अवेलेबल करवाता है लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ सभी को कपड़े दिए गए लेकिन सैफ अली खान के साथ एक बड़ी दिक्कत हो गई दिक्कत ये है कि सैफ खान के नाम के कपड़े ही नहीं थे। तब क्या हुआ स्टेज पर देखिए। सैफ अली खान पहले के मुकाबले अब नेगेटिव रोल ज्यादा नजर आ रहे हैं करते हुए। अपने काम से उन्होंने हमेशा ही फैंस का दिल जीता है।

मिर्ज़ापुर 3 टीज़र रिव्यु: कालीन भैया कमजोर पड़ गए

हालांकि उनकी आखिरी फिल्म जो आधी पुरुष थी इसमें उनको जबरदस्त ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। लेकिन खास बात तो ये है कि इसमें भी सैफ ने नेगेटिव रोल ही किया था। आज अब साल दो हजार की कहानी बताएंगे। जब सैफ अली खान ने फिल्म में नेगेटिव रोल करके वाहवाही लूटी थी और कैसे उनको ये फिल्म मिली इस फिल्म का एक दिलचस्प किस्सा ये है कि साल दो हजार में सैफ अली खान ने इस फिल्म को करने से पूरी तरीके से हामी तो भर दी लेकिन उन्हें कपड़े ही नहीं मिले। दरअसल हुआ कुछ यूँ कि ये बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान ने अपनी करियर की में रोमांटिक रोल निभाकर फैंस का दिल जीत लिया। लेकिन करियर के शुरुआती दौर में उन्होंने अपनी एक फिल्म में नेगेटिव रोल भी किया था। इस फिल्म में सैफ अली खान ने अपने खुद के कपड़े पहने थे। क्योंकि मेकर्स के पास उनके कपड़े थे ही नहीं। मेकर्स ने उन्हें कोई कपड़े नहीं दिए। आमतौर पर फिल्मों में कपड़े मेकर्स की ओर से दिए जाते हैं। प्रोडक्शन उन्हें कपड़े देता है। कैसे स्टाइल करना है इसके बारे में प्रोडक्शन ही बताता है एक्टर्स को अपने कपड़े सेट पर नहीं पहनने होते हैं लेकिन यहाँ सैफ अली खान को ऐसा मजबूरी में करना पड़ा। सैफ अली खान अब अपनी नई पारी में विलन बनकर खूब जम रहे हैं। उनकी पिछले कुछ हिट फिल्मों में विलेन की भूमिका काफी अहम थी। लेकिन उन्होंने अपने नेगेटिव रोल से मेकर्स का दिल बखूबी जीता। साल दो हजार में भी एक फिल्म में उन्होंने नेगेटिव रोल निभाकर लाइम लाइट बटोरी थी। दरअसल सैफ अली खान ने करियर की शुरुआत में प्रीति जिंटा के साथ कुंदन शाह की फिल्म क्या कहना में काम किया था। इस फिल्म में चंद्रचूड़ सिंह भी नजर आए थे। लेकिन लीग से हटकर कहानी वाली ये फिल्म काफी लोगों को पसंद आई। बहुत ही कम लोग जानते हैं इस बात को कि इस फिल्म में सैफ अली खान को लास्ट moment में लिया गया था।

जब फिल्म आधी शूटिंग हो गई थी। फिल्म क्या कहना में प्रीति जिंटा ने एक कॉलेज girl के रूप में अपने एक्टिंग को दिखाया। और वही उनके बॉयफ्रेंड सैफ अली खान की वजह से वो प्रेग्नेंट हो जाती है। चंद्रचूण सिंह ने फिल्म में उनकी अच्छे दोस्त की भूमिका निभाई थी। सैफ की जगह जिस एक्टर को कास्ट किया गया था उसने फिल्म छोड़ दी मजबूरी में सैफ को इस फिल्म में लिया गया को दिए गए एक इंटरव्यू में कुमार तैरानी ने इस पर खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि क्या कहना में पहले ही किसी दूसरे एक्टर को फाइनल किया गया था। लेकिन शूटिंग के बीच में ही उन्होंने काम छोड़ दिया। तो उसी शाम सैफ के घर जाकर उन्हें स्क्रिप्ट सुनाई गई। सैफ ने भी फिल्म के लिए हामी भर दी। लेकिन अचानक ही सैफ को फिल्म में cast करने के बाद उनके costume बनवाने संभव ही थे। इसलिए उन्हें कह दिया गया कि वो शूटिंग पर अपने ही कपड़े लेकर आए। हालांकि टीम ने पहले उनसे अपने कपड़े दिखाने के लिए कहे उनमें से कुछ कपड़ों को फाइनल किया गया।

फिल्म में जो कपड़े पहने सैफ नजर आ रहे हैं ये उनकी खुद के कपड़े हैं बता दें साल दो हजार में आई चंद्रचूड़ सिंह सैफ अली खान, प्रीति जिंटा की फिल्म क्या कहना उस साल की हिट फिल्मों में से एक साबित हुई थी। इस फिल्म के गाने काफी पसंद किए गए थे। इस फिल्म सैफ और प्रीति की केमिस्ट्री भी लोगों ने काफी पसंद की थी देखा आपने इस वीडियो में ऐसा पहली बार हुआ होगा कि किसी एक्टर को फिल्म के दौरान कपड़े ही नहीं दिए गए और उनको अपने घर के कपड़े पहनने के लिए कहा गया सैफ अली खान के इस फिल्म में उनके जितने भी कपड़े हैं उनके खुद के हैं मतलब उनके घर से लाए हुए कपड़े हैं ना कि सेट से दिए गए उनके कपड़े बता दें कि सैफ अली खान ने इस film में Preity Zinta के साथ negative role किया था और इस film में उन्होंने खासा वाहवाही भी लूटी थी और इससे भी ज्यादा खास बात ये है कि साल दो हज़ार की ये film Kya Kehana काफी hit film मानी गयी थी.

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फिल्म जो real life freedom fighter की struggle दिखाती है: ऐ वतन मेरे वतन मूवी रिव्यू

नोटिस किया आपने आज बॉलीवुड में ninety nine परसेंट actors ऐसे हैं जिनके लिए एक्टिंग सबसे जरुरी नहीं है। फिल्में तो मिल जाती है। हीरो हीरोइन बनने का सपना easy है। लेकिन इनके बीच में competition किस बात पे होता है पता है कौन सबसे बड़ा और सबसे असरदार PR promotion करवा सकता है। आर्शीज नाम की फिल्म आई जिसमें बड़े-बड़े स्टार किड्स को लांच किया वो भी ज़ोया अख्तर ने career set होना चाहिए था लेकिन public ने पानी में जूते भिगा के मारे। और देखो अब उस फिल्म का नामोनिशान ऐसे मिटा दिया जैसे वो कभी बनी ही नहीं थी। किसी फिल्म के बारे में बात ना भी एक तरीके का पीआर होता है सर। जैसे इस हफ्ते अमेजॉन prime पे release हुई है फिल्म ए वतन मेरे वतन और पीआर का असर देखिए शायद दस लोग भी नहीं जानते होंगे इस नाम से कोई फिल्म बनी होगी। यार ओटीटी का जमाना है फिल्म को लोगों तक आसानी से पहुंचा सकते हो even थिएटर जा के पैसे खर्च करने का tension भी नहीं लेना है।

रणवीर ने दिया फरहान को झटका

टेंशन लेना है तो इस बात का कि सारा अली खान इस फिल्म में lead रोल कर रही है। समझदार समझ गए होंगे कि इसमें डरने वाली बात कौन सी है। छह साल में नौ फिल्में as lead actress और काफी लोग इस बात से agree करेंगे हर अगली फिल्म के सारा का सारा performance और ज्यादा डरावना हो गया है। जरा हट के जरा बचके ने खुद सारा को बचाया था emotional subject middle class की relatable कहानी और विक्की कौशल की acting सारा की acting छुप गई। और अब एक हफ्ते में दो बड़ी-बड़ी movies पहले मर्डर मुबारक और अब ए वतन मेरे वतन जिसने भी देखा उसका सारा का सारा mood खराब कर दिया है। एक patriotic फिल्म जो real life freedom fighter की struggle दिखाती है। specially वो कहानी जो बहुत कम लोग जानते है। ऐसी फिल्म के फेल होने के chance सिर्फ एक percent होते है। और वही एक percent ढूंढ निकाला है इस के makers ने क्योंकि ना तो ये फिल्म किसी angle से patriotic लगती है और ना ही किसी angle से motivational feel होती है।

अंग्रेजों के नाक के नीचे से एक band radio system चला के पूरे देश को एक साथ जोड़कर आंदोलन की तैयारी करना अपनी जान दांव पे लगा के उषा मेहता definitely इस फिल्म से हजार गुना ज्यादा बेहतर tribute deserve करती है जिसको देखने के बाद लोग उनको याद रखे ना कि हमेशा के लिए भूल जाए। और भाई जिस फिल्म में खुद इमरान हाशमी जैसा actor आपके support के लिए पीछे खड़ा है वैसे ही lead actress का काम fifty percent easy हो जाना चाहिए इन एक्टर्स को क्या दोष देना जब राइटर्स ने पहले ही उनके हाथों में कागज़ की तलवार पकड़ा दी थी. रियल लाइफ कहानी मौजूद होने के बाद भी कुछ नहीं दिखाया. यकीन करोगे आप फिल्म का क्लाइमिक्स चल रहा था. लास्ट के तीस मिनट बचे हुए थे फिर भी जो हुआ वो मैं आपको तीन शब्दों में बता सकती हूँ. कहानी थी ही नहीं. ये जो डायरेक्टर है इस फिल्म के कनन अय्यर इन्होंने एक थी डायन नाम की हॉरर फिल्म बनाई थी जो गिनी चुनी बॉलीवुड फिल्मों में है जो कहानी से पब्लिक को डराती है. सोचो वहाँ डायन शब्द पे एक पूरी मनगढ़ंत कहानी बना दी दो घंटे की लेकिन यहाँ रियल लाइफ फ्रीडम जिंदगी में बताने लायक कुछ नहीं मिला।

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चलो फिर भी कहानी नहीं होती तो चल जाता अगर lead character को अच्छे से present करने वाला कोई दमदार actor मिल जाता लेकिन हुआ है उसका एकदम उल्टा। जहाँ पे सारा को कुछ नहीं बोलना होता वो scene फिर भी जैसे तैसे गुजर जाता है लेकिन जब emotional feel कराना है गुस्से वाले heavy dialogues वहाँ पे हंसी आएगी आपको। ये लव आजकल के टाइम से नोटिस किया है मैंने loud scenes जो होते हैं ना उसमें सारा के सारे expressions totally wrong चले जाते हैं। आपने भी देखा है क्या? इस फिल्म में freedom fighter तो वो कहीं से नहीं लग रही मुझे वो खुद एक्टिंग से सबसे बड़ी जंग लड़ रही हैं एक पावरफुल सब्जेक्ट को भी फीका कर दिया। supporting cast अच्छी थी भाई specially ये लापता लेडीज से जो स्पर्श आने लगे हैं धीरे-धीरे मेन सिनेमा में ये बंदा लंबी race का घोड़ा है।

तो यार मेरी तरफ से ए वतन मेरे वतन को पाँच में से मिलेंगे सिर्फ एक स्टार वो भी टॉपिक सिलेक्शन उषा मेहता को चुनकर दुनिया के सामने लाना गुड जॉब। नेगेटिव में बहुत सारी शिकायतें हैं चालीस बता सकती हूँ but सिर्फ चार का टाइम है आराम से सुन लो। तो सबसे बड़ी खुद सारा अली खान जो इस कैरेक्टर में एकदम मिस्फिट है नहीं होगा acting पे काम करना पड़ेगा दूसरा writers जो इस फिल्म के असली गुन्हेगार है भाई कहानी तो दिखाओ फिल्म के बाद जा के book थोड़ी पढ़ेंगे हम तीसरा इमरान हाशमी और स्पर्श जैसे actors को waste मारना director का vision समझ नहीं आया चश्मा बदलिए नंबर बढ़ गया है आपका और चौथा literally भाई मुझे समझ नहीं आया ये फिल्म nineteen forties में सेट है या फिर दो हजार चौबीस में सारे characters model लग रहे थे वो आजादी का टाइम feel नहीं हुआ।

मार्च 2024, 7 सुपरहिट हिंदी वेब सीरीज

रणवीर ने दिया फरहान को झटका

इस समय चारों तरफ अलग अलग वजहों से Ranveer Singh खबरों में है एक तरफ Mukesh Khanna उनके बारे में film Shaktimaan की वजह से कुछ ना कुछ कहते सुनाई दे रहे है तो वही दूसरी तरफ वो papa बनने की खुशी से भूले नहीं समा रहे है इतना ही नहीं film Dawn three में भी उनकी भूमिका पर जमकर चर्चा हो रही है हालांकि इस movie को लेकर एक बड़ा update सामने आ रहा है जो Farhan के लिए किसी बड़े झटके से कम साबित नहीं होने वाला है कहा जा रहा है कि Ranveer Singh ने Farhan Akhtar को ऐन मौके पे धोखा दे दिया है जहाँ इसकी shooting August सितंबर के महीने में शुरू होने वाली थी वही अब लग रहा है कि ये postponed हो जाएगी दरअसल August दो हज़ार तेईस में Farhan Akhtar ने खुलासा किया था कि film Dawn three में Shah Rukh Khan की जगह Ranveer Singh को cast किया जाएगा इस खबर ने पूरी तरह से सनसनी फैला दी थी वहीं actress mean lead में Kyara Advani का नाम lock कर दिया गया था

बॉलीवुड ने हाल ही में देश को एक और बड़ा धोखा दिया

अब Times of India की एक report के मुताबिक हाल ही में Farhan Akhtar ने एक interview में खुलासा किया है कि वो जुलाई में अपनी एक नई film की shooting शुरू करेंगे इस film में उनका lead role होने वाला है ऐसे में वो सिर्फ इसी पर focus रखने वाले है वहीं डॉन थ्री से जुड़े करीबी सोर्स ने बताया है कि मेकर्स अभी भी फिल्म के विलेन पर विचार कर रहे हैं। ऐसी खबरें थी कि विलन के तौर पर इमरान हाशमी का नाम लॉक किया गया है लेकिन उन्होंने कुछ समय पहले इसे अफवाह करार दे दिया था। इन सभी factors के चलते august में शूटिंग शुरू करना मुश्किल होगा। इसी वजह से उम्मीद जताई जा रही है कि शूटिंग दो हजार चौबीस के अंत में शुरू होगी।

दूसरी बार जैसा कि दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बताया था कि सितंबर दो हजार चौबीस में उनके घर पर एक नन्हा मेहमान आ actress माँ तो actor papa बन जाएँगे actress ने दूसरे महीने की pregnancy के दौरान fans को good news देकर चौंका दिया था खैर अब baby के आने का महीना और शूटिंग का महीना एक होने की वजह से भी इसके postponed होने की अटकलें लगाई जा रही है. ई टाइम्स के एक रिपोर्ट के मुताबिक जहाँ दीपिका पादुकोण ने अपने सारे काम पूरे कर लिए हैं वहीं रणवीर सिंह भी एक लंबा ब्रेक लेने की प्लानिंग कर रहे हैं. हालाँकि शुरू में उन्होंने ऐसा कुछ नहीं सोचा था लेकिन अभी खाली समय होने की वजह से वो छुट्टी लेने का प्लान कर रहे हैं.

शैतान बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 3 दिन: 54 करोड़

जे एन यू जंहागीर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय टीज़र

जेएनयू का वीजा मिलना मुश्किल so well friends मैंने अभी-अभी देखा इंडिया की most controversy यूनिवर्सिटी के ऊपर बनाई गई फिल्म जेएनयू का टीजर और टीजर देखने के बाद एक ही बात कहूँगा कि it’s a bravest फिल्म of the बॉलीवुड जी हाँ दोस्तों ज़ी म्यूजिक के official यूट्यूब चैनल पर आज रिलीज़ किया गया है फिल्म जेएनयू का टीज़र जो कि पाँच अप्रैल को रिलीज़ होने वाली एक पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म है। फिल्म का टीज़र बड़ी ही बेबाकी से उन सभी मुद्दों को बताने में काम कर रहा है जो कि हम डेली सुनते आए हैं। कैसे एक education से देश को affect कर सकता है और कैसे कोई इतनी सच्चाई के साथ देश के students को गुमराह करता है ये हमें इस teaser में देखने को मिल रहा है

शैतान बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 14 दिन: 112 करोड़

विनय शर्मा के direction में बनने वाली फिल्म जेएनयू यानी कि जहाँगीर national university का teaser facts और dark truth को दिखाता है जो कि आज तक किसी ने बताने की कोशिश नहीं की teaser एक मिनट पंद्रह second का है लेकिन starting से last तक आपको सोचने पर मजबूर कर देगा कि आखिरकार देश के students को बरगलाने का काम कौन कर रहा टीजर में हमें उर्वशी रौतेला, पियूष मिश्रा, रवि किशन और कई सारे बेहतरीन actors नजर आने वाले हैं जिसमें पियूष मिश्रा और उर्वशी के रोल most daring होंगे तो वहीं दोस्तों रवि किशन एक पुलिस वाले के रोल में नजर आएंगे। उनका साथ देने वाले हैं यहाँ पर विजय राज उनका रोल भी फिल्म में दमदार होने वाला है।

फिल्म का टॉपिक सोशल issues को हाईलाइट करने वाला है, जिसमें आपको meaningful conversions और debates देखने को मिलने वाली है। overall teaser society को ये दिखाता है कि इस तरह आज एक university देश विरोधी नारों के साथ साथ देश में पल रहे terrorist को बढ़ावा दे रही है यही दोस्तों इस teaser का एक main मुद्दा है जो कि मुझे अच्छा लगा teaser starting से last तक जबरदस्त है और यही दोस्तों इस फिल्म को देखने के लिए मुझे excited कर देता है मैं तो दोस्तों इस फिल्म का first day first show पाँच अप्रैल को देखने जाऊँगा आपको दोस्तों ये teaser कैसा लगा और आपको क्या लगता है दोस्तों इस जेएनयू फिल्म के teaser में जो सच्चाई दिखाई गयी है वो क्या आप भी मानते या नहीं?

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मिर्ज़ापुर 3 टीज़र रिव्यु: कालीन भैया कमजोर पड़ गए

दीदी का हाथ दिखाई दे रहा है Guddu भैया के हाथ में सिर्फ इतना सा ही scene देखने के बाद में मेरे जो अंदर के emotions थे वो अखंडानंद मतलब की कालीन भैया के लिए उबाल मार गए मतलब अब Mirzapur को लेकर ना दिमाग में इतने सवाल पैदा हो रहे हैं कि भैया ये पाँच second का teaser तो ना मतलब भोकाल निकल के गया है बेचारा अखंडानंद कब villain से hero बन जाएगा ये मैंने सोचा भी नहीं था हालांकि अभी teaser भी निकलकर सामने नहीं आया है लेकिन दीदी अखंडानंद को Tripathi को धोखा देने जा रही है तो जाहिर सी बात है दुश्मन खेमे में कुछ ना कुछ तो ऐसा है कि कालीन भैया कमजोर पड़ गए हैं मुन्ना भैया के बारे में पता नहीं है और अभी है ना कि वो वापसी करने वाले हैं या नहीं जानकारों का तो कहना है कि उनकी कहानी अभी खत्म नहीं हुई क्योंकि मुन्ना भैया ने खुद कहा था कि वो अमर है अब ऐसे में season three को लेकर जब ये पाँच second का teaser निकलकर सामने आया तब obvious सी बात है भोकाल तो मचना ही था और देखिए भोकाल मच चुका है prime video ने अपने साल भर के shows का पूरा एक चार मिनट के video में निकालकर public के सामने परोस दिया लेकिन को तो **** फर्क नहीं पड़ रहा था चार मिनट के इस वीडियो से उनको मतलब था बस उस पाँच सेकंड के clip से जो मिर्जापुर को लेकर आने वाला था।

शैतान बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 14 दिन: 112 करोड़

अब देखिए जब किसी शो को लेकर चार साढ़े चार साल तक कोई अपडेट ना आई हो। जब किसी शो को लेकर उनका कोई पसंदीदा किरदार already मर चुका हो और उसके बावजूद भी शो को लेकर वही प्यार लोगों के जेहन में जिंदा हो तो जाहिर सी बात है ये आपको बताने के लिए काफी है कि शो को लेकर public के मन में कितना कुछ बचा हुआ है। मतलब इस show का एक-एक किरदार अपने-आप में अपनी एक कहानी लेकर चलता है सबसे बड़ी बात तो ये है कि मिर्जापुर का जो पूरा backdrop है वो बदले के ऊपर टिका हुआ है और बदला भी कोई ऐसा-वैसा नहीं ऐसा बदलाव जिसमें कि आपको सिर्फ लाल रंग देखने के लिए मिलेगा और मिर्जापुर में लाल रंग ना हो तो जाहिर सी बात है वो मिर्जापुर ही किस्मत लगता है चाहे आप season one की बात कर लें season two की बात कर लें दोनों ही season public को इतने पसंद आए कि उसके बाद तो पंकज त्रिपाठी की जो soft image है ना उससे उनको बाहर आने में ही ना जाने कितने किरदार निभाने पड़ गए कालीन भैया कुछ रौद्र रूप ही लोगों को ऐसा दिखाई दिया।

इसके अलावा जितने भी किरदार हैं, जो इस बार सीजन three में भौकाल मचाने वाले हैं, उनमें सबसे खतरनाक किरदार मुझे लग रहा है, शरद का वो वो उनका बेटा जो बोलते थे ना सड़क पे बिठा के सुना के दिखाओ जरा उन्हीं के पुत्र है ये उन्हीं का बदला लेने के लिए शरद ने वापसी करी पर शरद के साथ में सबसे बड़ी बात ये है कि शरद दिमाग का तेज है शरद जोश में आकर होश नहीं खोदता शरद सोच समझकर बैठकर चाल चलता है अखंडानंद मतलब की कालीन भैया की छोटी सी clip दिखाई गयी उस clip में कालीन भैया परेशान दिख रहे है जाहिर सी बात है Guddu Pandit ने ही परेशान करके रखा है और Guddu जिस तरीके का किरदार दिखाया जा रहा है जिसको मैं शुरू से बोल रहा हूँ कि वो किसी villain से कम नहीं निकलने वाला है लेकिन Golu भी पीछे नहीं है भाई Golu भी तो वही तैयार बैठी हुई है Golu का ये कहना है कि भैया हमको भी यहाँ पर चीजें पलटनी है क्योंकि चीजें तो हमारे साथ भी गलत हुई है Golu को भी अब छोड़ दीजिए भैया वो ददा के साथ पिछली बार हमको दिखाई दिए थे ना

Bharat Tyagi वो भी इस बार दिखाई देने वाले है Vijay Verma वो भी यहाँ पर बिलकुल बदला लेने के लिए बैठे हुए है कि भैया बदला तो हम लेकर आएँगे तो इस बार इतने लोग बदला लेने के लिए बैठे हुए है और बिना दीदी का तो अपना चल ही रहा है ना झंडा तो लोग हैं यहाँ पर जिनके मन में किसी ना किसी के लिए रोष है कि Mirzapur three में भौकाल का तो पता नहीं लेकिन भौकाल से बड़ा कुछ ना कुछ जरूर मचने वाला है और अगर makers इस चीज को नहीं मचा पाए तो भाई public इसको accept नहीं करेगी मुन्ना भैया तो चले गए लेकिन मुन्ना भैया की जो legacy है अगर उसको maintain इनको करना है तो public की उम्मीदों पर खरा तो उतरना पड़ेगा और कोई बड़ी बात नहीं है कोई बड़ी बात नहीं है अगर मुन्ना भैया season three three में आपको guest appearance में ही दिखाई दे जाए कि भैया season four में हम आने वाले है क्योंकि season four आएगा ये पक्का है ऐसे में season three को अगर hype और एक high level पे ले जानी होगी तो मुन्ना भैया का तो चेहरा दिखाना ही पड़ेगा वही मुन्ना भैया की धर्मपत्नी की भी एक छोटी सी झलक दिखाई गयी है लेकिन इस छोटी सी झलक में काफी चीजें clear कर दी गयी है मतलब ये है कि राज़ यहाँ पर किसका होने वाला है उसके लिए लड़ाई लंबी चलने वाली है.

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Govind ने कई सारे फिल्मों में खुद गाने गाए

Bollywood actors acting के अलावा और भी कई सारे talent अपने भीतर रखते है और कोई acting के अलावा dance करना गाने गाना film direct करना तक भी जानता है ऐसे में industry में कई actors ऐसे है जो फिल्मों में अभिनय करने के साथ ही film के direction भी जानते है वही कुछ गाना गाने में भी माहिर है आपने Bollywood actor Govinda को तो हमेशा फिल्मों में लोगों को हँसते हँसाते romance करते और मार धाड़ करते देखा होगा dance में तो वो माहिर भी है लेकिन अगर हम आपसे कहे कि Govind कई सारे फिल्मों में खुद से गाने भी गाए है तो क्या आप मानेंगे जी हाँ ये बात बिलकुल सच है Govinda ने पाँच ऐसी फिल्में की है जिनके गाने उन्होंने खुद गए है मतलब ये है कि वो एक शानदार actor बढ़िया dancer के अलावा बेहतरीन singer भी है और आज की इस aricle में हम आपको उनकी उन्हीं पाँच गानों के बारे में बताने वाले है जिसे Govinda ने खुद गाए थे.

शैतान बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 14 दिन: 112 करोड़

Govinda की mummy Nirmala Devi भी एक अच्छी singer थी ऐसे में Govinda ने अपनी से अच्छी आवाज़ भी पायी है और यही वजह है कि उन्होंने कई फिल्मों में गाने गाए है तो इस list में पहला नाम है पैसा मेरी जान का दरअसल वो तेरा क्या कहना film में Govinda ने ये गाना गाया था उन्होंने Shweta Pandit के साथ मिलकर इस गाने को गाया था इसका music Jyotin Lalit ने दिया था और Govinda का ये पैसा मेरी जान गाना आज भी लोग बड़े ही चाव से सुनना पसंद करते है जीना है हमका जी हाँ Govinda ने regendary singer Kishore Kumar के बेटे Amit Kumar के ये गाना यानी जीना है हम का गाया था इस गाने को भी fans काफी पसंद करते है ये एक song था और इसे होली के मौके पर लोग सुन ही लेते है गोरी तेरे नैना इस गाने की special बात ये है कि इसे Govinda ने खुद गाया तो था ही इस पर feature भी हुए थे इसी के साथ ताज्जुब की बात तो ये है कि वो इस गाने के lyricist भी थे यानी कि Govinda ने इस गाने को खुद ही लिखा था और खुद ही गाया था I love you बोल डाल Govinda ये गाना आजू बाजू मत देख I love you बोल डाल nineties के दौर में चार fister गानों में से एक था आज भी इस गाने को ninety’s के लोग सुनना पसंद करते है even Jansi भी इस गाने को पसंद करते है social media पर इस गाने पर खूब race भी बनते दिखाई देते है

बता दे की Haseena Manjay की film का ये गाना Govinda और Sanjay Dutt ने मिलकर गाया था इसके अलावा Sonu Nigam Sudesh Bhosle और Alka Yagni ने भी इसे गाया था तेरे बाप को मैंने देखा list में पाँचवी पर तेरे बाग को मैंने देखा गाना है इस गाने को भी Govinda ने गाया है जी हाँ इस गाने की बात करें तो ये दो आँखें बारह हाथ film का गाना था इसे Buppli Lehri ने compose किया था और Inder Veer ने इसके lyrics लिखे थे और Govinda ने इसको अपनी आवाज़ से सजाया था well अब आपकी बारी नीचे comment section में हमें ज़रूर बताइए कि क्या आपने कभी इस गानों को सुना था और सुना था तो क्या आपने notice किया था कि ये गाने Govinda की आवाज़ में ही है और अगर हाँ तो कितने गानों के बारे आप पहले से जानते थे कि इन गानों को गुपीता ने ही गाया है।

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शैतान बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 14 दिन: 112 करोड़

जैसा कि आप सभी जानते होंगे पिछले शुक्रवार यानी कि आठ मार्च को सिनेमा घरों में रिलीज हुई थी बॉलीवुड के सिंघम अजय देवगन की फिल्म शैतान फिलहाल जिसने सिनेमा घरों में ताबड़तोड़ कलेक्शन करके कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए हैं। दोस्तों फिल्म में सिनेमा घरों में तेरह दिन पूरे complete कर लिए हैं और फिल्म का सिनेमा घरों में चौदहवां दिन चल रहा है। लेकिन दोस्तों ऐसा नहीं है कि फिल्म शैतान ने कमाई करना बंद कर दिया हो या फिल्म के collection में हमें गिरावट देखने को मिली है। शायद आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन अपने चोदवे दिन भी ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कलेक्शन करके कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम कर रही है। दोस्तों ये तो हम सभी जानते थे कि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर शैतान कमाई करेगी लेकिन इतनी बड़ी कमाई करेगी अजय देवगन के career की top ten फिल्मों में ये फिल्म शामिल होगी ये शायद कभी किसी ने सोचा भी नहीं था।

शैतान बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 13 दिन: 109.78 करोड़

जहाँ दोस्तों शैतान फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर बॉलीवुड के लिए अजय देवगन के लिए जो किया है वो वाकई काबिल-ए-तारीफ किया है। शैतान फिल्म एक छोटे की फिल्म थी बहुत ज्यादातर लोगों को ये उम्मीद थी कि भाई शैतान कमाई तो करेगी लेकिन उतनी ज्यादा कमाई नहीं करेगी और दोस्तों मैंने आपसे पहले ही कहा था चाहे आप मेरा पहला वीडियो देख लो जब शैतान का ट्रेलर रिलीज हुआ था उसके बाद जब फिल्म की एडवांस बुकिंग की भी बात कर रहा था तो मैंने आपसे पहले ही कहा था कि ये फिल्म अच्छी ओपनिंग लेने के साथ-साथ पूरा मार्च सिनेमाग्रो में जम के चलने वाली है क्योंकि वाकई इससे पहले दृश्यम टू मैंने देखी थी के साथ क्या हुआ था ये आप सभी जानते हैं और ट्रेलर देख के मुझे लग गया कि ये भी वैसी ही फिल्म होने वाली है तो ये फिल्म audience बहुत ज्यादा पसंद करने वाली है। और यही हुआ फिल्म शैतान के साथ। शैतान ने box office पर अभी तक जिस तरह से perform किया है वो वाकई काबिले तारीफ किया है। शैतान जो कि एक हिंदी language की horror threater फिल्म थी जिसको direct किया था विकास बहल ने फिल्म को produce किया था।

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विकास बहल, ज्योति देशपांडे और अजय देवगन ने और फिल्म में हमें अजय देवगन के साथ ज्योतिका और माधवा जानकी बोधिवाला अहम किरदारों में नजर आया और दोस्तों फिल्म का जो बजट था वो से भी कम का था। लेकिन शैतान फिल्म ने अपने पहले दिन यानी कि opening डे पर पंद्रह करोड़ इक्कीस लाख रूपए की net कमाई की थी तो वहीं फिल्म ने अपने पहले तीन दिनों के weekend पर पचपन करोड़ तेरह लाख रूपए इंडिया से नेट कमा लिए थे तो वहीं फिल्म की जो world wide कमाई थी वो अस्सी करोड़ इकतीस लाख रूपए थी उसके बाद फिल्म ने दस दिनों में एक सौ छह करोड़ एक लाख रूपए की कमाई इंडिया से नेट कर ली थी वहीं फिल्म का जो world wide collection था वो एक सौ बावन सौ करोड़ ग्यारह लाख रुपए था।

उसके बाद ग्यारह दिनों में फिल्म ने एक सौ नौ करोड़ उन्नीस लाख रुपए इंडिया से नेट कर लिए थे तो वहीं फिल्म की जो वर्ल्ड वाइड कमाई थी वो एक सौ छप्पन करोड़ छप्पन लाख रुपए थी बारहवें दिन फिल्म ने तीन करोड़ रुपए कमाए। तेरहवें दिन फिल्म का कलेक्शन रहा दो करोड़ अस्सी लाख रुपए का और दोस्तों आज यानी कि फिल्म का चौदहवां दिन है तो आज भी ये फिल्म कम से कम दो करोड़ पचहत्तर लाख रुपए की कमाई कर रही है और फिल्म का जो चौदह दिनों का टोटल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन है वो इंडिया के अंदर एक सौ सत्रह करोड़ पिचानवे लाख नेट हो जाएगा। तो वहीं फिल्म पूरे वर्ल्ड में एक सौ अड़सठ करोड़ रुपए कर रही है जो कि काबिले तारीफ है और दोस्तों फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट हो चुकी है।

Shaitaan 14 Days All Language Box Office Collection

DayIndia Net CollectionChange(+/-)
Day 1 [1st Friday]₹ 14.75 Cr
Day 2 [1st Saturday]₹ 18.75 Cr27.12%
Day 3 [1st Sunday]₹ 20.5 Cr9.33%
Day 4 [1st Monday]₹ 7.25 Cr-64.63%
Day 5 [1st Tuesday]₹ 6.5 Cr-10.34%
Day 6 [1st Wednesday]₹ 6.25 Cr-3.85%
Day 7 [1st Thursday]₹ 5.75 Cr-8.00%
Week 1 Collection₹ 79.75 Cr
Day 8 [2nd Friday]₹ 5.05 Cr-12.17%
Day 9 [2nd Saturday]₹ 8.5 Cr68.32%
Day 10 [2nd Sunday]₹ 9.75 Cr14.71%
Day 11 [2nd Monday]₹ 3 Cr-69.23%
Day 12 [2nd Tuesday]₹ 3 Cr0.00%
Day 13 [2nd Wednesday]₹ 2.75 Cr * rough data-8.33%
Day 14 [2nd Thursday]₹ 0.2 Cr **
Total₹ 112 Cr

अश्वत्थामा के किरदार में नजर आएंगे शाहिद कपूर

वॉर 2 के लिए मुंबई में बनाया गया जापान

सोचिए वो film और उस film का किरदार क्या होगा जिसके लिए Japan को Mumbai लेकर आया जा रहा है आप भी सोच में पड़ गए होंगे कि आखिर वो औरतों का जापान से लेना देना क्या है क्योंकि इसकी कड़ी तड़कड़ी Japan से जुड़ती ही जा रही है चलिए सबसे पहले secret को आपके लिए disclose करते है फिर shooting की बाकी details बताते है कहा जा रहा है कि Hrithik Roshan जो film में Kabeer का किरदार play कर रहे है वो Japan में एक खास mission को अंजाम देने वाले है अगर आपने Tiger Three देखी है तो उसके post credit scene को देखकर ही आप समझ जाएँगे कि film में Japan का काफी बड़ा area होने वाला है

2023 के अंत में इन कहानीयों ने छोटे पर्दे पर धूम मचाई

क्योंकि war एक action film थी Hrithik Roshan और Tiger Shroff के बीच ज़बरदस्त action scenes फिल्माए गए थे part one की shooting के लिए film को Morocco Portugal और Italy समेत दुनिया भर के कई बड़े शहरों में shoot किया गया था ऐसे में War two के makers कई नए locations को explore कर रहे है इसमें से एक Japan भी है यहाँ भी एक दिलचस्प बात ये है कि film के लिए जापान को Mumbai लेकर आया गया है जी हाँ mid day की एक report के मुताबिक गौर करें तो War 2 के लिए Mumbai के Andheri स्थित Yash Raj films के studio में जापानी monestry का एक बड़ा set तैयार किया गया है जहाँ Hrithik Roshan ने खतरनाक fight scene shoot किया इस sequence को Say Yong Ho ने choreograph किया है जिन्होंने पहले साल दो हज़ार तेईस में release हुई film Pathan के production house के साथ काम किया था.

Team ने पहाड़ी पर तीन सौ साल पुराने मठ की तरह एक विशाल set बनाया है इस पूरे action sequence के दौरान जापानी योद्धाओं से Hrithik लड़ते नज़र आएँगे इस actor ने बीते दिनों martial art की training ली और जापानी तलवार चलाना भी सीखा report में बताया गया है कि film में Hrithik Roshan के एक action sequence को लेकर इसे बनाया गया है बताया तो ये भी जा रहा है कि War two में बारह action director को hire किया गया है film में इस बार Japan में action होता दिखाया जाएगा आप लोग Hrithik Roshan की इस sequence की detail को जानने के बाद film में इस बात को देखने के लिए कितने ज्यादा excited हो गए है.

फाइटर मूवी बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 8 दिन रिकॉर्ड क्या हुआ | Fighter movie box office collection record remains intact for 8 days

अश्वत्थामा के किरदार में नजर आएंगे शाहिद कपूर

अमेजॉन प्राइम वीडियो ने सिक्सटी नाइन फिल्मों और वेब सीरीज की एक लिस्ट जारी की है ये उन फिल्मों और वेब सीरीज की स्लेट है जो अगले दो सालों में प्राइम वीडियो पर रिलीज होने वाली है। इस लिस्ट में एक नाम अश्विथथामा द सागा continues का भी है। लंबे समय से ये फिल्म ख़बरों में थी अब finally announce हो गई है। इस फिल्म में शाहिद कपूर लीड रोल में नजर आएंगे अश्वित थामा, द सागा कंटिन्यू, सचिन भी रवि डायरेक्ट करेंगे। इस फिल्म को वासु बागनानी जैकी बागनानी और दीप शिखा देशमुख की कंपनी पूजा फिल्म produce करेगी। क्या ये वही फिल्म है जो विक्की कौशल को लेकर बन रही थी या कुछ अलग मामला है। आइए समझते हैं। उरी the surgical strike की सफलता के बाद आदित्य दर और विक्की कौशल द इमोर्टर अश्वथामा नाम की फिल्म पर साथ में काम करने जा रहे थे।

दो पोस्टर्स के साथ फिल्म अनाउंस हो चुकी थी आदित्य ने इसके लिए चार साल तक रिसर्च की विक्की कौशल ने इस किरदार को निभाने के लिए अलग-अलग तरह की ट्रेनिंग मगर ऐन वक्त पर प्रोड्यूसर ने फिल्म से हाथ पीछे खींच लिए। उनका मानना था कि कोविड के बाद वाले दौर में इतने बड़े project पर पैसा लगाना बहुत risky है। फिल्म ठन्डे बस्ते में चली गई। पिछले महीने आदित्य धरने एक event में the important Ashwatthama के बारे में बात करते हुए कहा था कि फिल्म अभी ठंडे बस्ते में है, मैं सच बता रहा हूँ कि जिस तरह से मैं इस फिल्म को बनाना चाहता था, वो फिलहाल इंडियन सिनेमा के लिए बहुत बड़ा है। जिस तरह की वीएफएक्स quality हम चाह रहे थे, वैसा कुछ अब तक किसी ने नहीं किया है। जब तक या तो तकनीक सस्ती नहीं या फिर थिएटर्स में दर्शकों की संख्या नहीं बढ़ जाती तब तक मुझे इंतजार करना होगा।

सैतान एडवांस बॉक्स ऑफिस कलेक्शन । Shaitan Advance Box Office Collection Hindi

वहीं दूसरी तरफ शाहिद कपूर लंबे समय से एक बड़े स्केल की period फिल्म में काम करना चाह रहे थे उन्होंने संजय लीला भंसाली की पद्मावत में काम किया मगर वो रोल और अपने रोल के साथ हुए ट्रीटमेंट से बहुत संतुष्ट नहीं थे ऐसे में जैसे ही आदित्य धर्म की बंद हुई पूजा entertainment ने इस project पर काम करना शुरू कर दिया। ये बड़े बजट पर बनने वाली भारी भरकम फिल्म होने वाली है जिसमें world class की जरूरत होगी। शाहिद फिलहाल रोशन एंड रूस की फिल्म देवा की शूटिंग में लगे हुए हैं, उससे निपटते ही वो अश्वथामा द सागा continues पर जुटेंगे। इसके लिए उन्हें शारीरिक बदलाव करने होंगे, अलग-अलग तरह की ट्रेनिंग्स लेनी होगी, जिसमें ठीक-ठाक समय लग जाएगा। रिपोर्ट्स की माने तो इस फिल्म की शूटिंग इसी साल शुरू होने वाली है, बताया जा रहा है कि इस माइकोलॉजिकल कैरेक्टर को मॉडल टच देते हुए ये फिल्म बनाई जाएगी। इसमें मेकर्स कितना सफल हो पाते हैं, ये तो आने वाला समय बताएगा। अश्वथामा, द सागा continues सचिन रवि direct करेंगे। सचिन पिछले काफी समय से इस फिल्म के लिए research कर रहे हैं। सचिन फिल्म editor रह चुके हैं, उन्हें वीएफएक्स specialist भी माना जाता है।

इसके अलावा वो दो हजार उन्नीस में रक्षित शेट्टी को लेकर अपने श्रीमन नारायण नाम की action फिल्म direct कर चुके हैं। अब वो अश्वथामा जैसी बड़ी फिल्म बनाने जा रहे हैं, अश्वथामा, पांडवों और कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र थे, धुआंधार योद्धा जिन्हें तमाम अस्त्रों के बारे में विस्तृत जानकारी थी, वो माथे पर एक मणि के साथ पैदा हुए थे जो सभी तरह की विपत्तियों से उनकी रक्षा करती थी पौराणिक कथाओं के मुताबिक अश्वत्थामा को भगवान कृष्ण ने अनंत काल तक धरती पर भटकने का श्राप दे दिया था। ये फिल्म उनकी इसी कहानी पर विस्तार से बात करेगी मगर उसे मॉडर्न तरीके से दिखाया जाएगा। ये जानना दिलचस्प रहेगा कि किस तरीके से उसे दिखाया जाता है। अश्वत्थामा द सागर का इंटरन्यूज़ को हिंदी समेत पाँच और भाषाओं में रिलीज़ किया जाएगा। इस फिल्म में शाहिद के अलावा देश के अलग-अलग फिल्म इंडस्ट्री के एक्टर्स कास्ट किए जाने वाले हैं इंटरनेशनल वीएफएक्स टीम बुलाई जानी है ये फिल्म साल दो हजार छब्बीस में release हो सकती है.

कंगुवा टीजर रिव्यू: कैरेक्टर अभी से दिमाग में घुस चुका है | Kanguva teaser review Hindi

कंगुवा टीजर रिव्यू: कैरेक्टर अभी से दिमाग में घुस चुका है | Kanguva teaser review Hindi

इंडियन सिनेमा फैंस की हमेशा से सबसे बड़ी डिमांड भाई ऐसा सिनेमा बनाओ जो हॉलीवुड से कंपीट कर सके इंटरनेशनल लेवल जवाब पचास सेकंड का एक वीडियो है सर जिसके बाद खुद हॉलीवुड अब इंडियन सिनेमा के लेवल को मैच करने के सपने देखेगा कंगोआ की बात हो रही है सूर्या एंड टीम का upcoming project जो पेन इंडिया फिल्मों का गेम पूरी तरह बदल सकता है। आपका तो मुझे नहीं पता लेकिन दो हजार चौबीस में मेरे लिए कंगोआ one of the most awaited मूवीज में है। रीज़न बताने की जरूरत शायद है नहीं टीजर तो देखो अभी तक तो सिर्फ announcement आया था उसके बाद looks reveal हुए जिससे hint मिल गया था कि कंगोबा कोई normal फिल्म नहीं होने वाली।

लेकिन अब आया है असली धमाका जो फिल्म की दुनिया से intro कराता है audience का क्यों ये फिल्म बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड्स तोड़ सकती है उसका सैंपल दिया है। बाप रे ऐसे visuals डाले हैं जो किसी जमाने में सिर्फ सपनों में इमेजिन कर सकते थे हम लोग कि ये सब इंडियन सिनेमा में भी बन सकता है। स्पेशली ये जो थोड़ाथोड़ा horror वाली vibes feel हो रही है टीजर से वो सच में किसी ने एक्सपेक्ट नहीं किया था बैकग्राउंड म्यूजिक उसको मल्टीप्लाई कर रहा है। बड़ी स्क्रीन पे ये सब कुछ एक्सपीरियंस करना अभी तो सोचकर ही फिल्म के लिए respect बढ़ गया है। जबरदस्त imagination लगाया है visuals ने तीन सौ करोड़ का बजट जो बताया गया है फिल्म का वो teaser देखने के बाद मुझे तो कम लग रहा है क्योंकि ऐसी quality achieve करना impossible है। आदि पुरुष के साथ क्या हुआ हम सब जानते है माने सिर्फ पैसा उड़ाने से कुछ नहीं होता डायरेक्टर का विजन कितना important है वो कंगोआ बता रही है।

बॉलीवुड ने हाल ही में देश को एक और बड़ा धोखा दिया

god level creativity एकदम अलग दुनिया create कर दी है स्पेशल effects कमाल के है लेकिन उससे भी perfect इसमें काम करने वाले लोगों का transformation सूर्या से हम लोग पहले भी मिल चुके है लुक्स कंगोवा के लिए पब्लिक को आलरेडी एक्साइटेड कर रहे थे. रोलेक्स बन के ये इंडियन सिनेमा को सबसे स्टाइलिश एंड डेंजरस विलेन से मिलवा चुके हैं बट कंगोवा का गेम उससे भी एक लेवल ऊपर का लग रहा है. इस लेवल की एनर्जी पर्सनली मैंने रिसेंटली किसी भी एक्टर में नहीं देखी बॉस, कंगोवा का कैरेक्टर अभी से दिमाग में घुस चुका है. ये जो ब्रूटल साइट दिखाया जा रहा है, सूर्या का एकदम ब्लडी, डैडी वाला, ये किसी भी पैन इंडिया एक्टर के साथ इतना ज्यादा फिट आज तक नहीं बैठा. पास्ट प्रेजेंट फ्यूचर शायद फिल्म टाइम ट्रेवल पे बेस्ड हो सकती है. या फिर फिल्म की कहानी हजारों कवर करेगी प्रियोडिक ड्रामा के जैसी इतना सब को आईडिया लग गया था। टीजर के बाद ये भी कन्फर्म हो गया कि कहानी में सब कुछ अच्छा नहीं है जंग होने वाली है टॉप लेवल की एक्शन नहीं एक्शन का बाप आने वाला है।

लेकिन सबसे खतरनाक काम इस पचास सेकंड के वीडियो ने जो किया वो है कंगोवा के दुश्मन को रिवील करना। लार्ड बॉबी इज ऑफिशियली कमिंग बैक सर्जी। हे भगवान क्या ट्रांसफॉर्मेशन दिया है बॉबी देओल को पिछली बार तो सिर्फ फिल्म का नाम एनिमल था इस बार तो ये रियलिटी में एनिमल का बाप लग रहे हैं। लार्ड बॉबी इन नेगेटिव रोल ये combination किसी ने नहीं मांगा लेकिन अब सबसे ज्यादा perfect लगता है dialogues की जरूरत ही नहीं सिर्फ चेहरा काफी है Surya versus Bobby ने उनका face off literally theaters को stadium में बदल सकता है public confuse हो जाए hero के सामने ऐसा villain खड़ा कर दिया है

एक छोटी सी warning है आपके लिए सिर्फ visuals music plus खतरनाक casting से कुछ नहीं होने वाला जब तक फिल्म की story line में दम ना हो बोल तो रहे हैं कि कंगोवा शायद दो parts में बनेगी इसीलिए जरुरी है फिल्म को बाहुबली के pattern पे release किया जाए आजकल देखा है ना आपने काफी सारे फिल्म makers part one को सिर्फ formality बनाते हैं जबकि असली कंटेंट पार्ट टू के लिए बचा लेते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं करना है। टीम कंगोबा को पार्ट one इस तरह खत्म करना चाहिए कि पार्ट two लोगों की मजबूरी नहीं demand बन जाए। स्टोरी को असली हीरो बनाना पड़ेगा। फिल्म की release date अभी clear नहीं है लेकिन जब आएगी इतना तो पक्का है आपको पता चल ही जाएगा। क्या बोलती public गेम changer for Indian cinema yes or no.

शैतान बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 13 दिन: 109.78 करोड़

बॉलीवुड ने हाल ही में देश को एक और बड़ा धोखा दिया

एक बार फिर से चुनाव होने जा रहे हैं और बॉलीवुड ने हाल ही में देश को एक और बड़ा धोखा दिया है। मैं बात कर रहा हूँ सनी देओल की जो कि पंजाब के गुरदासपुर से सांसद तो रहे लेकिन अपनी constituency से नदारद रहे, इस हद तक नदारद रहे कि गुमशुदा की तलाश वाले posters लगाने पड़े और उन्होंने संसद में एक भी सवाल अपनी constituency के लोगों के लिए नहीं पूछा। यानी उन्होंने ये पूरी तरह से साबित कर दी बॉलीवुड के लोगों पर भरोसा करना आम जनता की मूर्खता है। लेकिन दोस्तों ये सब अभी यहाँ थमा नहीं है। ये सब बहुत पहले से चल रहा है और आगे भी होगा। क्योंकि समय-समय पर कई सारी राजनैतिक पार्टियां सिर्फ लोगों के vote को attract करने के लिए बहुत सारे नामचीन लोगों को मुफ्त में ticket थमा देती हैं और फिर ये जनता के पैसे पर हमारे आपके टैक्स के पैसे पर पांच साल तक ऐश करते हैं और उसके बाद गायब हो जाते हैं।

बात चाहे राजेश खन्ना की हो, की हो, रवि किशन की हो, जया प्रदा की हो, नगमा की हो, ये सब लोग आए और कहीं चले गए, इन सबने अपने लिए एक एक test ग्राउंड देखा कि आओ देखते हैं चेक करते हैं हमारे skills कैसे हैं और जनता के पैसे पर ऐश करके ये चलते बनते हैं। दोस्तों आप सोचिए कि जिस भी constituency से ये खड़े होते हैं, वहाँ कितने ही कार्यकर्ता ऐसे होते होंगे जो ये सपना देखते होंगे, ख्वाब देखते होंगे कि हमें टिकट मिलेगा, हमें जनता की सेवा मौका मिलेगा। लेकिन राजनैतिक पार्टियां उनको मौका नहीं देती। इनको उठाती हैं जिन्हें राजनीति का कोई अनुभव नहीं है। ये ठीक वैसा हुआ कि मान लीजिए आपके शहर में कोई हलवाई है जो बहुत अच्छी मिठाई बनाता है और क्योंकि वो बहुत अच्छी मिठाई बनाता है इसलिए उसे चुनाव में खड़ा कर दिया जाए। ठीक उसी तरह अगर कोई फिल्मों में acting अच्छी कर लेता है। इसका ये मतलब तो नहीं होता कि वो देश चला सकता है, वो आम जनता के मुद्दे उठा सकता है, वो आम जनता के लिए संसद में खड़े होकर सवाल पूछ सकता है।

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सबसे बड़ा उदाहरण मैं फिर से देना चाहूँगा सनी देओल। जिन्होंने अपनी गदर फिल्म के जरिए ये बताया कि वो तो पाकिस्तान में जाकर हैंडपंप उखाड़कर और पता नहीं कितना जोर-जोर से चीख-चीलाकर इंसाफ की, न्याय की और सच की बात कर सकते हैं, लेकिन जब असल जिंदगी में मौका आया तो वो नदारद थे मैदान से गायब थे। और अकेले सनी की बात नहीं है। ये पहले भी बॉलीवुड में होता रहा है, वरना आप बताइए कि एक किसी ऐसे बॉलीवुड के बड़े नाम का जिक्र कीजिए जिसने वाकई राजनीति में अपना हमने राज बब्बर को भी देखा। हमने रवि किशन को देखा, हमने, मनोज तिवारी को देखा, हमने बहुत से लोगों को देखा। ये सब के सब आए और न जाने कहाँ खो गए। ये क्यों आए थे, इनका आने का मकसद क्या था? क्या ये लोकतंत्र का मुँह चिढ़ा रहे थे? क्या ये हमें बता रहे थे कि देखो, हम खड़े हो सकते हैं चुनाव में, टिकट मिल सकता है, जीत भी सकते हैं, इसलिए हो गए और अपनी जिम्मेदारी हम बिल्कुल नहीं निभाएंगे और उसके बाद भी कई सारी राजनीतिक पार्टियां नामचीन चेहरों को मौका देती रही।

जनता का मुँह चिढ़ाती रही। लोकतंत्र का मुँह चिढ़ाती रही। और दोस्तों जनता इसे चुपचाप देखती है और जनता से ज्यादा मैं बात करूंगा उस constituency के उन कार्यकर्ताओं की जो दिन-रात उनकी सेवा में लगे रहते हैं, महिमामंडल में लगे रहते हैं हेमा मालिनी जी को देख लीजिए। जिस वक्त विवाह की बात थी उस वक्त इस्लाम याद आ रहा था। और जब बात आई चुनाव लड़ने की, संसद तक की तो कृष्णभक्ति में लीन हो गई। ये जो मौकापरस्ती है ये जो वक्त देखकर रुख बदलना है ये फिल्मों में तो चलता है, कोई आप अभिनय कर रहे हैं, वहां तो चलता है लेकिन अगर आप असल जिंदगी में करने लगे, खासकर तब जबकि आप आम लोगों के बीच मिसाल हैं। जबकि लोग आपको कॉपी करते हैं, फॉलो करते हैं, आपके जैसा बनना और दिखना चाहते हैं, ऐसे में अगर आप इतना खतरनाक कदम उठाते हैं कि लोगों के सामने गलत मिसाल पेश करते हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि आपका चेहरा मशहूर सिर्फ इसलिए क्योंकि लोग आपके नाम को जानते हैं। सिर्फ इसलिए क्योंकि लोगों ने आपकी फिल्में देखी हैं।

आपका वो अवतार देखा है जो असल में real तो है ही नहीं वो तो reel है और उसकी वजह से ये सारे के सारे हमारी democracy का मुँह चिढ़ाने आते है। चुनाव जीतते है और उसके बाद आप उन्हें ढूंढते रह जाते है मतलब एक सौ चालीस करोड़ का हमारा ये देश जो विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था बन चूका है जो खुद को विश्व गुरु कहता है वहां कोई भी राजनैतिक पार्टी किसी भी फिल्मी हीरो हीरोइन को चुनाव में खड़ा कर देती है वो जीत जाता है और उसके बाद वो सभी जिम्मेदारियों से पूरी तरह से किनारा कर लेता है, ना संसद में दिखाई देता है। आप रेखा की बात करें, आप सचिन तेंदुलकर की बात करें, इनके ऊपर तो इल्जाम लगते रहे। सचिन तेंदुलकर तो अह भारत रत्न भी है रेखा के बारे में बात करें, इनके बारे में तमाम आर्टिकल्स लिखे गए, बहुत सारे लोगों ने सवाल पूछे लेकिन कहीं किसी को शर्म तक नहीं आई कि आप एक इतनी बड़ी हस्ती होने के बाद जब आप पर एक विश्वास जताया जाता है, एक यकीन जताया जाता है, उसके बाद आप गायब हो जाते हैं। आप सोचिए कि कितने बड़े शर्म की बात है ये, उन लोगों के लिए भी और हमारे देश की जनता के लिए भी।

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क्या किसी भी चुनाव के आने से पहले आपके मन में ये प्रश्न उठता है कि क्या इस बार भी कुछ ऐसे चिकने-चुपड़े चॉकलेटी चेहरे खड़े कर दिए जाएंगे, हाल ही में अक्षय कुमार का नाम भी सुनने को मिल रहा था, दिल्ली के चांदनी चौक इलाके से सिर्फ इसलिए क्योंकि अक्षय का बचपन चांदनी चौक में बीता है, इसलिए उन्हें चुनाव में खड़ा कर दिया जाए, वो इंसाफ तो अपनी फिल्मों के साथ भी नहीं कर पाते, राज जैसी फिल्म उन्होंने की जहाँ वो पृथ्वी राज नहीं लग रहे थे उनके बारे में कहा जाता है वो फिल्में इतनी जल्दी निपटाते हैं कि character में आ ही नहीं पाते ऐसे शख्स को आप पाँच साल के लिए चुनाव में खड़ा करके सीट जीताकर संसद भेजना चाहते हैं। सिर्फ इसलिए क्योंकि वो मशहूर है, आप सोचिए कि मशहूर तो बहुत होते हैं, कोई क्रिकेट खिलाड़ी है, कोई सिंगर है, कोई फिल्म स्टार है, कोई क्रिकेट स्टार है, कोई कुछ है, लेकिन क्या मशहूर होना, लोकप्रिय होना इस बात की गारंटी है कि वो शख्स जनता की की सेवा भी करेगा।

क्योंकि मशहूर होना एक अलग बात है। सचिन तेंदुलकर बहुत अच्छा क्रिकेट खेलते हैं। क्रिकेट के भगवान हैं। लेकिन क्या वो राजनीति कर पाएंगे? क्या वो लोगों के दुःख दर्द को समझ पाएंगे। रेखा बहुत खूबसूरत दिखती है, बहुत नामी अदाकारा है, लेकिन क्या वो लोगों का दुख दर्द समझती है? South में जरूर आपको कुछ ऐसे example मिल जाएंगे जैसे जयललिता, वो लोग successful हुए क्योंकि उन्होंने पूरी तरह से राजनीति अपना profession बना लिया था। लेकिन जहाँ तक के बड़े नामों का सवाल है फिर चाहे विनोद खन्ना रहे हो, मंत्री पद तक पहुंचने के बाद भी सुनील दत्त रहे हो, लेकिन ऐसा कोई खास काम आपको याद नहीं आएगा कि हाँ, बॉलीवुड का फला-फला नाम जब मंत्री बना था, तो उसने ये किया था, लेकिन इसके बावजूद ये कोशिशें हर बार होती हैं, ये कोशिशें इस बात को बताती हैं, कि ये राजनैतिक दल आपको मूर्ख समझते हैं, देश की जनता को मूर्ख समझते हैं, कि हम एक मशहूर चेहरा सामने खड़ा कर देंगे, उसके जनता जैसे इनकी फिल्मों के टिकट खरीदती है।

ऐसे इनको वोट भी दे देगी। यानी यहाँ देश की सेवा का सवाल नहीं है। देश की जनता का दिल जीतने का भी सवाल नहीं है बल्कि सारा मामला इस बात का है कि कैसे बस एक सीट हासिल कर ली जाए। सोचिए दोस्तों इतनी बड़ी democracy हमारा हजारों-करोड़ों रुपए का टैक्स जो जाता है देश चलाने के लिए और गद्दी पे कोई ऐसा लॉ maker बैठा हो जो ना संसद जाए ना सवा पूछे ना जैसे लोगों की फिक्र, ना चिंता, ना कोई बात। और आप खड़े हो जाते हैं कि बड़ा मशहूर है, ये हमारा सांसद बनेगा, ये हमारा विधायक बनेगा। और इतना ही नहीं कहानी यहाँ ख़त्म नहीं होती। अगली बार अगर हार भी जाए, अगली बार अगर चुनाव में खड़ा भी ना हो, तो वो pension लेता रहेगा, आप सोचिए कि कितनी बड़ी नाइंसाफी है। क्या आपको नहीं लगता कि एक बात जनता की तरफ से इन राजनैतिक दलों को जानी चाहिए कि आप अगर सही मायने में अपने नुमाइंदे खड़े करना चाहते हैं,

तो वो हो जिन्हें जनता की सेवा का अनुभव हो। जो की सेवा करना जानते हो, उनके लिए सवाल पूछना जानते हो, ना कि कैमरे के सामने खड़े होकर बड़े-बड़े dialogue बोलना जानते हो, कैमरे के सामने खड़े होकर बोलना एक अलग बात है और संसद में जो जड़ से जुड़ी हुई समस्याएं हैं उनको रखना एक अलग बात है, दोस्तों ये बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है और इसके बारे में अगर हम और आप नहीं सोचेंगे तो कोई दूसरे देश या दूसरे planets इसके बारे में सोचना नहीं आएगा। बाहर भी लोग हम पर हँसते होंगे कि देखो क्या democracy का तमाशा बनाया किसी को भी खड़ा कर देते हैं। और उसके बाद छाती पीटते हैं कि दिखता ही नहीं तो आता ही नहीं।

Anweshippin Kandethum मूवी रिव्यू हिंदी