Bollywood के mister perfectionist आमिर खान पिछले काफी समय से फिल्मों से दूर है लाल सिंह चड्ढा flop होने के बाद से आमिर खान ने फिल्मों से break लेने की भी announcement की थी लेकिन हाल ही में वो रिया चक्रवर्ती के chapter two में नजर आए chapter two यानी उनका podcast और इसमें आमिर खान ने कहा कि वो फिल्में छोड़ना चाहते हैं जी हाँ आप जानते हैं कि रिया चक्रवर्ती पिछले कुछ समय से अपना podcast चला रही हैं उनके podcast की पहली मेहमान सुष्मिता सेन थी और अब दूसरे के तौर पर आमिर खान आए हैं। हाल ही में रिया ने इस podcast का एक trailer जारी किया जिसमें आमिर खान अपने career पर और अपने break पर बात करते दिखाई दिए।
इस trailer में वो रो भी रहे हैं, उनकी आँखों में आँसू भी हैं, हम आपको बताएँगे कि वो क्यों रो रहे हैं? रिया ने बातचीत के दौरान आमिर से कहा कि जब भी आप आईना देखते हैं, तो आपको क्या लगता है कि मैं good looking हूँ या मैं star हूँ या मैं आमिर खान हूँ? इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा, कि मैं magic पर यकीन करता हूँ, perfect पर नहीं। मुझे फिल्मों से हटना है, इस पर रिया कहती नजर आईं कि आप झूठ बोल रहे हैं, आपका live detector test होना चाहिए, तो जब आमिर ने कहा कि वो सच बोल रहे हैं, तो रिया ने कहा कि भाई आपका live detector test कराना चाहिए, क्योंकि आप ऐसे कैसे कह सकते हैं?
बातचीत के दौरान आमिर खान ने ये भी confirm किया कि उन्होंने therapy ली है, जिससे उन्हें बहुत कुछ सीखने का मौका मिला है, आगे रिया ने कहा कि अगर आप किसी से बात कर रहे हैं, तब भी अह दुःख आपको indulge कर सकता है, इस पर आमिर ने कहा कि वक्त मेरे लिए काफी मुश्किल था और ये कहते ही आमिर खान भावुक हो गए। और ऐसा लग रहा है कि वो रिया चक्रवर्ती की पिछली जिंदगी को सुनकर भावुक हुए हैं।
आगे आमिर ने अपनी जिंदगी के chapter two की बात की बातचीत के दौरान आमिर खान ने ऋतिक रोशन को handsome बताया। शाहरुख खान के लिए उन्होंने कहा कि वो वाकई बहुत handsome है और इस बीच उन्होंने सलमान खान को भी handsome कहा जब रिया ने उनसे कहा कि भाई आप भी तो handsome है तो इस बात को पूरा देश मानता है।
तो उसके जवाब Aamir Khan ने कहा कि लोग तो मेरे कपड़ों का मज़ाक उड़ाते हैं कि पता नहीं क्या पहनकर आ गया ये इस पर उन्होंने कहा रिया ने कि मैंने ये कभी नहीं कहा कि आप stylish है ये सुनते ही Aamir Khan जोर से हँस पड़ते हैं तो इस podcast का trailer जारी हो गया है रिया चक्रवर्ती ने अपने official instagram पर से post किया है और इसमें caption उन्होंने लिखा है कि मैं सच्चे star और सच्चे दोस्त का स्वागत करने पर बेहद रोमांचित हूँ उनके अनुभवों, stardom, parenthood, दुख और बहुत कुछ में गोते लगाने के लिए मेरे साथ बने रहिए वैसे आमिर खान बहुत जल्द एक फिल्म में दिखने वाले हैं अह जिसके बारे में कहा जा रहा है कि जो सितारे जमीं पर ये नाम है उसका इससे पहले वो लाल सिंह चड्ढा में दिखाई दिए थे
और आमिर खान ने उसके बाद कहा था कि हम ब्रेक ले लेंगे आमिर ने फिर बाद में लापता लेडीज produce की जो काफी पसंद की गई और उनकी पत्नी जो पूर्व पत्नी है किरण राव उन्होंने direct किया था और ये जो फिल्म आने वाली है आमिर खान की सितारे जमीन पर इसमें वो वीरेंद्र भारद्वाज की भूमिका निभाएंगे आमिर ने इस फिल्म को भी किया है। बहुत सारे लोग ये भी पूछ रहे हैं बॉलीवुड में कि रिया चक्रवर्ती के साथ इतने सारे लोग बातचीत करने के लिए कैसे तैयार हो रहे हैं क्योंकि एक वक्त ये भी था जब रिया चक्रवर्ती से लोग दूर भागने लगे थे। बहरहाल अब उनकी सेकंड इनिंग शुरू हो चुकी है।
पिछले दिनों वो निखिल कामत के साथ दिखाई दी थी जो कि एक multi billionaire है। अह अब कहा ये जा रहा है कि रिया चक्रवर्ती जो है सुशांत को भूलकर निखिल कामत के साथ आगे बढ़ चुकी है उनके उनको date कर रही है हालांकि वो बाइक पर बैठे दिखाई दिए थे निखिल कामत के साथ जिसमें उन्होंने ब्लैक कलर का मास्क हुआ था इन दिनों ah उनका podcast काफी चर्चा में है देखते है आगे और कौन कौन से मेहमान आते है रिया चक्रवर्ती की जिंदगी में और क्या इस podcast show के जरिए रिया अपनी भी कुछ कहानी कहने वाली है क्योंकि chapter two तो उन्होंने नाम दे ही दिया है.
आज रक्षाबंधन के दिन कोलकाता कांड पर सेलिना जेटली ने एक पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने अपने बचपन के उन दिनों को याद किया है जब उनके साथ कुछ गलत घटनाएं हुई थी जब उन्हें लड़के परेशान किया करते थे और जब वो इसकी शिकायत अपने टीचर से करती तो टीचर भी उन लड़कों की तरफदारी करते और ये कहते कि एक लड़की होने के नाते आप यानी सेलिना ही कसूरवार है, ये पोस्ट अंग्रेजी में है, मैं आपको इसका हिंदी अनुवाद बता रहा हूँ, इस में सलीना कहती है कि क्या पीड़ित ही हमेशा दोषी होता है?
फिर वो एक तस्वीर दिखाती है और ये कहती है कि इस तस्वीर में मैं केवल छठी कक्षा में थी जब पास ही की यूनिवर्सिटी के लड़के मेरे स्कूल के बाहर मेरा इंतजार करने लगे, वो हर रोज मेरे स्कूल, रिक्शा का पीछा करते और घर तक मेरा पीछा करते हुए मुझे चिढ़ाते हुए आते। मैंने उन्हें यही दिखाया कि मैं उन्हें नहीं देख रही हूँ, कुछ दिनों बाद इसी वजह से उन्होंने मेरा ध्यान अपनी तरफ खींचने के लिए सड़क के बीच में खड़े होकर मुझ पर पत्थर फेंकने भी शुरू कर दिए।
वहाँ में खड़े किसी भी व्यक्ति ने इस पर ध्यान नहीं दिया। बाद में मुझे एक टीचर ने बताया कि ये भी मेरी ही गलती थी क्योंकि मैं बहुत वेस्टन थी, ढीले कपड़े नहीं पहनती थी और अपने बालों को तेल लगाकर दो चोटियों में नहीं बांधती थी। सरिना कहती है, मैं मेरे स्कूली दिनों की बात है, जब एक आदमी ने पहली बार जब मैं स्कूल रिक्शा का इंतजार कर रही थी, उस समय सड़क पर मुझे अपना प्राइवेट पार्ट दिखाया।
कई सालों तक मैंने इस घटना के लिए खुद को ही दोषी माना और अपने मन में उस टीचर की कही हुई बात को फिर से दोहराया कि ये मेरी ही गलती है क्योंकि मैं westernized हूँ सलीना कहती है मुझे अभी भी याद है कि ग्यारहवीं क्लास में उन्होंने मेरी स्कूटी के ब्रेक का तार काट दिया था क्योंकि मैं यूनिवर्सिटी के उन लड़कों को एक्सेप्ट नहीं कर रही थी जो मुझे परेशान करते थे और मुझे भद्दे और गंदे नामों से बुलाते थे। वो मेरी स्कूटी पर अक्सर अश्लील नोट भी छोड़कर जाते थे।
मेरे जो मेल सहपाठी थे, वो मेरे लिए डर गए, उन्होंने हमारे टीचर्स को मेरे क्लास टीचर ने फिर मुझे बुलाया और मुझसे कहा कि तुम एक फॉरवर्ड टाइप की लड़की लगती हो। स्कूटी चलाती हो, जींस पहनती हो, एक्स्ट्रा क्लास में जाती हो, छोटे और खुले बाल रखती हो, इसीलिए लड़के तुम, तुम्हें परेशान करते हैं और वो मानते हैं कि तुम एक बिगड़ैल चरित्र की हो। तो उन्होंने यही बताया कि ये भी मेरी ही गलती है। मुझे अभी भी याद है जब ब्रेक के तार कट जाने की वजह से मैं खुद को बचाने के लिए अपनी स्कूटी से कूद गई। मुझे बहुत बुरी तरह चोट लगी, फिर भी मेरी ही गलती बताई गई। मेरी स्कूटी बुरी तरह खराब हो गई।
और मेरे जो retired कर्नल नाना जी थे जिन्होंने हमारे देश के लिए दो युद्ध लड़े थे उन्हें भी बुढ़ापे में अपनी ड्यूटी लगानी पड़ी कि वो मुझे स्कूल तक छोड़कर आते थे। मुझे आज भी वो असभ्य लड़के याद है जिन्होंने मेरा पीछा किया और मेरी स्कूटी को खूब नुकसान पहुंचाया। उन्होंने मेरे retired कर्नल नाना जी पर भी कई सारी अपमानजनक टिप्पणियां की और उनका मजाक उड़ाया।
मेरे नाना जी अक्सर खड़े होकर उन्हें घूरते रहते। और बाद में मुझे भी समझ में आने लगा कि मेरे साथ कितना गलत हो रहा है। फिर कहती हैं सलीना कि मेरे मन में उन लोगों के लिए काफी घृणा थी। कि मेरे नाना जी जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाई इस देश के लिए लड़े। ये उनका भी सम्मान नहीं करते हैं, मेरा भी सम्मान नहीं करते हैं। और सलीना कहती हैं कि अब मुझे समझ में आ गया है कि रक्षा के लिए मांग करने का समय आ चुका है, हम दोषी नहीं है।
दोस्तों ये पोस्ट काफी वायरल हो रहा है और अकेली सलीना की नहीं बल्कि कई लड़कियों की ये कहानी है, जो घरों से जब बाहर है तो उन पर कुछ गंदी नजरें पड़ती है और वो चाहकर भी उन गंदी नजरों से खुद को बचा नहीं पाती और अक्सर वो भगवान भरोसे होती है क्योंकि हमारे आसपास ऐसे कोई लोग नहीं है जो उन्हें बचाने आए और खासकर कोलकाता में जो हुआ या हमारे देश में जो रोजाना होता है कहा जाता है कि हमारे देश में हर घंटे हर घंटे चार रेप के केस दर्ज होते हैं, दिन में करीब नब्बे के आसपास आप सोच सकते हैं कि किस तरीके का समय है और कैसे माहौल में हम जी रहे हैं?
में इस पोस्ट को काफी शेयर किया जा रहा है, हर कोई इसके बारे में बात कर रहा है. मैं चाहता हूँ कि इस article को आप शेयर करें. और अपने क्षेत्र की समस्या भी बताएं. आपके आसपास क्या होता है, किस तरह के लोग परेशान करते हैं, हमें इसके बारे में आवाज भी उठानी होगी, बात भी करनी होगी, लोगों को रिमाइंड भी कराना होगा, क्योंकि अगर हम चुप बैठ जाते हैं तो फिर हमारे घर की बेटियों का और बहनों का भविष्य कभी सुरक्षित नहीं हो पाएगा.
कोलकाता वाले मामले पर आलिया भट्ट बोली और बोलकर फंस गई। बोला तो अच्छा किया लेकिन उन्हें ये याद नहीं रहा कि किसी जमाने में वो कबीर सिंह जैसी फिल्म को सपोर्ट कर चुकी हैं। जहाँ नारी के साथ क्या नहीं होता आपने उस फिल्म में देखा साथ ही आलिया को लोगों ने रणवीर के किए के लिए भी ट्रोल कर दिया। मैं आपको पहले बताता हूँ कि क्या लिखती हैं आलिया भट्ट।
आलिया भट्ट ने कोलकाता में जो डॉक्टर का rape and murder case हुआ आरजीकर मेडिकल कॉलेज में उस पर अपना दुःख जताते हुए लिखा अपने इंस्टाग्राम पर another day of realization that women are not safe anywhere another horrific atrocity to demind us that it’s been over decade since the Nirbhaya tragedy but still nothing much has changed वो आगे लिखती है कि इंडिया के जितने डॉक्टर्स हैं उसमें thirty परसेंट महिलाएं हैं, नर्सिंग स्टाफ जितना होता है उसमें eighty परसेंट महिलाएं हैं और लगातार उन पर अत्याचार हो रहे हैं। दो हजार बाईस से चार परसेंट महिलाओं के साथ हुए अत्याचार अपराध increase हुए हैं और जिसमें से बीस परसेंट से ज्यादा तो रेप के साथ ही वो ये भी लिखती हैं कि लगभग नब्बे रेप रोजाना हमारे देश में होते हैं, दो हजार बाईस से हम कैसे खुद को सेफ महसूस करें?
हम कैसे पर जाएं निश्चिंत होकर। और इसने ये जो हाल ही में घटना हुई है कोलकाता में इसमें हमें एक बार फिर से ये एहसास करा दिया है कि हम सेफ नहीं है। उसके बाद एक लंबा-चौड़ा मैसेज है, इसमें वो लिखती हैं, my request to the पार्स that we focus ऑन the safety of women, focus on creating safe spaces and increase all avenues of protection basically वो महिलाओं के अधिकार, महिलाओं की सुरक्षा, महिलाओं के प्रति हो रहे अपराध के बारे में काफी detail एक मैसेज लिखती है इंस्टाग्राम पर इस पर करीब पॉइंट टू मिलियन से ज्यादा लाइक्स आ चुके हैं।
पांच हजार से ज्यादा कमेंट हैं और उसे फोर्टी टू थाउजेंड से ज्यादा बार शेयर किया गया है लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो आलिया को ट्रोल कर रहे हैं ये कहते हुए कि आप अपने पति को संभालिए जो एनिमल जैसी फिल्म करते हैं जिसमें कितनी गंदी तरीके से वो पेश आते हैं महिलाओं के साथ अगर वो इस तरह का सिनेमा करेंगे तो समाज में ये होगा ही कुछ लोगों ने उन्हें ये कहकर भी ट्रेवल ट्रोल किया है कि आपने एक जमाने में कबीर सिंह जैसी फिल्म को पोर्ट किया था।
तो कुल मिलाकर जब बॉलीवुड सेलिब्रिटीज किसी बड़े हादसे पर नहीं बोलते हैं तब तो ट्रोल होते ही हैं लेकिन जब बोलते हैं तब भी ट्रोल होते हैं ताकि लोग उन्हें ये एहसास दिला सकें कि आप जो पर्दे पर करते हैं या आप से जुड़े हुए लोग जो पर्दे पर करते हैं उसकी वजह से ये सब समाज में हो रहा है। दोस्तों ये तो वो लोग हैं जिन्होंने आलिया के उस इंस्टाग्राम पोस्ट के नीचे कमेंट किया लिखा अपने पति को संभालो कैसी फिल्में है, कैसा सिनेमा करता है? तमाम तरह की बातें। अब मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि क्या पर्दे पर निभाया गया कोई किरदार लोगों के जीवन पर ऐसा असर डालता है कि वो असल जिंदगी में वैसे काम करने लगे हैं क्योंकि फिल्मों में खलनायक तो बहुत समय से आ रहे हैं। nineteen fifties में भी आते थे, forties में भी आते थे, लगातार हर फिल्म में कोई ना कोई विलन होता है?
कोई ना कोई खराब काम दिखाया जाता है। तो क्या हम सोसाइटी में होने वाले हर अपराध के लिए फिल्मों को जिम्मेदार मानेंगे? अब आलिया भट्ट क्या करें? अगर वो चुप रहे तो लोग कहेंगे आप चुप है आप बोली नहीं लेकिन आलिया भट्ट जब बोलती है तो कहा जाता है कि आप बोल रही है तो फिर आपने फिल्म में ये क्यों किया आपके पति ने ये क्यों किया? और एक एक्टर की जहाँ तक बात करें तो एक्टर के पास तो तरह-तरह के रोल आते हैं तरह-तरह की कहानियाँ आती हैं अगर समाज में होने वाले अपराध के लिए किसी एक्टर की किसी फिल्म को ऐसे जिम्मेदार बताया जाए तो फिर तो सिनेमा बंद हो जाएगा क्योंकि सिनेमा बंद इसलिए हो जाएगा क्योंकि सिनेमा में सिर्फ हीरो का काम होगा और हीरो करेगा क्या बिना खलनायक के hero करेगा क्या बिना बुराई के तो आपको क्या लगता है
ये जो Ranveer का किया भुगत रही है Alia इसके बारे में आपकी अपनी क्या राय है और कल को हो सकता है किसी आने वाली film में Alia कोई negative character play कर दे तो लोग कहेंगे कि आपने negative role किया इसलिए समाज में बुराई फैल गयी आप लोग इस पूरे मामले पर अपनी क्या राय रखते है जल्दी से इस video के नीचे comment करके बताइए और हाँ बहुत सारे लोग stars के endorsement को भी की बुराइयों से जोड़कर देखते हैं कि जैसे अगर वो गुटका प्रमोट ना करें तो लोग गुटखा नहीं खाएंगे। एक हद तक उसको सही माना जा सकता है क्योंकि वहां एक एक्टर के पास चॉइस होती है कि वो उस endorsement को लेता है या नहीं लेता है। जैसे शाहरुख ने लिया। जैसे अजय देवगन ने लिया जैसे टाइगर श्रॉफ ने लिया।
हालांकि टाइगर श्रॉफ अपने आप को फिटनेस फ्रीक बताते हैं लेकिन वो गुटखे के ऐड में भी आते हैं। वहां तो चॉइस होती है लेकिन अगर फिल्मों में निभाए गए किरदार को अगर compare किया जाने लगे उनके समाज में हो रही आस-पास की तो क्या आपको लगता है कोई भी actor इससे बच पाएगा? क्योंकि कोई ना कोई actor कभी ना कभी तो कोई बुरा इंसान का रोल प्ले करेगा ही और जैसे ही वो प्ले करेगा, लोग उसको connect कर देंगे समाज में हुई बुराई के साथ, क्या सोचते हैं आप इस पर खुलकर सोचिए, खुलकर लिखिए और हमें भी बताइए कि इसमें आखिर जिम्मेदार कौन है? क्या हम हर बात के लिए किसी एक्टर को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं?
कंगना रनौत हाल ही में राज शेमानी के podcast में शामिल हुई और इस दौरान उनसे पूछा गया कि क्या आपके बॉलीवुड में कुछ दोस्त हैं तो उसके जवाब में कंगना ने कहा कि देखिए मैं बॉलीवुड टाइप की नहीं हूँ मैं बॉलीवुड के लोगों से दोस्ती नहीं कर सकती बॉलीवुड के लोग खुद का ही सोचते हैं वो बेवकूफ होते हैं वो dumb होते हैं वो protein shake वाले हैं जब राज ने उनसे कहा कि हर कोई ऐसा नहीं हो सकता तो जवाब में कंगना ने कहा कि मैंने बहुत बॉलीवुड देखा है तो मुझे मत बताओ अगर वो शूट नहीं कर रहे होते तो वो सुबह उठते हैं थोड़ी physical training हैं, दोपहर को सोते हैं, फिर gym जाते हैं और फिर रात को खाना खा के फिर सो जाते हैं और वो they are like grass hoppers. वो पूरे blank हैं और तो और आप मतलब आप उनसे दोस्ती कैसे कर सकते हैं?
उन्हें कोई idea ही नहीं होता कि कहाँ क्या चल रहा है, उनकी कोई बात ही नहीं होती, उन्हें आसपास का कुछ भी पता नहीं होता, नकली दिखावा करते हैं, party में जाओ तो एक दूसरे के back की तारीफ करते हैं, बहुत fake accent में बात करते हैं, बेवजह की तारीफ करते हैं, Kangana कहती हैं कि मैं बहुत shock हो जाऊँगी अगर मुझे Bollywood में कोई decent इंसान मिले जो सिर्फ branded bags और luxury cars के बारे में बात ना कर रहा हो, आगे कंगना ने बताया कि Bollywood parties भी बहुत ज्यादा boring होती है मैं बहुत पक जाती हूँ लोग parties में मिलकर सिर्फ weight पर बात करते है body weight कितना हो गया या फिर कौन किसी date कर रहा है कौन किसको divorce दे रहा है
Kangana ने कहा कि Bollywood parties मेरे लिए trauma की तरह है अगर आपको लगता है कि Bollywood parties में intellectuals या कोई मुद्दे की बात होगी तो आप गलत है वहाँ पर सब मूर्ख लोग ही आते है इसके अलावा Kangana ने इस पूरी podcast में ये भी बताया वो जो एक कहानी थी कि कंगना को स्पॉट किया गया था किसी कैफे में और वहाँ से उन्हें उनकी पहली फिल्म मिली वो भी पीआर ड्रिवेन स्टोरी थी ऐसा कुछ नहीं था वो एक्चुअली एक वर्कशॉप के लिए गई थी थिएटर वर्कशॉप के लिए और वहां पर जो अरविन्द गौर जो उनको ट्रेंड कर रहे थे उन्होंने ही उन्हें आइडिया दिया था कि उन्हें बॉम्बे जाना चाहिए तो ये तमाम बातें उन्होंने उसमें की है साथ ही अह राजशेमानी का एक सवाल है मेनिफेस्ट करने के बारे में आजकल काफी चल रहा है ना आपको जो चाहिए लाइफ में आप मेनिफेस्ट कीजिए तो इस पर कंगना साफ कहती है कि मेनिफेस्ट करने कुछ नहीं होता।
मैं तो बिल्कुल manifest नहीं करती आपको plan करना चाहिए। मैंने कुछ भी manifest नहीं किया था। मैंने proper planning की थी और इसीलिए मैं आज वहाँ हूँ जहाँ मैं हूँ साथ ही वो इस spodcast में ये भी कहती नजर आई कि शाहरुख खान की journey कोई खास struggle वाली नहीं रही है वो तो english speaking family से आते थे और वो convent educated है। मैं तो एक छोटे से गाँव से आई हूँ हिंदी medium स्कूल से पढ़ी हूँ और वहाँ से मैंने सफर तय किया है। शाहरुख़ की मम्मा तो magistrate थी Delhi में थी और वो Bombay आए उनके लिए सफर उतना मुश्किल नहीं था जितना की मेरे लिए था
और इसके अलावा Kangana ने अपने बचपन के बहुत सारे किस्से share किए और ये बताया कि वो कैसे joint family में पली बढ़ी है और शुरू से ही वो काफी ah शरारत किया करती थी उन्होंने अपने Chandigarh के दिनों को भी याद किया और बताया है कि कैसे वो बहाना बनाकर Chandigarh आयी पढ़ाई के बहाने फिर उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और वो modeling वगैरह करने लगी और उनका ये कहना है कि उनकी जो journey रही है वो काफी ज्यादा tough रही है अगर आप उसे शाहरुख खान की journey से compare करते हैं तो वो कहते हैं शाहरुख की journey काफी आसान थी आपको क्या लगता है कंगना राणावत के बारे में क्या सोचते हैं आप और कंगना जिन्होंने बहुत सारे national award जीते एक बहुत अच्छी actress के तौर पर जानी जाती थी लेकिन अब एक politician बन गई हैं और समझ में नहीं आ रहा है कि उनका आगे का acting career कैसा होगा?
बॉलीवुड में कास्टिंग काउच के किस्से जब तक सुनने में आए हैं, ताजा किस्सा सामने आया है जिसमें एक चैट सामने आई है और इस चैट में एक कास्टिंग डायरेक्टर ने नाम बताया है जिसका नाम प्रेम संबंध है, ये एक प्रेरणा ठाकुर नाम की एक्ट्रेस के साथ है चैट है और इसमें स्पष्ट रूप से लिखा है कि अगर पेट मी काम करना चाहिए तो स्पार्ट मेरे साथ सोना सोइ।
ये पूरा मामला हुआ है, एक टीवी एक्टर मोहित परमार ने अपने दोस्त के साथ मिलकर ये किस्सा पूरा किया और उन्होंने जब ये किस्सा पूरा किया तो मोहित परमार ने इसे देखने के लिए ये पूरी चैट का स्टॉल लगा दिया। असल में इस फिल्म में ये अनाेल स्टोर नाम के टीवी शो में काम करते हैं और एक दोस्त हैं प्रेरणा ठाकुर जब वो एक कलाकार के साथ एक दोस्त से मिले बातचीत शुरू हुई तो उस कास्टिंग डायरेक्टर ने सीधे तौर पर एक एड्रेस भेजा और सामने एक प्रस्ताव रखा , ड्राय रेकी कि तुमको मेरे साथ सोना बताओ।
अब इस चैट को जब पब्लिक किया गया है, बा किसी नंबर के साथ तो स्टाइल खुल गई है और इंडस्ट्री में काफी धमाल हो रहा है दोस्तों एक बात हमारे सामने आती है जिसका नाम है मोबाइल फोन और अगर आप अपने आस-पास भी कभी कोई गलती करते हैं करतूत हुआ हुआ देखें तो आप उसका वीडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं साथ ही इसमें बहुत सारे सबूत आप रिकॉर्ड कर सकते हैं और लोगों को बता सकते हैं सोशल मीडिया करेंसी के बारे में मैं आपको बहुत पहले से बता रहा हूं ऐसे बहुत से खोखे हैं का डर होता है लेकिन ये चोरी चोरी करते हैं या गलत काम करते हैं।
करेंसी क्या होती है सोशल मीडिया करेंसी यही है कि जब आप अपने मोबाइल का सही इस्तेमाल करते हैं तो शेयर करते हैं सही लोगों को सही बातें सिखाते हैं और गलत को सबक सिखाते हैं तभी आप सोशल मीडिया करेंसी का सही इस्तेमाल करते हैं ये कोई छुपी हुई बात नहीं है कि बॉलीवुड में कास्टिंग काउच होता है लेकिन पिछले काफी समय से ये बातें होती आ रही हैं फिर भी ये बंद नहीं होता है अक्सर स्थापित अभिनेत्रियां उन्होंने यह भी कहा है कि संघर्ष के दौरान उनका साथ भी हुआ और कुछ ऐसी लड़कियों के साथ भी हुआ जो बड़े ख्वाब देखने गए और मुंबई शहर में चले गए और फिर ये जो कास्टिंग डायरेक्शन होते हैं या कास्टिंग डायरेक्शन भी नहीं होते हैं कास्टिंग डायरेक्टरों के भेष में होते हैं वो कुछ इस तरह के अजीबो-गरीब ठिकाने।
और इसकी वजह से बहुत मुंबई भी नहीं मिलती है। क्योंकि बहुत से ऐसे जो सात्विक अभिनेता, अभिनेत्रियां हैं वो अपने छोटे शहरों में ही रह जाते हैं, वो नहीं चाहते कि मुंबई के व्यापारी वो संघर्ष भी करें क्योंकि वापस लौट आए हैं कि यहां पर महामारी काफी खराब है और ऐसे ही जो विश्वविद्यालयों की खबरें आती हैं, उसके कारण लोगों को लगता है कि यार बहुत मिला हुआ है।
सच्ची बात ये है कि अगर आप जब तक कुछ भी नहीं करना चाहते, तो आप कुछ नहीं कर सकते। और ऐसे लोगों की पोल स्ट्रिप स्ट्रिप हमारा काम है, अगर आपको भी अपने आस-पास कोई ऐसा स्पेशलिस्ट जो गलत बात कर रहा है, गलत चीज कह रहा है, उसके ऑडियंस को रिकॉर्ड किया जाएगा। उनके चैट को सहयोगियों और अपने सोशल मीडिया पर लगा दिया। आस्था मानिए मेनस्ट्रीम मीडिया तक ये खुद ही पहुंच जाएगी और कई सारे लोग नामांकित कवर लेंगे, लोगों को सांकेतिक।
मैं हमेशा कहता हूं कि चोर को शोर का डर होता है, चोरी होती है तो शोर जरूर मचाता हूं। शोर मचाते ही चोर भाग लेंगे, जैसे ये प्रेम स्टूडियो नाम का पार्ट है, मोहित परमार ने अपनी स्टोरी में ये भी लिखा है कि अगर आप किसी कास्ट स्टूडियो ग्रुप का हिस्सा हैं या टेलीग्राम ग्रुप का हिस्सा हैं और वहां इस एक्सप्रेस को देखें तो लोगों को बताया कि इसकी ये हरकतें असल में ये बात जरूरी है लोगों को बताना और बताना ये तो किस्सा का मामला सामने आया,
क्योंकि मोहित परमार एक एक्टर हैं जो बहुत सारे लोग फॉलो करते हैं उन्होंने अपनी इंस्टा स्टोरी पेश की बहुत से किस्से सामने नहीं आ रहे हैं लेकिन जहां भी हो जिसके भी स्तर पर हो ऐसे पत्थरों को सामने लाना जरूरी है और ऐसे पत्थरों के शोर मचाना पर भी ध्यान देना जरूरी है अगर आपके साथ कोई गलत हो रही है तो जब तक आप नहीं तब तक वो नहीं हो सकता और अगर आप उसका विरोध करते हैं तो पूरी दुनिया आपके साथ खड़ी होगी.
इस सवाल का जवाब हो सकता है आपको मेरे इस article में मिल जाए। क्योंकि स्त्री और भेड़िया जैसी फिल्मों में काम कर चुके अभिषेक बनर्जी एक controversy में फँस गए हैं। दरअसल करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन के खिलाफ एक स्टेटमेंट की वजह से अभिषेक बनर्जी को अब सफाई देनी पड़ गई है। पिछले दिनों अभिषेक ने एक interview में धर्मा प्रोडक्शन के बारे में कुछ बातें कही थी जिस पर एक controversy हो गई है।
अब अभिषेक ने अपनी सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने कोई भी गलत बात नहीं की और उनके बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया अभिषेक अपने करियर के शुरुआती दिनों में धर्मा प्रोडक्शन के लिए धर्मा प्रोडक्शन जो कि करण जौहर का बैनर है उसके लिए कास्टिंग का काम किया करते थे। तो अभिषेक क्या कह रहे हैं अभिषेक कहते हैं कि अह मैं फिल्म अग्निपथ की कास्टिंग के दौरान धर्मा प्रोडक्शन द्वारा कथित तौर पर अह मेरी कंपनी कास्टिंग वे को निकाल देने के बारे में बहुत सी खबरें पढ़ रहा हूँ दुर्भाग्य से हमारी बातों को पूरी तरह गलत तरीके से पेश किया गया है।
एक पॉडकास्ट में मैंने प्रोजेक्ट से होने का कारण बताया था और ये भी कहा था कि हमें अग्निपथ के डायरेक्टर कर्ण मल्होत्रा के साथ तालमेल बिठाने में दिक्कत आ रही थी मैंने इस बात पर भी जोर दिया था कि अनमोल और मैं जो कि उनके पार्टनर हैं काफी young थे उस वक्त हम बाईस तेईस साल के थे हमारे पास एक commercial फिल्म के लिए casting का अनुभव नहीं था। जिसके कारण हम शायद करण मल्होत्रा की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए।
और मैंने धर्मा प्रोडक्शन पर कोई आरोप भी नहीं लगाए हैं। अभिषेक ने अपने स्टेटमेंट में आगे कहा कि मैंने धर्मा प्रोडक्शन्स पर कोई काम करने का आरोप नहीं लगाया है। धर्मा प्रोडक्शन्स और करण जौहर की मैं बहुत इज्जत करता हूँ मैंने अग्निपथ से निकाले जाने वाली बातों में कभी भी करण जौहर का जिक्र नहीं किया फिर भी कुछ रिपोर्ट्स में झूठा दावा किया गया है कि उन्होंने हमें नौकरी से निकाला था।
मतलब काम से निकाला था उन्होंने हमारा कास्टिंग डायरेक्टर वाला जो काम था वो बंद कर दिया था अपनी फिल्म के लिए। असलियत में करण मल्होत्रा की टीम ने ऐसा किया था करण जौहर ने नहीं किया था और मैंने अभी अपनी गलतियां मानी थी हमने बाद में धर्मा के साथ और कई प्रोजेक्ट्स में काम किया जिनमें ओके जानू, स्टूडेंट कलंक और हाल ही में रिलीज हुई फिल्म जैसे किल शामिल है। इसके अलावा धर्मा प्रोडक्शन ने मुझे अजीब दास्तान में एक एक्टर के तौर पर भी कास्ट किया था।
तो असल में पूरा मामला ये है कि अभिषेक बनर्जी ने एक बयान दिया था जिसमें वो ऐसा कहते नजर आ रहे थे कि साल दो हजार बारह में रिलीज हुई फिल्म अग्निपथ के वो कास्टिंग डायरेक्टर थे और इस फिल्म को करण जौहर ने प्रोड्यूस किया था जबकि इसके डायरेक्टर करण मल्होत्रा थे।
फिल्म के प्रोड्यूसर को अभिषेक ने जो कास्टिंग थी उनसे कुछ विलन के चेहरे मांगे गए थे, वो काफी बुरी लगी थी और इसलिए उन्होंने उस उन्हें उस project से बाहर निकाल दिया था, अभिषेक बनर्जी को अग्निपथ से बाहर निकाल दिया था, इस पर उन्होंने असल में सिद्धार्थ करण को दिया था, एक interviews में अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि हमें अग्निपथ से बाहर निकाला गया था, हम उस फिल्म के लिए casting कर रहे थे, हालांकि बाद में उस फिल्म की casting का काम जोगी भाई ने किया था।
और हमें क्यों निकाला गया था क्योंकि करण सर को हमारी casting पसंद नहीं आई थी, हमने कुछ विलन्स के चेहरे भेजे थे, उन्होंने कहा था, मैं इन्हें ऋतिक के सामने नहीं खड़ा कर नहीं कर सकता। अभिषेक बनर्जी जो है ये दो हजार दस में इन्होंने अपनी शुरुआत की थी करियर की एज अ कास्टिंग डायरेक्टर उन्होंने विद्या वालन स्टार और फिल्म द डर्टी पिक्चर और रानी मुखर्जी की फिल्म नोबन की जैसिका, मिक्की वायरस, गब्बर इज बैक, रॉक ऑन टू, ओके जानू, सीक्रेट सुपरस्टार और कलंक जैसी कई फिल्मों के लिए कास्टिंग का काम किया था
और उसके बाद जो है एक्टिंग में भी ये काफी सक्रिय रहे लेकिन पहचान इन्हें पाताल लोक के बाद से मिली वैसे दो हज़ार छह में रंग दे बसंती में भी छोटी सी भूमिका निभा चुके हैं कई फिल्मों में छोटी-मोटी भूमिका निभाई फिर स्त्री में पहचाने गए जना के किरदार में पाताल लोक से ओटीटी पर पहचान मिली।
अभी इस हफ्ते वेदा में भी दिखाई दे रहे हैं जो रिलीज़ हुई है फिल्म स्त्री टू में भी दिखाई दे रहे हैं। तो कुल मिलाकर जो मैंने इस वीडियो की शुरुआत में कहा था कि क्या बॉलीवुड में माफिया राज है। देखिए बॉलीवुड में क्या होता है कि अगर आप काम कर रहे हैं और आपने करण जौहर के बारे में कुछ बोल दिया या आपने जो बोला उसका गलत मतलब निकाला गया और लोग तमाम तरह के आर्टिकल छापने पड़े तो फिर सफाई लोगों को देनी पड़ती है कि कहीं संबंध खराब ना हो जाए।
जैसा मैंने आपको कई बार बताया कि बॉलीवुड जगह नहीं है, बहुत छोटी सी industry है, सब सबको जानते हैं और सबका किसी ना किसी से कोई ना कोई वास्ता पड़ने ही वाला है। ऐसे में अगर आप किसी के बारे में कुछ बोल देते हैं और जैसे हाल ही में एक बड़ा bold statement दिया था अरशद वारसी ने प्रभास के बारे में कि कल की में तो मुझे जोकर लग रहे थे, तो आम तौर पर लोगो, लोग इस तरह के स्टेटमेंट देते नहीं है,
मतलब एक दो लोगों को छोड़कर ऐसे कंगना काफी कुछ बोलती रहती है इसीलिए उनकी फिल्में किसी के साथ आती नहीं है, वो अपनी फिल्में खुद ही बनाती है, तो अगर आपको industry में रह के काम करना है, बहुत सारे लोगों के बीच में काम करना है, लोगों की फिल्मों में करना है लोगों से काम लेना है तो फिर आप लोगों के बारे में ऐसे statement नहीं दे सकते क्योंकि पूरी-पूरी जो industry है ये चलती है सिर्फ image पर और अगर आपने अगर किसी की image खराब कर ली तो फिर हो सकता है आपको बहुत सारे काम से हाथ धोना पड़े तो कुल मिलाकर कहीं ना कहीं लगता है कि बॉलीवुड में माफिया राज तो है कि अगर आपने कुछ लोगों से पंगा लिया तो फिर आपको अपनी सफाई भी देनी पड़ती है अगर आप सफाई नहीं देंगे तो आपकी बातों के गलत मतलब भी निकल सकते हैं.
क्या आप इस बात पर यकीन करेंगे कि दिव्या भारती को अपनी मौत का एहसास हो गया था, आभास हो गया था कि दिव्या भारती अब इस दुनिया में नहीं रहेंगी, ये बात खुद दिव्या भारती जानने लगी हैं और ये किसी और ने नहीं बल्कि दिव्या भारती की एक बहुत खास दोस्त ने इस बात का खुलासा किया है, दिव्या भारती की ये जो खास दोस्त है, ये भी बॉलीवुड की एक जानी-मानी अभिनेत्री रही है,
मैं बात कर रहा हूँ, आयशा जुल्का की, आयशा जुल्का ने अपने एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया कि मुझे ऐसा लगता है कि शायद शायद दिव्या भारती इस बात को जान गई थी कि वो बहुत ज्यादा दिनों तक जीवित नहीं बचेंगी। उन्नीस साल की दिव्या भारती जो फिल्मी दुनिया में आते ही छा गई चाहे साउथ की फिल्में हो, हिंदी की फिल्में हो, बहुत छोटा सा career रहा, लेकिन बहुत बड़ी पहचान मिली और उस जमाने में कहा जाता था कि दिव्या भारती जो उस वक्त की लेडी सुपरस्टार थी श्रीदेवी। उनके लिए एक बड़ा खतरा बन गई थी क्योंकि वैसे ही facial features थे।
वैसी ही अदाएं थी जो श्रीदेवी में थी और आयशा जुल्का का ये कहना कि शायद उन्हें अपनी मौत का एहसास हो गया था एक बहुत बड़े सवाल को जन्म दे गया है। कहते हैं कि आज भी बॉलीवुड में ऐसे कई लोग हैं जो दिव्या भारती के अचानक हुई इस रहस्य में मौत के सच को जानते हैं। ये एक हत्या थी या हादसा ये आज तक एक प्रश्नचिन्ह बना हुआ है, कोई इसके सच को जान नहीं पाया लेकिन आयशा जुल्का के इस इंटरव्यू पर अगर हम गौर करें तो हमें लगता है कि शायद आयशा जुल्का उन लोगों में से हैं, उन चंद लोगों में से हैं जो दिव्या भारती के बेहद करीबी रही और उन्होंने इस सच को शायद समझ लिया था कि दिव्या अब इस बात को समझ गई हैं, जब उनसे ये पूछा गया कि आखिर आप ऐसा क्यों कह रही हैं, ऐसा क्यों लगता है,
तो उन्होंने एक बात कही थी, उन्होंने कहा था कि दिव्या अक्सर कहती थी, किसी भी काम को करते समय कि जल्दी करो, जल्दी करो, जिंदगी बहुत है यानी उन्हें कहीं ना कहीं पता था कि उनकी जिंदगी बहुत छोटी है कुछ था जो उन्हें बता रहा था तो क्या कोई राज था जो वो जान गई थी या उन्हें इस तरह के संकेत मिलने लगे तो कई सारे ऐसे सवाल होते हैं जिंदगी में जो अनसुलझे होते हैं जिनके बारे में कोई जानता नहीं?
कोई कुछ कह नहीं सकता लेकिन फिर भी आभास एक ऐसी चीज है जो हम जता सकते हैं, आप लोग इस पूरे मामले पर अपनी क्या राय रखते हैं, मेरे इस वीडियो के नीचे जो कमेंट सेक्शन है वहाँ लिखकर जरूर बताइए। मैं कमेंट्स पढ़ने की प्रतीक्षा कर रहा हूँ। साथ ही मैं आपसे जानना चाहता हूँ कि क्या आपको वाकई लगता है कि दिव्या भारती की मौत एक हादसा थी? या आपको लगता है कि इसके पीछे किसी का हाथ है जिसको छुपाया गया?
साउथ इंडिया की एक जानी मानी एक्ट्रेस प्रशांत सुंदर ने अपने बारे में एक बहुत ही हैरान करने वाला खुलासा किया है जिसमें उन्होंने एक साक्षात्कार के दौरान बताया कि आठ साल की उम्र में उनके खुद के ऋषि पिता ने उनके साथ गलत काम किया था। और ये भी बताते हैं कि आठ साल की उम्र में जब उनके साथ ऐसा हुआ तो उन्होंने इस बात की सच्चाई अपने सामने रखी कि इस डर से कोई काली मां नहीं थी क्योंकि उन्हें पता था कि उनकी मां किस तरह की शख्सियत हैं।
बाद में जब वो पांच साल की हुई तब उन्होंने ये बात अपनी मां को बताई और उसके बाद उनके पिता ने उन दोनों को छोड़ दिया और उनकी मां ने उन्हें हमेशा के लिए छोड़ दिया और उनके बाद काफी सारे संघर्षों का सामना सुंदर को करना पड़ा। अब आप सोचिए कि जब भी बार-बार हमारे आस-पास बड़े हमें नामचीन लोग दिखते हैं, तो उनके पीछे एक सच छिपा होता है कि जो अगर हमारे सामने आ जाए तो शायद रूह कांप जाए।
मैं आपको यह भी बताना चाहता हूं कि शांत सुदर्शन राजनीति में भी सक्रिय है और फिल्म इंडस्ट्री से आने वाली वो एक खास ऐसी शख्सियत है जिसे राष्ट्रीय महिला आयोग में सहायक सदस्य चुना गया है। उन्नीस सौ निन्यानवे से लेकर अब तक लोगों को राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाया गया है जिसमें एक भी नाम भारतीय फिल्म उद्योग से नहीं है, ये बात इसलिए भी हैरान करने वाली है क्योंकि भारतीय कई बार इस बात का दावा करता है कि वो महिलाओं को सशक्त रहते हैं,
लेकिन इसके बावजूद एक भी दलित चेहरा अभी तक सामने नहीं आया है, हाल ही में पुतिन सुंदर ने इस इंटरव्यू में यह बात कही है, जिसे सुनने के बाद देखने के बाद हर कोई हैरान है कि उसने अपनी जिंदगी के बारे में कैसे बताया भूत को पीकर आ रही है, दोस्तों ये सारी बातें जो आपको बताई गई हैं उसका एक और मकसद होता है और ये है कि अगर आपके साथ भी ईश्वर ना करें तो कभी कुछ ऐसा हो जो आपको पसंद आए कि मेरे साथ क्यों हुआ या आप किसी भी तरह से अपमान करते हैं से या एक ऐसी भावना से भर जाए जिसमें आपको दुःख हो या दिल को चोट लगी हो तो आपको ये टुकड़ा चाहिए कि ईश्वर ने आपको शायद एक मौका दिया है उभरने का, संभलने का, समझने का और साथ ही आपके साथ जो हुआ है उसे शेयर जरूर करें शेयर जरूर करें क्योंकि हो सकता है आपके साथ कड़वे दोस्ती से और कोई सीख कर ऐसी स्थिति में खुद को फंसाने से बचा सके।
सुसुंदर की ये सारी बातें लोगों को जरूर हैरान कर रही हैं लेकिन ये बात भी बिल्कुल सच है कि सुसुंदर की ये सारी बातें आप में एक उदाहरण के तौर पर सामने आ रही हैं। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में भी बहुत अच्छा काम किया, नाम कामया और उनके बाद अब वो सक्रिय राजनीति में हैं और जैसा कि मैंने आपको बताया कि फिल्म इंडस्ट्री में कौन सी ऐसी स्पेशलिस्ट हैं जो बॉलीवुड से चली गईं, उन्हें कभी कोई नहीं चुना गया, राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य बनाने के लिए, एक समान व्यक्तित्व वाला व्यक्ति शामिल है, जिसे चुना गया है और क्योंकि वो अपने जीवन में तीन कड़वे घोंट पीकर आ रही है, तो उम्मीद है कि वो महिलाओं के लिए वो सभी कुछ ढांचे बनाकर उन्हें आज हमारे देश में चाहिए।
Yash Chopra साहब के नाम पर Australia में एक डाक ticket जारी किया गया वो भी parliament के अंदर parliament के अंदर क्या हुआ था ये तो मैं आपको कल बता चुका हूँ जिसमें मैंने आपको बताया कि parliament में जो कमरे हैं वो किराए पर मिलते हैं जी हाँ Australian Parliament की website पर अगर आप जाकर देखेंगे तो वहाँ खुद इसका प्रचार प्रसार किया जाता है कि आप इन कमरों में अपने घर का function सकते हैं और बहुत से लोग ये करते रहे हैं।
अब आते हैं डाक टिकट पर। ऑस्ट्रेलिया में कोई भी व्यक्ति पैसा देकर अपने नाम का डाक टिकट जारी करवा सकता है और ये पैसा इतना कम होता है कि आप बीस से पच्चीस डॉलर में भी अपने नाम का टिकट जारी करवा सकते हैं। जी हाँ क्योंकि अगर सरकारी तौर पर इस डाक टिकट को जारी किया गया होता तो ऑस्ट्रेलिया की जो डार्क व्यवस्था की वेबसाइट है पोस्ट ऑफिस की जो वेबसाइट है उस पर इसका जिक्र होता है मैंने इस वेबसाइट को पूरा खंगाल लिया लेकिन मुझे कहीं भी यश चोपड़ा साहब नहीं हुआ यानी यश चोपड़ा साहब के नाम पर जो टिकट छपवाया गया है वो पैसे देकर छपवाया गया है.
और अक्सर वहाँ पर लोग ये करते है अगर किसी बच्चे का birthday है किसी की wedding anniversary है वो post ऑफिस जाते है उनको उनका शुल्क देते है पैसा देते है और उनके नाम का stamp बन जाता है वो खुशी खुशी घर आ जाते है अपने और रिश्तेदारों को चिट्ठियाँ लिखकर या card भेजकर उसपे चिपका देते है या एक frame में लगाकर सबको गिफ्ट दे देते है कि हमारे नाम का भी डाक ticket जारी हुआ था तो ये आप लोगों को बेवकूफ बनाया है और ये मेरी कोशिश है यहाँ पर आपको सच बताने की बॉलीवुड का पर्दाफाश करने की।
ये जो बड़ी-बड़ी तस्वीर आपको दिखाई जाती है, ये जो मोटे-मोटे शब्दों में हेडलाइन छापी जाती है, यश चोपड़ा साहब को राजकीय सम्मान मिला है ऑस्ट्रेलिया में, ऐसा कुछ भी नहीं है। मैं जानता हूँ कि यश चोपड़ा साहब जो हैं, वो स्विट्ज़रलैंड में जाकर अपना सिनेमा शूट करते रहे हैं और वहां उनकी स्टैचू भी है और वहां उनको काफी मान-सम्मान मिलता रहा है, वो अपनी जगह पर है। लेकिन जहां तक ऑस्ट्रेलिया की बात है, जो कुछ भी आपको दिखाया और बताया जा रहा है, वो नकली है कैसे मैं आपको और भी सबूत देता हूँ देखिए जब भी हम ऑस्ट्रेलिया की बात करते हैं और ऑस्ट्रेलिया में डाक टिकट जारी हो रहा है तो आप ये बताइए कि उस मौके पर रानी मुखर्जी के साथ जो ऑस्ट्रेलियन पोस्ट सर्विस है वहाँ का कोई अधिकारी क्यों मौजूद नहीं था.
आप वहाँ पर किसी पोस्टमैन को भी सिंबॉलिक्ली खड़ा कर सकते थे वो कोई मौजूद नहीं था अब मैं आपको बताता हूँ कि ऑस्ट्रेलिया में डाक व्यवस्था चलती कैसे है? असल में ऑस्ट्रेलिया में भारत की तरह नहीं है कि सब कुछ सरकार के ही पास है, ऑस्ट्रेलिया में बाकायदा फ्रैंचाइज़ी ओनर्स है अलग-अलग एरियाज में जो पार्सल्स को पहुंचाते हैं। देखिए आजकल चिट्ठी तो कोई लिखता नहीं है। ये अब डाक का काम सिर्फ पार्सल पहुंचाने का रह गया है।
तो ये पार्सल्स जो हैं ये ड्राइवर्स के through पहुंचाए जाते हैं। जैसे एयरपोर्ट पर कोई डाक आती है, उसको ड्राइवर्स को दे दिया जाता है और अलग-अलग इलाके के जो फ्रैंचाइजी owners हैं, वो इसको अह मैनेज करते हैं कि कैसे कहाँ का पार्सल कब कैसे डिलीवर करना है। एक और बात मैं आपको बता दूँ। कि ऑस्ट्रेलिया में जो eighty percent कोरियर ड्राइवर्स हैं, जो पार्सल को लेकर जाते हैं, eighty वो पंजाबी लोग हैं, जी हाँ, पंजाबी ड्राइवर्स हैं जो लोगों के पार्सल पहुंचाते हैं, और ये जो एरिया वाइज फ्रेंचाइजी दिया हुआ है, अलग-अलग लोकेशन पर पार्सल को मैनेज करने के लिए, उसमें थर्टी परसेंट के आस-पास तो इंडियंस है, अब आप बताइए रानी मुखर्जी अगर वहां पहुंचती है, और बाकायदा राजकीय सम्मान के साथ अगर डाक टिकट जारी किया जाता है, तो पहली बात, वहां पर डाक विभाग का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था. ना ही सरकारी अधिकारी इस बात की पुष्टि करने के लिए था? और अगर आप इसकी कोई सरकारी प्रेस release देखना चाहेंगे कहीं पर आपको दिखाई नहीं देगी।
अगर कोई देश की सरकार किसी के सम्मान में डाक टिकट जारी करती है तो एक press release तो लिखवाएगी। दुनिया भर की मीडिया को बताने के लिए लेकिन यहाँ क्या हुआ? यहाँ पर कुछ लोग पहुंचे, उन्होंने पार्लियामेंट का एक कमरा बुक कराया। अपने चार लोगों को बुलाया, पैसा देकर डाक टिकट छपवाया और उसको दिखा दिया कि अह चोपड़ा के नाम पे डाक टिकट ने जारी किया ऐसा साउंड कर रहा है लेकिन सरकार ने नहीं किया है। ये आपने पैसा देकर किया है।
कल को आपका बर्थडे हो आप भी जाकर कर सकते हैं। मैं तो कहता हूँ आप लोगों से आप अभी ऑस्ट्रेलियन पोस्ट की वेबसाइट पर जाइए मैं आपको दिखा भी रहा हूँ और उस पर चेक कीजिए कि जो recently रिलीज किए गए हैं डाक टिकट उसमें यश चोपड़ा का नाम कहां है? वो डाक टिकट हमें उस वेबसाइट पर दिखाई क्यों नहीं दे रहा है। और हमारे जो अह इंडियन अह फैमिली के लोग रहते हैं ऑस्ट्रेलिया में वो इस बात को भलीभांति जानते हैं कि भी बीस-पच्चीस डॉलर में अपने बच्चे का, अपने खुद का, पूरी फैमिली का डाक टिकट जारी करवा सकते हैं। मैं आपसे ये भी बताना चाहता हूँ कि ऐसा काम करके ये लोग एक बड़ी तस्वीर बनाना चाहते हैं लेकिन मैं इनका पर्दाफाश इसी तरीके से करता रहूँगा क्योंकि जो झूठ है वो झूठ है।
वहाँ कोई आपको राजकीय सम्मान नहीं मिला है, आपने पैसा दिया है और अपना डाक टिकट निकाला है और ऐसा काम तो हिंदुस्तान में भी होता रहा है, पिछले दिनों एक बहुत बड़े यूट्यूबर हैं, motivation स्पीकर उन्होंने अपने नाम का डाक टिकट यहाँ भारत में छपवा लिया था हिंदुस्तान में और कहा था कि सरकार ने जारी किया बाद में उनको अपना वीडियो भी वापस लेना पड़ गया क्योंकि पोल खुल गई थी सबने कहा अरे ये काम तो हो रहा है पचहत्तर हजार रुपए में आपने किया है क्या? तो आप इस बात को मानकर चलिए कि ये जो आपके सामने तस्वीर बनाई जा रही है वो झूठी है।
दूसरी बात बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो इस सब को पढ़कर बड़े अह प्रभावित हो जाते हैं, तो इसको प्रभावित होने की जरूरत नहीं है, जो काम पैसे देकर हो सकता है वो तो आप भी करा सकते हैं। आप अगर भारत रहते हैं तो भारत में घर बैठे आप ऑस्ट्रेलियन पोस्ट की वेबसाइट सर वहाँ छपे किसी भी डाक टिकट को मंगा सकते हैं पैसा देकर कुछ समय पहले मेरे एक मित्र ने मुझे बताया कि उनके घर में उनकी बिटिया का जन्मदिन था उनके कुछ दोस्त गए और बीस पच्चीस डॉलर में उनके नाम का टिकट छपवा लिया कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। लेकिन आपके सामने इसको कैसे पेश किया जा रहा है और अगर ये गलत है तो फिर ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने अगर ऑस्ट्रेलिया सरकार ने छपवाया है डाक टिकट तो उसकी प्रेस रिलीज़ कहाँ है?
उसका कवरेज कहाँ? या तो बड़े-बड़े अखबारों ने छाप दिया। कि यश चोपड़ा के डाक टिकट, यश चोपड़ा के नाम पर डाक टिकट लेकिन किसके कहने पर, किसके पैसे से? कौन गया था? किसने मांगा? किसने रिलीज किया? वहां पर कोई पोस्ट ऑफिस का कोई कर्मचारी, कोई अधिकारी कुछ मौजूद क्यों नहीं था? क्योंकि अगर वहां वो मौजूद होता और कोई उनसे पूछ लेता कि भाई ये क्या मामला है? कहते हैं, पेड सर्विस है, पैसा दिया और छप गया, आपको छपवाना है क्या?
आप तो जानती हैं, दुनिया भर में आजकल जो पोस्ट ऑफिस है, वो ईमेल और व्हाट्सएप के आने के बाद से बेकार हो चुके हैं, वहाँ पर या तो पार्सल अह सर्विस चलती है। हिंदुस्तान में हम देखें तो डाक खाने में पैसे जमा होते हैं। और अब तो हिंदुस्तान में भी ये सर्विस है। बाहर भी कई जगह सर्विस है। पैसा दीजिए अपना डाक टिकट छपवाइए। स्टैम्प कहलाते हैं ये, एक लिमिटेड उसमें छापे जाते हैं और उसके बाद। आपने जितना पैसा दिया है, हो गया है साहब बराबर।
तो ये कोई राजकीय सम्मान तो नहीं है। मैं अगर इतनी बात यहां पर कह रहा हूं, उस डाक टिकट के बारे में एट द सेम टाइम मैं ये भी कहूंगा, यश चोपड़ा ने जो सिनेमा बनाया उसका सम्मान है, यश चोपड़ा ने जो फिल्में बनाई, उनका सम्मान है, लेकिन उनके नाम पर झूठ मत बोलिए। अगर यश आपको वहाँ की सरकार सम्मान दे रही होती तो मैं यहाँ बैठकर खुद आपको बता रहा होता कि सरकार ने सम्मान दिया है लेकिन क्योंकि सरकार ने सम्मान नहीं दिया है आपने वो सम्मान खरीदा है इसलिए मेरा ये फर्ज बनता है कि मैं आपको बताऊँ आपके सामने ऐसे बहुत से झूठ परोसे जाते हैं। आपको कुछ पता नहीं चलता।
यहाँ के पत्रकार भी चेक नहीं करते। यहाँ जिन अखबारों ने इस खबर को छापा है अगर वहाँ के पत्रकार ये चेक करें कि भाई अब ऑस्ट्रेलियन पोस्ट की साईट पर जाते हैं देखते हैं भाई आपने डाक टिकट जारी किया है तो आपकी अह वेबसाइट पर तो होगा अभी ओलंपिक टीम के लिए डाक टिकट जारी किए गए थे और जितने तमाम जारी किए गए थे सारे के सारे वेबसाइट पर दिख जाएंगे आपको तो फिर ये क्यों नहीं दिख रहा है.
क्योंकि ये पैसे वाला खेल है. कल को आप जाएंगे अपने बच्चे के बर्थडे पे बच्चे का स्टेप आप बनवाएंगे बीस पच्चीस डॉलर में तो थोड़ी ना आपको पोस्ट सर्विस की वेबसाइट पर दिखाई देगा कि आपने अपने बच्चे के बर्थडे पर जो बनाया था डाक टिकट वो भी हम लगा दें वहाँ पर सिर्फ वही लगाए जाते हैं जो सरकारी तौर पर जारी किए जाते हैं. एक बाकायदा प्रेस रिलीज़ होती है भाई सरकार अगर कुछ करेगी तो प्रेस रिलीज़ तो देगी. तो ये सारी बातें झूठ हैं.
आपने भी पढ़ी होगी कि ऑस्ट्रेलिया की संसद को संबोधित करेंगे करण जौहर और रानी मुखर्जी आखिर इसका पूरा सच क्या है और ये जो प्रचार किया जा रहा है वो ऐसे क्यों किया जा रहा है ये सारी बातें मैं आपको इस article में बताने जा रहा हूँ.
अब आपको बताते हैं कि ऑस्ट्रेलिया की parliament में होता क्या है, देखिए ऑस्ट्रेलिया की parliament आम लोगों के लिए हमेशा खुली रहती है, यानी जब तक सेशन चलता है, सेशन चलता है, इसके अलावा आप इस parliament में जाकर अपने परिवार की शादी कर सकते हैं कोई पार्टी आयोजित कर सकते हैं, बाकायदा अंदर restaurant हैं, cafe हैं, central hall है, dining hall है, तमाम चीजें हैं और इसको वो बहुत अच्छे से भी करते हैं। अगर आप उनकी वेबसाइट पर जाकर इसको बुक कराना चाहेंगे तो आप आराम से बुक करा सकते हैं और मैं आपको रेट्स भी बता दूँ।
ये सब कुछ शुरू होता है पैंतीस चालीस हजार रूपए से जी हाँ शायद मुंबई के five स्टार hotels इससे महँगे होंगे लेकिन इन parliament में जाकर अभी कुछ समय पहले की बात है। ऑस्ट्रेलिया में कई तरह के अह ब्यूटी पेजेंट्स होते हैं मिस इंडिया ऑस्ट्रेलियाई वहां पे चार तरह से होती है इसकी जो ऑर्गेनाइजर है रीना उनकी शादी भी इसी पार्लियामेंट के अंदर हुई थी और इस में साल के पचास से साठ फंक्शन तो प्राइवेट फंक्शन होते रहते हैं।
जाहिर है हर कोई चाहता है कि जो पार्लियामेंट की लोकेशन है उसको enjoy करें। पास में ही एक मेट्रो स्टेशन है आपको बहुत अच्छी पार्किंग की भी जरूरत नहीं पड़ती। बहुत सारे लोग वहां पर पहुंच जाते हैं और ये जो खबर बॉलीवुड में इस तरह से पेश की जा रही है कि पार्लियामेंट में करण जौहर का सेशन आप खुद जरा दिमाग पर जोर डालकर मुझे ये बताइए कि करण जौहर की कितनी फिल्मों की शूटिंग मेलबर्न में या ऑस्ट्रेलिया में हुई है। अगर इतना ही ऑस्ट्रेलिया के प्रति दीवाना है तो वहां पर हिंदी फिल्मों की शूटिंग क्यों नहीं होती?
मैं आपको याद दिलाना चाहूंगा शाहरुख खान की अगर मैं फिल्म की बात करूं तो चकदे की शूटिंग हुई थी ऑस्ट्रेलिया में और उस दौरान एक बहुत बड़ा घोटाला भी हुआ था रेसिज्म के नाम पर इस पर मैं पहले ही वीडियो कर चुका हूं आप मेरे चैनल पर उज्जवल त्रिवेदी पर जो ऑस्ट्रेलिया प्ले लिस्ट है उसको देख सकते हैं। साथ ही मैं आपको बता दूं कि ये जो इंडियन फिल्म फेस्टिवल मेलबर्न होता है ये एक बहुत बड़ा घोटाला समय से चल रहा है, पहले ये कहा गया कि हम बॉलीवुड को लेकर आ रहे हैं ऑस्ट्रेलिया में ताकि हमें इंडियन लोगों के votes मिले क्योंकि वहाँ भारी तादाद में इंडियंस भी रहते हैं, आप जानते ही हैं। फिर ये भी कहा गया था कि भारत के साथ संबंध मजबूत होंगे। फिर ये भी कहा गया कि जो भारतीय छात्र आते हैं, उनकी आवक बढ़ेगी।
आज तो आलम ये है कि ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय छात्रों को तो वीजा देना ही बंद कर दिया है। तो कुल मिलाकर ये जो बड़ी-बड़ी खबरें छापी जाती हैं कि ऑस्ट्रेलियाई संसद में करण जौहर का संबोधन ये कर सकते हैं, ये ठीक ऐसा है कि मैं आपको राजधानी दिल्ली में बुलाऊँ इंडिया गेट पर और आपके गले में फूलों का हार डालूँ और कहूँ कि आपका राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सम्मान हुआ यही काम मैं लाल किले के सामने भी कर सकता हूँ और यही काम मैं कुतुबमीनार के सामने भी कर सकता हूँ तो ये जो पीआर किया जाता है जो बड़े-बड़े शब्दों में खबरें छपवाई जाती हैं वो सिर्फ एक इमेज बनाने के लिए होती है मैं आपको ये भी बता दूँ कि जो बड़ी-बड़ी ख़बरें आती हैं कि बुर्ज खलीफा पर शाहरुख खान की फिल्म का ट्रेलर चला आप जानते हैं कुछ ऐसा देकर आप अपने यूट्यूब चैनल का भी ट्रेलर वहाँ पे चला सकते हैं।
जो बड़ी-बड़ी ख़बरें आती हैं न्यूयॉर्क के टाइम स्क्वायर पर होर्डिंग पर ये दिखाया गया फलां फिल्म की ट्रेलर दिखाई गई ये भी आप कुछ पैसे खर्च करके कर सकते हैं यानी ये सारी चीजें बिकाऊ हैं सेलिबल हैं मार्किट की जाती हैं। लेकिन उनको पेश ऐसे किया जाता है कि जैसे पता नहीं क्या हो गया हो। इसी मौके पर एक और खबर ये भी आ रही है कि डार्क टिकिट जारी किया गया है। यश चोपड़ा साहब का आप जानते हैं हमारे देश में आप कुछ पैसा देकर अपने नाम का डाक टिकट छपवा सकते हैं लेकिन सवाल ये है कि उस डाक टिकट का होगा क्या?
क्योंकि हमने तो डाकखाने जाना ही छोड़ दिया है, हम तो पोस्ट ऑफिस पहुंचते ही नहीं है, हमारे तो सारे काम व्हाट्सएप्प और ईमेल पर हो जाते हैं, तो ऐसा पैसे देकर जो डाक टिकट छपवाया गया, उसका फायदा क्या? उसका फायदा ये होता है कि बड़ा-बड़ा पीआर किया जाता है, एक बहुत बड़ी पीआर मशीनरी को हायर करके पूरे विश्व में प्रचार किया जाता है, कि कितनी वाह वाही हो रही है, अगर इतनी वाहवाही हो रही होती तो आज पिछले सात महीने से एक अदद हिट को तरसा हुआ है, एक अदद हिट नहीं मिली है बॉलीवुड को, आज इतनी बुरी स्थिति है, अगर विदेशों में इतना सम्मान हो रहा है तो फिर दर्शक कहाँ है?
फिल्में चल क्यों नहीं रही? लोगों को अपने प्रोडक्शन हाउस बेचने की नौबत क्यों आ गई है? दर्शक ये क्यों कह रहे हैं, हम तो साउथ का सिनेमा देखेंगे? और हमने तो कभी नहीं देखा कि ऑस्ट्रेलिया का कोई प्रधानमंत्री या ऑस्ट्रेलिया से कोई बड़ा नेता भारत आया हो और उसने कहा हो कि हमें बॉलीवुड के लोगों से मिलना है? ये सारा का सारा घोटाला चल रहा है, बॉलीवुड के नाम पर, इंडिया के नाम और ये जो इंडियन फिल्म फेस्टिवल मेलबर्न है यहाँ पर ऐसे कई मौके हुए हैं जब जो फिल्में भारत में बैन है वहाँ दिखा दी गई। पाकिस्तान की फिल्में दिखा दी गई।
तमाम चीजें इस तरीके से होती हैं एक बिल्कुल बिजनेस नेटवर्क चलता है और आपके सामने तस्वीर पेश की जाती है कि हम तो बड़े महान है और बॉलीवुड का बड़ा नाम हो रहा है। असल में सारी चीजें पैसा देकर खरीदी जाती है, पैसा देकर बुक की जाती है, अगली बार अगर आप अपने परिवार के साथ ऑस्ट्रेलिया जा रहे हो तो आप खुद जाकर वहां पर अपना कोई फैमिली फंक्शन भी कर सकते हैं, आप अपने बेटे-भतीजे की शादी कर सकते हैं और आपको वहाँ के लोकल लोग ही बता देंगे इनफैक्ट मैं आपको यहाँ पर स्लाइड भी दिखा रहा हूँ कि किस तरीके से ये बाकायदा बुक किए जाते हैं इंटरनेट पर वेबसाइट के जरिए आप भी बुक कर सकते हैं तो जो चीज पैसे देकर खरीदी जाती है या पैसे देकर खरीदी जा सकती है उसका ऐसा प्रचार क्यों?
इसकी झूठी तस्वीर क्यों? इसको इतने बड़े-बड़े शोरों में क्यों छापा जाता है ये बताने के लिए कि बहुत बड़ी आपको उपलब्धि हो गई। जो कि आप खुद पैसा खर्च करके आप ये काम करवा रहे पर तो बॉलीवुड की इसीलिए मैं पोल खोल करता हूँ क्योंकि मैं आपको इनकी अंदर की तस्वीर दिखाता हूँ आप पार्लियामेंट में सेशन शुरू होने से पहले उसके किसी हॉल में जाकर आप चार लोगों के साथ डिनर कर रहे हैं वहाँ कोई एमपी आ गया आपने फोटो खिंचा ली और आपने कहा देखिए ऑस्ट्रेलियन पार्लियामेंट में एमपी से मुलाकात हुई उन्होंने ये कहा वो कहा ये सारी की सारी पीआर ड्रिवेन खबरें हैं.
ये इसी तरीके से छापी जाती हैं आपके ऊपर एक बहुत बड़ा नाम थोपने के लिए करण जौहर के पास इस समय इस ये है कि वो अपने प्रोडक्शन हाउस का एक हिस्सा बेचने की तैयारी कर रहे हैं। फिल्में बड़े बजट की बन नहीं रही हैं, छोटे बजट की जो फिल्में आई हैं, इस साल आप जानते ही हैं, सब के सब औंधे मुंह गिरी हैं, बॉलीवुड की हालत बहुत ख़राब है, लेकिन आपके सामने तस्वीर बड़ी-बड़ी पेश की जाती है, ताकि झूठ को सच बनाकर ऐसे पेश किया जाए और आप कहे वाह! इतना नाम हो रहा है, इसकी जो असलियत होती है, जो जड़ में बातें हैं, वो मैंने आपको बता दी हैं.
तो जैसा कि आप सभी जानते होंगे बॉलीवुड के सिंघम अजय देवगन की फिल्म औरों में कहां दम था पिछले शुक्रवार यानी 2 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। औरों में कहां दम था फिल्म ने सिनेमाघरों में छह दिन पूरे कर लिए हैं और यह फिल्म सिनेमाघरों में अपने सातवें दिन भी चल रही है। तो फिलहाल इस वीडियो में हम बात करेंगे कि औरों में कहां दम था अपने पहले छह दिनों में भारत में कितनी कमाई करने में कामयाब रही और फिल्म ने दुनियाभर में कितना कलेक्शन किया है।
और आज सातवें दिन यह फिल्म कितनी कमाई करने वाली है और सात दिनों में फिल्म का कुल वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कितना होगा, फिल्म का बजट क्या है, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही या फ्लॉप, ये सारी बातें, अगर हम फिल्म औरों में कहां दम था की बात करें तो ये एक हिंदी भाषा की लव स्टोरी ड्रामा थ्रिलर फिल्म थी जिसे नीरज पांडे ने डायरेक्ट किया था और फिल्म को शीतल भाटिया ने प्रोड्यूस किया था।
फिल्म में हमें अजय देवगन, तब्बू, जिमी शेरगिल और अन्य अहम भूमिका में नजर आए थे और फिल्म का बजट करीब 100 करोड़ रुपए था। पहले ये फिल्म 5 जुलाई को रिलीज होने वाली थी लेकिन ये बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही थी इस वजह से फिल्म के मेकर्स ने फिल्म की रिलीज डेट आगे बढ़ाकर 2 अगस्त कर दी थी लेकिन अब 2 अगस्त को रिलीज होने के बाद भी अजय देवगन की फिल्म और मैं कहां दम था बॉक्स ऑफिस पर कोई कमाल नहीं कर पाई और शायद आपको यकीन नहीं होगा लेकिन ये अजय देवगन के करियर की सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्मों में शामिल होने जा रही है।
फिल्म और मैं कहां दम था इतना बड़ा बजट होने के बावजूद भी बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाई नहीं कर पा रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फिल्म ने पहले दिन एक करोड़ पचासी लाख रुपए की ओपनिंग की थी और फिल्म ने वर्ल्डवाइड अपने ओपनिंग डे पर दो करोड़ पचहत्तर लाख रुपए का कलेक्शन किया था।
उसके बाद दूसरे दिन शनिवार को फिल्म ने दो करोड़ पंद्रह लाख रुपए और फिर तीसरे दिन रविवार को दो करोड़ पचहत्तर लाख रुपए कमाए। इस तरह वीकेंड पर अपने पहले तीन दिनों में फिल्म दूसरों से बेहतर नहीं रही। यह भारत से केवल छह करोड़ पचहत्तर लाख रुपए की कमाई कर पाई और फिल्म का वर्ल्डवाइड कलेक्शन दस करोड़ पचास लाख रुपए रहा। चौथे दिन फिल्म ने एक करोड़ रुपए कमाए, पांचवें दिन फिल्म का कलेक्शन एक करोड़ रुपए रहा और छठे दिन फिल्म ने पचहत्तर लाख रुपए कमाए।
इस तरह अपने पहले छह दिनों में आधिकारिक तौर पर फिल्म औरों में कहां दम था ने भारत से नौ करोड़ पचास लाख रुपए की कमाई की। अब आप यहां गौर करें कि यह छह दिनों में दस करोड़ का आंकड़ा भी नहीं छू पा रही है। अजय देवगन की फिल्म औरों में कहां दम था ने भारत से छह दिनों में नौ करोड़ पचास लाख रुपए कमाए, जबकि भारत में फिल्म का ग्रॉस कलेक्शन ग्यारह पच्चीस लाख रुपए रहा।
ओवरसीज की बात करें तो इस फिल्म ने केवल दो करोड़ रुपए कमाए हैं और कुल मिलाकर यह फिल्म वर्ल्डवाइड तेरह करोड़ पच्चीस लाख रुपए कमाने में सफल रही। आज फिल्म का सातवां दिन है, इसलिए यह फिल्म अभी भी साठ लाख रुपए कमा रही है। और सात दिनों में फिल्म की कुल कमाई भारत से दस करोड़ दस लाख रुपए नेट होगी, जबकि फिल्म दुनिया भर में चौदह करोड़ रुपए के आसपास कमा रही है और यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बड़ी फ्लॉप होती दिख रही है।
रोहित के सामने रूही को कैसे expose करेगी अब हीरा? रूही अब हीरा के आगे हाथ भी जोड़ने वाली है लेकिन क्यों चलिए बताते है well दोस्तों StarPlus के most popular serial ये रिश्ता क्या कहलाता है के upcoming track की कहानी में काफी सारे interesting mode आने वाले है आप देखेंगे किस तरह से अब हीरा अरमान की date को बर्बाद करने के बाद रूही जो है अब हीरा पर गुस्सा जताने वाली है लेकिन ये सब क्यों हो रहा है?
आखिर क्यों रूही हाथ भी जोड़ रही है और चिल्ला भी रही है अभिरा पर दरअसल आप देखेंगे किस तरह से जब date बर्बाद हो जाती है तो अब हीरा अरमान अपनी प्यारी सी date को स्कूटी पर मनाते है आप देख सकते है कैसे अभिरा स्कूटी चला रही है अरमान बैठा हुआ है अब ये दोनों जब घर आ जाते है तो रूही से टकराते है अब रूही जो है यहाँ पर बहुत इतरा रही होती है क्योंकि आपने तो देखा किस तरह date बर्बाद करने के लिए रोहित को लेकर अबीरा अरमान जहाँ जा रहे थे वहीं पहुँच गई थी. इसके बाद अभिरा को गुस्सा आया अब हीरा ने रूही को खूब सुनाया.
इसके बाद जब घर के बाहर वो लोग टकराए तो यहाँ पर अबीरा जो है रूही पर गुस्सा करने लगती है. ये सारी बातें चल रही है. अरमान भी अभिरा से नाराज हो जाता है और वो अंदर चला जाता है. अब यहाँ रूही अब हीरा आमने-सामने खड़े हैं. जहाँ पर रूही अब हीरा से कहती है कि और क्या हाल है? तो यहाँ पर अभिरा कहती है देखो मुझे तुम जानबूझकर ये सब कर रही हो मुझे पता है जहाँ तुम रोहित को लेकर गई थी वहाँ तुमने एक्स्ट्रा पैसे दिए थे ताकि तुम्हारी बुकिंग वहीं हो जाए और जानबूझकर मेरी अरमान की डेट को बर्बाद कर सको मुझे पता है तुम इस घर में किस मकसद से आई हो तो तुम्हारा इस घर में आने का मकसद सिर्फ इतना ही है कि तुम बस यहाँ मुझे अरमान को अलग करना चाहती हो तुम्हें रोहित से प्यार नहीं है जो कि सच भी है आप देख ही सकते हैं अबीरा सीधा रूही से पूछती है रूही तुम चाहती क्या हो?
इस घर क्यों आई हो? और हमारी डेट क्यों बर्बाद की? तो यहाँ पर रूही जो है हाथ जोड़कर कहती है प्लीज मेरा पीछा छोड़ दो। मैंने कुछ भी नहीं किया और ना ही तुम दोनों की डेट बर्बाद की है। इस पर अभिरा जो है रूही की बात नहीं मानती इतने में अरमान आ जाता है और अरमान से गलती से रूही को टक्कर लग जाती है। तो यहाँ अरमान जो है रूही से माफी मांगता है। अबीरा गुस्सा हो जाती है और कहती है तुम्हें इससे माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है। ये तुम्हारे बीच में आई थी।
क्योंकि अभिरा जो है वो रूही की हर चाल को अच्छे से समझती है और जानती भी है कि कब रूही क्या कर सकती है रूही कितना नीचे गिर सकती है और रूही को तो आप जानते हैं वो कितनी खतरनाक है उसने तो खुद अपने मुँह से कह दिया है कि मैं यहाँ अपने पति के लिए नहीं अपने प्यार अरमान के लिए आई हूँ सिर्फ वो रोहित का use कर रही है रोहित की close भी बस वो इसी वजह से जा रही है ताकि इस घर में टिकी रहे और रोहित जो है रूही के झांसे में आ भी गया है सबसे लड़ता हुआ नजर आ रहा है
रूही के लिए लेकिन सोचिए जब अभिराह को expose Rohit के सामने तब कितना मजा आएगा आप क्या कहना चाहते है show के upcoming track को लेकर comment करके अपनी राय बताइए.
साउथ सिनेमा टॉप पर है और बॉलीवुड नीचे गिर रहा है। पूरी जुलाई इतनी बड़ी मूवीज का हर कलेक्शन मिला के कल की डे वन से भी कम है। बॉक्स ऑफिस तक तो फिर भी ठीक है, बॉलीवुड के पास तीन दो हैं, भूलभुलैया तीन हैं, सिंगम फ्री है, कमिटी करने के लिए। लेकिन वहां कंटेंट पे जब से लोगों ने विजय सेतुपति की फिल्म महाराजा का आकलन किया है, बॉस आसपास भी नहीं है, किसी फिल्म की तुलना के लिए। और अब बॉलीवुड के लिए खराब न्यूज ये है कि सिर्फ थिएटर नहीं, फिल्म में भी साउथ सिनेमा बहुत ऊपर जाने वाला है। क्योंकि महाराजा को भी कर दे ऐसा कॉन्टेंट देखने वाला है।
वृंदा का नाम बहुत कम लोगों ने सुना होगा, लेकिन वादा है मेरा एक बार जिसने यह शो देखा वह कम से कम बीस और लोगों को इसके बारे में बताता है। सोनी राइफल पे शो कुल आठ एपिसोड में रिलीज हुआ है, जो एवरेज चालीस मिनट लंबा है, यानी पांच घंटे बाद आप एंडिंग तक पहुंच गए हैं। और भी बेहतरीन न्यूज़ ये है कि सीज़न वन में ही कहानी को खत्म कर दिया जाएगा। सीजन टू के लिए आपको इंतजार करने की जरूरत नहीं है। हिंदी डबिंग मिलिंग. ठीक है सबसे पहले तो सीरियस और स्ट्रैंग वॉर्निंग है कि कमजोर दिल वाले लोग डिस्टर्बिंग टाइप का शो है कुछ घिनौने सीन तो मिलेंगे ही। लेकिन शो की थीम थोड़ी विवादास्पद है जिसमें भगवान शामिल हैं। माने लोग सड़क पर उतरते हैं बैनर ले के आदर्श कंटेंट है।
अगर वो सभी चीजें आपको असहज कर रही हैं या फिर ट्रिगर हो गई हैं तो कृपया इस शो से बहुत दूर रहें क्योंकि निर्माता बिना फिल्टर के आ गए हैं। शुरू होती है एक नामुराद केश के साथ पाइपलाइन के नीचे एक बोरी जिसमें बड़ी-बड़ी साड़ी भरी हुई कहानी है, एक आदमी की मौत के साथ एक बंधन में बंधी हुई है। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि मौत का कारण पानी से डूबना नहीं है, पानी में सबसे पहले एक सेल बार चाकू से मारा गया है, बिल्कुल दिल के पास।
अब सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि आपने किसी को भी एक्सपेक्ट नहीं किया होगा। कातिल पता कौन है? माने शक किस पे हो रहा है, पुलिस को एक जगह जो इलेक्ट्रॉनिक्स इंडोनेशिया से भारत आया था, मैगज़ीन की वजह से। ऐसा था ध्यान से सुना क्योंकि अब ये पक्षी हद है, जमाना को फिर से देखा गया। लेकिन फिर शुरुआत होती है, केमिस्ट्री की एक चेन रिएक्शन आपने पढ़ी होगी। पुलिस का ये बॉडी नैचुरल है, इससे तो शहर में मार्का की लाइन लग जाती है। मौत वाले लोगों में बस एक आम बात है सबके सब गांजे हैं और हां पैदाइश ही नहीं ठीक है रात से पहले इनका मुंडा हुआ था।
कैसे एक आदमी की मौत शहर में कम से कम सौ लोगों की मौत का खुलासा करती है आपकी किस्मत की फटी रहेगी और हां कातिल भूले तो नहीं वो रहेगा। देखो यार वृंदा जैसा शो आपको वापस सीधा लेकर जाने वाला है उस समय जब असुर और सेकेरे गेम्स जैसे शोज आपके पसंदीदा हुए थे।
याद है कैसे हर एपिसोड में प्वाइंट पे खत्म हुआ था कि अगली बार बिना नींद के नहीं आई थी और कब आई थी दोनों पूरी रात निकल गई थी वृंदा के पास दिमाग वाला सस्पेंस है खास वो विया पुतलियों की कहानी से दोस्ती मेकर्स ने दिमाग पकड़ ली थी हाथों से तुम बार फंतासी सिनेमा भी है जो सीधे भगवान के साथ जुड़ा है लेकिन जैसा आप सोच रहे हो वैसा नहीं भगवान को अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल किया गया है पूरा फोकस वास्तव में हत्या की जांच पे है जिसे बिल्कुल गंभीर तरीके से प्रस्तुत किया गया है आप खुद हैं
पुलिस स्टेशन के अंदर देखें हो और इसी तरह सीरीज में आप फिफ्थवे एपिसोड तक पहुंचें वहां पे सबसे चौंकाने वाला मोड़ आने वाला है जिसके बारे में एक भी इंसानी सपने में नहीं सोच सकते जिस तरह से तरीके से अंतःक्षेपण विलन पात्रों को अपना बनाकर बनाएं अतीत के दिखावे का वर्तमान में उपयोग किया जाता है। हीरो भूल गया विलन से प्यार हो जाएगा। कहानी में वास्तव में इतनी सारी चीज़ें दिखाई दीं और बिल्कुल तेज़ गति से कि आप समझ नहीं पाएंगे कि आपके सामने कब आठवां एपिसोड आएगा।
अतिरिक्त समय पास करने के लिए रोमांस एंगल जाना या फिर पुलिसवालों की निजी जिंदगी पर फोकस करना जरूरी है, ये सारी गलतियां इस सीरीज से दूर हैं। तृषा को पहले से ही काफी लोग पसंद करते हैं। ओनली स्टोरी वाला एपिसोड फॉर्मूला तीसरा वो पांचवा वाला शॉक अनप्रिडिक्टेबल और चौथा कॉमेडी एक्टर्स साउथ का शो फिर भी भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है। वीडियो में दो याचिका शो के अंदर मिस्ट्री सस्पेंस रोमांच भरा है लेकिन हॉर्न को आसानी से ऐड किया जा सकता है, वो चांस मिस कर दिया और दूसरा हिंदी डबिंग स्पेशली मुख्य रूप से बेहतर हो सकता है, आवाज में दम मिसिंग है। पुरजोर अनुशंसा करता हूं कि मैं आपको जरूर देखूंगा टू चौबीस का सबसे अच्छा कंटेंट में से एक है, महाराजा वाला सम्मान महसूस करोगे।
बॉलीवुड को जिस बात का डर था इस शुक्रवार वही हुआ उलझ और औरों में कहाँ दम था। यानी अजय देवगन और नीरज पांडे की फिल्म जिसमें अजय देवगन तब्बू के साथ दिखाई दिए एक बार फिर वो दो करोड़ रूपए की opening के साथ बॉक्स ऑफिस पर धराशाही हो गई और उलझ को भी पब्लिक ने ऐसा नकारा कि कई सारे शोज कैंसिल करने पड़े। दोस्तों करोड़ों रुपए की लागत के बाद ये फिल्में थिएटर्स तक पहुँचती हैं।
और दुनिया जानती है कि बॉलीवुड फिल्में बनाना आसान है पर रिलीज़ करना उससे कहीं मुश्किल काम है। उसके बावजूद अगर लोग इन फिल्मों को नकार रहे हैं तो आखिर इसकी वजह क्या है। वजह हम आपको अपने प्लेटफार्म पर बहुत लंबे समय से बताते रहे हैं। कहानियां लोगों से कनेक्ट नहीं करती।
किरदार लोगों को समझ नहीं आते और कंटेंट के नाम पर कूड़ा परोसा जाता है, ये अब बॉलीवुड की पहचान बन चुकी है। आप जानते ही हैं कि हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिंदी और हिंदी भाषा में फिल्में बनाने का दावा करता है बॉलीवुड। लेकिन हिंदी बोलने वालों से कोई कनेक्ट नहीं बना पाता।
यही वजह है कि ये बड़ी-बड़ी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फेल होती हैं, गिर जाती हैं लेकिन बॉलीवुड अभी इन सारी बातों को समझने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके लिए बहुत सारे factors जिम्मेदार हैं। लोग nepotism का जिक्र करते हैं, लोग content ना होने का जिक्र करते हैं, लोग ये भी जिक्र करते हैं कि नए कहानीकारों को मौका नहीं दिया जाता। नए लोगों की कहानियां सुनी जाती है, ना सुनाई जाती है यानी कुछ मुट्ठी भर लोग हैं जो बॉलीवुड पर कब्ज़ा करके बैठे हैं, जिनका काम अब लोगों को समझ नहीं आता और एक-एक करके ये जो बॉलीवुड का किला है ये धाराशाही हो रहा है।
दोस्तों ये कोई पहला शुक्रवार नहीं है ऐसे कई शुक्रवार आए और गए, बल्कि आप कहें तो इस साल जो कि आधे से ज्यादा बीत चुका है अब पूरी तरह से ये कह रहा है, ये जाता हुआ साल सात महीने बीतने के बाद हम यही कहेंगे कि बॉलीवुड के इस साल कुछ भी नहीं आया है। जानते हैं, इसकी वजह क्या है? इसकी वजह कि कहानी क्या कहनी चाहिए, कौन-सी कहनी चाहिए, किरदार कैसे होने चाहिए।
ये बॉलीवुड भूल चुका है, क्योंकि बॉलीवुड अब किसी और ही चीज के पीछे भाग रहा है। ऐसा नहीं है, कि इस देश में सिनेमा नहीं बन रहा और इस देश में लोग सिनेमा देखने नहीं जा रहे हैं, इस देश में सिनेमा बन भी रहा है, लोग देखने भी जा रहे हैं, बस वो सिनेमा बॉलीवुड में नहीं बन रहा है।
मैं आप लोगों से जानना चाहता हूं कि पिछले सात महीनों क्या आपको कोई ऐसी फिल्म ध्यान में आती है जो आपको लगता है कि बॉलीवुड ने बनाई है और वाकई अच्छी थी और किसी यूँ ही किसी वजह से नहीं चली क्योंकि बॉलीवुड के दर्शक इस समय काफी निराश है वो साउथ का कॉन्टेंट देख रहे हैं, वो बाहर का सिनेमा देख रहे हैं, वो ओटीटी पर जुड़ गए हैं, वो कहीं ना कहीं ये मान बैठे हैं कि अब इनके बस की बात नहीं है कि वो हमें एंटरटेन करें, दोस्तों करोड़ों रुपया जब डूबता है तो दुःख होता है, उसको भी जिसने फिल्म में लगाया और एक तरह से हम भारतवासी होने के नाते इस बात पर दुःख जताते हैं कि हमारे देश का पैसा ऐसे बर्बाद content को बनाने के लिए लगाया गया जो किसी और बेहतर काम में लग सकता था।
लेकिन ये बात बॉलीवुड के फिल्म मेकर्स को समझ में नहीं आती। वो घिसे पिटे ढर्रे पर आज भी बैठे हैं उन्हें आज भी इंतजार है कि कोई जादू होगा, कोई चमत्कार होगा लेकिन ना वो चमत्कार होता है, ना जादू होता है, ना लोग उनका सिनेमा देखने आते हैं। और एक सबसे बड़ी तस्वीर जो इस शुक्रवार निकलकर आई वो ये कि अगर आप so called hit जोड़ियों को भी repeat करेंगे तो लोगों को interest नहीं है।
अब आप सोचिए नीरज पांडे जैसा फिल्मकार जिसने स्पेशल twenty सिक्स अ वेडनेसडे और ऐसी फिल्में बनाई है जिन्होंने लोगों के दिलों को छुआ है वो एक ऐसी subject को लेकर आ जाते हैं जो लोग इस फिल्म को देखने गए उन्होंने कहा सर दर्द फिल्म है यानी एक फिल्मकार के तौर पर भी हार है और सो कॉल्ड स्टार के तौर पर भी हार है कि लोग आपको देखने नहीं पहुंच रहे हैं।
मैं आप लोगों से जानना चाहता हूँ इस तरह के सिनेमा को जब आप देखते आसपास ऐसा सिनेमा घटता है। और एक comparison मन में आता है कि भाई हिंदी वाले तो ये बना रहे हैं, तमिल तेलगु क्या बना रहे हैं? देखो बाहर का सिनेमा क्या बन रहा है? देखो ओटीटी पर कैसा कंटेंट आ रहा है? आपको लगता है कहीं पर भी बॉलीवुड खड़े होने लायक रह गया है।
परिणीति चोपड़ा के नए नवेले हसबैंड और आप पार्टी से सांसद राघव चड्ढा ने भारत की संसद में एक मुद्दा उठाया और ये कहा कि हमारे देश में जितना भी सिनेमा बनता है वो piracy का बड़ा शिकार हो रहा है जिससे industry को बीस हजार करोड़ का नुकसान होता है उन्होंने संसद में अपने भाषण में ये भी कहा कि कोरोना के दौरान जो फिल्में release हुई उनमें sixty four percent फिल्में ऐसी थी जो piracy का शिकार हो गई।
उनकी स्पीच पर संसद में तालियां भी बजी और उनकी थोड़ी सी ट्रोलिंग भी हो गई वहीं पर जहाँ लोगों ने ये कहा कि भाई अब इन्हें फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा ख्याल आ रहा है आखिर सभी जानते हैं कि परिणीति चोपड़ा जो है जो फिल्मी हीरोइन है वो उनकी अब नई नवेली पत्नी बनी है इस दौरान राज्यसभा में ये बात भी कही गई कि राज्यसभा की सांसद जया बच्चन भी है उन्होंने एक लंबा अरसा बिताया है फिल्म इंडस्ट्री में तो क्या वो इसे करना चाहेंगी इस बात को कहना चाहेंगे इस बात पर राघव चड्ढा का समर्थन करना चाहेंगे कि industry piracy से बड़ा परेशान है और industry को हर साल बीस हजार करोड़ का नुकसान है
खैर इस मामले में जया बच्चन ने तो कुछ नहीं कहा। लेकिन परिणीति चोपड़ा की तरफ से अह राघव चड्ढा को compliment जरूर मिला एक स्टार हसबैंड होने का लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि राघव चड्ढा अह जिनकी पार्टी के मुख्या अरविन्द केजरीवाल इस समय कैद में है सलाखों के पीछे है उन्हें चिंता हो रही है बॉलीवुड की जाहिर है ये discussion हो सकता है उनके घर पर हुआ हो परिणीति ने कहा हो कि भाई आप इस बात को रखिए और इससे पहले मौका ये भी था जब राघव चड्ढा इलाज के लिए इंग्लैंड चले गए थे उस वक्त भी लोगों ने उन्हें काफी निशाने पर लिया था कि आपकी पार्टी के मुखिया सलाखों के पीछे हैं और आप विदेश में हैं
फिर वापस आए हैं तो आप बात कर रहे हैं बॉलीवुड की तो आखिर ये राघव चड्ढा को हुआ क्या है? क्या समझते हैं आप लोग इस पूरे scenario से क्या आपको लगता है कि राघव चड्ढा भटक रहे हैं या पत्नी की बात ज्यादा सुन रहे हैं या आपको लगता है कि उनको मुद्दे समझ में नहीं आ रहे हैं। और सबसे बड़ी बात ये है कि इंडस्ट्री का ये इतना बड़ा मुद्दा है तो इंडस्ट्री का representation तो और भी कई रूपों में है। इंडस्ट्री का representation तो कंगना रनौत के तौर पर भी है जैसा राज्यसभा में देखें तो जया बच्चन के तौर पर भी है लेकिन किसी और ने इस मुद्दे को इतना जोर-शोर से नहीं उठाया वैसे भी आप जानते हैं इस समय मामला piracy से ज्यादा content का है,
दिक्कत इस industry की है कि अच्छा content लेकर नहीं आ रहे हैं इसलिए हालत खराब हो रही है वरना जो content लेकर आते हैं उनका content चलता भी है। उनकी piracy कोई करता हाल ही में रिलीज हुई फिल्मों का अगर हम बात करें तो बारहवीं फेल का मैं इंतजार मैं एग्जांपल देना चाहूँगा कि बारहवीं फेल ने तो शिकायत नहीं की कि हमारी फिल्म पिट गई कि हमारी फिल्म को किसी ने कर लिया वो फिल्म तो छह महीने तक थिएटरों में लगी रही चलती रही लोग देखने आते रहे तो अगर कॉन्टेंट होता है तो फिर ऐसी शिकायतें नहीं होती और अगर बॉलीवुड इंडस्ट्री को वाकई कोई परेशानी है तो सबसे पहले अपने कंटेंट पर ध्यान दें तो हो सकता है
आने वाले समय में इस मुसीबत से भी निजात जाएगी और एक बात और है कि साउथ की जो फिल्म इंडस्ट्री है वो कहीं ना कहीं अपने फैन बेस की वजह से भी चलती है मैं आपको बता दूँ कि बॉलीवुड में भले ही piracy होती हो लेकिन साउथ में piracy नहीं होती साउथ में जो साउथ इंडियन फिल्म स्टार्स के जो अह फैन clubs हैं वो इस बात को पक्का करते हैं कि कोई भी उनके favourite स्टार की फिल्मों को कॉपी ना करें और वो खुद नजर रखते हैं कि कहीं piracy तो नहीं हो रही है।
तो कुल मिलाकर मामला ये है कि अगर आप जीत लेंगे, दर्शकों का दिल जीत लेंगे तो वो आपके साथ पूरी तरह से निष्ठावान रहेंगे, वफादार रहेंगे। आप लोग इस मामले में अपनी क्या राय रखते हैं? क्या आपको लगता है राघव चड्ढा आजकल प्रणीति चोपड़ा की बात ज्यादा सुन रहे हैं या उनका ध्यान अब मुख्य मुद्दों से भटक गया है?