एक मलयाली एक्ट्रेस ने मलयालम स्टार सिद्धिकी पर दुष्कर्म करने का आरोप लगा दिया है जिसके बाद सिद्धिकी ने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट के महासचिव पद से अब इस्तीफा दे दिया है. सिद्धिकी फिल्म सासनेहम सुमित्रा के लिए केरल राज्य फिल्म पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके है वो वहाँ का एक बड़ा नाम है.
सिद्धिकी मलयालम सिनेमा में काफी लोकप्रिय रहे है और वो अब तक साढ़े तीन सौ फिल्मों में काम कर चुके है. रोमांटिक हीरो से लेकर विलेन तक उन्होंने हर तरह की भूमिकाएं निभाई है. उन्हें केरल फिल्म अवार्ड और नंदी स्पेशल ज्यूरी अवार्ड भी मिल चुका है. और वो अभिनय के साथ-साथ निर्देशन भी करते हैं और फिल्म निर्माण में भी सक्रिय हैं. उन्नीस सौ अठासी में सिद्दीकी ने न्यू दिल्ली नाम की एक हिंदी फिल्म में भी काम किया था जिसके हीरो जितेंद्र थे. सिद्दीकी पर आरोप लगाते हुए इस अभिनेत्री ने कहा कि बारहवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद मेरे साथ एक भयानक घटना हुई.
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सिद्दीकी ने मुझे फेसबुक पर संदेश भेजे. मैंने एक फिल्म पर चर्चा करने के लिए उनसे मुलाकात की. उस समय मेरी उम्र इक्कीस साल की उस समय उन्होंने मुझे मानसिक और शारीरिक रूप मेरा यौन उत्पीड़न किया जिससे मेरा मानसिक और पेशेवर जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। ये एक्ट्रेस जो रेवती हैं ये कहती हैं कि उस वक्त उन्होंने ऐसा बर्ताव किया जैसे कुछ हुआ ही नहीं था। इस घटना ने मेरे मानसिक और पेशेवर जीवन को बुरी तरह बदल कर रख दिया।
और इस बारे में बोलने में मुझे काफी समय लग गया। सिद्धिकी पर ये आरोप तब लगा है जबकि आजकल हेमा समिति की रिपोर्ट के चलते मलयालम इंडस्ट्री में हंगामा पहले से ही चल रहा है। दरअसल ये मलयालम में महिलाओं के साथ यौन शोषण, लैंगिक भेदभाव और अमानवीय व्यवहार को लेकर बड़े खुलासे करने वाली रिपोर्ट है, दूसरी और एक और एक्ट्रेस ने नंदन जैसी अवार्ड विनिंग फिल्म का निर्देशन करने वाले रंजीत पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है, इसके बाद उन्होंने केरल चित्रकला अकादमी के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया है, एक्ट्रेस के अनुसार पालेरी मणिकियम फिल्म के निर्माण के दौरान रणजीत ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था.
महिलाओं ने लगाए अ है इसमें गलत डिमांड के आरोप इस ये जो रिपोर्ट सामने आई है, ये बताती है कि कई सारी ऐसी घटनाएं है जिसमें मलयालम फिल्म इंडस्ट्री का जो वर्क कल्चर है वो अब सवालों के घेरे में घिर चुका है रिपोर्ट के मुताबिक मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाली कई महिलाओं ने आरोप लगाया है कि काम शुरू करने से पहले ही उनके साथ गलत काम की डिमांड की जाती है. रिपोर्ट में ये भी लिखा गया है कि ये चकाचौंध से भरी दुनिया है जिसमें दूर से सब अच्छा लगता है लेकिन अंदर ये काफी कुछ घिनौना है.
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री कुछ मेकर्स है कुछ निर्देशक है और कुछ हैं उनके नियंत्रण में है ये सभी पुरुष हैं और वो पूरी मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को कंट्रोल करते हैं और वहाँ काम करने वालों पर हावी हो जाते हैं पावरफुल लोगों के ग्रुप को माफियास कहा जाता है क्योंकि अपने खिलाफ बोलने वालों के करियर को खत्म कर देते हैं बर्बाद कर देते हैं रिपोर्ट में कुछ बड़े एक्टर्स के इस ग्रुप में शामिल होने का दावा भी किया गया है असल में दो हजार सत्रह में मलियाली एक्ट्रेस पर यौन उत्पीड़न का आरोप सात लोगों पर लगा था और इसी मामले में मलियाली सुपरस्टार दिलीप को भी गिरफ्तार किया गया था इसके बाद मलियालम में महिलाओं की स्थिति को जांचने के लिए सीएम विजयन ने केरल हाई कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में हेमा कमेटी का गठन किया था दिसंबर दो हजार उन्नीस में रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई थी.
लेकिन कानूनी अड़चनों की वजह से ये रिपोर्ट जो है अब तक सार्वजनिक नहीं हुई थी लेकिन जब से ये रिपोर्ट सार्वजनिक हुई है मलयालम फिल्म इंडस्ट्री सबके निशाने पर आ गई है और लोग यही कह रहे हैं कि हमें लगता था कि ये गंदगी सिर्फ बॉलीवुड में है लेकिन ये गंदगी तो मलयालम फिल्मों में भी फैली हुई है। दोस्तों बहुत सारे लोग हैं जो एक-एक करके बाहर आ रहे हैं आपको याद होगा दो हजार अठारह में एक me too movement हुआ था उसके बाद बहुत सारी लड़कियां बहुत सारी महिलाएं निकल कर सामने आई थी जिन्होंने ये कहा था कि हमारे साथ गलत हुआ और उस वक्त हमारी कहने की हिम्मत नहीं थी.
लेकिन हाँ अब हमें हिम्मत मिल रही है ठीक ऐसा ही इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद हो रहा है अब आप सोचिए रिपोर्ट जो है दो हजार उन्नीस में बन गई थी लेकिन आज इतने साल बाद जब ये सार्वजनिक हुई है तो उसके सार्वजनिक होने के बाद कई पुराने किस्से निकल कर सामने आ रहे हैं मैं जानना चाहता हूँ कि इस तरह की खबर को जानने के बाद क्या आपके मन में प्रश्न उठ रहे हैं? कि क्या वाकई महिलाएं हमारे देश में सुरक्षित हैं? हाल ही में कोलकाता में जो हुआ है,
आप जानते हैं और उसको लेकर जिस तरीके से पूरे देश में मोहिम चल रही है, वो भी आपने देखी, दो हजार बारह में इस देश में निर्भया जैसा कांड भी हुआ था और बड़े दुःख की बात है कि चाहे निर्भया वाला कांड हो या कोलकाता वाला कांड हो, इसके अलावा भी आए दिन इस तरह की खबरें आती रहती हैं, एक रिपोर्ट तो ये तक बताती है कि हमारे रोजाना नब्बे महिलाओं के साथ दुष्कर्म होता है। इस सबके बीच आप इस रिपोर्ट को किस तरह से देखते हैं? साथ ही क्या आपको लगता है क्या कमी है सरकार की तरफ से जो ये सब इतना खुले आम चलता है कि काम की जगह पर सीधे तौर पर महिलाओं से इस तरह के sexual favors मांगे जाते हैं।
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