Emergency की रिलीज़ से पहले कंगना रनौत के बारे में खबर ये आ रही है कि उन्होंने मुंबई में एक करोड़ छप्पन लाख रुपए का अपना एक ऑफिस फेस खरीदा है। जहाँ बहुत जल्द वो अपना नया ऑफिस खोलने जा रही हैं। कंगना के पास मुंबई के बांद्रा इलाके में पहले से ही एक होम ऑफिस और रेजिडेंशियल अपार्टमेंट है हालाँकि खबरें ये भी आई थी कि वो उसे बेच रही है और कंगना के पास इस समय करीब चार-पाँच properties हैं प्राइम लोकेशन पर जो जिसकी कंगना मालकिन है ये जो proper है जो उन्होंने अपने ऑफिस के लिए खरीदी है ये एक बिल्डिंग के nineteenth फ्लोर पर है मीडिया reports बताती है कि आक वन नाम की ये building है
जिसके nineteenth फ्लोर पर ये जो property है करीब अ four hundred and seven स्क्वायर फीट में है और कंगना ने ये डील तेईस अगस्त को की है और इसके लिए उन्होंने करीब nine point three seven lakh rupees की स्टैम्प ड्यूटी भी चुकाई है साथ ही उन्होंने तीस हजार रूपए की registration फीस भी दी है कंगना ने दो हजार सत्रह में मनाली अपना एक आलीशान बंगला बनवाया था जिस पर करीब पंद्रह करोड़ का खर्च आया था मई दो हजार चौबीस में जब कंगना ने लोकसभा चुनाव में भाग लेने से पहले अपनी प्रॉपर्टी डिक्लेअर की तो उन्होंने करीब नाइंटी वन करोड़ रुपीस की प्रॉपर्टी डिक्लेअर की थी और अपने एफिडेविट में कंगना ने अपनी प्रॉपर्टी इसका सारा जिक्र किया था उन्होंने ये बताया था कि चंडीगढ़ में उनके पास चार कमर्शियल यूनिट्स हैं उसकी वो मालकिन है इसके अलावा मुंबई में एक कमर्शियल प्रॉपर्टी और मनाली में एक कमर्शियल बिल्डिंग है साथ ही मुंबई में उनके पास सोलह करोड़ के तीन फ्लैट्स हैं और में जो उनका बंगला है,
जहाँ उनका परिवार रहता है, वो करीब पंद्रह करोड़ रूपए की लागत से बना है। आप जानते हैं दो हजार बीस में बीएमसी ने मुंबई में उनके बंगले का एक हिस्सा तोड़ दिया था, पिछले साल उन्होंने इंटरव्यू में कहा भी था कि बीएमसी ने उनका बांद्रा के पाली हिल स्थित बंगले का कुछ हिस्सा दो हजार बीस में तोड़ दिया था, इसके लिए उन्होंने मुआवजे की मांग की थी मगर अब उन्हें वापस आएगा इसको लेकर काफी सारी बातें चल रही है देखते है जब ये फिल्म रिलीज होगी उसके बाद क्या होता है क्योंकि फिलहाल emergency के बाद किसी भी फिल्म के बारे में अभी सुनाई नहीं दिया है कि कंगना किसी फिल्म में काम कर रही होंगी हालांकि जब वो चुनाव लड़ रही थी उस वक्त उन्होंने एक बात कही थी कि अगर मैं चुनाव जीत गई तो सिर्फ राजनीति करूंगी फिल्मों से अपनी दूरी बना लुंगी
तो क्या कंगना अपनी दूरी फिल्मों से बना पाएंगी या वो राजनीति और फिल्म दोनों की नैया पर सवार होंगी, दो नाव की सवारी करेंगी, ये अभी तक क्लियर नहीं है, बहुत कुछ पता चलेगा, छह सितंबर के बाद जब उनकी इमरजेंसी को देखते हैं, कैसा रिस्पांस मिलता है, बहुत लंबे समय से कंगना रनौत एक अदद हिट को तरस रही है, बहुत सारी फिल्में उनकी फ्लॉप हुई है सुर्ख़ियों में रहती हैं, कंट्रोवर्शियल बयान देती हैं,
लेकिन वो जो दर्शक सुर्खियां पढ़ते हैं, जो उन्हें सोशल मीडिया पर उनकी कंट्रोवर्सी को फॉलो करते हैं, वो दर्शक उन्हें देखने सिनेमा घरों तक नहीं पहुंचते और यही कंगना के सामने एक बहुत बड़ा चैलेंज है कि उन दर्शकों को वो सिनेमा घर तक खींचकर कैसे लाएं? देखते हैं कंगना कामयाब हो पाती हैं या नहीं?
अमेजन prime पर आयी वेब series पंचायत का तीसरा सीजन इसी मई महीने में release हुआ था इसी साल और इसे मिले response को देखते हुए अब इसके जो makers है वो दो सीज़न एक साथ शूट करेंगे। अक्टूबर से ही इस शो के चौथे सीज़न की शूटिंग मध्यप्रदेश के सीहोर में शुरू हो जाएगी और चौथे सीज़न में दो नए ऐसे किरदार है जो इस शो से जुड़ने वाले है और भी कई जानकारियां है जो इस शो से जुड़ी सामने आई है आप जानते ही है कि इस को काफी पसंद किया गया, बहुत अच्छा response मिला।
फिलहाल मुंबई में जो है इसका pre production वर्क शुरू हो चुका है और इसकी शूटिंग शुरू करने के लिए एमपी में बारिश के सीज़न का खत्म हो जाए, मतलब इसका इंतज़ार हो रहा है कि बारिश जो हो, बरस रही है, वो बंद हो जाए एमपी में, फिर इसकी शूटिंग शुरू की जाए, वहीं मुंबई में इसका शुरू कर दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक चौथा भी चुनाव के इर्द-गिर्द होगा, चौथे में मूल रूप से तीन ट्रैक एक साथ चलेंगे। एक होगा का घमासान दूसरा होगा पंचायत सचिव का रोमांस जी हाँ और कैट एग्जाम का रिजल्ट इसको साथ में लेकर चलेंगे रोमांस और कैट एग्जाम रिजल्ट को तीसरा होगा प्रह्लाद चाह का जो है चुनाव को लेकर अंतर विरोध शो से और भी कई किरदार जुड़ सकते हैं, नए किरदार आ सकते हैं और आगे भी ये तरीका चलता रहेगा ये किरदार जो है प्रधान बन्राकाश और विधायक की तरफ से हो सकते हैं पिछले सीजन में नए सांसद को introduce किया था और उम्मीद है कि उनका काम पसंद आया इसलिए वो भी रहेंगे। अब मेकर्स जो हैं एक साथ दो सीजन शूट कर रहे हैं और फिर से जो पुराने लोकगीत का अह प्रयोग किया गया था वो फिर से किया जाएगा।
सीज़न three के अह शूट के समय म्यूजिक का reference ढूंढने के लिए मेकर्स नया लोकगीत ढूंढ रहे थे पर पुराना लोकगीत ही उन्हें अपनी कहानी में फिट होता हुआ लग रहा है जिसे मनोज तिवारी ने गाया मेकर्स ने इसमें पुराने लोकगीत को recreate करके एक रूप दे दिया है अब चौथे सीजन के लिए भी लोकगीतों के साथ ही कुछ नए प्रयोग होंगे और मुमकिन है कि किसी पुराने गाने को ही recreate किया जाए आप जानते है कि शो में सचिव के किरदार में जितेंद्र कुमार और अह जो रिंकी के किरदार में सान्विका है वो नजर आ रही है और लोगों ने उन्हें काफी पसंद किया है लोग उनके बीच रोमांस को बढ़ता हुआ देखना चाहते हैं कहा ये जा रहा है कि जो सचिव जी का किरदार है इसे जो फिल्म आई थी स्वदेश उसमें जो शाहरुख खान का था वो touch दिया जाएगा हालाँकि बिल्कुल हूबहू नहीं कर सकते लेकिन कुछ-कुछ वैसी झलक देखने को मिलेगी
और कहा ये जा रहा है कि एक और track भी हो सकता है जैसे स्वदेश में शाहरुख का किरदार गाँव का ही होकर रह गया तो ऐसा ही कुछ series में पंचायत के जो सचिव हैं वो शायद गाँव के ही होकर रह जाएंगे ऐसा भी मुमकिन लग रहा है हालांकि सचिव का एक लक्ष्य ये भी है कि उसे कैट exam crack करना है पर exam में उसके कितने नंबर आते हैं और कितना बेहतर कॉलेज मिल पाता सारी चीजें उस पर निर्भर करेंगी। वहीं चौथे सीजन में सचिव की जो love story है उस पर काफी focus रहने वाला है अमेजॉन prime ने series के makers से कहा है कि जहाँ तक अच्छे सीजन आ सकते हैं वहाँ तक इस शो को बनाया जाए क्योंकि लोगों का प्यार भरपूर मिल रहा है
आपका favourite character पंचायत में कौन है आप किस character को सबसे ज्यादा पसंद करते हैं और आप किस character के बारे में चाहते हैं कि ज्यादा दिखाया जाए वो आप मेरे video के नीचे जो comment section है उसमें लिख सकते हैं साथ ही मुझे ये भी बताइए कि पंचायत शो को आप किस लिए पसंद करते हैं? क्या खासियत है? मैं अपनी खासियत बता देता हूँ, मतलब मुझे जिस चीज के लिए शो पसंद है, क्योंकि आप इसे family के साथ बैठकर देख सकते हैं, इसमें कोई भी गंदगी नहीं है।
Tv के भीष्म पितामह मुकेश खन्ना ने खुलासा किया है कि शाहरुख खान ने उनकी एक फिल्म आई थी गुड्डू कोई खास चली नहीं थी लेकिन इसी फिल्म गुड्डू की advance कमाई से उन्होंने अपना पहला घर खरीदा था मन्नत नहीं पहला घर मुंबई में मुकेश खन्ना बताते हैं कि nineteen ninety five में फिल्म गुड्डू आई थी इसमें वो शाहरुख के पापा बने थे और off screen भी शाहरुख इस फिल्म के दौरान उनकी बहुत इज्जत करते थे मुकेश खन्ना ने अपने ही channel पर ये बताया कि उस समय में शाहरुख से star था और उस वक्त TV show महाभारत की सारी जिम्मेदारी मेरे कंधों पर थी काफी popular वो show था
और Shah Rukh के पास कोई खास बड़ी hit फिल्में नहीं आयी थी और उस वक्त वो अपनी पहचान बना रहे थे और उस दौरान Mukesh Khanna कहते है कि Shah Rukh मेरा बहुत सम्मान किया करते थे और उसी जमाने से जुड़ा एक किस्सा उन्होंने सुनाया है कि कैसे ये जो film Guddu जो कोई खास नहीं चली और Shah Rukh के career में as such Guddu का कोई योगदान नहीं माना जाता लेकिन इसी film की कमाई से Shahrukh खान के पास मुंबई में पहला घर आया था। शाहरुख के घर के बारे में बात करते हुए मुकेश खन्ना बताते हैं कि ये मुझे बताया गया था कि शाहरुख उस समय घर खरीदने जा रहे हैं
उन्होंने फिल्म के डायरेक्टर प्रेम लालवानी से request की थी कि वो उन्हें advance payment कर दें ताकि वो एक नया घर खरीद सकें उन दिनों मुकेश खन्ना बताते हैं कि चौंतीस-पैंतीस लाख में कोई भी अच्छा घर आ जाता था मुंबई शहर में तो शाहरुख़ ने जो पहला घर खरीदा था वो इसी फिल्म गुड्डू की कमाई से जो उनको मिला था उससे खरीदा और कहा कि Lalwani ने Guddu ah बनने के दौरान Shah Rukh Khan का बहुत ख्याल रखा और उन्हें पूरा पैसा जो था advance में दे दिया और Shah Rukh कहते थे कि इसी film की वजह से उनके पास घर आया है
जिस वक्त उन्होंने मन्नत खरीद लिया था तब वो कहते थे कि जब मैंने मन्नत खरीदा तब मेरे पास सारे पैसे खत्म हो गए थे हालांकि शाहरुख खान ये कहते रहे कि शादियों में नाच-नाच कर उन्होंने मन्नत खरीदा है। उस वक्त दो हजार एक में करीब तेरह करोड़ में खरीदा था मन्नत जो आज सौ करोड़ के ऊपर हो चुका है तो कुल मिलाकर जब Mannat खरीदा सारे पैसे खत्म हो गए तो फिर Gauri से कहा कि आप इसकी जो है interior designing करिए क्योंकि मेरे पास अब पैसा नहीं है कि मैं interior designer को लेकर आऊँ तो एक मजेदार सा किस्सा है जो इस समय काफी चल रहा है लोग share कर रहे हैं बहुत से लोगों को लगता है कि Shahrukh Khan का पहला घर Mannat है Mumbai में जी नहीं ऐसा नहीं है
उन्होंने nineteen ninety-five में एक flat खरीदा था वो उनका पहला घर था और फिर उसके बाद धीरे धीरे तरक्की करके वो Mannat पहुंचे और आज तो आप जानते ही हैं कि अब तो next इंतजार हो रहा है कि सुहाना के साथ उनकी फिल्म king आए इस फिल्म का direction कर रहे हैं और इसमें अभिषेक बच्चन भी हैं और ये देखा गया है कि बच्चन family से काफी close रहे हैं अह अह शाहरुख खान का एक रहता है कि वो mister बच्चन के साथ हमेशा काम करने के लिए interested रहते हैं और अब जब पहली फिल्म उन्होंने plan किया अपनी daughter के साथ में सोहाना खान के साथ में तो उन्हें लगा कि हाँ ऐसे में एक किरदार जो है वो बच्चन family का होना चाहिए वैसे भी अभिषेक बच्चन का career कोई खास नहीं चल रहा है और ऐसे में शायद उन्हें जरूरत भी है कि उन्हें Shahrukh जैसे दोस्तों का साथ मिल जाए तो देखते है king में क्या कमाल करते है.
धमकियां मिलने पर भड़क गई है कंगना रनौत और कह रही है कि मुझे डरा कर चुप नहीं करवा सकते गोलियां मार लें तब भी नहीं डरूंगी emergency पर सिख समुदाय को गलत तरह से दिखाने का नया आरोप लगा है कंगना रनौत पर आप सभी जानते हैं कंगना रनौत की जो फिल्म है emergency वो छह सितंबर को release होने वाली है trailer सामने आते ही ये फिल्म विवादों के घेरे में है दरअसल फिल्म में संत जर्नल सिंह भिंड्रा वाले को दिखाए जाने के बाद से ही कंगना रनौत को मारने की धमकियां मिल रही है हाल ही में विक्की थॉमस सिंह नाम के एक शख्स ने उन्हें सरेआम धमकी दी है कि अगर वो फिल्म में संत जरनैल सिंह भिंडरा वाले को गलत तरह से दिखाएंगी तो उन्हें उसके परिणाम भुगतने होंगे, धमकियां मिलने के बाद अब कंगना ने कहा है कि उन्हें किसी का डर नहीं है, लोग चाहें तो उन्हें गोली मार देंगे, खुद कंगना रनौत कह रही है, जो मंडी से भाजपा सांसद है, चार बार national award जीत चुकी है, अपनी अभिनय क्षमता के लिए, हाल ही में कंगना रनौत ने आज तक टीवी चैनल से बात करते हुए इन धमकियों पर अपना रिएक्शन दिया।
कंगना ने कहा मुझे डरा नहीं सकते, इस देश की आवाज को मैं मरने नहीं दे सकती, ये लोग मुझे धमका लें, गोलियां मार लें, लेकिन मैं नहीं डरने वाली ये गुंडाराज नहीं चलेगा। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी पोस्ट किया गया था, जिसमें कुछ निहंग बैठे हुए हैं।
उनके साथ बैठे विक्की थॉमस सिंह ने कंगना को धमकी देते हुए कहा कि इतिहास को बदला नहीं जा सकता। अगर आतंकवादी गया तो अंजाम के लिए तैयार हो जाना। अब सवाल ये है कि सतवंत सिंह और बे एन सिंह जो कि अह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर गोलियां बरसाने के आरोपी थे वो कौन थे और वो रोल भी करने के लिए तैयार हो जाना ये मैं दिल से बोल रहा हूँ क्योंकि उंगली जो हमारी तरफ करता है वो उंगली हम झटका देते हैं वो संत जरनैल सिंह भिंडरावाला के लिए हम अपना सिर कटवा देंगे ऐसी ऐसी वीडियो में बातें कही गई हैं कि अगर सिर कटवा सकते हैं तो काट भी सकते हैं ऐसी तमाम बातें कही गई हैं।
इस वीडियो पर कंगना ने भी रिएक्ट किया है, उन्होंने अपने ऑफिशियल एक्स प्लेटफार्म जो कि पहले ट्विटर था उस पर एक वीडियो रिपोर्ट करके महाराष्ट्र के डीजीपी हिमाचल और पंजाब की पुलिस को टैग करते हुए इनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की है, आपको बता दें कि छह सितंबर के दिन कंगना की फिल्म है, इमरजेंसी वो रिलीज हो रही है, फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान लगाई गई इमरजेंसी का जिक्र है,
ये उसी पर फिल्म बनी है, ट्रेलर सामने आने के बाद से ही सिख समुदाय को तरह से दिखाए जाने के उन पर आरोप लग रहे हैं हालांकि फिल्म अभी तक किसी ने देखी नहीं है क्योंकि रिलीज नहीं हुई है सबसे पहले पंजाब के निर्दलीय सांसद सर्वजीत सिंह खालसा ने इस ट्रेलर में दिखाए गए दृश्यों पर आपत्ति जताई थी उन्होंने कहा कि इसमें सिखों को गलत तरीके से पेश किया गया है उन्होंने केंद्र सरकार को लेटर लिखकर इस फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग भी की सर्वजीत सिंह खालसा ने कहा कि नई फिल्म इमरजेंसी में सिखों को गलत तरीके से पेश करने की खबरें आ रही हैं जिससे समाज में शांति और कानून की स्थिति बिगड़ने की आशंका अगर इस फिल्म में सिखों को अलगाववादी या आतंकवादी के रूप में दिखाया गया तो ये गहरी साजिश है और ये फिल्म हमारे ऊपर एक मनोवैज्ञानिक हमला है जिस पर सरकार को पहले से ध्यान देकर दूसरे देशों में सिखों के प्रति नफरत भड़काना बंद कर देना चाहिए
आपको क्या लगता है इतिहास के काले पन्नों को पलटने वाली फिल्में क्या हमें वाकई उस तरफ ले जाती है जहाँ उन्हें नहीं जाना चाहिए या आपको लगता है कि इतिहास के काले पन्नों को उलटना और उनपर फिल्म बनाना पूरी तरह सही है। आप किसे सही मानते हैं? आपको लगता है कि कंगना रनौत ने जो emergency जैसा टॉपिक उठाया है वो बिल्कुल सही है या आपको लगता है कि इस समय जो विरोध हो रहे हैं। ये ज्यादा सही है या आप इन दोनों के बीच का रास्ता निकालना चाहते हैं जहाँ आपको ये लगता है कि इतिहास के काले पन्नों को छुआ ही ना जाए क्योंकि इनको छूने से बहुत सारे लोग जो हैं वो अशांत हो जाते हैं। इस पूरे मामले पर आपकी अपनी क्या सोच है उसको बहुत अच्छे से लिखिए।
ये बयानबाजियाँ एक तरफ से दो तरफ से लेकिन इसमें जनता से सवाल कोई नहीं पूछता कि जनता क्या चाहती है मैं अपने प्लेटफार्म पर आकर जनता से ये पूछना चाहता हूँ कि क्या आप ऐसा सिनेमा देखना चाहते हैं या आपको लगता है कि सिनेमा है मनोरंजन के लिए है तो सब्जेक्ट कोई दूसरा भी हो सकता था तो वो लेना चाहिए। या आपको ये लग रहा है कि कंगना जो है अपनी राजनैतिक पारी जो शुरू कर चुकी है उसके लिए एक मैदान वो तैयार कर रही है।
मिर्जापुर वेब सीरीज ने अपनी पहली दो सीजन के बाद से ही दर्शकों के बीच जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की है। क्राइम ड्रामा और इंटेंस सस्पेंस से भरपूर यह सीरीज दर्शकों को अपनी कहानी में बांध कर रखती है। अब सभी की नजरें मिर्जापुर सीजन 3 पर हैं, खासकर उसके बोनस एपिसोड पर, जिसकी रिलीज डेट, समय, और डाउनलोड की जानकारी जानने के लिए लोग उत्सुक हैं।
मिर्जापुर सीजन 3 का बोनस एपिसोड
मिर्जापुर सीजन 3 का इंतजार दर्शक लंबे समय से कर रहे हैं, और खबरों के अनुसार, सीजन 3 के साथ एक खास बोनस एपिसोड भी रिलीज किया जाएगा। इस बोनस एपिसोड को लेकर दर्शकों में काफी उत्सुकता है, क्योंकि इससे मिर्जापुर की कहानी में और भी रोचक मोड़ आ सकते हैं।
मिर्जापुर सीजन 3 और इसके बोनस एपिसोड की रिलीज डेट को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि यह जल्द ही प्राइम वीडियो पर उपलब्ध होगा। अली फजल और अन्य प्रमुख कलाकारों की वापसी के साथ, फैंस को एक और धमाकेदार सीजन की उम्मीद है।
डाउनलोड कैसे करें?
मिर्जापुर सीजन 3 और इसके बोनस एपिसोड को प्राइम वीडियो पर रिलीज किया जाएगा, जहां से आप इसे आसानी से देख सकते हैं या डाउनलोड कर सकते हैं। प्राइम वीडियो की सब्सक्रिप्शन लेने के बाद आप इसे अपने मोबाइल, लैपटॉप या किसी भी अन्य डिवाइस पर डाउनलोड कर सकते हैं।
मिर्जापुर बोनस एपिसोड की रिलीज का समय
जैसे ही मिर्जापुर सीजन 3 का बोनस एपिसोड रिलीज होगा, उसका सटीक समय भी प्राइम वीडियो के प्लेटफॉर्म पर अपडेट कर दिया जाएगा। दर्शकों को सलाह दी जाती है कि वे समय-समय पर प्राइम वीडियो की वेबसाइट या ऐप पर नजर रखें ताकि कोई भी अपडेट मिस न हो।
मिर्जापुर सीरीज की लोकप्रियता
मिर्जापुर की कहानी मिर्जापुर के काल्पनिक शहर पर आधारित है, जहां क्राइम, पॉलिटिक्स, और फैमिली ड्रामा का मिश्रण दर्शकों को बांधे रखता है। अली फजल, पंकज त्रिपाठी, और दिव्येंदु शर्मा जैसे कलाकारों की दमदार अदाकारी ने इसे और भी प्रभावी बना दिया है।
क्या उम्मीद की जा सकती है सीजन 3 से?
मिर्जापुर सीजन 3 में गुड्डू भैया और कालीन भैया के बीच की दुश्मनी का नया अध्याय देखने को मिलेगा। इसके अलावा, अन्य किरदारों की कहानियों में भी ट्विस्ट और टर्न्स आने की संभावना है।
मिर्जापुर बोनस एपिसोड भी कहानी में नए एंगल और ट्विस्ट लेकर आ सकता है, जो दर्शकों को और भी बांधे रखेगा।
मिर्जापुर सीजन 3 और उसके बोनस एपिसोड का इंतजार अब दर्शकों के लिए बहुत बड़ा हो गया है। सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि कब यह सीरीज प्राइम वीडियो पर रिलीज होगी और हम इसके रोमांचक एपिसोड्स का आनंद उठा सकेंगे। तब तक, हम सभी को इंतजार करना होगा और उम्मीद करनी होगी कि यह सीजन और भी धमाकेदार हो।
मुंबई में सलमान खान का ये रूप देखकर हर कोई हैरान रह गया असल में ये मौका था eco friendly गणेशा के promotion का मुंबई म्युनिसिपल corporation यानी बीएमसी ने एक initiative लिया है जहाँ स्कूल के बच्चे eco friendly गणेशा बनाएंगे और उन्हें promote किया जाएगा ये cause तो बहुत अच्छा है लेकिन जब यहाँ सलमान खान पहुंचे तो लोग उनको देखकर काफी हैरान हुए क्योंकि सलमान खान का पेट बढ़ा हुआ दिखाई दे रहा था वो stage पर खड़े थे एक हाथ नाक के अंदर था, दूसरे में candle थी,
दीप जलाने वाले थे और हर किसी को लगा कि ये कैसे तरह से मतलब किस तरह से सलमान खान यहाँ पहुंचे हैं और चेहरे पर ऐसा लग रहा था कि जैसे बड़ी बेमन से बड़ी मुश्किल से यहाँ पहुंचे हो ऐसा लग रहा है कि कोई tension इनके चेहरे पर आप देखिए सलमान खान के जो हाव भाव है वो काफी अजीब से लग रहे हैं, साथ में सोनाली बिंदु भी दिखाई दे रही हैं, हालाँकि initiative बहुत अच्छा था, cause बहुत अच्छा था।
eco friendly गणेशा का और सरकारी initiative है तो definitely इसे support भी किया जाना चाहिए लेकिन सलमान खान यहाँ ऐसे मूड में क्यों दिखाई दे रहे हैं आप खुद देखिए ऐसा लग रहा है कि टी-शर्ट से पेट बाहर आ रहा है एक हाथ बार-बार नाक के अंदर जा रहा है स्टेज पर खड़े हैं जूते पहनकर खड़े हैं दीप प्रज्वलित करने वाले क्योंकि जहाँ तक मेरी जानकारी है दीप प्रज्वलन के समय हम अक्सर अपने जूते उतार लेते हैं लेकिन कुछ समझ में नहीं आया सलमान खान का ये अंदाज हालांकि ज्यादा लोगों ने ये नोटिस नहीं किया मेरी नजर पड़ी इंस्टाग्राम पर देखते हुए तो मेरे मन में सवाल आया कि आखिर सलमान ने यहाँ जूते क्यों नहीं उतारे हैं? और इतने बेमन से क्यों खड़े हैं?
क्या ये किसी टेंशन में है? किसी परेशानी में है? फिर मेरी नजर गई इनकी फिजिक पर तो ये पेट भी बाहर की तरफ आ रहा है? तो क्या हो गया है सलमान खान? तो क्या जिम नहीं जा रहे हैं? वर्कआउट नहीं कर रहे हैं? बड़े अनबने से लग रहे हैं? जैसे जबरदस्ती यहां पर लाए गए हों?
अक्सर होता है, हमारे साथ अक्सर अह कई दिन ऐसे होते हैं, जब हमारा जाने का किसी से मिलने बोलने का मन नहीं करता लेकिन थोड़ा सा pressure होता है तो जाना भी पड़ता है हालांकि ये cause काफी अच्छा है इसे support करना चाहिए definitely ah eco friendly Ganesha जितने ज्यादा होंगे उतना ही प्रदुषण कम होगा और ये बहुत अच्छा noble cause है जिसके लिए Salman Khan आए है लेकिन Salman Khan जिस तरह से खड़े हुए यहाँ दिखाई दे रहे है वो मन में कई तरह के प्रश्न खड़े करता है.
Pepsi पीके लागेलू sexy लहंगा में बाढ़ jeans वाली भौजी, **** केला, मेहरारू बिना रतिया कैसे कटे? जानते हैं ये सब क्या है? असल में ये सारे भोजपुरी फिल्मों के नाम हैं। जिनको सुनते ही दिमाग में यही ख्याल आता है कि ये फिल्में वही है जो सस्ते में बनती है जिनमें डबल मीनिंग गाने होते हैं, डबल मीनिंग डायलॉग्स होते हैं और इन फिल्मों को तो आप कभी भी अपने परिवार के साथ तो बिल्कुल नहीं देख सकते। पिछले पंद्रह सालों में हमारे देश में ऐसी कई फिल्में बनी हैं। जिन्होंने बिहार की इमेज को काफी नुकसान पहुंचाया है।
लोग भोजपुरी सिनेमा से कई शहरों में नफरत करते है खासकर Punjab और Maharashtra में कि यहाँ ऐसे कई सारे theatres को भी तोड़ दिया गया जहाँ ऐसी फिल्में चला करती है तो क्या हमेशा से ही Bhojpuri cinema ऐसा था क्या बात कर रहे हो आप जी नहीं हमेशा से ऐसा नहीं था लेकिन बाद में हो गया तो इसकी शुरुआत कैसे हुई चलिए आपको एक कहानी सुनाते है असल में एक वक्त वो भी था जब Lata Mangeshkar Kishore Kumar और Mohammed Rafi जैसे महान गायक Bhojpuri फिल्मों में गाना गाया करते थे तो आखिर ये सब कैसे हो गया और भोजपुरी सिनेमा में इतनी गंदगी कैसे फैल गई?
चलिए आपको एक कहानी सुनाते हैं और पीछे लेकर चलते हैं और ये बताते हैं कि पहली भोजपुरी फिल्म कैसे बनी थी? क्योंकि पहली भोजपुरी फिल्म के बनने की कहानी भी थोड़ी मजेदार है। ये साठ के दशक की बात है देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद फिल्म actor नजीर हुसैन से एक कार्यक्रम में मिले और उनसे भोजपुरी में ही पूछा कि तुम भोजपुरी फिल्म क्यों नहीं बनाते?
असल में ये दोनों ही भोजपुरी बोले जाने वाले क्षेत्रों से ही याद तो अब प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया से ये बात सुनने के बाद नजीर हुसैन ने पहली भोजपुरी फिल्म बनाई जो नाइनटीन सिक्सटी टू में रिलीज हुई नाम था गंगा मैया तोहे पियरी चढ़ाई वो बिहार और यूपी में शूट हुई ये पहली भोजपुरी फिल्म सिल्वर जुबली बन गई यानी पच्चीस हफ्तों तक सिनेमाघरों में लगी रही इसे काफी प्राइज भी मिले इस फिल्म की सफलता के बाद nineteen sixty two से nineteen sixty सिक्स के बीच उन्नीस भोजपुरी फिल्में आई और इनमें से देखे विदेशी लागी नहीं छूटे Ram संसार ये बड़ी hit फिल्में रही इन फिल्मों में Gandhi जी के सिद्धांतों को subject बनाया गया अमीर गरीब के भेद को मिटाने वाली कहानियाँ दिखाई गयी और समाज को एक समान दिखाने वाले विषय चुने गए जिससे समाज को एक सही दिशा मिल सके शायद उस वक्त इसकी ज़रूरत भी थी
असल में ये वो दौर था जब समाज में दो अलग अलग जातियों के बीच शादियाँ होना बिलकुल भी आम नहीं था और अमीर गरीब का भेद भी बहुत ज़्यादा था जैसे film विदेशिया की कहानी में अमीर गरीब के बीच का प्यार तो दिखाया गया लेकिन बाद में ये दिखाया गया कि वो गरीब लड़की जो एक अमीर लड़के से प्यार कर बैठी थी उसे लोग मार देते है कहने का मतलब है कि कहानियों को काफी real रखा गया ये फिल्में मुनाफा तो कमा रही थी ऐसे में कई सारे Hindi film maker जैसे शक्ति सामंत भी आ गए और उन्होंने कहा हमें भी भोजपुरी film बनानी है उन्होंने उस वक्त एक film बनाई थी IL Basant Bahar इसी तरह राजकुमार संतोषी के जो father थे PL Santosh उन्होंने सैयां से एक ऐसी भोजपुरी फिल्म का निर्देशन किया लेकिन ये सभी फिल्में उतनी नहीं चली जितनी की पहली भोजपुरी फिल्म बनाने वाले नजीर हुसैन की दूसरी फिल्म हमार संसार चल गई।
इस फिल्म को उस जमाने में ये कहकर प्रमोट किया गया कि भोजपुरी भाषा की ये एक युगांतरी तस्वीर है जिसमें आपको भारत के खेत खलिहान और किसान के जीवन की सच्ची तस्वीर देखने को मिलेगी ये एक भोजपुरी family ड्रामा था वो भी सोशल theme के साथ लोग इससे connect कर गए चल गया। इस फिल्म को खूब पसंद किया गया और ये खूब चली। उस दौर में हो ये रहा था कि हर कोई भोजपुरी फिल्म बना तो रहा था लेकिन हर कोई कनेक्ट नहीं कर पा रहा था क्योंकि भोजपुरी कल्चर को लोग समझ नहीं पा रहे थे। जो भोजपुरी कल्चर से नहीं आते थे वो connect नहीं कर पा रहे थे और इस वजह से कई सारी फिल्में फ्लॉप होने लगी। nineteen sixty सिक्स आते-आते भोजपुरी फिल्मों को बनाने से लोग डरने लगे कि अगर फिल्म successful नहीं हुई तो पूरा पैसा drub जाएगा।
इसके बाद हुआ ये nineteen sixty सिक्स से nineteen seventy सिक्स तक सिर्फ दो ही भोजपुरी फिल्में बनी लेकिन फिर अस्सी का दशक आते-आते भोजपुरी फिल्मों को एक नया जीवनदान भी मिला। और भोजपुरी फिल्मों को ये नया जीवन दान मिला फिल्म दंगल से जो कि पहली भोजपुरी रंगीन फिल्म थी और इसे बनाया था। पुरानी भोजपुरी फिल्म विदेशिया के प्रोड्यूसर बच्चू भाई शाह ने उस जमाने में अमिताभ बच्चन popular हो रहे थे angry young man popular हो रहा था और उसी नकल करते हुए एक action फिल्म बनाई गयी थी यानी Dangal पहली Bhojpuri रंगीन action film थी और उन दिनों हिंदी फिल्मों में भी action खूब चल रहा था लोगों को लगने लगा कि ये action का ही जमाना है लेकिन उस वक्त भी Nazir Hussain ने एक family drama film बनाई Balam Pardesia के नाम से जबकि action फिल्में बना रहे थे लोग भोजपुरी में ये Balam Pardesia एक ऐसे नौजवान की कहानी थी जो अपने लोगों से दूर चला जाता है कमाल की बात ये रही कि Dangal की तरह Balam Pardesia भी hit हो गयी और भोजपुरी फिल्में एक बार फिर से लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गयी फिर से कई सारे निर्माता पूरी फिल्म बनाने के लिए उतावले होने लगे। नतीजा ये हुआ कि nineteen seventy seven से two thousand two के बीच डेढ़ सौ भोजपुरी फिल्में बनी इस दौरान भोजपुरी फिल्मों में कई तरह के प्रयोग हुए।
किशोर कुमार और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे बड़े नाम भोजपुरी cinema की तरफ आकर्षित होने लगे। लेकिन नब्बे का दशक आते-आते वही Family Drama और वही emotional subject देख देख कर लोग भोजपुरी से भी bore होने लगे। उन दिनों बनारस जैसे शहरों में कई नकली घुमा करते थे जो नए लड़के लड़कियों को भोजपुरी स्टार बनाने का सपना दिखाते उनसे बहुत सारे पैसे ऐंठते और गायब हो जाते कुल मिलाकर भोजपुरी सिनेमा पॉपुलर तो हो गया था लेकिन सब्जेक्ट को लेकर एक बदलाव की जरूरत भी महसूस होने लगी थी बस इसी समय एक भोजपुरी सिनेमा को अह आईडिया आया सेक्स दिखाने का और ये सब nineteen ninety five के आसपास शुरू हुआ और ये दौर चला दो हजार चार तक इसी दौरान दो और काम हुए की सरकार ने अपनी कमाई बढ़ाने के लिए सिनेमाघरों का tax बढ़ा दिया और sex से भरपूर इन फिल्मों से family audience गायब होने लगी यानी एक बार फिर industry थोड़ा सा low जाने लगी क्योंकि दर्शक भी नहीं थे और cinema देखना महंगा हो गया था तभी दो हजार चार में एक फिल्म आयी जिसका वो गाना बड़ा popular हुआ रिंकिया के पापा। और इस फिल्म का नाम था ससुरा बड़ा पैसे वाला। इस फिल्म से किसी को खास उम्मीद नहीं थी लेकिन ये फिल्म silver jubilee हो गई।
और ये फिल्म बन सिर्फ तीस लाख जी हाँ और ये वो दौर था जब करण जौहर एनआरआई लोगों पर फिल्में बना रहे थे। ऐसे में गाँव के लोग सिनेमा से connect नहीं कर पा रहे थे। इस फिल्म ने छोटे शहर के लोगों को बड़े पर्दे पर दिखाया जिससे लोग connect होने लगे और तीस लाख रूपए में बनी ये फिल्म musically भी इतनी बड़ी hit रही कि पूरे नौ करोड़ कमाकर इसने दिखा दिया कि गाँव की audience अगर आपके content को पसंद कर ले तो फिर आपको करोड़ों रूपए कमाने से कोई रोक नहीं सकता। इसी फिल्म के बाद आई किशन की फिल्म अह जिसका नाम था पंडित जी बताई ना कब हुई?
ये फिल्म साठ लाख रुपए में बनी और छह करोड़ रुपए कमाकर ही सिनेमा घरों से उतरी और इंडस्ट्री को दो बड़े भोजपुरी स्टार मिल गए मनोज तिवारी और तो ये एक तरह से भोजपुरी सिनेमा का सुनहरा दौर था जब दो हजार चार में इक्कीस भोजपुरी फिल्में आई, दो हजार पाँच में पैंतालीस भोजपुरी फिल्में आई और दो हजार छह में छिहत्तर seventy सिक्स भोजपुरी फिल्में रिलीज हुई। अब एक बार फिर बॉलीवुड के नाम जैसे उदित नारायण और बालाजी telefilms भी भोजपुरी फिल्म बनाने में लग गए। यहाँ तक कि अमिताभ बच्चन के makeup man ने भी उस जमाने में एक भोजपुरी फिल्म बनाई जिसमें खुद अमिताभ बच्चन ने काम किया।
बंगाली दादा मिथुन चक्रवर्ती भी उस दौर में एक भोजपुरी फिल्म में दिखाई दिए। उस जमाने में अजय देवगन और हेमा मालिनी जैसे चेहरे भी भोजपुरी फिल्मों में दिखने लगे सबको लगने लगा कि ये एक सोने का अंडा देने वाली मुर्गी है तो चलो इसमें खूब करते है पर क्या आप जानते है फिल्में कहाँ चल रही थी असल में ये फिल्में चल रही थी Punjab और Maharashtra जैसे प्रदेशों में जहाँ भोजपुरी बोलने वाले युवा अपने गाँव और परिवार से दूर काम की तलाश में जाते थे और अपने गाँव को miss किया करते थे फिर पर्दे पर जब वो अपने गाँव का culture देखते तो उन्हें connect feel होता जब hero अपने पिता के पैर छूता जब उनकी भाभी और माँ के मांग के लाल सिंदूर की बात होती तो उन्हें लगता कि हाँ ये cinema है जो उनकी बोल रहा है उस ज़माने में हिंदी फिल्मों को भोजपुरी cinema एक बहुत बड़ी टक्कर दे रहा था ये दो हज़ार सात और दो हज़ार आठ का दौर था अब पैसे के लालच में एक ही तरह की फिल्में हर हफ्ते release होने लगी नतीजा ये हुआ कि माँग से ज़्यादा supply हुई और variety ना होने की वजह से अब फिल्मों को घाटा होना भी शुरू हो गया इसके बाद Bhojpuri film makers ने मुनाफे को बढ़ाने के लिए घाटे को कम करने के लिए film के production cost को काफी कम करना शुरू कर दिया और घटिया स्तर का दिखाना शुरू कर दिया।
वो लोग मानते थे कि ज्यादातर तो labour class ही हमारी फिल्में देखने आता है ऐसे में quality से समझौता किया जा सकता है बस यहीं से शुरू हुआ भोजपुरी सिनेमा के पतन का दौर जो आज तक चल रहा है अब सिर्फ पैसा छापने के लिए घटिया काम शुरू हो चूका था family audience तो है नहीं और हमारे जो भोजपुरी फिल्मों के दर्शक है वो migrant labours है जो परिवार से दूर है ऐसे में उनको खूब भर-भर के अश्लीलता और meaning dialogues और double meaning गाने परोसे जाने लगे इतना ही नहीं इन फिल्मों को B और C grade जैसी जो हिंदी फिल्में थी उनकी तरह ही बनाया जाने लगा और इसी तरह family audience से शुरू हुआ ये भोजपुरी cinema एक अश्लील फिल्म industry में तब्दील हो गया भोजपुरी cinema से जुड़े लोगों ने मान लिया कि पढ़े लिखे सभ्य भोजपुरी लोग तो ये फिल्में देखते नहीं है ऐसे में हम quality cinema क्यों बनाए और उन्होंने इसी तरह के double meaning cinema को बनाना जारी रखा जो आज भी चल रहा है दिल हिचौलिया क्या? भोजपुरी गाने पहले भी ठीक-ठाक हुआ करते थे लेकिन फिर जो male audience थी उसे आकर्षित करने के लिए double meaning गाने डाले जाने लगे और रही सही कसर ऐसे गानों ने पूरी कर दी अश्लीलता भर-भर के परोसी जाने लगी। फिल्मों के साथ-साथ फिर ये जो गाने थे, dance sequence थे ये और भद्दे होते चले गए।
भोजपुरी फिल्मों के ज्यादातर heroes जैसे मनोज तिवारी वगैरह ये पहले singer थे, जो बाद में hero बन गए इसलिए इन्होंने अपनी एक अलग audience create कर ली। आज आलम ये है साठ से सत्तर लाख रुपए में एक भोजपुरी फिल्म बन जाती है। जिसमें मानकर चलिए चालीस से पचास लाख रुपए तो सिर्फ हीरो लेता है। बाकी में सारे लोग काम करते हैं अब ऐसे में प्रोडक्शन क्वालिटी कहां से आएगी यानी आज वो दौर है जब भोजपुरी सिनेमा में सब हीरो की सुनते हैं क्योंकि वो जानते हैं ये हीरो इस फिल्म में है इसलिए इसकी ऑडियंस इसे देखने आएगी जो ये कहेगा वैसा ही लिखो यानी writers तक अच्छा content नहीं लिखते वो बस हीरो की तारीफ करते हैं। उसको करते हैं और उसे एक तरह से एक-एक glorified image में पेश करते रहते हैं और यही वजह है कि content में variety नहीं है। एक बड़ा-सा हीरो लिया जाता है जिसकी कुछ फैन ऑडियंस है उसके अराउंड एक लव स्टोरी होती है। फिल्म में कई भद्दे अश्लील गंदे गाने डाले जाते हैं।
और ये मान लिया जाता है कि हाँ हमने जितना लगाया है उससे डबल हमारे पास आ जाएगा। यही वजह है कि साठ-सत्तर लाख रुपए से ज्यादा कभी बजट होता नहीं भोजपुरी फिल्मों का कहने का मतलब ये नहीं है कि साठ-सत्तर लाख रुपए में फिल्म अच्छी नहीं बनाई साठ-सत्तर लाख रुपए में भी फिल्म अच्छी बन सकती है। बशर्ते उसका content अच्छा हो लेकिन वहाँ नियत साफ नहीं होती। भोजपुरी फिल्म शुरू करने से पहले ही कुछ चीजें तय होती है कि इसमें अश्लील संवाद होंगे, अश्लील गाने होंगे, अश्लील dance होगा और इसको उसी तरह की audience के बीच बेचा जाएगा यानी भोजपुरी industry खुद ही ये मानकर बैठी है कि हमें तो family audience देखने वाली नहीं है। ऐसे में हम सिर्फ अश्लीलता ही परोसेंगे।
आज आलम ये है कि भोजपुरी अगर आप फिल्म का title भी सुन ले तो शायद title भी ऐसा होता है जिसे आप अपने परिवार के साथ सुन नहीं सकते जैसा कि मैंने इस video के शुरू में आपसे कहा था share किया था और आजकल लोग कई तरह के meme बनाते हैं मज़ाक बनाते हैं Bhojpuri film industry का और सबसे ज़्यादा दुःख की बात ये है कि दोस्तों Bihar एक बहुत विकसित राज्य है बहुत अच्छे लोग वहाँ पर रहते हैं लेकिन Bihar की image इस Bhojpuri cinema की वजह से काफी खराब हुई है लोगों को लगता है कि Bihar में सब ऐसे ही लोग रहते हैं क्या तो इस तरीके की बातें काफी होती है इंटरनेट पर, सोशल मीडिया पर लेकिन मुझे लगता है कि अभी भी समय बदल सकता है अगर पिछले पुराने दौर की तरह कुछ अच्छा content भोजपुरी सिनेमा में आए आप सोचिए हमारे देश के पहले राष्ट्रपति ने ये चाहा था कि भोजपुरी सिनेमा शुरू हो, भोजपुरी सिनेमा शुरू तो हुआ लेकिन शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि भोजपुरी सिनेमा का अंजाम ऐसा होगा।
आज उदित नारायण है, बालाजी टेलीफिल्स है और ऐसे कई सारे लोग जो है वो इस तरह की फिल्मों से पैसा कमाते रहे हैं लेकिन अब स्थितियाँ बहुत खराब हो चुकी हैं मैं भोजपुरी film industry के इस video को बनाकर यही संदेश देना चाहता हूँ और यही अपील करना चाहता हूँ कि एक भाषा एक संस्कृति हमारे ही देश में बदनाम हो गयी है हम उसे बचा सकते हैं सिर्फ थोड़ी सी कोशिश करनी है कुछ अच्छा content लाना है और हो सकता है कि अच्छा content लाने के बाद फिर से भोजपुरी cinema का सुनहरा दौर लौटकर आए और आखिर ये हमारे उस की बात है Bihar के उस culture की बात है जिसके बारे में लोग बड़ी शान से बात करते है वही Bihar है जहाँ कभी Takshashila और Nalanda का इतिहास रहा है जहाँ Gautam Buddha ने जन्म लिया तो ये तमाम बातें है जिसके बारे में ये कहा जाता है कि अगर कोशिश की जाए तो आज भी Bhojpuri industry की तस्वीर बदल सकती है ज़रूरत है तो सिर्फ साफ नियत की.
मैं हूँ सुहास्ती भट्टाचार्य और मैं एक बंगाली हिन्दू हूँ ये Hindu लोग अपनी धार्मिक किताबें कम पढ़ते है ना इसका हमें फायदा हो रहा है Hindu होना इतना बड़ा गुनाह है जो फैसला करेगा मुसलमान करेगा हर-हर महादेव दोस्तों ये बात किसी से छिपी नहीं है कि हमारे देश का पूर्वी राज्य वेस्ट बंगाल बुरी तरह जल रहा है। तरह-तरह की आग लगी है, धर्म के नाम पर जात-पात के नाम पर महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार के नाम पर लेकिन कोई खुलकर इसके बारे में बात नहीं करता, लेकिन अब इस पर एक फिल्म आई है, नाम है द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल जो कि थर्टी एट अगस्त को रिलीज हो रही है,
मैंने हाल ही में इसका ट्रेलर देखा और मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि ये एक ऐसा है जिस पर लंबे समय से फिल्म बनाए जाने की जरूरत थी लेकिन हिम्मत कोई कर नहीं रहा था लेकिन ये हिम्मत दिखाई है वसीम रिजवी ने जो इस फिल्म के प्रोड्यूसर है और अब वो धर्म परिवर्तन करके जितेंद्र नारायण सिंह भी बन चुके हैं इस फिल्म का निर्देशन किया है सनोज मिश्रा ने और ये कहानी एक सच्ची कहानी है जो आपके रोंगटे खड़े कर देगी जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी जो आपको इस बात का एहसास दिला देगी कि हमारे देश में कितना चल रहा है. फिर भी इसके बारे में कहीं बात नहीं होती. कोई हमें झकझोरने नहीं आता, कोई हमें जगाने नहीं आता.
ये फिल्म उसी सच की बात करती है. दोस्तों अगर आप देश से प्यार करते हैं. अपने भारत से प्यार करते हैं. तो मैं आपसे रिक्वेस्ट करूंगा कि ऐसे सब्जेक्ट पर बनी फिल्मों को प्रोत्साहन जरूर दीजिए. अपना प्यार जरूर दीजिए. क्योंकि ऐसे सब्जेक्ट्स सही जगह तक सही कानों और सही आंखों तक पहुंचने बहुत जरूरी होते हैं. इसका ट्रेलर जब देखा तो उसके ट्रेलर से ये बात समझ में आती है कि कितना कुछ हमारे आसपास चल रहा होता है लेकिन हम शायद सो रहे होते हैं या फिर उधर ध्यान नहीं देते
लेकिन आप सोच कर देखिए जिनके ऊपर ये जुल्मों सितम बीतते हैं जिनके ऊपर होकर गुजरती है उनकी जिंदगी हमेशा-हमेशा के लिए तबाह हो जाती है और ऐसा नहीं है कि इसका असर आप पर नहीं पड़ता इसका असर सब पर पड़ता है इस ट्रेलर की सबने तारीफ की है मैं पढ़ रहा था आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने की है और आचार्य रामभद्र ने इसकी तारीफ की है और बहुत सारे पत्रकार और बहुत सारे बुद्धिजीवी इसकी तारीफ कर रहे हैं और हर किसी ने ये कहा है कि आखिर क्यों नहीं पहले इस तरह की फिल्म बनाई गई, आखिर क्यों नहीं पहले इस तरह की हिम्मत की गई?
इस ट्रेलर में जो दिखाया गया है, वो आपको सोचने को मजबूर कर देगा कि क्या हमारे सीने में दिल नहीं है? क्या हम पत्थर के हो चुके हैं? क्या हम वाकई इंसान हैं? जो इतना कुछ हमारे आसपास होता रहता है और हम उस पर ना कभी रिएक्ट करते हैं, ना सोचते हैं, ना चिंता जताते हैं। क्योंकि ये आग धीरे-धीरे बढ़ रही है, इसको अगर रोका नहीं गया तो ये आग बहुत बुरी तरह फैल सकती है और इसको एड्रेस करने की, इस पर ध्यान देने की आज सबसे ज्यादा और सबसे बड़ी जरूरत है।
हाल ही में आमिर खान रिया चक्रवर्ती के podcast में पहुंचे थे और बातचीत के दौरान आमिर खान ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद रिया के साथ हुए बुरे व्यवहार पर बात करते हुए नाराजगी जाहिर की उन्होंने रिया के support में कहा कि लोगों तक गलत जानकारी पहुंचाई गई थी जिससे आज भी लोग उन्हें विलन समझते हैं यानी सुशांत सिंह राजपूत की जिंदगी का विलन रिया को इसलिए समझा जाता है क्योंकि उन तक यानी लोगों तक गलत जानकारी पहुंचाई गई थी ऐसा मानना है आमिर खान का इस podcast में आमिर खान ने रिया का support करते हुए कहा कि जिंदगी एक पंख की तरह है। एक हवा का झोंका आता है और पंख उड़ जाता है।
आपके साथ भी यही हुआ आपकी जिंदगी ठीक जा रही थी लेकिन आपकी जिंदगी में एक हादसा हुआ जिससे आपकी जिंदगी उल्टी हो गई, अचानक पूरी दुनिया में हर किसी को ये लगा कि आप ही कोई विलेन है। आम इंसान को क्या पता कि रिया कैसी है? लोगों को एक चीज बोली गई जो सच नहीं है।
लेकिन उन लोगों को लगता है कि वही सच है और वो ये मान भी लेते हैं। ये मानना है आमिर खान का। आमिर खान ने ये भी कहा कि मैं लोगों को ब्लेम नहीं करना चाहता लेकिन मीडिया को इतना ज्यादा नहीं करना चाहिए था उन्होंने कुछ ज्यादा ही कर दिया। बहुत ज्यादा झूठ कहा गया और बहुत सारी उटपटांग बातें कही गई।
तो आमिर खान की ये बात सुनकर रिया चक्रवर्ती ने भी कुछ कहा। रिया चक्रवर्ती ने कहा कि ये podcast शुरू करने का मेरा एक कारण ये भी रहा कि उस हादसे के बाद मैंने कई बार interviews देने की कोशिश की थी लेकिन मुझे ठीक नहीं लगा। हाल ही में मैं एक podcaster के podcast में गई थी उन्होंने मुझे आश्वासन दिया था कि आओ और दोस्तों की तरह बात करो, मैं आपको journalist की तरह treat नहीं करूंगा, मैं podcaster हूँ, लेकिन उसने मेरे साथ उससे भी बत्तर काम किया, तो मैंने वो podcast release ही नहीं होने दिया, कम से कम मुझे पता है कि traditional मीडिया किस तरह से बात करेगी,
तो मैं अपने guards लेकर जाऊँगी और उस दिन मैंने ये फैसला किया कि मुझे एक सेफ स्पेस बनाना है, जहाँ लोगों से बातें करनी है। रिया की बात पर आमिर ने कहा कि आज भी लोग आपको गलत नजर से देखते हैं क्योंकि उनको गलत बताया गया है। मुझे उम्मीद है कि धीरे-धीरे उन्हें भी आपकी सच्चाई समझ में आ जाएगी। आगे रिया ने आमिर को शुक्रिया कहते हुए कहा कि मेरी इस healing journey में आप एक बेहतरीन शख्सियत रहे हैं। जिन्हें मैंने जाना है।
आपने मुझे एक documentary दिखाई थी, जो आपने खुद produce की थी, मैं बहुत गुस्से में रहा करती थी, जब ये सब हुआ था, मैं सोचती थी कि ये मेरे साथ ही क्यों हो रहा है? फिर एक दिन आपने मुझसे कहा कि बैठो और ये documentary देखो। उसका नाम रूबरू रौशनी है, वो documentary फिल्म लोगों को माफ़ करने के बारे में है। तुरंत तो नहीं, लेकिन बाद में मुझे एहसास हो गया कि खुद को और सब को माफ़ कर ही देना चाहिए।
रिया चक्रवर्ती से बातचीत के दौरान आमिर खान ने अपने फिल्मी career और फिल्मों से ब्रेक लेने पर भी खुलकर बात की है। आपको बता दें कि आमिर खान ने लाल सिंह चड्ढा फ्लॉप होने के बाद फिल्मों से एक ब्रेक ले लिया था, रिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उन्होंने कोविड महामारी के दौरान ही फिल्में छोड़ने का फैसला ले लिया था क्योंकि अब वो ज्यादा से ज्यादा समय अपने परिवार के साथ बिताना चाहते हैं हालाँकि अब आमिर खान एक लंबे ब्रेक के बाद सितारे जमीन पर से कमबैक करने वाले हैं दोस्तों ये तो वो बातें हुई जो आमिर खान ने की है रिया चक्रवर्ती के साथ बैठकर अब आपको क्या लगता है कि जो आमिर को लगता है वो सही है या जो आपको मीडिया ने बताया वो सही है या जो दूर बैठे लोगों ने अंदाजा लगाया वो सही है?
या आपके अंदर जो गट फील आता है, वो सही है? या आप अपने हिसाब से जो चीजों को सोच रहे थे, वो सही है कि सुशांत सिंह राजपूत मामले में क्या बिल्कुल भी विलेन नहीं थी? रिया तो फिर सवाल आएगा कि गिरफ्तारी क्यों हुई? इतने सारे सवाल क्यों हुए? तमाम बातें हैं। एक पक्ष ये भी कह सकता है, कि दोनों के बीच झगड़ा हुआ था, झगड़े किस रिलेशनशिप में नहीं होते? लेकिन उस झगड़े के बाद ये हो जाएगा, इसका किसी को अंदाजा नहीं था। इधर हमारे देश की जो सीबीआई इस मामले की जाँच कर रही है, उसके हाथ कुछ proof नहीं लगा है, तो उनकी रिपोर्ट भी नहीं आई है। और वो कब आएगी, कोई नहीं जानता।
तो अब ऐसे में क्या किया जाए? जैसा रिया चक्रवर्ती ने बताया कि वो एक podcaster के पास गई, उन्होंने कुछ ऐसे सवाल पूछे, जिसके बाद उन्हें लगा कि उनको घेरने की कोशिश हो रही है, तो उन्होंने उसके बाद अपना खुद का ही podcast शुरू कर दिया। वैसे आजकल podcast business भी अच्छा चल रहा है, लोग किसी को भी बुलाते हैं,
बातचीत करते हैं और फिर पूरी दुनिया जो बैठकर उनके दोनों लोग बीच हुई बातचीत को सुनती है खैर हर किसी का अपना-अपना सोचना है हर किसी का अपना तर्क हो सकता है सबूत क्योंकि आज तक कुछ मिला नहीं तो ऐसे में कुछ कहा नहीं जा सकता.
चौबीस अगस्त के दिन साउथ के सुपरस्टार नागार्जुन के हैदराबाद में जो उनका एन कन्वेंशन सेंटर है उसे तोड़ दिया गया था आरोप ये लगा कि कन्वेंशन सेंटर का अवैध निर्माण झील की जमीन पर किया गया है। हालाँकि अब नागार्जुन ने एक सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है और ये बताया है कि हाई कोर्ट द्वारा दो हजार चौदह में एक आर्डर पास किया गया था जिसमें साफ-साफ कहा गया था कि सेंटर का निर्माण अवैध नहीं है।
जानकारी देने के साथ-साथ नागार्जुन ने अपने फैंस से किसी भी अफवाह या अटकलों पर यकीन ना करने की अपील की है साउथ के स्टार नागार्जुन ने अपने official एक्स प्लेटफार्म जो कि पहले ट्विटर था उस पर लिखा है कि डियर फैंस और शुभचिंतकों कई बार सेलिब्रिटीज से जुड़ी न्यूज़ को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है मैं फिर से कहना चाहता हूँ कि जिस जगह पर एंड कन्वेंशन सेंटर बनाया गया है वो एक पट्टा डॉक्यूमेंटेड भूमि है उस पट्टा भूमि के अलावा हमने एक परसेंट भी जगह नहीं की है, आगे नागार्जुन लिखते हैं कि AP land grabbing prohibition act के तहत यानि आंध्र प्रदेश land grabbing prohibition act के तहत special court ने चौबीस फरवरी दो हजार चौदह को order पास किया था, जिसमें कहा गया था कि झील में अवैध निर्माण नहीं किया गया है, फिलहाल इस पर high court में बहस चल रही है, मैं कानून और फैसले का पालन करूंगा,
जब तक के लिए मैं आपसे तहे दिल से विनती करता हूं, कि किसी भी तरह की अटकलों, किसी भी तरह की अफवाहों या तथ्यों की गलत बयानी में शामिल ना हों, आप आपको बता दें कि नागार्जुन का एन कन्वेंशन सेंटर हैदराबाद के रंगा रेड्डी जिले के शिल्पराम के पास माधापुर की हाईटेक सिटी के पास है बीते लंबे समय से हाइड्रा यानी हैदराबाद आपदा राहत एवं संपत्ति संरक्षण एजेंसी के पास शिकायतें आ रही थी जिनमें कहा जा रहा था कि सेंटर का निर्माण झील की जमीन पर अवैध रूप से किया गया है ये सेंटर बीतें कई सा लो से विवादास्पद है और शिकायतों पर कार्यवाही हुए हाइड्रा की टीम ने चौबीस अगस्त को इस एन कन्वेंशन सेंटर को तोड़ दिया।
एन सेंटर तोड़े जाने के बाद नागार्जुन ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर करके लिखा था कि सेंटर को तोड़ने से पहले उन्हें कोई नोटिस नहीं भेजा गया था। उनके पास कोर्ट से स्टे आर्डर था हालांकि फिर भी सेंटर को गैरकानूनी तरीके से तोड़ा गया है, नागार्जुन ने ये भी कहा कि इसके लिए वो अधिकारियों के खिलाफ भी एक्शन लेंगे। ये जो एन कन्वेंशन सेंटर है, ये सिक्स पॉइंट सिक्स nine acres जो लैंड है उस पर बना हुआ था।
आरोप ये है कि इसे तुमडी कुंटा झील की करीब तीन दशमलव तीन शून्य और तीन दशमलव चार शून्य एकड़ की जमीन पर अतिक्रमण करके बनाया गया हैदराबाद के भास्कर रेड्डी समेत कई शिकायत कर्ताओं ने हाइड्रो से शिकायत की थी इसके बाद ये कार्रवाई की गई तुमडीकुंडा जो झील है ये उनतीस एकड़ में फैली हुई है इसी के पास नागार्जुन ने एंड कन्वेंशन सेंटर बनाया था एंड कन्वेंशन सेंटर में कुल तीन हॉल थे इन्हें बड़े-बड़े प्रोग्राम करने के लिए इस्तेमाल किया था.
इस convention सेंटर में कई सारी political पार्टीज होती थी, gathering होती थी, शादियां होती थी और बीते साल टॉलीवुड एक्टर चिरंजीवी के भतीजे वरुण तेज और लावन्या त्रिपाठी का wedding reception भी इसी एन कन्वेंशन सेंटर में पांच नवंबर को हुआ था, बहरहाल अब ये विवाद का विषय है कि एंड कन्वेंशन को जो तोड़ा गया है, क्या गैरकानूनी रूप से तोड़ा गया है, क्या नागार्जुन सही है, या हाइड्रो एजेंसी सही है?
इनके बीच अब अदालत में बहस चल रही है और बाहर लोग बातें कर रहे हैं कि कैसे नागार्जुन की जो संपत्ति थी, इसे तोड़ दिया गया, तो देखते हैं इस पूरे मामले में आगे क्या होता है, वैसे भी अगर सेलिब्रिटी से जुड़ा मामला होता है तो दोस्तों आपको पता है कि चीजें थोड़ी बढ़ा-चढ़ाकर ही आती हैं। क्योंकि लोगों को उनमें पढ़ने में रस आता है। और जो मीडिया houses हैं, वो भी अपनी अलग-अलग कहानियां निकालकर लेकर आते हैं, पर आप लोग इसके बारे में अपनी क्या राय रखते हैं।
ये सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि हाल ही में वो तस्वीर सामने आई है जिसमें कन्नड़ स्टार दर्शन कर्नाटका की जेल के अंदर सिगरेट पीता नजर आ रहा है। इतना ही नहीं वो जेल के अंदर से वीडियो कॉल भी करता है और उसको देखकर ऐसा लग रहा है, मानो अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने आया हो। दैनिक भास्कर में छपी ये रिपोर्ट बताती है कि कितना खुला ऐश कर रहा है दर्शन।
वही दर्शन जिसने अपने फैन रेणुका स्वामी की निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी थी मैं आपको इस वीडियो में इस खबर के बारे में ही बताने जा रहा हूँ दोस्तों आपको दर्शन थुगदीपा तो याद ही होंगे जिन्होंने कुछ समय पहले अपने फैन की बहुत बुरी तरह हत्या कर दी थी और ये देखिए ये जो अख़बार में खबर छपी है वो ये साफ बताती है कि वो अपने दोस्तों के साथ हुआ जेल के अंदर सिगरेट पी रहा है।
तीन लोग उसके साथ दिखाई दे रहे हैं, दर्शन थुगोदीपा है ये। सफेद माफ़ कीजिएगा ग्रे कलर की टी-शर्ट में बैठा हुआ है और उसके हाथ में सिगरेट है। और ये समय कर्नाटका की जो बेंगलुरु में परपन्ना अगरहारा सेंट्रल जेल है, ये वहां पर बंद है। इसके अलावा इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जो ये जेल के अंदर से अपने एक जानने वाले को वीडियो कॉल कर रहा है। तो आखिर वो कौन लोग हैं, जिसको जो इसको जेल अंदर इतनी सारी सुविधाएं दे रहे हैं।
इसको देखकर सुकेश चंद्रशेखर की याद आ रही है जो जेल के अंदर बैठकर दो सौ करोड़ की ठगी कर लेता है। जिसको चाहे उसको फोन करता है जिसको चाहे उसको चार्टर्ड प्लेन से बुला लेता है। ये हाल हमारे देश की जेलों का है और अब इसमें कर्नाटक सरकार से भी सवाल पूछे जा रहे हैं।
देखिए रिपोर्ट साफ तौर पर बताती है। कि अपने फैन रेणुका स्वामी के मर्डर केस में बेंगलुरु की परपन्ना अगरहारा सेंट्रल जेल में बंद कन्नड़ एक्टर एक बार फिर से चर्चा में है। एक्टर की हाल ही में जेल से एक तस्वीर सामने आई है जिसमें वो तीन लोगों के साथ चाय, सिगरेट पीता दिखाई दे रहा है और उसके बैठने के अंदाज से लग रहा है जैसे वो जेल में पिकनिक मना रहा हो।
इस पर विवाद बढ़ने के बाद कर्नाटका के जो मुख्यमंत्री हैं सिद्धारमैया उन्होंने इससे दर्शन को दूसरे जेल में शिफ्ट करने के आदेश दिए हैं और साथ ही जो डीजीपी हैं मालिनी कृष्णमूर्ति उनसे कहा है कि इस जेल विजिट करने के बाद इस जेल में जाए और इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर सौंपे फिर डीजीपी ने जेल विजिट की और ये जो जेल है इसके सात अधिकारियों को उन्होंने ससपेंड किया। जिसमें जेलर शरण बसवा, प्रभु एस खंडेलवाल, असिस्टेंट जेलर एलेस थिप्पेस्वामी और श्रीकांत तलवार, हेड वार्डन वेंकप्पा कोडती और संपत कुमार कड़पट्टी और वार्डन बसप्पा केलि शामिल है।
रिपोर्ट्स बताती है कि दर्शन अपने साथ बैठे लोगों में से एक एक कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है विल्सन गार्डन नागा जो कि काली शर्ट में दिखाई दे रहा है। इसके अलावा मैनेजर और सह आरोपी नागराज और कुल्ला सीना के साथ बैठा दिखाई दे रहा है। राज्य के जो गृहमंत्री हैं होम मिनिस्टर जी परमेश्वरा उन्होंने कहा है कि मैंने इस मामले की detailed रिपोर्ट मांगी है और suspend किए गए सात अधिकारियों में अह से अह उनको दोषी पाया गया है।
उनको हमने suspend कर दिया है। लेकिन सवाल ये है दोस्तों कि क्या इतना आसान है भारत की जेलों में अगर आप बंद है तो पैसा देकर अंदर जेल के अंदर आपको वीडियो फोन मिलता है, आपको सिगरेट मिलती है और आप ऐश से बैठते हैं, पिकनिक मना रहे हो जैसे, जैसे आप वहां पर कोई तफरी करने आए हों।
इस रिपोर्ट को देखने के बाद जो रेणुका स्वामी के पिता हैं, जो मृतक है जिसको मार डाला निर्ममता पूर्वक दर्शन में उसके पिता ने कहा है कि इस तस्वीर को देखकर मैं चौंक गया हूँ अब मन में ये शक भी उठता है कि वो जेल में है भी या नहीं जेल जैसा होना चाहिए, कुछ और नहीं बनाना चाहिए, उसके साथ सामान्य कैदियों की तरह ही व्यवहार होना चाहिए, लेकिन यहाँ तो ऐसा लग रहा है जैसे वो किसी रिसोर्ट में बैठा हो।
आप जानते ही हैं कि पिछले ग्यारह जून को अपने तैंतीस साल के फैन रेणुका स्वामी के मर्डर के आरोप में दर्शन जेल में बंद है। और उसके बाद ये पूरा मामला निकला था। लेकिन आप ये देखिए ये जेल का हाल है। ये है हमारे देश की जेल। जो आपको सिगरेट देती है, वीडियो कॉलिंग की सुविधा देती है।
और जब वहां पर डीजीपी की विजिट होती है तो सात अधिकारी दोषी पाए जाते हैं, उनको ससपेंड किया जाता है। यानी कोई है जो सरकार के भी ऊपर है। कोई है जो इन अधिकारियों को पैसा देता है, इन्हें खरीद लेता है। और अपने मनमाने ढंग से वहां पर रहता है।
दक्षिण भारत के मंदिर अक्सर खबरों में छाए रहते हैं। कभी महिलाओं की एंट्री को बैन करने के लिए तो कभी किसी और अतरंगी फरमान की वजह से अब ये इसलिए चर्चा में आए हैं क्योंकि एक actress से उनके हिंदू होने का सबूत माँगा गया है और ये actress बीजेपी नेता भी हैं इनका नाम है नमिता इन्होंने बताया कि इनके साथ मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर में क्या हुआ।
हालाँकि मंदिर के अधिकारियों ने इन्होंने जो आरोप लगाए हैं उनसे इनकार किया है और उन्होंने कहा कि ये जो actress नमिता और उनके पति जो साथ में आए थे मास्क लगाए हुए थे इसलिए इनसे पूछा गया कि ये कौन है? ये जो एक्ट्रेस है नमिता जो कि भाजपा नेता भी है ये आरोप लगाती है कि सोमवार छब्बीस अगस्त को तमिलनाडु के मदुरई में मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर जाने के दौरान उनसे हिंदू होने का सबूत माँगा गया समाचार एजेंसी पीटीआई बताती है कि उन्होंने ये आरोप लगाया कि मंदिर के एक अधिकारी ने उन्हें मंदिर के अंदर जाने से रोका और उनसे हिंदू होने का सबूत माँगा उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक कहा पहली बार मुझे अपने ही देश और अपनी ही जगह पर एक अलगाव सा महसूस हुआ
क्योंकि मुझे खुद को हिंदू साबित करना पड़ा बात ये नहीं है कि मुझसे इसके बारे में पूछा गया बल्कि बात ये है कि मुझसे इसके बारे में कैसे पूछा गया वो अधिकारी और उसका असिस्टेंट भी बहुत ही असभ्य और अहंकारी था ये actress जो भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की सदस्य भी है इन्होंने कहा कि ये बात तो सभी को पता है कि वो हिंदू परिवार में पैदा हुई है तिरुपति में हुई है। उनके बेटे का नाम भगवान श्री कृष्ण के नाम पर रखा गया है।
उन अधिकारियों ने मुझसे बदतमीजी से बात की और मुझसे मेरी जाति धर्म को साबित करने के लिए certificate मांगा। हालांकि मंदिर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नमिता और उनके पति से सिर्फ इतना ही पूछा गया था। क्या वे हिन्दू हैं क्योंकि उन्होंने मास्क पहना हुआ था।
और उन्हें मंदिर की परंपराओं के बारे में बताना चाहते थे। पीटीआई ने अधिकारी के हवाले से बताया कि मामला साफ होने के बाद उनके माथे पर कुमकुम लगाया गया उन्हें मंदिर के अंदर भी ले जाया गया मगर ये जो actress है नमिता ये कहती है कि उन्हें अपनी आस्था दिखाने और माथे पर कुमकुम लगाने के बाद ही मंदिर में entry दी गई उन्होंने कहा कि पूछने का भी एक तरीका होता है मुझे कोने में बीस मिनट तक इंतजार कराया हमने संडे के दिन पुलिस को अपने आने के बारे में भी बता दिया था अब ये जो actress है नमिता ये कहती है कि हमने मास्क पहना हुआ था क्योंकि हम भक्तों को परेशान नहीं करना चाहते थे.
क्योंकि भक्त अगर पहचान लेते तो उनके आस-पास ये भीड़ हो जाती तो कुल मिलाकर मामला ये है कि पहली बार ऐसा हुआ है कि एक मंदिर में आने वाली एक actress से दरवाजे पर ही ये पूछ लिया गया कि क्या आप हिंदू है अब ये किस तरह से हुआ किस लहजे में पूछा गया तो वही बेहतर बता सकती है लेकिन उनका कहना है कि ये लहजा जो था वो अपमानजनक था कुल मिलाकर अक्सर जो नामचीन लोग होते है उनसे अगर कोई उनका नाम पूछ ले तो उन्हें तकलीफ होती है ego hurt भी होता है हो सकता है कि बदतमीजी हुई हो सकता है कि ना भी हुई हो क्योंकि यहाँ पर हम वही बात कर रहे हैं जो कि नमिता ने पीटीआई को बताया या मंदिर के लोगों ने पीटीआई को बताया लेकिन हाँ ये सुनकर थोड़ा अटपटा जरूर लग रहा है कि दरवाजे पर ही किसी से पूछा जाए कि क्या आप हिंदू हैं?
एक तरफ स्त्री 2 है जो कुछ ही घंटों में चार सौ करोड़ का आंकड़ा पार कर लेगी। और दूसरी तरफ अक्षय कुमार की खेल-खेल में है जो ग्यारह दिन में किसी तरह घिसट-घिसट कर सिर्फ तेईस करोड़ रुपए तक ही पहुंच पाई है। इस फिल्म का जो बिजनेस का ग्राफ है उसको देखकर रोए या हंसे ये समझ में नहीं आ रहा है क्योंकि अक्षय कुमार की इतनी बकवास कमाई मतलब अक्षय कुमार की फिल्म की इतनी बकवास कमाई होगी कोई अंदाजा नहीं लगा सकता था
और इसकी कमाई को देखते हुए अब खबरें ये भी सुनने को मिल रही है कि क्या welcome to the jungle अब बंद कर दी जाएगी खैर मैं आपको इसकी कमाई के आंकड़े बता रहा हूँ पहले दिन खेल खेल में ने कमाया पाँच करोड़ पाँच लाख रूपया दूसरे दिन दो करोड़ पाँच लाख तीसरे दिन तीन करोड़ दस लाख चौथे दिन तीन करोड़ पचासी लाख पाँचवा दिन आते आते इसकी कमाई दो करोड़ रह गयी छठे दिन बीस लाख सातवें दिन एक करोड़ दस लाख आठवें दिन एक करोड़ नौवां दिन सत्तर लाख दसवां दिन एक करोड़ पैंतीस लाख और ग्यारहवां दिन एक करोड़ पचहत्तर लाख तो कुल मिलाकर ये किसी तरह तेईस करोड़ रूपए के आसपास की कमाई पहुँची है.
अब आप सोचिए कि अक्षय कुमार की फिल्म अगर ग्यारह दिन में तेईस करोड़ का कमा कमाकर देगी प्रोड्यूसर को तो फिर अक्षय कुमार के कैरियर का क्या होगा? और उन लोगों का क्या होगा जो अक्षय को लेकर बड़ी-बड़ी फिल्में प्लान कर चुके हैं, शूट शुरू कर चुके हैं। क्योंकि लगातार अक्षय की फ्लॉप होती फिल्में ये बता रही हैं कि अक्षय की स्टार वैल्यू अब जीरो होती जा रही है, अक्षय के पास आगे क्या काम आएगा, वो किस तरह की फिल्म करेंगे? क्या वो खुद को इसी तरह रिपीट करते रहेंगे या बिना स्क्रिप्ट देखे फ़िल्में साइन करेंगे अगर यही चलता रहा तो अक्षय के जितने प्रोड्यूसर्स हैं उनका दिवाला निकल सकता है।
और इस समय जैसा मैंने कहा कि सुनने में आया है कि जो वेलकम टू द जंगल है क्या उसको शेल्व कर दिया गया हालांकि ये खबर भी आई कि वेलकम टू द जंगल को शेल्व करने की जो खबरें आ रही हैं उनको नकारते हुए इस फिल्म के डायरेक्टर अहमद खान ने ये कहा कि हम अक्टूबर से अपना एक schedule शुरू कर रहे हैं बाहर और उसकी रेकी करने के लिए टीम गई हुई है ऐसी खबरें भी आई लेकिन कुल मिलाकर इतना तो कहा ही जा रहा है कि अक्षय को लेकर फिल्म बना रहे प्रोड्यूसर इस समय बीपी की खा रहे हैं, उनके बीपी हाई हैं। क्योंकि उनको समझ में नहीं आ रहा है कि अक्षय के साथ अब क्या होने वाला है। जनता ने अक्षय को नकारना शुरू कर दिया है और ये बात अब सबके समझ में आ रही है.
एक मलयाली एक्ट्रेस ने मलयालम स्टार सिद्धिकी पर दुष्कर्म करने का आरोप लगा दिया है जिसके बाद सिद्धिकी ने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट के महासचिव पद से अब इस्तीफा दे दिया है. सिद्धिकी फिल्म सासनेहम सुमित्रा के लिए केरल राज्य फिल्म पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके है वो वहाँ का एक बड़ा नाम है.
सिद्धिकी मलयालम सिनेमा में काफी लोकप्रिय रहे है और वो अब तक साढ़े तीन सौ फिल्मों में काम कर चुके है. रोमांटिक हीरो से लेकर विलेन तक उन्होंने हर तरह की भूमिकाएं निभाई है. उन्हें केरल फिल्म अवार्ड और नंदी स्पेशल ज्यूरी अवार्ड भी मिल चुका है. और वो अभिनय के साथ-साथ निर्देशन भी करते हैं और फिल्म निर्माण में भी सक्रिय हैं. उन्नीस सौ अठासी में सिद्दीकी ने न्यू दिल्ली नाम की एक हिंदी फिल्म में भी काम किया था जिसके हीरो जितेंद्र थे. सिद्दीकी पर आरोप लगाते हुए इस अभिनेत्री ने कहा कि बारहवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद मेरे साथ एक भयानक घटना हुई.
सिद्दीकी ने मुझे फेसबुक पर संदेश भेजे. मैंने एक फिल्म पर चर्चा करने के लिए उनसे मुलाकात की. उस समय मेरी उम्र इक्कीस साल की उस समय उन्होंने मुझे मानसिक और शारीरिक रूप मेरा यौन उत्पीड़न किया जिससे मेरा मानसिक और पेशेवर जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। ये एक्ट्रेस जो रेवती हैं ये कहती हैं कि उस वक्त उन्होंने ऐसा बर्ताव किया जैसे कुछ हुआ ही नहीं था। इस घटना ने मेरे मानसिक और पेशेवर जीवन को बुरी तरह बदल कर रख दिया।
और इस बारे में बोलने में मुझे काफी समय लग गया। सिद्धिकी पर ये आरोप तब लगा है जबकि आजकल हेमा समिति की रिपोर्ट के चलते मलयालम इंडस्ट्री में हंगामा पहले से ही चल रहा है। दरअसल ये मलयालम में महिलाओं के साथ यौन शोषण, लैंगिक भेदभाव और अमानवीय व्यवहार को लेकर बड़े खुलासे करने वाली रिपोर्ट है, दूसरी और एक और एक्ट्रेस ने नंदन जैसी अवार्ड विनिंग फिल्म का निर्देशन करने वाले रंजीत पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है, इसके बाद उन्होंने केरल चित्रकला अकादमी के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया है, एक्ट्रेस के अनुसार पालेरी मणिकियम फिल्म के निर्माण के दौरान रणजीत ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था.
महिलाओं ने लगाए अ है इसमें गलत डिमांड के आरोप इस ये जो रिपोर्ट सामने आई है, ये बताती है कि कई सारी ऐसी घटनाएं है जिसमें मलयालम फिल्म इंडस्ट्री का जो वर्क कल्चर है वो अब सवालों के घेरे में घिर चुका है रिपोर्ट के मुताबिक मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाली कई महिलाओं ने आरोप लगाया है कि काम शुरू करने से पहले ही उनके साथ गलत काम की डिमांड की जाती है. रिपोर्ट में ये भी लिखा गया है कि ये चकाचौंध से भरी दुनिया है जिसमें दूर से सब अच्छा लगता है लेकिन अंदर ये काफी कुछ घिनौना है.
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री कुछ मेकर्स है कुछ निर्देशक है और कुछ हैं उनके नियंत्रण में है ये सभी पुरुष हैं और वो पूरी मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को कंट्रोल करते हैं और वहाँ काम करने वालों पर हावी हो जाते हैं पावरफुल लोगों के ग्रुप को माफियास कहा जाता है क्योंकि अपने खिलाफ बोलने वालों के करियर को खत्म कर देते हैं बर्बाद कर देते हैं रिपोर्ट में कुछ बड़े एक्टर्स के इस ग्रुप में शामिल होने का दावा भी किया गया है असल में दो हजार सत्रह में मलियाली एक्ट्रेस पर यौन उत्पीड़न का आरोप सात लोगों पर लगा था और इसी मामले में मलियाली सुपरस्टार दिलीप को भी गिरफ्तार किया गया था इसके बाद मलियालम में महिलाओं की स्थिति को जांचने के लिए सीएम विजयन ने केरल हाई कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में हेमा कमेटी का गठन किया था दिसंबर दो हजार उन्नीस में रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई थी.
लेकिन कानूनी अड़चनों की वजह से ये रिपोर्ट जो है अब तक सार्वजनिक नहीं हुई थी लेकिन जब से ये रिपोर्ट सार्वजनिक हुई है मलयालम फिल्म इंडस्ट्री सबके निशाने पर आ गई है और लोग यही कह रहे हैं कि हमें लगता था कि ये गंदगी सिर्फ बॉलीवुड में है लेकिन ये गंदगी तो मलयालम फिल्मों में भी फैली हुई है। दोस्तों बहुत सारे लोग हैं जो एक-एक करके बाहर आ रहे हैं आपको याद होगा दो हजार अठारह में एक me too movement हुआ था उसके बाद बहुत सारी लड़कियां बहुत सारी महिलाएं निकल कर सामने आई थी जिन्होंने ये कहा था कि हमारे साथ गलत हुआ और उस वक्त हमारी कहने की हिम्मत नहीं थी.
लेकिन हाँ अब हमें हिम्मत मिल रही है ठीक ऐसा ही इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद हो रहा है अब आप सोचिए रिपोर्ट जो है दो हजार उन्नीस में बन गई थी लेकिन आज इतने साल बाद जब ये सार्वजनिक हुई है तो उसके सार्वजनिक होने के बाद कई पुराने किस्से निकल कर सामने आ रहे हैं मैं जानना चाहता हूँ कि इस तरह की खबर को जानने के बाद क्या आपके मन में प्रश्न उठ रहे हैं? कि क्या वाकई महिलाएं हमारे देश में सुरक्षित हैं? हाल ही में कोलकाता में जो हुआ है,
आप जानते हैं और उसको लेकर जिस तरीके से पूरे देश में मोहिम चल रही है, वो भी आपने देखी, दो हजार बारह में इस देश में निर्भया जैसा कांड भी हुआ था और बड़े दुःख की बात है कि चाहे निर्भया वाला कांड हो या कोलकाता वाला कांड हो, इसके अलावा भी आए दिन इस तरह की खबरें आती रहती हैं, एक रिपोर्ट तो ये तक बताती है कि हमारे रोजाना नब्बे महिलाओं के साथ दुष्कर्म होता है। इस सबके बीच आप इस रिपोर्ट को किस तरह से देखते हैं? साथ ही क्या आपको लगता है क्या कमी है सरकार की तरफ से जो ये सब इतना खुले आम चलता है कि काम की जगह पर सीधे तौर पर महिलाओं से इस तरह के sexual favors मांगे जाते हैं।
कंगना रनौत ने एक और विवादास्पद बयान दे दिया है, उन्होंने कहा है कि अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी वही बना दिया जाता जो आज बांग्लादेश को बना दिया गया है। दैनिक भास्कर को दिए गए interview में कंगना ने कहा कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे, वहां रेप और हत्याएं हो रही थी, किसान बिल को वापस ले लिया गया, वरना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी planning थी,
वो देश में भी कर सकते थे, ये कहना है हमारे देश की लॉ मेकर और भाजपा सांसद कंगना राणावत का इस इंटरव्यू के बाद पंजाब के जो कांग्रेस नेता है राजकुमार वेरका उनका कहना है कि कंगना जो है वो लगातार किसानों पर ऐसे बयान दे रही है इसके खिलाफ इसलिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। और उनपर एनएसए भी लगाया जाना चाहिए। राजकुमार वेरका जो दो बार कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं, दो हजार सत्रह से दो हजार बाईस तक वो पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं, वेरका दो बार राष्ट्रीय अनुसूचित के उपाध्यक्ष भी रहे हैं।
कंगना के इंटरव्यू के बाद वेरका ने एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा कि कंगना रनौत रोजाना पंजाब के नेताओं के खिलाफ जहर उगलती है, उन्होंने किसानों को खालिस्तानी कहकर पुकारा, देश के किसानों को गाली दी है, वो किसी भी शह पर बोल रही है, भाजपा इसके लिए सफाई दें मैं अपने मुख्यमंत्री भगवंत मान से मांग करता हूँ कि एफआईआर दर्ज की जाए, इनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत एक्शन हो और इन्हें डिब्रूगढ़ जेल में डाल दिया जाए, कांग्रेस के स्पोक्सपर्सन अतुल लोंडे हैं उन्होंने कहा कि कंगना ने किसानों को रेपिस्ट क्यों कहा? क्या प्रधानमंत्री मोदी उन पर एक्शन लेंगे या फिर उन्हें भी साध्वी प्रज्ञा की तरह बचा लिया जाएगा?
तो कुल मिलाकर ये सारी बातें कंगना ने जब से कही है तब से एक नई तरह का बवाल शुरू हो गया है और ये सब हो रहा है उनकी फिल्म इमरजेंसी की रिलीज से जस्ट पहले क्योंकि वो उसे प्रमोट करना चाहती है उनसे सवाल किया गया कंगना से कि जैसे हालात बांग्लादेश में हैं आज क्या हमारे देश में भी ऐसे हालात बन सकते हैं?
तो उन्होंने जवाब दिया आज हमारा शीर्ष नेतृत्व अगर कमजोर होता तो बांग्लादेश जैसी स्थिति भारत में भी हो सकती थी यहाँ किसान आंदोलन के दौरान क्या हुआ वो सबने देखा है। कैसे प्रोटेस्ट के नाम पर violence फैलाया गया वहाँ रेप हो रहे थे, मारकर लाशों को लटकाया जा रहा था।
जब उस बिल को वापस लिया गया तो ये उपद्रवी चौक गए क्योंकि उनकी प्लानिंग तो बहुत लंबी थी, उन पर समय रहते कंट्रोल पा लिया गया वरना कुछ भी कह सकते थे, आप कुछ भी कर सकते थे, अब आप देखिए कि तौर पर कंगना ये बात कह रही है कि हमारे देश में ये सब चल रहा था और बतौर भाजपा सांसद उन्होंने ये बात अपनी मीडिया के सामने रखी है।
वो फिल्म इंडस्ट्री के खिलाफ तो आवाज उठाती रही है तो आप जानते ही है उन्होंने इस बात का भी दावा किया है कि उन्होंने sexism के खिलाफ या nepotism के खिलाफ या item numbers के खिलाफ उन्होंने काफी अह आवाज उठाई है। me too movement के वक्त भी उन्होंने काफी लोगों की पोल खोली थी और सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय मृत्यु के दौरान भी उन्होंने कई सारे खुलासे किए थे।
जिसके बाद कंगना सुर्खियों में आती रही लेकिन किसान आंदोलन के बारे में ये सारी बातें जो कंगना ने कही है उसको देखकर, जानकर, सुनकर हर कोई हैरान है कि कंगना जिस तरह के ये दावे कर रही है क्या वो वाकई सही है? क्या उनके खिलाफ कोई एक्शन होगा? क्या उनसे पूछा जाएगा कि जो आपने कहा है क्या आपने उसकी जाँच की थी? क्या आप इस इन सारी बातों को जानती है? क्योंकि कंगना अगर इतनी बड़ी बात कहती है और आज वो भाजपा की सांसद है तो निश्चित तौर पर उनसे सवाल तो पूछा जाएगा और ये तो हो नहीं सकता कि कंगना की फिल्म आ रही है इसलिए वो कोई भी और उनसे सफाई ना मांगी जाए