हंसल मेहता एक बहुत बड़ा नाम है इस समय, एक बहुत बड़े डायरेक्टर हैं। लेकिन उन्होंने हाल ही में एक interview दिया है जिसमें उन्होंने इस बात का खुलासा किया कि एक वक्त ऐसा भी आ गया था उनका जिंदगी में जब वो एकता कपूर के लिए एक टीवी शो का डायरेक्शन कर रहे थे, उन दिनों उनके दिन खराब चल रहे थे और शायद वाकई खराब चल रहे थे क्योंकि वो बताते हैं कि मैंने पंद्रह दिन हुए थे के स्ट्रीट पाली हिल के नाम से उनका ये टीवी शो था दो हजार पाँच की बात है, वो direction दे रहे थे।
पंद्रह दिन उन्होंने काम किया और उसके बाद एकता कपूर का उनके पास फोन आ गया, उसमें उन्होंने साफ कहा एकता कपूर ने कि आप प्लीज चले जाइए, जानते हैं क्यों कहा? उन्होंने कहा कि आप जिस तरह से काम कर रहे हैं ना ऐसे फिल्में बनती हैं। ऐसे टीवी शोज नहीं बनते। टीवी शो का एक अलग फॉर्मेट होता है और आप इसके लिए बिल्कुल भी सूटेबल नहीं है। अब आप सोचिए, डायरेक्टर कान पकड़ के बाहर कर दिया गया, लेकिन हंसल कहते हैं कि कुछ समय बाद एक मौका ऐसा भी आया जब एकता कपूर ने उन्हें खुद कांटेक्ट किया और उनके साथ एक वेब सीरीज उन्होंने बनाई, बोस, डेड और अलाइव और फिर उसको उन्होंने अपने जो उनका जो डिजिटल प्लेटफॉर्म है ऑल्ट बालाजी उस पर उन्होंने उसको वेब कास्ट किया तो हंसल मेहता कहते हैं कि जिंदगी में तरह-तरह के मौके आते रहते हैं।
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आज जब हम हंसल मेहता को देखते हैं, खासकर हम अभी की बात करें, उनका जो recent वर्क है। वो स्कैम nineteen ninety two है। हंसल मेहता पर भी बनाया था, उन्होंने शो और अब्दुल करीम तेलगी पर बनाया था, अब वो सहारा श्री पर बनाने वाले हैं। सहारा पर तो एक इतना बड़ा नाम, एक इतना बड़ा डायरेक्टर,
कैसे अपने उन खराब दिनों को याद करता है, एक interview में और कहता है कि मुझे तो direction नहीं आता है, ये कहकर बाहर कर दिया गया, फिर एकता कपूर आती है एक वेब सीरीज बनवाती है ऑल्ट बालाजी में मेरा वो शो चलता है और आज मेरा काम सभी को पसंद किया जाता है और आप देखें कि टीवी और सिनेमा का फर्क दूर हो चुका है आज हम जो ओटीटी पर कॉन्टेंट देखते हैं हम क्या उसे टीवी में काउंट करें या हम उसे सिनेमा में काउंट करें वो दोनों के बीच की एक कड़ी है और वहाँ एक अच्छा खासा काम कर रहे हैं हंसल मेहता दोस्तों ये मजेदार वाक्य है
जो उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू हुआ उसमें सुनाया और इस वाक्य से भी हमें काफी कुछ समझने को मिल है कि जरूरी नहीं है कि आपके दिन हमेशा एक से रहें और जरुरी नहीं कि आपका काम अगर बहुत अच्छा है तो आपको हमेशा सराहना मिलती रहे. कई बार ऐसे मौके भी आते हैं जब आपके काम को नकार दिया जाता है तो इसका मतलब ये नहीं कि आपका काम ख़राब है कई बार वक्त भी खराब होता है. तो हंसल मेहता के इस इंटरव्यू से हमको ये सिखने को मिलता है.