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इतनी अश्लील क्यों है भोजपुरी इंडस्ट्री | Why is Bhojpuri industry so vulgar?

Pepsi पीके लागेलू sexy लहंगा में बाढ़ jeans वाली भौजी, **** केला, मेहरारू बिना रतिया कैसे कटे? जानते हैं ये सब क्या है? असल में ये सारे भोजपुरी फिल्मों के नाम हैं। जिनको सुनते ही दिमाग में यही ख्याल आता है कि ये फिल्में वही है जो सस्ते में बनती है जिनमें डबल मीनिंग गाने होते हैं, डबल मीनिंग डायलॉग्स होते हैं और इन फिल्मों को तो आप कभी भी अपने परिवार के साथ तो बिल्कुल नहीं देख सकते। पिछले पंद्रह सालों में हमारे देश में ऐसी कई फिल्में बनी हैं। जिन्होंने बिहार की इमेज को काफी नुकसान पहुंचाया है।

लोग भोजपुरी सिनेमा से कई शहरों में नफरत करते है खासकर Punjab और Maharashtra में कि यहाँ ऐसे कई सारे theatres को भी तोड़ दिया गया जहाँ ऐसी फिल्में चला करती है तो क्या हमेशा से ही Bhojpuri cinema ऐसा था क्या बात कर रहे हो आप जी नहीं हमेशा से ऐसा नहीं था लेकिन बाद में हो गया तो इसकी शुरुआत कैसे हुई चलिए आपको एक कहानी सुनाते है असल में एक वक्त वो भी था जब Lata Mangeshkar Kishore Kumar और Mohammed Rafi जैसे महान गायक Bhojpuri फिल्मों में गाना गाया करते थे तो आखिर ये सब कैसे हो गया और भोजपुरी सिनेमा में इतनी गंदगी कैसे फैल गई?

चलिए आपको एक कहानी सुनाते हैं और पीछे लेकर चलते हैं और ये बताते हैं कि पहली भोजपुरी फिल्म कैसे बनी थी? क्योंकि पहली भोजपुरी फिल्म के बनने की कहानी भी थोड़ी मजेदार है। ये साठ के दशक की बात है देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद फिल्म actor नजीर हुसैन से एक कार्यक्रम में मिले और उनसे भोजपुरी में ही पूछा कि तुम भोजपुरी फिल्म क्यों नहीं बनाते?

क्या हमारे देश में लोग पैसे के बल पर जेल के अंदर भी पिकनिक मनाते हैं? 

असल में ये दोनों ही भोजपुरी बोले जाने वाले क्षेत्रों से ही याद तो अब प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया से ये बात सुनने के बाद नजीर हुसैन ने पहली भोजपुरी फिल्म बनाई जो नाइनटीन सिक्सटी टू में रिलीज हुई नाम था गंगा मैया तोहे पियरी चढ़ाई वो बिहार और यूपी में शूट हुई ये पहली भोजपुरी फिल्म सिल्वर जुबली बन गई यानी पच्चीस हफ्तों तक सिनेमाघरों में लगी रही इसे काफी प्राइज भी मिले इस फिल्म की सफलता के बाद nineteen sixty two से nineteen sixty सिक्स के बीच उन्नीस भोजपुरी फिल्में आई और इनमें से देखे विदेशी लागी नहीं छूटे Ram संसार ये बड़ी hit फिल्में रही इन फिल्मों में Gandhi जी के सिद्धांतों को subject बनाया गया अमीर गरीब के भेद को मिटाने वाली कहानियाँ दिखाई गयी और समाज को एक समान दिखाने वाले विषय चुने गए जिससे समाज को एक सही दिशा मिल सके शायद उस वक्त इसकी ज़रूरत भी थी

असल में ये वो दौर था जब समाज में दो अलग अलग जातियों के बीच शादियाँ होना बिलकुल भी आम नहीं था और अमीर गरीब का भेद भी बहुत ज़्यादा था जैसे film विदेशिया की कहानी में अमीर गरीब के बीच का प्यार तो दिखाया गया लेकिन बाद में ये दिखाया गया कि वो गरीब लड़की जो एक अमीर लड़के से प्यार कर बैठी थी उसे लोग मार देते है कहने का मतलब है कि कहानियों को काफी real रखा गया ये फिल्में मुनाफा तो कमा रही थी ऐसे में कई सारे Hindi film maker जैसे शक्ति सामंत भी आ गए और उन्होंने कहा हमें भी भोजपुरी film बनानी है उन्होंने उस वक्त एक film बनाई थी IL Basant Bahar इसी तरह राजकुमार संतोषी के जो father थे PL Santosh उन्होंने सैयां से एक ऐसी भोजपुरी फिल्म का निर्देशन किया लेकिन ये सभी फिल्में उतनी नहीं चली जितनी की पहली भोजपुरी फिल्म बनाने वाले नजीर हुसैन की दूसरी फिल्म हमार संसार चल गई।

इस फिल्म को उस जमाने में ये कहकर प्रमोट किया गया कि भोजपुरी भाषा की ये एक युगांतरी तस्वीर है जिसमें आपको भारत के खेत खलिहान और किसान के जीवन की सच्ची तस्वीर देखने को मिलेगी ये एक भोजपुरी family ड्रामा था वो भी सोशल theme के साथ लोग इससे connect कर गए चल गया। इस फिल्म को खूब पसंद किया गया और ये खूब चली। उस दौर में हो ये रहा था कि हर कोई भोजपुरी फिल्म बना तो रहा था लेकिन हर कोई कनेक्ट नहीं कर पा रहा था क्योंकि भोजपुरी कल्चर को लोग समझ नहीं पा रहे थे। जो भोजपुरी कल्चर से नहीं आते थे वो connect नहीं कर पा रहे थे और इस वजह से कई सारी फिल्में फ्लॉप होने लगी। nineteen sixty सिक्स आते-आते भोजपुरी फिल्मों को बनाने से लोग डरने लगे कि अगर फिल्म successful नहीं हुई तो पूरा पैसा drub जाएगा।

इसके बाद हुआ ये nineteen sixty सिक्स से nineteen seventy सिक्स तक सिर्फ दो ही भोजपुरी फिल्में बनी लेकिन फिर अस्सी का दशक आते-आते भोजपुरी फिल्मों को एक नया जीवनदान भी मिला। और भोजपुरी फिल्मों को ये नया जीवन दान मिला फिल्म दंगल से जो कि पहली भोजपुरी रंगीन फिल्म थी और इसे बनाया था। पुरानी भोजपुरी फिल्म विदेशिया के प्रोड्यूसर बच्चू भाई शाह ने उस जमाने में अमिताभ बच्चन popular हो रहे थे angry young man popular हो रहा था और उसी नकल करते हुए एक action फिल्म बनाई गयी थी यानी Dangal पहली Bhojpuri रंगीन action film थी और उन दिनों हिंदी फिल्मों में भी action खूब चल रहा था लोगों को लगने लगा कि ये action का ही जमाना है लेकिन उस वक्त भी Nazir Hussain ने एक family drama film बनाई Balam Pardesia के नाम से जबकि action फिल्में बना रहे थे लोग भोजपुरी में ये Balam Pardesia एक ऐसे नौजवान की कहानी थी जो अपने लोगों से दूर चला जाता है कमाल की बात ये रही कि Dangal की तरह Balam Pardesia भी hit हो गयी और भोजपुरी फिल्में एक बार फिर से लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गयी फिर से कई सारे निर्माता पूरी फिल्म बनाने के लिए उतावले होने लगे। नतीजा ये हुआ कि nineteen seventy seven से two thousand two के बीच डेढ़ सौ भोजपुरी फिल्में बनी इस दौरान भोजपुरी फिल्मों में कई तरह के प्रयोग हुए।

किशोर कुमार और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे बड़े नाम भोजपुरी cinema की तरफ आकर्षित होने लगे। लेकिन नब्बे का दशक आते-आते वही Family Drama और वही emotional subject देख देख कर लोग भोजपुरी से भी bore होने लगे। उन दिनों बनारस जैसे शहरों में कई नकली घुमा करते थे जो नए लड़के लड़कियों को भोजपुरी स्टार बनाने का सपना दिखाते उनसे बहुत सारे पैसे ऐंठते और गायब हो जाते कुल मिलाकर भोजपुरी सिनेमा पॉपुलर तो हो गया था लेकिन सब्जेक्ट को लेकर एक बदलाव की जरूरत भी महसूस होने लगी थी बस इसी समय एक भोजपुरी सिनेमा को अह आईडिया आया सेक्स दिखाने का और ये सब nineteen ninety five के आसपास शुरू हुआ और ये दौर चला दो हजार चार तक इसी दौरान दो और काम हुए की सरकार ने अपनी कमाई बढ़ाने के लिए सिनेमाघरों का tax बढ़ा दिया और sex से भरपूर इन फिल्मों से family audience गायब होने लगी यानी एक बार फिर industry थोड़ा सा low जाने लगी क्योंकि दर्शक भी नहीं थे और cinema देखना महंगा हो गया था तभी दो हजार चार में एक फिल्म आयी जिसका वो गाना बड़ा popular हुआ रिंकिया के पापा। और इस फिल्म का नाम था ससुरा बड़ा पैसे वाला। इस फिल्म से किसी को खास उम्मीद नहीं थी लेकिन ये फिल्म silver jubilee हो गई।

और ये फिल्म बन सिर्फ तीस लाख जी हाँ और ये वो दौर था जब करण जौहर एनआरआई लोगों पर फिल्में बना रहे थे। ऐसे में गाँव के लोग सिनेमा से connect नहीं कर पा रहे थे। इस फिल्म ने छोटे शहर के लोगों को बड़े पर्दे पर दिखाया जिससे लोग connect होने लगे और तीस लाख रूपए में बनी ये फिल्म musically भी इतनी बड़ी hit रही कि पूरे नौ करोड़ कमाकर इसने दिखा दिया कि गाँव की audience अगर आपके content को पसंद कर ले तो फिर आपको करोड़ों रूपए कमाने से कोई रोक नहीं सकता। इसी फिल्म के बाद आई किशन की फिल्म अह जिसका नाम था पंडित जी बताई ना कब हुई?

मैंने कुछ गलत नहीं किया फिर भी तोड़ दिया – नागार्जुन |

ये फिल्म साठ लाख रुपए में बनी और छह करोड़ रुपए कमाकर ही सिनेमा घरों से उतरी और इंडस्ट्री को दो बड़े भोजपुरी स्टार मिल गए मनोज तिवारी और तो ये एक तरह से भोजपुरी सिनेमा का सुनहरा दौर था जब दो हजार चार में इक्कीस भोजपुरी फिल्में आई, दो हजार पाँच में पैंतालीस भोजपुरी फिल्में आई और दो हजार छह में छिहत्तर seventy सिक्स भोजपुरी फिल्में रिलीज हुई। अब एक बार फिर बॉलीवुड के नाम जैसे उदित नारायण और बालाजी telefilms भी भोजपुरी फिल्म बनाने में लग गए। यहाँ तक कि अमिताभ बच्चन के makeup man ने भी उस जमाने में एक भोजपुरी फिल्म बनाई जिसमें खुद अमिताभ बच्चन ने काम किया।

बंगाली दादा मिथुन चक्रवर्ती भी उस दौर में एक भोजपुरी फिल्म में दिखाई दिए। उस जमाने में अजय देवगन और हेमा मालिनी जैसे चेहरे भी भोजपुरी फिल्मों में दिखने लगे सबको लगने लगा कि ये एक सोने का अंडा देने वाली मुर्गी है तो चलो इसमें खूब करते है पर क्या आप जानते है फिल्में कहाँ चल रही थी असल में ये फिल्में चल रही थी Punjab और Maharashtra जैसे प्रदेशों में जहाँ भोजपुरी बोलने वाले युवा अपने गाँव और परिवार से दूर काम की तलाश में जाते थे और अपने गाँव को miss किया करते थे फिर पर्दे पर जब वो अपने गाँव का culture देखते तो उन्हें connect feel होता जब hero अपने पिता के पैर छूता जब उनकी भाभी और माँ के मांग के लाल सिंदूर की बात होती तो उन्हें लगता कि हाँ ये cinema है जो उनकी बोल रहा है उस ज़माने में हिंदी फिल्मों को भोजपुरी cinema एक बहुत बड़ी टक्कर दे रहा था ये दो हज़ार सात और दो हज़ार आठ का दौर था अब पैसे के लालच में एक ही तरह की फिल्में हर हफ्ते release होने लगी नतीजा ये हुआ कि माँग से ज़्यादा supply हुई और variety ना होने की वजह से अब फिल्मों को घाटा होना भी शुरू हो गया इसके बाद Bhojpuri film makers ने मुनाफे को बढ़ाने के लिए घाटे को कम करने के लिए film के production cost को काफी कम करना शुरू कर दिया और घटिया स्तर का दिखाना शुरू कर दिया।

वो लोग मानते थे कि ज्यादातर तो labour class ही हमारी फिल्में देखने आता है ऐसे में quality से समझौता किया जा सकता है बस यहीं से शुरू हुआ भोजपुरी सिनेमा के पतन का दौर जो आज तक चल रहा है अब सिर्फ पैसा छापने के लिए घटिया काम शुरू हो चूका था family audience तो है नहीं और हमारे जो भोजपुरी फिल्मों के दर्शक है वो migrant labours है जो परिवार से दूर है ऐसे में उनको खूब भर-भर के अश्लीलता और meaning dialogues और double meaning गाने परोसे जाने लगे इतना ही नहीं इन फिल्मों को B और C grade जैसी जो हिंदी फिल्में थी उनकी तरह ही बनाया जाने लगा और इसी तरह family audience से शुरू हुआ ये भोजपुरी cinema एक अश्लील फिल्म industry में तब्दील हो गया भोजपुरी cinema से जुड़े लोगों ने मान लिया कि पढ़े लिखे सभ्य भोजपुरी लोग तो ये फिल्में देखते नहीं है ऐसे में हम quality cinema क्यों बनाए और उन्होंने इसी तरह के double meaning cinema को बनाना जारी रखा जो आज भी चल रहा है दिल हिचौलिया क्या? भोजपुरी गाने पहले भी ठीक-ठाक हुआ करते थे लेकिन फिर जो male audience थी उसे आकर्षित करने के लिए double meaning गाने डाले जाने लगे और रही सही कसर ऐसे गानों ने पूरी कर दी अश्लीलता भर-भर के परोसी जाने लगी। फिल्मों के साथ-साथ फिर ये जो गाने थे, dance sequence थे ये और भद्दे होते चले गए।

मीडिया ने रिया के साथ अच्छा नहीं किया – आमिर खान

भोजपुरी फिल्मों के ज्यादातर heroes जैसे मनोज तिवारी वगैरह ये पहले singer थे, जो बाद में hero बन गए इसलिए इन्होंने अपनी एक अलग audience create कर ली। आज आलम ये है साठ से सत्तर लाख रुपए में एक भोजपुरी फिल्म बन जाती है। जिसमें मानकर चलिए चालीस से पचास लाख रुपए तो सिर्फ हीरो लेता है। बाकी में सारे लोग काम करते हैं अब ऐसे में प्रोडक्शन क्वालिटी कहां से आएगी यानी आज वो दौर है जब भोजपुरी सिनेमा में सब हीरो की सुनते हैं क्योंकि वो जानते हैं ये हीरो इस फिल्म में है इसलिए इसकी ऑडियंस इसे देखने आएगी जो ये कहेगा वैसा ही लिखो यानी writers तक अच्छा content नहीं लिखते वो बस हीरो की तारीफ करते हैं। उसको करते हैं और उसे एक तरह से एक-एक glorified image में पेश करते रहते हैं और यही वजह है कि content में variety नहीं है। एक बड़ा-सा हीरो लिया जाता है जिसकी कुछ फैन ऑडियंस है उसके अराउंड एक लव स्टोरी होती है। फिल्म में कई भद्दे अश्लील गंदे गाने डाले जाते हैं।

और ये मान लिया जाता है कि हाँ हमने जितना लगाया है उससे डबल हमारे पास आ जाएगा। यही वजह है कि साठ-सत्तर लाख रुपए से ज्यादा कभी बजट होता नहीं भोजपुरी फिल्मों का कहने का मतलब ये नहीं है कि साठ-सत्तर लाख रुपए में फिल्म अच्छी नहीं बनाई साठ-सत्तर लाख रुपए में भी फिल्म अच्छी बन सकती है। बशर्ते उसका content अच्छा हो लेकिन वहाँ नियत साफ नहीं होती। भोजपुरी फिल्म शुरू करने से पहले ही कुछ चीजें तय होती है कि इसमें अश्लील संवाद होंगे, अश्लील गाने होंगे, अश्लील dance होगा और इसको उसी तरह की audience के बीच बेचा जाएगा यानी भोजपुरी industry खुद ही ये मानकर बैठी है कि हमें तो family audience देखने वाली नहीं है। ऐसे में हम सिर्फ अश्लीलता ही परोसेंगे।

आज आलम ये है कि भोजपुरी अगर आप फिल्म का title भी सुन ले तो शायद title भी ऐसा होता है जिसे आप अपने परिवार के साथ सुन नहीं सकते जैसा कि मैंने इस video के शुरू में आपसे कहा था share किया था और आजकल लोग कई तरह के meme बनाते हैं मज़ाक बनाते हैं Bhojpuri film industry का और सबसे ज़्यादा दुःख की बात ये है कि दोस्तों Bihar एक बहुत विकसित राज्य है बहुत अच्छे लोग वहाँ पर रहते हैं लेकिन Bihar की image इस Bhojpuri cinema की वजह से काफी खराब हुई है लोगों को लगता है कि Bihar में सब ऐसे ही लोग रहते हैं क्या तो इस तरीके की बातें काफी होती है इंटरनेट पर, सोशल मीडिया पर लेकिन मुझे लगता है कि अभी भी समय बदल सकता है अगर पिछले पुराने दौर की तरह कुछ अच्छा content भोजपुरी सिनेमा में आए आप सोचिए हमारे देश के पहले राष्ट्रपति ने ये चाहा था कि भोजपुरी सिनेमा शुरू हो, भोजपुरी सिनेमा शुरू तो हुआ लेकिन शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि भोजपुरी सिनेमा का अंजाम ऐसा होगा।

आज उदित नारायण है, बालाजी टेलीफिल्स है और ऐसे कई सारे लोग जो है वो इस तरह की फिल्मों से पैसा कमाते रहे हैं लेकिन अब स्थितियाँ बहुत खराब हो चुकी हैं मैं भोजपुरी film industry के इस video को बनाकर यही संदेश देना चाहता हूँ और यही अपील करना चाहता हूँ कि एक भाषा एक संस्कृति हमारे ही देश में बदनाम हो गयी है हम उसे बचा सकते हैं सिर्फ थोड़ी सी कोशिश करनी है कुछ अच्छा content लाना है और हो सकता है कि अच्छा content लाने के बाद फिर से भोजपुरी cinema का सुनहरा दौर लौटकर आए और आखिर ये हमारे उस की बात है Bihar के उस culture की बात है जिसके बारे में लोग बड़ी शान से बात करते है वही Bihar है जहाँ कभी Takshashila और Nalanda का इतिहास रहा है जहाँ Gautam Buddha ने जन्म लिया तो ये तमाम बातें है जिसके बारे में ये कहा जाता है कि अगर कोशिश की जाए तो आज भी Bhojpuri industry की तस्वीर बदल सकती है ज़रूरत है तो सिर्फ साफ नियत की.

द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रेलर रिव्यू 

क्या हमारे देश में लोग पैसे के बल पर जेल के अंदर भी पिकनिक मनाते हैं? | Do people in our country celebrate picnics inside jails using their money?

ये सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि हाल ही में वो तस्वीर सामने आई है जिसमें कन्नड़ स्टार दर्शन कर्नाटका की जेल के अंदर सिगरेट पीता नजर आ रहा है। इतना ही नहीं वो जेल के अंदर से वीडियो कॉल भी करता है और उसको देखकर ऐसा लग रहा है, मानो अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने आया हो। दैनिक भास्कर में छपी ये रिपोर्ट बताती है कि कितना खुला ऐश कर रहा है दर्शन।

वही दर्शन जिसने अपने फैन रेणुका स्वामी की निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी थी मैं आपको इस वीडियो में इस खबर के बारे में ही बताने जा रहा हूँ दोस्तों आपको दर्शन थुगदीपा तो याद ही होंगे जिन्होंने कुछ समय पहले अपने फैन की बहुत बुरी तरह हत्या कर दी थी और ये देखिए ये जो अख़बार में खबर छपी है वो ये साफ बताती है कि वो अपने दोस्तों के साथ हुआ जेल के अंदर सिगरेट पी रहा है।

रक्षाबंधन के दिन कोलकाता कांड पर सेलिना जेटली ने एक पोस्ट किया, अपने बचपन के उन दिनों को याद किया

तीन लोग उसके साथ दिखाई दे रहे हैं, दर्शन थुगोदीपा है ये। सफेद माफ़ कीजिएगा ग्रे कलर की टी-शर्ट में बैठा हुआ है और उसके हाथ में सिगरेट है। और ये समय कर्नाटका की जो बेंगलुरु में परपन्ना अगरहारा सेंट्रल जेल है, ये वहां पर बंद है। इसके अलावा इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जो ये जेल के अंदर से अपने एक जानने वाले को वीडियो कॉल कर रहा है। तो आखिर वो कौन लोग हैं, जिसको जो इसको जेल अंदर इतनी सारी सुविधाएं दे रहे हैं।

इसको देखकर सुकेश चंद्रशेखर की याद आ रही है जो जेल के अंदर बैठकर दो सौ करोड़ की ठगी कर लेता है। जिसको चाहे उसको फोन करता है जिसको चाहे उसको चार्टर्ड प्लेन से बुला लेता है। ये हाल हमारे देश की जेलों का है और अब इसमें कर्नाटक सरकार से भी सवाल पूछे जा रहे हैं।

देखिए रिपोर्ट साफ तौर पर बताती है। कि अपने फैन रेणुका स्वामी के मर्डर केस में बेंगलुरु की परपन्ना अगरहारा सेंट्रल जेल में बंद कन्नड़ एक्टर एक बार फिर से चर्चा में है। एक्टर की हाल ही में जेल से एक तस्वीर सामने आई है जिसमें वो तीन लोगों के साथ चाय, सिगरेट पीता दिखाई दे रहा है और उसके बैठने के अंदाज से लग रहा है जैसे वो जेल में पिकनिक मना रहा हो।

इस पर विवाद बढ़ने के बाद कर्नाटका के जो मुख्यमंत्री हैं सिद्धारमैया उन्होंने इससे दर्शन को दूसरे जेल में शिफ्ट करने के आदेश दिए हैं और साथ ही जो डीजीपी हैं मालिनी कृष्णमूर्ति उनसे कहा है कि इस जेल विजिट करने के बाद इस जेल में जाए और इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर सौंपे फिर डीजीपी ने जेल विजिट की और ये जो जेल है इसके सात अधिकारियों को उन्होंने ससपेंड किया। जिसमें जेलर शरण बसवा, प्रभु एस खंडेलवाल, असिस्टेंट जेलर एलेस थिप्पेस्वामी और श्रीकांत तलवार, हेड वार्डन वेंकप्पा कोडती और संपत कुमार कड़पट्टी और वार्डन बसप्पा केलि शामिल है।

रिपोर्ट्स बताती है कि दर्शन अपने साथ बैठे लोगों में से एक एक कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है विल्सन गार्डन नागा जो कि काली शर्ट में दिखाई दे रहा है। इसके अलावा मैनेजर और सह आरोपी नागराज और कुल्ला सीना के साथ बैठा दिखाई दे रहा है। राज्य के जो गृहमंत्री हैं होम मिनिस्टर जी परमेश्वरा उन्होंने कहा है कि मैंने इस मामले की detailed रिपोर्ट मांगी है और suspend किए गए सात अधिकारियों में अह से अह उनको दोषी पाया गया है।

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उनको हमने suspend कर दिया है। लेकिन सवाल ये है दोस्तों कि क्या इतना आसान है भारत की जेलों में अगर आप बंद है तो पैसा देकर अंदर जेल के अंदर आपको वीडियो फोन मिलता है, आपको सिगरेट मिलती है और आप ऐश से बैठते हैं, पिकनिक मना रहे हो जैसे, जैसे आप वहां पर कोई तफरी करने आए हों।

इस रिपोर्ट को देखने के बाद जो रेणुका स्वामी के पिता हैं, जो मृतक है जिसको मार डाला निर्ममता पूर्वक दर्शन में उसके पिता ने कहा है कि इस तस्वीर को देखकर मैं चौंक गया हूँ अब मन में ये शक भी उठता है कि वो जेल में है भी या नहीं जेल जैसा होना चाहिए, कुछ और नहीं बनाना चाहिए, उसके साथ सामान्य कैदियों की तरह ही व्यवहार होना चाहिए, लेकिन यहाँ तो ऐसा लग रहा है जैसे वो किसी रिसोर्ट में बैठा हो।

आप जानते ही हैं कि पिछले ग्यारह जून को अपने तैंतीस साल के फैन रेणुका स्वामी के मर्डर के आरोप में दर्शन जेल में बंद है। और उसके बाद ये पूरा मामला निकला था। लेकिन आप ये देखिए ये जेल का हाल है। ये है हमारे देश की जेल। जो आपको सिगरेट देती है, वीडियो कॉलिंग की सुविधा देती है।

और जब वहां पर डीजीपी की विजिट होती है तो सात अधिकारी दोषी पाए जाते हैं, उनको ससपेंड किया जाता है। यानी कोई है जो सरकार के भी ऊपर है। कोई है जो इन अधिकारियों को पैसा देता है, इन्हें खरीद लेता है। और अपने मनमाने ढंग से वहां पर रहता है।

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फिल्म एक्टर नमिता से मंदिर में प्रवेश से पहले पूछा, क्या आप हिन्दू हो ? | Film actor Namita was asked before entering the temple, are you a Hindu?

दक्षिण भारत के मंदिर अक्सर खबरों में छाए रहते हैं। कभी महिलाओं की एंट्री को बैन करने के लिए तो कभी किसी और अतरंगी फरमान की वजह से अब ये इसलिए चर्चा में आए हैं क्योंकि एक actress से उनके हिंदू होने का सबूत माँगा गया है और ये actress बीजेपी नेता भी हैं इनका नाम है नमिता इन्होंने बताया कि इनके साथ मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर में क्या हुआ।

हालाँकि मंदिर के अधिकारियों ने इन्होंने जो आरोप लगाए हैं उनसे इनकार किया है और उन्होंने कहा कि ये जो actress नमिता और उनके पति जो साथ में आए थे मास्क लगाए हुए थे इसलिए इनसे पूछा गया कि ये कौन है? ये जो एक्ट्रेस है नमिता जो कि भाजपा नेता भी है ये आरोप लगाती है कि सोमवार छब्बीस अगस्त को तमिलनाडु के मदुरई में मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर जाने के दौरान उनसे हिंदू होने का सबूत माँगा गया समाचार एजेंसी पीटीआई बताती है कि उन्होंने ये आरोप लगाया कि मंदिर के एक अधिकारी ने उन्हें मंदिर के अंदर जाने से रोका और उनसे हिंदू होने का सबूत माँगा उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक कहा पहली बार मुझे अपने ही देश और अपनी ही जगह पर एक अलगाव सा महसूस हुआ

क्योंकि मुझे खुद को हिंदू साबित करना पड़ा बात ये नहीं है कि मुझसे इसके बारे में पूछा गया बल्कि बात ये है कि मुझसे इसके बारे में कैसे पूछा गया वो अधिकारी और उसका असिस्टेंट भी बहुत ही असभ्य और अहंकारी था ये actress जो भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की सदस्य भी है इन्होंने कहा कि ये बात तो सभी को पता है कि वो हिंदू परिवार में पैदा हुई है तिरुपति में हुई है। उनके बेटे का नाम भगवान श्री कृष्ण के नाम पर रखा गया है।

उन अधिकारियों ने मुझसे बदतमीजी से बात की और मुझसे मेरी जाति धर्म को साबित करने के लिए certificate मांगा। हालांकि मंदिर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नमिता और उनके पति से सिर्फ इतना ही पूछा गया था। क्या वे हिन्दू हैं क्योंकि उन्होंने मास्क पहना हुआ था।

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और उन्हें मंदिर की परंपराओं के बारे में बताना चाहते थे। पीटीआई ने अधिकारी के हवाले से बताया कि मामला साफ होने के बाद उनके माथे पर कुमकुम लगाया गया उन्हें मंदिर के अंदर भी ले जाया गया मगर ये जो actress है नमिता ये कहती है कि उन्हें अपनी आस्था दिखाने और माथे पर कुमकुम लगाने के बाद ही मंदिर में entry दी गई उन्होंने कहा कि पूछने का भी एक तरीका होता है मुझे कोने में बीस मिनट तक इंतजार कराया हमने संडे के दिन पुलिस को अपने आने के बारे में भी बता दिया था अब ये जो actress है नमिता ये कहती है कि हमने मास्क पहना हुआ था क्योंकि हम भक्तों को परेशान नहीं करना चाहते थे.

क्योंकि भक्त अगर पहचान लेते तो उनके आस-पास ये भीड़ हो जाती तो कुल मिलाकर मामला ये है कि पहली बार ऐसा हुआ है कि एक मंदिर में आने वाली एक actress से दरवाजे पर ही ये पूछ लिया गया कि क्या आप हिंदू है अब ये किस तरह से हुआ किस लहजे में पूछा गया तो वही बेहतर बता सकती है लेकिन उनका कहना है कि ये लहजा जो था वो अपमानजनक था कुल मिलाकर अक्सर जो नामचीन लोग होते है उनसे अगर कोई उनका नाम पूछ ले तो उन्हें तकलीफ होती है ego hurt भी होता है हो सकता है कि बदतमीजी हुई हो सकता है कि ना भी हुई हो क्योंकि यहाँ पर हम वही बात कर रहे हैं जो कि नमिता ने पीटीआई को बताया या मंदिर के लोगों ने पीटीआई को बताया लेकिन हाँ ये सुनकर थोड़ा अटपटा जरूर लग रहा है कि दरवाजे पर ही किसी से पूछा जाए कि क्या आप हिंदू हैं?

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कंगना रनौत: पंजाब को भी वही बना दिया जाता जो आज बांग्लादेश को बना दिया गया है | Kangana Ranaut: Punjab would have been turned into what Bangladesh has been turned into today

कंगना रनौत ने एक और विवादास्पद बयान दे दिया है, उन्होंने कहा है कि अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी वही बना दिया जाता जो आज बांग्लादेश को बना दिया गया है। दैनिक भास्कर को दिए गए interview में कंगना ने कहा कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे, वहां रेप और हत्याएं हो रही थी, किसान बिल को वापस ले लिया गया, वरना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी planning थी,

वो देश में भी कर सकते थे, ये कहना है हमारे देश की लॉ मेकर और भाजपा सांसद कंगना राणावत का इस इंटरव्यू के बाद पंजाब के जो कांग्रेस नेता है राजकुमार वेरका उनका कहना है कि कंगना जो है वो लगातार किसानों पर ऐसे बयान दे रही है इसके खिलाफ इसलिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। और उनपर एनएसए भी लगाया जाना चाहिए। राजकुमार वेरका जो दो बार कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं, दो हजार सत्रह से दो हजार बाईस तक वो पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं, वेरका दो बार राष्ट्रीय अनुसूचित के उपाध्यक्ष भी रहे हैं।

छाती के बाल इतने प्यारे क्यों है सलमान और अक्षय को ? Why do Salman and Akshay love chest hair so much?

कंगना के इंटरव्यू के बाद वेरका ने एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा कि कंगना रनौत रोजाना पंजाब के नेताओं के खिलाफ जहर उगलती है, उन्होंने किसानों को खालिस्तानी कहकर पुकारा, देश के किसानों को गाली दी है, वो किसी भी शह पर बोल रही है, भाजपा इसके लिए सफाई दें मैं अपने मुख्यमंत्री भगवंत मान से मांग करता हूँ कि एफआईआर दर्ज की जाए, इनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत एक्शन हो और इन्हें डिब्रूगढ़ जेल में डाल दिया जाए, कांग्रेस के स्पोक्सपर्सन अतुल लोंडे हैं उन्होंने कहा कि कंगना ने किसानों को रेपिस्ट क्यों कहा? क्या प्रधानमंत्री मोदी उन पर एक्शन लेंगे या फिर उन्हें भी साध्वी प्रज्ञा की तरह बचा लिया जाएगा?

तो कुल मिलाकर ये सारी बातें कंगना ने जब से कही है तब से एक नई तरह का बवाल शुरू हो गया है और ये सब हो रहा है उनकी फिल्म इमरजेंसी की रिलीज से जस्ट पहले क्योंकि वो उसे प्रमोट करना चाहती है उनसे सवाल किया गया कंगना से कि जैसे हालात बांग्लादेश में हैं आज क्या हमारे देश में भी ऐसे हालात बन सकते हैं?

तो उन्होंने जवाब दिया आज हमारा शीर्ष नेतृत्व अगर कमजोर होता तो बांग्लादेश जैसी स्थिति भारत में भी हो सकती थी यहाँ किसान आंदोलन के दौरान क्या हुआ वो सबने देखा है। कैसे प्रोटेस्ट के नाम पर violence फैलाया गया वहाँ रेप हो रहे थे, मारकर लाशों को लटकाया जा रहा था।

दलजीत कौर और निखिल के बीच चल रहा विवाद | The ongoing dispute between Daljeet Kaur and Nikhil

जब उस बिल को वापस लिया गया तो ये उपद्रवी चौक गए क्योंकि उनकी प्लानिंग तो बहुत लंबी थी, उन पर समय रहते कंट्रोल पा लिया गया वरना कुछ भी कह सकते थे, आप कुछ भी कर सकते थे, अब आप देखिए कि तौर पर कंगना ये बात कह रही है कि हमारे देश में ये सब चल रहा था और बतौर भाजपा सांसद उन्होंने ये बात अपनी मीडिया के सामने रखी है।

वो फिल्म इंडस्ट्री के खिलाफ तो आवाज उठाती रही है तो आप जानते ही है उन्होंने इस बात का भी दावा किया है कि उन्होंने sexism के खिलाफ या nepotism के खिलाफ या item numbers के खिलाफ उन्होंने काफी अह आवाज उठाई है। me too movement के वक्त भी उन्होंने काफी लोगों की पोल खोली थी और सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय मृत्यु के दौरान भी उन्होंने कई सारे खुलासे किए थे।

जिसके बाद कंगना सुर्खियों में आती रही लेकिन किसान आंदोलन के बारे में ये सारी बातें जो कंगना ने कही है उसको देखकर, जानकर, सुनकर हर कोई हैरान है कि कंगना जिस तरह के ये दावे कर रही है क्या वो वाकई सही है? क्या उनके खिलाफ कोई एक्शन होगा? क्या उनसे पूछा जाएगा कि जो आपने कहा है क्या आपने उसकी जाँच की थी? क्या आप इस इन सारी बातों को जानती है? क्योंकि कंगना अगर इतनी बड़ी बात कहती है और आज वो भाजपा की सांसद है तो निश्चित तौर पर उनसे सवाल तो पूछा जाएगा और ये तो हो नहीं सकता कि कंगना की फिल्म आ रही है इसलिए वो कोई भी और उनसे सफाई ना मांगी जाए

स्त्री 2 ने कमाए 400 करोड़ , लोगों ने स्त्री को बहुत पसंद किया | Stree 2 earned 400 crores, people liked Stree very much.

दलजीत कौर और निखिल के बीच चल रहा विवाद | The ongoing dispute between Daljeet Kaur and Nikhil

दलजीत कौर जिन्होंने हाल ही में अपने पति निखिल पटेल के खिलाफ एक धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई है। जो केनिया बेस्ड एक बिजनेसमैन है। इनकी तलाक की खबरों के बीच दलजीत लगातार सुर्ख़ियों में बनी हुई हैं। अब दलजीत ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बताया है कि केनिया में उनके मामले की पहली सुनवाई हुई थी हालांकि भरे कोर्ट में निखिल ने ये मानने तक से इंकार कर दिया कि दलजीत उनकी official वाइफ है।

निखिल के इस बयान पर कौर ने भड़कते हुए सवाल किया है कि अगर वो पत्नी नहीं थी तो क्या वो उनकी mistress थी? Daljit Kaur ने हाल ही में अपने social media account story section पर लिखा जो भी इस बारे में जानना चाहते हैं मैं उन्हें बताना चाहती हूँ कि आज court में मेरी पहली सुनवाई हुई है। उनका वकील पूरे समय बस यही साबित करता रहा कि हमारी कभी शादी हुई ही नहीं।

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जब मैंने शिकायत दर्ज करवाई तब Indian Police ने मुझसे कहा था कि traditions और चश्मदीद ही उसे सलाखों के पीछे के लिए काफी है अगर वो शादी से इंकार करता है तो देखा जाएगा कि आगे क्या करना है लेकिन उसके परिवार को ये कहते हुए शर्म आनी चाहिए कि कोई शादी हुई ही नहीं थी आगे Daljit Kaur ने Kenya की एक company को mention करके लिखा है कि जब आपने अपने सभी बड़े leaders को cultural event में बुलाया तो क्या आप लोगों ने सभी लोगों की पत्नियों को get together के लिए नहीं बुलाया था या फिर मैं कोई mistress थी जिसे आपने बुलाया था

अपनी post में Daljit ने आगे लिखा कि ये जानकर शर्मिंदगी हो रही है कि तुम ये साबित कर रहे हो कि हमारी शादी नहीं हुई तुम्हें ये बात मुझे करवा चौथ के दिन बतानी थी जब मैं रात के साढ़े ग्यारह बजे तक अपने पति के लिए भूखी रही थी मुझे उस दिन खाना खा लेना चाहिए था तुम्हें शर्म आनी चाहिए Nikhil आपको बताते चले कि TV actress Daljit Kaur ने दो हज़ार नौ में Shalin Bhanot से शादी कर ली थी.

जिससे उन्हें एक बेटा हुआ Jordan बाद में शादी दो हज़ार पंद्रह में टूट गयी जिसके बाद ने दो हज़ार तेईस में Kenya base businessmen Nikhil Patel से दूसरी शादी की ये शादी भारत में Hindu रीति रिवाज़ों से हुई थी जिसके बाद Daljit अपने बेटे Jordan के साथ Kenya shift हो गयी हालांकि आठ महीने बाद ही वो भारत वापस लौट आयी भारत आकर Daljit ने अपने पति पर धोखाधड़ी करने और extra marital affair के आरोप लगाए जिसके बाद वो सुर्खियों में आ गयी इसके बाद से ही Daljit लगातार अपने पति पर social media के जरिए आरोप लगा रही थी जिसके बाद निखिल ने उनका सामान घर से फेंकने की धमकी देते हुए बताया कि उन्होंने दलजीत से कभी registered marriage की ही नहीं थी

लंबे विवाद के बाद चार अगस्त को दलजीत ने निखिल के खिलाफ मुंबई के आग्रीपाड़ा पुलिस station में शिकायत दर्ज करवा दी दलजीत के बाद निखिल ने भी केनिया में दलजीत के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई इसकी सुनवाई बाईस अगस्त के दिन हुई बहरहाल निखिल और दलजीत के बीच ये क्या चल रहा है बहुत से लोग इस बारे में जानना चाहते हैं और हैरान हैं ये देखकर कि ना पैसे की कमी है ना किसी बात की और फिर भी इन दोनों के बीच आपसी झगड़े लगातार बढ़ते चले जा रहे है.

बॉलीवुड पार्टी में क्यों नहीं जाती कंगना ? | Why doesn’t Kangana go to Bollywood parties?

रक्षाबंधन के दिन कोलकाता कांड पर सेलिना जेटली ने एक पोस्ट किया, अपने बचपन के उन दिनों को याद किया

 आज रक्षाबंधन के दिन कोलकाता कांड पर सेलिना जेटली ने एक पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने अपने बचपन के उन दिनों को याद किया है जब उनके साथ कुछ गलत घटनाएं हुई थी जब उन्हें लड़के परेशान किया करते थे और जब वो इसकी शिकायत अपने टीचर से करती तो टीचर भी उन लड़कों की तरफदारी करते और ये कहते कि एक लड़की होने के नाते आप यानी सेलिना ही कसूरवार है, ये पोस्ट अंग्रेजी में है, मैं आपको इसका हिंदी अनुवाद बता रहा हूँ, इस में सलीना कहती है कि क्या पीड़ित ही हमेशा दोषी होता है?

कास्टिंग काउच की चैट हुई लीक | Casting couch chat leaked

फिर वो एक तस्वीर दिखाती है और ये कहती है कि इस तस्वीर में मैं केवल छठी कक्षा में थी जब पास ही की यूनिवर्सिटी के लड़के मेरे स्कूल के बाहर मेरा इंतजार करने लगे, वो हर रोज मेरे स्कूल, रिक्शा का पीछा करते और घर तक मेरा पीछा करते हुए मुझे चिढ़ाते हुए आते। मैंने उन्हें यही दिखाया कि मैं उन्हें नहीं देख रही हूँ, कुछ दिनों बाद इसी वजह से उन्होंने मेरा ध्यान अपनी तरफ खींचने के लिए सड़क के बीच में खड़े होकर मुझ पर पत्थर फेंकने भी शुरू कर दिए।

वहाँ में खड़े किसी भी व्यक्ति ने इस पर ध्यान नहीं दिया। बाद में मुझे एक टीचर ने बताया कि ये भी मेरी ही गलती थी क्योंकि मैं बहुत वेस्टन थी, ढीले कपड़े नहीं पहनती थी और अपने बालों को तेल लगाकर दो चोटियों में नहीं बांधती थी। सरिना कहती है, मैं मेरे स्कूली दिनों की बात है, जब एक आदमी ने पहली बार जब मैं स्कूल रिक्शा का इंतजार कर रही थी, उस समय सड़क पर मुझे अपना प्राइवेट पार्ट दिखाया।

कई सालों तक मैंने इस घटना के लिए खुद को ही दोषी माना और अपने मन में उस टीचर की कही हुई बात को फिर से दोहराया कि ये मेरी ही गलती है क्योंकि मैं westernized हूँ सलीना कहती है मुझे अभी भी याद है कि ग्यारहवीं क्लास में उन्होंने मेरी स्कूटी के ब्रेक का तार काट दिया था क्योंकि मैं यूनिवर्सिटी के उन लड़कों को एक्सेप्ट नहीं कर रही थी जो मुझे परेशान करते थे और मुझे भद्दे और गंदे नामों से बुलाते थे। वो मेरी स्कूटी पर अक्सर अश्लील नोट भी छोड़कर जाते थे।

मेरे जो मेल सहपाठी थे, वो मेरे लिए डर गए, उन्होंने हमारे टीचर्स को मेरे क्लास टीचर ने फिर मुझे बुलाया और मुझसे कहा कि तुम एक फॉरवर्ड टाइप की लड़की लगती हो। स्कूटी चलाती हो, जींस पहनती हो, एक्स्ट्रा क्लास में जाती हो, छोटे और खुले बाल रखती हो, इसीलिए लड़के तुम, तुम्हें परेशान करते हैं और वो मानते हैं कि तुम एक बिगड़ैल चरित्र की हो। तो उन्होंने यही बताया कि ये भी मेरी ही गलती है। मुझे अभी भी याद है जब ब्रेक के तार कट जाने की वजह से मैं खुद को बचाने के लिए अपनी स्कूटी से कूद गई। मुझे बहुत बुरी तरह चोट लगी, फिर भी मेरी ही गलती बताई गई। मेरी स्कूटी बुरी तरह खराब हो गई।

और मेरे जो retired कर्नल नाना जी थे जिन्होंने हमारे देश के लिए दो युद्ध लड़े थे उन्हें भी बुढ़ापे में अपनी ड्यूटी लगानी पड़ी कि वो मुझे स्कूल तक छोड़कर आते थे। मुझे आज भी वो असभ्य लड़के याद है जिन्होंने मेरा पीछा किया और मेरी स्कूटी को खूब नुकसान पहुंचाया। उन्होंने मेरे retired कर्नल नाना जी पर भी कई सारी अपमानजनक टिप्पणियां की और उनका मजाक उड़ाया।

क्या बॉलीवुड में माफिया राज चलता है? | Does mafia rule prevail in Bollywood?

मेरे नाना जी अक्सर खड़े होकर उन्हें घूरते रहते। और बाद में मुझे भी समझ में आने लगा कि मेरे साथ कितना गलत हो रहा है। फिर कहती हैं सलीना कि मेरे मन में उन लोगों के लिए काफी घृणा थी। कि मेरे नाना जी जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाई इस देश के लिए लड़े। ये उनका भी सम्मान नहीं करते हैं, मेरा भी सम्मान नहीं करते हैं। और सलीना कहती हैं कि अब मुझे समझ में आ गया है कि रक्षा के लिए मांग करने का समय आ चुका है, हम दोषी नहीं है।

दोस्तों ये पोस्ट काफी वायरल हो रहा है और अकेली सलीना की नहीं बल्कि कई लड़कियों की ये कहानी है, जो घरों से जब बाहर है तो उन पर कुछ गंदी नजरें पड़ती है और वो चाहकर भी उन गंदी नजरों से खुद को बचा नहीं पाती और अक्सर वो भगवान भरोसे होती है क्योंकि हमारे आसपास ऐसे कोई लोग नहीं है जो उन्हें बचाने आए और खासकर कोलकाता में जो हुआ या हमारे देश में जो रोजाना होता है कहा जाता है कि हमारे देश में हर घंटे हर घंटे चार रेप के केस दर्ज होते हैं, दिन में करीब नब्बे के आसपास आप सोच सकते हैं कि किस तरीके का समय है और कैसे माहौल में हम जी रहे हैं?

में इस पोस्ट को काफी शेयर किया जा रहा है, हर कोई इसके बारे में बात कर रहा है. मैं चाहता हूँ कि इस article को आप शेयर करें. और अपने क्षेत्र की समस्या भी बताएं. आपके आसपास क्या होता है, किस तरह के लोग परेशान करते हैं, हमें इसके बारे में आवाज भी उठानी होगी, बात भी करनी होगी, लोगों को रिमाइंड भी कराना होगा, क्योंकि अगर हम चुप बैठ जाते हैं तो फिर हमारे घर की बेटियों का और बहनों का भविष्य कभी सुरक्षित नहीं हो पाएगा.

बॉलीवुड पार्टी में क्यों नहीं जाती कंगना ? | Why doesn’t Kangana go to Bollywood parties?

बॉलीवुड पार्टी में क्यों नहीं जाती कंगना ? | Why doesn’t Kangana go to Bollywood parties?

कंगना रनौत हाल ही में राज शेमानी के podcast में शामिल हुई और इस दौरान उनसे पूछा गया कि क्या आपके बॉलीवुड में कुछ दोस्त हैं तो उसके जवाब में कंगना ने कहा कि देखिए मैं बॉलीवुड टाइप की नहीं हूँ मैं बॉलीवुड के लोगों से दोस्ती नहीं कर सकती बॉलीवुड के लोग खुद का ही सोचते हैं वो बेवकूफ होते हैं वो dumb होते हैं वो protein shake वाले हैं जब राज ने उनसे कहा कि हर कोई ऐसा नहीं हो सकता तो जवाब में कंगना ने कहा कि मैंने बहुत बॉलीवुड देखा है तो मुझे मत बताओ अगर वो शूट नहीं कर रहे होते तो वो सुबह उठते हैं थोड़ी physical training हैं, दोपहर को सोते हैं, फिर gym जाते हैं और फिर रात को खाना खा के फिर सो जाते हैं और वो they are like grass hoppers. वो पूरे blank हैं और तो और आप मतलब आप उनसे दोस्ती कैसे कर सकते हैं?

क्या बॉलीवुड में माफिया राज चलता है? | Does mafia rule prevail in Bollywood?

उन्हें कोई idea ही नहीं होता कि कहाँ क्या चल रहा है, उनकी कोई बात ही नहीं होती, उन्हें आसपास का कुछ भी पता नहीं होता, नकली दिखावा करते हैं, party में जाओ तो एक दूसरे के back की तारीफ करते हैं, बहुत fake accent में बात करते हैं, बेवजह की तारीफ करते हैं, Kangana कहती हैं कि मैं बहुत shock हो जाऊँगी अगर मुझे Bollywood में कोई decent इंसान मिले जो सिर्फ branded bags और luxury cars के बारे में बात ना कर रहा हो, आगे कंगना ने बताया कि Bollywood parties भी बहुत ज्यादा boring होती है मैं बहुत पक जाती हूँ लोग parties में मिलकर सिर्फ weight पर बात करते है body weight कितना हो गया या फिर कौन किसी date कर रहा है कौन किसको divorce दे रहा है

Kangana ने कहा कि Bollywood parties मेरे लिए trauma की तरह है अगर आपको लगता है कि Bollywood parties में intellectuals या कोई मुद्दे की बात होगी तो आप गलत है वहाँ पर सब मूर्ख लोग ही आते है इसके अलावा Kangana ने इस पूरी podcast में ये भी बताया वो जो एक कहानी थी कि कंगना को स्पॉट किया गया था किसी कैफे में और वहाँ से उन्हें उनकी पहली फिल्म मिली वो भी पीआर ड्रिवेन स्टोरी थी ऐसा कुछ नहीं था वो एक्चुअली एक वर्कशॉप के लिए गई थी थिएटर वर्कशॉप के लिए और वहां पर जो अरविन्द गौर जो उनको ट्रेंड कर रहे थे उन्होंने ही उन्हें आइडिया दिया था कि उन्हें बॉम्बे जाना चाहिए तो ये तमाम बातें उन्होंने उसमें की है साथ ही अह राजशेमानी का एक सवाल है मेनिफेस्ट करने के बारे में आजकल काफी चल रहा है ना आपको जो चाहिए लाइफ में आप मेनिफेस्ट कीजिए तो इस पर कंगना साफ कहती है कि मेनिफेस्ट करने कुछ नहीं होता।

मैं तो बिल्कुल manifest नहीं करती आपको plan करना चाहिए। मैंने कुछ भी manifest नहीं किया था। मैंने proper planning की थी और इसीलिए मैं आज वहाँ हूँ जहाँ मैं हूँ साथ ही वो इस spodcast में ये भी कहती नजर आई कि शाहरुख खान की journey कोई खास struggle वाली नहीं रही है वो तो english speaking family से आते थे और वो convent educated है। मैं तो एक छोटे से गाँव से आई हूँ हिंदी medium स्कूल से पढ़ी हूँ और वहाँ से मैंने सफर तय किया है। शाहरुख़ की मम्मा तो magistrate थी Delhi में थी और वो Bombay आए उनके लिए सफर उतना मुश्किल नहीं था जितना की मेरे लिए था

और इसके अलावा Kangana ने अपने बचपन के बहुत सारे किस्से share किए और ये बताया कि वो कैसे joint family में पली बढ़ी है और शुरू से ही वो काफी ah शरारत किया करती थी उन्होंने अपने Chandigarh के दिनों को भी याद किया और बताया है कि कैसे वो बहाना बनाकर Chandigarh आयी पढ़ाई के बहाने फिर उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और वो modeling वगैरह करने लगी और उनका ये कहना है कि उनकी जो journey रही है वो काफी ज्यादा tough रही है अगर आप उसे शाहरुख खान की journey से compare करते हैं तो वो कहते हैं शाहरुख की journey काफी आसान थी आपको क्या लगता है कंगना राणावत के बारे में क्या सोचते हैं आप और कंगना जिन्होंने बहुत सारे national award जीते एक बहुत अच्छी actress के तौर पर जानी जाती थी लेकिन अब एक politician बन गई हैं और समझ में नहीं आ रहा है कि उनका आगे का acting career कैसा होगा?

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अंबानी परिवार की छोटी बहू लंदन पहुंची | Ambani family’s younger daughter-in-law reached London

मुकेश अम्बानी और नीता अम्बानी के छोटे बेटे यानि कि आनंद अम्बानी राधिका अमरशान के साथ शादी के बंधन में बंधे, जिसके बाद antilia में राधिका का भव्य स्वागत हुआ शादी के बाद जोड़े के लिए अम्बानी परिवार ने शुभ आशीर्वाद दिया और भव्य रिसेप्शन भी आयोजित किया और हर कार्यक्रम में देश से लेकर विदेश तक की नामी डेट का जांबाड़ा देखने को मिला भारत में मासिक चाल शादी के जश्न के बाद अब मुकेश अंबानी आनंद और राधिका के लिए लंदन में ग्रैंड सेलिब्रेशन में बाकी नरम अंबानी परिवार ही लंदन में दिखाया जा रहा है

पिछले दिनों लंदन से मुकेश अंबानी और उनकी बेटी ईशा अंबानी की कुछ तस्वीरें सामने आईं और अब अंबानी परिवार की छोटी बहू भी यहां पहुंची हैं हाल ही में आनंद और वादिका का एक वीडियो सामने आया जिसके बाद काफी सुरखियां बटोर रही हैं हमारी राधिका जी हाँ जिसमें दोनों एक गाड़ी से उतरकर होटल की ओर गईं, उन्हें देखा जा सकता है वीडियो में जहां आनंद फ्लोरा प्रिंस मल्टी कलर शर्ट और फैन में दिखाई दे रहे हैं.

अभिरा पर लगने वाला है रूही और रोहित को अलग करने का इल्जाम

वही वो काफी स्मार्ट लग रहे हैं तो वही है राधिका की मॉडल बुक फिर भी क्लिप में छपी जी हां राधिका इस ड्रेस में काफी खूबसूरत खूबसूरत लग रही है लग रही है सबसे ज्यादा लोगों की ड्रेस में राधिका के मंगलसूत्र पे जाके टिक दी जी हां वीडियो में राधिका बेहद खूबसूरत ऑरेंज कलर की ड्रेस में दिख रही हैं जिसमें पीछे से ट्राएंगल टच है और वो साथ में एक सफेद पर्स कैरी किया हुआ है और सिंपल सी कविता बनाई है

वीडियो में नए नवले कपल को होटल की ओर उतरते हुए देखा जा सकता है और राधिका इस लुक में काफी क्यूट लग रही हैं लेकिन जिस चीज पर वो हैं उनके मंगल सूत्र जी हां राधिका ने अपनी और आनंद के नाम के पहले अक्षर वाले मंगलसूत्र को पहना था, जिस पर ए और आर ने शादी के बाद शादी के बाद पूरे परिवार के साथ राधिका मां की लंदन चली गई थी, जहां दोनों का सेलिब्रेशन हो रहा था, दोस्त की शादी अब तक इस तरह का कोई भी ऑफिशियल अनाउंसमेंट नहीं किया गया लेकिन अब लव एन्जॉय कर रहे हैं और पेरिस में ओरल ओलिंपिक में दो दशक जरूर देखें वो भी अपनी नई नवेली दुल्हनों के साथ राधिका के साथ हाल ही में कपल पेरिस में दोनों के सिंपल फैन्स भी इन पर दिल आ गया.

जब ब्रेकअप के दर्द में डूबे थे आमिर खान | When Aamir Khan was drowned in the pain of breakup

सबको मेरे ज्यादा काम करने से प्रॉब्लम है ! अक्षय कुमार | Everyone has a problem with me working too much! Akshay Kumar

अक्षय कुमार इतना सारा काम क्यों करते हैं? क्या अक्षय कुमार ज्यादा काम करते हैं, ज्यादा फिल्में करते हैं? इसीलिए उनकी फिल्में फ्लॉप हो जाती हैं? क्या अक्षय कुमार अपनी फिल्म के कैरेक्टर में पूरी तरह से समां नहीं पाते? ये तमाम बातें हैं जो अक्षय कुमार के बारे में कही जाती रही हैं? हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने इन सारे सवालों का जवाब दिया है, अक्षय कुमार गलाता को दिए गए, इस इंटरव्यू में कहते हैं कि मैं तो पहली बार हूँ कि किसी शख्स को ये प्रॉब्लम हो जाए कि आप ज्यादा काम क्यों करते हैं, ज्यादा काम करना तो अच्छी बात है।

बैन होगी मिर्ज़ापुर सीजन 3 | Mirzapur season 3 will be banned

लोगों मेरे ज्यादा काम करने से क्यों प्रॉब्लम होती है। अब इसकी सफाई ये है अक्षय कुमार साहब कि लोगों को आपके ज्यादा काम करने से बिल्कुल प्रॉब्लम नहीं है, आप चार नहीं चालीस फिल्में कीजिए लेकिन लोगों की समस्या वहां पर शुरू होती है जब आप एक फिल्म करते हैं। और क्योंकि आप बहुत सारी फिल्में कर रहे होते हैं, उन्हें जल्दी-जल्दी खत्म कर रहे होते हैं तो आप किसी भी फिल्म के एक कैरेक्टर में पूरी तरह से समा नहीं पाते हैं, उसके साथ justice नहीं कर पाते हैं, इंसाफ पाते हैं और इसीलिए लोगों की आपसे शिकायत होती है कि आप इतनी फिल्में क्यों करते हैं? असल में लोगों की प्रॉब्लम ये नहीं है कि आप ज्यादा फिल्में कर रहे हैं लोगों की प्रॉब्लम ये है कि आप जो इतनी ज्यादा फिल्में कर रहे हैं शायद इसी वजह से आप किसी भी फिल्म के कैरेक्टर में समा नहीं पाते हैं उदाहरण के लिए लोगों ने पृथ्वीराज देखी और लोगों ने कहा कि पृथ्वीराज में तो आप अक्षय कुमार ही लगते रहे आप पृथ्वीराज लग ही नहीं पाए शायद उसका कारण ये रहा होगा कि आपने बहुत जल्दबाजी में उस फिल्म को खत्म किया साल में दिन तो तीन सौ पैंसठ है आप उसमें एक फिल्म पे लगा या चार पे लगा दीजिए या चालीस पर लगा दीजिए। तो ये कारण है।

असल में लोगों को आपकी ज्यादा फिल्में आने से कोई प्रॉब्लम नहीं है। सवाल ये है कि वो फिल्में फ्लॉप ना हो। क्योंकि जब फिल्में फ्लॉप होती है तो प्रोड्यूसर का पैसा भी डूबता है। लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरता है। उन फ्लॉप फिल्मों को भी देखने कुछ लोग तो जाते ही हैं, अपनी मेहनत की कमाई खर्च करते ही हैं, अपना समय खर्च करते ही हैं। आपकी बेल बॉटम फ्लॉप हुई, लक्ष्मी बॉम्ब फ्लॉप हुई, मिशन रानीगंज फ्लॉप हुई बड़े छोटे मियाँ तो इतनी बड़ी फिल्म थी वो फ्लॉप हो गई। तो लोग जब ये कहते हैं सेल्फी आपकी फ्लॉप हुई थी, वो भी remake थी तो लोगों का कहने का मतलब ये होता है कि selected काम कीजिए, आप इतने सा लो से काम कर रहे हैं।

आप इतने समय से लोगों को जानते हैं, इस मीडियम को समझते हैं तो जब सब कुछ आपको पता है तो फिर ये गलती क्यों होती है? दूसरा अक्षय कुमार ने इस इंटरव्यू में बात की है, reviewers के बारे में जो आलोचक होते हैं, critics होते हैं, उनके बारे में। उनका ये कहना है कि कोई अगर अच्छा critic है और अच्छी से रिव्यु करता है और सच में कोई कमी बताता है तो मैं उसे स्वीकार भी करता हूँ लेकिन आजकल ये भीड़ बढ़ गई है। तो हम किस-किस को सुने? बात आपकी सही है। मुझे लगता है अक्षय कुमार साहब आपको सिर्फ जनता की सुननी चाहिए। किसी क्रिटिक को मत सुनिए। किसी आलोचक को मत सुनिए। जनता अगर देखना चाहेगी।

तो वो फिल्म आपकी जरूर देखेगी। हाल ही में बारहवीं फेल भी आई थी, बहुत छोटे बजट की फिल्म थी, विक्रांत मेसी उसमें थे, छह महीने तक वो थिएटर में चलती रही। अब आप याद करके बताइए कि आपकी ऐसी कौन सी पिछली फिल्म थी जो कई हफ्ते या कई महीने तक थिएटर में चली है। जबकि आप तो इतनी सारी फिल्में करते हैं। जानते हैं इसका जवाब क्या होगा? इसका जवाब ये होगा कि जब आप कम काम करते हैं तो आप फोकस रहने लगते हैं। फिर आप क्वालिटी देने लगते हैं। आजकल आप क्वांटिटी दे रहे हैं। फिल्में बहुत आती हैं, बहुत फ्लॉप होती हैं।

सबको मेरे ज्यादा काम करने से प्रॉब्लम है ! अक्षय कुमार | Everyone has a problem with me working too much! Akshay Kumar

पैसा शायद आप कमा रहे होंगे, लेकिन लोगों का विश्वास नहीं कमा पा रहे हैं, तो ध्यान उस पर अगर देंगे तो बेहतर होगा क्योंकि वैसे भी आप इतने सा लो से काम कर रहे हैं, इतने समय से काम कर रहे हैं, आपको पता होना चाहिए कि किसी भी फिल्म में अगर ज्यादा आप ध्यान लगाएंगे ज्यादा focus करेंगे तो वहां character अच्छा निकलकर आता है। फिर लोगों को आपसे ये शिकायत नहीं होगी कि अरे अक्षय कुमार की फिल्म देखी पर मजा नहीं आया तो अगर आप लोगों से ये उम्मीद करते हैं कि लोग आपके नाम पर अपनी महीने भर की जो मेहनत की कमाई है उसका कुछ हिस्सा आपके तीन घंटे की फिल्म पर खर्च करें तो उसके लिए आप भी थोड़ा committed हो जाइए और आप भी इस बात का भरोसा दिलाइए कि हाँ अब मैं selected फिल्म करूंगा पूरा ध्यान दूंगा और मेरी ये कोशिश रहेगी कि अगर मेरे नाम पर कोई भी पैसा लगा रहा है, चाहे वो प्रोड्यूसर हो, दर्शक हो, या और कोई हो तो मैं उसे अपना पूरा बल लगाकर और अपनी इच्छा से और अपनी पूरी ताकत से उस रोल को निभाऊंगा।

देखिए आपने वो गुटखे वाला ऐड भी किया था। जाहिर है गुटके वाला ऐड किया था आपने पैसे के लिए किया था आपने पैसा लिया ऐड किया आप जानते थे कि आपकी फिटनेस फ्रीक वाली इमेज है और लोग इसकी वजह से भड़केंगे। लोग भड़के फिर आपने हाथ जोड़कर माफी मांगी और ऐड वापस ले लिया लेकिन कुछ समय तो वो ऐड चला कुछ पैसा तो आपके पास आया आप बहुत कुछ जानते थे आप बुद्धिमान हैं अंदर व्यापार की भी समझ है। इसीलिए आपने ये फैसला लिया। यहाँ क्या हुआ? आपने वो ऐड भी कर लिया, उस ऐड के पैसे भी ले लिए, जनता के सामने माफ़ी भी मांग ली और उस ऐड को हटाकर ये बता भी दिया कि आप जनता की बहुत ज्यादा कद्र करते हैं, अक्षय कुमार साहब हम सब इतनी अक्ल रखते हैं, हम सबको इतनी समझ है।

डूबते बॉलीवुड को अम्बानी का शाहरा | Ambani’s Shahar to the sinking Bollywood

और अगर कोई रिव्युर कोई आलोचक या चलिए सबको हटा दीजिए, कोई अगर आपका आम दर्शक भी आपकी फिल्म देखकर ये कहता है ना कि भाई मजा नहीं आया तो आपको seriously लेना चाहिए। क्योंकि ये जो आम हैं आप इन्हीं के लिए फिल्में कर रहे हैं और जो प्रोड्यूसर आप पर पैसा लगाते हैं वो इन्हीं आम दर्शकों की वजह से पैसा लगाते हैं कोई भी प्रोड्यूसर आपके ऊपर इसलिए पैसा नहीं लगाता कि आपकी फिल्म को क्रिटिक्स पसंद करेंगे आपकी फिल्म को आम दर्शक पसंद करेंगे इसलिए आप पर पैसा लगाया जाता है लेकिन अफसोस की बात है कि लगातार आपकी बहुत सारी फिल्में फ्लॉप हुई है ज्यादा काम करना ही काफी नहीं होता है सही काम करना भी उतना ही जरूरी होता है अगर आप बहुत ज्यादा काम कर रहे हैं और सही से नहीं कर पा रहे हैं तो जनता तो आपसे पूछेगी कि आपने ये क्या किया ये फ्लॉप फिल्म आपने क्यों दी और आप इस इंडस्ट्री में कोई नए नहीं है आप पिछले तीन दशकों से फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव है लगभग तीस साल से ऊपर का समय हो चूका है आपको फिल्मों में काम करते हुए और अगर आप अभी भी इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं कि आपको कैसी फिल्में करनी चाहिए कौन सा रोल करना चाहिए कैसे आपको उस रोल में समा जाना चाहिए तो फिर कहीं कुछ या तो गड़बड़ है या आप जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं।

क्योंकि आपको मालूम है बहुत सारे लोग फिल्में बनाने की इच्छा रखते हैं आपको लेकर इसलिए आप धड़ाधड़ एक के बाद एक फिल्में साइन करते चले जाते हैं। आपको आपका मेहनताना मिलता चला जाता है। लेकिन दर्शकों को वो नहीं मिलता जिसका वो इंतजार करते हैं। आप ये भी जानते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में काम करने का मौका मिलना आजकल आसान नहीं है। बहुत सारे टैलेंटेड एक्टर्स हैं। शायद उनमें से कुछ आपसे भी ज्यादा टैलेंटेड होंगे। लेकिन उनको वो मौका नहीं मिल रहा है क्योंकि industry एक close circuit है।

यहाँ हर किसी को एंट्री नहीं है। आप भाग्यशाली हैं कि आपको मौका मिला है और अगर आप भाग्यशाली बुद्धिमान हैं, व्यापार को समझते हैं, कलाकार हैं तो फिर क्यों ना आप अच्छा काम करें जिससे लोग सराहें क्रिटिक्स को छोड़ दीजिए, जाने दीजिए, क्रिटिक्स की वजह से तो वैसे भी फिल्में ना चलती हैं ना फ्लॉप होती फिल्में चलती हैं आम दर्शकों की वजह से विनोद चोपड़ा ने जब बारहवीं फिल्म बनाई तो उन्हीं की पत्नी जो कि बहुत अच्छी बड़ी क्रिटिक हैं अनुपमा चोपड़ा उन्होंने कह दिया था ये फिल्म नहीं चलेगी लेकिन उनके कहने से क्या हुआ वो फिल्म चली क्यों?

क्योंकि दर्शकों को पसंद आई तो बात यहाँ दर्शकों की हो रही है अगर दर्शक आपको पसंद करेंगे आपका सिनेमा चलेगा आपकी फिल्म जाएगी अभी जो सरफिरा आई है आपकी आज रिलीज हुई है देखते हैं दर्शक इसे कितना पसंद करते हैं क्रिटिक्स को पढ़ना छोड़ दीजिए मत देखिए रिव्युज लेकिन जब आप अपने स्तर से कोई गलती कर रहे हैं तो उसको तो स्वीकारिए क्या आप इस बात को मानते हैं कि ज्यादा फिल्में करने की वजह से आप पूरी तरह से फोकस नहीं रह पाते किसी एक फिल्म पर किसी एक कैरेक्टर पर और इस वजह से गलतियां होती हैं फिर आप उन एक्टर्स के बारे में क्या कहेंगे जो सालों महीनों लगाकर एक ही फिल्म पर काम करते हैं

क्योंकि अगर आप साल में चार फिल्में ला रहे होते और चारों की चारों आपकी हिट हो रही होती तब इस बात को समझा जाता कि हाँ आप सारी फिल्मों पर बराबर फोकस दे रहे हैं लेकिन फिल्में आपकी आ रही हैं लेकिन लगातार पिट भी रही हैं तो आपसे ये सवाल क्यों ना पूछा जाए कि आप इतना काम करते तो हैं पर वो किसी तरह से सार्थक नहीं होता, फेल क्यों हो जाता है? काम ज्यादा करना ही जरूरी नहीं होता है? काम को सही जगह तक पहुँचाना भी जरूरी होता है.

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डूबते बॉलीवुड को अम्बानी का शाहरा | Ambani’s Shahar to the sinking Bollywood

आखिर क्यों पूरा का पूरा Bollywood अपनी दुकान का shutter गिराकर सेठ जी की शादी में busy है आखिर ऐसी क्या वजह है जो बड़े बड़े फ़िल्मी सितारें जो अपने बेटा बेटी की शादी में किसी को खाना परोसते नहीं दिखाई देते वो सेठ जी की शादी में खाना परोस रहे है आखिर ऐसी क्या वजह है जो ये सारे फिल्मी सितारे इस बात का ऐलान कर चुके है कि सेठ जी की शादी में हमसे जो कहा जाएगा हम करेंगे हम वो काम भी करेंगे जो करते हुए हमें कभी किसी ने पहले कहीं देखा नहीं।

सब जानते हैं कि शाहरुख खान ने मन्नत बनाने के लिए खुद बहुत सी शादियों में जाकर dance किया, वो उनका पेशा था, उसका उन्होंने पैसा लिया लेकिन क्या कभी आपने शाहरुख खान का ऐसा कोई footage कोई वीडियो देखा है जिसमें वो शादी में dance कर रहे हो, इतने साल हो गए, आज तक ऐसा कोई वीडियो सामने नहीं आया, हाँ, कहा ये गया खुद शाहरुख खान ने इस बात को माना कि हाँ मैं पैसे के लिए शादियों में जाता हूँ और मेरे इस तरह की बातें कही जाती है लेकिन आपने कभी वो video देखा नहीं होगा। लेकिन अब आप बात करें अंबानी जी की wedding में कितनी अलग-अलग तरह के videos सामने आए।

हमने देखा आमिर खान को खाना परोसते हुए वो बेटी वाले बने हुए थे, लड़की वाले बने हुए थे, अमिताभ बच्चन बने हुए थे, लड़की वाले वो खाना परोस रहे थे और कहा ये गया कि ये तो रस्म थी अभिषेक बच्चन की तरफ से भी बयान आया था जब तमाम तरह की बातें लिखी गई तो ये कहा गया ये तो रस्म है, बेटी की शादी है, लड़की की शादी है, लड़की वाले खाना परोसते हैं, लेकिन आज से पहले क्या कभी बच्चन साहब किसी लड़की की शादी में नहीं गए? क्या आमिर खान किसी लड़की की शादी में नहीं गए? हमने तो कहीं पर भी ऐसा नजारा नहीं देखा?

तीनों खान 2024 में साथ में आएंगे

ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसा क्या है? जो पूरा का पूरा बॉलीवुड अंबानी जी के घर में शादी हो तो कभी वो क्रूज पर दिखाई देता है, कभी बस में बैठकर जामनगर में जाकर perform करते दिखाई देता है, कभी एंटीलिया में दिखाई देता है, और एक खास बात ये भी है, कि कुछ सितारें हैं जो इन महफ़िलों में दिखाई नहीं देते वो क्यों नहीं देते वो भी मैं आपको बताऊँगा लेकिन पहले आप जरा गौर करके देखिए कि इस समय जो बॉलीवुड की हालत खराब है क्या बॉलीवुड को इस खराब हालत से बाहर निकालने में सिर्फ एक ही शख्स मदद कर सकता है और वो अंबानी साहब है क्योंकि उनके पास एक तरह से पूरे बॉलीवुड की अब तो कमांड आ गई है उनके पास जियो सिनेमा है जियो स्टूडियो है तमाम चैनल है नेटवर्क एट्टीन ग्रुप के और बहुत कुछ है एक तरह से देखें तो अब तो बिग बॉस भी अंबानी जी है यानी बॉलीवुड के भी बिग बॉस बने बैठे हैं अंबानी जी क्या यही वजह है जो सारे के सारे बॉलीवुड वाले उनकी महफ़िल में जरूर जाते हैं और ऐसे-ऐसे काम करते हैं जो आमतौर पर वो किसी शादी में करते दिखाई नहीं देते।

जैसा मैंने जिक्र किया कि कभी आपने शाहरुख खान का कोई ऐसा वीडियो नहीं देखा होगा कि वो शादी में जाकर डांस कर रहे हैं जबकि उन्होंने बहुत सी शादियों में perform किया है। ऐसे कई सारे stars हैं जो पैसा लेकर शादियों में perform करते रहे हैं लेकिन उन्होंने ये भी सुनिश्चित किया कि उनके ऐसे वीडियो और ऐसे footages बाहर ना आए। लेकिन क्या है जो अंबानी जी की शादी में जाकर तीनों खान भी टॉवल डांस करते हैं मंच के ऊपर खड़े होकर और वो सारा फुटेज दिन भर इंस्टाग्राम पे चलता है और पूरी दुनिया देखती है और किसी को कोई ऐतराज नहीं क्या बॉलीवुड ने ये मान लिया है कि वो नतमस्तक है अंबानी जी के आगे क्या बॉलीवुड ने मान लिया है कि उनकी दुकान बंद हो चुकी है और अब इस बंद हो चुकी दुकान को अगर कोई दोबारा खोल सकता है तो वो ताकत सिर्फ अंबानी साहब में है?

क्योंकि ये सारी बातें इस बात को बताती है फिर चाहे के एक बड़े ओटीटी platform की बात हो, इतने सारे टीवी channels की बात हो, एक बड़े स्टूडियो की बात हो। दोस्तों एक दौर था जब बॉलीवुड में कम बजट में फिल्में बन जाया करती थी लेकिन फिर दौर बदला बाहर के स्टूडियोज आए और इन बाहर के स्टूडियोज ने हमें जानते हैं क्या सिखाया। हमें वही सिखाया जो पहले हमने दुनिया को सिखाया था। पहले हमने दुनिया को सिखाया था कि शून्य कैसे कहते हैं, जीरो का आविष्कार हमने किया था, जीरो की खोज हमने की थी फिर बाहर से जो स्टूडियोज आए वो हमें बताते हैं कि एक के कितने सारे शून्य लगाने चाहिए तो सौ करोड़ और हजार करोड़ हो जाता है।

बॉलीवुड का गेम बढ़ता चला गया और फिर धीरे-धीरे जब ये गेम बढ़ा और कॉन्टेंट अच्छा नहीं आया ओटीटी से कॉम्पिटिशन आया और कोरोना में लोग घर बैठ गए तो बॉलीवुड को उसकी नानी याद आ गई। इसी बीच हमें पता चलता है कि अंबानी साहब के घर में शादियां और एक-एक करके पूरा का पूरा बॉलीवुड लाइन लगाकर शूटिंग कैंसिल करके शूटिंग बंद करके स्टूडियो पे ताला लगाकर पहुंच जाता है यहां नाचने, गाने, perform करने, बारातियों का स्वागत करने, गेट पर खड़े होकर खाना न जाने ऐसे कौन सा जैसे आप ये माने कि बॉलीवुड का बिग बॉस आ गया हो जिसको कोई मना ही नहीं कर पा रहा है दोस्तों अब मैं आपको वो नाम बताता हूँ जो इन महफ़िलों में हमें दिखाई नहीं देते अभी आपने देखा विराट कोहली विश्वकप जीत कर आए एक दिन के लिए इंडिया आए और वो तुरंत अगले दिन उड़ गए लंदन क्योंकि वहाँ अनुष्का शर्मा रहती है अपने दोनों बच्चों से मिलने मुड़ गए। क्या विराट कोहली इस महफ़िल की शान नहीं हो सकते थे?

क्या विराट कोहली के साथ अनुष्का इस महफ़िल की शान नहीं हो सकती थी? लेकिन शायद अनुष्का को अब बॉलीवुड से उतना लेना-देना नहीं है, उन्हें फर्क नहीं पड़ता फिल्में मिले ना मिले वो अपनी family लाइफ में busy हैं इस महफ़िल में हमें हर वो चेहरा नजर नहीं आता जिसके लिए अब बॉलीवुड का career important नहीं है जैसे कैटरीना कैफ शादी करके घर बसा चुकी है जैसे परिणीति चोपड़ा शादी करके घर बसा चुकी है प्रियंका चोपड़ा जो अब हिंदुस्तान में नहीं रहती है लेकिन इसके अलावा हर वो चेहरा जिसको बॉलीवुड में करियर बनाना है या जिसका करियर दांव पर लगा हुआ है या जिसको लग रहा है उसकी दुकान बंद होने वाली है हर वो चेहरा इन महफ़िलों में दिखाई देता है दोस्तों बात ये नहीं है कि ये लोग शादी में perform करने के लिए कितना पैसा लेते हैं। सेल्फी खिंचाने के लिए कितना पैसा लेते हैं। ये तमाम बातें जो आती हैं रेट कार्ड के तौर पर ये सारी बातें अम्बानी जी की शादी में होने वाले कार्यक्रमों से बिल्कुल अलग हैं क्योंकि यहाँ बॉलीवुड वाकई में एक परिवार की तरह जाता है क्योंकि इस परिवार से कुछ मिलने वाला है।

इस परिवार से फॅमिली बिजनेस में मौका मिलने वाला है क्योंकि अब अगर हम ये कहें कि बॉलीवुड का एक ही बॉस है और वो है साहब तो कोई गलत नहीं होगा अब आप खुद सोचिए ऐसी दूसरी कौन सी शादी आपने इस देश में देखी है जहाँ पूरा का पूरा बॉलीवुड खड़े होकर नतमस्तक हो जाता हो और एक-एक करके सब के सब ऐसे खड़े होते हैं कि जी हम हाज़िर हैं आप बताइए हुक्म तो कीजिए तो जाहिर है ये सब तभी होता है जब एक उम्मीद होती है कि हाँ अब हमें काम भी मिलेगा अब हमें फिल्में भी मिलेंगी।

मलाइका बनी सलमान अर्जुन के बीच का कांटा | Malaika became the thorn between Salman and Arjun

हो सकता है हमारी फिल्म को finance कर दिया जाए, हो सकता है हमारी फिल्म को ओटीटी के लिए खरीद दिया जाए, हो सकता है हमारा कोई शो जो है वो किसी ओटीटी पर लांच कर दिया जाए ऐसी तमाम चीजें हैं और सब जानते हैं कि इस समय बॉलीवुड को पैसे की सख्त जरूरत है। बॉलीवुड इस समय अपने खराब दौर से होकर गुजर रहा है और ऐसे में सिर्फ एक ही आस है। और वो है अंबानी साहब और जब उनके यहाँ शादी होती है अब आप सोचिए शादी अह के कितने फंक्शन पिछले छह महीने से चल रहे हैं और पूरा का पूरा बॉलीवुड पहुंच जाता है जबकि अह ये वो स्टार्स है कि अगर आप इन्हें मैसेज कर दें तो ये तुरंत रिप्लाई देते हैं कि कहीं आप ये ना समझ लें कि खाली बैठे हैं। इनके managers के reply भी दो दिन बाद आते हैं कि we were busy we were shooting. लेकिन ये पूरा का पूरा बॉलीवुड सारे के सारे लोग एक साथ एक ही जगह पर इनकी dates कभी clash नहीं होती।

इनकी शूटिंग कोई अह important नहीं होती उस दिन, सारी की सारी शूटिंग कैंसल हो जाती है, सारे स्टूडियो पे ताले लग जाते हैं, सब के सब वहां पहुंच जाते हैं और अंबानी जी की शादी का ही नजारा था, जब हमने stars को बसों में बैठकर जाते देखा, वो stars अपनी बड़ी-बड़ी luxuries कारों से आते हैं, करोड़ों रुपए की कारों से आते हैं वो हमें बस तक में बैठे दिखाई दिए यानी आखिर ऐसा क्या है जाहिर है पैसे से बढ़कर है, यहाँ बात बॉस के घर होने वाली शादी की है। बॉस पर मुझे याद आ रहा है कि दुबई में जो डॉन रहते हैं, जिनका बॉलीवुड पर एक जमाने में बहुत बड़ा कब्जा था, दबदबा था।

ऐसा तो उनकी महफिलों में भी हमने नहीं देखा, वहां भी इक्का-दुक्का लोग पहुंचते थे, दो-चार पहुंचते थे चेहरे लेकिन यहां तो पूरा का पूरा बॉलीवुड लाइन लगाकर खड़ा होता है। आप सोचिए समय बॉलीवुड को इस बात का एहसास हो चुका है कि अगर उन्हें कोई बचा सकता है तो वो यही शादी है जिसमें नाच-नाच कर वो अपना भविष्य बचा सकते हैं क्योंकि अगर उन्होंने इसके लिए ना कर दिया तो फिर हाँ किसको कहेंगे किससे कहेंगे क्योंकि फिल्में बनना लगभग बंद है फिल्में लगातार पिट रही हैं प्रोडक्शन हाउसेस के बारे में खबरें आ रही हैं कि उन्होंने पेमेंट नहीं दिया है अपने crew members का सोचिए जो दो-दो चार-चार लाख रुपए के पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं बॉलीवुड के प्रोडक्शन हाउस अब वो इन बड़े stars को कहाँ afford करेंगे और इनको भी पता है कि इनका अब सिर्फ यही एक destination हो सकता है, जहाँ जाकर ये अपने बॉलीवुड को, अपनी दुकान को, अपने भविष्य को बचा सकते हैं।

क्यों टूटा अर्जुन और मलाइका का साथ? | Why did Arjun and Malaika break up?

कल्कि फेक कलेक्शन, बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट | Kalki Fake Collection, Box Office Report

कुछ सालों पहले इंडियन सिनेमा में जब आदि पुरुष को announce किया गया हर किसी ने बोला था इस फिल्म का collection बीट करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा। लेकिन एक universal fact बताऊँ प्रभास का रिकॉर्ड अगर कोई तोड़ सकता है तो उसका नाम है प्रभास। हाँ जी प्रभास वर्सेस प्रभास की लड़ाई में फिर से प्रभास जीत गए। सिर्फ छह दिन माने डेढ़ सौ घंटे से भी कम है प्रभास ने उस फिल्म का lifetime collection क्रॉस कर दिया है जिसको एक time पे इंडिया की सबसे बड़ी फिल्म माना गया था। ये कांड करने वाली फिल्म का नाम आप जानते ही हो, कल की two eight, nine, eight, एडी इतना तो फिल्म को थिएटर में हुए टाइम नहीं हुआ जितने records इसने तोड़ डाले हैं।

हैरान रह जाओगे आप ये सुनकर कि सिर्फ छह दिनों के अंदर कल की दो हजार चौबीस में हिंदी की नंबर वन फिल्म बन चुकी है already पूरे साल का रिकॉर्ड सिर्फ छह दिनों में टाटा गुडबाइक खत्म। कल की पैन इंडिया मार्केट को अनलॉक कर चुकी है जिसका सॉलिड प्रूफ है तेलुगु के डाउन जाने के बाद भी तमिल और हिंदी नंबर्स में बैलेंस बने रहना। फिल्म का हिंदी बिजनेस ट्रेड एक्सपर्ट को बिजली के झटके की तरह लगा है जिन्होंने predict किया था आदि पुरुष का failure और सलाह के ब्लेम गेम के बाद फिल्म पिट जाएगी। लेकिन कमाल की बताऊँ साहू जो डायरेक्ट बाहुबली के बाद रिलीज हुई थी उसका लाइफ टाइम कलेक्शन हिंदी में कल्कि ने already क्रॉस कर दिया है।

मलाइका बनी सलमान अर्जुन के बीच का कांटा | Malaika became the thorn between Salman and Arjun

इस वक़्त जब आप ये वीडियो देख रहे हो कल्कि ने नॉट बेल्ट में सिर्फ हिंदी शोज के अंदर डेढ़ सौ करोड़ का नंबर achieve कर लिया है in net figures. और इस सेकंड week के खत्म होने के पहले-पहले प्रभास की फिल्म double century markets three two जैसी movies को solid challenge देने वाली है। वैसे कुछ लोग बोल रहे हैं तीन सौ करोड़ for कल्की in Hindi मुश्किल होगा लेकिन मेरे हिसाब से साढ़े तीन सौ चार सौ करोड़ का नंबर काफी easily cross हो सकता है because सिर्फ नंबर नहीं फिल्म को पब्लिक का सॉलिड रिस्पेक्ट भी मिल रहा है जिसका सीधा इंपैक्ट पड़ा है थिएटर ओनर और डिस्ट्रीब्यूटर्स के ऊपर.

ये लोग कल्कि को मैक्सिमम शोज देना चाहते हैं मल्टीप्लेक्स स्क्रीनस में तो ऑलमोस्ट हर घंटे फिल्म का नया शो एड किया जा रहा है. और इसी वजह से अजय देवगन जैसे बिग ब्रांड स्टार की फिल्म औरों में कहाँ दम था वो भी जबरदस्ती पोस्टपोन करना पड़ा कोई स्कीम देना ही नहीं चाहता है. कुछ लोग बोलेंगे नहीं लेकिन मन ही मन सोच रहे होंगे अजय देवगन थे तो चुपचाप हट गए लेकिन बादशाह एसआरके होते तो प्रभास को हटना पड़ता. Versus डंकी के clash के time क्या-क्या नहीं देखने को मिला? इतना गंदा फैन war plus screens को लेकर इतना dirty politics एसआरके वर्सेज प्रभास ये वर्ल्ड war जैसा है। तो गुरु shocked रह जाओगे आप ये सुनकर कि कल्की ने एसआरके की most popular फिल्म जवान का collection surprisingly बीट कर दिया है। कड़वा है लेकिन सच है।

मैदान मूवी रिव्यू हिंदी- फुटबॉल पर बनी एक बेहतरीन फिल्म | Maidan Movie Review Hindi-A great film made on football

छह दिनों के अंदर-अंदर जवान का बिजनेस जब इंडिया से net figures में तीन सौ पैंतालीस करोड़ बाहर आया था तो प्रभास की फिल्म तीस करोड़ आगे तीन सौ सत्तर प्लस पे खड़ी हुई है। चलो ये तो हो गई इंडिया की बात आपस में लड़ाई चलती रहती कल्कि के मेकर्स ने हमें रिलीज से पहले सपने दिखाए थे पैन वर्ल्ड सिनेमा के. तो बॉस जो वादा किया था वो निभा दिया है तो बॉस एंड टीम ने क्योंकि कल्कि टू एट, नाइन, एट, एडी सिर्फ इंडिया नहीं नॉर्थ अमेरिका में भी नंबर वन फिल्म बन चुकी है. बिगेस्ट ओपनिंग वीकेंड नंबर किसी भी इंडियन फिल्म के लिए ये रिकॉर्ड कल्कि के नाम लिखा जा चुका है. एंड फिल्म अब टोटल लाइफ टाइम कलेक्शन में नंबर छह पे बैठी है.

इस लिस्ट में बाहुबली टू, पठान, जवान, आरआरआर और एनिमल टॉप फाइव में आती है. लेकिन कल्कि को अभी सिर्फ दिन हुए हैं, पूरा महीना पड़ा है इस लिस्ट को बनने के लिए। इतना सब कुछ सुनने के बाद आप लोग सोच रहे होंगे, हर कोई कितना proud होगा, कल की जैसी फिल्म के लिए, इसको ही तो बोलते हैं, real इंडियन सिनेमा। ना कोई east, west, not, south सिर्फ content power और पूरा इंडिया इसको सच्चे दिल से सपोर्ट भी करेगा। फिल्म industry वाले लोग तो खुशी से पागल हो गए होंगे।

बस यहीं पे आता है, कहानी में twist. ये सारी बातें अचानक से धरी की धरी रह जाएंगी, अगर मैं आपसे ये बोल दूँ कि कल्कि का collection fake है, झूठा है। tension मत लो, मैं नहीं बोल रही हूँ, लेकिन काफी लोग बोल रहे हैं, वो भी with proof और सिर्फ अपने मन नहीं सोशल मीडिया पे उधम मचा रखा है दिन-रात. और जिस चीज की वजह से प्रभास के फैन्स और कल्कि के मेकर्स को टेंशन होना चाहिए वो ये कि उल्टा-सीधा बोलने वाले लोग डायरेक्ट फिल्म लाइन से जुड़े हुए हैं.

देखो जो ऑफिशियल नंबर्स इंटरनेट पे पढ़ने को मिलता है. उसके हिसाब से कल की two eight, nine, eight, eighty का business in India after सिक्स days है three seventy करोड़ प्लस in net figures. जबकि ग्रॉस में चार century और half century touch करके कल की चार सौ पचास करोड़ के नंबर से ठीक पहले खड़ी हुई है. Easy simple. चलो अब worldwide की गिनती समझा दूँ इंडिया से बाहर कल्कि ने double century मार के दो सौ करोड़ का नंबर cross कर लिया है आसानी से इस हिसाब से थोड़ा maths लगा के बताऊँ तो कल्कि two eight nine eight eighty का सिक्स days worldwide business पूरे सात सौ करोड़ से थोड़ा सा कम छह सौ अस्सी करोड़ के आसपास जाता है बस ये सुनते ही कुछ लोग भड़क गए हैं पाँच दस करोड़ नहीं पूरे अस्सी करोड़ का manipulation किया गया है collection में ऐसे इल्जाम लगाए जा रहे हैं

इन लोगों के हिसाब से Kalki अभी तक worldwide छह सौ करोड़ cross करना तो छोड़ो film उससे भी दस पंद्रह करोड़ पीछे ही बैठी हुई है इवन एक कदम आगे बढ़के ये भी बोल रहे हैं कि टिकट प्राइज नॉर्मल से काफी heavy रखे गए हैं इसीलिए प्रभास की फिल्म इतना बड़ा नंबर achieve कर लेगी वरना चार सौ करोड़ भी क्रॉस नहीं होता इन लाइफ टाइम अब नॉर्मल ऑडियंस इस वक्त सोच रही होगी कि एक ही फिल्म के दो अलग-अलग डेटा कैसे आ सकते हैं वो भी इतना बड़ा डिफरेंस बिजनेस में कैसे आ गया? क्लियरली समझाती हूँ आपको इस बात के पीछे दो बड़े-बड़े रीजन है एक मैथमेटिकल दूसरा इमोशनल बात ऐसी है जो वर्ल्ड व्हाइट कलेक्शन आता है उसमें इंटरनेशनल बिजनेस ट्रैक करने वाली कोई ऑफिशियल वेबसाइट होती नहीं है.

इसीलिए फिल्म की टीम अपने नंबर्स बताती है तो लोग अपनी चॉइस के हिसाब से उसको मान लेते हैं या फिर उसको बदनाम करने लगते हैं। आप सोचोगे किसी की क्या पर्सनल दुश्मनी हो सकती है किसी फिल्म के साथ इस पूरी दुश्मनी की जड़ क्या है आप जानते हो समोसा with चटनी। ये समोसा खाने की बहुत बुरी आदत लग चुकी है स्पेशली अपनी बॉलीवुड हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को इसीलिए रिलीज़ के टाइम टिकट के साथ समोसा अगर फ्री नहीं मिलता तो कुछ लोगों का स्वाद और दिमाग दोनों बिगड़ जाते हैं जिसका रिजल्ट वही होता है जो आजकल आप कल्की के against सोशल मीडिया पर देख रहे हो।

ये सेम टारगेट की गई थी सलाह के टाइम पे भी एक अच्छे खासे सिनेमेटिक experience को हिंदी ऑडियंस से छीन लिया उनको manipulate करके। आयरन ही यहाँ पे ये है कि समोसा लवर्स के हिसाब से आधी पुरुष एक मास्टर पीस experience था लेकिन कल की एक disaster है प्रभास की वजह से failure है। but अंदर ही अंदर दिक्कत इन लोगों को ये है कि बिना किसी पीआर बिना किसी प्रमोशन के कल की ऑडियंस तक पहुँच कैसे गई? इनका फ्री वाला समोसा तो चला गया ना बॉस कलेक्शन की वजह से कोई फिल्म हिट फ्लॉप हो सकती है लेकिन अच्छी या बुरी नहीं बनती। कल की एक once in a generation की फिल्म है.

कल की जैसी फिल्म चलेंगी तो आगे सौ इसके जैसी और फिल्म्स बनेंगी. आपको नहीं लगता कल की पार्ट टू ये छह सौ सात सौ करोड़ एक दो दिन में कमा के इन सब का मुँह बंद कर देगी. बात पैसे की है ही नहीं फिल्म्स को बनाना और फिल्म को जबरदस्ती बेचना ये डिफरेंस नॉर्मल ऑडियंस जिस दिन समझ जाएगी प्रभास की इज्जत आपकी आँखों में खुद बढ़ जाएगी. फिलहाल तो फेक कलेक्शन वालों को थैंक यू बोलना क्योंकि उनकी वजह से ही कल्की का हाइट टेन टाइम मल्टीप्लाई हो गया.

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ध्रुव राठी ने बॉलीवुड को फेंकनेस पर क्यों वीडियो बनाई | Why did Dhruv Rathee make a video on fackeness Bollywood?

ध्रुव राठी अगर बॉलीवुड की fakeness पर वीडियो बनाने लगे हैं और उस वीडियो को millions में views आने लगे हैं तो आप समझ लीजिए कि कुछ ना कुछ तो जरूर चल रहा है। आप खुद सोचिए कि ध्रुव राठी का जो recent वीडियो है बॉलीवुड की fakeness के बारे में उसमें उन्होंने कुछ भी नया नहीं बताया है। ऐसा कुछ भी नहीं है जो पहले कहा नहीं गया awards के खरीदे जाने से लेकर पेपराजी को पैसे देने तक और फिल्मों के गलत बॉक्स ऑफिस आंकड़ों से लेकर जितनी भी fakness बॉलीवुड में फैली हुई है उसके बारे में लोग खुलकर बातें करते रहे हैं।

मैंने खुद अपने चैनल पर आपको कई बार बताया है कि किस तरीके से आपके सामने पर्टिकुलर कंटेंट को परोसा जाता है, के जरिए किस तरह पेड पीआर काम करता है, किस तरह से पेड पॉडकास्ट काम करते हैं, कैसे अपनी फिल्म की रिलीज से पहले बहुत सारे सेलिब्रिटीज और फिल्म स्टार्स अपने बारे में बात करने लगते हैं, उनकी फोटोज लीक होने लगती हैं, कई बार तो फिल्म की शूट के दौरान लीक किए गए फोटोग्राफ्स भी ये पहले से ही प्लान्ड होते हैं लेकिन इस सब के बारे में ध्रुव राठी को बात करने की जरूरत क्यों पड़ गई?

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असल में हुआ कि ध्रुव राठी अभी तक education वाले videos बनाया करते थे लोग उनसे जुड़े हुए थे फिर political माहौल जब देश में शुरू हुआ इलेक्शन के आसपास तो उन्होंने इलेक्शन के around बहुत सारे political scenario पर videos बनाए और उसको लेकर कई तरह के उनके responses देखने को मिले कुछ लोगों ने उन videos को पसंद किया कुछ ने नापसंद किया और अब जब elections over हो चुके हैं और कुछ भी ऐसा देश में नया नहीं हो रहा है तो ध्रुव राठी को भी जरूरत है कि वो बॉलीवुड पर बात करें क्योंकि बॉलीवुड एक ऐसा topic है जो साल में बारह महीने चलता है

आप हैं कि बॉलीवुड को कैसे हमारे politicians भी इस्तेमाल करते हैं जब भी कोई देश में बड़ी घटना होती है तो बॉलीवुड से जुड़ा कोई बड़ा कांड सामने आ जाए न्यूज़ चैनल से उसे कवर करने लगे सोशल मीडिया पर उसके बारे में बात होने लगे तो लोग देश के उस बड़े कांड को भूलने सा लगते हैं और वैसे भी हर बार बॉलीवुड को इस्तेमाल किया जाता रहा है content creators द्वारा लोगों को attract करने के लिए साथ ही views बढ़ाने के लिए लेकिन जब ध्रुव राठी जैसा वीडियो बनाने वाला content creator जो कि education वीडियो बनाते थे वो अगर बॉलीवुड पर वही घिसी पिटी बातें आपको लगे हैं जो हर बार, हर रोज, हर जगह कही जाती है आप मेरे प्लेटफार्म पर तो देखते ही रहे हैं कि किस तरीके से बॉलीवुड की जितनी भी काली सच्चाई है उसको सामने लाता हूँ और आपके सामने कई बार ये बताता रहा हूँ कि कैसे अवार्ड्स खरीदे जाते हैं, खुद ऋषि कपूर ने अपनी बुक में लिखा था कि उन्होंने अवार्ड्स खरीदे थे शाहरुख खान कितनी बार कह चुके हैं आलिया भट्ट ने कितनी बार कहा है कि हाँ मैं तो अवार्ड्स मुझे पसंद है

मुझे attention मिलता है, importance मिलता है और जिस तरीके से की भीड़ देखते है और जिस तरीके का इंस्टा फीड आता है आप लोगों के लिए वो सब बताता है बॉलीवुड किस तरीके से पेड पीआर के थ्रू आप लोगों के दिल में घर बसाने की चाहत रखता है और अगर कभी भी वो उसमें नाकाम रहे तो कुछ ना कुछ चीजों का इस्तेमाल किया जाता है जैसे पेड पब्लिसिटी पेड पीआर और ऐसी कई सारी चीजें जो उन्हें आप तक मुफ्त में या कई बार पैसा देकर पहुंचाती है और कुछ लोग इसको एक पेशे के तौर पर भी इस्तेमाल करते रहे हम बात कर सकते है कि किस तरीके से पिछले कुछ सालों के दौरान बॉलीवुड ने हमारे इंस्टाग्राम ट्वीट पर कब्ज़ा किया हुआ है आप बॉलीवुड को किए बिना अपना इंस्टाग्राम नहीं देख सकते, आपको कोई ना कोई स्टार, नहीं तो कोई स्टार के, नहीं तो उनकी कोई controversy, कोई गॉसिप, कुछ ना कुछ आपको इंस्टाग्राम में दिखेगा या फिर सोशल मीडिया फीड में दिखेगा और ये इस हद तक हावी हो चुका है हिंदुस्तान में कि अगर आपको हिंदुस्तान में कोई भी बात करनी है, ज्यादा लोगों तक पहुंचानी है तो उसमें आपको फिर बॉलीवुड का इस्तेमाल करना पड़ता है, पूरी की पूरी एड इंडस्ट्रीज पर चल रही है,

बहुत सारे ब्रांड्स बॉलीवुड को सिर्फ इसलिए हायर करते हैं बॉलीवुड सेलिब्रिटीज को ताकि वो ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके, लेकिन मुझे बड़ी हैरानी हुई। कि कुछ समय पहले है निकिता ठाकुर उन्होंने भी बॉलीवुड पर वीडियो बनाया था अब ध्रुव राठी ने भी बनाया है तो इतने सारे लोग जो कि अलग-अलग काम कर रहे थे जिन्हें अभी तक बॉलीवुड के बारे में कोई खास knowledge नहीं थी जो बॉलीवुड को बहुत करीब से जानते नहीं हैं वो भी इधर-उधर के आर्टिकल पढ़कर वीडियोज बना रहे हैं और लोग उन्हें देख रहे हैं दोस्तों चिंता इसलिए बढ़ती जाती है क्योंकि ऐसे लोग कई बार जानकारी ना होने की वजह से या कम जानकारी होने की वजह से आप तक कुछ गलत चीजें भी पहुंचा सकते हैं इसलिए मैं आपसे बार-बार ये कहना चाहूँगा कि अगर आप बॉलीवुड से कोई भी authentic वीडियो देखना चाहते हैं तो आपके मन में सबसे पहले ये सवाल आना चाहिए कि जो शख्स आपको सामने बैठकर बॉलीवुड के बारे में बता रहा है वो खुद बॉलीवुड को कितना जानता है का वीडियो देखने से बनाने से मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है लेकिन पहला सवाल ये आता है कि अभी तक ध्रुव राठी कहाँ थे?

बॉलीवुड में बहुत कुछ चल रहा था लेकिन ध्रुव राठी अ बॉलीवुड पर कोई वीडियो बनाते हुए मुझे दिखाई नहीं दिए उन्होंने पिछले काफी समय से सिर्फ देश के political scenario पर वीडियोज बनाए क्योंकि जनता के बीच उस तरह की बातें हो रही थी लेकिन अब ये वीडियो उन्होंने पेश किया है वो उनके तमाम वीडियो से बिल्कुल उलट इसलिए दिखाई देता है क्योंकि इस वीडियो में कोई नई जानकारी नहीं है सबसे बड़ा सवाल ये है कि इस वीडियो को बनाने के पीछे मकसद क्या था? क्या वो फेक अवार्ड्स के बारे में बताना चाहते थे? इसके बारे में दुनिया पहले से जानती है? क्या वो फेक पापराजी के बारे में बताना चाहते थे?

सानंद वर्मा के साथ किसने की गन्दी बात | Who talked dirty to Sanand Verma

जिसके बारे में लोग पहले से जानते हैं? क्या वो फेक पब्लिसिटी और गलत बॉक्स ऑफिस आंकड़ों के बारे में बात करना चाहते थे? जिनके बारे में पब्लिक पहले से जानती है और सबसे बड़ी बात ये है कि अह जहाँ तक मैं समझता हूँ और जानता राठी का बॉलीवुड से कोई खास लेना-देना नहीं रहा है, उन्होंने यहाँ आकर इंडस्ट्री में किसी से बात नहीं की है, यहाँ आकर इंडस्ट्री में समय नहीं बिताया और उसके बाद वो एक बाहर बैठकर एक वीडियो बनाते हैं और उसमें सिर्फ वही घिसी पिटी बातें करते हैं, तो हैरानी तो होगी क्योंकि ध्रुव राठी जैसे कॉन्टेंट क्रिएटर से लोगों को एक्सपेक्टेशंस बहुत है, लोग चाहते हैं कि ध्रुव राठी जैसा कंटेंट क्रिएटर अगर उनके बीच कोई टॉपिक लेकर आ रहा है, तो वो उस टॉपिक से जुड़ी हर बात बताएं उस तरह से जैसे कि पहले ना बताई गई हो, लेकिन ध्रुव राठी का वीडियो देखकर मुझे disappointment इसलिए भी हुआ क्योंकि इसमें कुछ भी नया नहीं था।

चीजों को रिपीट किया गया था। आप बाहर बैठकर, दूर बैठकर उन चीजों को उसी तरह बताते हैं, जिस तरह से बहुत सारे लोग पहले भी बताते रहे हैं। as a content creator मैं भी बहुत सारे अह जो content creators हैं, उनके वीडियोज देखता हूँ, अलग-अलग टॉपिक पर देखता हूँ, ध्रुव राठी के वीडियोज मैंने हमेशा इसलिए देखे क्योंकि मुझे लगता है कि वो शायद कुछ नई तरीके से चीजों को समझाने की कोशिश करते हैं। लेकिन मुझे बड़ा अफसोस हुआ कि उनकी वीडियो देखने के बाद लोग यही कहेंगे कि आपने इसमें नया क्या बताया?

ये तो हम सब पहले से कितने सारे लोग आजकल यही बातें करते रहते हैं कि किस तरीके से अह बॉलीवुड की जो fakeness है वो हम पर इस हद तक हावी होती जा रही है कि उसके बीच में बॉलीवुड खुद फंसा हुआ है ये fakeness उनको अपने असल दर्शकों से भी दूर कर रही है असल मुद्दों से असल subject से दूर कर रही है हाल ही में को लेकर जो खबर आई जिसमें कहा गया कि उन्होंने साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए खर्च करके जो फिल्म बनाई जो साठ करोड़ भी नहीं गंवा पाई और अब उसको लेकर कहा जा रहा है कि उन्होंने कई सारे लोगों के बकाए नहीं चुकाए हैं उसको लेकर जिस तरह की बातें ये सारी चीजें हाल ही में हुई ये सारी चीजें बताती है कि बॉलीवुड कितना फेक है और अगर हम इस पूरी बात को समझना चाहते हैं किसी नए content creator के द्वारा तो हो सकता है हम ये चाहें कि वो हमें कुछ नया बताएं कुछ अलग हटकर बताएं लेकिन मुझे बड़ी हैरानी हुई कि इसमें कुछ भी नया नहीं था दोस्तों मैं अब आप लोगों से जानना चाहता हूँ कि जब भी आप बॉलीवुड पर बना हुआ कोई वीडियो देखते हैं

क्या आपको लगता है कि चीजें बहुत रिपीट हो रही हैं वही बात आपको हर कोई बताता है वही चीजें आपको बार-बार बताई जाती हैं कि को पैसे दिए जाते हैं, awards खरीदे जाते हैं, बॉक्स ऑफिस आंकड़े गलत होते हैं। या फिर अह जो अह corporate हैं। उनको invite करके फिल्म दिखाई जाती है ताकि seats ज्यादा बुक हो जाए। या फिर अह जो फिल्म के रिलीज होने का पहला दूसरा दिन होता है उसमें ये लोग खुद ही सिनेमा की टिकट खरीदते हैं ताकि हॉल भरा हुआ लगे, ये तमाम बातें आपको कितनी बार बताई जा चुकी है, क्या इसमें से कुछ भी नया है जो आपको नए सिरे से समझने या जानने की जरूरत है क्योंकि यही वो बातें है जो पिछले काफी समय से बार-बार करके बताई जा रही है और अब तो जो लोग बॉलीवुड पर वीडियो नहीं भी बनाते हैं वो भी इस बात को बताने लगे हैं कि ये हो रहा है अब ये सब इतना open है ये ठीक उसी तरह है कि जैसे जब भी कोई आप advertisement देखते हैं टीवी पर और वहाँ कोई celebrity खड़ा होकर आपको कोई product बेच रहा होता है

आप अच्छे से जानते हैं कि ये जो celebrity है इसने इस ब्रांड से पैसा लिया है। इसलिए इस ब्रांड को endorse कर रहा है वरना असल जिंदगी में ये इस ब्रांड की तरफ देखता भी नहीं होगा। ये इतना open सीक्रेट हो चुका है को सब जानते हैं। अब मैं आपसे जानना चाहता हूँ कि क्या बॉलीवुड के बारे में ऐसी कोई चीज बाकी है जो आप नहीं जानते हैं जो आपके लिए नई हो, चाहे वो casting couch हो चाहे वो nepotism हो, ये सारे topics इतनी बार discuss हो चुके हैं, इतनी बार आपको बताए जा चुके हैं कि मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ भी अब नया बचा है, बताने के लिए कि बॉलीवुड में कितनी गंदगी है, कितना नकलीपन है?

इतना दिखावा है, कितना शो ऑफ है और यही बातें बार-बार धनु राठी अपने वीडियो में बताते रहे हैं, अभी कुछ समय पहले मैंने निकिता ठाकुर जो एक और यूट्यूबर है, उनका भी वीडियो था उसमें भी यही सब था। मेरी समझ के बाहर है कि दर्शकों को इसमें अब और क्या नया जानने को मिल रहा है और कौन वो लोग है जो इन वीडियोज को बार-बार देखते हैं क्या वो यही बातें बार-बार सुनना चाहते हैं, अलग-अलग तरीके से देखना चाहते हैं क्योंकि अब बॉलीवुड के बारे में कुछ भी साबित करने के लिए नहीं रह गया है, बॉलीवुड के बारे में बहुत कुछ साबित हो चुका है। तो फिर ये जो नकली पन की बातें हैं, वो इतनी बार अलग-अलग तरह के कंटेंट क्रिएटर जब करते हैं, तो उससे जो दर्शकों का take away है, दर्शकों को क्या मिलता है? मैं आपसे जानना चाहता हूँ कि इस तरह के वीडियोज आप कितनी बार और देख सकते हैं जिसमें बॉलीवुड की काली सच्चाई के बारे में बताया गया हो।

बिग बॉस में अनिल कपूर ने क्यों सलमान को रिप्लेस किया | Why did Anil Kapoor replace Salman in Big Boss

क्या होगा हीरामंडी की शर्मिन सहगल का? | What will happen to Sharmin Sehgal of Hiramandi

हीरा मंडी के बाद मेरे मन में कुछ सवाल आ रहे हैं। जो यहाँ मैं आपके सामने रखने जा रहा हूँ nepotism की वजह से अपनी भांजी शर्मिंद सहगल को हीरा मंडी की आलम जेब बनाने वाले भंसाली क्या खुद को कभी माफ़ कर पाएंगे? क्या एक शो में श्रमिन को जबरदस्ती हीरोइन बनाने वाले भंसाली वाकई अपने मकसद में कामयाब हो गए? क्या आज शर्मिंद को साइन करने के लिए उनके घर के बाहर प्रोड्यूसर्स की लंबी लाइनें लगी हैं? क्या नेटफ्लिक्स को अपनी गलती का एहसास हुआ है?

क्या नेटफ्लिक्स आने वाले समय में ये नियम बनाने जा रहा है? कि नेपोटिस्म के नाम पर कोई भी फिल्म मेकर उनके प्रोजेक्ट के लिए अपने रिश्तेदारों को कास्ट नहीं करेगा? क्या नेटफ्लिक्स के इस समय खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं? क्या आपको भी ऐसा लगता है कि आपके भरोसे कई सारे रईसजादों का career चमकाने की बेशर्म कोशिशें की जा रही हैं? जब शर्मिंद ने अपने सोशल मीडिया account पर कमेंट्स को ऑफ किया तो क्या आपको ये लगा कि वो गलती करने के बाद भी उसे मानने तक को तैयार नहीं है?

क्या सनी देओल ने श्री राम को धोखा दिया! | Did Sunny Deol betray Shri Ram?

क्या भंसाली ने उस actress के साथ नाइंसाफी की है? जिसे उन्होंने पहले आलम जेब के रोल के लिए sign किया? और फिर कई महीनों की ट्रेनिंग के बाद उसे अचानक मंडी से निकालकर अपनी भांजी को सिर्फ इसलिए हेरोइन बना दिया क्योंकि वो कर सकते थे। भंसाली पर अपनी इस चॉइस के लिए जो उंगलियां उठी उन सभी बातों को बुरी तरह इग्नोर कर दिया गया। क्या अब कभी भी भंसाली फिर से शर्मिंद को किसी प्रोजेक्ट में cast कर पाएंगे? ये सारे सवाल इसलिए पूछे जा रहे हैं क्योंकि एक फिल्मकार के तौर पर पिछले कई सालों के दौरान भंसाली ने हमारा जो भरोसा जीता था, उसके साथ छल हुआ है।

क्या भंसाली की फिल्मों के दर्शक रहे करोड़ों लोगों को सवाल पूछने का हक नहीं है कि उन्होंने ये धोखा क्यों दिया? बॉलीवुड में जब भी nepotism पर बहस होगी ये सवाल पूछे जाएंगे। ये सवाल कड़वे हैं, कानों में चुभते भी हैं लेकिन गलती करने वाला इन सवालों से बचकर नहीं भाग सकता, खासकर जबकि उसने कई करोड़ों लोगों का भरोसा तोड़ा हो। यहाँ एक बात मैं ये भी कहना चाहूंगा कि वो लायक बच्चे जो nepoced होने के साथ-साथ लायक भी हैं, भविष्य में बॉलीवुड में आने वाले हैं, उनके लिए भी ये खतरनाक है।

सिर्फ दर्शकों के साथ ही नहीं बल्कि भंसाली ने कहानी के साथ भी अन्याय किया है जबकि उन्होंने एक non actor को इसके लीड रोल में cast कर लिया। हो सकता है कोई भंसाली से बेहतर स्टार कास्ट के साथ हिरा मंडी बना था लेकिन अब वो मौका भी भंसाली ने एक खराब शो बनाकर हमेशा के लिए खत्म कर दिया है। जब भी आप गलती करते हैं, आप एक साथ कई संभावनाओं को हमेशा के लिए खत्म कर देते हैं, भंसाली ने ऐसा किया क्योंकि वो कर सकते थे। क्या आप जब भी भंसाली अपना अगला प्रोजेक्ट करेंगे वो दर्शकों से मिले response का ख्याल रखेंगे जो उन्हें हीरा मंडी के जरिए मिला?

या फिर भंसाली इतने ही नॉन expression वाले किसी दूसरे चेहरे को भी cast कर लेंगे, वो भी लीड रोल में एक तरह से भंसाली ने शर्मिंद के सामने आने वाली संभावनाओं को भी हमेशा के लिए खत्म कर दिया क्योंकि अब कोई भी उनको साइन करने का जोखिम नहीं लेगा। अगर वाकई शर्मिंद को एक actor बनाने का ख्वाब भंसाली देख रहे थे, तो वो उनको ट्रेनिंग देने में कुछ महीने या साल लगा सकते थे,

लेकिन वो तो सच में मामू बन गए याद आ रहा है कपिल शर्मा के शो में जब हिरा मंडी की पूरी स्टार कास्ट आई थी उस वक्त कपिल शर्मा ने जैसा उनका लहजा है मजाक-मजाक में पूछा कि आपको ये रोल क्या इसलिए मिला कि वो आप उनकी भांजी है तो शर्मिल ने कहा कि नहीं मेरे तो कई सारे स्क्रीन टेस्ट हुए और वहाँ भी बात-बात में बात निकली कि ये क्या आपने उन्हें मामू बना दिया खैर उसको फिर कपिल ने थोड़ा संभाला और सीधे वो अर्चना पूरन सिंह पर इस joke को ले गए और ये कहने लगे कि अगर अर्चना जी वहाँ होती तो धमका के ले लेती खैर वो बात हंसी की थी लेकिन आप सोचिए कि लोग सच में शर्मिंद सहगल पर हँसते रहे और शर्मिंद से ज्यादा लोग संजय लीला भंसाली पर हँसते रहे क्योंकि शर्मिंदगी तो लोगों के बीच कोई पहचान ही नहीं थी उन्हें तो कोई जानता ही नहीं था हालांकि वो एक फिल्म में काम कर चुकी है मलाल जो कब आई और कब गई किसी को पता नहीं जाहिर है नहीं है तो पता कैसे चलता?

लेकिन लोगों को शक हुआ भंसाली की काबिलियत पर अब आप सोचिए इतने लंबे करियर के बाद अगर आपके एक गलत फैसले से किसी को आपकी काबिलियत पर शक होने लगे तो आपका पूरा का पूरा करियर दांव पर लग जाता है भंसाली की कई फिल्में हिट रही है कई फिल्में फ्लॉप रही है लेकिन कभी भी उनकी काबिलियत पर सवाल नहीं उठाए गए लेकिन ये पहला मौका था हीरा मंडी के वक्त जब वो खुद का शिकार हुए। आंख पर पट्टी बंध गई। और एक नॉन एक्टर को वो लीड स्टार बनाकर ले आए।

और ये सब उन्होंने अपने खर्चे पर नहीं किया ये सब उन्होंने तब किया जब उसमें पैसा लग रहा था नेटफ्लिक्स का तो यहां दो तरह के दर्शक टूट गए हैं। एक तो वो जो भंसाली की पिछली फिल्मों को देखकर उन पर भरोसा करते आए कि वो कैसा भी कंटेंट बनाए लेकिन हम उनके काम में कोई खोट नहीं निकाल सकते। जैसा मैंने पहले कहा कि भंसाली की बहुत सी फिल्में फ्लॉप हुई है लेकिन उनके काम पर कभी उँगलियाँ नहीं उठी लेकिन ये पहली बार है जब उनके काम पर उँगलियाँ उठी और इसमें साथ में आ गया नेटफ्लिक्स भी क्या नेटफ्लिक्स अब ये नियम बनाएगा कि अगले किसी प्रोजेक्ट में कोई अपनी रिश्तेदारी दोस्ती के चलते उनके प्रोजेक्ट का बेडा गर्क ना कर दे।

राजनीति में क्यों फ्लॉप रहते हैं सुपरस्टार?

अब आप खुद सोचिए, जो लोग बहुत समय से हीरा मंडी पर बनने वाली कहानी को देखने का इंतजार कर रहे थे, उनके दिल पर क्या बीती होगी? बहुत साल पहले मैंने महेश भट्ट जी के साथ एक इंटरव्यू किया था, जिसमें उन्होंने इच्छा थी कि वो हिरा मंडी पर फिल्म बनाना चाहते हैं सोचिए ये मैं बात कर रहा हूँ कम से कम सोलह-सत्रह साल पुरानी तब से ये चल रहा था कि हीरा मंडी पर एक फिल्म बनेगी और हमारे आसपास जो subjects होते हैं उनमें कुछ subject ऐसे होते हैं जिनसे जुड़ी कहानियां लोग देखना चाहते हैं हीरा मंडी भी उसमें से एक था और लोगों की उम्मीदें और आशाएं और बढ़ गई जब भंसाली ने कहा कि हम इस पर बनाएंगे लोगों को लगा कि पता नहीं क्या कमाल बनेगा लेकिन किसी को उम्मीद नहीं थी कि वो lead actor के तौर पर एक चेहरे को introduce कर देंगे जिसे एक्टिंग नहीं आती ये वो लोग कहेंगे जो उनके आम दर्शक हैं।

और जिस वक्त कमेंट्स को ऑफ किया गया वो अपने आप में इस बात को बताता था कि उनके अंदर सच को सुनने की ताकत नहीं है।  जब भी हम परफॉर्मिंग आर्ट्स में होते हैं, पब्लिक फिगर होते हैं, लोगों के सामने जाते हैं, जहाँ हमारा काम लोगों द्वारा सराह जाता है या फिर लोगों द्वारा उस पर रिएक्ट किया जाता है। वहां अगर हम कमेंट्स ऑफ कर रहे हैं, इसका मतलब ये है कि हम अपने कान बंद कर रहे हैं, यानी हम सिर्फ अपनी तारीफ सुनना चाहते हैं, अगर हमें पता है हमने काम खराब किया है और कान बंद कर लेते हैं, इसका मतलब ये है कि हमने सुधार की सारी गुंजाइशों को खुद ही खत्म कर दिया है।

बहुत अफसोस की बात है कि संजय लीला भंसाली के एक इतने बड़े प्रोजेक्ट से जो लोगों के बीच छाप बनी वो ये बनी कि भाई ये भी nepotism करते हैं। बेहद दुःख की बात है, संजय लीला भंसाली की बहुत respect है, वो जो काम करते हैं, जो उनका क्राफ्ट है। उसके प्रति लोग एक ऐसी भावना रखते हैं, कि हाँ हमें भंसाली जी से सीखना चाहिए, ना जाने कितने लोग होंगे, जो भंसाली की फिल्में देखकर सीखते हैं। लेकिन ये आया है वो भी उनके करियर के इस मक़ाम पर. आप सोचिए अगर वाकई भंसाली को सेब्लिश करना था शर्मिंद को एक एक्ट्रेस के तौर पर एक साल, दो साल, तीन साल की ट्रेनिंग दे सकते थे.

मैं मानता हूँ और जानता भी हूँ कि ट्रेनिंग देने से कोई एक्टर नहीं बनता लेकिन कम से कम कुछ समय तो खर्च किया होता। लोग ये तो ना कहते कि इनके हर सीन में एक ही जैसे एक्सप्रेशन है। अब आप सोचिए कि वो लोग जो अपना कीमती समय देकर आपके अह आपके शो को देख रहे हैं उनके दिल से आवाज़ आ रही है कि आपको तो काम ही नहीं आता,  ये बहुत बड़ा विषय है अपने आप में क्योंकि अब इसको देखकर बहुत सारे लोग सीखेंगे।

जैसे भंसाली ने किया, हम भी कर सकते हैं ये ना सिर्फ उन्होंने अपनी craft के प्रति अपराध किया अपने दर्शकों के प्रति अपराध किया बल्कि आने वाली पीढ़ी के सामने भी एक गलत मिसाल रखी है कि हाँ अगर आप बड़े हैं तो आप कुछ भी कर सकते हैं क्योंकि आपका नाम बिकता है। याद रहे नाम बनाने में सालों लगते हैं। और एक पल में वो चला जाता है। अपने दिल पर हाथ रखकर मुझे ये बताइए कि अगला project जब संजय लीला भंसाली का announce होगा तो क्या आपके जेहन में ख्याल नहीं आएगा कि कहीं ये दोबारा ये वाली गलती तो नहीं करने जा रहे? क्या भंसाली ने पर भी इस बात का भरोसा दिलाया है कि वो ऐसी गलती नहीं करेंगे क्योंकि वो बार-बार कहते रहे कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है।

उनके उनके किसी भी बयान में ये बात निकलकर सामने नहीं आई जहाँ उन्हें भी लगा हो कि हाँ ये गलती हो गई है। तो गलती करना एक गलती है और गलती को ना मानना ना समझना ना स्वीकारना दूसरी बड़ी गलती है और तीसरी सबसे बड़ी गलती है कि जो लोग बरसों से आप पर उम्मीद लगाए बैठे हैं उनके विश्वास को छलनी कर देना।

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क्या सनी देओल ने श्री राम को धोखा दिया! | Did Sunny Deol betray Shri Ram?

क्या Sunny Deol ने दिया है भगवान Ram को धोका असल में सनी देओल के बारे में एक अंदर की एक ऐसी खबर मुझे पता चली है जिसे सुनने के बाद आप हैरान रह जाएंगे और आप हो सकता है अपने कानों पर यकीन तक ना करें कि कोई शख्स ऐसे भी कर सकता है। कहानी सनी देओल की ये मामला है गदर टू की रिलीज से कुछ समय पहले का एक राइटर जो कि भगवान राम की जन्मभूमि पर एक फिल्म बनाना चाहता है जो ये चाहता है कि कैसे अदालत में जब हिंदू पक्ष के वकील और मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने आपस में जिरह की, बहस की, तो ऐसे कौन से सबूत सामने रखे, जिसके बाद अदालत को ये मानने पर मजबूर होना पड़ा कि हाँ अयोध्या में जो जगह है, जो स्थान है वो भगवान राम के मंदिर के लिए ही सबसे सही स्थान है।

तो वो कौन से सबूत थे? वो कौन-सी बातें थी, जो उस बहस में कही गई, अदालत के सामने कौन से ऐसे साक्ष और प्रमाण रखे गए? ये पूरी फिल्म इसके बारे में बनने वाली थी, इसका टाइटल रखा गया था, जन्म स्थान और इसमें हिंदू पक्ष के वकील के रूप में सनी देओल को साइन किया गया था। और मुस्लिम पक्ष के वकील के रूप में संजय दत्त को साइन किया गया था। इस फिल्म बजट कुछ ज्यादा नहीं था। कुल मिलाकर करीब पचास करोड़ रुपए जिसमें छह करोड़ रुपए सनी देओल को देने थे। और उससे कुछ कम amount में संजय दत्त को साइन किया गया था।

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लेकिन दोस्तों ये पूरी कहानी गदर two के हिट होने के बाद पूरी तरह से पलट गई। असल में इस पर जो प्रोड्यूसर काम कर रहे थे उन्होंने काफी पैसा खर्च किया। यहां मुंबई में अंधेरी इलाके में एक बहुत बड़ा सेट बनाया गया, उस सेट को बनाने में करीब-करीब दस रुपए की लागत आई इसके अलावा जो इस कहानी पर काम कर रहे थे वो महोदय ऐसे थे कि उन्होंने इस सब्जेक्ट को पढ़ने के लिए करीब फोर्टी टू बुक्स पढ़ी और इसके अलावा कई हजार पन्ने के वो डाक्यूमेंट्स पढ़े जो कि कई सालों की रिसर्च के बाद उन्होंने अदालत से निकाले थे अदालत से लिए थे और उसमें वो बहुत कुछ अध्ययन कर रहे थे ताकि वो सारी बातें वो रख सकें

और इस पूरी तैयारी में करीब एक साल का समय लग गया और इस दौरान सनी देओल काफी excited थे और उन्हें लग रहा था कि ये हिंदुस्तान की सबसे बड़ी फिल्म बन जाएगी क्योंकि पहली बार देश की जनता ये जानेगी कि आखिर भगवान राम का जो मंदिर बनाया गया उसके लिए अदालत में ऐसे कौन से प्रमाण रखे गए थे वो जिरह क्या थी वो बातें क्या थी जो अदालत में रखी गई थी सुप्रीम कोर्ट में इस फिल्म की तैयारी चल रही थी सनी देओल को करीब दो करोड़ रुपया दिया जा चुका था।

एक सेट बड़ा बनकर तैयार था इसी बीच गदर टू रिलीज होती है और हिट हो जाती है। गदर टू के हिट होने के बाद सनी देओल पूरी तरह से पलट जाते हैं। वो इस फिल्म को करने के लिए अब छह करोड़ की जगह वो फिफ्टी करोड़ रुपीस की डिमांड रख देते हैं। अब आप सोचिए जो पूरी फिल्म का बजट ही पचास था उसमें अकेले सनी देओल ही कहते हैं मुझे अब फिफ्टी करोड़ चाहिए क्योंकि उन्हें लगता है कि अब गदर टू हिट हो चुकी है तो मुझे मेरी मुँह मांगी कीमत मिलेगी। उन लोगों को ये सुनकर जो उनको साइन कर चुके थे already उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाती है कि ये शख्स एकदम से ऐसा कितना बदल गया साथ ही वो कहते हैं कि पहली बात तो मैं पचास करोड़ लूंगा और दूसरा जो अभी हमें चार दिन बाद शूटिंग शुरू करनी है इस फिल्म की अब इसे भूल जाओ।

मैं पंद्रह दिन बाद एक महीने के लिए अमेरिका जा रहा हूँ जबकि चार दिन बाद शूटिंग शुरू होनी और उस स्टूडियो को करीब डेढ़ महीने के लिए बुक किया गया था। एक भव्य सेट तीन करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ था और उस स्टूडियो का किराया जाना भी शुरू हो गया था, उसका किराया लगभग रोजाना का सवा लाख रुपए था, तो प्रोड्यूसर ने जब ये सामने रखा कि भाई हम तो आपको साइन कर चुके हैं। हम सेट बना चुके हैं, चार दिन बाद से शूटिंग होनी है, आपको वहां पहुंचना है और आप अचानक कह रहे हैं कि मैं पंद्रह दिन बाद एक महीने के लिए अमेरिका जा रहा हूं, क्योंकि मैं काफी थक गया हूं, गदर को प्रमोट कर कर के तो अब होगा उस डेढ़ महीने?

तो उन्होंने कहा आपकी जो मर्जी वो करिए लेकिन मैं तो ये फिल्म अब नहीं करूंगा। तो ना तो उन्होंने एडवांस लिया पैसा लौटाया और पूरी तरह से गैर जिम्मेदारी भरा रवैया उनका सामने आया जिसमें उन्होंने एन मौके पर जब फिल्म की शूट शुरू होने वाली थी उससे चार दिन पहले इस फिल्म को करने से इनकार कर दिया क्योंकि गदर टू जब हिट हो गई तो उनको एक आमिर खान की फिल्म मिल गई जबकि आप जानते हैं कि पिछले बीस सालों से सनी देओल की कोई भी फिल्म नहीं चल पाई थी उनका करियर बुरी तरह गड्ढे में पड़ा हुआ था वैसे अगर आप बॉलीवुड के गलियारों में घूमेंगे तो आपको ऐसे बहुत सारे लोग मिल जाएंगे।

जो ये कहेंगे कि हमने सनी देओल को advance पैसा दिया था और उन्होंने हमसे कहा कि आप सेट लगाई है मैं आ रहा हूँ और वो आए ही नहीं। अभी कुछ समय पहले सौरव गुप्ता ने भी एक ऐसी प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी जिसमें उन्होंने बताया था कि वो छह सालों के दौरान काफी सारा पैसा देते रहे सनी देओल को लेकिन सनी देओल ने कभी उनके साथ फिल्म शुरू नहीं की दोस्तों ये सिर्फ एक अकेली कहानी नहीं है दूसरी कहानी तो मैंने आपको बता दी और सीधे तौर पर आपको जो रोल मिला था वो हिन्दू पक्ष के वकील का मिला था ये सीधे तौर एक तरह से भगवान राम को दिया गया धोखा है।

क्या आप एक वादा करते हैं, उस फिल्म पर काम शुरू होता है, एक साल तक काम होता है और इस तैयारी में, इस प्रिपरेशन में करीब दस करोड़ रूपए खर्च होते हैं, जिसमें शामिल है तीन करोड़ रूपए का भव्य सेट प्लस सवा लाख रूपए रोज का स्टूडियो का किराया जिससे डेढ़ महीने के लिए बुक किया गया था, इसके अलावा जो उस इस कहानी को लिख रहे थे, तैयार कर रहे थे, उन्होंने इसके लिए हजारों डॉक्यूमेंट्स पढ़े थे। forty two books पढ़ी थी, इसका, इसका narration उन्होंने तैयार किया था चार घंटे का जिसमें उनका दावा था कि ये भारत की सबसे बड़ी फिल्म सकती थी अगर ये बनती अभी तो फिलहाल अधर में लटकी है क्योंकि सनी देओल अपने वादे से मुकर गए हैं।

आपको याद आ रहा होगा कि सनी देओल एक बार और भी वादे से मुकर गए थे जब गुरदासपुर में उनके गुमशुदा के पोस्टर लगे थे। अब आप सोचिए कि कोई भी शख्स अगर उसे अपने शहर में विधायक का चुनाव लड़ना हो या सांसद का चुनाव लड़ना हो तो उसे पूरी जिंदगी मेहनत करनी होती है। अपनी पार्टी के लिए और इन जैसे लोग जो बंबई में बैठे हैं यहाँ वादा खिलाफी करते हैं या लोगों को धोखा देते हैं उन्हें घर जाकर टिकट जाता है। ये वहाँ चुनाव जीत जाते हैं अपने दो-चार फिल्मी डायलॉग बोलकर और फिर वहाँ कभी जाते नहीं, वादा खिलाफी करते हैं।

तो ये तो भारत की देश की जनता के साथ धोखा, भगवान राम के साथ धोखा जिस profession में हैं, उसके साथ धोखा तो ये झूठे और धोखेबाज लोगों का जो बॉलीवुड है, इनकी जो कहानियां हैं, इनकी जो सच्चाई और असलियत है, वो आपके लिए जानना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि आप लोग जब इनकी फिल्में देखने के लिए लंबी-लंबी लाइन लगाते हैं, अपनी मेहनत का पैसा खर्च करते हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि ये लोग within industry किस तरह से behave हैं, अब आप सोचिए सनी देओल जिनको बुढ़ापे में जाकर बीस साल बाद एक फिल्म मिल जाती है, गदर two ।

और उसके बाद उनका दिमाग इतना खराब हो जाता है कि वो जो पिक्चर छह करोड़ में कर रहे थे, उसके लिए वो पचास करोड़ मांगते हैं, और उसके बाद भी ये कहते हैं, कि अब डेढ़ महीने तुम्हें हुई नहीं, जबकि फिल्म की शूटिंग सिर्फ चार दिन बाद शुरू होनी थी। तो ये है सनी देओल की असलियत। जो आपको बहुत कम लोग बताएंगे। आप खुद सोचिए कि इंडस्ट्री के अंदर जिस so called हीरो सनी देओल को हीरो तो consider नहीं जा सकता है ना इतनी कहानियां सुनने के बाद उनके बारे में। खासकर सौरव गुप्ता ने जो कहा। उन्हीं के इंडस्ट्री के लोग मीडिया के सामने जब उनकी सच्चाई और असलियत बताने लगे जब इस देश की जनता खुद देखने लगे कि हमारे देश में जो लोकतंत्र का मंदिर है संसद भवन जिसे कहते हैं, आपको वहां जाना है, गुरदासपुर की जनता को represent करना आप नहीं जाते।

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आपके गुमशुदा के पोस्टर लग जाते हैं, लेकिन आप नहीं जाते। आप प्रोडूसर से पैसे ले लेते हैं, लेकिन शूटिंग पे नहीं जाते। दोस्तों अह आपको याद होगा कि इनकी nineteen में एक हिट फिल्म आई थी बॉर्डर। इनके साथ काम कर अभिनेता ने ये भी बताया था मुझे कि जब पूरी यूनिट रेडी होती थी उस तपते रेगिस्तान में शूटिंग के लिए तब ये सीधे कहलवा देते थे कि आज मेरा मूड नहीं है और ऐसा एक, दो नहीं बल्कि पंद्रह दिनों तक चला, फिल्म का पूरा सेट तैयार रहता था, सारी यूनिट तैयार रहती थी कि कब सनी देओल आएंगे और शूट शुरू करें और ये पंद्रह दिन तक ये कहते रहे कि आज मेरा मूड नहीं है,

तो ये इनकी पुरानी कहानी है अगर आप बॉलीवुड के गलियारों में घूमेंगे तो ऐसे बहुत से लोग मिलेंगे हाँ, हमने सनी देओल को साइन किया था, उनको हमने पैसा दिया था, उन्होंने पैसा रख लिया, हजम कर लिया और उसके बाद हमारे काम पर भी नहीं आए और अब हम बर्बाद हो रहे हैं, अब आप सोचिए उस शख्स का क्या जिसने दस करोड़ रुपए सनी देओल के उस वादे पर खर्च कर दिए कि वो इस फिल्म के लिए करेंगे। और अचानक से वो मना कर देते हैं, ठीक तरह से मना कर देना ही है ना, जब आपकी चार दिन बाद शूटिंग शुरू होनी है और आप सीधे कह दें अब तो मैं पंद्रह दिन बाद एक महीने के लिए अमेरिका जा रहा हूँ।

जो सेट लगा है, उसका तुम देख लो क्या करना है। तो फिल्म इंडस्ट्री जो बदनाम होती है और जो बार-बार कहा जाता है, बॉलीवुड drub रहा है, कंगाल हो रहा है, वो ऐसे लोगों की वजह से हो रहा है। ये कहानियां आपको ज्यादा कोई सुनाएगा नहीं क्योंकि बहुत सारे लोगों को इनसे अपना repo maintain करना होता है इनके साथ अपना एक relation maintain करना होता है इसलिए बहुत सारे लोग ऐसी कहानियों को जानते है पर कहने की हिम्मत कोई नहीं करता तो अब ये सब जानने के बाद अब आप बताइए कि बॉलीवुड के जो हीरोज है क्या आप उनको वो respect दे पाएंगे?

साथ ही मैं जानना चाहूंगा कि इस पूरे scenario को जानने के बाद क्या आपको नहीं लगता कि भगवान राम को सीधे तौर पर धोखा दिया है सनी देओल ने क्योंकि आप उनकी ऊपर बनने वाली फिल्म में अपना वादा करते हैं, पैसा ले लेते पैसा लेना एक बहुत बड़ा commitment होता है और उसके बाद आप वादे से मुकर जाते है क्योंकि Gadar two आपकी हिट हो जाती है just because of और आने वाली जो फिल्में है वो चलेंगी नहीं चलेंगी कोई नहीं जानता इसलिए आप एक ऐसे शख्स को मना कर देते है जिसने आपको आपके खराब दिनों में साइन किया था जब आपकी कोई पिक्चर नहीं चल रही थी खैर गदर टू के बाद भी उनकी फिल्में चलेंगी नहीं चलेंगी कोई नहीं जानता क्योंकि जिस तरीके की सो कॉल्ड गुड विशेस उन्होंने विदन इंडस्ट्री ले रखी है तो आगे उनके करियर का क्या होगा वो सब जानते है उनके जो दोनों बेटे हैं, जिनके मैं नाम भी भूल रहा हूँ वो भी बतौर हीरो फ्लॉप रहे हैं, अपना डेब्यू फिल्म उनकी फ्लॉप रही है दोनों की, तो ये होता है कि जैसे आप कर्म करते हैं वैसा आपको फल भी मिलता है.

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क्या अन्नू कपूर कंगना रनौत से कोई नया पंगा लेने के मूड में है? | Is Annu Kapoor in the mood to take on Kangana Ranaut again?

क्या अन्नू कपूर कंगना रनौत से कोई नया पंगा लेने के मूड में है? आइए आपको बताते हैं इन दोनों के बीच मामला चल क्या रहा है? असल में अन्नू कपूर और कंगना रनौत के बीच सोशल मीडिया पर एक जुबानी जंग चल रही है, इसकी शुरुआत हुई फिल्म हमारे बारह की press conference के दौरान जहाँ अन्नू कपूर ने मीडिया से ये पूछ लिया कि ये कंगना रनौत कौन है? वो सुंदर है क्या? कंगना जी को फ्लैट मारा गया ये कंगना जी कौन है? प्लीज बताओ ना आप कौन हैं?

आप पूछ रहे हैं कि कोई बहुत बड़ी हीरोइन होगी? अनु के इस बयान पर कंगना ने भी उन्हें मुँह तोड़ जवाब देते हुए कहा कि ये जो अन्नू कपूर हैं ये सफल और खूबसूरत महिलाओं से नफरत करते हैं। अब इसका जवाब अन्नू कपूर की तरफ से आया है। अपने बयान पर अन्नू ने एक बार फिर से सफाई दी है और उन्होंने सोशल मीडिया पर एक लंबा-चौड़ा open लेटर लिखा है। इसे share करते हुए उन्होंने लिखा कि मैं जो बोलता हूँ उसके लिए जिम्मेदार हूँ पर दूसरे क्या समझते हैं मेरी जिम्मेदारी नहीं है, जय हिंद, वंदे मातरम। इस caption के साथ अन्नू ने जो open लेटर शेयर किया उसमें उन्होंने लिखा प्रिय बहन कंगना, मैं मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों के जवाबों से कुछ अर्थ निकाल रहा हूँ, इसीलिए मैंने सोचा कि मुझे कुछ तथ्य स्पष्ट कर देने चाहिए।

2023 के अंत में इन कहानीयों ने छोटे पर्दे पर धूम मचाई

मेरे लिए हर महिला आदरणीय और पूजनीय है और इसीलिए मैं कभी भी किसी भी नारी का निरादर तो कर ही नहीं सकता। मैं फिल्में, ओटीटी टीवी न्यूज़ चैनल या समाचार नहीं पड़ता। इसलिए आप चाहे तो मुझे मुर्ख भी बुला सकती हैं। और ऐसा करना कोई अपराध भी नहीं है। किसी व्यक्ति विशेष को ना जानना कोई अपराध नहीं होता। आदरणीय बहन मैं आपको नहीं जानता अतः इस बात को आप स्त्री, गरिमा, निरादर की कोटि में नहीं सम्मिलित करेंगी। मीडिया को मेरे बेबाक जवाबों से वो मसाला मिल गया जो उन्हें चाहिए था।

मैं अत्यंत छोटा और मामूली सा व्यक्ति हूँ। मैंने कोई त्रुटिपूर्ण या अपमानजनक शब्द ना सोचे और ना ही मैं जो बोलता हूँ उसके लिए जिम्मेदार हूँ पर दूसरे क्या समझते हैं वो मेरी जिम्मेदारी नहीं है। परन्तु फिर भी यदि मेरी किसी बात से आप खफा हो गई हैं तो मेहरबानी मुझे माफ़ करें। आप अपने ध्येय में सफलता प्राप्त करें ऐसी ही मंगल कामना है। आप जानते ही हैं कि हाल ही में अन्नू कपूर से जब सवाल पूछा गया था कंगना राणावत के थप्पड़ कांड के बारे में तो उस सवाल के जवाब में उन्होंने मीडिया से एक सवाल पूछ लिया कि ये कंगना जी कौन है?

प्लीज बताओ कौन है? जाहिर अह आप पूछ रहे हैं तो कोई बड़ी हीरोइन होंगी, वो सुंदर हैं क्या? ऐसा कुछ कहा था, अन्नू कपूर ने। अब अन्नू के इस बयान पर कंगना को ये लगा कि मुझे ignore कर दिया, वो मुझे नहीं जानते। तो उन्होंने जो अपनी स्टोरी share की थी, उसमें उन्होंने लिखा था कि क्या आप अन्नू कपूर जी से सहमत हैं कि हम सफल महिलाओं से नफरत करते हैं, अगर वो खूबसूरत हैं, तो उनसे और भी ज्यादा नफरत करते हैं और अगर वो शक्तिशाली हैं, पावरफुल हैं, तो उससे और भी ज्यादा नफरत करते हैं। क्या ये सच है? ये उन्होंने सीधे तौर पर कपूर के कहे पर कटाक्ष माना माना था।

अच्छा पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद चुनी गई है कंगना रनौत और इनको चंडीगढ़ एयरपोर्ट पे घटना ये हुई थी कि एक सीआईएसएफ की कांस्टेबल थी कुलविंदर कौर उन्होंने थप्पड़ मार दिया। और उनका ये कहना था कि वो कंगना से वो खफा हैं इस बयान को लेकर जो कंगना ने कई साल पहले दिया था जब किसान धरने पर बैठे थे कि ये जो महिलाएं हैं, ये महिला किसान हैं, ये सौ-सौ रुपए लेकर धरने पर बैठते हैं। और उस धरने में ये जो थप्पड़ मारने वाली कांस्टेबल थी, इनकी मौजूद थी और इसी को लेकर काफी विवाद हुआ था। दोस्तों ये जो पूरा मामला है वो अपने आप में काफी उलझा हुआ भी है।

और इसलिए क्योंकि कंगना ने जब राजनीति की तरफ अपनी मारना शुरू किया था, जब वो जाना चाहती थी, राजनीति की तरफ राजनीति के पाले में गिरना चाहती थी, तो उन्होंने कई सारे ऐसे बयान दिए थे, सोशल मीडिया पर आती थी, तमाम तरह की बयानबाजी करती थी, उसके बाद क्या हुआ कि लोगों का ध्यान उन पर जाना शुरू हुआ, पर लोगों ने कहा कि अच्छा ये actress के अलावा ये सब भी कर लेती हैं, जो कि को करना आना चाहिए उसके बाद उन्होंने एक के बाद एक nepotism पर बयान दिए, उसके बाद उन्होंने ऋतिक रोशन पर बयान दिए, फिर उनका एक कोर्ट केस चलने लगा, फिर उनका दफ्तर तोड़ा गया, फिर वो उद्धव ठाकरे पर बोलने लगी, फिर उनको सिक्योरिटी मिल गई,

फिर वो अपने आप को एक पॉलिटिशियन की तरह पोट्रे करने लगी, फिर वैसी ही फिल्में करने लगी, हालांकि एक ऐसी फिल्म उनकी रुकी पड़ी है इमरजेंसी तो कुल मिलाकर वो धीरे-धीरे, धीरे-धीरे मैं आऊं, आऊं, आऊं मैं आई, आई, आई और राजनीति की तरफ चली गई वो, इस हद तक चली गई कि बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर वो सांसद बन गए। आज वो हमारे देश की law maker है। अब हमारे देश की जो law maker है उनके बयान पहले कैसे रहे वो आपने देख लिया। अब इस सबके बीच अन्नू कपूर आ जाते है और अन्नू कपूर कहते है कौन कंगना? अब ये कंगना की ego पर चोट थी उनके अहम पर एक बहुत बड़ा एक घात था।

अच्छा मुझे नहीं जानते मैं फिल्मों की हीरोइन हूँ अब तो मैं सांसद भी हूँ, मैं सुंदर भी हूँ, पावरफुल भी हूँ, मैं सब कुछ हूँ और तुम मुझे नहीं जानते। तो ये जो उनका अहम था। उस पर अन्नू कपूर के स्टेटमेंट की सीधे जब चोट लगी, तो वो भड़क गई। अब हुआ ये कि उसके बाद जो अन्नू कपूर ने बयान दिया, वो और भी ज्यादा उन्हें चौंकाने वाला था, क्योंकि उन्होंने इस बात को सिरे से नकार दिया कि मैं कोई न्यूज़ पेपर नहीं पड़ता, वो टीटी नहीं देखता, फिल्में नहीं देखता, आप मुझे मूर्ख चाहें तो बुला सकती हैं।

ना जानना कोई अपराध नहीं है, सही बात है अगर आप किसी बात को नहीं जानते हैं। अगर आप किसी शख्स को नहीं पहचानते, तो ये अपराध की श्रेणी में तो आ ही नहीं सकता और जब आप किसी को जानते ही नहीं है, तो उसका निरादर कैसे करेंगे? तो कुल मिलाकर अन्नू कपूर ने एक बहुत अच्छा दांव खेला, सभी जानते हैं, कपूर भी कंगना राणावत को जानते हैं। और क्योंकि वो जानते हैं इसीलिए वो इस तरह की चिट्ठी लिखते हैं, कहते हैं मैं आपको नहीं जानता क्योंकि उनको मालूम था कि जवाब कैसे देना है।

अन्नू कपूर काफी दिमाग वाले व्यक्ति हैं बहुत लंबे समय तक वो अभिनय करते रहे हैं और एक व्यक्ति जो अभिनय करता है वो जीवन, दुनिया, समझ, ना समझ, approach सोच सबको बहुत अच्छे से समझता है, तो अन्नू कपूर की तरफ से इस तरीके का लेटर आना और सीधे तौर पर ये स्वीकारना कि मैं जानता ही नहीं कंगना कौन है और ना जानना कोई नहीं है, अख़बार में पड़ता नहीं। मतलब उन्होंने बहुत ही safe गेम खेला और एक तरह से कंगना को आईना भी दिखा दिया।

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बहुत सारे लोग हैं जो अन्नू कपूर को ट्रोल कर रहे हैं, बहुत सारे लोग हैं जो कंगना को भी अह जब कंगना के साथ कांड हुआ था तो कंगना के खिलाफ भी खड़े थे, तो कुल मिलाकर सोशल मीडिया तो एक अखाड़ा बना ही हुआ है लेकिन इन सारी बयानबाजियों के बीच बॉलीवुड की एक तस्वीर बनकर उभरती है। अगर अन्नू कपूर ने कंगना रनौत की किसी फिल्म में काम किया होता तो वो ये कह नहीं पाते, अगर किसी मंच पर दोनों का आमना-सामना हुआ होता तो वो कह नहीं पाते। लोग फलां लोग याद दिलाते कि आपने फलां फिल्म में काम किया फलां सीन में साथ में थे तो कुल मिलाकर इस खेल में अन्नू कपूर जीतते हुए दिखाई दे रहे हैं क्योंकि उन्होंने खुद को ही मूर्ख कह दिया है, उन्होंने कह दिया मैं आप मुझे मूर्ख समझ सकते हैं, मैं तो जो कह रहा हूँ उसके लिए responsible हूँ, अब आप क्या समझ रहे हैं, उसके लिए मैं responsible नहीं हूँ,

दोस्तों आज के समय में जब हम देखते हैं कि सोशल मीडिया पर अह एक अलग तरह के जंग छिड़ी रहती है, trollers आ जाते हैं, एक-दूसरे पे आरोप-प्रत्यारोप लगाते हैं में ये कहकर साफ बच के निकल जाना कि मैं तो जानता ही नहीं, मुझे तो पता ही नहीं, आपने क्या कहा, मैंने सुना ही नहीं। मैंने तो आपको कभी देखा ही नहीं। ये एक ऐसा हथियार है जो मुझे लगता है कि इस episode के बाद आगे बहुत सारे लोग इस्तेमाल करेंगे। अब आप सोचिए कि आप किसी बहुत मशहूर व्यक्ति के लिए ये कह दें कि मैं आपको जानता नहीं।

तो एक तरह से ये ही उसके लिए गाली हो जाती है। यही उसके लिए अपशब्द हो जाते हैं कि आप उसे जानते नहीं। तो उसको लगता है कि मैंने जीवन भर में जो किया, मैंने इतने national award जीते, पद्मश्री जीता। मैं सांसद बनी, मैं अभिनेत्री बनी ये तो सब बेकार हो गया। क्योंकि मेरे ही fraternity के व्यक्ति ने कह दिया मैं आपको जानती नहीं। आप सोचिए कि कितना बड़ा जवाब अन्नू कपूर ने अपनी तरफ से दिया है। इससे बड़ा जवाब क्या हो सकता था। इससे बड़ी बेचैनी वो और क्या दे सकते थे। अब अन्नू कपूर को जब भी देखेंगी कंगना रनौत तो उनको याद आएगा।

वैसे कंगना रनौत जब भी किसानों को देखेंगी तो उन्हें बहुत कुछ याद आएगा। जब भी चंडीगढ़ का नाम सुनेंगी उन्हें बहुत कुछ याद आएगा। और जब भी वो अह ट्रोलर्स को ये देखेंगी। जो तरह-तरह के आरोप लगाते हैं एक-दूसरे पर उनको बहुत कुछ याद आएगा और हो सकता है जाने-अनजाने में अन्नू कपूर अपनी तरफ से एक गिफ्ट दे गए हों उन लोगों को जो कि कई बार ट्रोलर से परेशान हो जाते हैं और उन्हें समझ नहीं आता कि निकलना कैसे है इससे बाहर तो सबसे बढ़िया तरीका है आप कहे मैं कुछ जानता ही नहीं मैंने कुछ देखा नहीं पढ़ा नहीं मैंने कुछ जाना ही नहीं और ना जानना अपराध नहीं है ना पहचानना अपराध है तो जब आप जान और पहचान से परे है तो आप बाद में करेंगे। तो कुल मिलाकर ये मामला ये है।

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