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डूबते बॉलीवुड को अम्बानी का शाहरा | Ambani’s Shahar to the sinking Bollywood

आखिर क्यों पूरा का पूरा Bollywood अपनी दुकान का shutter गिराकर सेठ जी की शादी में busy है आखिर ऐसी क्या वजह है जो बड़े बड़े फ़िल्मी सितारें जो अपने बेटा बेटी की शादी में किसी को खाना परोसते नहीं दिखाई देते वो सेठ जी की शादी में खाना परोस रहे है आखिर ऐसी क्या वजह है जो ये सारे फिल्मी सितारे इस बात का ऐलान कर चुके है कि सेठ जी की शादी में हमसे जो कहा जाएगा हम करेंगे हम वो काम भी करेंगे जो करते हुए हमें कभी किसी ने पहले कहीं देखा नहीं।

सब जानते हैं कि शाहरुख खान ने मन्नत बनाने के लिए खुद बहुत सी शादियों में जाकर dance किया, वो उनका पेशा था, उसका उन्होंने पैसा लिया लेकिन क्या कभी आपने शाहरुख खान का ऐसा कोई footage कोई वीडियो देखा है जिसमें वो शादी में dance कर रहे हो, इतने साल हो गए, आज तक ऐसा कोई वीडियो सामने नहीं आया, हाँ, कहा ये गया खुद शाहरुख खान ने इस बात को माना कि हाँ मैं पैसे के लिए शादियों में जाता हूँ और मेरे इस तरह की बातें कही जाती है लेकिन आपने कभी वो video देखा नहीं होगा। लेकिन अब आप बात करें अंबानी जी की wedding में कितनी अलग-अलग तरह के videos सामने आए।

हमने देखा आमिर खान को खाना परोसते हुए वो बेटी वाले बने हुए थे, लड़की वाले बने हुए थे, अमिताभ बच्चन बने हुए थे, लड़की वाले वो खाना परोस रहे थे और कहा ये गया कि ये तो रस्म थी अभिषेक बच्चन की तरफ से भी बयान आया था जब तमाम तरह की बातें लिखी गई तो ये कहा गया ये तो रस्म है, बेटी की शादी है, लड़की की शादी है, लड़की वाले खाना परोसते हैं, लेकिन आज से पहले क्या कभी बच्चन साहब किसी लड़की की शादी में नहीं गए? क्या आमिर खान किसी लड़की की शादी में नहीं गए? हमने तो कहीं पर भी ऐसा नजारा नहीं देखा?

तीनों खान 2024 में साथ में आएंगे

ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसा क्या है? जो पूरा का पूरा बॉलीवुड अंबानी जी के घर में शादी हो तो कभी वो क्रूज पर दिखाई देता है, कभी बस में बैठकर जामनगर में जाकर perform करते दिखाई देता है, कभी एंटीलिया में दिखाई देता है, और एक खास बात ये भी है, कि कुछ सितारें हैं जो इन महफ़िलों में दिखाई नहीं देते वो क्यों नहीं देते वो भी मैं आपको बताऊँगा लेकिन पहले आप जरा गौर करके देखिए कि इस समय जो बॉलीवुड की हालत खराब है क्या बॉलीवुड को इस खराब हालत से बाहर निकालने में सिर्फ एक ही शख्स मदद कर सकता है और वो अंबानी साहब है क्योंकि उनके पास एक तरह से पूरे बॉलीवुड की अब तो कमांड आ गई है उनके पास जियो सिनेमा है जियो स्टूडियो है तमाम चैनल है नेटवर्क एट्टीन ग्रुप के और बहुत कुछ है एक तरह से देखें तो अब तो बिग बॉस भी अंबानी जी है यानी बॉलीवुड के भी बिग बॉस बने बैठे हैं अंबानी जी क्या यही वजह है जो सारे के सारे बॉलीवुड वाले उनकी महफ़िल में जरूर जाते हैं और ऐसे-ऐसे काम करते हैं जो आमतौर पर वो किसी शादी में करते दिखाई नहीं देते।

जैसा मैंने जिक्र किया कि कभी आपने शाहरुख खान का कोई ऐसा वीडियो नहीं देखा होगा कि वो शादी में जाकर डांस कर रहे हैं जबकि उन्होंने बहुत सी शादियों में perform किया है। ऐसे कई सारे stars हैं जो पैसा लेकर शादियों में perform करते रहे हैं लेकिन उन्होंने ये भी सुनिश्चित किया कि उनके ऐसे वीडियो और ऐसे footages बाहर ना आए। लेकिन क्या है जो अंबानी जी की शादी में जाकर तीनों खान भी टॉवल डांस करते हैं मंच के ऊपर खड़े होकर और वो सारा फुटेज दिन भर इंस्टाग्राम पे चलता है और पूरी दुनिया देखती है और किसी को कोई ऐतराज नहीं क्या बॉलीवुड ने ये मान लिया है कि वो नतमस्तक है अंबानी जी के आगे क्या बॉलीवुड ने मान लिया है कि उनकी दुकान बंद हो चुकी है और अब इस बंद हो चुकी दुकान को अगर कोई दोबारा खोल सकता है तो वो ताकत सिर्फ अंबानी साहब में है?

क्योंकि ये सारी बातें इस बात को बताती है फिर चाहे के एक बड़े ओटीटी platform की बात हो, इतने सारे टीवी channels की बात हो, एक बड़े स्टूडियो की बात हो। दोस्तों एक दौर था जब बॉलीवुड में कम बजट में फिल्में बन जाया करती थी लेकिन फिर दौर बदला बाहर के स्टूडियोज आए और इन बाहर के स्टूडियोज ने हमें जानते हैं क्या सिखाया। हमें वही सिखाया जो पहले हमने दुनिया को सिखाया था। पहले हमने दुनिया को सिखाया था कि शून्य कैसे कहते हैं, जीरो का आविष्कार हमने किया था, जीरो की खोज हमने की थी फिर बाहर से जो स्टूडियोज आए वो हमें बताते हैं कि एक के कितने सारे शून्य लगाने चाहिए तो सौ करोड़ और हजार करोड़ हो जाता है।

बॉलीवुड का गेम बढ़ता चला गया और फिर धीरे-धीरे जब ये गेम बढ़ा और कॉन्टेंट अच्छा नहीं आया ओटीटी से कॉम्पिटिशन आया और कोरोना में लोग घर बैठ गए तो बॉलीवुड को उसकी नानी याद आ गई। इसी बीच हमें पता चलता है कि अंबानी साहब के घर में शादियां और एक-एक करके पूरा का पूरा बॉलीवुड लाइन लगाकर शूटिंग कैंसिल करके शूटिंग बंद करके स्टूडियो पे ताला लगाकर पहुंच जाता है यहां नाचने, गाने, perform करने, बारातियों का स्वागत करने, गेट पर खड़े होकर खाना न जाने ऐसे कौन सा जैसे आप ये माने कि बॉलीवुड का बिग बॉस आ गया हो जिसको कोई मना ही नहीं कर पा रहा है दोस्तों अब मैं आपको वो नाम बताता हूँ जो इन महफ़िलों में हमें दिखाई नहीं देते अभी आपने देखा विराट कोहली विश्वकप जीत कर आए एक दिन के लिए इंडिया आए और वो तुरंत अगले दिन उड़ गए लंदन क्योंकि वहाँ अनुष्का शर्मा रहती है अपने दोनों बच्चों से मिलने मुड़ गए। क्या विराट कोहली इस महफ़िल की शान नहीं हो सकते थे?

क्या विराट कोहली के साथ अनुष्का इस महफ़िल की शान नहीं हो सकती थी? लेकिन शायद अनुष्का को अब बॉलीवुड से उतना लेना-देना नहीं है, उन्हें फर्क नहीं पड़ता फिल्में मिले ना मिले वो अपनी family लाइफ में busy हैं इस महफ़िल में हमें हर वो चेहरा नजर नहीं आता जिसके लिए अब बॉलीवुड का career important नहीं है जैसे कैटरीना कैफ शादी करके घर बसा चुकी है जैसे परिणीति चोपड़ा शादी करके घर बसा चुकी है प्रियंका चोपड़ा जो अब हिंदुस्तान में नहीं रहती है लेकिन इसके अलावा हर वो चेहरा जिसको बॉलीवुड में करियर बनाना है या जिसका करियर दांव पर लगा हुआ है या जिसको लग रहा है उसकी दुकान बंद होने वाली है हर वो चेहरा इन महफ़िलों में दिखाई देता है दोस्तों बात ये नहीं है कि ये लोग शादी में perform करने के लिए कितना पैसा लेते हैं। सेल्फी खिंचाने के लिए कितना पैसा लेते हैं। ये तमाम बातें जो आती हैं रेट कार्ड के तौर पर ये सारी बातें अम्बानी जी की शादी में होने वाले कार्यक्रमों से बिल्कुल अलग हैं क्योंकि यहाँ बॉलीवुड वाकई में एक परिवार की तरह जाता है क्योंकि इस परिवार से कुछ मिलने वाला है।

इस परिवार से फॅमिली बिजनेस में मौका मिलने वाला है क्योंकि अब अगर हम ये कहें कि बॉलीवुड का एक ही बॉस है और वो है साहब तो कोई गलत नहीं होगा अब आप खुद सोचिए ऐसी दूसरी कौन सी शादी आपने इस देश में देखी है जहाँ पूरा का पूरा बॉलीवुड खड़े होकर नतमस्तक हो जाता हो और एक-एक करके सब के सब ऐसे खड़े होते हैं कि जी हम हाज़िर हैं आप बताइए हुक्म तो कीजिए तो जाहिर है ये सब तभी होता है जब एक उम्मीद होती है कि हाँ अब हमें काम भी मिलेगा अब हमें फिल्में भी मिलेंगी।

मलाइका बनी सलमान अर्जुन के बीच का कांटा | Malaika became the thorn between Salman and Arjun

हो सकता है हमारी फिल्म को finance कर दिया जाए, हो सकता है हमारी फिल्म को ओटीटी के लिए खरीद दिया जाए, हो सकता है हमारा कोई शो जो है वो किसी ओटीटी पर लांच कर दिया जाए ऐसी तमाम चीजें हैं और सब जानते हैं कि इस समय बॉलीवुड को पैसे की सख्त जरूरत है। बॉलीवुड इस समय अपने खराब दौर से होकर गुजर रहा है और ऐसे में सिर्फ एक ही आस है। और वो है अंबानी साहब और जब उनके यहाँ शादी होती है अब आप सोचिए शादी अह के कितने फंक्शन पिछले छह महीने से चल रहे हैं और पूरा का पूरा बॉलीवुड पहुंच जाता है जबकि अह ये वो स्टार्स है कि अगर आप इन्हें मैसेज कर दें तो ये तुरंत रिप्लाई देते हैं कि कहीं आप ये ना समझ लें कि खाली बैठे हैं। इनके managers के reply भी दो दिन बाद आते हैं कि we were busy we were shooting. लेकिन ये पूरा का पूरा बॉलीवुड सारे के सारे लोग एक साथ एक ही जगह पर इनकी dates कभी clash नहीं होती।

इनकी शूटिंग कोई अह important नहीं होती उस दिन, सारी की सारी शूटिंग कैंसल हो जाती है, सारे स्टूडियो पे ताले लग जाते हैं, सब के सब वहां पहुंच जाते हैं और अंबानी जी की शादी का ही नजारा था, जब हमने stars को बसों में बैठकर जाते देखा, वो stars अपनी बड़ी-बड़ी luxuries कारों से आते हैं, करोड़ों रुपए की कारों से आते हैं वो हमें बस तक में बैठे दिखाई दिए यानी आखिर ऐसा क्या है जाहिर है पैसे से बढ़कर है, यहाँ बात बॉस के घर होने वाली शादी की है। बॉस पर मुझे याद आ रहा है कि दुबई में जो डॉन रहते हैं, जिनका बॉलीवुड पर एक जमाने में बहुत बड़ा कब्जा था, दबदबा था।

ऐसा तो उनकी महफिलों में भी हमने नहीं देखा, वहां भी इक्का-दुक्का लोग पहुंचते थे, दो-चार पहुंचते थे चेहरे लेकिन यहां तो पूरा का पूरा बॉलीवुड लाइन लगाकर खड़ा होता है। आप सोचिए समय बॉलीवुड को इस बात का एहसास हो चुका है कि अगर उन्हें कोई बचा सकता है तो वो यही शादी है जिसमें नाच-नाच कर वो अपना भविष्य बचा सकते हैं क्योंकि अगर उन्होंने इसके लिए ना कर दिया तो फिर हाँ किसको कहेंगे किससे कहेंगे क्योंकि फिल्में बनना लगभग बंद है फिल्में लगातार पिट रही हैं प्रोडक्शन हाउसेस के बारे में खबरें आ रही हैं कि उन्होंने पेमेंट नहीं दिया है अपने crew members का सोचिए जो दो-दो चार-चार लाख रुपए के पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं बॉलीवुड के प्रोडक्शन हाउस अब वो इन बड़े stars को कहाँ afford करेंगे और इनको भी पता है कि इनका अब सिर्फ यही एक destination हो सकता है, जहाँ जाकर ये अपने बॉलीवुड को, अपनी दुकान को, अपने भविष्य को बचा सकते हैं।

क्यों टूटा अर्जुन और मलाइका का साथ? | Why did Arjun and Malaika break up?

बैन होगी मिर्ज़ापुर सीजन 3 | Mirzapur season 3 will be banned

मिर्जापुर 3 देखने वाले दर्शकों के जहन में कई सारे सवाल शुरू हो चुके हैं। सवाल कुछ ऐसे हैं कि मजबूरी में शुरू हुई गैंग से बाजी का मजा ले रहे गुड्डू पंडित मिर्जापुर की गद्दी को संभाल पाएंगे या नहीं? गुड्डू के गुब्बार को गेम प्लान से मैनेज कर रही गोलू का गोल पूरा होगा या नहीं? जौनपुर के जूनियर शुक्ला और शरद पूर्वांचल पर पकड़ की open position में अपना सिक्का भिड़ाकर पापा का सपना पूरा कर पाएंगे या नहीं? प्रेम के प्रपंच में भाई को भेंट चढ़ा चुके छोटे त्यागी का अगला टारगेट अब क्या होगा? मौत के मुहाने से लौट कालीन भैया के लिए अब मिर्ज़ापुर red कारपेट बिछाएगा या फिर कांटे और सबसे बड़ी बात ये कि मुन्ना भैया मृत्यु की शैय्या से लौटेंगे या निपटे हुए ही रहेंगे। तो जब आप दूसरा सीज़न देख चुके हों मिर्ज़ापुर का और तीसरा देखने वाले हों तो ये सारे सवाल हैं जो आपके जहन में आएंगे क्योंकि वो सारे सवाल हैं जो दूसरा सीज़न आपके जहन में छोड़कर गया था।

अब जो जवाब आया है मिर्ज़ापुर 3 के रूप में तो सवाल ये है कि इन सवालों के जो जवाब आए हैं उनसे क्या निकलकर सामने आता है? क्या दर्शक इन सवालों के जवाबों को गले उतार पाएंगे? देखिए गुड्डू पंडित पहले बागी बने फिर गुंडे फिर गैंगस्टर और अब उनको बनना है बाहुबली पहले सीजन से ही ये साफ था कि गुड्डू पंडित को पावर नहीं चाहिए. ये आदमी तो अराजकता फैलाने इस दुनिया में आया है और अब जब उसके पास मिर्ज़ापुर की पॉवर आ गई है तो वो क्या करेगा? मिर्ज़ापुर थ्री शुरू होता है गोलू से।

2023 के अंत में इन कहानीयों ने छोटे पर्दे पर धूम मचाई

जो कालीन भैया उर्फ अखंडानंद त्रिपाठी या उनकी dead बॉडी मिले बिना सांस नहीं लेंगी। कालीन भैया सिर्फ king of मिर्ज़ापुर नहीं थे, पूर्वांचल की power को जोड़ने वाला एक बड़ा power great थे, उनके जाने से अब ये power बिखरने लगी है। गुड्डू भले ही उनकी कुर्सी पर बैठकर खुद को खलीफा घोषित कर दे, लेकिन power का ये नियम है कि वो मिलती नहीं है। power को कमाना पड़ता है। और अपने खराब fuse के लिए बदनाम रहे, गुड्डू का सबसे बड़ा है जौनपुर का नया झंडा वरदार शरद शुक्ला, सुपुत्र of रतिशंकर शुक्ला जिसे गुड्डू ने एक सांस में का-खा पढ़ते हुए मार दिया था मगर शरद पढ़ा-लिखा चतुर चालाक, चौकस लड़का है और सब्र का भरपूर भंडार रखे हुए इस लड़के का दिमाग एबीसी भी नहीं बल्कि alpha beta गामा तक पढ़ लेता है।

गुड्डू ने तो थोक के भाव दुश्मन बनाए ही है। कोल्हू के हिस्से भी एक दिलजला आया है। भरत त्यागी बनकर जी रहा उसका जुड़वा छोटा भाई, शत्रुघ्न गोलू के चक्कर में पड़कर भाई खो चूका शत्रुघ्न अब आशिकी में केकड़ा बनने जा रहा है ये आपको तब समझ में आएगा जब आप इस शो को देखेंगे पंडित परिवार के सर अब एक नया दुख आया है। एडवोकेट रमाकांत पंडित ने सीजन टू में गुड्डू को बचाने के लिए एसएसपी मौर्या की हत्या कर दी थी अब वकील साहब खुद जेल में है और कैदियों को देखकर उनकी जो नैतिकता है वो अब डगमगाने लगी है।

उनका घर उनकी बेटी का प्रेमी रोबिन चला रहा है इधर कालीन भैया की पत्नी बीना त्रिपाठी परिवार के आखरी चिराग को मिर्जापुर की आँधियों से बचाने में लगी है गुड्डू को उनका फुल सपोर्ट है और उधर लखनऊ में स्वर्गीय मुन्ना त्रिपाठी की पत्नी मुख्यमंत्री माधुरी यादव उनके सामने भी सर्वाइवल का सवाल बहुत तगड़ा आकर खड़ा हो गया है माधुरी को अपने पिता की परम्पराओं पर चल रहे उनके पॉलिटिकल साथियों और दुश्मनों से निपटना है वो प्रदेश को मुक्त प्रदेश भी बनाना चाहती हैं और बाहुबलियों में कानून का भय भी भरना चाहती हैं। अब सवाल ये है कि जो इतने सारे ट्रैक्स चल रहे हैं इन सारे ट्रैक्स में क्या इतनी ताकत है कि वो दर्शकों को बांधकर रख पाएं? ये एक बड़ा सवाल है क्योंकि मिर्ज़ापुर टू जब ख़त्म हुआ, कई सारे सवाल छोड़ गया, मिर्ज़ापुर थ्री का इंतज़ार इसलिए था कि ये सारे सवालों के जवाब मिलेंगे या नहीं?

इतना मज़ा आएगा? या नहीं आएगा? आप जानते हो मिर्जापुर का शुरू से एक ट्रेडमार्क रहा है, खून खच्चर से दर्शकों को एकदम shock कर देना। मगर पहले सीजन से तीसरे सीजन तक आते-आते इसका इस्तेमाल अब कहना चाहिए कि ज्यादा समझदारी से हो रहा है। मिर्ज़ापुर 3 की खासियत इसकी intelligence है। पिछले दो सीजन को अगर आप देखें, उसके मुकाबले अब किरदार जो हैं, वो ज्यादा दिमाग लगा रहे हैं। यहाँ तक कि गुड्डू जैसा किरदार भी अब दिमाग लगा रहा है।

violence तो गुड्डू की यूएसपी है ही ये बात शो के writers ने establish भी कर दी है और इसको बहुत अच्छे से इस्तेमाल किया है लेकिन गुड्डू को हमेशा भभकते हुए की इच्छा रखने वालों को ये बात थोड़ी कम पसंद आएगी हालाँकि शो के अंत में जेल के अंदर डिजाइन किया गया एक पाइट सिक्वेंस जो है वो इसकी पूरी भरपाई कर देता है। मिर्ज़ापुर थ्री में कॉमिक रिलीफ पहले दो सीजन के मुकाबले काफी कम है। जहाँ भी है वो कहानी में थोड़ी ऐसा लगता है कि उसे जबरदस्ती जगह दी गई है और वो जो एक आपका मूड चल रहा होता है शो को देखने का उसमें खलल पैदा कर देती है जैसे एक undercover कॉप किरदार और प्रदेश के अह जबरदस्त जबरन गलत शब्द पढ़ने की जो उनकी नौटंकी है वो डिस्टर्ब करती है।

फिर मुश्किल में फसे संजय दत्त, बादशाह, जैकलीन | Sanjay Dutt, Badshah, Jacqueline in trouble again

मिर्ज़ापुर में शुरू से ही कई सारी कहानियां आपस में क्रॉस होती रही है, आप जानते हैं इस बार इसे बहुत बेहतर तरीके से डील किया गया है, मगर शत्रुघ्न त्यागी का जो सब प्लॉट है वो शायद लोगों को लगेगा कि और थोड़ा दिखाना, दिखाया जाना चाहिए था, सीजन two में भी त्यागियों का मामला कुछ अधूरा सा रह गया था, इस बार भी वो मेन मुद्दे में ज्यादा contribute नहीं कर पाए हैं, दूसरे सीजन में जो एक नया आया था। जो जनता का favourite बन गया था इस बार उसे और ज्यादा अच्छे तरह से दिखाए जाने की उम्मीद है मगर शो ने यहाँ निराश किया writing में किरदारों को मार देना अक्सर ये दिखाता है कि राइटर उनसे बेहतर काम नहीं करवा पा रहे थे और उन्हें एक बेवजह का एक जटिल अह ट्रैक बनाकर और फिर उन्हें हटा दिया गया।

हो ये भी सकता था कि जिन किरदारों को निपटाया गया है उनसे कुछ और बेहतर अह कहानी निकलवाई जाती है, कुछ और बेहतर करवाया जाता शो का जो असली मजा है वो शरद शुक्ला और माधुरी का है। इन दो किरदारों की राइटिंग बहुत अच्छी है। दोनों यंग हैं, अच्छे पढ़े-लिखे हैं, एक नई यूनिवर्स में जीने का ख्वाब देखते हैं, विरासत में मिले कीचड़ में उतरना है, फिर उन्हें बैलेंस बनाना है और कैसे वो इसमें बैलेंस बनाते हैं, नहीं बनाते हैं। ये काफी देखने में interesting लगता है। मिर्जापुर 3 में सबसे ज्यादा मजा आता है, महिला किरदारों को देखते हुए।

बीना, माधुरी, गोलू और जरीना अपनी-अपनी रॉ में अपना काम अच्छे से करके गए हैं, डायरेक्टर्स गुरमीत सिंह और आनंद अय्यर के साथ-साथ writers की team भी अह बहुत हद तक मिर्जापुर 3 के लिए जिम्मेदार मानी जानी चाहिए कि अह जो महिला किरदार है उन्हें बहुत असरदार बनाया गया है। तीसरे सीजन में मिर्जापुर किरदारों के ट्रीटमेंट conflicts और कैमरे की नजर से details दिखाने में भी काफी समझदारी दिखाई गई है, dialogues हमेशा की तरह तैशबाजी से भरे हैं, emotion वाले scenes में आपको emotions महसूस होंगे, शो ने अपना एक जो feature है उसको बनाकर रखा सी भी हालत में आप किरदारों से जैसे बर्ताव की आशा करते हैं वो वैसा बिल्कुल नहीं करते यानी आपको शॉक वैल्यू उसमें काफी मिलने वाली है।

जो कि आपको और भी ज्यादा बांध कर रखती है। मिर्ज़ापुर से भले ही कितनी ही शिकायतें हो मगर actors के काम के मामले में इस शो का लेवल काफी ऊपर है। अली फजल पंकज त्रिपाठी, ऋषिका दुगल और श्वेता त्रिपाठी पहले सीजन से ही जिस तरह से लोगों को बांधकर रख रहे थे। और इस बार भी बिल्कुल ऐसा है कि इन सारे किरदारों ने अ दर्शकों को बांधने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। और अगर हम देखें कि विजय वर्मा जैसा उम जैसे ही कुछ माहौल बनाते हैं तो फिर उनका character उस तरह से सामने नहीं आता और इस वजह से अह ऐसा लग रहा है कि कुछ और बेहतर हो सकता था लेकिन हाँ तब भी ठीक है कुल मिलाकर मिर्जापुर में शुरू से ही एक moral scale यानी कि नैतिकता के कांटे की तो कमी रही है जो अब तीसरे सीजन में और भी ज्यादा आपको महसूस होगी।

छह साल और season तक survive कर चुके इस show में अभी तक आप किसी भी किरदार से ये उम्मीद नहीं कर सकते कि वो बड़ा morally behave करेगा एक तरह से पूरा dark ah ये संसार है dark दुनिया है लेकिन आप जानते ही है कि मनोरंजन उसी का नाम है जो आपकी monotonous life को थोड़ा सा एक break दे कुछ नया दिखाए और इससे ज्यादा मैं कुछ बताना नहीं चाहूँगा मैं चाहूँगा कि आप अब इस show को खुद देखे अपना review आपने इस शो को कितना पसंद किया, नहीं किया?

मिर्जापुर में होगी गन्दी बात | Dirty talk will happen in Mirzapur

वो कौन सी सी चार बातें हैं जिससे बॉलीवुड का खात्मा हो गया | What are those four things that destroyed Bollywood?

चार बातों की जो जिम्मेदार है बॉलीवुड की इस खराब दशा के लिए आखिर ऐसा क्या हुआ है बॉलीवुड को किसकी नजर लग गई है बॉलीवुड वाले लगातार क्या गलतियां कर रहे हैं और एक के बाद एक हर फिल्म में वो गलती हो रही है हर प्रोड्यूसर वो गलती कर रहा है फिर भी वो गलती समझ नहीं आती दिखाई नहीं देती हमारे जैसे लोग आंखें खोलने की कोशिश करते हैं आंखें खुलवाने की लेकिन फिर भी आंखें नहीं खोलते वो गलतियां क्या हैं? आइए मैं आपसे एक सवाल पूछता हूं अगर मैं आपसे ये कहूं कि आप मुझे top favorite बॉलीवुड के writers के नाम बताइए।

आप सोच में पड़ जाएंगे। आपको पाँच क्या आपको शायद तीन writer के नाम भी ना पता हों, दो के भी ना पता हों, जो आजकल फिल्मों की कहानियाँ लिख रहे हैं। तो ये तो importance है हमारे बॉलीवुड में कहानीकारों की, जो कहानियां लिखते हैं, कहानी जो फिल्म की बैकबोन होती है, कहानी जिसके आसपास सब कुछ बुना जाता है। कहानी से ही तो निकलता है हीरो, कहानी से निकलती है हीरोइन, कहानी से निकलता है विलेन। और इस कहानी से निकलने वाले हीरो, हीरोइन और विलेन को तो इतने पैसे दे दिए जाते हैं लेकिन जो कहानी है उसका तो नाम तक के पता नहीं है और आप सोचिए इसका नाम तक आपको नहीं पता उसको ये पैसे क्या देते होंगे।

कल्कि फेक कलेक्शन, बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट | Kalki Fake Collection, Box Office Report

तो पहली गलती ये है कि ना तो कहानी पर कभी ध्यान दिया गया है और ना ही ध्यान दिया जाता है इसीलिए ये हाल है। दूसरी गलती जानते हैं क्या है? दूसरी गलती है कोई भी खतरा ना लेना। खतरे का मतलब ऐसा नहीं कि तीन सौ करोड़ रूपए खर्च कर दो। इसको खतरा नहीं कहते हैं, इसको बेवकूफ ही कहते हैं, खतरे का मतलब ये होता है कि आप एक ऐसा risk लीजिए। कोई ऐसा टॉपिक लेकर आइए जिस पर पिछले कुछ लोगों ने content ना देखा हो आप लोगों को बांध पाएंगे, कुछ नया दे पाएंगे।

लोग आपकी तरफ attract होंगे वरना वो घिसी पिटी भाषा में कहते हैं ना अरे यार ये तो typical बम्बई या फिल्में मसाला फिल्म है पता है इसमें क्या होगा हीरो, हीरोइन विलन बस या लव ट्रायंगल कोई घिसे पिटे फार्मूले, कुछ नया आप try नहीं करते क्योंकि जब भी कुछ नया try किया गया है तो वो चला है। फिर चाहे लगान जैसी फिल्म हो या बारहवीं फेल जैसी फिल्म हो जब भी नए प्रयोग हुए वो चलते हैं। तीसरी सबसे बड़ी गलती क्या है कि जो हिट हो गया उसको कॉपी कर लो। कांतारा साउथ में हिट हुई अब आप उसको कैसे बनाएंगे आप? वो तो कल्चर वहां का है। आप बाहुबली को रीमेक बना देंगे क्या? बाहुबली वहां की फिल्म थी।

आप किसका रीमेक बनाएंगे? किस-किस का रीमेक बनाएंगे? आपने सेल्फी एक रीमेक बनाया था ना, फ्लॉप हो गई। कितने रीमेक्स हैं जो फ्लॉप हो गए, क्योंकि उस भाषा में ही अच्छे लग रहे थे, वो वहां की कहानी थी। उसमें वहां की खुशबू थी, लेकिन आपको लगा कि नहीं मैं तो पेट केक बनाकर बेचूंगा। पेठा-पेठा है, केक-केक है। सबकी अपनी खासियत है। कुल मिलाकर कहने का मतलब ये है कि जब आप दूसरे की देखा-देखी कॉपी करने लगते हैं, तब आप खुद का अस्तित्व खो देते हैं और बॉलीवुड यही कर रहा है। ना अपनी नई कहानी लाता है। ना कोई खतरा मोल लेता है, नए सब्जेक्ट को बताने को लेकर और जब कहते हैं कुछ नया करो तो जो हिट हो गया पहले से उसकी तरफ देखते हैं, बोलते हैं, आओ मैं तुमको कॉपी कर लेता हूँ।

और तीसरी सबसे बड़ी गलती ये करने के बाद कि आप दूसरे को कॉपी कर रहे हैं, आप चौथी सबसे बड़ी गलती करते हैं, जानते हैं क्या? आप उन्हीं को बार-बार रिपीट करते हैं। वही तीस साल से खान साहब, खान साहब, खान साहब चले जा रहे हैं, चले जा रहे हैं, चले जा रहे हैं। अब खान साहब बूढ़े हो गए तो खान साहब के भांजे, भतीजे, बेटा, बेटी, रिश्तेदार, पड़ोसी, नातेदार सब आ रहे हैं। भाई क्यों? नए लोग नहीं है क्या? राजकुमार राव कहीं से आए हैं ना? कार्तिक आर्यन कहीं से आए हैं ना? नवाजुद्दीन कहीं से आए हैं इरफ़ान खान कहीं से आए थे इतने नए चेहरे आए और जब भी कोई नया चेहरा आया उसने कभी निराश नहीं किया।

लेकिन nepogates की वजह से आप दर्शकों को forgranted लेते हैं दर्शक खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं ना आप नई कहानी ला पाते हैं ना कोई नया टॉपिक होता है आपसे कुछ अच्छे की उम्मीद करो तो जो पहले से किसी ने अच्छा किया हुआ है आप उसकी कॉपी कर लेते हैं यानी दूसरे के **** पर अपना लेबल लगाकर बेचते हैं और कुछ नया करने के बारे में सोचे तो आप कहते हैं ठीक है हम कुछ नेपोगिट्स को ले आते हैं तो आप सोचिए कि इस सब के बाद कोई भी दर्शक आपकी फिल्म पर पाँच सौ रुपया क्यों खर्च करें और पांच सौ रुपया तो मैं बहुत कम बोल रहा हूं आप अगर सिनेमा के साथ पॉपकॉर्न और कोल्ड ड्रिंक और आना-जाना, रिक्शा, भाड़ा, टैक्सी, टाइम सब गिनेंगे तो हजार रुपए चले जाते हैं. कोई आपको हजार रुपए क्यों दे?

आप तो कहानी तक पर काम नहीं करना चाहते आप तो नए कहानीकार तक को मौका नहीं देना चाहते. आज बड़ी इंडस्ट्री है बॉलीवुड बहुत बड़ा नाम है. विदेशों में पहचान है. पाँच राइटर भी नहीं जाने जाते हैं बॉलीवुड के आप सोचिए कि विदेश में लोग कितनी हंसी उड़ाते हैं कि बॉलीवुड अच्छा वहाँ पर राइटर होते हैं वो लोग कहानियाँ भी लिखते हैं अरे उनकी फिल्मों में तो सिर्फ नाच गाना होता है. ये छवि बनी है. क्यों? क्योंकि आप रिपीट कर रहे हैं. हर फिल्म में शाहरुख खान, शाहरुख खान लगते हैं. हर फिल्म में अक्षय कुमार, अक्षय कुमार लगते हैं. सलमान खान के तो कहना ही क्या?

और बड़े स्टार्स को सो कॉल्ड बहुत बड़ा कहा जाता है शाहरुख खान चार साल घर पे बैठे थे सलमान खान पिछले पांच साल में कोई हिट नहीं आई है सुल्तान के बाद से तो मुझे कुछ सुनाई नहीं दिया कि उनकी कोई फिल्म हिट हुई हो आमिर खान लास्ट जो रिलीज फिल्म है उसका हाल देख लीजिए लाल सिंह चड्ढा तो हालत ये हो चुकी है बात ये है कि आप जब फिल्म बनाने के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाना शुरू करते हैं ना दर्शक आपको बताना शुरू करते हैं दोस्तों आजकल जो खबरें आ रही हैं ना अमिताभ बच्चन साहब ने अह ऑफिस खरीद अभिषेक बच्चन ने फ्लैट खरीद लिए। तमन्ना भाटिया ने commercial space खरीद लिया। ये जो तमाम खबरें आ रही हैं जानते हैं क्या है ये? ये साफ इस बात को बताती है कि फिल्म इंडस्ट्री में अब दम नहीं है।

ये फिल्म इंडस्ट्री के लोग अब रियल स्टेट में पैसा इसलिए लगा रहे हैं क्योंकि इनको मालूम है। कि इस पैसे को जो ये कमा रहे हैं यहाँ से इन्वेस्ट कहीं और करना पड़ेगा। फिल्मों में अब कमाई नहीं है। क्योंकि लोगों के सामने ये सारे रहस्य उजागर हो चुके हैं कि आपने पिछले कुछ सालों में कुछ भी नहीं किया है। और लोगों के पास ऑप्शन है, वो ओटीटी पे जाते हैं, कोरिया का content देखते हैं, ईरान का content देखते हैं। वो टर्की देखते हैं। पाकिस्तान तक का content देख लेते हैं पर बॉलीवुड को नहीं देखते। जानते हैं क्यों? इसके लिए आप ही जिम्मेदार हैं। आपकी फिल्मों में कहानियां ढूंढने से नहीं मिलती।

आपकी फिल्मों में नए चेहरे ढूंढने से नहीं मिलते। आपकी फिल्मों में नया content ढूंढने से नहीं मिलता और अगर कोई बना देता है ना बारहवीं फेल जैसी फिल्म तो छह महीने तक चलती है वो। छह महीने तक चलती है। क्यों? क्योंकि बेचारे छह महीने तक, अगले छह महीने तक कोई नया content आया ही नहीं तो लोग बारहवीं फेल को ही देखे जा रहे थे। और जो बड़े-बड़े प्रोड्यूसर सैकड़ों करोड़ों रूपए खर्च करके फिल्में बनाते हैं वो ठप्प हो जाती है। अक्षय कुमार एक टाइम में नाम था सबसे ज्यादा टैक्स पे करने वाला एक्टर सबसे ज्यादा टैक्स पे करने वाला एक्टर और पिछले इतने सा लो से लगातार फ्लॉप पे फ्लॉप दे रहा है।

एक गणित किसी के समझ में आता है? आपने अक्षय कुमार को पिछली बार कौन सी फिल्म में कोई किरदार निभाते देखा था? वो तो पृथ्वीराज में भी पृथ्वीराज जी नहीं बन पाए वो अक्षय बने रहे. साल में चार-चार फिल्में करते हैं. महीने दो महीने में एक्टिंग खत्म कर देते हैं. करैक्टर में घुसे उससे पहले तो फिल्म रिलीज हो जाती है. तो हाल ये है कि आज बॉलीवुड सिवाय बेवकूफ बनाने के और कुछ नहीं कर रहा है. बॉलीवुड में असल में फिल्में नहीं बनाई जाती, दर्शकों को बेवकूफ बनाया जाता है। आप सोचिए कि ऐसी फिल्म इंडस्ट्री जहाँ के राइटर को कोई जानता तक ना हो मतलब बॉलीवुड मुझे लगता है दुनिया में अकेली ऐसी फिल्म इंडस्ट्री है, जहाँ के राइटर को कोई जानता ही नहीं है।

वहां का राइटर बड़ी से बड़ी सुपरहिट फिल्म का कोई राइटर जा रहा होगा, उसका नाम तक लोगों ने बताया होगा क्यों? क्योंकि हमने कभी तवज्जो ही नहीं दी। हमने तो वही पुराने घिसे-पिटे फार्मूले पर फिल्में बनानी है, नए लोगों को मौका देना नहीं है, मालूम है इतने insecure है इसलिए किसी और को घुसने भी नहीं देंगे क्यों? क्योंकि ये हमारी राजगद्दी चली जाएगी, अब ये राजगद्दी जो है वो ढहने वाली है, इसलिए फिल्म इंडस्ट्री के लोग बाहर पैसा लगा रहे हैं क्योंकि वो जानते हैं। अब फिल्म इंडस्ट्री पैसे कमाने की जगह नहीं रह गई है। साढ़े तीन सौ करोड़ में बनी थी, बड़े मियां, छोटे मिया। साठ करोड़ भी नहीं कमा पाई, ये तो सिर्फ example है।

अकेली ऐसी फिल्म नहीं है ये। लोग सा लो से फ्लॉप फिल्में दे रहे हैं। आप बताइए ना, अक्षय कुमार की, सलमान खान की आमिर की कौन सी फिल्में हिट हुई है पिछले कुछ सा लो में? शाहरुख खान तक को चार साल घर पे बैठना पड़ा था जिन्हें कहा जाता है कि वो so called बहुत बड़े सुपरस्टार है। घर बैठा हुआ था ये सुपरस्टार। क्रिकेट टीम खरीद के पैसा कमा रहा था क्योंकि फिल्मों में लोगों ने आउट कर दिया था ये असलियत है बॉलीवुड की।

बॉलीवुड को अगर सुधारना है तो सबसे पहले कहानी पर ध्यान देना होगा। innovation पर ध्यान देना होगा। नए लोगों को नए talent को लाना होगा और लोगों से लोगों को बेवकूफ बनाना छोड़ना होगा, सिनेमा बनाना शुरू करना होगा।

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कल्कि फेक कलेक्शन, बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट | Kalki Fake Collection, Box Office Report

कुछ सालों पहले इंडियन सिनेमा में जब आदि पुरुष को announce किया गया हर किसी ने बोला था इस फिल्म का collection बीट करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा। लेकिन एक universal fact बताऊँ प्रभास का रिकॉर्ड अगर कोई तोड़ सकता है तो उसका नाम है प्रभास। हाँ जी प्रभास वर्सेस प्रभास की लड़ाई में फिर से प्रभास जीत गए। सिर्फ छह दिन माने डेढ़ सौ घंटे से भी कम है प्रभास ने उस फिल्म का lifetime collection क्रॉस कर दिया है जिसको एक time पे इंडिया की सबसे बड़ी फिल्म माना गया था। ये कांड करने वाली फिल्म का नाम आप जानते ही हो, कल की two eight, nine, eight, एडी इतना तो फिल्म को थिएटर में हुए टाइम नहीं हुआ जितने records इसने तोड़ डाले हैं।

हैरान रह जाओगे आप ये सुनकर कि सिर्फ छह दिनों के अंदर कल की दो हजार चौबीस में हिंदी की नंबर वन फिल्म बन चुकी है already पूरे साल का रिकॉर्ड सिर्फ छह दिनों में टाटा गुडबाइक खत्म। कल की पैन इंडिया मार्केट को अनलॉक कर चुकी है जिसका सॉलिड प्रूफ है तेलुगु के डाउन जाने के बाद भी तमिल और हिंदी नंबर्स में बैलेंस बने रहना। फिल्म का हिंदी बिजनेस ट्रेड एक्सपर्ट को बिजली के झटके की तरह लगा है जिन्होंने predict किया था आदि पुरुष का failure और सलाह के ब्लेम गेम के बाद फिल्म पिट जाएगी। लेकिन कमाल की बताऊँ साहू जो डायरेक्ट बाहुबली के बाद रिलीज हुई थी उसका लाइफ टाइम कलेक्शन हिंदी में कल्कि ने already क्रॉस कर दिया है।

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इस वक़्त जब आप ये वीडियो देख रहे हो कल्कि ने नॉट बेल्ट में सिर्फ हिंदी शोज के अंदर डेढ़ सौ करोड़ का नंबर achieve कर लिया है in net figures. और इस सेकंड week के खत्म होने के पहले-पहले प्रभास की फिल्म double century markets three two जैसी movies को solid challenge देने वाली है। वैसे कुछ लोग बोल रहे हैं तीन सौ करोड़ for कल्की in Hindi मुश्किल होगा लेकिन मेरे हिसाब से साढ़े तीन सौ चार सौ करोड़ का नंबर काफी easily cross हो सकता है because सिर्फ नंबर नहीं फिल्म को पब्लिक का सॉलिड रिस्पेक्ट भी मिल रहा है जिसका सीधा इंपैक्ट पड़ा है थिएटर ओनर और डिस्ट्रीब्यूटर्स के ऊपर.

ये लोग कल्कि को मैक्सिमम शोज देना चाहते हैं मल्टीप्लेक्स स्क्रीनस में तो ऑलमोस्ट हर घंटे फिल्म का नया शो एड किया जा रहा है. और इसी वजह से अजय देवगन जैसे बिग ब्रांड स्टार की फिल्म औरों में कहाँ दम था वो भी जबरदस्ती पोस्टपोन करना पड़ा कोई स्कीम देना ही नहीं चाहता है. कुछ लोग बोलेंगे नहीं लेकिन मन ही मन सोच रहे होंगे अजय देवगन थे तो चुपचाप हट गए लेकिन बादशाह एसआरके होते तो प्रभास को हटना पड़ता. Versus डंकी के clash के time क्या-क्या नहीं देखने को मिला? इतना गंदा फैन war plus screens को लेकर इतना dirty politics एसआरके वर्सेज प्रभास ये वर्ल्ड war जैसा है। तो गुरु shocked रह जाओगे आप ये सुनकर कि कल्की ने एसआरके की most popular फिल्म जवान का collection surprisingly बीट कर दिया है। कड़वा है लेकिन सच है।

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छह दिनों के अंदर-अंदर जवान का बिजनेस जब इंडिया से net figures में तीन सौ पैंतालीस करोड़ बाहर आया था तो प्रभास की फिल्म तीस करोड़ आगे तीन सौ सत्तर प्लस पे खड़ी हुई है। चलो ये तो हो गई इंडिया की बात आपस में लड़ाई चलती रहती कल्कि के मेकर्स ने हमें रिलीज से पहले सपने दिखाए थे पैन वर्ल्ड सिनेमा के. तो बॉस जो वादा किया था वो निभा दिया है तो बॉस एंड टीम ने क्योंकि कल्कि टू एट, नाइन, एट, एडी सिर्फ इंडिया नहीं नॉर्थ अमेरिका में भी नंबर वन फिल्म बन चुकी है. बिगेस्ट ओपनिंग वीकेंड नंबर किसी भी इंडियन फिल्म के लिए ये रिकॉर्ड कल्कि के नाम लिखा जा चुका है. एंड फिल्म अब टोटल लाइफ टाइम कलेक्शन में नंबर छह पे बैठी है.

इस लिस्ट में बाहुबली टू, पठान, जवान, आरआरआर और एनिमल टॉप फाइव में आती है. लेकिन कल्कि को अभी सिर्फ दिन हुए हैं, पूरा महीना पड़ा है इस लिस्ट को बनने के लिए। इतना सब कुछ सुनने के बाद आप लोग सोच रहे होंगे, हर कोई कितना proud होगा, कल की जैसी फिल्म के लिए, इसको ही तो बोलते हैं, real इंडियन सिनेमा। ना कोई east, west, not, south सिर्फ content power और पूरा इंडिया इसको सच्चे दिल से सपोर्ट भी करेगा। फिल्म industry वाले लोग तो खुशी से पागल हो गए होंगे।

बस यहीं पे आता है, कहानी में twist. ये सारी बातें अचानक से धरी की धरी रह जाएंगी, अगर मैं आपसे ये बोल दूँ कि कल्कि का collection fake है, झूठा है। tension मत लो, मैं नहीं बोल रही हूँ, लेकिन काफी लोग बोल रहे हैं, वो भी with proof और सिर्फ अपने मन नहीं सोशल मीडिया पे उधम मचा रखा है दिन-रात. और जिस चीज की वजह से प्रभास के फैन्स और कल्कि के मेकर्स को टेंशन होना चाहिए वो ये कि उल्टा-सीधा बोलने वाले लोग डायरेक्ट फिल्म लाइन से जुड़े हुए हैं.

देखो जो ऑफिशियल नंबर्स इंटरनेट पे पढ़ने को मिलता है. उसके हिसाब से कल की two eight, nine, eight, eighty का business in India after सिक्स days है three seventy करोड़ प्लस in net figures. जबकि ग्रॉस में चार century और half century touch करके कल की चार सौ पचास करोड़ के नंबर से ठीक पहले खड़ी हुई है. Easy simple. चलो अब worldwide की गिनती समझा दूँ इंडिया से बाहर कल्कि ने double century मार के दो सौ करोड़ का नंबर cross कर लिया है आसानी से इस हिसाब से थोड़ा maths लगा के बताऊँ तो कल्कि two eight nine eight eighty का सिक्स days worldwide business पूरे सात सौ करोड़ से थोड़ा सा कम छह सौ अस्सी करोड़ के आसपास जाता है बस ये सुनते ही कुछ लोग भड़क गए हैं पाँच दस करोड़ नहीं पूरे अस्सी करोड़ का manipulation किया गया है collection में ऐसे इल्जाम लगाए जा रहे हैं

इन लोगों के हिसाब से Kalki अभी तक worldwide छह सौ करोड़ cross करना तो छोड़ो film उससे भी दस पंद्रह करोड़ पीछे ही बैठी हुई है इवन एक कदम आगे बढ़के ये भी बोल रहे हैं कि टिकट प्राइज नॉर्मल से काफी heavy रखे गए हैं इसीलिए प्रभास की फिल्म इतना बड़ा नंबर achieve कर लेगी वरना चार सौ करोड़ भी क्रॉस नहीं होता इन लाइफ टाइम अब नॉर्मल ऑडियंस इस वक्त सोच रही होगी कि एक ही फिल्म के दो अलग-अलग डेटा कैसे आ सकते हैं वो भी इतना बड़ा डिफरेंस बिजनेस में कैसे आ गया? क्लियरली समझाती हूँ आपको इस बात के पीछे दो बड़े-बड़े रीजन है एक मैथमेटिकल दूसरा इमोशनल बात ऐसी है जो वर्ल्ड व्हाइट कलेक्शन आता है उसमें इंटरनेशनल बिजनेस ट्रैक करने वाली कोई ऑफिशियल वेबसाइट होती नहीं है.

इसीलिए फिल्म की टीम अपने नंबर्स बताती है तो लोग अपनी चॉइस के हिसाब से उसको मान लेते हैं या फिर उसको बदनाम करने लगते हैं। आप सोचोगे किसी की क्या पर्सनल दुश्मनी हो सकती है किसी फिल्म के साथ इस पूरी दुश्मनी की जड़ क्या है आप जानते हो समोसा with चटनी। ये समोसा खाने की बहुत बुरी आदत लग चुकी है स्पेशली अपनी बॉलीवुड हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को इसीलिए रिलीज़ के टाइम टिकट के साथ समोसा अगर फ्री नहीं मिलता तो कुछ लोगों का स्वाद और दिमाग दोनों बिगड़ जाते हैं जिसका रिजल्ट वही होता है जो आजकल आप कल्की के against सोशल मीडिया पर देख रहे हो।

ये सेम टारगेट की गई थी सलाह के टाइम पे भी एक अच्छे खासे सिनेमेटिक experience को हिंदी ऑडियंस से छीन लिया उनको manipulate करके। आयरन ही यहाँ पे ये है कि समोसा लवर्स के हिसाब से आधी पुरुष एक मास्टर पीस experience था लेकिन कल की एक disaster है प्रभास की वजह से failure है। but अंदर ही अंदर दिक्कत इन लोगों को ये है कि बिना किसी पीआर बिना किसी प्रमोशन के कल की ऑडियंस तक पहुँच कैसे गई? इनका फ्री वाला समोसा तो चला गया ना बॉस कलेक्शन की वजह से कोई फिल्म हिट फ्लॉप हो सकती है लेकिन अच्छी या बुरी नहीं बनती। कल की एक once in a generation की फिल्म है.

कल की जैसी फिल्म चलेंगी तो आगे सौ इसके जैसी और फिल्म्स बनेंगी. आपको नहीं लगता कल की पार्ट टू ये छह सौ सात सौ करोड़ एक दो दिन में कमा के इन सब का मुँह बंद कर देगी. बात पैसे की है ही नहीं फिल्म्स को बनाना और फिल्म को जबरदस्ती बेचना ये डिफरेंस नॉर्मल ऑडियंस जिस दिन समझ जाएगी प्रभास की इज्जत आपकी आँखों में खुद बढ़ जाएगी. फिलहाल तो फेक कलेक्शन वालों को थैंक यू बोलना क्योंकि उनकी वजह से ही कल्की का हाइट टेन टाइम मल्टीप्लाई हो गया.

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अरमान मलिक ने मुझे कहीं का नहीं छोड़ा | Armaan Malik left me nowhere

बिग बॉस के घर से बाहर आ चुकी है पायल मलिक, अरमान मलिक की पहली वाइफ और बाहर आते ही उन्होंने बिग बॉस की पोल खोलनी शुरू कर दी है। बहुत कुछ ऐसा बताया है जिसे सुनने और देखने के बाद लोगों को अब बिग बॉस का गेम समझ में आने लगेगा। देखिए आप सभी जानते हैं कि पायल मालिक, कृतिका मलिक और अरमान मलिक ये तीनों एक साथ अपने यूट्यूब चैनल पर तो दिखते ही रहते हैं।

अब इनके यूट्यूब चैनल से बिग बॉस अगर इन्हें अपने घर में बुला लेते हैं तो क्या नया वाला था कुछ भी नहीं जो यूट्यूब पर चल रहा था वही वो वहां करने लगते इसलिए ये जो गेम था वो पहले से ही प्लान्ड था कि बुलाया तो इन तीनों को जाएगा लेकिन इन तीनों में से किसी एक को यानी जो दोनों बीवियां हैं उनमें से एक बीवी को बाहर कर दिया जाएगा ताकि गेम का वो मजा आए जो यूट्यूब पर नहीं आता क्योंकि यूट्यूब पर तो तीनों साथ में रहते हैं आपने देखा होगा कि इनसे शुरुआत से ही ऐसे सवाल पूछे गए अरमान मलिक से पूछा गया दोनों बीवियों का comparison कराया गया किसके साथ सोना हैं, किसके साथ जाना चाहते हैं, कौन ज्यादा रोमांटिक है, तमाम तरह के सवाल पूछे गए। अब जब बाहर निकलकर आई हैं पायल मलिक तो उन्होंने एक इंटरव्यू दिया है अह इसके अलावा इंटरव्यू के अलावा उन्होंने एक संभावना सेठ के साथ एक वी लॉक भी शूट किया है, तो उसमें उनके दिल की भड़ास निकलकर सामने आ रही है, वो ये कहती है कि बिग बॉस जो है पक्षपात करते हैं।

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बिग बॉस के घर में सब कुछ स्क्रिप्टेड तो नहीं है पर well planned जरूर है यानी ये पहले से ही तय था, दूसरा जब वो बाहर निकलकर आई तो उन्होंने ये कहा कि मेरे बहुत सारे जो moments थे अरमान के साथ में उन्हें एडिट कर दिया गया वो स्विमिंग पूल में जहाँ पर थी अरमान के साथ हटा दिया गया, अरमान उन्हें जहाँ पर गले लगा रहे हैं वो हटा दिया गया, ऐसे तमाम मौकों पर ये जानबूझकर किया गया ताकि एक खास तरह का एजेंडा सेट किया जा सके, यानी दर्शकों के बीच में और देखिए पहले भी कई तरह के ऐसे सवाल भी हुए, जिसमें ऐसा लगने लगा कि अरमान मलिक का जो झुकाव है वो उनकी सेकंड वाइफ की तरफ ज्यादा है और अब पायल मलिक ने भी बाहर आकर ये कह दिया है कि ये इस गेम में इसी तरीके से सेट किया गया था, अब आप सोचिए ना कि ये तीन एक साथ जाते हैं अंदर और ये तीनों अगर पूरे टाइम अंदर रहते तो दर्शकों को नया क्या मिलता?

नया तो तभी होता है ना जब इन तीनों में से कोई दो है अंदर एक बाहर है। और हो सकता है बाहर आने के बाद भी वो बहुत सारा कुछ तमाशा करे बाहर से किसी को इंटरव्यू दे क्योंकि क्या होता है बिग बॉस में दो तरह की पब्लिसिटी होती है एक तो जो शो में हो रहा होता है वो और एक वो होता है जो शो से evict हो जाते हैं निकल जाते हैं वो बाहर जाकर जो बोलना शुरू करते हैं वो एक अलग तरह की पब्लिसिटी होती है उसका एक अलग तरीका है पायल मलिक बाहर जाकर जो बोल रही है उसको लेकर जो बिग बॉस शो चल रहा है उसमें नई तरीके के अह खेल शुरू हो जाएंगे अब इसी सबको दिखाना चाहता है बिग बॉस दूसरा क्या है कि इस पूरे गेम में कौन सा सीन ज्यादा emphasize करना है किस टॉपिक को ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना है किसे साइड लाइन कर देना है और किसे बार-बार दिखाना है ये सब कुछ तय होता है यानी पहले से ही एजेंडा सेट होने लगते हैं जैसे ही घर वाले तैयार होते हैं उनके दो-तीन दिन बीतते हैं तो के बारे में पता लग जाता है कि किसका क्या-क्या वीक पॉइंट है और कहाँ पर किसको भड़काया जा सकता है ताकि अंदर का जो राक्षस है वो जाग उठे और फिर वो तमाशा करें, चीखें, चिल्लाएं, गुस्सा करें, आपको मालूम है बिग बॉस के शो में यही होता है, तो ये जो पायल मलिक को बाहर लिया गया है,

ये पहले से ही प्लान्ड था और ये उसी वक्त प्लान हो गया था जब ये clearity आनी शुरू हुई कि अरमान मलिक का झुकाव कृतिका की तरफ ज्यादा है, उन्होंने कहा कि वो रोमांटिक ज्यादा है तो कुल मिलाकर मामला ये है कि अब पायल जो बाहर रखा गया है पायल मलिक को बोला गया आप बाहर जाकर इंटरव्यूज दीजिए कहीं वो संभावना सेठ के साथ बैठी दिख रही है कहीं किसी टीवी चैनल के साथ बैठी दिख रही है तमाम तरह की बातें कर रही हैं और उसमें से नए-नए अर्थ निकलते जा रहे हैं अब यहाँ पर एक बात ये भी समझनी पड़ेगी कि जिस तरह से वो बार-बार कहती है ना कि हम को प्रमोट नहीं करते हम बहु विवाह को प्रमोट नहीं करते कि ज्यादा शादियाँ नहीं करनी चाहिए साथ में वो ये भी कह रही हैं कि अब मैं कहीं जा भी नहीं सकती वो साफ कह रही हैं कि अरमान मलिक ने मुझे कहीं का नहीं छोड़ा मैं तो अपने घर वालों को छोड़कर आ ही गई थी उनके लिए सिर्फ सात दिन से जानती थी और घर छोड़ दिया था

इन जनाब ने जाकर किसी और को पसंद कर लिया उसे भी सात दिन के अंदर ये घर ले आए अब मैं कहाँ जाऊँ मैं joint family से आती हूँ और joint family में हमारे साफ rule है कि अगर आपने एक बार घर की दहलीज लांघी है तो आप दुबारा वापस नहीं आ सकते और ये जो तमाशा चल रहा है Bigg Boss के घर में वो अलग है तो कुल मिलाकर दोस्तों ये जो बिग बॉस है ये इंसानी रिश्तों का तमाशा है ये इस बात का तमाशा है कि आप लोग किस चीजों की तरफ attract होते है जाहिर है हमारे समाज में ये चीजें बहुत आम नहीं है कि एक व्यक्ति दो बीवियाँ रखता है अब क्योंकि एक व्यक्ति की दो तो लोगों को interest है जानने का अच्छा झगड़ा हुआ नहीं हुआ किस बात पर हुआ क्योंकि वो सारी चीजें है जो लोगों के मन में पहले से है

ये सिर्फ अंदर से कुरेद कर निकालते है तो Bigg Boss के घर में भी यही हो रहा है और पायल मलिक जिस तरीके से बाहर आकर ये कह रही है कि मुझे मेरे साथ भेदभाव हुआ पक्षपात हुआ ah partiality हुई है Bigg Boss ने पहले से plan कर रखा था तो वो सब दिख रहा है और अब आने वाले दिनों में जबकि पायल नहीं है और अरमान और कृतिका close आ रहे है उनके बीच में भी कई सारे ऐसे moments आएँगे जिनको देखकर हो सकता है पायल बाहर भड़के कुछ interviews दे उनसे बात करें। हो ये भी सकता है कि उनकी वाइल्ड कार्ड एंट्री कराई जाए, हो ये भी सकता है कि उन्हें कुछ घंटों के लिए मिलने बुलाया जाए, तमाम चीजें होंगी हो सकता है कुछ ऐसी चीज हो जिस पर अचानक से बिग बॉस कहें कि अब पायल मलिक को बुलाकर पूछते हैं कि इस मामले में वो क्या कहना चाहती हैं क्योंकि इसको जितना भी वो स्पाइसी बना सकते हैं, मसालेदार बना सकते हैं, वो बनाएंगे और इसके लिए बहुत सारी ट्रैक्टर्स इस्तेमाल होंगी, आप सोच लीजिए कि ये सब कुछ पहले से तय होता है कि कौन, कब, कहाँ, कैसे निकाला जाएगा, कब, कौन, कहाँ वापस आएगा, किससे क्या बुलवाना है, सारी चीजें होती हैं,

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देखिए स्क्रिप्टेड तो नहीं होता ये ऐसा तो सबने कहा है और obviously scripting possible भी नहीं है कि इतने सारे dialogues आप देंगे पूरा-पूरा दिन कोई घर के अंदर है लेकिन well plan जरूर होता है इसको इस तरह से edit करके आपके सामने पेश किया जाता है कि बिग बॉस जो दिखाना चाहते हैं आप वही देखें हुआ तो बहुत कुछ है चौबीस घंटे में तो बहुत सारी चीजें होती हैं उन चौबीस घंटों में से जो छह चीजें वो निकाल कर लाते हैं वो चाहते हैं आप इन छह चीजों को देखें और इस पर्टिकुलर सीक्वेंस में देखें ताकि आपके दिमाग में जो बातें चलनी शुरू हो और आप उसी के हिसाब से फिर वोट उसी के हिसाब से आप कुछ नया निकाल कर आए ये गेम पूरा-सा उलझा हुआ है और इतना भी है कि इस बार क्योंकि host weak है अनिल कपूर weak है सलमान खान वाला मजा नहीं आ रहा है लोगों को ये भी कहना है लोगों का तो कहीं ना कहीं contestants के बीच में से ही मसाला ज्यादा निकालना पड़ेगा और इस बार इसको कहते है ना कि पहला मौका है ये दो वाइफ वाले एक हस्बैंड को लेकर आए हैं

जो youtuber है तो यहाँ पर कहना चाहिए कि बिग बॉस की पांचों उँगलियाँ घी में है और सर कढ़ाई में है एक तरफ तो पायल कृतिका और मान के जो चाहने उनके followers है उनकी views मिल रहे है plus यहाँ पे Bigg Boss एक नया तमाशा create कर रहे है एक बीवी चली गयी दूसरी बीवी अंदर है अब उन दोनों के बीच में moments होंगे ये बाहर जो बीवी गयी है चीखना चिल्लाना शुरू करेगी इसको लेकर अलग तमाशा होगा अंदर अलग तमाशा होगा ये उसके बारे में कुछ बोलेंगे फिर वो बाहर से कुछ और बोलेगी यानी सब कुछ होने वाला है सब कुछ planned है आने वाले दिनों में आपको कई सारे ऐसे तमाशे देखने को मिलेंगे और जितना अभी देखकर समझ में आ रहा है वो ये है कि इन सारे तमाशों की planning पहले ही कर ली गयी थी अब धीरे धीरे इनके आपके सामने खुलेंगे और जैसे-जैसे चैप्टर्स खोलेंगे लोगों को इसमें मजा आना शुरू होगा बहुत सारे लोग खासकर इंडिया में एक दूसरे के घरों में झांकने का होता है इसको हम वॉयरिस्म बोलते हैं कि एक दूसरे की जिंदगी में झांकने का होता है कि किसके घर में क्या चल रहा है

किसका किससे अफेयर चल रहा है किसका किससे क्या चल रहा है ये तमाम बातें लोग इसलिए जानने के लिए इच्छुक रहते हैं क्योंकि उनको कहीं ना कहीं इसमें मजा आना शुरू हो जाता है और यही मजा आता रहे इसके लिए इस गेम को और इंटरेस्टिंग बनाया जा रहा है और स्पाइसी बनाया जा रहा है कोई किसी की जिंदगी को यहाँ सीरियसली किसी को मतलब नहीं है, पायल मालिक के साथ क्या होता है, कृतिका मलिक के साथ क्या होता है? अरमान दोनों को खुश रखते हैं, दोनों के बीच झगड़े होते हैं, किसी को कुछ फर्क नहीं पड़ता, सब यहाँ पर सारे के सारे जो हैं, तमाशबीन हैं। तमाशा देखने के लिए खड़े हुए हैं, तमाशा देखने के लिए इकट्ठे हुए हैं और ये गेम में लगातार ये चीजें चलती जा रही हैं।

आगे जैसे-जैसे ये गेम आगे बढ़ेगा, इसमें बहुत सारी ऐसी चीजें सामने आएंगी। इनको देखने के बाद आप कहेंगे हम्म पता था पहले से ये होने वाला है क्योंकि ये हुआ है तभी तो मसाला निकल कर आएगा, ये हुआ है तभी तो होगा तो दोस्तों क्या कहना है आपका बिग बॉस की इस पक्षपातपूर्ण रवैये के बारे में के बारे में और क्या आपको लगता है कि पायल मलिक जो कह रही है घर से बाहर आकर वो बिल्कुल सही कह रही है अ आप क्या पायल के साथ कोई सम्पति रखते हैं या आपको लगता है कि पायल ने जानबूझकर ये सीन क्रिएट किया वो चाहती तो अपने पति का विरोध कर सकती थी.

मलाइका बनी सलमान अर्जुन के बीच का कांटा | Malaika became the thorn between Salman and Arjun

मेरे पैसे बाद में देना : अक्षय कुमार | Pay me my money later: Akshay Kumar

बॉलीवुड की फिल्में इतनी घिसी पिटी क्यों होती हैं, इनकी कहानियां इतनी बेकार क्यों होती हैं? ये सारा माजरा आपको समझ में आ जाएगा, मेरे इस वाले वीडियो से जिसमें मैं आपको बताने जा रहा हूँ, कि कैसे भगनानी जी की पूजा एंटरटेनमेंट की कहानी जो कि रियल लाइफ में चल रही थी, वो कैसे क्रैश हो गई है? पहले खबर ये आई कि पूजा एंटरटेनमेंट में काम करने वाले कई सारे ऐसे employees हैं, जिनको इस बात की शिकायत है कि उनकी सैलरी नहीं मिली है। फिर ये भी गया कि वो सोशल मीडिया पर आकर इंसाफ मांग रहे हैं।

तमाम तरह की बातें हो रही थी कहा ये भी गया कि पूजा एंटरटेनमेंट की बिल्डिंग बिक गई है फिर ये आया कि नहीं बिल्डिंग बिकी नहीं है वो तो भगनानी साहब वहां पर पंद्रह माले की बिल्डिंग बनाएंगे फिर ये भी कहा गया कि जुहू में पंद्रह माले की बिल्डिंग कैसे बन सकती है वो तो एविएशन जोन है तमाम तरह की बातें होती रही और उसके बीच में बगनानी साहब का एक इंटरव्यू आया जो उन्होंने लंदन में बैठकर दिया था एएनआई न्यूज़ एजेंसी को जिसमें उन्होंने कहा कि भाई ना तो हमें कोई घाटा हुआ ना ही हमारे अह पर किसी का पैसा बकाया है और ये जो सोशल मीडिया में लोग शोर मचा रहे हैं ये गलत है हम इनके खिलाफ कार्यवाही करेंगे और अगर वाकई किसी का पैसा बकाया होता तो हमारे पास आता है ये सोशल मीडिया में पैसे बकाया है ये कहने की क्या जरूरत है और उन्होंने कहा कि हम तो बहुत बड़े-बड़े प्रोजेक्ट लेकर आ रहे हैं हमारा बिजनेस तो बहुत फ्लर्श कर रहा है।

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अब इस सबके बीच जब लोगों को लगने लगा कि हाँ हो सकता है जी के साथ किसी ने दुश्मनी निकाली हो। अब अचानक से जैकी भगनानी का एक स्टेटमेंट आता है। इस स्टेटमेंट में वो कुमार की तारीफ करते हैं और कहते हैं कि अक्षय कुमार ने हमारी crisis को समझा है और सीधे सामने से आगे आकर ये कहा है कि जब तक हमारी production house में काम करने वाले जितने भी स्टार कास्ट हैं या जो crew members हैं जिनका पैसा बकाया जब तक सबका payment ना हो जाए तब तक तो मेरा payment रोक सकते हो और हम अक्षय की इस महानता के प्रति आभारी हैं और industry तो चलती ही relationship पर है और ऐसी तमाम बातें कही हुई हैं अब अगर बगनानी साहब ये कह रहे थे कि कोई घाटा नहीं हुआ किसी का पैसा बकाया नहीं है, ये सब बेकार की बातें हैं। तो अचानक से ये स्टेटमेंट कहाँ से आ गया? अब सब पूछ रहे हैं कि भई जब कुछ हुआ ही नहीं था।

तो फिर ये अक्षय कुमार को क्या सुझा ये कहने का कि आप मेरे पैसे बाद में दे देना। ये आप तो कह रहे थे कि कोई पैसा बकाया ही नहीं है, कुछ ऐसा हुआ ही नहीं है। हाँ, वो बात अलग है, हो सकता है बिल्डिंग का सौदा पहले हुआ हो, लोगों ने दो और दो चार जोड़ लिए हो, लेकिन दो और दो चार जोड़े भी क्यों ना लो। अब देखिए अक्षय कुमार के साथ लाइन से फ्लॉप फिल्में आई हैं। पूजा एंटरटेनमेंट की पहले तो Belbottam आई थी फिर mission रानीगंज आई और फिर सबसे ताजा गरमा-गरम फ्लॉप फिल्म आई है बड़े मियाँ, छोटे मियाँ जो साढ़े तीन सौ करोड़ के बजट में बनी साठ करोड़ भी कमा नहीं पायी और इसमें टाइगर श्रॉफ को repeat किया गया था मतलब इससे पहले वो गणपत बना चुके थे वो गणपत का क्या हाल हुआ था आप जानते ही हैं तो इतनी सारी जो गलतियां हुई, इतनी सारी जो फिल्में फ्लॉप हुई उसकी वजह से घाटा हुआ अब यहाँ एक पूरी बात जो मेरे समझ के बाहर है देखिए बिजनेस कोई भी ऐसा नहीं होता जिसमें नुकसान नहीं होता।

किसी भी बिजनेस में किसी को कभी भी नुकसान हो सकता है, कई बार आप बाजार को नहीं समझ पाते, कई बार आप अपने product को पाते, कई बार आपकी timing गलत हो जाती है, कई बार आप सोच कर कुछ लाते हो और हो कुछ और जाता है। business में risk होते और अगर किसी का पैसा बकाया रह गया था तो पैसा दे दिया जाता लेकिन ये जो सोशल मीडिया पर लिखने का मामला शुरू हुआ इसका मतलब ये है कि जिनका पैसा बकाया था उन्हें ये भरोसा नहीं दिलाया गया कि भाई पैसा मिल जाएगा इसलिए वो परेशान होने लगे वरना आप खुद सोचिए किसी को क्या अच्छा लगता है कि वो सड़क पर जाकर या सोशल मीडिया में जाकर ये कहे कि अरे जी हमारा तो पैसा नहीं मिला है हमारा तो पैसा नहीं मिला है।

ये आदमी तब करता है मजबूर हो जाता है जब उसे लगने लगता है भाई अब कोई रास्ता नहीं बचा फिर वो जा के चार लोगों को बताता है कि जी देखो हमारे साथ क्या हो गया अब वही कुछ हुआ इन लोगों के साथ क्योंकि अगर कुछ भी नहीं हुआ होता कहते है ना बिना आग के धुआं नहीं उठता चिंगारी तो कहीं ना कहीं रही होगी जब इतने सारे लोग बात कर रहे थे तो कुछ ना कुछ तो था तभी तो अक्षय कुमार निकलकर सामने आए खुद जैकी बगनानी का स्टेटमेंट निकल कर आया कि भाई हम अक्षय के बड़े आभारी हैं उन्होंने इस crisis में जो है इस बात को समझा और ये कहा कि हमारा पैसा आप बाद में दे देना पहले इनका पैसा चुका दो तो खुद सोचिए कि फिल्म इंडस्ट्री में कहानियां क्यों पीटती है अरे जब आप अपनी ही कहानी सही से लोगों को नहीं बता पा रहे हो तो आप सिनेमा के पर्दे पर कहानी कैसे बताओगे आपकी कहानी में ही कई सारे पेंच है पहले ये कहना कि पैसा बकाया है फिर ये कहना कोई पैसा बकाया नहीं है बिजनेस फ्लरिश कर रहा है हम तो बहुत सारा काम कर रहे हैं हमें बिजनेस मत सिखाइए हमने तो बहुत अपना अपने धंधे को काफी फ्लरिश कराया हुआ है

फिर अचानक से एक सो कॉल्ड सुपरस्टार अक्षय स्टार कहलाते हैं लाइन से इतनी फ्लॉप दे रहे हैं तब भी वो सुपरस्टार ही हैं खैर हैं तो हैं तो उनका फोन आ जाता है कि जी आप मेरे पैसे बाद में दे देना मतलब आप सोचिए कि ये इंडस्ट्री चल कैसे रही है आप लोगों को मनोरंजन दें इसके लिए ना तो अच्छे राइटर्स की तलाश होती है ना अच्छे चेहरे नए चेहरों की तलाश होती है वही घिसे पिटे चेहरे जो सालों से चलते आ रहे हैं जब वो पुराने हो जाते हैं तो उनके भांजे, भतीजे, बेटा, बेटी को लेकर आ जाते हैं मतलब कितना लिया हुआ है इंडिया के दर्शकों को कि इन्हें तो कुछ भी दिखा दो I still remember ये कहा जा रहा था कि साढ़े तीन सौ करोड़ में बनी है अक्षय कुमार की बड़े मियाँ छोटे मियाँ और एक हजार एक सौ करोड़ का business करेगी ऐसे बड़े-बड़े स्टेटमेंट दिए गए थे वो सौ करोड़ तक नहीं पहुंची actually साठ करोड़ तक भी नहीं पहुंची फिर कहा ये गया कि उसके satellite rights बिक गए वहां से पैसा आ गया कि उसके बिक गए वहां से पैसा आ गया देखिए अब वो कहीं ना कहीं से तीस सा लो से काम कर रहे हैं अक्षय कुमार तो इतना तो होगा ही ना so called start बॉक्स ऑफिस में पिट जाते हो लेकिन कहीं ना कहीं से पैसा आ ही जाता है

लेकिन आप सोचिए कि क्या ऐसा काम करने में मजा है कि किसी तरह बस जोड़-जुगाड़ के रख दिया पब्लिक को पसंद नहीं आया आप सोचिए एंटरटेनमेंट एक ऐसी इंडस्ट्री है जो वाह वाही पे चलती है तारीफ पे चलती है कि वाह मजा आ गया यार क्या लाइन बोली थी क्या कहानी थी क्या डांस था क्या एक्शन था लोग ये वाह वाही करते हैं तब चलती है एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री और यहाँ क्या हो रहा है जोड़-गुगाड़ के कहीं कुछ बना लिया फिर वो फ्लॉप हो गया फिर कुछ कह दिया, फिर किसी के पैसे नहीं दिए, मतलब क्या चल रहा है ये? किसी को क्या फर्क पड़ता है? वो तो सारी बातें सोशल मीडिया पर आ जाती हैं, इसलिए सारी बातें यहाँ पर निकल रही हैं, वरना सोचिए अगर उन crew members ने सोशल मीडिया पर आकर ना बताया होता तो ये सारी बातें चल ही ना रही होती।

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तो सोशल मीडिया का बस इतना फायदा कह सकते हैं कि हाँ इससे लोगों की नजर में आ जाता है, लोग बात करने लगते हैं, लोग पूछने लगते हैं। लेकिन ये बड़े अफसोस की बात है कि entertainment industry जो है, अपनी कहानी ही सही से नहीं बता पाती। इसीलिए तो फिल्में फ्लॉप मैं कह रहा था ना इस वीडियो के शुरू में कि आप अपनी कहानी को तो सही से नहीं रख पा रहे हैं। और ठीक है गलती हो गई, फिल्म पिट गई, timing wrong थी, समझ में market नहीं आया। पुराना formula था, चेहरे पुराने थे या फिर फ्लॉप हो रहे थे लगातार, अभी लोग नहीं देखना चाह रहे होंगे अक्षय कुमार को अभी लोग नहीं देखना चाह रहे होंगे टाइगर श्रॉफ को, ठीक है, कोई भी चीज हो गई उसको accept करने में क्या जाता है।

देखिए जो बेचारे मजबूर लोग हैं जो चंद पैसों के लिए करते हैं, नौकरी करते हैं। उनकी तो मजबूरी है, वो तो कोई decide नहीं कर सकते ना कि ये वाली फिल्म पर कहानी मत बनाओ, ये वाला ऐसा शूट मत करो, वो तो बेचारे आपने उनको जैसा कहा, उन्होंने कर दिया। उनकी सैलरी मिल जाती है, वो अपना उनका घर चलने लगता। तो हर किसी उस पावरफुल position में होता नहीं है, कि वो govern करें चीजों को, अगर आप हैं तो फिर फैसले वैसे लीजिए और कई बार अगर फैसला गलत हो भी गया तो ठीक है, दुनिया का ऐसा कौन सा बिजनेस है, जिसमें नुकसान नहीं होता, जिसमें घाटा नहीं होता। या ऐसी कौन सी industry है, जो कहती है, कि flourish होती है, यहाँ तो कभी सूखा पड़ता ही नहीं है।

बड़े-बड़े business घरानों में ऐसा हो जाता है। यहाँ पूरा मामला ये है कि एक ईमानदारी होनी चाहिए। अपने धंधे के प्रति हमारा कहानी सुनाने का धंधा है तो हम ऐसी कहानी सुनाएं जो लोगों को बांधकर रखें। लोगों को खींच कर लेकर आए कि नहीं हमें ये कहानी देखनी है, भाई ये कहानी आ रही है, हमको देखना है, हमें जानना है, क्या हुआ है इसके बाद? वाह! क्या acting है, क्या action है? अब जब वो हो नहीं पा रहा है तो फिर इधर-उधर की बातें शुरू हो जाती हैं। और ठीक है, हर जो है वो इस तरह का होता है। एक जगह पैसा लगाते हैं, कहीं घाटा होता है, दूसरी जगह लगा के मुनाफा कमाते हैं, बिजनेस है ही इस चीज का नाम कि आप पैसे से मुनाफा कमाएं, चीजें ऐसी बनाएं जो बिके मार्केट में कई बार नहीं भी बिकती हैं, तो कौन-सी बहुत बड़ी बात होगी? कुल मिलाकर मामला ये है कि जब फिल्म इंडस्ट्री की कहानी इतने ढीले तरीके से सामने आती है.

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अभिजीत ने शाहरुख और फराह पर दिया विवादित बयान | Abhijeet gave a controversial statement on Shahrukh and Farah

एक समय में सिंगर अभिजीत भट्टाचार्य को शाहरुख खान की आवाज के तौर पर जाना जाता था। अब अभिजीत ने शाहरुख खान के लिए कुछ कहा है ऐसा जिसकी वजह से उनका इंटरव्यू वायरल हो रहा है। मैं आपको बता दूँ कि अभिजीत ने शाहरुख खान के लिए दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे यस बॉस और बादशाह से लेकर मैं हूं ना और ओम शांति ओम जैसी कई फिल्मों में आवाज दी है हालांकि फिल्म मैं हूं ना के बाद दोनों के बीच कुछ ऐसा झगड़ा हुआ कि दोनों ने आपस में बात करना बंद कर दिया। दोनों के मतभेद कारण सिंगर अभिजीत को फिल्म में क्रेडिट न दिए जाने से शुरू हुआ अब सालों के बाद अभिजीत भट्टाचार्य ने शाहरुख से हुए मतभेद पर बात की है.

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अभिजीत भट्टाचार्य ने पिंक विला को एक इंटरव्यू दिया है और इसमें वो कहते हैं ये वो बात है जिसे शाहरुख़ खान भी अच्छी तरह जानता है. हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है. हमारा बर्थडे भी एक दिन के अंतर पर होता है. हमारा एक जैसा व्यवहार है, हम दोनों को ही पता था कि हम क्या कर रहे और क्या बनने वाले हैं अगर आज मैं उसके पास जाऊँ इस हैसियत से कि मैं उसका सीनियर हूँ छह-सात साल तो सीनियर हूँ ही तो मैं उसका कान पकड़कर ये कहूँ कि बहुत हुआ ड्रामा तुम एक स्टार हो और हमेशा रहोगे लेकिन अगर मैं पिक्चर में वापस आ जाऊँ तो फिर मैं ही रहूँगा। आगे वो कहते हैं कभी-कभी मुझे लगता है कि वो इतराता है। या शायद उसके पास बिल्कुल टाइम ही नहीं है लेकिन वो ऐसा है नहीं।

मैं खुद को और उसको अच्छी तरह से जानता हूँ जबकि हमारा कोई क्लोज बॉन्ड नहीं है वो जानता है कि मुझे चोट पहुंची है और ये जितने भी स्टार्स है ये एक दूसरे के नाम का **** पालते हैं। लेकिन जब कुछ होता है तो एक दूसरे को गले लगाने भी पहुंच जाते हैं। तो एक तरह से उन्होंने सब को लपेटे में ले लिया। फिर अभिजीत भट्टाचार्य से इसी इंटरव्यू में पूछा गया। कि क्या कभी ऐसा होगा कि अपने चाहने वालों के लिए अपने फैंस के लिए आप एक साथ आएंगे दोबारा। तो इस पर उन्होंने कहा कि मैं सोच सकता हूं लेकिन वो बहुत कमर्शियल हो गया है। अब उसे पता ही नहीं कि उसका गाना किसने गाया? वो इस बारे में क्यों सोचेगा? वो इन सबसे आगे निकल चूका है, कुछ फर्क नहीं पड़ता। अब आपको बता दें कि असल में दो हजार चार में आई थी ये फिल्म।

मैं हूँ ना जिसे अह फरा खान ने बनाया था। और असल में अभिजीत ने इस फिल्म का एक गाना गाया था। अह तुम्हें जो मैंने देखा। जिसके बाद इसे शाहरुख खान पर फिल्माया गया लेकिन बाद में हुआ ये कि इस गाने को लेकर फिल्म में जो credit मिलना चाहिए था अभिजीत को, वो उन्हें नहीं मिला और उस वक्त उन्होंने कहा था कि इस फिल्म में स्पॉट बॉय और हेयर ड्रेसर से लेकर असिस्टेंट हेयर ड्रेस मेकर को भी credit दिया गया लेकिन मेरा नाम तो सबसे नीचे था।

फिर उन्होंने आने के कई साल बाद two thousand twelve में टाइम्स of इंडिया को एक इंटरव्यू दिया था जिसमें अभिजीत ने साफ तौर पर कहा था कि मुझे नहीं पता क्यों हमारे फिल्म मेकर्स कभी सिंगर्स को क्रेडिट नहीं देते मैं हूँ ना के एंड क्रेडिट में सिंगर का नाम सबसे आखिर में दिया गया और सबसे बुरी बात ये थी कि उस सेगमेंट को चाय वालों और ड्रेसमैन के साथ शूट किया गया था लेकिन सिंगर के साथ नहीं मेरे परिवार ने जब ये फिल्म देखी तो उन्हें ऐसा लगा कि मेरे साथ धोखा हुआ है। और यही ओम शांति ओम के साथ भी हुआ जबकि मैं शाहरुख खान की आवाज था.

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मैंने शाहरुख खान और फराह खान दोनों से अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी. अं जाहिर है इन दोनों ही फिल्मों को फराह खान की फिल्म के तौर पर भी जाना जाता है चाहे की बात करें या ओम शांति ओम की. तो फिल्म इंडस्ट्री में अक्सर ऐसा होता है ईगो जब टकराते हैं तो कुछ ऐसा होता है जिसके बाद इस तरह की बातें निकल कर आती हैं हालांकि कुछ लोगों का ये कहना है कि अभिजीत ने कुछ ज्यादा ही तिलका ताड़ बना दिया. सब जानते थे कि वो शाहरुख खान की आवाज हैं. सब उनकी आवाज को सुनते थे और ये बात किसी से छिपी नहीं थी, ऐसा नहीं था कि कोई जानता नहीं था कि कौन गा रहा है? लेकिन होता है अगर एक्टर्स को अह क्रेडिट ना मिले तो वो नाराज हो जाते हैं, सिंगर्स को ना मिले तो वो नाराज हो जाते हैं। खैर इस समय इंडस्ट्री इतने खराब दौर से गुजर रही है कि मुझे लगता है इन सारे एक्टर्स और सिंगर्स को उन्हें क्या मिला? क्या नहीं मिला?

और कितना क्रेडिट मिला और बाद में मिला कि पहले मिला, इस सब से अलग होकर सोचना ये चाहिए कि ये जो डूबता हुआ बॉलीवुड है इसको ये कैसे बचाएं? क्योंकि अगर बॉलीवुड ही नहीं बचेगा तो फिर इनको क्रेडिट अह चाहे मिले, मिले क्या फर्क पड़ता है क्योंकि जब industry ही नहीं रहेगी और हाल के दिनों में देखा गया है कि लोग industry के बारे में बिलकुल सोच नहीं रहे है ये लोग इस industry से जुड़े हुए तो है लेकिन आप ये देखेंगे कि कभी ना तो content को लेकर एक समझदारी वाली बात होती है ना नए writers को मौका दिया जाता है बस वही पुराने लोगों को घिसवा पिटा रवैया है और बार बार वही चीजें repeat हो रही है और यही वजह है कि अब दर्शक इनसे bore हो गए हैं और bore होने की वजह से इनकी दुकानें बंद होने की नौबत आ चुकी है

Industry में बहुत खराब माहौल है दोस्तों इस समय अगर इंडस्ट्री से जुड़े किसी भी व्यक्ति से बात करें वो ये कहता है कि बस कुछ मिल जाए वो बड़ी बात है इस समय ना तो प्रोजेक्ट्स बन रहे हैं ना पैसा मिल रहा है लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि किया क्या जाए असल में संभलने के लिए कई साल मिले थे लेकिन पिछले कुछ चार-पांच सालों के दौरान भी बॉलीवुड नहीं संभला और लगातार बॉयकॉट बॉलीवुड और तमाम तरह की जो चीजें चलती रही उसको लेकर इस समय लोगों में भी काफी गुस्सा है और यही वजह है कि अब आपस में पुराने किस्से और झगड़े याद कर रहे हैं उनको लांछन लगा रहे हैं, आरोप लगा रहे हैं तुमने मुझे credit नहीं दिया था, तुमने मुझे ये नहीं दिया था,

अब आप खुद सोचिए कि मिलकर अगर आप बैठकर देखें तो आज की date में credit दिया था, credit नहीं दिया सिर्फ बड़ी बात ये होनी चाहिए कि अभी जो industry डामाडोल है उसको कैसे बचाएं? भाई ये लोग फिल्मों में गाना गाते थे, अह बहुत कम पैसा लेते थे। फिल्में हिट होती थी, तो उन्ही हिट हुए गानों की बदौलत इनको शोज मिलते थे, बाहर जाते थे, events करते थे, वहां से पैसा आता था, तो कोई भी सिंगल जो है, फिल्म में गाना गाकर कमाता नहीं रहा है इन singers का सबका ये हाल है आपने कई कहानियाँ सुनी होंगी ग्यारह रूपए में गाना किया इक्कीस रूपए में गाना किया एक रूपए में गाना किया सवा रूपए में गाना किया जानते है क्यों करते है film इनके लिए एक marketing tool हो जाती है आपने एक बड़ी film में बड़े hero के लिए गाया आप hit हो गए

फिर आपने कहा कि मुझे आना है आपके शहर में show करने अब लाइए लाखों रुपए तो ये हमेशा से चल रहा था अब Abhijit का Kya Hua Shah Rukh Khan के साथ वो दोनों ही बेहतर जानते होंगे लेकिन मुझे लगता है कि काम में अगर जब ego आ जाता तो वो काम फिर crash हो जाता है। अह फिर वो मिट्टी में मिलने लगता है क्योंकि आप ये सोचने लगते हैं कि अरे मुझे ऐसा होना चाहिए था, मेरी ये शर्त पूरी नहीं हुई। पहले तो होता क्या है कि industry में लोग काम पाने के लिए तरसते हैं।

फिर जब काम मिल जाता है तो नाम पाने के लिए तरसते हैं। फिर जब काम भी मिलने लगता है, नाम भी मिलने लगता है, दाम भी मिलने लगता है फिर उनके भाव और चढ़ने लगते हैं और फिर वहां पर एक अहंकार, एक ego आता है। मैं सिर्फ शाहरुख़ और अभिजीत की बात नहीं कर रहा हूँ, मैं in general बात कर रहा हूँ कि किस तरह के झगड़े इंडस्ट्री में होते रहे हैं। और ज्यादातर झगड़े इंडस्ट्री हो, इंडस्ट्री के बाहर हो, अहम पर शुरू होते हैं, ego पर शुरू होते हैं। तुमने मुझे ये नहीं किया, तुमने मुझे ये नहीं दिया, तुमने मुझे वो नहीं दिया, इन सारी चीजों को लेकर जो चीजें चलती हैं, उसके बाद क्या होता है कि काम खराब होना शुरू होता है।

याद होगा आपको कैसे शाहरुख खान को चार साल घर पर बैठना पड़ा था? So called king of रोमांस, सुपरस्टार पता नहीं क्या-क्या बादशाह खान और king खान घर पर बैठना पड़ा था क्यों? क्योंकि public ने नकार था आज पूरे बॉलीवुड की वो स्थिति हो रही है सिर्फ शाहरुख खान की नहीं अब आप याद करके बताइए पिछले छह महीने में आपने कौन सी सुपरहिट फिल्म के बारे में सुना है दो हजार चौबीस आधे से ज्यादा निकल चुका है एक भी हिट फिल्म नहीं आई है और यहाँ ये पुराने झगड़ों को याद कर रहे हैं तुमने मुझे क्रेडिट नहीं दिया था तुमने मेरा नाम नीचे लिखा था तुमने मुझे सबसे बाद में बुलाया था तुमने मेरे नाम की लाल पट्टी नहीं चलाई थी तुमने मेरे नाम का जयकारा नहीं लगाया था ये छोड़िए कुछ काम करिए कि पब्लिक आपके नाम का जयकारा लगाए और जब काम अच्छा होता है तो काम बोलता है फिर चाहे नाम अंत में लिखा हो, बाहर लिखा हो, ना लिखा हो कोई फर्क नहीं पड़ता। आपका काम बोलता है और खासकर जो लोग पब्लिक फिगर्स हैं जो अह एक ऐसे बिजनेस में हैं जहाँ पर आप मंच पर जाकर दिखते हैं। उसमें फिर आपको credit का क्या इतना होना चाहिए क्योंकि सभी जानते हैं अभिजीत की आवाज है।

शाहरुख खान का गाना है, सभी जानते हैं। अब उसमें आप credit रोल में कौन से नंबर पे था और सोचिए कौन होता है जो बैठकर सिनेमा घर में दिखेगा कि सिंगर का जो है ना कहाँ पर आ रहा है? End में आ रहा है कि सेकंड लास्ट आ रहा है कि पहले आ रहा है? गाना हिट हो गया? आप हिट हो गए? आपको मशहूरियत मिल जाती है, शोहरत मिल जाती है, दाम मिलने लगता है। लेकिन ये सब समझ में आते-आते अक्सर कैरियर के कई साल खराब हो जाते हैं। मुझे लगता है कि शायद अभिजीत के साथ भी ये हुआ है, अब उन्हें एहसास हो रहा होगा। अब वो किसके कान पकड़ेंगे और कौन किस से सीनियर है? इस तरह की बातों में अगर उलझना है, तो इस सब में क्या होता है, काम सफर कर जाता है, जो सफर नहीं करना चाहिए और मुझे लगता है कि बॉलीवुड को सीख लेना चाहिए अब तक।

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ध्रुव राठी ने बॉलीवुड को फेंकनेस पर क्यों वीडियो बनाई | Why did Dhruv Rathee make a video on fackeness Bollywood?

ध्रुव राठी अगर बॉलीवुड की fakeness पर वीडियो बनाने लगे हैं और उस वीडियो को millions में views आने लगे हैं तो आप समझ लीजिए कि कुछ ना कुछ तो जरूर चल रहा है। आप खुद सोचिए कि ध्रुव राठी का जो recent वीडियो है बॉलीवुड की fakeness के बारे में उसमें उन्होंने कुछ भी नया नहीं बताया है। ऐसा कुछ भी नहीं है जो पहले कहा नहीं गया awards के खरीदे जाने से लेकर पेपराजी को पैसे देने तक और फिल्मों के गलत बॉक्स ऑफिस आंकड़ों से लेकर जितनी भी fakness बॉलीवुड में फैली हुई है उसके बारे में लोग खुलकर बातें करते रहे हैं।

मैंने खुद अपने चैनल पर आपको कई बार बताया है कि किस तरीके से आपके सामने पर्टिकुलर कंटेंट को परोसा जाता है, के जरिए किस तरह पेड पीआर काम करता है, किस तरह से पेड पॉडकास्ट काम करते हैं, कैसे अपनी फिल्म की रिलीज से पहले बहुत सारे सेलिब्रिटीज और फिल्म स्टार्स अपने बारे में बात करने लगते हैं, उनकी फोटोज लीक होने लगती हैं, कई बार तो फिल्म की शूट के दौरान लीक किए गए फोटोग्राफ्स भी ये पहले से ही प्लान्ड होते हैं लेकिन इस सब के बारे में ध्रुव राठी को बात करने की जरूरत क्यों पड़ गई?

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असल में हुआ कि ध्रुव राठी अभी तक education वाले videos बनाया करते थे लोग उनसे जुड़े हुए थे फिर political माहौल जब देश में शुरू हुआ इलेक्शन के आसपास तो उन्होंने इलेक्शन के around बहुत सारे political scenario पर videos बनाए और उसको लेकर कई तरह के उनके responses देखने को मिले कुछ लोगों ने उन videos को पसंद किया कुछ ने नापसंद किया और अब जब elections over हो चुके हैं और कुछ भी ऐसा देश में नया नहीं हो रहा है तो ध्रुव राठी को भी जरूरत है कि वो बॉलीवुड पर बात करें क्योंकि बॉलीवुड एक ऐसा topic है जो साल में बारह महीने चलता है

आप हैं कि बॉलीवुड को कैसे हमारे politicians भी इस्तेमाल करते हैं जब भी कोई देश में बड़ी घटना होती है तो बॉलीवुड से जुड़ा कोई बड़ा कांड सामने आ जाए न्यूज़ चैनल से उसे कवर करने लगे सोशल मीडिया पर उसके बारे में बात होने लगे तो लोग देश के उस बड़े कांड को भूलने सा लगते हैं और वैसे भी हर बार बॉलीवुड को इस्तेमाल किया जाता रहा है content creators द्वारा लोगों को attract करने के लिए साथ ही views बढ़ाने के लिए लेकिन जब ध्रुव राठी जैसा वीडियो बनाने वाला content creator जो कि education वीडियो बनाते थे वो अगर बॉलीवुड पर वही घिसी पिटी बातें आपको लगे हैं जो हर बार, हर रोज, हर जगह कही जाती है आप मेरे प्लेटफार्म पर तो देखते ही रहे हैं कि किस तरीके से बॉलीवुड की जितनी भी काली सच्चाई है उसको सामने लाता हूँ और आपके सामने कई बार ये बताता रहा हूँ कि कैसे अवार्ड्स खरीदे जाते हैं, खुद ऋषि कपूर ने अपनी बुक में लिखा था कि उन्होंने अवार्ड्स खरीदे थे शाहरुख खान कितनी बार कह चुके हैं आलिया भट्ट ने कितनी बार कहा है कि हाँ मैं तो अवार्ड्स मुझे पसंद है

मुझे attention मिलता है, importance मिलता है और जिस तरीके से की भीड़ देखते है और जिस तरीके का इंस्टा फीड आता है आप लोगों के लिए वो सब बताता है बॉलीवुड किस तरीके से पेड पीआर के थ्रू आप लोगों के दिल में घर बसाने की चाहत रखता है और अगर कभी भी वो उसमें नाकाम रहे तो कुछ ना कुछ चीजों का इस्तेमाल किया जाता है जैसे पेड पब्लिसिटी पेड पीआर और ऐसी कई सारी चीजें जो उन्हें आप तक मुफ्त में या कई बार पैसा देकर पहुंचाती है और कुछ लोग इसको एक पेशे के तौर पर भी इस्तेमाल करते रहे हम बात कर सकते है कि किस तरीके से पिछले कुछ सालों के दौरान बॉलीवुड ने हमारे इंस्टाग्राम ट्वीट पर कब्ज़ा किया हुआ है आप बॉलीवुड को किए बिना अपना इंस्टाग्राम नहीं देख सकते, आपको कोई ना कोई स्टार, नहीं तो कोई स्टार के, नहीं तो उनकी कोई controversy, कोई गॉसिप, कुछ ना कुछ आपको इंस्टाग्राम में दिखेगा या फिर सोशल मीडिया फीड में दिखेगा और ये इस हद तक हावी हो चुका है हिंदुस्तान में कि अगर आपको हिंदुस्तान में कोई भी बात करनी है, ज्यादा लोगों तक पहुंचानी है तो उसमें आपको फिर बॉलीवुड का इस्तेमाल करना पड़ता है, पूरी की पूरी एड इंडस्ट्रीज पर चल रही है,

बहुत सारे ब्रांड्स बॉलीवुड को सिर्फ इसलिए हायर करते हैं बॉलीवुड सेलिब्रिटीज को ताकि वो ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके, लेकिन मुझे बड़ी हैरानी हुई। कि कुछ समय पहले है निकिता ठाकुर उन्होंने भी बॉलीवुड पर वीडियो बनाया था अब ध्रुव राठी ने भी बनाया है तो इतने सारे लोग जो कि अलग-अलग काम कर रहे थे जिन्हें अभी तक बॉलीवुड के बारे में कोई खास knowledge नहीं थी जो बॉलीवुड को बहुत करीब से जानते नहीं हैं वो भी इधर-उधर के आर्टिकल पढ़कर वीडियोज बना रहे हैं और लोग उन्हें देख रहे हैं दोस्तों चिंता इसलिए बढ़ती जाती है क्योंकि ऐसे लोग कई बार जानकारी ना होने की वजह से या कम जानकारी होने की वजह से आप तक कुछ गलत चीजें भी पहुंचा सकते हैं इसलिए मैं आपसे बार-बार ये कहना चाहूँगा कि अगर आप बॉलीवुड से कोई भी authentic वीडियो देखना चाहते हैं तो आपके मन में सबसे पहले ये सवाल आना चाहिए कि जो शख्स आपको सामने बैठकर बॉलीवुड के बारे में बता रहा है वो खुद बॉलीवुड को कितना जानता है का वीडियो देखने से बनाने से मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है लेकिन पहला सवाल ये आता है कि अभी तक ध्रुव राठी कहाँ थे?

बॉलीवुड में बहुत कुछ चल रहा था लेकिन ध्रुव राठी अ बॉलीवुड पर कोई वीडियो बनाते हुए मुझे दिखाई नहीं दिए उन्होंने पिछले काफी समय से सिर्फ देश के political scenario पर वीडियोज बनाए क्योंकि जनता के बीच उस तरह की बातें हो रही थी लेकिन अब ये वीडियो उन्होंने पेश किया है वो उनके तमाम वीडियो से बिल्कुल उलट इसलिए दिखाई देता है क्योंकि इस वीडियो में कोई नई जानकारी नहीं है सबसे बड़ा सवाल ये है कि इस वीडियो को बनाने के पीछे मकसद क्या था? क्या वो फेक अवार्ड्स के बारे में बताना चाहते थे? इसके बारे में दुनिया पहले से जानती है? क्या वो फेक पापराजी के बारे में बताना चाहते थे?

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जिसके बारे में लोग पहले से जानते हैं? क्या वो फेक पब्लिसिटी और गलत बॉक्स ऑफिस आंकड़ों के बारे में बात करना चाहते थे? जिनके बारे में पब्लिक पहले से जानती है और सबसे बड़ी बात ये है कि अह जहाँ तक मैं समझता हूँ और जानता राठी का बॉलीवुड से कोई खास लेना-देना नहीं रहा है, उन्होंने यहाँ आकर इंडस्ट्री में किसी से बात नहीं की है, यहाँ आकर इंडस्ट्री में समय नहीं बिताया और उसके बाद वो एक बाहर बैठकर एक वीडियो बनाते हैं और उसमें सिर्फ वही घिसी पिटी बातें करते हैं, तो हैरानी तो होगी क्योंकि ध्रुव राठी जैसे कॉन्टेंट क्रिएटर से लोगों को एक्सपेक्टेशंस बहुत है, लोग चाहते हैं कि ध्रुव राठी जैसा कंटेंट क्रिएटर अगर उनके बीच कोई टॉपिक लेकर आ रहा है, तो वो उस टॉपिक से जुड़ी हर बात बताएं उस तरह से जैसे कि पहले ना बताई गई हो, लेकिन ध्रुव राठी का वीडियो देखकर मुझे disappointment इसलिए भी हुआ क्योंकि इसमें कुछ भी नया नहीं था।

चीजों को रिपीट किया गया था। आप बाहर बैठकर, दूर बैठकर उन चीजों को उसी तरह बताते हैं, जिस तरह से बहुत सारे लोग पहले भी बताते रहे हैं। as a content creator मैं भी बहुत सारे अह जो content creators हैं, उनके वीडियोज देखता हूँ, अलग-अलग टॉपिक पर देखता हूँ, ध्रुव राठी के वीडियोज मैंने हमेशा इसलिए देखे क्योंकि मुझे लगता है कि वो शायद कुछ नई तरीके से चीजों को समझाने की कोशिश करते हैं। लेकिन मुझे बड़ा अफसोस हुआ कि उनकी वीडियो देखने के बाद लोग यही कहेंगे कि आपने इसमें नया क्या बताया?

ये तो हम सब पहले से कितने सारे लोग आजकल यही बातें करते रहते हैं कि किस तरीके से अह बॉलीवुड की जो fakeness है वो हम पर इस हद तक हावी होती जा रही है कि उसके बीच में बॉलीवुड खुद फंसा हुआ है ये fakeness उनको अपने असल दर्शकों से भी दूर कर रही है असल मुद्दों से असल subject से दूर कर रही है हाल ही में को लेकर जो खबर आई जिसमें कहा गया कि उन्होंने साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए खर्च करके जो फिल्म बनाई जो साठ करोड़ भी नहीं गंवा पाई और अब उसको लेकर कहा जा रहा है कि उन्होंने कई सारे लोगों के बकाए नहीं चुकाए हैं उसको लेकर जिस तरह की बातें ये सारी चीजें हाल ही में हुई ये सारी चीजें बताती है कि बॉलीवुड कितना फेक है और अगर हम इस पूरी बात को समझना चाहते हैं किसी नए content creator के द्वारा तो हो सकता है हम ये चाहें कि वो हमें कुछ नया बताएं कुछ अलग हटकर बताएं लेकिन मुझे बड़ी हैरानी हुई कि इसमें कुछ भी नया नहीं था दोस्तों मैं अब आप लोगों से जानना चाहता हूँ कि जब भी आप बॉलीवुड पर बना हुआ कोई वीडियो देखते हैं

क्या आपको लगता है कि चीजें बहुत रिपीट हो रही हैं वही बात आपको हर कोई बताता है वही चीजें आपको बार-बार बताई जाती हैं कि को पैसे दिए जाते हैं, awards खरीदे जाते हैं, बॉक्स ऑफिस आंकड़े गलत होते हैं। या फिर अह जो अह corporate हैं। उनको invite करके फिल्म दिखाई जाती है ताकि seats ज्यादा बुक हो जाए। या फिर अह जो फिल्म के रिलीज होने का पहला दूसरा दिन होता है उसमें ये लोग खुद ही सिनेमा की टिकट खरीदते हैं ताकि हॉल भरा हुआ लगे, ये तमाम बातें आपको कितनी बार बताई जा चुकी है, क्या इसमें से कुछ भी नया है जो आपको नए सिरे से समझने या जानने की जरूरत है क्योंकि यही वो बातें है जो पिछले काफी समय से बार-बार करके बताई जा रही है और अब तो जो लोग बॉलीवुड पर वीडियो नहीं भी बनाते हैं वो भी इस बात को बताने लगे हैं कि ये हो रहा है अब ये सब इतना open है ये ठीक उसी तरह है कि जैसे जब भी कोई आप advertisement देखते हैं टीवी पर और वहाँ कोई celebrity खड़ा होकर आपको कोई product बेच रहा होता है

आप अच्छे से जानते हैं कि ये जो celebrity है इसने इस ब्रांड से पैसा लिया है। इसलिए इस ब्रांड को endorse कर रहा है वरना असल जिंदगी में ये इस ब्रांड की तरफ देखता भी नहीं होगा। ये इतना open सीक्रेट हो चुका है को सब जानते हैं। अब मैं आपसे जानना चाहता हूँ कि क्या बॉलीवुड के बारे में ऐसी कोई चीज बाकी है जो आप नहीं जानते हैं जो आपके लिए नई हो, चाहे वो casting couch हो चाहे वो nepotism हो, ये सारे topics इतनी बार discuss हो चुके हैं, इतनी बार आपको बताए जा चुके हैं कि मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ भी अब नया बचा है, बताने के लिए कि बॉलीवुड में कितनी गंदगी है, कितना नकलीपन है?

इतना दिखावा है, कितना शो ऑफ है और यही बातें बार-बार धनु राठी अपने वीडियो में बताते रहे हैं, अभी कुछ समय पहले मैंने निकिता ठाकुर जो एक और यूट्यूबर है, उनका भी वीडियो था उसमें भी यही सब था। मेरी समझ के बाहर है कि दर्शकों को इसमें अब और क्या नया जानने को मिल रहा है और कौन वो लोग है जो इन वीडियोज को बार-बार देखते हैं क्या वो यही बातें बार-बार सुनना चाहते हैं, अलग-अलग तरीके से देखना चाहते हैं क्योंकि अब बॉलीवुड के बारे में कुछ भी साबित करने के लिए नहीं रह गया है, बॉलीवुड के बारे में बहुत कुछ साबित हो चुका है। तो फिर ये जो नकली पन की बातें हैं, वो इतनी बार अलग-अलग तरह के कंटेंट क्रिएटर जब करते हैं, तो उससे जो दर्शकों का take away है, दर्शकों को क्या मिलता है? मैं आपसे जानना चाहता हूँ कि इस तरह के वीडियोज आप कितनी बार और देख सकते हैं जिसमें बॉलीवुड की काली सच्चाई के बारे में बताया गया हो।

बिग बॉस में अनिल कपूर ने क्यों सलमान को रिप्लेस किया | Why did Anil Kapoor replace Salman in Big Boss

बिग बॉस को बेवकूफ बनाया, दिल्ली की वड़ा पाव गर्ल | Delhi’s Vada Pav girl fooled Big Boss

क्या बिग बॉस में एक-दूसरे को बनाने का खेल चल रहा है? या फिर जितनी ये जो फौज इकट्ठी हुई है बिग बॉस के घर में ये सारे के सारे बिग बॉस को मिलकर मना रहे हैं क्योंकि इनको जिस वजह से बुलाया गया है वो अगर आप कारण देखेंगे तो आपको सारी बातें समझ में आ जाएंगी, हम बात करते हैं दिल्ली की वडापाव गर्ल चंद्रिका दीक्षित की चंद्रिका दीक्षित जो हैं उनके जितने वीडियोज आए वो बड़े रोते हुए आए हैं, ऐसा लग रहा था बड़ी दुख की मारी हैं, इनपर ना जाने कौन सा दुःख का पहाड़ टूट पड़ा हैं, उन्होंने कहानी भी अपनी यही सुनाई की छोटा बच्चा हैं, उसे छोड़कर नहीं जा सकती, लेकिन अब जब वो Bigg बॉस के घर में आई हैं तो पहला सवाल यही है कि जिस बच्चे को छोड़कर वो काम पर नहीं जा पा रही थी उस बच्चे को छोड़कर वो big बॉस के घर आ गई एक बात, दूसरा उन्होंने कहा कि उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं है।

उनकी जो कमाई होती है वो बहुत कम है लेकिन big बॉस के घर में आने के बाद खुलासा ये भी हो गया कि वो दिन के चालीस हजार रूपए तक कमा रही थी तो क्या हिंदुस्तान में चालीस हजार रूपए प्रतिदिन कमाने वाला व्यक्ति गरीब कहलाएगा? दूसरी तरफ लव कटारिया की entry हुई है। अब लव कटारिया को लाने का कारण क्या है सब जानते हैं। पिछले सीजन में हमने देखा कि अल्वेश यादव जो थे वो wild card entry थे। सारा गेम पलट गया उनके आते ही और ऐसा पलटा कि वो winner बन गए और winner बनने के बाद उनकी जिंदगी में भी तमाशे शुरू हो गए कभी वो सांप का जहर पीने का मामला सामने आया तो कभी किसी के साथ मारपीट सामने आई इसी सबके बीच लोगों ने देखा कि लव कटारिया भी है जो कि उनके करीबी दोस्त थे।

बिग बॉस में अनिल कपूर ने क्यों सलमान को रिप्लेस किया | Why did Anil Kapoor replace Salman in Big Boss

अब एक तरह से बिग बॉस ने Luv Kataria को शायद इसलिए बुलाया कि ये जो Elvish वाली fan following है वो Luv Kataria के through उन्हें मिल जाए क्योंकि Alvish तो भले ही पिछले season में थे अब इस season में तो आ नहीं सकते तो Elvish से जुड़ा हुआ एक angle वो लेकर आ गए उधर Arman Malik है उनका तो seen ही दूसरा चल रहा है वो तो दुनिया को बता रहे हैं कि दो शादियाँ करना ही दुनिया की सबसे अच्छी बात है क्योंकि दो शादी करके आप video भी बना सकते हैं अमीर भी बन सकते हैं खुश भी रह सकते हैं और लोगों को jealous भी feel करा सकते हैं तो कुल मिलाकर ये सारे के सारे जो हैं मिलकर या तो बिग बॉस को बना रहे हैं या बिग बॉस इनके साथ मिलकर दर्शकों को बना रहे हैं क्योंकि इस शो में मिलने वाला कुछ भी नहीं है।

दोस्तों इस शो के जो होस्ट हैं अनिल कपूर मुझे ऐसा लगता है personally कि बहुत जल्द ऐसा हो सकता है कि सलमान खान को आकर इस शो को संभालना पड़े एक या दो एपिसोड में क्योंकि आपको याद होगा कि संजय दत्त भी जब आए थे उस वाले सीजन में भी सलमान को आना पड़ा था और ये जो शो है पिछले काफी समय से देखते-देखते लोगों को आदत पड़ चुकी है सलमान खान को देखने की इस बार क्योंकि सलमान खान किसी से available नहीं थे। इसलिए अनिल कपूर को लिया गया कम पैसों में और दूसरा ये सारे लोगों को जुटाया गया। सुनने में ये भी आया था कि डॉली चाय वाला को भी इन्होंने अप्रोच किया था लेकिन डॉली चाय वाला ने ये कह दिया कि मैं अपनी माँ को छोड़कर नहीं आ सकता।

तो इसलिए डॉली चाय वाला यहाँ दिखाई नहीं दिए। लेकिन ये जो चंद्रिका आई हैं या शिवानी आई हैं, वो जिस तरीके का सब तमाशा create कर रहे हैं, आप ये समझ लीजिए कि हमारे youth को इनसे कोई ढंग का मैसेज मिलने वाला नहीं है। ये सब के सब एक नंबर लोगों को बनाने में तेज़ हैं। लोगों को बेवकूफ बनाते हैं, पैसा ऐंठते हैं। क्या चंद्रिका दीक्षित वाकई में दुखी हैं? क्या शिवानी की स्थिति वाकई खराब है? जो वो बात-बात पर रोती दिखाई देती हैं? क्या अरमान मलिक वाकई एक खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं? अगर उनकी जिंदगी से पैसा माइनस कर दिया जाए? और स्ट्रगल भर दिया जाए तो क्या वो दो बीवियों के साथ खुश हैं?

या उनकी जिंदगी के कॉन्टेंट का बनना इसी बात पे डिपेंड करता है, कि उनकी दो बीवियां हैं? ये तमाम इस पर बात करना इसलिए जरूरी हो जाता है क्योंकि इस पूरे गेम में हर कोई एक दूसरे को बना रहा है। कहीं पर आपको लगेगा ये सारे contestants मिलकर बिग बॉस को बना रहे हैं और कहीं आपको लगेगा कि बिग बॉस इनके साथ मिलकर जनता को बना रहे हैं। किसी ना किसी तरह एक कोशिश है कि वो जनता जो यूट्यूब पर लगी हुई थी, फेसबुक पर लगी हुई थी, कहीं दिल्ली के वडापाव वाले गर्ल के वीडियो देखे जा रहे थे, कहीं अरमान मलिक के वीडियो देखे जा रहे थे, इन सब को खींचकर अपने platform पर ले आओ। और इधर मिलकर दर्शकों को बना रहे हैं। कि हमारा और तो कोई धंधा चल नहीं रहा था।

चलो यही सही अब सोचिए चंद्रिका दीक्षित जो है वो कहाँ दिल्ली में खड़े होकर वडापाव बेच रही थी और कहाँ वो बच्चे को छोड़कर काम पर जाने को तैयार नहीं थी और कहाँ वो तीन महीने के लिए यहाँ आ जाती है तो दोस्तों ये जो पूरा मामला है ये बहुत ज्यादा उलझा हुआ है और उलझा होने के साथ-साथ यहाँ ये समझ में नहीं आ रहा है कि कौन किसको बना रहा है ultimately दर्शक ही बन रहे हैं क्योंकि दर्शक इसको देखने के लिए पैसा खर्च कर रहे हैं, सबसे बड़ी बात अपना टाइम खर्च कर रहे हैं और उससे भी बड़ी बात कि उनको मिल कुछ नहीं रहा prize money दर्शकों को नहीं मिलेगी। जो वक्त गया वो वापस नहीं आएगा।

सारी चकलस होगी उसका गॉसअप आप करेंगे। ठीक इस तरीके का scenario बना हुआ है कि जो गॉसिप जो चकर्लस आप अपने मोहल्ले के बारे में करते थे। अपनी बिल्डिंग सोसाइटी कॉलोनी के बारे में करते थे। अब वो इस तरीके की चकलस हो रही है जो कि बिग बॉस के घर में जो लोग बंद है उनके बारे में बातें हो रही है। तो कहीं ना कहीं इसमें जो बन रही है वो पब्लिक है। जो बना रहे हैं वो बिग बॉस के में बैठे लोग हैं और बिग बॉस के लोग भी ऐसे लोगों को छांटकर लाए हैं कि हाँ इनके पीछे पब्लिक भागती थी सोशल मीडिया पर इनको लेकर आ जाओ।

बिग बॉस OTT में होने वाला है गंदा खेल | A dirty game is going to happen in Bigg Boss

अब आप देखिए एलवेश यादव जो इनके घर से निकले थे उन्होंने घर से निकलते ही कितने कांड कर डाले? क्या कोई माँ-बाप चाहेगा कि उनका बच्चा अल्वेश यादव जैसा बन जाए? अब उस अल्वेश यादव वाले फ्लेवर को बना के रखने के लिए लव कटारिया को ले आए। यहाँ पर आपको अह राखी सावंत तो उर्फी जावेद भी दिख जाएंगी मतलब not exactly सावंत और जावेद उनकी type के characters रणवीर शौहरी को लाया गया है मालूम है उनके पास काम नहीं है तो उनकी जो एक तरह से बेरोजगारी है उसका मजाक उड़ेगा उसको लेकर जो नए-नए लड़के हैं उन पे comment कसेंगे पुरानी बातों को पूछेंगे पुरानी बातें याद दिलाई जाएगी उन्होंने बात करनी शुरू भी कर दी है पूजा भट्ट के बारे में एक जमाने में पूजा भट्ट के वो बॉयफ्रेंड हुआ करते थे तो ऐसी तमाम बातों का तमाशा यहाँ पर मचाया गया है लेकिन इतना तय है कि यहाँ हर कोई किसी ना किसी को बना रहा है और मुझे तो लगता है सब मिलकर बिग बॉस को बना रहे हैं।

कि जो रोना रोया चंद्रिका दीक्षित ने वडा पाव के ठेले पे खड़े होकर और उसके बाद उन्होंने सीधे यहाँ का टिकट कटा लिया यानी वो अपने मकसद में कामयाब हो गई। अरमान मलिक को क्या चाहिए था अपने घर पर वीडियो बनाते थे दो बीवियों के साथ अब बिग बॉस के घर में बना रहे हैं। तो कुल मिलाकर मामला ये है कि यहाँ सब एक-दूसरे से कुछ ना कुछ खींचने में लगे हैं और जो बेवकूफ जनता है वो उसको देखने में लगी है और हमारे जैसे लोगों को उस पर comment इसलिए करना पड़ता है क्योंकि हमारे पास messages आते हैं। अरे सर आपने बिग बॉस पर बात नहीं इसमें फलां-फलां चीज हो गई है आपने देखा नहीं।

तो हो तो हमारे समाज के बीच में रहा है। बिग बॉस किसी दूसरे प्लेनेट पर तो हो नहीं रहा है। बिग बॉस इसी प्लानेट पर हो रहा है, इसी दुनिया के लोग उसे देख रहे हैं, इसी दुनिया के लोग इसी दुनिया का टाइम खर्च करके पैसे खर्च करके उसे देख रहे हैं और उसके बारे में जानना चाहते हैं, बातें करते हैं। करोड़ों-करोड़ों लोग एक साथ बैठकर देख रहे होते हैं, अगर आप जियो सिनेमा के ऐप पर चले जाएं तो आप देखेंगे करोड़ों लोग बैठकर यही देख रहे होते हैं और इस सब में एक यही analysis बचता है कि यहाँ कौन किसको बना रहा है क्योंकि हर कोई किसी ना किसी के पीछे पड़ा है। बिग बॉस को इन लोगों का जो फैन फोल्लोविंग है वो चाहिए। इन्हें बिग बॉस से पैसे चाहिए और इन सबको मिलकर आपका टाइम चाहिए।

आपकी जिंदगी चाहिए। वो काम वो समय जो आप काम में लगा सकते थे, वो चाहते हैं ये इनको दे दें। बहुत से लोग तो रात में उठ-उठ के देख रहे हैं। रिपीट भी देख रहे हैं, एक दिन पहले का देख रहे हैं, एक दिन बाद का देख रहे हैं, तमाम चीजें चल रही हैं। लेकिन कोई ये इस बात को नहीं समझता कि इसमें बन कौन रहा है? सच बताऊं आपको? इसमें आप रहे हैं। क्योंकि आप इसको देख रहे हैं आपको कुछ भी मिलने वाला नहीं है।

जो contestants हैं उनको दो चीजें मिलेंगी। एक तो पैसा और दूसरी थोड़े बहुत समय की शोहरत और हो सकता है यहाँ से निकलने के बाद थोड़ा-बहुत काम भी जैसे चंद्रिका के बारे में कहा जा रहा है उन्हें वेब सीरीज ऑफर हो चुकी है ऐसी चीजें हैं तो अगर आप बिग बॉस देखते भी हैं तो इस बात को समझकर देखें कि ये आपका सबसे बड़ा नुकसान है। आपके टाइम की कीमत मिल किसे रही है contestants को वसूली किससे जा रही है? एडवरटाइजर से। आइए आप एड दिखाइए, पैसे दीजिए, जनता इनको बैठ के देखेगी। और हम इसका मुनाफा कमाएंगे। तो दोस्तों इस खेल को समझिए। और कोशिश कीजिए कि आप इस खेल में मूर्ख या बेवकूफ बनने से बचें।

बिग बॉस में नहीं दिखेंगी सोनम खान | Sonam Khan will not be seen in Bigg Boss

नाना पाटेकर ने राजदीप सरदेसाई को धो डाला | Nana Patekar washed away Rajdeep Sardesai

नाना पाटेकर ने आखिर पत्रकार राजदीप सरदेसाई को ऐसा क्या कहा जो लोगों ने ये कहना शुरू कर दिया कि नाना ने राजदीप को धो डाला? असल में ये पूरा मामला शुरू हुआ एक शो से और ये शो आया लल्लन टॉप पर लल्लनटॉप पर एक शो आता है गेस्ट इन द न्यूज़ रूम इसका hundred episode था और उसमें आए नाना पाटेकर सौरभ द्विवेदी इसमें host होते हैं, interview करते हैं। बहुत popular शो है और खासकर ये बहुत लंबा रहा, करीब चार घंटे का ये एपिसोड था। जिसमें नाना पाटेकर की जिंदगी से जुड़ी सब बातों पर discussion चल रहा था। अचानक से इस बातचीत में entry होती है, राजदीप सरदेसाई की।

आप जानते ही हैं कि टीवी टुडे ग्रुप को बिलॉन्ग करता है, जिस ग्रुप को हेडलाइंस टुडे और आज तक और ये सारा सब एक ही ग्रुप है। राजदीप सरदेसाई लल्लनटॉप के न्यूज़ रूम में आते हैं। नाना पाटेकर पर नजर पड़ती है। और फिर वो उनसे थोड़ा मराठी में संवाद करते हैं फिर तारीफ करते हैं लल्लनटॉप की और तारीफ करते-करते ये भी कहते हैं कि ये हिंदी भाषी लोग हैं और आपस में मराठी में बात कर रहे होते हैं तो नाना उन्हें वहाँ पर रोकते हैं और कहते हैं कि भाई जिस दिन हम ये तय कर लेंगे कि ये तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मराठी, बंगाली सब एक ही हैं तो उस दिन हम सही मायने में अपने देश से प्यार करते हैं ये साबित होगा और इस तरीके की बातें होती हैं फिर अह राजदीप तारीफ करते हैं।

मलाइका बनी सलमान अर्जुन के बीच का कांटा | Malaika became the thorn between Salman and Arjun

लल्लनटॉप की कि ये लोग आज के समय में बहुत अच्छी पत्रकारिता कर रहे हैं और अह मैं इसीलिए आ जाता हूँ कभी-कभी टहलता हुआ दफ्तर में तो इस पर नाना पाटेकर सीधे तौर पर कहते हैं राजदीप सरदेसाई से कि तू क्यों नहीं करता ऐसी पत्रकारिता तो जो बुरा ही बुरा क्यों दीखता है अब वो सबके सामने अचानक नाना पाटेकर ने जो कहा तो राजदीप सरदेसाई एकदम ठिठक गए उनको कोई जवाब नहीं सूझा और वो बेचारे बस इतना ही कह पाए कि अब हम भी इतने बुरे नहीं है मतलब कहीं ना कहीं उन्हें लगा कि वो बुरे हैं क्योंकि आमतौर पर होता क्या है दोस्तों कि एक जमाना अलग था जब पत्रकारों को बहुत ही सम्मान पूर्वक दृष्टि से देखा जाता था आज लोग बंट चुके हैं कोई सीधे हाथ की तरफ है कोई बाएं हाथ की तरफ है आप समझ ही रहे हैं राइट एंड लेफ्ट हो चुका है तो अब लोगों के मन में बातें भी आती हैं प्रश्न भी आते हैं और खासकर राजदीप सरदेसाई की अगर बात करें तो उनकी पत्नी जो है वो टीएमसी से अब राज्यसभा सांसद है तो ऐसे में राजदीप सरदेसाई अ को लेकर लोगों के मन में न्यूट्रल भाव तो नहीं होगा क्योंकि जब का एक सदस्य एक पार्टी से सांसद बन जाता है।

और आप ये दावा कर रहे हैं कि आप पत्रकार हैं वो भी न्यूट्रल पत्रकार तो फिर लोगों को उस पर संशय होता है और जिस तरीके से नाना पाटेकर ने सबके सामने कहा कि तो तू क्यों नहीं करता ऐसी पत्रकारिता। तो जो बुरा ही बुरा क्यों दिखता है? तो ये साफ दिखता है कि वो लोग जो राजदीप सरदेसाई को बहुत लंबे समय से जानते हैं उनके मन में भी ऐसी बातें आती रहती हैं। इस पूरे अह एपिसोड में हमने ये भी देखा कि अह राजदीप तो थोड़ी देर के लिए आए थे मुश्किल से पांच-सात मिनट का उनका इंटरेक्शन है जिसमें उनकी पोल खुद ही खुल जाती है और इसमें अह राजदीप सरदेसाई जो हैं वो नाना पाटेकर के बड़े करीबी दोस्त हैं, दोनों के बीच ये बात होती है कि महीने में एक बार तो मैसेज आता ही है। कभी नाना राजदीप को करते हैं, कभी राजदीप नाना को करते हैं और उनके मम्मी-पापा के जमाने से उनका घर का आना-जाना है।

2023 के अंत में इन कहानीयों ने छोटे पर्दे पर धूम मचाई

अब इतना कड़वा जो संवाद हुआ उसे लल्लनटॉप ने दिखा भी दिया। वो चाहते को एडिट कर सकते थे? हम और आपको पता ही नहीं चलता क्योंकि लल्लनटॉप के न्यूज़ रूम में इंटरव्यू शूट होने के दौरान क्या हुआ? ये कैसे पता चलेगा? जब तक कि वो खुद नहीं बताएंगे। अब ये एक ईमानदारी है लल्लनटॉप की। कि उन्होंने उस पूरे एपिसोड को दिखा दिया। अब इस वजह से राजदीप सरदेसाई को ट्रोल भी किया जा रहा है। बहुत सारे लोग तमाम तरह की बातें लिख रहे हैं सोशल मीडिया पर, कुछ लोग कह रहे हैं कि राजदीप की क्लास लगाकर नाना ने ठीक किया, कुछ ने कहा कि अह ये तो मतलब उनकी तारीफ में जो लगे हैं तो वो तो कभी नाना पाटेकर का नाम नहीं भूल पाएंगे तो ऐसे तमाम तरह के कमेंट आपको दिख जाएंगे सोशल मीडिया पर लेकिन इतना जरूर है कि आज के वक्त में जो सोशल मीडिया आया है और सब कुछ खुलकर बात करते हैं लोग पहले लोगों के मन में सवाल दबे रह जाते थे

कहाँ पूछे किस से पूछे कहाँ लिखे मौके नहीं थे आज आप देखिए कि interview चल रहा है नाना पाटेकर बैठे हैं पीछे से राजीव सरदेसाई आते हैं दोनों के बीच संवाद होता है नाना पाटेकर उनकी दो बार बेइज्जती करते हैं बेइज्जती not बेइज्जती पर हाँ वो उनको उनके काम पर टीका करते हैं, काम पर टिप्पणी करते हैं जिसका जवाब कुछ दे नहीं पाते हैं राजीव सादेसाई तो उसे ये कहते हैं कि मैं इतना भी बुरा नहीं हूँ और आज के समय में वो खुद कहते हैं कि लल्लनटॉप ने जो पत्रकारिता जिस स्तर की की है वो वाकई काबिले तारीफ है तो ऐसी बातें चलती हैं फिर वो वहाँ पर एक चीज ये भी बोलते हैं भाषा के आधार पर भी वो बांटने की कोशिश करते हैं राजीव साह देसाई अरे ये हिंदी भाषी है और पहले वो मराठी में बात कर रहे होते हैं लेकिन वो ना ना उन्हें वहाँ भी काट देते हैं कि क्या फर्क पड़ता है मराठी में बात कर तो दोस्तों ये सारी जो बातें हैं मैंने आपके सामने इसलिए रखी हो सकता है

आप में से कुछ लोगों ने वो एपिसोड देखा भी होगा कि अब कुछ छुपा हुआ नहीं रह गया है अब जो कुछ भी है वो सामने है ऐसे में आज का जो दौर है वो पत्रकारिता करने के लिए बहुत टफ दौर है आज के समय में आपकी सारी कलई खुल के रख जाती है मुझे याद है राजदीप सरदेसाई ने जब इंटरव्यू किया था रिया चक्रवर्ती का उस समय भी वो काफी विवादों में आए थे और बहुत सारी बातें उनसे कही गई थी और ये कोई पहला मौका नहीं है जब राजदीप सरदेसाई अह इस तरह से publicly insult कर दिया हो मुझे याद है एक video अह मुकेश अंबानी के साथ का भी है जिसमें वो बहुत कोशिश कर रहे हैं उनसे बात करने की और वो उनको दिखा देते हैं that he is not interested और ऐसे कई मौके हुए हैं राजदीप सरदेसाई के साथ अब ये पत्रकारिता का जो प्रोफेशन है

ये बिल्कुल एक अलग तरह के माहौल में पहुँच चुका है जहाँ पर अब आम जनता को पत्रकारों की जरूरत नहीं है अपनी बात कहने के लिए आम जनता तो सोशल मीडिया पर बोल देती है आप कुछ कहें उसके नीचे लिख देती है आपको ट्रोल वाले लोग भी आ जाते है अब हो ये गया है कि आपने जो किया है उसका सब हिसाब रखा जाता है और लोग मौका मिलने पर उसका पूरा हिसाब किताब निकालते है बहुत से लोगों के लिए तमाशा होता है बहुत से लोगों के लिए सीखने जैसी चीज होती है लेकिन अगर आप बहुत ही खुलकर इसको समझे तो एक तरह से ये एक बहुत अच्छा मौका है हमारे देश की जनता के लिए उन जागरूक नागरिकों के लिए जो अपने विचार रखते है कुछ बोलना चाहते है कहना चाहते है वो चुपचाप सुनना नहीं चाहते और साथ ही बताना चाहते है कि उन्हें हर बात समझ आती है।

तो ये जो पूरा एपिसोड हुआ है ये एक पत्रकार नाना पाटेकर का interview लिए दूसरा पत्रकार जो देश का बड़ा पत्रकार है पीछे से आता है फिर दोनों के बीच में एक मीठी नोकझोंक होती है और फिर चले जाते हैं और इस सब के बाद भी लल्लनटॉप ने इस पूरी मीठी नोकझोंक को दिखा दिया तो ये भी एक तरह की ईमानदारी लगती है ये अलग तरह की ईमानदारी है कि आपके दफ्तर में कुछ हुआ आप चाहते तो छुपा जाते अब होता ये है कि ऐसे जो interactions होते हैं कई बार हो सकता है किसी ने मोबाइल फोन से शूट कर लिया होता कोई बाद में अपलोड करता तो ये होता अरे ये वाला इंटरेक्शन तो आपने दिखाया ही नहीं के बीच में हुआ था। खैर ये एक अच्छी practice भी है और कहीं ना कहीं अब ऐसा लगता है कि अह journalism में जो चीजें होती हैं, सबसे पहली चीज तो होती है transparency जो है जैसा है बताना, दिखाना, छुपाना नहीं।

यहाँ कोई fiction नहीं है। यहाँ असलियत दिखाई जा रही है, तो आप जो भी संवाद कर रहे हैं, आप अगर fumble भी कर रहे हैं, आप किसी को कुछ बुरा-भला भी कह रहे हैं, तो वो सब कुछ सामने होता है, तो इसी इस एपिसोड की ब्यूटी रही है, मैं देख रहा हूँ कि इस, इस एपिसोड को काफी देखा गया है। अह ये संडे के दिन अपलोड हुआ था, अब तक लाखों में views पहुंच चुके हैं और बहुत सारे लोग इस इंटरव्यू को सराह रहे हैं और जिस तरह से नाना ने अपनी जिंदगी के बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने अपने बारे में भी बहुत कुछ बताया है।

मैं चाहूंगा कि इस इंटरव्यू को आप देखें जरूर अगर आपने नहीं देखा है क्योंकि इस इंटरव्यू को देखकर आपको बहुत कुछ सीखने को भी मिलने वाला है, मैंने खुद तीन-चार टुकड़ों में से इस इंटरव्यू को देखा काफी समय लगता है इसको देखने में लेकिन जब आप देख लेते हैं पूरा तब आपको समझ में आता है कि हाँ एक पचहत्तर साल का अनुभवी अभिनेता है जो सारी बातें कह रहा है जिंदगी की कितनी सीख छुपी है? तो मौका मिले इसे जरूर देखिए, उस मीठी नोक झोंक को भी देखिए, लल्लनटॉप के यूट्यूब चैनल पर आपको वो वीडियो अलग से भी मिल जाएगा जिसमें वो राजदीप को धो रहे हैं बुरी तरह लेकिन मुझे लगता है कि हमें इस तरह के वीडियोज देखने चाहिए, हमें पता होना चाहिए कि लोगों की सोच क्या है, अप्रोच क्या है? और आज के समय में वाकई neutral रह पाना बहुत मुश्किल हो चुका है।

10 एक्सट्रीम लेवल ह्यूमन बीस्ट हिंदी वेब सीरीज

क्या होगा हीरामंडी की शर्मिन सहगल का? | What will happen to Sharmin Sehgal of Hiramandi

हीरा मंडी के बाद मेरे मन में कुछ सवाल आ रहे हैं। जो यहाँ मैं आपके सामने रखने जा रहा हूँ nepotism की वजह से अपनी भांजी शर्मिंद सहगल को हीरा मंडी की आलम जेब बनाने वाले भंसाली क्या खुद को कभी माफ़ कर पाएंगे? क्या एक शो में श्रमिन को जबरदस्ती हीरोइन बनाने वाले भंसाली वाकई अपने मकसद में कामयाब हो गए? क्या आज शर्मिंद को साइन करने के लिए उनके घर के बाहर प्रोड्यूसर्स की लंबी लाइनें लगी हैं? क्या नेटफ्लिक्स को अपनी गलती का एहसास हुआ है?

क्या नेटफ्लिक्स आने वाले समय में ये नियम बनाने जा रहा है? कि नेपोटिस्म के नाम पर कोई भी फिल्म मेकर उनके प्रोजेक्ट के लिए अपने रिश्तेदारों को कास्ट नहीं करेगा? क्या नेटफ्लिक्स के इस समय खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं? क्या आपको भी ऐसा लगता है कि आपके भरोसे कई सारे रईसजादों का career चमकाने की बेशर्म कोशिशें की जा रही हैं? जब शर्मिंद ने अपने सोशल मीडिया account पर कमेंट्स को ऑफ किया तो क्या आपको ये लगा कि वो गलती करने के बाद भी उसे मानने तक को तैयार नहीं है?

क्या सनी देओल ने श्री राम को धोखा दिया! | Did Sunny Deol betray Shri Ram?

क्या भंसाली ने उस actress के साथ नाइंसाफी की है? जिसे उन्होंने पहले आलम जेब के रोल के लिए sign किया? और फिर कई महीनों की ट्रेनिंग के बाद उसे अचानक मंडी से निकालकर अपनी भांजी को सिर्फ इसलिए हेरोइन बना दिया क्योंकि वो कर सकते थे। भंसाली पर अपनी इस चॉइस के लिए जो उंगलियां उठी उन सभी बातों को बुरी तरह इग्नोर कर दिया गया। क्या अब कभी भी भंसाली फिर से शर्मिंद को किसी प्रोजेक्ट में cast कर पाएंगे? ये सारे सवाल इसलिए पूछे जा रहे हैं क्योंकि एक फिल्मकार के तौर पर पिछले कई सालों के दौरान भंसाली ने हमारा जो भरोसा जीता था, उसके साथ छल हुआ है।

क्या भंसाली की फिल्मों के दर्शक रहे करोड़ों लोगों को सवाल पूछने का हक नहीं है कि उन्होंने ये धोखा क्यों दिया? बॉलीवुड में जब भी nepotism पर बहस होगी ये सवाल पूछे जाएंगे। ये सवाल कड़वे हैं, कानों में चुभते भी हैं लेकिन गलती करने वाला इन सवालों से बचकर नहीं भाग सकता, खासकर जबकि उसने कई करोड़ों लोगों का भरोसा तोड़ा हो। यहाँ एक बात मैं ये भी कहना चाहूंगा कि वो लायक बच्चे जो nepoced होने के साथ-साथ लायक भी हैं, भविष्य में बॉलीवुड में आने वाले हैं, उनके लिए भी ये खतरनाक है।

सिर्फ दर्शकों के साथ ही नहीं बल्कि भंसाली ने कहानी के साथ भी अन्याय किया है जबकि उन्होंने एक non actor को इसके लीड रोल में cast कर लिया। हो सकता है कोई भंसाली से बेहतर स्टार कास्ट के साथ हिरा मंडी बना था लेकिन अब वो मौका भी भंसाली ने एक खराब शो बनाकर हमेशा के लिए खत्म कर दिया है। जब भी आप गलती करते हैं, आप एक साथ कई संभावनाओं को हमेशा के लिए खत्म कर देते हैं, भंसाली ने ऐसा किया क्योंकि वो कर सकते थे। क्या आप जब भी भंसाली अपना अगला प्रोजेक्ट करेंगे वो दर्शकों से मिले response का ख्याल रखेंगे जो उन्हें हीरा मंडी के जरिए मिला?

या फिर भंसाली इतने ही नॉन expression वाले किसी दूसरे चेहरे को भी cast कर लेंगे, वो भी लीड रोल में एक तरह से भंसाली ने शर्मिंद के सामने आने वाली संभावनाओं को भी हमेशा के लिए खत्म कर दिया क्योंकि अब कोई भी उनको साइन करने का जोखिम नहीं लेगा। अगर वाकई शर्मिंद को एक actor बनाने का ख्वाब भंसाली देख रहे थे, तो वो उनको ट्रेनिंग देने में कुछ महीने या साल लगा सकते थे,

लेकिन वो तो सच में मामू बन गए याद आ रहा है कपिल शर्मा के शो में जब हिरा मंडी की पूरी स्टार कास्ट आई थी उस वक्त कपिल शर्मा ने जैसा उनका लहजा है मजाक-मजाक में पूछा कि आपको ये रोल क्या इसलिए मिला कि वो आप उनकी भांजी है तो शर्मिल ने कहा कि नहीं मेरे तो कई सारे स्क्रीन टेस्ट हुए और वहाँ भी बात-बात में बात निकली कि ये क्या आपने उन्हें मामू बना दिया खैर उसको फिर कपिल ने थोड़ा संभाला और सीधे वो अर्चना पूरन सिंह पर इस joke को ले गए और ये कहने लगे कि अगर अर्चना जी वहाँ होती तो धमका के ले लेती खैर वो बात हंसी की थी लेकिन आप सोचिए कि लोग सच में शर्मिंद सहगल पर हँसते रहे और शर्मिंद से ज्यादा लोग संजय लीला भंसाली पर हँसते रहे क्योंकि शर्मिंदगी तो लोगों के बीच कोई पहचान ही नहीं थी उन्हें तो कोई जानता ही नहीं था हालांकि वो एक फिल्म में काम कर चुकी है मलाल जो कब आई और कब गई किसी को पता नहीं जाहिर है नहीं है तो पता कैसे चलता?

लेकिन लोगों को शक हुआ भंसाली की काबिलियत पर अब आप सोचिए इतने लंबे करियर के बाद अगर आपके एक गलत फैसले से किसी को आपकी काबिलियत पर शक होने लगे तो आपका पूरा का पूरा करियर दांव पर लग जाता है भंसाली की कई फिल्में हिट रही है कई फिल्में फ्लॉप रही है लेकिन कभी भी उनकी काबिलियत पर सवाल नहीं उठाए गए लेकिन ये पहला मौका था हीरा मंडी के वक्त जब वो खुद का शिकार हुए। आंख पर पट्टी बंध गई। और एक नॉन एक्टर को वो लीड स्टार बनाकर ले आए।

और ये सब उन्होंने अपने खर्चे पर नहीं किया ये सब उन्होंने तब किया जब उसमें पैसा लग रहा था नेटफ्लिक्स का तो यहां दो तरह के दर्शक टूट गए हैं। एक तो वो जो भंसाली की पिछली फिल्मों को देखकर उन पर भरोसा करते आए कि वो कैसा भी कंटेंट बनाए लेकिन हम उनके काम में कोई खोट नहीं निकाल सकते। जैसा मैंने पहले कहा कि भंसाली की बहुत सी फिल्में फ्लॉप हुई है लेकिन उनके काम पर कभी उँगलियाँ नहीं उठी लेकिन ये पहली बार है जब उनके काम पर उँगलियाँ उठी और इसमें साथ में आ गया नेटफ्लिक्स भी क्या नेटफ्लिक्स अब ये नियम बनाएगा कि अगले किसी प्रोजेक्ट में कोई अपनी रिश्तेदारी दोस्ती के चलते उनके प्रोजेक्ट का बेडा गर्क ना कर दे।

राजनीति में क्यों फ्लॉप रहते हैं सुपरस्टार?

अब आप खुद सोचिए, जो लोग बहुत समय से हीरा मंडी पर बनने वाली कहानी को देखने का इंतजार कर रहे थे, उनके दिल पर क्या बीती होगी? बहुत साल पहले मैंने महेश भट्ट जी के साथ एक इंटरव्यू किया था, जिसमें उन्होंने इच्छा थी कि वो हिरा मंडी पर फिल्म बनाना चाहते हैं सोचिए ये मैं बात कर रहा हूँ कम से कम सोलह-सत्रह साल पुरानी तब से ये चल रहा था कि हीरा मंडी पर एक फिल्म बनेगी और हमारे आसपास जो subjects होते हैं उनमें कुछ subject ऐसे होते हैं जिनसे जुड़ी कहानियां लोग देखना चाहते हैं हीरा मंडी भी उसमें से एक था और लोगों की उम्मीदें और आशाएं और बढ़ गई जब भंसाली ने कहा कि हम इस पर बनाएंगे लोगों को लगा कि पता नहीं क्या कमाल बनेगा लेकिन किसी को उम्मीद नहीं थी कि वो lead actor के तौर पर एक चेहरे को introduce कर देंगे जिसे एक्टिंग नहीं आती ये वो लोग कहेंगे जो उनके आम दर्शक हैं।

और जिस वक्त कमेंट्स को ऑफ किया गया वो अपने आप में इस बात को बताता था कि उनके अंदर सच को सुनने की ताकत नहीं है।  जब भी हम परफॉर्मिंग आर्ट्स में होते हैं, पब्लिक फिगर होते हैं, लोगों के सामने जाते हैं, जहाँ हमारा काम लोगों द्वारा सराह जाता है या फिर लोगों द्वारा उस पर रिएक्ट किया जाता है। वहां अगर हम कमेंट्स ऑफ कर रहे हैं, इसका मतलब ये है कि हम अपने कान बंद कर रहे हैं, यानी हम सिर्फ अपनी तारीफ सुनना चाहते हैं, अगर हमें पता है हमने काम खराब किया है और कान बंद कर लेते हैं, इसका मतलब ये है कि हमने सुधार की सारी गुंजाइशों को खुद ही खत्म कर दिया है।

बहुत अफसोस की बात है कि संजय लीला भंसाली के एक इतने बड़े प्रोजेक्ट से जो लोगों के बीच छाप बनी वो ये बनी कि भाई ये भी nepotism करते हैं। बेहद दुःख की बात है, संजय लीला भंसाली की बहुत respect है, वो जो काम करते हैं, जो उनका क्राफ्ट है। उसके प्रति लोग एक ऐसी भावना रखते हैं, कि हाँ हमें भंसाली जी से सीखना चाहिए, ना जाने कितने लोग होंगे, जो भंसाली की फिल्में देखकर सीखते हैं। लेकिन ये आया है वो भी उनके करियर के इस मक़ाम पर. आप सोचिए अगर वाकई भंसाली को सेब्लिश करना था शर्मिंद को एक एक्ट्रेस के तौर पर एक साल, दो साल, तीन साल की ट्रेनिंग दे सकते थे.

मैं मानता हूँ और जानता भी हूँ कि ट्रेनिंग देने से कोई एक्टर नहीं बनता लेकिन कम से कम कुछ समय तो खर्च किया होता। लोग ये तो ना कहते कि इनके हर सीन में एक ही जैसे एक्सप्रेशन है। अब आप सोचिए कि वो लोग जो अपना कीमती समय देकर आपके अह आपके शो को देख रहे हैं उनके दिल से आवाज़ आ रही है कि आपको तो काम ही नहीं आता,  ये बहुत बड़ा विषय है अपने आप में क्योंकि अब इसको देखकर बहुत सारे लोग सीखेंगे।

जैसे भंसाली ने किया, हम भी कर सकते हैं ये ना सिर्फ उन्होंने अपनी craft के प्रति अपराध किया अपने दर्शकों के प्रति अपराध किया बल्कि आने वाली पीढ़ी के सामने भी एक गलत मिसाल रखी है कि हाँ अगर आप बड़े हैं तो आप कुछ भी कर सकते हैं क्योंकि आपका नाम बिकता है। याद रहे नाम बनाने में सालों लगते हैं। और एक पल में वो चला जाता है। अपने दिल पर हाथ रखकर मुझे ये बताइए कि अगला project जब संजय लीला भंसाली का announce होगा तो क्या आपके जेहन में ख्याल नहीं आएगा कि कहीं ये दोबारा ये वाली गलती तो नहीं करने जा रहे? क्या भंसाली ने पर भी इस बात का भरोसा दिलाया है कि वो ऐसी गलती नहीं करेंगे क्योंकि वो बार-बार कहते रहे कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है।

उनके उनके किसी भी बयान में ये बात निकलकर सामने नहीं आई जहाँ उन्हें भी लगा हो कि हाँ ये गलती हो गई है। तो गलती करना एक गलती है और गलती को ना मानना ना समझना ना स्वीकारना दूसरी बड़ी गलती है और तीसरी सबसे बड़ी गलती है कि जो लोग बरसों से आप पर उम्मीद लगाए बैठे हैं उनके विश्वास को छलनी कर देना।

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क्या सनी देओल ने श्री राम को धोखा दिया! | Did Sunny Deol betray Shri Ram?

क्या Sunny Deol ने दिया है भगवान Ram को धोका असल में सनी देओल के बारे में एक अंदर की एक ऐसी खबर मुझे पता चली है जिसे सुनने के बाद आप हैरान रह जाएंगे और आप हो सकता है अपने कानों पर यकीन तक ना करें कि कोई शख्स ऐसे भी कर सकता है। कहानी सनी देओल की ये मामला है गदर टू की रिलीज से कुछ समय पहले का एक राइटर जो कि भगवान राम की जन्मभूमि पर एक फिल्म बनाना चाहता है जो ये चाहता है कि कैसे अदालत में जब हिंदू पक्ष के वकील और मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने आपस में जिरह की, बहस की, तो ऐसे कौन से सबूत सामने रखे, जिसके बाद अदालत को ये मानने पर मजबूर होना पड़ा कि हाँ अयोध्या में जो जगह है, जो स्थान है वो भगवान राम के मंदिर के लिए ही सबसे सही स्थान है।

तो वो कौन से सबूत थे? वो कौन-सी बातें थी, जो उस बहस में कही गई, अदालत के सामने कौन से ऐसे साक्ष और प्रमाण रखे गए? ये पूरी फिल्म इसके बारे में बनने वाली थी, इसका टाइटल रखा गया था, जन्म स्थान और इसमें हिंदू पक्ष के वकील के रूप में सनी देओल को साइन किया गया था। और मुस्लिम पक्ष के वकील के रूप में संजय दत्त को साइन किया गया था। इस फिल्म बजट कुछ ज्यादा नहीं था। कुल मिलाकर करीब पचास करोड़ रुपए जिसमें छह करोड़ रुपए सनी देओल को देने थे। और उससे कुछ कम amount में संजय दत्त को साइन किया गया था।

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लेकिन दोस्तों ये पूरी कहानी गदर two के हिट होने के बाद पूरी तरह से पलट गई। असल में इस पर जो प्रोड्यूसर काम कर रहे थे उन्होंने काफी पैसा खर्च किया। यहां मुंबई में अंधेरी इलाके में एक बहुत बड़ा सेट बनाया गया, उस सेट को बनाने में करीब-करीब दस रुपए की लागत आई इसके अलावा जो इस कहानी पर काम कर रहे थे वो महोदय ऐसे थे कि उन्होंने इस सब्जेक्ट को पढ़ने के लिए करीब फोर्टी टू बुक्स पढ़ी और इसके अलावा कई हजार पन्ने के वो डाक्यूमेंट्स पढ़े जो कि कई सालों की रिसर्च के बाद उन्होंने अदालत से निकाले थे अदालत से लिए थे और उसमें वो बहुत कुछ अध्ययन कर रहे थे ताकि वो सारी बातें वो रख सकें

और इस पूरी तैयारी में करीब एक साल का समय लग गया और इस दौरान सनी देओल काफी excited थे और उन्हें लग रहा था कि ये हिंदुस्तान की सबसे बड़ी फिल्म बन जाएगी क्योंकि पहली बार देश की जनता ये जानेगी कि आखिर भगवान राम का जो मंदिर बनाया गया उसके लिए अदालत में ऐसे कौन से प्रमाण रखे गए थे वो जिरह क्या थी वो बातें क्या थी जो अदालत में रखी गई थी सुप्रीम कोर्ट में इस फिल्म की तैयारी चल रही थी सनी देओल को करीब दो करोड़ रुपया दिया जा चुका था।

एक सेट बड़ा बनकर तैयार था इसी बीच गदर टू रिलीज होती है और हिट हो जाती है। गदर टू के हिट होने के बाद सनी देओल पूरी तरह से पलट जाते हैं। वो इस फिल्म को करने के लिए अब छह करोड़ की जगह वो फिफ्टी करोड़ रुपीस की डिमांड रख देते हैं। अब आप सोचिए जो पूरी फिल्म का बजट ही पचास था उसमें अकेले सनी देओल ही कहते हैं मुझे अब फिफ्टी करोड़ चाहिए क्योंकि उन्हें लगता है कि अब गदर टू हिट हो चुकी है तो मुझे मेरी मुँह मांगी कीमत मिलेगी। उन लोगों को ये सुनकर जो उनको साइन कर चुके थे already उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाती है कि ये शख्स एकदम से ऐसा कितना बदल गया साथ ही वो कहते हैं कि पहली बात तो मैं पचास करोड़ लूंगा और दूसरा जो अभी हमें चार दिन बाद शूटिंग शुरू करनी है इस फिल्म की अब इसे भूल जाओ।

मैं पंद्रह दिन बाद एक महीने के लिए अमेरिका जा रहा हूँ जबकि चार दिन बाद शूटिंग शुरू होनी और उस स्टूडियो को करीब डेढ़ महीने के लिए बुक किया गया था। एक भव्य सेट तीन करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ था और उस स्टूडियो का किराया जाना भी शुरू हो गया था, उसका किराया लगभग रोजाना का सवा लाख रुपए था, तो प्रोड्यूसर ने जब ये सामने रखा कि भाई हम तो आपको साइन कर चुके हैं। हम सेट बना चुके हैं, चार दिन बाद से शूटिंग होनी है, आपको वहां पहुंचना है और आप अचानक कह रहे हैं कि मैं पंद्रह दिन बाद एक महीने के लिए अमेरिका जा रहा हूं, क्योंकि मैं काफी थक गया हूं, गदर को प्रमोट कर कर के तो अब होगा उस डेढ़ महीने?

तो उन्होंने कहा आपकी जो मर्जी वो करिए लेकिन मैं तो ये फिल्म अब नहीं करूंगा। तो ना तो उन्होंने एडवांस लिया पैसा लौटाया और पूरी तरह से गैर जिम्मेदारी भरा रवैया उनका सामने आया जिसमें उन्होंने एन मौके पर जब फिल्म की शूट शुरू होने वाली थी उससे चार दिन पहले इस फिल्म को करने से इनकार कर दिया क्योंकि गदर टू जब हिट हो गई तो उनको एक आमिर खान की फिल्म मिल गई जबकि आप जानते हैं कि पिछले बीस सालों से सनी देओल की कोई भी फिल्म नहीं चल पाई थी उनका करियर बुरी तरह गड्ढे में पड़ा हुआ था वैसे अगर आप बॉलीवुड के गलियारों में घूमेंगे तो आपको ऐसे बहुत सारे लोग मिल जाएंगे।

जो ये कहेंगे कि हमने सनी देओल को advance पैसा दिया था और उन्होंने हमसे कहा कि आप सेट लगाई है मैं आ रहा हूँ और वो आए ही नहीं। अभी कुछ समय पहले सौरव गुप्ता ने भी एक ऐसी प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी जिसमें उन्होंने बताया था कि वो छह सालों के दौरान काफी सारा पैसा देते रहे सनी देओल को लेकिन सनी देओल ने कभी उनके साथ फिल्म शुरू नहीं की दोस्तों ये सिर्फ एक अकेली कहानी नहीं है दूसरी कहानी तो मैंने आपको बता दी और सीधे तौर पर आपको जो रोल मिला था वो हिन्दू पक्ष के वकील का मिला था ये सीधे तौर एक तरह से भगवान राम को दिया गया धोखा है।

क्या आप एक वादा करते हैं, उस फिल्म पर काम शुरू होता है, एक साल तक काम होता है और इस तैयारी में, इस प्रिपरेशन में करीब दस करोड़ रूपए खर्च होते हैं, जिसमें शामिल है तीन करोड़ रूपए का भव्य सेट प्लस सवा लाख रूपए रोज का स्टूडियो का किराया जिससे डेढ़ महीने के लिए बुक किया गया था, इसके अलावा जो उस इस कहानी को लिख रहे थे, तैयार कर रहे थे, उन्होंने इसके लिए हजारों डॉक्यूमेंट्स पढ़े थे। forty two books पढ़ी थी, इसका, इसका narration उन्होंने तैयार किया था चार घंटे का जिसमें उनका दावा था कि ये भारत की सबसे बड़ी फिल्म सकती थी अगर ये बनती अभी तो फिलहाल अधर में लटकी है क्योंकि सनी देओल अपने वादे से मुकर गए हैं।

आपको याद आ रहा होगा कि सनी देओल एक बार और भी वादे से मुकर गए थे जब गुरदासपुर में उनके गुमशुदा के पोस्टर लगे थे। अब आप सोचिए कि कोई भी शख्स अगर उसे अपने शहर में विधायक का चुनाव लड़ना हो या सांसद का चुनाव लड़ना हो तो उसे पूरी जिंदगी मेहनत करनी होती है। अपनी पार्टी के लिए और इन जैसे लोग जो बंबई में बैठे हैं यहाँ वादा खिलाफी करते हैं या लोगों को धोखा देते हैं उन्हें घर जाकर टिकट जाता है। ये वहाँ चुनाव जीत जाते हैं अपने दो-चार फिल्मी डायलॉग बोलकर और फिर वहाँ कभी जाते नहीं, वादा खिलाफी करते हैं।

तो ये तो भारत की देश की जनता के साथ धोखा, भगवान राम के साथ धोखा जिस profession में हैं, उसके साथ धोखा तो ये झूठे और धोखेबाज लोगों का जो बॉलीवुड है, इनकी जो कहानियां हैं, इनकी जो सच्चाई और असलियत है, वो आपके लिए जानना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि आप लोग जब इनकी फिल्में देखने के लिए लंबी-लंबी लाइन लगाते हैं, अपनी मेहनत का पैसा खर्च करते हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि ये लोग within industry किस तरह से behave हैं, अब आप सोचिए सनी देओल जिनको बुढ़ापे में जाकर बीस साल बाद एक फिल्म मिल जाती है, गदर two ।

और उसके बाद उनका दिमाग इतना खराब हो जाता है कि वो जो पिक्चर छह करोड़ में कर रहे थे, उसके लिए वो पचास करोड़ मांगते हैं, और उसके बाद भी ये कहते हैं, कि अब डेढ़ महीने तुम्हें हुई नहीं, जबकि फिल्म की शूटिंग सिर्फ चार दिन बाद शुरू होनी थी। तो ये है सनी देओल की असलियत। जो आपको बहुत कम लोग बताएंगे। आप खुद सोचिए कि इंडस्ट्री के अंदर जिस so called हीरो सनी देओल को हीरो तो consider नहीं जा सकता है ना इतनी कहानियां सुनने के बाद उनके बारे में। खासकर सौरव गुप्ता ने जो कहा। उन्हीं के इंडस्ट्री के लोग मीडिया के सामने जब उनकी सच्चाई और असलियत बताने लगे जब इस देश की जनता खुद देखने लगे कि हमारे देश में जो लोकतंत्र का मंदिर है संसद भवन जिसे कहते हैं, आपको वहां जाना है, गुरदासपुर की जनता को represent करना आप नहीं जाते।

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आपके गुमशुदा के पोस्टर लग जाते हैं, लेकिन आप नहीं जाते। आप प्रोडूसर से पैसे ले लेते हैं, लेकिन शूटिंग पे नहीं जाते। दोस्तों अह आपको याद होगा कि इनकी nineteen में एक हिट फिल्म आई थी बॉर्डर। इनके साथ काम कर अभिनेता ने ये भी बताया था मुझे कि जब पूरी यूनिट रेडी होती थी उस तपते रेगिस्तान में शूटिंग के लिए तब ये सीधे कहलवा देते थे कि आज मेरा मूड नहीं है और ऐसा एक, दो नहीं बल्कि पंद्रह दिनों तक चला, फिल्म का पूरा सेट तैयार रहता था, सारी यूनिट तैयार रहती थी कि कब सनी देओल आएंगे और शूट शुरू करें और ये पंद्रह दिन तक ये कहते रहे कि आज मेरा मूड नहीं है,

तो ये इनकी पुरानी कहानी है अगर आप बॉलीवुड के गलियारों में घूमेंगे तो ऐसे बहुत से लोग मिलेंगे हाँ, हमने सनी देओल को साइन किया था, उनको हमने पैसा दिया था, उन्होंने पैसा रख लिया, हजम कर लिया और उसके बाद हमारे काम पर भी नहीं आए और अब हम बर्बाद हो रहे हैं, अब आप सोचिए उस शख्स का क्या जिसने दस करोड़ रुपए सनी देओल के उस वादे पर खर्च कर दिए कि वो इस फिल्म के लिए करेंगे। और अचानक से वो मना कर देते हैं, ठीक तरह से मना कर देना ही है ना, जब आपकी चार दिन बाद शूटिंग शुरू होनी है और आप सीधे कह दें अब तो मैं पंद्रह दिन बाद एक महीने के लिए अमेरिका जा रहा हूँ।

जो सेट लगा है, उसका तुम देख लो क्या करना है। तो फिल्म इंडस्ट्री जो बदनाम होती है और जो बार-बार कहा जाता है, बॉलीवुड drub रहा है, कंगाल हो रहा है, वो ऐसे लोगों की वजह से हो रहा है। ये कहानियां आपको ज्यादा कोई सुनाएगा नहीं क्योंकि बहुत सारे लोगों को इनसे अपना repo maintain करना होता है इनके साथ अपना एक relation maintain करना होता है इसलिए बहुत सारे लोग ऐसी कहानियों को जानते है पर कहने की हिम्मत कोई नहीं करता तो अब ये सब जानने के बाद अब आप बताइए कि बॉलीवुड के जो हीरोज है क्या आप उनको वो respect दे पाएंगे?

साथ ही मैं जानना चाहूंगा कि इस पूरे scenario को जानने के बाद क्या आपको नहीं लगता कि भगवान राम को सीधे तौर पर धोखा दिया है सनी देओल ने क्योंकि आप उनकी ऊपर बनने वाली फिल्म में अपना वादा करते हैं, पैसा ले लेते पैसा लेना एक बहुत बड़ा commitment होता है और उसके बाद आप वादे से मुकर जाते है क्योंकि Gadar two आपकी हिट हो जाती है just because of और आने वाली जो फिल्में है वो चलेंगी नहीं चलेंगी कोई नहीं जानता इसलिए आप एक ऐसे शख्स को मना कर देते है जिसने आपको आपके खराब दिनों में साइन किया था जब आपकी कोई पिक्चर नहीं चल रही थी खैर गदर टू के बाद भी उनकी फिल्में चलेंगी नहीं चलेंगी कोई नहीं जानता क्योंकि जिस तरीके की सो कॉल्ड गुड विशेस उन्होंने विदन इंडस्ट्री ले रखी है तो आगे उनके करियर का क्या होगा वो सब जानते है उनके जो दोनों बेटे हैं, जिनके मैं नाम भी भूल रहा हूँ वो भी बतौर हीरो फ्लॉप रहे हैं, अपना डेब्यू फिल्म उनकी फ्लॉप रही है दोनों की, तो ये होता है कि जैसे आप कर्म करते हैं वैसा आपको फल भी मिलता है.

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बॉलीवुड की बर्बादी की कहानी | The story of the downfall of Bollywood

क्या बॉलीवुड की हालत वाकई इतनी ख़राब है कि प्रोड्यूसर्स के ऑफिस बिक रहे हैं? क्या बॉलीवुड पहली बार ऐसी आफत का सामना कर रहा है? क्या बॉलीवुड में ऐसा कोई नहीं है जो पहले से ये predict कर पाता कि ये सब होने जा रहा है? क्या आपने पिछले कई सालों के दौरान कभी साउथ के सिनेमा को इतना ऊपर जाते हुए देखा है? क्या आपने पिछले कई सा लो के दौरान कभी मल्टीप्लेक्सेस को सिनेमा डे सेलिब्रेट करते हुए देखा है? क्या पिछले कई सा लो के दौरान आपने कभी नोटिस किया कि फिल्मों के टिकट एक के साथ एक फ्री दिए जा रहे हों?

ये तमाम बातें हाल के कुछ सा लो में हुई है खासकर तब से जब से हमारे देश में कोरोना का लॉकडाउन हुआ, जब से हमारे देश में multiplexes आए, जब से सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय मृत्यु हुई, जब से nepotism पर बहस शुरू हुई और जब से अनुराग कश्यप फरहा खान और करण जौहर जैसे लोगों ने सामने आकर ये कहना शुरू किया कि ये जो हीरोज है ये इतनी बड़ी-बड़ी फीस लेते हैं कि अब हम मुश्किल में हैं कि इनका इनका जो लाव लश्कर इनके साथ आता है। इनके साथ इनका बावर्ची आता है, इनके साथ fitness trainer आता है इनके साथ इनका hair dresser जो आता है इनका makeup artist जो आता है और इनके लिए तरह-तरह के खाने इधर-उधर के five star hotel से मंगाए जाते हैं ये हम पर भारी पड़ने लगे हैं।

फिर मुश्किल में फसे संजय दत्त, बादशाह, जैकलीन | Sanjay Dutt, Badshah, Jacqueline in trouble again

ये सब पहले क्यों नहीं हुआ और अभी क्यों हो रहा है और अभी ये क्यों कहा जा रहा है कि बॉलीवुड जो है वो लगभग बिकने के मुहाने पर पहुँच चुका है। वो बात अलग है कि अभी थोड़ी देर पहले का एक स्टेटमेंट आया है जिसमें उन्होंने ये कहा है कि मेरा दफ्तर बिका नहीं है वो तो हम डेढ़ साल पहले से प्लान कर रहे थे हम उस दफ्तर की जगह एक रिहायशी इमारत बना रहे हैं वो ही project है और हम अपने दफ्तर को एक और जगह लेकर जा रहे हैं देखिए तमाम बातें कही जाएंगी की जाएंगी सब जानते हैं बड़े मियां छोटे मिया को लेकर ने क्या कहा था साढ़े तीन सौ करोड़ की पिक्चर है मैं एक हजार करोड़ बनाऊंगा लेकिन वो फिल्म साठ करोड़ भी नहीं बना पाई तो पैसा तो कहीं गया ना और उसके बाद ही ये सारी चीजें हुई देखिए सामने आकर कोई नहीं कहता है कि मैं बर्बाद हो गया क्योंकि एक ब्रांड वैल्यू की भी बात होती है कल को जो financers होंगे वो उनसे मीलों दूर रहेंगे अब कहने के लिए सारी बातें कही जाती सब जानते हैं कि जैकी भगनानी का वो करियर फिक्स नहीं कर पाए।

जैकी भगनानी की शादी हुई, उसमें एक अच्छा खासा खर्च हुआ और अगर हम पिछले कुछ सालों के दौरान बात कर लें, चाहे वो बेल बॉटम हो, गणपत हो या मिशन रानीगंज हो या अब ये बड़े मियां, छोटे मियाँ हो, लगातार इतनी बड़ी-बड़ी फिल्मों का फ्लॉप होते जाना और इसमें से तीन में तो अक्षय कुमार बेल बॉटम में अक्षय कुमार बड़े मियां, छोटे मियां में अक्षय कुमार मिशन रानीगंज में अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ दो में गणपत में और बड़े मियां में तो लगातार फैसले तो गलत हुए हैं लेकिन यहाँ हमें ये भी समझना पड़ेगा कि अगर हम ये सारे आरोप heroes पर लगाते हैं,

ये इतना सारा पैसा charge करते हैं देखिए charge करने को तो कोई कुछ भी charge करेगा, लेकिन आप देते क्यों हैं? क्या ये जो producers हैं, इनकी जो association है, वो आपस में ये समझौता नहीं कर सकती कि हम किसी भी फिल्म के बजट के हिसाब से हीरो को पेमेंट करेंगे, अगर हम प्रोडक्शन पे इतना पैसा खर्च कर रहे हैं, उसका certain percentage जाएगा, ये बहुत आसान है इन सभी के लिए। इन सभी के लिए ये बहुत आसान है, एक साथ साथ बैठना और ये तय कर लेना।

कि हम यहाँ पर rate card fix कर रहे हैं तो आखिर ये क्यों नहीं करते हैं? असल में ये झूठ और दिखावे की दुनिया है। यहाँ बड़ी-बड़ी बातें होती हैं। जब तक कुछ बड़ा नहीं कहा जाएगा। तब तक ऐसा लगेगा ही नहीं कि फिल्म बन रही है। जब ये कहते हैं हमने पांच सौ करोड़ की फिल्म बनाई है तो लोगों को लगता है पता नहीं क्या कमाल होगा? आधे पुरुष का हाल देख लिया आपने। मनोज मुंदेश्वर ने जो डायलॉग्स लिखे थे, मुँह छुपाने की नौबत आ गई है और आज तक मनोज मुंदेश्वर किसी को मुंह दिखाने काबिल नहीं है। क्यों? क्योंकि बड़ी-बड़ी बातें।

क्या कंगाल हो गया बॉलीवुड? | Has Bollywood gone bankrupt?

फिल्म इंडस्ट्री में बड़ी-बड़ी बातें करके ही कुछ बड़ा किया जाता है। आज जितने डायरेक्टर सामने आकर कह रहे हैं कि हम ये बड़े-बड़े स्टार्स की बड़ी फीस नहीं दे सकते इनसे पूछो आप देते क्यों हो? क्या आप पर किसी की जोर जबरदस्ती है? क्या करण जौहर से किसी ने कहा है कि आप इतनी मोटी फीस दीजिए? क्या फराह खान से किसी ने कहा है? क्या अनुराग कश्यप से किसी ने कहा है आज ये ऐसी पोजीशन में है कि नए लोगों को लांच कर सकते हैं? नए writers को मौका दे सकते हैं? नए talent को मौका दे सकते हैं?

और जितने लागत की ये फिल्में बनाते हैं, उससे दस-बीस परसेंट की लागत में यानी सौ करोड़ की फिल्म ना बना के पंद्रह करोड़ और बीस करोड़ की फिल्म बना सकते हैं नए लोगों को लेकर और मुनाफा भी डबल कमा सकते हैं लेकिन ये नहीं कर रहे हैं ये सिर्फ रोना रो रहे हैं। ये आती हुई मुसीबत को देख रहे हैं और चिल्ला रहे हैं लेकिन कर कुछ नहीं रहे हैं। और यही नतीजा है कि आज हमने ये खबर सुनी है। अब ये इस तरीके के clarifications बहुत आएंगे। नहीं मेरा दफ्तर नहीं बिका है।

मेरे स्टाफ को salary मिल रही है। हमने किसी को निकाला नहीं है। तमाम बातें आएंगी क्योंकि कोई कैमरे के सामने आकर मीडिया के सामने आकर ये थोड़ी ना स्वीकारेगा। कि हमने अपनी ही मूर्खता से अपनी वाट लगा ली है। मुंबई की भाषा में कहते हैं अपना खुद का नुकसान कर लिया है ये कोई जाकर नहीं कहेगा बड़ी-बड़ी बातें कैमरे के सामने कहते हैं हम स्टार्स के को पैसा नहीं देंगे हम उनके बावर्ची का पैसा नहीं देंगे खाने का नहीं देंगे उनके उनके उनको चार-चार, पाँच-पाँच वैनिटी चाहिए होती है हम नहीं देंगे अरे तुम journalist के सामने बैठकर ये सारे बयान दे रहे हो actual हकीकत में करते क्यों नहीं?

आप interview में बैठकर बोल देते हैं। कि मैं स्टार को इतनी फीस नहीं दूंगा लेकिन असल में आप कर तो वही रहे होते हैं। अगर इन सारी चीजों पर पहले ध्यान दिया गया होता तो पहले बॉलीवुड की हीरोइनें ये कहकर नहीं रोना रो रही होती कि हमको तो बहुत कम पैसे मिलते हैं। ये प्रोड्यूसर्स ही हैं जो तय करते हैं कि हमें हीरो को इतना पैसा देना है अगर सारे प्रोड्यूसर्स मिलकर तय कर लें कि हमारे बॉलीवुड का एक रेट कार्ड होगा। ए category को हम इतना देंगे, ए प्लस category को इतना देंगे।

बी ग्रेड तो कोई होता नहीं हमारे यहाँ सब खुद को ए ए प्लस, ए प्लस, प्लस कहते हैं, मैंने ये भी देखा है अगर किसी बॉलीवुड वाले के साथ बैठ जाओ, आप पूछो भाई ये इसमें कौन है? बोले सभी है। उसमें categories क्या है? ये ए है, ये ए प्लस है, ए प्लस प्लस है। चलिए आप सब को कर दीजिए लेकिन उसके हिसाब से सबका मेहनताना तो तय ये कीजिए। लेकिन ये जो बड़ी-बड़ी बातें होती हैं, ये जो फिल्म के तीसरे दिन कह देते हैं, सौ करोड़ हो गए फिर वो ये कैसे कहें, किस मुँह से कहें कि हम घाटे में हैं।

आज ना करण जौहर कह सकते हैं, ना फरा खान कह सकते हैं, ना अनुराग कश्यप कह सकते हैं, कोई नहीं कह सकता कि साहब मेरी फिल्म बहुत बकवास चली है और मेरे पास बिल्कुल पैसे नहीं है। इनको सबके सामने दिखाना भी होता है कि फिल्म तो बहुत चल रही है, बहुत पैसा आ रहा है। लेकिन जब ऐसे दिन देखने पड़ते हैं, जब दफ्तर बंद करने की नौबत आ जाए, जब आपके employees सोशल मीडिया पे जाकर लिखने लगे कि आपको पैसा नहीं मिला, तो क्या होता है?

आज अगर फिल्में चल रही होती तो कंगना राणावत को राजनीति में आने की जरूरत नहीं थी राजनीति में आने की जरूरत इसलिए पड़ी है कंगना राणावत क्योंकि फिल्में पिट रही है जो सच है वो सच है बतौर एक्टर सच बोलना नहीं चाहते बतौर प्रोड्यूसर सच बोलना नहीं चाहते, बतौर डायरेक्टर सच बोलना नहीं चाहते, हाँ जब किसी के podcast में जाएंगे, interview में जाएंगे तो बैठकर बोलेंगे हाँ देखो ये इतना पैसा लेते हैं, अरे लेते तो आपके घर में डकैती थोड़ी डालते हैं वो, आपके घर में कोई डकैती नहीं डालता है, आप अपने हाथ से sign करते हैं, आप अपने हाथ सिग्नेचर करते हैं कि हम आपको इतने करोड़ देंगे।

अगर अक्षय कुमार गलती कर रहे हैं, करोड़ों रूपए लेकर फ्लॉप फिल्में दे रहे हैं, तो अक्षय पर रोक लगा दें। अक्षय को हम पैसा नहीं देंगे, अक्षय को हम इतनी फीस नहीं देंगे या टाइगर श्रॉफ अगर एक्टिंग नहीं कर पाते हैं, जबरदस्ती कर रहे हैं क्योंकि वो श्रॉफ हैं एक तो उनको अहसास कराया जाए। हालांकि खबरें बीच में आई थी कि टाइगर श्रॉफ से कहा गया कि आप अपनी फीस कम करिए जो उन्होंने नहीं की, नहीं की तो अपने घर पर बैठे हैं, उनको कोई साइन ना करें लेकिन होता क्या है ये सब के सब वहां पहुंच जाते हैं क्योंकि ये अपने घुटने टेकते हैं, क्योंकि ये अपनी कमजोरी दिखाते हैं क्योंकि ये अपनी मजबूरी दिखाते हैं या ये जाने क्या दिखाते हैं। इसलिए ये नौबत आती है। आज अगर हम प्रोड्यूसर्स के लिए रोना रो रहे हैं कि अरे प्रोड्यूसर सारे अह कंगाल हो गए, बिक गए, बॉलीवुड तो बिकने की कगार पर आ गया है, तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है?

कोई बाहर से लोग थोड़ी ना आए हैं। इन्हीं प्रोड्यूसर्स ने पैसा दिया है ना? इनके घर में किसी हीरो ने डाका तो नहीं डाला था ना? या कोई हीरो पहुंच गए हो कि मैं डाका डालूंगा? आपके तिजोरी में जितना पैसा मेरे को दो। आप ही तय करते हो। आप ही कहते हो इतनी बड़ी फिल्म हमने बना ली है, फिर आप ही कहते हो, पिट गई है, अब हमारे पास पैसे नहीं है। तो ये जो स्थिति आई है, इसके लिए जिम्मेदार वही लोग हैं, जो हीरोज को के पैसा दे रहे थे, जो उनके आगे compromise कर रहे थे।

क्या आपको नहीं लगता कि बॉलीवुड की बर्बादी का कारण ये ही बड़े प्रोड्यूसर्स हैं, जो इतना सारा पैसा इन हीरोज पे खर्च करते हुए थे, ये जानते हुए कि ये हिट की गारंटी नहीं लेकर आते हैं, वरना सलमान खान की फिल्में फ्लॉप नहीं होती, शाहरुख खान की फिल्म फ्लॉप नहीं होती? आमिर खान की फिल्म फ्लॉप नहीं होती, अक्षय कुमार की फिल्म फ्लॉप नहीं होती, अनिल कपूर की फिल्म फ्लॉप नहीं होती, रणबीर कपूर की फिल्म फ्लॉप नहीं होती। कौन सा ऐसा एक्टर है, हीरो है जिसकी फिल्म फ्लॉप नहीं होती? अजय देवगन की फिल्में फ्लॉप हुई है, सबकी फ्लॉप हुई है?

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क्या अन्नू कपूर कंगना रनौत से कोई नया पंगा लेने के मूड में है? | Is Annu Kapoor in the mood to take on Kangana Ranaut again?

क्या अन्नू कपूर कंगना रनौत से कोई नया पंगा लेने के मूड में है? आइए आपको बताते हैं इन दोनों के बीच मामला चल क्या रहा है? असल में अन्नू कपूर और कंगना रनौत के बीच सोशल मीडिया पर एक जुबानी जंग चल रही है, इसकी शुरुआत हुई फिल्म हमारे बारह की press conference के दौरान जहाँ अन्नू कपूर ने मीडिया से ये पूछ लिया कि ये कंगना रनौत कौन है? वो सुंदर है क्या? कंगना जी को फ्लैट मारा गया ये कंगना जी कौन है? प्लीज बताओ ना आप कौन हैं?

आप पूछ रहे हैं कि कोई बहुत बड़ी हीरोइन होगी? अनु के इस बयान पर कंगना ने भी उन्हें मुँह तोड़ जवाब देते हुए कहा कि ये जो अन्नू कपूर हैं ये सफल और खूबसूरत महिलाओं से नफरत करते हैं। अब इसका जवाब अन्नू कपूर की तरफ से आया है। अपने बयान पर अन्नू ने एक बार फिर से सफाई दी है और उन्होंने सोशल मीडिया पर एक लंबा-चौड़ा open लेटर लिखा है। इसे share करते हुए उन्होंने लिखा कि मैं जो बोलता हूँ उसके लिए जिम्मेदार हूँ पर दूसरे क्या समझते हैं मेरी जिम्मेदारी नहीं है, जय हिंद, वंदे मातरम। इस caption के साथ अन्नू ने जो open लेटर शेयर किया उसमें उन्होंने लिखा प्रिय बहन कंगना, मैं मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों के जवाबों से कुछ अर्थ निकाल रहा हूँ, इसीलिए मैंने सोचा कि मुझे कुछ तथ्य स्पष्ट कर देने चाहिए।

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मेरे लिए हर महिला आदरणीय और पूजनीय है और इसीलिए मैं कभी भी किसी भी नारी का निरादर तो कर ही नहीं सकता। मैं फिल्में, ओटीटी टीवी न्यूज़ चैनल या समाचार नहीं पड़ता। इसलिए आप चाहे तो मुझे मुर्ख भी बुला सकती हैं। और ऐसा करना कोई अपराध भी नहीं है। किसी व्यक्ति विशेष को ना जानना कोई अपराध नहीं होता। आदरणीय बहन मैं आपको नहीं जानता अतः इस बात को आप स्त्री, गरिमा, निरादर की कोटि में नहीं सम्मिलित करेंगी। मीडिया को मेरे बेबाक जवाबों से वो मसाला मिल गया जो उन्हें चाहिए था।

मैं अत्यंत छोटा और मामूली सा व्यक्ति हूँ। मैंने कोई त्रुटिपूर्ण या अपमानजनक शब्द ना सोचे और ना ही मैं जो बोलता हूँ उसके लिए जिम्मेदार हूँ पर दूसरे क्या समझते हैं वो मेरी जिम्मेदारी नहीं है। परन्तु फिर भी यदि मेरी किसी बात से आप खफा हो गई हैं तो मेहरबानी मुझे माफ़ करें। आप अपने ध्येय में सफलता प्राप्त करें ऐसी ही मंगल कामना है। आप जानते ही हैं कि हाल ही में अन्नू कपूर से जब सवाल पूछा गया था कंगना राणावत के थप्पड़ कांड के बारे में तो उस सवाल के जवाब में उन्होंने मीडिया से एक सवाल पूछ लिया कि ये कंगना जी कौन है?

प्लीज बताओ कौन है? जाहिर अह आप पूछ रहे हैं तो कोई बड़ी हीरोइन होंगी, वो सुंदर हैं क्या? ऐसा कुछ कहा था, अन्नू कपूर ने। अब अन्नू के इस बयान पर कंगना को ये लगा कि मुझे ignore कर दिया, वो मुझे नहीं जानते। तो उन्होंने जो अपनी स्टोरी share की थी, उसमें उन्होंने लिखा था कि क्या आप अन्नू कपूर जी से सहमत हैं कि हम सफल महिलाओं से नफरत करते हैं, अगर वो खूबसूरत हैं, तो उनसे और भी ज्यादा नफरत करते हैं और अगर वो शक्तिशाली हैं, पावरफुल हैं, तो उससे और भी ज्यादा नफरत करते हैं। क्या ये सच है? ये उन्होंने सीधे तौर पर कपूर के कहे पर कटाक्ष माना माना था।

अच्छा पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद चुनी गई है कंगना रनौत और इनको चंडीगढ़ एयरपोर्ट पे घटना ये हुई थी कि एक सीआईएसएफ की कांस्टेबल थी कुलविंदर कौर उन्होंने थप्पड़ मार दिया। और उनका ये कहना था कि वो कंगना से वो खफा हैं इस बयान को लेकर जो कंगना ने कई साल पहले दिया था जब किसान धरने पर बैठे थे कि ये जो महिलाएं हैं, ये महिला किसान हैं, ये सौ-सौ रुपए लेकर धरने पर बैठते हैं। और उस धरने में ये जो थप्पड़ मारने वाली कांस्टेबल थी, इनकी मौजूद थी और इसी को लेकर काफी विवाद हुआ था। दोस्तों ये जो पूरा मामला है वो अपने आप में काफी उलझा हुआ भी है।

और इसलिए क्योंकि कंगना ने जब राजनीति की तरफ अपनी मारना शुरू किया था, जब वो जाना चाहती थी, राजनीति की तरफ राजनीति के पाले में गिरना चाहती थी, तो उन्होंने कई सारे ऐसे बयान दिए थे, सोशल मीडिया पर आती थी, तमाम तरह की बयानबाजी करती थी, उसके बाद क्या हुआ कि लोगों का ध्यान उन पर जाना शुरू हुआ, पर लोगों ने कहा कि अच्छा ये actress के अलावा ये सब भी कर लेती हैं, जो कि को करना आना चाहिए उसके बाद उन्होंने एक के बाद एक nepotism पर बयान दिए, उसके बाद उन्होंने ऋतिक रोशन पर बयान दिए, फिर उनका एक कोर्ट केस चलने लगा, फिर उनका दफ्तर तोड़ा गया, फिर वो उद्धव ठाकरे पर बोलने लगी, फिर उनको सिक्योरिटी मिल गई,

फिर वो अपने आप को एक पॉलिटिशियन की तरह पोट्रे करने लगी, फिर वैसी ही फिल्में करने लगी, हालांकि एक ऐसी फिल्म उनकी रुकी पड़ी है इमरजेंसी तो कुल मिलाकर वो धीरे-धीरे, धीरे-धीरे मैं आऊं, आऊं, आऊं मैं आई, आई, आई और राजनीति की तरफ चली गई वो, इस हद तक चली गई कि बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर वो सांसद बन गए। आज वो हमारे देश की law maker है। अब हमारे देश की जो law maker है उनके बयान पहले कैसे रहे वो आपने देख लिया। अब इस सबके बीच अन्नू कपूर आ जाते है और अन्नू कपूर कहते है कौन कंगना? अब ये कंगना की ego पर चोट थी उनके अहम पर एक बहुत बड़ा एक घात था।

अच्छा मुझे नहीं जानते मैं फिल्मों की हीरोइन हूँ अब तो मैं सांसद भी हूँ, मैं सुंदर भी हूँ, पावरफुल भी हूँ, मैं सब कुछ हूँ और तुम मुझे नहीं जानते। तो ये जो उनका अहम था। उस पर अन्नू कपूर के स्टेटमेंट की सीधे जब चोट लगी, तो वो भड़क गई। अब हुआ ये कि उसके बाद जो अन्नू कपूर ने बयान दिया, वो और भी ज्यादा उन्हें चौंकाने वाला था, क्योंकि उन्होंने इस बात को सिरे से नकार दिया कि मैं कोई न्यूज़ पेपर नहीं पड़ता, वो टीटी नहीं देखता, फिल्में नहीं देखता, आप मुझे मूर्ख चाहें तो बुला सकती हैं।

ना जानना कोई अपराध नहीं है, सही बात है अगर आप किसी बात को नहीं जानते हैं। अगर आप किसी शख्स को नहीं पहचानते, तो ये अपराध की श्रेणी में तो आ ही नहीं सकता और जब आप किसी को जानते ही नहीं है, तो उसका निरादर कैसे करेंगे? तो कुल मिलाकर अन्नू कपूर ने एक बहुत अच्छा दांव खेला, सभी जानते हैं, कपूर भी कंगना राणावत को जानते हैं। और क्योंकि वो जानते हैं इसीलिए वो इस तरह की चिट्ठी लिखते हैं, कहते हैं मैं आपको नहीं जानता क्योंकि उनको मालूम था कि जवाब कैसे देना है।

अन्नू कपूर काफी दिमाग वाले व्यक्ति हैं बहुत लंबे समय तक वो अभिनय करते रहे हैं और एक व्यक्ति जो अभिनय करता है वो जीवन, दुनिया, समझ, ना समझ, approach सोच सबको बहुत अच्छे से समझता है, तो अन्नू कपूर की तरफ से इस तरीके का लेटर आना और सीधे तौर पर ये स्वीकारना कि मैं जानता ही नहीं कंगना कौन है और ना जानना कोई नहीं है, अख़बार में पड़ता नहीं। मतलब उन्होंने बहुत ही safe गेम खेला और एक तरह से कंगना को आईना भी दिखा दिया।

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बहुत सारे लोग हैं जो अन्नू कपूर को ट्रोल कर रहे हैं, बहुत सारे लोग हैं जो कंगना को भी अह जब कंगना के साथ कांड हुआ था तो कंगना के खिलाफ भी खड़े थे, तो कुल मिलाकर सोशल मीडिया तो एक अखाड़ा बना ही हुआ है लेकिन इन सारी बयानबाजियों के बीच बॉलीवुड की एक तस्वीर बनकर उभरती है। अगर अन्नू कपूर ने कंगना रनौत की किसी फिल्म में काम किया होता तो वो ये कह नहीं पाते, अगर किसी मंच पर दोनों का आमना-सामना हुआ होता तो वो कह नहीं पाते। लोग फलां लोग याद दिलाते कि आपने फलां फिल्म में काम किया फलां सीन में साथ में थे तो कुल मिलाकर इस खेल में अन्नू कपूर जीतते हुए दिखाई दे रहे हैं क्योंकि उन्होंने खुद को ही मूर्ख कह दिया है, उन्होंने कह दिया मैं आप मुझे मूर्ख समझ सकते हैं, मैं तो जो कह रहा हूँ उसके लिए responsible हूँ, अब आप क्या समझ रहे हैं, उसके लिए मैं responsible नहीं हूँ,

दोस्तों आज के समय में जब हम देखते हैं कि सोशल मीडिया पर अह एक अलग तरह के जंग छिड़ी रहती है, trollers आ जाते हैं, एक-दूसरे पे आरोप-प्रत्यारोप लगाते हैं में ये कहकर साफ बच के निकल जाना कि मैं तो जानता ही नहीं, मुझे तो पता ही नहीं, आपने क्या कहा, मैंने सुना ही नहीं। मैंने तो आपको कभी देखा ही नहीं। ये एक ऐसा हथियार है जो मुझे लगता है कि इस episode के बाद आगे बहुत सारे लोग इस्तेमाल करेंगे। अब आप सोचिए कि आप किसी बहुत मशहूर व्यक्ति के लिए ये कह दें कि मैं आपको जानता नहीं।

तो एक तरह से ये ही उसके लिए गाली हो जाती है। यही उसके लिए अपशब्द हो जाते हैं कि आप उसे जानते नहीं। तो उसको लगता है कि मैंने जीवन भर में जो किया, मैंने इतने national award जीते, पद्मश्री जीता। मैं सांसद बनी, मैं अभिनेत्री बनी ये तो सब बेकार हो गया। क्योंकि मेरे ही fraternity के व्यक्ति ने कह दिया मैं आपको जानती नहीं। आप सोचिए कि कितना बड़ा जवाब अन्नू कपूर ने अपनी तरफ से दिया है। इससे बड़ा जवाब क्या हो सकता था। इससे बड़ी बेचैनी वो और क्या दे सकते थे। अब अन्नू कपूर को जब भी देखेंगी कंगना रनौत तो उनको याद आएगा।

वैसे कंगना रनौत जब भी किसानों को देखेंगी तो उन्हें बहुत कुछ याद आएगा। जब भी चंडीगढ़ का नाम सुनेंगी उन्हें बहुत कुछ याद आएगा। और जब भी वो अह ट्रोलर्स को ये देखेंगी। जो तरह-तरह के आरोप लगाते हैं एक-दूसरे पर उनको बहुत कुछ याद आएगा और हो सकता है जाने-अनजाने में अन्नू कपूर अपनी तरफ से एक गिफ्ट दे गए हों उन लोगों को जो कि कई बार ट्रोलर से परेशान हो जाते हैं और उन्हें समझ नहीं आता कि निकलना कैसे है इससे बाहर तो सबसे बढ़िया तरीका है आप कहे मैं कुछ जानता ही नहीं मैंने कुछ देखा नहीं पढ़ा नहीं मैंने कुछ जाना ही नहीं और ना जानना अपराध नहीं है ना पहचानना अपराध है तो जब आप जान और पहचान से परे है तो आप बाद में करेंगे। तो कुल मिलाकर ये मामला ये है।

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रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर: 17 दिनों के रेलवे बंद होने के बाद कैंसिल ट्रेनें पटरी पर लौट आईं।

पिछले दिनों दूसरी और तीसरी रेल लाइन के निर्माण के कारण अनूपपुर और कटनी स्टेशनों के बीच रेलवे ब्लॉक से परेशान यात्रियों को खुशखबरी मिली है।

इस रूट पर ब्लॉक अब खत्म हो गया है और इसके चलते रद्द ट्रेनें फिर से शुरू हो गई हैं। कटनी रूट पर 97 किलोमीटर की तीसरी लाइन अब चालू हो गई है, जिससे छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों को राहत मिली है। इससे पहले अनूपपुर और कटनी के बीच रेलवे ब्लॉक के कारण पिछले 17 दिनों से इस रूट की कई ट्रेनें रद्द थीं,

जिससे हजारों यात्रियों को परेशानी हो रही थी। अब ब्लॉक हटने के बाद फिर से ट्रेनें पटरी पर दौड़ने लगी हैं। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि तीसरी रेल लाइन के लिए इंटरलॉकिंग का काम 13 जून से चल रहा है। कई ब्लॉक के बाद तीसरी लाइन के पूरा होने से कनेक्टिविटी बढ़ेगी और ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ेगी।

साथ ही एक सप्ताह के ब्लॉक के दौरान घुंघूटी और मुदरिया स्टेशनों के बीच नॉन इंटरलॉकिंग के तहत 11 किलोमीटर रेल लाइन के लिए मुदरिया स्टेशन पर कमीशनिंग का काम पूरा किया गया। गर्मी के इस मौसम में कटनी रेलवे लाइन के साथ ही नागपुर रेलवे, सिकंदराबाद रेलवे, चक्रधरपुर रेलवे और अब भोपाल रेलवे मंडल भी ब्लॉक से गुजर रहा है। रेलवे द्वारा 5 जुलाई तक लिए गए ब्लॉक के कारण 100 से अधिक यात्री ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ है।

जून में 17 दिनों के ब्लॉक के दौरान ट्रेनों के रद्द होने के कारण रेलवे को रायपुर रेल मंडल के आरक्षण काउंटरों पर यात्रियों को कुल 1 करोड़ 8 लाख 86 हजार रुपए रिफंड करने पड़े हैं। ऐसी स्थिति में अक्सर यात्रियों को महीनों पहले कराए गए कन्फर्म आरक्षण के लिए भी रिफंड मांगना पड़ता है।