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Anweshippin Kandethum मूवी रिव्यू हिंदी

जहाँ बॉलीवुड की थ्रेलर मूवीज में पूरी तरह से जंग बढ़ती चली जा रही है वहीं साउथ की कुछ ऐसी क्राइम थ्रीलर मूवीज रिलीज की जा रही है जिसे देखने के बाद आपकी आँखें खुली की खुली रहने वाली है। या फिर आप ये भी कह सकते हैं कि इन मूवीज की आप Ending के बारे में अंदाजा बिल्कुल भी नहीं लगा सकते हैं क्योंकि इन मूवीज की हर एक सीन में आपको अच्छा खासा surprise नजर आने वाला है।

जी हाँ मैं बात करने जा रहा हूँ जी हाँ मूवी यूँ तो रिलीज की गई थी favorite twenty twenty four में लेकिन इसे finally ओटीटी Platform भी release कर दी गई है वो भी Netflix पर। movie आप हिंदी, तमिल, तेलुगु, Malayalam Language में देख सकते हैं। तो चलिए जानते हैं थोड़ा-बहुत इस मूवी की स्टोरी के बारे में। movie की story बहुत ही ज्यादा fresh बनाई गई है और Movie आप अपने परिवार के साथ भी बैठकर देख सकते हैं।

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movie की शुरुआत होती है sub inspector आनंद से। जो कि एक honest पुलिस Officer है यानी कि criminals भी उन्हें देखकर crime करने से डरते हैं और वो अपने हर एक case को बहुत ही ज्यादा serious तरीके से लेते हैं। लेकिन इसी बीच अचानक से ही उनके पास एक लड़की की केस आती है जोकि गुमशुदा रहती है लेकिन आनंद ये अंदाजा लगा लेता है कि वो लड़की गुमशुदा नहीं बल्कि मारी जा चुकी है वो उसकी Dead बॉडी खोज कर निकाल लेता है और बाद में क्रिमिनल को भी खोजकर निकाल लेता है लेकिन कुछ गड़बड़ी आ जाने की वजह से वो पूरा का पूरा केस पूरी तरह से बर्बाद हो जाता है।

मूवी में आपको ऐसा लगेगा कि मूवी की Ending यहीं पर है लेकिन यकीन मानिए मूवी की जब आप इंटरनेशन देख रहे होंगे तो आपको ऐसा लग रहा होगा कि मूवी में आगे क्या दिखाया जाएगा क्योंकि हर एक चीज तो इंटरनेशनल के पहले ही दिखा दी गई है सोच-सोचकर आपके दिमाग की नसे फटने वाली होंगी लेकिन यकीन मानिए इस Movie के end तक जाते-जाते आप बहुत ही ज्यादा surprise होने वाले हैं क्योंकि इस movie के दो पहलू दिखाए गए हैं पहले पहलू में एक ऐसी लड़की के murder case को दिखाई गई है जो कि पुलिस की वजह से ही पूरी तरह से बेकार हो जाती है लेकिन दूसरे ही scene में आनंद को फिर से एक मौका मिलता है एक नए case को solve करने के बारे में और last तक वो इस केस को किस तरह solve करता है और अपराधी को किस तरह ढूंढ के निकालता है ये सारी चीजें आपको इस movie को देखने के बाद ही पता चलने वाली है।

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Movie उनके लिए एकदम ही perfect है जो कि क्राइम Thiller और suspense movie देखना बहुत ही ज्यादा पसंद करते हैं। मूवी की कोई भी सीन आपको बोर नहीं करेगी even इसकी हर एक Scene और हर एक dialogue आपको बहुत ही ज्यादा interesting लगने वाली है। तो overall अगर इस मूवी की हम बात करें तो मूवी आपको सच में अच्छी ही लगने वाली है यानी कि ये मूवी at least आपको घिसी पीटी सीरियल killing या mystery solve करने वाली मूवी नहीं लगने वाली है।

मूवी की Concept बहुत ही ज्यादा Different है और सबसे बड़ी बात मूवी की presentation आपको सच में बहुत ही पसंद आने वाली मूवी में यूँ तो बहुत ज्यादा character नहीं है लेकिन इस मूवी के हर एक character को आप बहुत ही ज्यादा interested लेकर देखने वाले हैं। मूवी की सेकंड पार्ट पार्ट one से ज्यादा Interesting लगने वाली होगी आपको। even इस case को जब solve की जाएगी तो आप भी ये हैरत में पड़ जाएंगे कि इस नामुमकिन case को किस तरह solve की गई है? तो overall ये मूवी रही मेरे लिए सुपरहिट और इस मूवी को अगर मैं रेटिंग दूँ तो मैं इसे Rating दूंगा five में four Point two star क्योंकि इस तरह की काबिले तारीफ मूवी बहुत कम ही release की जाती है।

तो अगर आप सोच रहे हैं कि इस मूवी को हम देखें नेटफ्लिक्स पर तो समय की देरी ना करते हुए मूवी को आप बिंदास देखिए। मूवी at least आपको किसी भी जगह पर बोर नहीं करने वाली होगी। even ये मूवी आपको हर scene में एक नया Surprise देगी। तो उम्मीद करता हूँ कि आज का ये Review आपको पसंद आया होगा।

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शैतान मूवी रिव्यू: परफॉर्मेंस रोंगटे खड़े कर दिए

लंबा टाइम हो गया ना जब किसी बॉलीवुड फिल्म को देखने के बाद actually में डर लगा हो। last फिल्म परी और तुम बार थी जिसको देखते टाइम दिल की धड़कन आउट of कंट्रोल हो गई थी। लेकिन अब सारी शिकायत एक बार में दूर होंगी क्योंकि एक ऐसी फिल्म आई है जिसको जितनी बार देखोगे हर बार डर थोड़ा ज्यादा लगेगा। कहते हैं भगवान होता है तो शैतान भी होता है बस वो थोड़ा छुप के शिकार करता है। गलत एकदम गलत ये तो एकदम खुल्लम खुल्ला आया है भाई सबको डराने।

एक छोटी सी बात का ध्यान रखना है सबको इस फिल्म के लिए तालियां बजाने से पहले जो original फिल्म है वश दिल में उसके लिए इज्जत बनी रहनी चाहिए। हाँ तो कहानी एक unwanted guest की है सर घर में आया है घरवालों की मर्जी से तो बाहर भी जाएगा घरवालों की मर्जी से तमीज तो यही कहती है लेकिन इस मेहमान की छोटी सी शर्त है घर की छोटी सी जो प्यारी बेटी है उसको ये अपने साथ लेकर जाएगा और हाँ घरवालों का आशीर्वाद लेकर जबरदस्ती नहीं करेगा। क्यों भाई कोई अपनी बेटी किसी अजनबी के साथ क्यों भेजेगा?

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भेजेगा ना बॉस जब वो बेटी खुद घर वालों के गले पे चाकू लगा के खड़ी होगी। और जब वो अपने प्यारे छोटे भाई को से नीचे फेंक कर मारने की सिर्फ कोशिश नहीं उसकी जान लेना अपनी जिंदगी का मकसद बना लेगी। बीस मिनट एक मेहमान का रिश्ता बीस साल के परिवार पे भारी कैसे पड़ गया रीज़न है सर जिसको लॉजिक की भाषा में बोलते हैं ब्लैक मैजिक एक काली बिल्ली अगर गलती से रास्ता काट जाए तो आप रास्ता बदल देते हो यहाँ तो पूरा का पूरा जादू-टोना ही काला है वशीकरण बोलते हैं इसको hypnotism रिमोट वाली कार होती है ना जो बटन दबाओगे उस तरफ भागेगी वैसे ही इस लड़की का रिमोट अब शैतान के हाथों में है। इससे पहले कि बैटरी खत्म हो जाए घर वालों विदा करनी है आशीर्वाद वरना घर से एक नहीं पूरी चार लाशें निकलेंगी।

और कत्ल करने वाला कौन? मैं आप तो जानते हैं लेकिन शायद पूरी दुनिया इस चीज को Burari case का second part समझेगी। Burari नाम सुन के डर लगाना बस यही चीज शैतान को बाकी Bollywood horror movie से अलग बनाती है। ये डर आँख से नहीं दिमाग से दिखाती है। एक तरीके का disturbing सिनेमा है ये जिससे आप चाह कर भी खुद को दूर नहीं रख सकती क्योंकि topic इतना relatable है real life में किसी के भी साथ हो सकता है। और हाँ गलती से भी इसको आप स्त्री या फिर भूलभुलैया horror comedy के साथ confuse मत कर लेना बहुत बुरा फसोगे। क्योंकि शैतान एक complete no nonsense, dark, serious tragedy फिल्म है, ऐसा डर जिसको सोचकर आप थैंक यू बोलोगे, मेरे साथ अभी तक कुछ भी ऐसा नहीं हुआ।

कुछ ऐसे scenes बनाए गए हैं, जो आज से पहले बॉलीवुड की किसी फिल्म में try करने की हिम्मत या फिर creativity शायद किसी के अंदर थी भी नहीं। thanks to worsh. दिमाग की कुछ imaginary खुराफात होती है ना जिनको सपने में देखकर आप पूरी रात सो नहीं पाते हो, बस शैतान ने उनको शक्ल देने का काम किया है। और सबसे best चीज पता है क्या? फिल्म का ट्रेलर काटा था ना उसने लोगों को जरा सा भी हिंट नहीं दिया कि थिएटर में उनकी मुलाकात किससे होने वाली है?

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आपको फिल्म का सब्जेक्ट वशीकरण है ये तो पता है लेकिन वशीकरण करने वाला एक्चुअली में कौन है? ट्रेलर ने उस पर जबरदस्त तरीके से सस्पेंस बना दिया। और जब थिएटर में घुसते ही आपके सामने आर माधवन का कैरेक्टर रिवील होना शुरू होगा, आप खुद से पूछोगे टिकट बुक करके गलती तो नहीं कर दी। unpredictable कहानी है, स्पेशली उन लोगों के लिए जिनको वश के बारे में कुछ नहीं पता। totally फ्रेश different unique experience होगा for बॉलीवुड फैंस। बहुत कम री में से होते हैं जिनको देखने के बाद original फिल्म क्या थी, कौन सी थी? ये सब सवाल का जवाब नहीं चाहिए होता किसी को। चलो ईमानदारी से बताओ, दृश्यम देखने के बाद कितने लोगों ने सोचा होगा, original फिल्म देखते हैं यार, ये तो बस remake है। शर्त लगा सकती हूँ मैं ninety percent लोगों को आज भी नहीं पता होगा कि एक remake फिल्म थी।

बस वही काम शैतान ने किया है, वर्ष को पूरी इज्जत देकर frame to frame हर चीज, emotions, कहानी, acting सब कुछ वैसे का वैसा recreate कर दिया। even actress भी same है यार जानकी ने original फिल्म में जितना डराया उसका लेकर एक स्टेप ऊपर शैतान को उठाया परफॉर्मेंस रोंगटे खड़े कर दिए। एक तो इनका करैक्टर लिखा बड़ा खतरनाक है ऊपर से जो expressions ये देती है आप सीट पर बैठे-बैठे uncomfortable हो जाओगे। हंसी भी ऐसी जान निकाल दें। अजय देवगन फैंस को यहाँ पे बैक सीट लेनी पड़ेगी गाड़ी पूरी तरह और जान की चला रहे हैं आप बैठो और खिड़की खोलकर मजे लेते जाओ।

हाँ climax में मजा आएगा जब आपका दृश्य वाला family man वापस आएगा। content based फिल्म है अजय देवगन के नाम पे बिकेगी थैंक यू तो बोलना पड़ेगा। तो यार शैतान को पाँच में से पूरे साढ़े चार स्टार्स मिलेंगे। पहला सीरियस सिनेमा डर ऐसा जो सिर्फ दिखाया नहीं महसूस कराया जाए। दूसरा रियलिस्टिक लेकिन भयानक कहानी दिमाग पूरी तरह चक्कर खा जाए। तीसरा obviously performances ज्योतिका, आर माधवन, अजय सर और जानकी, थिएटर में आप लोग इनसे बच नहीं सकते।

चौथा ओरिजनल फिल्म को उठा के जिसमें म्यूजिक का एडिशन किया है, प्लस विसुअल्स में जो थोड़ा डार्कनेस डाली है, बड़े लेवल पे टू गुड सर। आधा स्टार नो टाइम पास, सीधा अटैक, अटैक, अटैक, खरगोश की स्पीड से भागती है फिल्म पैसा negatives में आधा स्टार काटना मज़बूरी है क्योंकि idea बढ़िया है लेकिन copy है इसीलिए वर्ष का नाम लिए बिना शैतान हमेशा अधूरी है प्लस मुझे लगता है वो गुजराती फिल्म थोड़ा और raw and natural feel हो रही थी। भाई मान लो मेरी बात असंभव काम हुआ है एक बॉलीवुड horror फिल्म से काफी लंबे टाइम बाद satisfaction मिला है। डरना है तो शैतान का ticket book करो at your own risk with family भी जा सकते हो बच्चे डर जाएंगे।

सैतान एडवांस बॉक्स ऑफिस कलेक्शन । Shaitan Advance Box Office Collection Hindi

Article 370 मूवी रिव्यू हिंदी

धारा 370 को हटाने का मुद्दा भाजपा का एक तरह से कह सकते हैं जब से भाजपा का जन्म हुआ है तब से है। नरेंद्र मोदी जी की तस्वीरें धारा तीन सौ सत्तर हटाओ आंदोलन की कितनी पुरानी-पुरानी वायरल है ये हम सभी जानते हैं। ऐसे में धारा तीन सौ सत्तर जब हटाई गई तब जाहिर सी बात है ये पूरे देशवासियों के लिए हर्षोल्लास का सब्जेक्ट था।

हालाँकि ये बात अलग है कि देश में कई सारे ऐसे लिबरल्स भी मौजूद थे जो कि ना तो तब उससे खुश थे और ना ही आज हम बात करने वाले हैं आर्टिकल three seventy Movie की जिसको कि निन्यानवे रुपए की टिकट का भी बहुत फायदा मिला है। लेकिन इस क्या वाकई में दिलों के ऊपर लोगों की छाप छोड़ी है? क्या ये वाकई में कोई अच्छी Movie है या एक propaganda मात्र है?

क्या इस movie में वाकई हमको कुछ ऐसी चीज देखने के लिए मिलेगी जो हम नहीं जानते है तो इन सब चीजों का जवाब आपको इस artic में मिल जाएगा लेकिन आगे बढ़ने से पहले आपको एक चीज बता दूँ कि इस Movie में वाकई में आपको वो चीज देखने के लिए मिलेगी जिससे आपको पता चलेगा कि इस धारा तीन सौ सत्तर को हटाने के पीछे का फैसला आखिर लिया कैसे गया था?

भक्षक मूवी रिव्यू हिंदी | Bhashak Movie Review Hindi

दरअसल Article three seventy का Trailer देखने के बाद सबसे पहली बात दिमाग में ये आई थी कि सरकार के फैसलों की गाथा गाने वाली एक और फिल्म शायद हमको देखनी पड़ेगी। और ऐसा feel होने में अब दर्शकों की कोई खास गलती भी नहीं है पिछले कुछ समय में इस तरह की इतनी फिल्में आ चुकी है कि Bollywood खुद अपना एक राजनीति शास्त्र विभाग बना सकता है खैर भारी risk के साथ में ये film देखी गयी और जब मैंने इस film को देखा तो मुझे समझ में आया कि अगर Political फैसले पर based film की अगर बात की जाए तो शायद हमको Article three seventy को थोड़ा Side में रख देना चाहिए दरअसल Engage करने में ये movie हर एक Point पर कामयाब रहने वाली है Producer Aditya Dhar की ये film बिलकुल उसी zone में operate करती है जिसमें उनकी खुद की Direct करी गयी film पूरी Surgical strike थी article Three seventy सरकार के उस ऐतिहासिक फैसले को ग्राउंड पर लागू करने वाले लोगों उस फैसले के पीछे की planning और बिना किसी को कानों कान खबर हुए उसे कामयाबी तक लेकर जाने की कहानी को celebrate करता है जैसे Surgical strike खबरों में बहुत Popular चीज थी मगर हुई कैसे किस तरह से ये हुई किसी को पता नहीं था अब यहाँ पर विक्की कौशल की उरी आयी तो लोगों के imagination को दो तस्वीरें मिल गयी जो खबरों में छपे शब्द reality की तरह दिख रही थी।

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हालांकि थी वो एक डायरेक्टर की imagination और ठीक इसी तरह article three seventy भी audience को एक ऐतिहासिक घटना के visuals देने का काम करती है। सबसे अच्छी चीज जो मुझे इस मूवी में लगी वो ये कि इसकी शुरुआत बुरहान वानी से होती है। वो बुरहान वानी जिसको कि आंतकवादी होने के बावजूद भी घाटी में पोस्टर बॉय बना दिया गया था। दूसरे बच्चों को या दूसरे जवान लड़कों के दिमाग को ख़राब करने के लिए। यामी वतन की इस मूवी को डायरेक्टर आदित्य सुहास जामले ने चैप्टर वाले स्टाइल में ट्रीट किया है।

ये चैप्टर वाले episode से शुरू होते हैं और पुलवामा वाले हमले से होते हुए आगे बढ़ते हैं। आखिरकार ये वहाँ पहुँचते हैं जहाँ भारत सरकार का एक फैसला कश्मीर की तकदीर बदलने के लिए तैयार है। article three seventy शुरू होती है intelligence Officer जूनी मतलब की यामी गौतम के एक मिशन से जिसमें उनके Mission पर जूनि का operation कश्मीर में बवाल खड़े कर देता है, इसके बाद उसे दिल्ली बुला लिया जाता है। इधर दिल्ली में पीएमओ की high rank official राजेश्वरी स्वामीनाथन कश्मीर के हालात को लेकर active है। वो सीधा और गृहमंत्री के कश्मीर Vision को reality में लाने पर काम कर रही है। फिल्म में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के नाम तो नहीं लिए गए हैं मगर दोनों किरदारों को देखकर ही आप समझ जाएंगे कि आखिर ये कौन है? राजेश्वरी अपने प्लान को आगे बढ़ाने के लिए जूनी को वापस कश्मीर भेजती है।

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लेकिन इस बार नई power के साथ। इस बार जब नई Power के साथ जूनी को मिशन दिया गया है कि कश्मीर में anti इंडिया गतिविधियों और लोगों को काबू करना ताकि इधर सरकार अपने फैसले बिना किसी चिंता के ले सके। और फिल्म की एकदम शुरुआत में ही ये साफ हो जाता है कि जूनी इस तरह के काम में किसी भी तरह तो पड़ने वाली नहीं है। एक तरफ आपको जूनी की नजर से कश्मीर के हालात वहां की politics और Bureaucracy पर commentary मिलती है। दूसरी तरफ राजेश्वरी दिल्ली की राजनीति का जायका आप तक पहुंचाती है। second half में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की Entry के बाद फिल्म का माहौल ही बदल जाता है।

ऐसा लगता है कि सारा focus अब उन पर ही गया है। लेकिन ये तो होना ही था। आखिर वो किरदार ही ऐसे हैं। देखिए भारत के गृहमंत्री अमित शाह की एक Parliamentary speech को इस तरह से recreate किया गया है। वही कश्मीर का हिस्सा कश्मीर भारत का जो पूरा seen है। वो फिल्म के Narrative असरदार है। किरण कर्माकर ने अपने किरदार में मतलब वाकई में जान फूंकने का काम किया है। और ठीक इसी तरह अरुण गोगल ने प्रधानमंत्री के किरदार को बेहतरीन संजीदगी के साथ पेश किया है। लेकिन ऐसा नहीं है कि हर मूवी अच्छी होती है या यूँ कहें कि इस मूवी में कोई बुराई है ही नहीं।

हालाँकि सरकार के एक अच्छे फैसले की बात कर रही है लेकिन है तो आखिर में मूवी तो ऐसा है कि Article three seventy reality और fiction के बीच की लकीर पर बड़ी चालाकी से बनाई गई movie है। political समझ और असल घटनाओं को पूरे facts के साथ देखने वाले लोगों को फिल्म में बहुत सारी गलतियां मिल सकती हैं। मगर ये तो जानते ही हैं कि इस तरह की फिल्मों में फैक्ट्स को आखिरी चीज के तौर पर फोकस में लिया जाता है। लेकिन आर्टिकल three Seventy की खासियत यही है कि इसका पूरा ड्रामा बड़ी कलाकारी के साथ रचा गया है और तरीके से आगे बढ़ता है। यानी गौतम का काम इस फिल्म में वाकई में इतना दमदार है कि आर्टिकल three Seventy को उनके career की best Performance के तौर पर देखा जा सकता है।

Close ups में उनकी आंखें चेहरे के expression और आवाज बेहतरीन असर डालते हैं। राजेश्वरी के रोल में प्रियामणि भी बहुत ज्यादा दमदार लगती है। उनका फैन तो वैसे में काफी पुराना रहा हूँ चाहे आप जवान की बात कर लें, family man की बात कर लें। वहीं वैभव तत्ववादी और राज अर्जुन की performance भी याद करने वाली है। article three Seventy के पूरे narrative को एक Background score से बहुत ज्यादा Help मिली है। cinematography, Sound और production के मामले में ये एक technically solid और Sound movie है। और बहुत असरदार तरीके से अपने narrative को आगे बढ़ाती है। इसलिए दर्शकों के तौर पर ये समझना महत्वपूर्ण हो जाता है कि आखिरकार पर्दे पर दिखाई जा रही कहानी fiction है, fact नहीं।

कोई makers भी इस बात को लेकर काफी ज्यादा extra alert थे। और शायद इसीलिए उन्होंने फिल्म की शुरुआत में एक बहुत लंबा disclaimer दिया है। इस दौर में political लकीर पर बनती फिल्मों की एक सिनेमाई याद ये लंबे-लंबे disclaimer भी बनते जा रहे हैं। कुल मिलाकर article Three seventy reality के बेहद करीब वाले fiction को facts से थोड़ा सा दूर ले जाकर एक काफी Thrilling तरीके से पेश करती है। यानि गौतम और बाकी सारे actors की दमदार performance फिल्म को Engageing बनाती है। बीच-बीच में संविधान की technical चीजों को समझाने की कोशिश narrative को थोड़ा सा धीमा कर जरूर करती है मगर reality की पोटली में बंधा Fiction इससे काफी होता है। यही वजह है कि फिल्म दो घंटे चालीस मिनट का लंबा रन टाइम होने के बावजूद भी attention hold करने में काफी कामयाब है। अगर Political फिल्मों को पचा पाने में आप कामयाब होते हैं तो Article three seventy को आप मिस करना afford नहीं कर सकते।

मैडम वेब मूवी रिव्यू हिंदी। Medam web movie review Hindi

मैडम वेब मूवी रिव्यू हिंदी। Medam web movie review Hindi

मूवी देखी मैंने मैडम वेब हिंदी में and इसकी हिंदी Dabbing काफी अच्छी है and story कुछ ऐसी है कि एक लड़की है जिसको आगे जो कुछ भी होने वाला है उसके Visions आते हैं, एक विलन है जो स्पाइडर मैन जैसा दिखता है एंड जाले फेंकने के अलावा ये वो सब कुछ कर सकता है जो हम स्पाइडर मैन के कैरेक्टर में देखते आ रहे हैं जिसको सपने आते हैं कि उसे तीन लड़कियां मारने वाली है एंड वो विलेन उन लड़कियों को ढूंढ कर मारना चाहता है और कसांड्रा वेब यानी के डकोटा जॉनसन को विजन आ रहे हैं कि वो विलेन वाला स्पाइडर मैन इन लड़कियों को मारना चाहता है, तो वो उन्हें बचाने में लगी हुई है, अब ये तो थी स्टोरी लाइन, बाकी उन्हें ये सब powers वगैरह कैसे मिली?

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वो तो मूवी में देख सकते हो मूवी बस एक **** छप्पन मिनट की है यानी दो घंटे से भी कम जहाँ दो Timelines है एक nineteen Seventy three की जो थोड़ी देर के लिए है as a back story और एक दो हजार तीन की एक अमेजॉन के जंगलों की तो एक New York city की and यहाँ story line एक तरफ जहाँ आपको engage करके रखती है वही आप खुद को question करने लगते हो कि क्या इस फिल्म की जरूरत थी I mean सब कुछ already Setup हो चूका है भाई तो ये सब क्यों even trailer से इतना बड़ा काटा गया है ना हमें तीन spider Girls जाने दो ज्यादा बोलूंगा तो पाप लग जाएगा। I mean spoiler हो जाएगा।

ये मूवी सुपर हीरो या मैडम वेब का character बस सेटअप करती है और कुछ नहीं। मूवी देखते वक़्त मुझे ऐसा लगा मानो मैं सुपर हीरो मूवी देख तो रहा हूँ बिना सुपर हीरो के I mean इस मूवी में सुपर हीरो के नाम पर ज्यादा कुछ भी नहीं है and ये मूवी अच्छी लगती भी अगर ये आज से बीस साल पहले आती है। I mean Technically देखा जाए तो Timeline तो बीस साल पहले वाला ही है and उसी हिसाब से मूवी बनी भी है and आपको भी ये mindset रखना है कि भाई इससे पहले आपने कोई सुपर हीरो वाली मूवी देखी ही नहीं है.

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निकाल दो सब दिमाग से. सुपर हीरो वो क्या होता है? ये बस आपको इस फिल्म में देखना है. बस अगर इस माइंड सेट से गए तो ये मूवी आपको पसंद आ सकती है. नहीं तो जितनी भी मूवी आज तक हम लोग देख चुके हैं.

सुपरहीरो जोंड्रा से ये उनमें से बहुत लो नजर आएंगे. वीएफएक्स एस सीजेआई वाइज भी कुछ एक जगह ये मूवी आपको डिसअपॉइंट कर सकती है. आई मीन अगर आप नोटिस करोगे तो ही. नहीं तो कुछ एक जगह वीएफएक्स एंड विजुअल काफी अच्छे हैं. स्पेशली पानी के अंदर वाले सीन्स में. ओवरऑल ये मैडम वेब character की Introductory movie है जहाँ बस उस character का setup हुआ है आगे इस character को कैसे बढ़ाएँगे ये आने वाली movies में ही पता चलेगा और हाँ credit Scene वगैरह ऐसा कुछ भी नहीं है तो movie खत्म होते ही रुकने की जरूरत नहीं है आराम से चले जाओ और Dakota Johnson की movie है तो ये मत समझ लेना कि कोई ये Adult movie है ना family Friendly movie है no worries मेरी तरफ से इस movie को two Point five out of five stars.

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योद्धा टीजर रिव्यू हिंदी। Yodha teaser review Hindi

कमाल की बात बताऊँ जिस पे किसी का ध्यान नहीं गया बॉलीवुड को एक श्राप है जब भी कोई रेस्क्यू मिशन फिल्म बनती है ना वो रिलीज से पहले पिट जाती है. सबूत कई सारे हैं छोटा हीरो या फिर बड़े-बड़े स्टार्स. बॉक्स ऑफिस पे इन फिल्मों की किस्मत गड्ढे में नहीं सीधा पाताल में गिर जाती है. अब साल नया एक्टर नया लेकिन फिल्म वही पुरानी.

क्या बोलती पब्लिक बदल सकती है दो हज़ार चौबीस में बॉलीवुड की कहानी. बात योद्धा की हो रही है बॉस जिसका छोटा सा मिनी टीज़र रिलीज़ हुआ है अभी-अभी थोड़ी देर पहले और झूठ नहीं बोलूँगी जितना सोचा था उससे ज्यादा मिला है. जिस फिल्म के में from the maker Of शेरशाह बड़ा-बड़ा लिखा होगा उसको ignore करने की गलती कोई भी सच्चा सिनेमा लवर नहीं कर सकता।

अक्षय कुमार AI के शिकार हुए : AI से कला जगत के लोगो के वे लिए खतरा

और जब चेहरा भी वही है यूनिफार्म भी वही है तो फिर फिल्म से Expectations भी same to same शेरशाह वाली लगाई जाएंगी। टीजर का बेस्ट पार्ट undoubtedly एक्शन है कुछ ऐसे scenes जो थिएटर में एक्स्ट्रा ordinary Experience दे सकते हैं। Specially जब एक्शन जमीन से हजारों फीट ऊपर आसमान में उड़ने वाले प्लेन के अंदर होगा। तो कुछ ऐसा देखने के chances बढ़ जाते हैं जो आज से पहले बॉलीवुड में किसी ने try ना किया हो। ये सिर्फ एक possibility है Guarantee नहीं लेती। लेकिन सबसे बड़ा challenge इस फिल्म के लिए होगा emotions और feelings को Create करना।

क्योंकि जब-जब बात हाईजैक की होगी ना तब-तब दिमाग में न्यूजर जैसी master peace का ख्याल अपने आप भागता हुआ आएगा। बिना किसी एक्शन बिना कोई मारधाड़ से feelings, emotions और writing के दम पर powerful Cinema create करना salute है भाई। योद्धा का action जबरदस्त लग रहा है इस बात में कोई doubt नहीं है लेकिन फिल्म की writing थोड़ा उन्नीस-बीस हुई तो फिर वो श्राप बॉलीवुड का अपना असर जरूर दिखाएगा। सच बोलूं स्टूडेंट ऑफ द ईयर का जब first day first show देखा मैंने अपने आप दिमाग में ख्याल आया था इन तीनों में से ये लड़का सबसे आगे जाएगा।

सिद्धार्थ मल्होत्रा भाई साहब ये बंदा बना ही एक्शन मूवीज के लिए है। रैम्बो का रीमेक करो इनको लेकर पिक्चर बाजा फाड़ देगी Guaranteed लेकिन किस्मत ऐसी जिद पे अड़ी है कि सारे डायरेक्टर्स की भीड़ इनको बनाने पे जबरदस्ती अड़ी है। टीजर में जो मल्होत्रा साहब के अंदर छुपा बैठा जॉनवीक वाला टैलेंट का छोटा सा सैंपल देखने को मिला है। वो literally योद्धा का बेस्ट पार्ट होने वाला है।

कुछ लोग यहाँ पे शायद मेरी बात से agree करें या फिर Disagree भी कर लेंगे। इस का एक्शन बड़े मियाँ, छोटे मियां वाले पूरे टीजर में एक सेकंड भी फील नहीं हुआ था मुझे जब कि वो बहुत बड़े स्केल की फिल्म है बॉस। अब बस भगवान को प्रसाद ये बोलकर चढ़ाना कि फिल्म में कोई फालतू लव स्टोरी वगैरह ना घुसा दी जाए। लेकिन दिशा पार्टनर जिस कहानी में होंगी उसमें प्यार दीवाना होता है, मस्ताना होता है, हर स्क्रिप्ट को डुबाने का बहाना होता है। but राशी खन्ना ये नाम जो लोग पहली बार सुन रहे हैं, वो हॉटस्टार पे जा के अजय देवगन की सीरीज है, रूद्र वो देखना, बंदी की एक्टिंग दीवाना कर देगी।

फाइटर मूवी बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 8 दिन रिकॉर्ड क्या हुआ | Fighter movie box office collection record remains intact for 8 days

अच्छी बातें खत्म अब बुरी वाली सुनो क्योंकि ना हुए भी मुझे वो चीज दिखी गई जिससे आजकल public सबसे ज्यादा bore हो चुकी है। इंडिया versus पाकिस्तान का angle जो दस हजार से भी ज्यादा फिल्मों में बार-बार जीरो से शुरू होकर Finish line तक जाता है फिर भी बॉक्स ऑफिस पे last है। fighter जैसी बढ़िया experience वाली फिल्म उसको भी सिर्फ इसी angle की वजह से लोगों ने total ignore मार दिया। योद्धा की कहानी भी उसी तरफ जा रही है sadly, teaser से तो ऐसा ही लगता है, अगर ऐसा हुआ तो कहानी हम पहले से ही जानते हैं, थिएटर जा के क्या करेंगे?

वैसे इन सब बातों में एक Important चीज के बारे में अपनी बात रह गई यार। स्पेशल credit उस बंदे को भी देना पड़ेगा जिसने फिल्म का टीज़र एडिट किया है। एकदम फटाफट तेज स्पीड से एक्शन Scenes का sequence मस्त लग रहा है। एक बार सिर्फ ये एडिट वाला पार्ट हटाकर टीज़र के बारे में सोचोगे तो वही पुरानी कहानी बाकी Ninety nine परसेंट बॉलीवुड फिल्म जैसा feel नहीं हो रहा। देखो साफ-साफ बोल देती हूँ बिना किसी फिल्टर ये पिक्चर चलेगी भी तो सिर्फ सिद्धार्थ मल्होत्रा की वजह से और अगर पिटती भी है तो जिम्मेदारी उनको लेनी पड़ेगी।

One man शो वाला सिनेमा होगा जिसमें हीरो सुपर हीरो बनकर सौ दो सौ लोगों की जान बचाता है। अब कहानी दमदार है वो हिट फ्लॉप Decide करेगी आप बता दो जल्दी से योद्धा का teaser ठीक-ठाक गड़बड़ या फिर best and best थिएटर जा के देखोगे या फिर अभी से ओटीटी का इंतजार शुरू no cheating सच बताना.

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तेरी बातो में ऐसा उलझा जिया : मूवी रिव्यू

निर्माताः दिनेश वीजन, ज्योती देशपांडे, लक्ष्मण उतेकर
लेखक व निर्देशकः अमित जोशी और आराधना शाह
कलाकारः शाहिद कपूर, कृति सेनन धर्मेंद्र डिंपल कपाड़िया, राकेश बेदी, अनुभा फतेहपुरिया, राजेश शर्मा, राशुल टंडन, सुशा कपूर, ब्रजभूषण शुक्ला, आशीश वर्मा व अन्य

आए दिन नए नए वैज्ञानिक अनुसंधान हो रहे हैं। आए आए दिन इंसान की जिंदगी पर प्रभाव डालने वाली तकनीक आ रही है। रोबोट आ चुका है। और अब एआई व डीप फेक ने लोगो की नींद उड़ा दी है। ऐसे ही वक्त में लेखक व निर्देशकद्वय अमित जोशी और आराधना शाह, इंसान और रोबोट की प्रेम कहानी को फिल्म “तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया” लेकर आए हैं। मानव व रोबोट का प्रेम बंधन कुछ लोगों को आश्चर्यचकित कर सकता है, लेकिन यह एक ऐसी अवधारणा है जिसे हॉलीवुड सिनेमा में अच्छी तरह से चित्रित किया जा चुका है। यूँ तो भारत में 2010 में प्रदर्शित तमिल साइंस एक्शन थ्रिलर फिल्म ‘एंथिरन’ में चिट्टी नामक रोबोट के मन में सना (ऐश्वर्य) के लिए भावनाओं को दिखाया जा चुका है। मगर ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’
बहुत निराश करती है।

अक्षय कुमार AI के शिकार हुए : AI से कला जगत के लोगो के लिए खतरा

कहानीः तेरी बातो में ऐसा उलझा जिया

फिल्म की कहानी के केंद्र में आर्यन (शाहिद कपूर) और उसका लंबा चौड़ा परिवार है. इसमें उसके दादा (धर्मेंद्र), माता
शर्मिला (अनुमा फतेहपुरिया), पिता (राकेश बेदी), बुआ (युशा कपूर), फूफा (ब्रजभूषण शुक्ला), चाचा (राजेश कुमार) मौसी उर्मिला (डिंपल कपाडिया) और ढेर सारे रिश्तेदार व उसका दोस्त मोंटी (आशीश वर्मा) हैं। आर्यन और उसका दोस्त दोनों रोबोट साइंटिस्ट है और यह दोनों उर्मिला की ही रोबोटिक्स कंपनी में काम करते हैं। उर्मिला की कंपनी का हेड आफिस अमरीका में है और रोबोट पर शोध वगैरह अमरीका में ही उर्मिला की कंपनी में होता है।

इधर मुंबई में आर्यन का परिवार परेशान है। क्योंकि आर्यन को शादी करने के लिए कोई लड़की पसंद नही आ रही है। वह एक बार तो सगाई छोड़कर भाग चुका है। एक दिन उर्मिला अपने नए प्रोजेक्ट को समझने के लिए आर्यन को अमरीका बुलाती है। जहां पर वह कई तरह के रोबोट से आर्यन की मुलाकात कराती है। जब आर्यन अमरीका में अपनी मौसी के घर पहुँचता है, तो वहां आर्यन की मुलाकात उर्मिला की मैनेजर सिफरा (कृति सेनन) से होती है। सिफरा यानी कि सुपर इंटेलिजेंट फीमेल रोबोट ऑटोमेशन है। मगर इस सच से अनजान आर्यन, सिफरा की आवाज और काम करने की तेजी से प्रभावित हो जाता है। आर्यन को सिफरा से प्यार हो जाता है। रात में दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बन जाते हैं।

मतलब भारत की एक सौ चालिस करोड़ की आबादी में आर्यन को रोबोट से ही प्यार होता है। दूसरे दिन सुबह उर्मिला बताती है कि सिफरा, मानव नहीं बल्कि रोबोट (सुपर इंटेलिजेंट फीमेल रोबोट ऑटोमेशन) है। आर्यन चौक जाता है। पर अब आर्यन, सिफरा से ही विवाह करना चाहता है। उर्मिला आर्यन को समझाती है कि वह गलत कर रहा है। पर आर्यन नाराज होकर मुंबई आ जाता है। उर्मिला, रोबोट सिफरा को मुंबई आफिस भेजती है, जिससे उस पर इंसानों के साथ नए प्रयोग किए जा सके। पर आर्यन, सिफरा को लेकर अपने घर पहुँच जाता है कि वह सिफरा से विवाह करेगा। आर्यन के घर वाले सिफरा से प्रभावित होते हैं। उसके बाद क्या होता है, इसके लिए तो फिल्म देखनी पड़ेगी।

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रिव्यूः

नीरस पटकथा, उथला निर्देशन और रोबोट के साथ अपशब्दों के संवाद फिल्म को स्तरहीन बनाते हैं। माना कि समय के साथ इंसानी सोच बदल रही है। अब इंसान के लिए प्यार का मतलब साथी चाहिए, वासना नहीं। तो वहीं विज्ञान प्रगति कर रहा है। रोबोट व एआई लोगों की नौकरियां छीनकर उन्हे बेरोजगार बनाने पर आमादा है। ऐसे दौर में निर्माता दिनेश वीजन और निर्देशकद्वय अमित जोशी व आराधना शाह ने इंसान व रोबोट की अविश्वसनीय व नीरस प्रेम कहानी को अपनी इस फिल्म में लेकर आ गए। लंबे समय बाद फिल्म में परिवार की वापसी हुई है। मगर अफसोस की बात यह लोग कहानी व किरदारों के साथ जुड़ नहीं पाते। कहानी से लोग इसलिए नही जुड़ पाते, क्योंकि सच जानने के बाद एक रोबोट साइंटिस्ट / कंप्यूटर प्रोग्रामर का रोबोट से प्यार करने की बात हजम नहीं होती।

आर्यन का लुक, लंबा चेहरा, बढ़ी हुई दाढ़ी और लगातार सिगरेट पीना आदि ‘आर्यन’ की बजाय कबीर सिंह की याद दिलाता है. मतलब लेखकद्वय ने आर्यन का किरदार ही पूरी तरह से नकली गढ़ा है। हमने अभी तक रोबोट देखे नही है, मगर हमें लगता है कि फिल्मकार ने सिनेमाई स्वतंत्रता के नाम पर रोबोट को अपनी मर्जी से इंसानो की तरह हाथ पैर चलाते, नृत्य करते, कपड़े पहनते व उतारते हुए दिखा दिया है, जो कि दर्शकों को अविश्वसनीय सा लगता है। इतना ही नही फिल्म में एक पूरा परिवार दिखाया गया है। ऐसे में आर्यन का अपने छोटे भतीजे के साथ जो संवाद है, वह अखरते हैं।

जी हाँ फिल्म में जब आर्यन और सिफरा आपस में चुंबन में लीन होते हैं, तो यह उनका छोटा भतीजा देख लेता है। इस पर आर्यन उससे कहते हैं कि “ये तो हम सिर्फ मुँह मीठा कर रहे थे, यानी कि चाचा अपने भतीजे से झूठ बोलता है। पर यह भतीजा इक्कीसवीं सदी का है। वह लड़का पलटवार करता है, ‘मुझे मूर्ख मत बनाओ। मैंने अपने माता-पिता को भी कई बार ऐसा ही करते देखा है। क्या एक पारिवारिक फिल्म में इस तरह के दृश्य होने चाहिए। यदि यह एडल्ट फिल्म होती तो…एक बार माफ किया जा सकता था। जिस बाल कलाकार ने इस दृश्य को देखा व निभाया है, उसके मन मस्तिष्क पर पड़ने वाले असर के बारे में सोचना तो फिल्मकारों ने छोड़ दिया है और शायद पैसे के लालच में अब बाल कलाकार के माता पिता को भी कोई फर्क नही पड़ता। पर यहां तो सेंसर बोर्ड भी चुप… कहने का अर्थ यह कि यह फिल्म लेखक, निर्देशक व निर्माता का दीमागी दिवालियापन ही है… फिल्म में ऐसा कुछ नही है, जिसके लिए दर्शक सिनेमाघर जाना चाहे

अभिनयः

आर्यन के किरदार में शाहिद कपूर शुरूआती दृश्यों में अपने कबीर सिंह के अवातर में ही नजर आते हैं। उसके बाद बढ़ी हुई दाढ़ी के माध्यम से वह अपने सपाट चेहरे की कमजोरी को कुछ हद तक छिपा ले जाते हैं। पर उनका अभिनय निराश करता है। लेकिन उनकी डांस परफार्मेस की सराहना करनी पड़ेगी। कृति सेनन दस साल बाद भी जहां की तहां है। उनके अभिनय का विस्तार नही हुआ। उनके अभिनय में रोबोट वाली बात कही नजर नही आती। धर्मेंद्र और डिंपल कापड़िया प्रभावित करती है। गुशा कपूर, राजेश
कुमार या कबीर बेदी जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों के हिस्से करने के लिए कुछ रहा ही नहीं।

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भक्षक मूवी रिव्यू हिंदी | Bhashak Movie Review Hindi

पहली बात तो ये है कि ये फिल्म आपको अंदर तक झकझोर देती है। एक पत्रकार होने के नाते और एक आम आदमी होने के नाते या हर उस शख्स होने के नाते जिसे दूसरों के दर्द में अपनी तकलीफ दिखती है, आप इस फिल्म को जरूर देखें क्योंकि ये फिल्म आपको बताती है कि आप इंसान कहलाने का हक्क तभी रखते हैं, जब आप सामने वाले के दर्द को अपने शरीर के भीतर महसूस कर सकें। और एक होने के नाते, एक नागरिक होने के नाते अपने उस कर्तव्य को समझ पाएं। अपनी उस जिम्मेदारी का एहसास कर पाएं जिस जिससे आप बंधे हुए हैं। अगर आप इस देश में रहते हैं या आप किसी भी देश में क्यों ना रहते हों। वहां आसपास रहने वाले, किसी के साथ अगर अन्याय हो रहा है, नाइंसाफी हो रही है और आप चुपचाप उसे बस होते हुए देख रहे हैं, तो यकीन मानिए उस शख्स पर नाइंसाफी करने वाले, उस शख्स पर अन्याय करने वाले से कहीं नहीं है आप।

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यही इस फिल्म का संदेश है। बिहार के मुजफ्फरपुर shelter home में जो कुछ हुआ दो हजार अठारह की घटना है उस पर ये आधारित है लेकिन मैं इस बात को मानता हूँ कि वो कोई पहली अकेली ऐसी घटना नहीं थी और हम जितने बड़े देश में रहते हैं। निश्चित तौर पर हमारे आसपास कई और जगहों पर कई तरह के अन्याय और नाइंसाफियां हो रही हैं। कुछ के बारे में हम जानते हैं, आँखें बंद कर लेते हैं। एक दर्शक के नाते, एक पाठक होने के नाते, रीडर होने के नाते हम अक्सर ऐसी खबरों को ढूंढते हैं जो हमें मजा देती हैं, छटखारा देती हैं, हमारे लिए गॉसिप होती हैं। हम अक्सर ऐसी खबरें जो किसी के दर्द पर आधारित हैं।

किसी की नाइंसाफी पर आधारित हैं, हम उनसे नजरें फेर लेते हैं क्योंकि हमें लगता है कि हमारी जिंदगी में दुःख-दर्द काफी है। और हमें तो अखबार इसलिए पढ़ना है ताकि हम छटखारा ले सकें। यूट्यूब या फेसबुक इसलिए देखना है, ताकि हमें उसमें मजा आए। ये जो मजा ढूंढने कोशिश है ये तब तक चला करती है जब तक हमारे किसी अपने या हमारे खुद के साथ ही कुछ गलत ना हो जाए और तब हमें ये ख्याल आता है कि हाँ न्यूज़ तो इसलिए होती है समाचार तो इसलिए होते हैं पत्रकार तो इसलिए होते हैं कि वो किसी के दर्द की बात करें लेकिन जब हम ढूंढते हैं एक दर्शक होने के नाते एक पाठक होने के नाते तो हम भी उस मजे की ही तलाश कर रहे होते हैं। कुछ हद तक हम आज के समाचार चैनलों पर ये ठीकरा फोड़ सकते हैं कि देखो हमको क्या दिखाया जाता है लेकिन क्या ये हमारे लिए, आम दर्शकों के लिए नहीं बनता। कि हम देखना क्या चाहते हैं?

तो ये सवाल ऐसा है कि जिसका जवाब हमें ढूंढने की जरूरत है, भक्षक अगर नहीं देखी है, जरूर देखिए, भक्षक देखकर ना सिर्फ आप उस सच्ची घटना के बारे में जान पाएंगे बल्कि हमारे आसपास जो कुछ हो रहा है न्यूज़ coverage के नाम पर एक दर्शक के तौर पर, एक पत्रकार के तौर पर, एक आम नागरिक के तौर पर, आप बहुत कुछ इस फिल्म में देख पाएंगे, मुझे ऐसा लगता है, कि इस फिल्म का देखा जाना सबके लिए इसलिए भी जरूरी ताकि हम खुद को ये अहसास दिला पाएं कि अगर हम दावा करते हैं कि हम इंसान हैं तो फिर इंसान कहलाने का हक़ हमें तभी मिलता है, जब हम अपने आस-पास हो रहे अन्याय और नाइंसाफियों में उस दर्द को महसूस करें कि अगर वो हमारे साथ होता तो कैसा लगता? भक्षक देखने लायक फिल्म है, मैं इसे अपनी तरफ से पूरे नंबर दे रहा हूँ, और अगर आपने फिल्म देख ली है, तो मुझे बताइए कि ये फिल्म आपको कैसी लगी?

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Argylle मूवी रिव्यू हिंदी |Argylle Movie Review Hindi

फरवरी का महीना ठंड से भरा हुआ है valentine का महीना है तो जानबूझ के ऐसी Movies आएगी कितने दिलों को तोड़ती है कमबख्त फरवरी यूँ ही नहीं किसी ने इसके दिन घटाए है हाँ दो सौ million की sixteen Hundred करोड़ rupees की movie है कहाँ खर्च की है क्या जी बिल्कुल सही पकड़े हैं।

कुछ भी बोलो आप लोग लेकिन मूवी के अंदर वो वाला सीन दुआलिपा को बहुत सारी दुआएं लगने वाली है इस मूवी के बाद तुम जैसे दरिंदों की वजह से इतना सब कुछ होने के बावजूद मूवी पीजी थर्टी ने फैमिली के साथ भी देख सकते हैं। आप अकेले क्यों मजा लो? फॅमिली को भी मजा लेने का हक है। अब देखो two hour Twenty minutes लंबी ये मूवी है King’s bank की कैश जैसे डायरेक्टर ने बनाई है उसी ने Produce किया है। तो मूवी के अंदर आपको दो important चीज तो जरूर मिलेगी। spy action और दूसरा sexy हॉट और elegant अंग प्रदर्शन।

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तो भाई देखो visual Trick तो मूवी आपका ब्लड Circulation दिमाग पे नहीं लेकिन राजा जी सबसे पहले बात अगर करें Action scenes की तो kings man और फिर के अंदर जो हमने जिस Level का action scenes देखा ना भाई उसका आधा भी नहीं है मूवी के अंदर भाई दो सौ मिलियन में तो क्या-क्या level का action scene देखने को लेकिन वो मिला किसको अपने सुपरमैन को सुपरमैन से याद आया handicapped भाई पूरे मजे तो इसने लिए मूवी के अंदर लेकिन जोक्स अपार्ट मूवी की जो actual स्टोरी लाइन है ना वो बहुत बेहतरीन है। first half के अंदर आपको थोड़ा illogical और मतलब कुछ भी वाला movement feel होगा जैसे विलन एक ही जगह पर खड़ा होकर बार-बार रिपीट करते रहता है कि मुझे उसका मरा हुआ मुंह देखना है।

इतना क्यों दिखाया विलन की कसम से भाई फील ही नहीं होता मूवी के अंदर कोई विलन है। तो First half में जो भी twist और Turn आपको idiotic feel होंगे वो Second half के अंदर उसका Justification दिया है। एक बहुत ही famous novel writer जो अपनी किताबों में लिखी हुई चीजों को हकीकत में होते हुए देखती है। और फिर कैसे वो इस से बाहर निकलती है या फिर वही responsible फिर First half के अंदर इतना मस्ती मजाक इन logical चीजें देखने के बाद सेकंड हाफ के अंदर ये लोग Reasoning देना शुरू करते है तब मूवी थोड़ी सी slow और serious हो जाती है मूवी के अंदर एक सीन से दूसरे सीन में इतना खतरनाक ट्रांजिशन है भाई टिक टॉक की ट्रांजिशन भी इससे ज्यादा बेहतर है कहानी बिल्कुल भी नहीं लगती स्मूथनेस बिल्कुल भी फील नहीं होता कभी भी कुछ भी हो रहा है और ये देखकर भाई फास्ट एंड सीरियस फ्रेंचाइजी के लिए मेरी रिस्पेक्ट बढ़ गई at least वो लोग जो बोलते हैं वो दिखाते भी हैं।

हम brainless एक्शन scenes दिखाएंगे आना है तो आओ और वो वही दिखाते हैं और वो भी ग्रैंड लेवल पे एक-एक लेवल ऊपर ले के जाते हैं। पूरे मूवी के अंदर एंड का वो एक करते हुए एक्शन सीन मुझे पसंद आया that’s it वो भी इसलिए क्योंकि उसने मुझे वो हॉलीवुड की Wanted मूवी नहीं है वो भागते हुए जाता है और एक-एक करके सबको मारता है उस सीन की याद दिला दी उसके अलावा ending के अंदर ये कलरफुल गैस के अंदर वो एक्शन सीन करके भाई वो पूरा जीरो मूवी का कॉपी लग रहा था जीरो मूवी के अंदर नहीं बटला वाला एसआर के अनुष्का को इम्प्रेस करता है वो पूरा गाना इस दो सौ मिलियन बनी मूवी से दस गुना अच्छा था लेकिन डायरेक्टर ने पूरा फोकस कहाँ पर दिया हर दूसरी लड़की का टॉप एंगल जान बुझ के दिखाया ताकि हमको क्लीवेज दिखाई दे क्योंकि शातिर डायरेक्टर को पता है एक बार ब्लड Circulation में नीचे तक पहुंचा दो उसके बाद दिमाग shutdown हो जाएगा

मैं इनको कुछ भी दिखाऊं उनको पसंद आएगा लेकिन सबके बावजूद actress जो लीड है इस मूवी के अंदर जिसने अली का रोल प्ले किया है भाई बहुत सही था हिंदी डबिंग भी मूवी की काफी डीसेंट है एंड बाय द वे चले मत जाना मूवी के एंड में सीन भी है जिसमें इन्होने किंग्समैन के साथ कनेक्शन दिखाया मतलब क्या था वो यार देखो भाई मूवी स्टार्ट तो एकदम हाई लेवल पे होती है लेकिन डिप होते जाता है उसका ग्राफ और एन्ड तक आते-आते आप अपनी सबर का बाण तोड़ देते हो तो मैं मूवी को सिक्स आउट ऑफ टेन देना चाहूँगा सह सकते हो इतनी तो ठीक है ही मूवी बाकी एप्पल टीवी प्लस पे आएगी तब देख लेना।

फाइटर मूवी बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 8 दिन रिकॉर्ड क्या हुआ | Fighter movie box office collection record remains intact for 8 days

Bhagavanth Kesari मूवी रिव्यू हिंदी डब | Bhagavanth Kesari Movie Review Hindi Dubbed

भाई साहब film हो तो ऐसी हो वरना ना हो जिसमें मांस मसाला हो hero का swag हो slow motion से भरे action sequences हो ताली मार dialogues हो और एक अच्छा खासा social message जो दिमाग से होते हुए सीधा दिल में बस जाए जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ South Superstar Balakrishna sir की film Bhagwant Kesari जो आ रही है Color Cineplex पर Hindi में चार फरवरी रात आठ बजे हाँ पता है थोड़ी late देखी लेकिन bro I don’t care अरे ये मैं नहीं भूल रहा इस film में ये चार-पांच बार है and literally ये dialogue फिल्म के हर एक aspect पे लागू होता है, बताता हूँ कैसे?

Nandmuri, Balakrishnan sir की movies अगर आपने देखी हो, तो उन सभी films में एक बात बड़ी common सी होती है। उनका अतरंगी swag, जो आजकल के किसी भी bollywood actor से एकदम हट के है, ऐसा समझ लो कि south के सलमान खान है, एकदम चुलबुल पांडे character type. पर without muscles and यही इनकी खास बात है इनकी आंखें ही इतनी ज्यादा एक्टिंग कर जाती है कि किसी भी करैक्टर को ये आराम से ओवर शैडो कर देते हैं. इनकी परफॉर्मेंस एंटरटेनमेंट से भरी हुई होती है. चाहे वो एक्ट करें, एक्शन करें, डायलॉग्स बोले या इवन डांस इनकी कोई भी मूवीज आप बिना सोचे समझे बस enjoy कर सकते हो, ऐसी ही होती है. And भगवन केसरी भी ऐसी मूवी है, जिसे घर पे आराम से relax होकर family के साथ देख सकते हो.

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और enjoy कर सकते हो. Family के साथ देखने से याद आया कि कलर्स इन्हें sunday फरवरी को रात आठ बजे आ रही है ये फिल्म हिंदी डब में तो एक क्वालिटी टाइम इस फिल्म को देखते हुए आप अपनी फैमिली के साथ बिता सकते हो क्योंकि इसकी स्टोरी भी कुछ ऐसी की ही है फिल्म की स्टोरी गर्ल एजुकेशन और वीमेन एम्पॉवरमेंट के बहुत important टॉपिक को सामने रखती है जहाँ भगवंत केसरी एक लड़की की जिम्मेदारी लेकर उसे एक आर्मी ऑफिसर बनाना चाहता है पर वो लड़की आर्मी ऑफिसर बनना नहीं चाहती अब इसी के बीच में कुछ मांस मसाला entertainment भी चलते रहता है जो बालैया सर ने बखूबी अपने स्टाइल से निभाया है जहाँ को सबसे पहले तो मानना पड़ेगा बॉस। first half में स्क्रीन पे इतना tight रखा है कि जिस topic पर पूरी एक वेब सीरीज बन सकती थी उसे first half में ही यानी सिर्फ एक घंटे में ही निपटा दिया

और focus रखा कि उन्हें किस बात को लोगों के सामने रखना है। बता दूँ कि education के importance के साथ-साथ ये एक action ड्रामा फिल्म भी है और जहाँ असर है वहाँ action कैसा होगा ये मुझे अलग से बताने की जरूरत नहीं है। at the age of sixty three playing a character of fifty years and doing actions like पच्चीस साल के हो समझा करो भाई साहब ऐसे ही नहीं वो बोलते bro I don’t care फिल्म में कितने भी scenes ऐसे हो जो physics के rules को follow नहीं करते हो पर है तो bro I don’t care even Kajal Agrawal को उनका love interest दिखाया है पर उस चीज को उम्र के साथ compare करके जिस तरह से present किया है bro I don’t care मतलब आपको जरा भी accord किए बिना ये movie चलती रहेगी और आप enjoy करते रहोगे साथ ही में Arjun Rampal as villain दिखाए गए है बालाकृष्णा सर के आगे उनका स्क्रीन टाइम थोड़ा छोटा है बट उतने ही टाइम में उन्होंने अपने एक्टिंग परफॉर्मेंस से शाइन किया है

अब क्योंकि हर किसी ने मूवी थिएटर्स में जाकर तो नहीं देखी होंगी तो कलर्स इन इप्लेक्स पर फिल्म हिंदी डब में आ रही है संडे चार फरवरी को रात आठ बजे आप अपनी जगह से नहीं हिलोगे मूवी इतनी पेसी है और हर scene में कुछ ना कुछ होते रहता है अब इससे अच्छा मौका नहीं हो सकता भाई family के साथ ये मूवी देखने का अब देखो भले ही इसमें कुछ flaws हो पर जब मैं ये मूवी देखने बैठा तो I realize कि के through ये movie आज के समाज को एक बहुत बड़ा message दे जाती है good touch, bad touch, girl education, women empowerment, importance of family ये सारी बातें मांस मसाला entertainment के साथ अगर मिल जाए तो क्या ही दिक्कत है जाइए और चार तारिक को यानी चार फरवरी को पर family के साथ ये movie enjoy जरूर करना मिलते है.

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फाइटर मूवी रिव्यु मूवी हिंदी | fighter movie review movie Hindi

fighter release हो गई है भाई ऋतिक रोशन, दीपिका पादुकोण बड़े नाम, बड़े बजट वाली फिल्म है यार तो क्या नाम बड़े दर्शन छोटे तो नहीं? मास्टरमाइंड सिद्धार्थ आनंद फिर से हाजिर है भाई छब्बीस जनवरी को फैंस को गिफ्ट देने के लिए War Pathan fighter hat trick लगेगी। सच बोलूँ तो काफी लोग confuse हो गए थे यार फिल्म के trailer के बाद क्योंकि फिर से वही इंडिया versus पाकिस्तान पे पैसे उड़ाना कहीं पैसे की बर्बादी तो नहीं है। कुछ लोगों को फिल्म से गदर टू वाली vibes भी आई थी dialogue बाजी के दम पर सिनेमा को चलाना action वाला department कमजोर होगा लगता है। तो बॉस सीधा जवाब ऊपर वाले दोनों सवालों का एक ही है। कोई इतना गलत कैसे हो सकता है?

Boss fighter में गलतियां तो छोड़ो सिर्फ एक गलती ढूंढना भी बड़ा मुश्किल काम है। एक proper balance cinema बनाया है। पैसा समझो मतलब हर डिपार्टमेंट में जितना जरूरी है उतना दिखाना फीलिंग्स है एक्शन है डायलॉग्स है और कभी ना देखें स्टंट्स भी है और सबसे जरुरी satisfaction भी मिलेगा सिद्धार्थ आनंद फेमस ही इसीलिए है क्योंकि ये इंटरनेशनल लेवल जैसा सिनेमा बनाते है तो कहीं हॉलीवुड को कॉपी पेस्ट तो नहीं मार दिया शॉर्टकट बॉस टॉप गन मैव्रिक मुझे पता है आपके मन में फाइटर को लेकर सबसे बड़ा शक इसी फिल्म की वजह से है और उसको दूर करना मेरी जिम्मेदारी है ये बोलना गलत होगा यार की टॉमक्रूस की फिल्म का फाइटर से कोई लेना देना नहीं है जी नहीं टॉप गन मैव्रिक इस फिल्म इंस्पिरेशन जरूर है लेकिन उस सब्जेक्ट में जब इंडियन इमोशंस डाल दिए जाएं और रियल इंसिडेंट से उठाकर रिवेंज की कहानी दिखाई जाए तब फाइटर कम्पलीट होती है। एरियर एक्शन पहली बार इंडियन सिनेमा में ट्राई किया जा रहा है। टीवी पर देखा है ना आपने छब्बीस जनवरी वाले दिन सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। लेकिन आसमान तक पहुंचने से पहले उस प्लेन को चलाने वाला पायलट कितने चैलेंजेस को पार करता है।

फाइटर एडवांस बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 3 दिन | Fighter advance box office collection 3 days

वही चीज फाइटर ने दिखाने का ट्राई मारा है। कमाल की बात है यार ट्रेलर में हम लोग डर रहे थे ना कि फिल्म को वीडियो गेम जैसा तो नहीं बना दिया। एवरेज घटिया स्पेशल effects वगैरह वगैरह। लेकिन बॉस पूरे स्टार्ट से एंड तक आपको शिकायत का एक मौका नहीं मिलेगा। स्पेशल effects स्टॉप लेवल के हैं और उनका भी नहीं किया गया। स्पेशली जो हवा वाले सीन्स बनाए हैं, उनको ऐसे ही अचानक से प्रेजेंट नहीं किया जाता कि देखो और भूल जाओ। अगर कोई प्लेन आसमान में उतरता है, तो पहले उसकी कहानी समझाते हैं, ताकि जब एक्चुअली उसका एक्शन सीन आए तो आप इमोशनली कनेक्ट हो जाओ। यहाँ पे स्पेशल एक्सट्रा तारीफ ऋतिक रोशन की करना चाहूंगी मैं, जो इतने बड़े स्टार होने के बाद भी एक्टिंग के साथ कोम्प्रोमाईज़ नहीं करते, ऋतिक का कैरेक्टर लिखा जबरदस्त है और उसको खतरनाक परफेक्शन से किया जाता है जिस वजह से पूरी फिल्म की कहानी पे यकीन सा हो जाता है.

ये चीज उल्टी पड़ गई थी टाइगर थ्री के टाइम जब सलमान खान को प्रेजेंट बढ़िया किया गया लेकिन उनका परफॉर्मेंस फिल्म के साथ लोगों को जोड़ नहीं पाया. हाँ तो बैक टू फाइटर फिल्म की सबसे बढ़िया चीज क्या है जानते हो हवा में तो जब प्लेन्स उड़ेंगे तो वो उसका एक्सपेक्टर होगा हम जानते थे. लेकिन जमीन पे जो कहानी बनाई गई है वो भी उतनी ही इंटरेस्टिंग और इमोशंस के साथ प्रेजेंट की गई है. जिसमें दीपिका पादुकोण को एक्स्ट्रा क्रेडिट मिलेगा. वैसे फिल्म में स्पाई यूनिवर्स वाले कर्नल लूथरा भी अलग रोल में और जब दीपिका के साथ इनका सीन आप देखोगे उस चीज को सिनेमा बोलते हैं। पता है पहली बार मुझे ऐसा लग रहा है कि हाँ बॉलीवुड में वाकई एयरफोर्स पे एक genuine फिल्म बनाने का try मारा है। फालतू का टाइम pass वो हीरो हीरोइन का जबरदस्ती romance करके गाना बजाना और सिर्फ dialogue बाजी मार के देशभक्ति का फायदा उठाना fighter में ऐसा कुछ नहीं है।

जैसे सबसे common mistake बाकी movies में यही होती कि अपना pilot एकदम से सुपर हीरो बन के हाथ पैर से पचास-साठ लोगों को पीट डालता। अरे भाई fighter pilot है वो उसका काम है आसमान में जंग लड़ना। ये छोटी-छोटी चीजों का पूरा ध्यान रखा है सिद्धार्थ आनंद ने ऋतिक रोशन को इस्तेमाल करना वो भी ऐसी फिल्म है जिसका lead hero एक plane है बिल्कुल आसान काम नहीं है भाई लेकिन ये सीन देखो अब कोई शक बाकी है। और पता है काफी लोग शायद इस बात से नाराज हो जाए मुझसे agree भी ना करें लेकिन पठान के comparison में fighter एक ज्यादा complete फिल्म है। क्योंकि इस बार मुझे सिर्फ थिएटर में मास्क नहीं मिला उसके साथ-साथ एक proper sequence में चलने वाली intelligent कहानी भी दिखाई गई। और हाँ भाई विलेन को कैसे भूल सकते हो आप ऋतिक के सामने खड़ा होना as bad guys इसके लिए भी अलग का कॉन्फिडेंस चाहिए सर।

लेकिन सिद्धार्थ आनंद ने सिर्फ अपने विलेन के लुक से आधा मिशन कम्पलीट कर लिया था। फिल्म में सीन कम है लेकिन जितने हैं उसमें दम है। ऋषभ भैया long way to go बस एक शिकायत मेरी और काफी लोगों की पूरे बॉलीवुड से ये होगी कि भाई अगली बार से ये इंडिया वर्सेज पाकिस्तान का overdose मत किया करो। अगर fighter में ये angle नहीं डाल के कुछ personal दुश्मनी दिखा देते दो fighters के बीच में literally ये फिल्म बवाल कर देती कहानी unpredictable बन जाती। तो भैया fighter को मेरी तरफ से पाँच में से पूरे चार stars मिलेंगे। पहला airplane scene हैं, दूसरा कहानी के साथ जोड़ने वाले emotions perfect हैं।

तीसरा ऋतिक with दीपिका and अनिल कपूर इन तीनों का character जबरदस्त है even supporting में एक्टर्स का performance solid है। चौथा पॉइंट फिल्म के भागने की स्पीड माने स्क्रीन पे खरगोश जैसा है। कब खत्म हुई समझ ही नहीं आया। नेगेटिव में बस वो same reputative इंडिया वर्सेज पाकिस्तान का मामला जिसकी वजह से फिल्म कैसे खत्म होगी हम पहले से ही समझ गए ना excitement for climax zero हो गया।

फाइटर मूवी एडवांस बॉक्स ऑफिस कलेक्शन डे 5 | Fighter Movie Advance Box Office Collection Day 5

बडे मिया छोटे मिया टीजर रिव्यू | Bade Miyan Chote Miyan Teaser Review

फिल्म बड़े मियां छोटे मियाँ का धमाकेदार teaser release हो चुका है और teaser देखने के बाद इतना ही कहूँगा कि it’s a massive blockbuster फिल्म जी हाँ दोस्तों teaser इतना धमाकेदार है तो trailer कितना खतरनाक होगा और ये फिल्म कितनी शानदार होगी इसका idea हम इस छोटे से teaser से लगा सकते हैं क्योंकि दोस्तों इस teaser में बेहतरीन dialogue, शानदार visual, दमदार action और अली भाई का जादू फिर से दिख रहा ट्रेजर की शुरुआत होती है और जब पहला डायलॉग आता है ना दिल से सोल्जर दिमाग से शैतान है हम बच के रहना हिंदुस्तान है हम मतलब कि भैया क्या डायलॉग है हर एक हिंदुस्तानी ये डायलॉग सुनने के बाद शरीर के रोंगटे खड़े हो जाते हैं.

अब teaser थोड़ा आगे बढ़ता है उसके बाद हमें ग्रेंड विजुअल देखने को मिलते हैं और इतना stylish action visual हमने इससे पहले सिर्फ हॉलीवुड की फिल्मों में देखा था तो यहाँ पर अली भाई ने पूरी तरह से इस फिल्म को हॉलीवुड के लेवल की बनाई अब दोस्तों बात करें हमारे बड़े मियां और छोटे मियाँ यानी कि अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ के बारे में तो भैया दोनों ने फाइनली एक सॉलिड कमबैक कर लिया है क्योंकि इस टीचर में अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ की जो केमिस्ट्री है वो काफी कमाल की लग रही है और दोनों के दोनों ओजी एक्शन हीरो यहाँ पर पूरी तरह से स्क्रीन पर आग लगा रहे हैं।

फाइटर मूवी एडवांस बॉक्स ऑफिस कलेक्शन डे 5 | Fighter Movie Advance Box Office Collection Day 5

दोस्तों टीसर में ही इन दोनों को देखकर इतनी excitement हो चुकी है फिल्म के लिए तो सोचिए कि जब ट्रेलर आएगा तो और कितनी ज्यादा फिल्स के बीच में बढ़ने वाली है यहाँ पर दोस्तों फिल्म भी पूरी तरह से कमाल की होगी क्योंकि फिल्म के जो डायरेक्टर है वो है अली अब्बास जफ़र जो इससे पहले सुल्तान और टाइगर जिंदा है जैसी दो दो मासिव एक्शन ब्लॉकबस्टर फिल्में दे चुके है। हालाँकि दोस्तों यहाँ पर टीजर में फिल्म की जो हीरोइंस है उन्हें नहीं दिखाया है।

बडे मिया छोटे मिया टीजर रिव्यू | Bade Miyan Chote Miyan Teaser Review

अच्छा भैया टीजर में सबको नहीं दिखाना। यहाँ पर पृथ्वीराज सुकमानन की भी एक झलक दिखाई है लेकिन पृथ्वीराज सुकमानन का जो character है वो कितना brutal और कितना होगा सिर्फ इसका आईडिया दिया है। तो टीजर इतने perfect तरीके से कट किया है कि ये तो बता दिया है कि फिल्म में हाई लेवल का एक्शन होगा शानदार विजुअल होंगे दमदार कहानी होगी लेकिन फिल्म की मेन थीम क्या होगी वो यहाँ पर फिल्म के मेकर्स ने कहीं ना कहीं सीक्रेट रखी है और वैसे भी जितना कुछ पता चल रहा है.

टीजर देखकर उससे तो लग रहा है कि भैया फिल्म की कहानी काफी हटकर होने वाली है तो दोस्तों मुझे तो टीजर पूरी तरह से ब्लॉकबस्टर फिल्म की वाइफ दे रहा है और फिल्म के लिए जो excitement है उसे सौ गुना बढ़ाने का काम किया है इसके टीजर ने तो टीजर तो फिल्म का पूरी तरह से blockbuster है अब इंतजार है ट्रेलर का उसके बाद में फिल्म का क्योंकि दोस्तों फिल्म में देशभक्ति होगी धमाकेदार एक्शन होगा शानदार बैकग्राउंड म्यूजिक होगा और फिर से रिपीट करूंगा इसके विसुअल पूरी तरह से हाई लेवल और ग्रैंड होने वाले हैं।

हनुमान बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 12 दिन कितना रहा। Hanuman box office collection day 12

आप marry christmas देखने क्यों जाएंगे?

आखिर वो क्या वजह होंगी जो आपको merry christmas जैसी फिल्म की तरफ खीचेंगी उन वजहों पर अभी बात करते हैं पहली बात मैं आपको बता दूँ कि इसमें जो बड़ा unusual सा pair दिख रहा है। एक तरफ विजय सेतुपति हैं।

और दूसरी तरफ कटरीना कैफ हैं। दोनों को अगर आप एक फ्रेम में रखेंगे तो आपको समझ में नहीं आएगा कि ये तालमेल बैठा कहाँ से? लेकिन मैं आपको बता दूँ इसके trailer की जो कहानी है।

हनुमान बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 1 दिन । Hanuman Box office collection day 1

जो मेरे सामने कुछ Points हैं, मैं आपको बता रहा हूँ आह merry Christmas के Trailer में कहानी नज़र में तो एक ऐसी लग रही है कि love story है लेकिन trailer में आगे जाकर सबको ये पता चलता है

कि Ishq और कैटरीना के किरदार अपनी-अपनी दुनिया से अलग-अलग क्रिसमस के दिन अचानक मिल गए हैं और मोहब्बत के कुछ पल चुराना चाहते हैं। मगर चूँकि ये राघवन की फिल्म है तो यहाँ लव स्टोरी का एंड ना तो रोमांटिक होगा ना ही

ट्रैजिक यहाँ कहानी में आएगा ट्विस्ट और इसी ट्विस्ट के लिए लोग इस फिल्म को देखने इसके ट्रेलर में कुछ ऐसा suspense है जो आपको बता देता है कि ये जो फिल्म की कहानी है बहुत ज्यादा interesting होने वाली है।

अंधाधुंध अगर आपने देखी है तो आपको पता होगा कि एक उसमें सीन है। जिसमें blind है। अह आयुष्मान और वो ब्लाइंड होने का नाटक करते हुए अह washroom जाते हैं, वहां पर एक लाश पड़ी है क्योंकि अभी-अभी वहां पर एक

मर्डर हुआ है, ये सीन आपको याद होगा, तब वो आपको याद आ रही होंगी और उस लाश को जो है Washroom में लाने वाला जो है वो एक पुलिस officer है और हत्या भी उसी ने की है वो check कर रहा है कि आयुष्मान को सच में दिखाई देता है या नहीं,

आयुष्मान के किरदार की हालत जब आप देखते हैं वहां पर तो आपको डर भी लगता है, हंसी भी आती है, लेकिन कहीं ना कहीं बहुत कुछ establish कर जाते हैं, राघवन और इसी तरीके के Scenes expect किए जा रहे हैं, Merry

Christmas से भी और श्रीराम राघवन कैटेगरी के एक डायरेक्टर हैं जो अपनी फिल्मों से लोगों को हैरान भी करते हैं, कुछ ऐसा लेकर आते हैं जो आपने पहले कभी ना देखा हो। अह अगर आप याद करें जॉनी गद्दार को, एजेंट विनोद को

अंधाधुंध को ये राघवन की फिल्में हैं जो आपको हिला कर रख देती हैं, तो मेरी क्रिसमस साल की शुरुआत में बारहवें दिन जनवरी को आ रही है, तो हो सकता है कि बहुत बड़ा एक ऐसा dose हो ये जो आपको हिलाकर रख दे।

तो कुल मिलाकर है अगर आप देखे एजेंट विनोद को आप देखे जॉनी गद्दार को तो आप समझ जाएंगे कि मेरी क्रिसमस किस तरह की फिल्म है और इसी तरीके की एक्सपेक्टेशन आप रख भी सकते हैं लेकिन हाँ ये Unusual जो दिख रहा है

विजय सेतु पति और कैटरीना कैफ ये पर्दे पर जब आएंगे तो कैसे लगेंगे। और लोग शायद उसमें ये भी इमेजिन करके देखेंगे कि अगर विजय सेतु पति वाले रोल में अह सैफ अली खान होते तो क्या वो उतना इंसाफ कर पाते?

या क्या हम ये कह सकते हैं कि विजय सेतु पति जो सैफ अली खान से बेहतर actor हैं। या ये रोल ही ऐसा था जिसमें पहले सैफ को Cast किया गया फिर राघवन को बदलना पड़ा और उन्होंने विजय सेतुपति को cast किया।

जब भी आप फिल्म देखे मुझे जरूर बताइएगा मुझे भी इंतजार है मैं इस फिल्म को देखूंगा review करूंगा। और देखते हैं आगे ये सिलसिला कैसा चलता है, साल की शुरुआत बॉलीवुड के लिए कैसी रहती है?

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कैप्टन मिलर: साल 2024 की पहली सबसे बवाल पिक्चर का ट्रेलर आ गया

धनुष की फिल्म कैप्टन मिलर का ट्रेलर रिलीज हो गया है। साउथ फिल्मों के लिए संक्रांति वीकेंड बहुत बड़ा होता है, हिंदी फिल्मों के लिए ये दिवाली वीक जैसा होता है. हर बड़ी फिल्म उस स्लॉट में आना चाहती है, कैप्टन मिलर भी संक्रांति पर। यह फिल्म 12 जनवरी 2024 को दुनिया भर के सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है।

रिलीज से एक हफ्ते पहले फिल्म का ट्रेलर आ गया है। इसे देखकर लग रहा है कि यह साल 2024 की पहली सबसे बड़ी फिल्म होने वाली है। फिल्म के ट्रेलर की शुरुआत धनुष के किरदार के परिचय से होती है। यह कहानी अंग्रेजों के समय की है। मिलर उनका दुश्मन है लेकिन वह केवल उनका लक्ष्य है।

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इसे देखकर ऐसा लग रहा है कि उनके अपने भी उन्हें ढूंढकर मारना चाहते हैं. कैप्टन मिलर विद्रोही और बागी किस्म के हैं. ट्रेलर में उनकी पिछली कहानी की भी झलक मिलती है। वह कभी भी अंग्रेजों के लिए लड़ता है और फिर किसी कारण से उनके खिलाफ बंदूक उठा लेता है। वह सिर्फ बंदूक ही नहीं उठाता बल्कि उन पर मिसाइल लॉन्चर भी दागता है।

ट्रेलर दिलचस्प है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि ट्रेलर को इस तरह से काटा गया है कि यह बीट्स के साथ विजुअल सिंक में चलता है, यानी दोनों एक-दूसरे पर सवार होने का काम करते हैं। हम पहली प्रकार की जाति नहीं हैं। धड़कनें आपको वैसे ही सुनाई देती हैं और वैसा ही विजुअल ट्रेलर में आता है. कैप्टन मिलर बड़े पर्दे की फिल्म है लेकिन फिर भी लाउड नहीं है.

धमाकों की आवाज से कान में दर्द नहीं होता। कैप्टन मिलर को लिखा। इसका निर्देशन अरुण मथेश्वरन ने किया है और निर्देशन फिल्म के सिनेमैटोग्राफर सिद्धार्थ लोमी ने किया है। उनके बनाए दृश्य ध्यान खींचते हैं. फिल्म में कैप्टन मिलर का किरदार निभाने वाले धनुष के अलावा कुछ दिनों पहले शिवा राजकुमार, प्रियंक मोहन और संदीप किशन जैसे कलाकार भी कैप्टन मिलर के किरदार में काम कर चुके हैं।

सीबीएसई सेंसर सर्टिफिकेट की वजह से भी चर्चा में रही थी. सीबीएसई ने फिल्म में कुल चौदह बदलाव किए हैं, इसमें शब्दों को म्यूट करने से लेकर एक्शन सीन हटाने तक के निर्देश शामिल हैं, यहां तक कि क्लाइमेट का चार मिनट का हिस्सा भी बोर्ड से हटा दिया गया है। कहना पड़ेगा कि वे दृश्य अद्भुत थे।

आपको बता दें कि कैप्टन मिल सिर्फ एक फिल्म की तरह रिलीज नहीं होगी. निर्माताओं की योजना इसे तीन फिल्मों की फ्रेंचाइजी में बदलने की है। अगली दो फिल्में कब आएंगी? उनका भविष्य पहले भाग पर निर्भर करता है।

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डंकी हिट हुई या फ्लॉप? | Dunki hit hui ya flop

डंकी आई और जैसा सबको पता था फिल्म बड़ी  नहीं लंबी रेस का घोड़ा है इसीलिए opening 100-200 करोड़  ना हो लेकिन लाइफ टाइम अच्छा खासा रिकॉर्ड बनाएगा। और हुआ भी  वही है क्योंकि फिल्म ने सिर्फ चार दिनों में प्रॉफिट लॉस से  ऊपर उठ के अपने बजट को क्रॉस करते हुए एसआरके के की hat trick  मार दी है गुरु। जिसको नहीं पता clear कर देती हूँ डंकी का

total  बजट 120 करोड़ के आसपास है जिसमें 85 करोड़ फिल्म  बनाने में लगे और बाकी पैंतीस promotion वगैरह किए हैं। पहले  तीन दिनों में बॉस फिल्म सिर्फ इंडिया के अंदर पचहत्तर करोड़  कमा के अच्छे खासे स्पीड से आगे बढ़ रही थी लेकिन चौथे दिन तो  आसमान में उड़ गई है। जी हाँ संडे माने फोर्थ डे पे डंकी नेट  फिगर्स में सिर्फ इंडिया के अंदर 35 करोड़ से थोड़ा

ऊपर-नीचे  collection किया है। थर्ड डे के comparison में almost 10 करोड़  का jump बहुत मायने रखता है और साफ इशारा करता है कछुआ बनके ही  सही रेट्स को फिनिश जरूर करेगी. इस हिसाब से सिर्फ डोमेस्टिक  कलेक्शन में एसआरके ने चार दिन माने सौ घंटे से भी कम में डंकी  को अपने बजट रिकवरी के पास ले जा के खड़ा कर दिया है. लेकिन जैसा  आपको

पता है कि एसआरके के सिनेमा के जादू को कोई बाउंड्री नहीं  रोक सकती. इसीलिए डंकी का डंका सिर्फ इंडिया नहीं इंडिया के  बाहर भी बज रहा है. जिसका सबसे बड़ा सबूत है. फिल्म का वर्ल्ड  वाइड कलेक्शन जहाँ सुनके चौंक जाओगे आप. जितना बिजनेस देसी है  लगभग उतनी ही गिनती विदेशी भी है. जी हाँ, फिल्म ने चार दिनों  में डबल सेंचुरी का स्कोर बोर्ड पार करते

लगभग दो सौ बीस करोड़  का business कर डाला है budget से सौ करोड़ ज्यादा तो भैया वो  लोग जो सपना देख रहे थे कि Pathan और Jawan तो तुक्के में  चल गयी लेकिन तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा होगा और डंकी flop के  गद्दे पे पड़ा होगा बुरी खबर है आपके लिए क्योंकि Shahrukh Khan  की hat trick complete है sir एक साल में तीन फिल्में और तीनों की  तीनों

blockbuster list में शामिल होने जा रही है आज पाँचवे  दिन भी डंकी की advance booking almost दस करोड़ की है sir जबकि  on spot booking festival वाले दिन अलग ही record बनाती है इस  हिसाब से fifth day पे भी आप donkey का business पच्चीस करोड़  expect कर सकते हो सिर्फ इंडिया से जबकि वर्ल्ड वाइड ये नंबर और  बढ़ेगा। एक मोटा-मोटा

अंदाजा लगा के बताऊँ तो शाहरुख खान की फिल्म  पूरी दुनिया में पांच दिनों के अंदर third century के दरवाजे के  पास खड़ी होगी। और कमाल की बात जानते हैं क्या? जितना योगदान इस  चीज में फिल्म के content का है उससे कई ज्यादा credit एसआर के  दर बिजनेसमैन के दिमाग को देना पड़ेगा। सलाह के numbers देख रहे  हो आप फिल्म सिर्फ पाँच दिनों में

पाँच सौ करोड़ को टच करने जा  रही है लेकिन ये पाँच सौ कम से कम साढ़े छह सौ सात सौ भी हो  सकता था। वो सिर्फ इसलिए नहीं हुआ क्योंकि प्रभास के रास्ते  में स्पीड बनकर शाहरुख खान की जबरदस्त प्लानिंग एंड प्लॉटिंग  ने उसका रास्ता ही रोक दिया। आपको पता है केजीएफ टू ने इंडिया  में 808 करोड़ कमाए थे जिसका ठीक आधा माने 430 करोड़ का बिजनेस

उसने हिंदी बेल्ट से किया था और ये नंबर  सलाद के collection से almost ninety percent गायब कर दिया है  बिजनेसमैन शाहरुख खान की सोची समझी जबरदस्त strategy ने सलाद  को डंकी के comparison में बहुत कम शोज मिले हैं नॉट बेल्ट में  मल्टीप्लेक्स और सिंगल स्क्रीन्स में ये सबको पता है। लेकिन क्या  आपको पता है जो शोज मिले भी हैं ना वो ऐसे टाइम के हैं

जब पब्लिक  का में आना फिफ्टी-फिफ्टी चांस होता है। सिनेमा का गोल्डन  पीरियड है छह से नौ के बीच वाला रात में वहाँ public भाग के जाती  है थिएटर और कमाल की बात है इस टाइम के ninety परसेंट शोज डंकी  को मिले हैं। जबकि सलार को

चार बजे के बाद direct दस, साढ़े दस,  ग्यारह या फिर साढ़े ग्यारह बजे के shows मिले हैं, ज्यादातर  थिएटर्स में दिल्ली एनसीआर की बात कर रही हूँ जहाँ मैं हूँ।  इसीलिए सलार चाहे कितना भी बिजनेस छाप  लेकिन हजार,  15 सौ करोड़ तक जाने वाली backbone, रीढ़ की हड्डी माने  हिंदी बेल्ट के numbers missing है।

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ये है डंकी की असली कहानी | ye hai Dunki ki asalee kahani

गुजरात की राजधानी गांधीनगर से करीब तेरह किलोमीटर दूर एक गाँव है डिंगूचा नाम से वैसे तो इस गाँव की जनसंख्या तीन हजार लोगों के आस-पास है। लेकिन आधे से ज्यादा घरों पर यहाँ ताले लगे पड़े हैं। बताया जाता है कि अठारह सौ के करीब गाँव वाले अब डिंकूचा में नहीं रहते ये लोग ना सिर्फ अपना गाँव बल्कि देश भी छोड़कर चले गए। लोगों को job नहीं मिलती थी इससे

अच्छा तो प्रदेश में अच्छा रहेगा। अमेरिका नहीं जाएंगे तो मेरे की लाइफ इधर है नहीं आज भी में जगह-जगह पर ऐसे posters लगे हैं study in UK Canada free application offer letter in three days सबसे ज्यादा add अगर आपको इस गाँव में किसी चीज की दिखेगी तो वो है यूएस और कनाडा वीजा लेने की। कई ऐड्स में तो सीधा लिखा गया है कि आपको वीजा मिल

जाएगा बिना कोई exam दिए जनवरी दो हजार बाईस की बात है अपने गाँव में बाकी लोगों को अमेरिका जाता देख के एक परिवार ने यही करने का फैसला किया। उनतीस साल के जगदीश अपनी पत्नी और दो बच्चों के कनाडा की फ्लाइट पकड़ते हैं। अपने गांव में पहले ये एक टीचर की नौकरी किया करते थे और बाद में अपने भाई के गारमेंट बिजनेस में हाथ बटाते थे। लेकिन

इनकी कमाई पूरे परिवार की महीने की कमाई सिर्फ नौ से दस हजार रुपए हो पाती थी। जाहिर सी बात है पैसों की कमी के चलते और बेरोजगारी की वजह से इन्होंने ये फैसला लिया। बड़ी मुश्किल से पैंसठ लाख रुपए इकट्ठे कर पाते हैं, एक एजेंट को देने के लिए जो इन्हें अमेरिका तक लेकर जाएगा। donkey process के through इनकी पत्नी वैशाली का सपना था कि वो

अमेरिका में जाकर एक beauty salon में काम करें और जगदीश अपने बच्चों को बेहतर education देना चाहते थे। इस आखिरी उम्मीद में ये अपना गांव छोड़ते हैं और बारह जनवरी को टोनोटो की फ्लाइट पकड़ते हैं। इस डोंग की process का मतलब था कि इनका एजेंट इन्हें यूएस कनाडा बॉर्डर के पास तक drop कर देगा और बाकी रास्ता इन्हें पैदल चलकर जाना

होगा। और अमेरिकन border illegally cross करना होगा और टोनाटो में land करने के बाद करीब एक हफ्ता ही बीता था कि पुलिस को पूरे परिवार की लाशें मिलती है बॉर्डर से सिर्फ बारह मीटर दूर. इन चारों ने बेहद बर्फीले मौसम में दम तोड़ दिया था ये शायद इस बात से अनजान थे कि यहाँ पर minus thirty five degree celsius की ठंड में इन्हें बॉर्डर cross करना

पड़ सकता है। एक बहुत ही दर्दनाक अंत इस कहानी का लेकिन जगदीश का परिवार इकलौता नहीं है ऐसा। हर साल हजारों की संख्या में इंडियंस कोशिश करते हैं illegally यूएस, यूके जैसे देशों में जाने की इस डोंकी process के जरिए। और इनमें से कई सारे अपनी जान गवा देते हैं इस कोशिश में। यही कारण यूएस border को world’s most dangerous border कहा जाता

है। इसी मुद्दे पर एक नई फिल्म आई है राजकुमार हिरानी और शाहरुख खान की डंकी नाम से तो मैंने सोचा ये एक अच्छा मौका होगा इस process को ढंग से समझने का आइए जानते हैं इस Dunki की process की असलियत आज के इस article में ये जो पूरा process है दोस्तों बिना visa के किसी देश में जाने का back door illegal entry करने का इसे donkey flight या

donkey process का नाम दिया जाता है। शुरुआत में इस शब्द को सिर्फ UK के लिए इस्तेमाल किया जाता था। कई Indians UK तक इस तरीके से जाने के लिए पहले यूरोप की shengon zone में जाते थे। ये सत्ताईस European देशों की एक zone है जहाँ पर सिर्फ एक visa की जरूरत होती है। इनमें से किसी भी देश का visa हो तो बिना दूसरे देश के visa के border

cross किया जा सकता है। हालाँकि UK कभी भी shangon zone का हिस्सा नहीं रहा लेकिन यूरोप काफी पास आ जाता है UK के लोग अलग तरीकों से यूरोप के through होते हुए UK घुसने की कोशिश करते थे। कुछ लोग ट्रकों में travel करते,

कुछ लोग गाड़ियों में तो कुछ लोग पैदल चलकर घंटों-घंटों तक ये सफर तय करते हैं। migration policy institute की एक statistic बताती है कि आज से दस साल पहले भी हर महीने करीब डेढ़ सौ Indians को deport किया जाता था UK से

लेकिन आज के दिन ये donkey, donkey process हर तरीके की back door entrance के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ज्यादातर लोग आज के दिन UK की जगह America जाने की सोचते हैं, इस donkey process के जरिए हजारों visa agencies और companies है जो ये काम करवाती है इन companies में जो agents लोगों को इधर से उधर transport करने का काम करते है

इन्हें donkers कहा जाता है सबसे ज्यादा illegal immigrants export करने के लिए India में दो states बहुत famous है Gujarat और Punjab लेकिन recent years में बढ़ती बेरोजगारी के चलते हरियाणा भी इस मुकाबले में काफी आगे निकल गया है कितना price ये agencies charge करती है ये depend करता है कि अब इनका कौन सा package लोग है मजाक

नहीं कर रहे इनके सही में packages होते deluxe travel package जिसमें आपके लिए fake documents बनवाएंगे travel में आपको assist करेंगे एक economy package अगर ज्यादा pay नहीं करना आपको तो ये आपको border के पास लाकर drop कर देंगे और उसके बाद आपको पूरा रास्ता खुद पैदल चल के जाना है depending upon the package

पच्चीस से साठ लाख रुपए तक की रकम मांग सकते हैं बहुत से लोग जो इन companies के जाल में फंसते हैं वो या तो realize नहीं करते कि regular visa की fees कभी इतनी ज्यादा नहीं होती या फिर वो लोग ऐसे होते हैं जो regular visa अपने लिए लगवा ही नहीं पाते कोई ना कोई वो meet नहीं कर पाते visa लगवाने की इसलिए उन्हें लगता है कि इतनी बड़ी

रकम देने के अलावा उनके पास कोई और option नहीं बचा है क्योंकि ये काम illegally किया जाता है तो regular visa की applications को bypass कर लिया जाता है और लोग इतना पैसा इकट्ठा करने के लिए अक्सर अपने खेत बेच देते है अपने घर बेच देते है और कई बारी तो पूरी life savings इसी एक उम्मीद पर लगा देते है कुछ दोष इन companies और

agencies पर भी जाता है क्योंकि बहुत सी बारी ये companies लोगों को गुमराह करती है झूठे वादे सुनाकर ये कहती है कि हम ना सिर्फ आपको बड़ी से अमेरिका तक पहुंचा देंगे बल्कि वहां पर ढेर सारी job opportunities भी मिलेंगी आपको और जो असली मुसीबतें आएँगी इस सफर में और जो legal processes का आपको सामना करना पड़ेगा। इन सब चीजों को

छुपाकर रखते हैं। जो लोग इन चीजों के बारे में ज्यादा जानते नहीं वो इस जाल में फंस जाते हैं, यहाँ एक information gap है, जिसे exploit किया जा रहा है, इन companies के द्वारा। लेकिन आज के दिन chat GPT जैसे AIIMS software की मदद से सारी चीजें आप खुद से जान सकते हैं। किसी और पर depend होने की जरूरत नहीं। अलग-अलग देशों के immigration

processes कैसे काम करते हैं? उनकी क्या visa होती हैं, travel से related क्या expenses आते हैं? ये सारी knowledge आपको chat जीपीटी समझा सकता है, आसान हिंदी भाषा में exactly कैसे इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना है अपने फायदे के लिए, इसी के लिए मैंने एक साढ़े चार घंटे का chat जीपी पर कोर्स बनाया है पूरा हिंदी में। इसमें step by

step मैंने सिखाया है कि कैसे अलग-अलग कामों में आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, इसकी बात मैंने पिछले वीडियोज में भी कई बार करी है लेकिन एक चीज जो शायद आप नहीं जानते हो कि इस कोर्स में एक specific lesson है studying abroad के ऊपर। अगर आपको बाहर पढ़ने जाना है, तो consultant पर depend होने की जरूरत नहीं। कैसे आप chart

जीपीटी का इस्तेमाल कर सकते हैं? वो information जानने के लिए। एक specific lesson है travel planning के ऊपर। अगर आपको बाहर घूमने जाना है तो किसी travel agent पर depend होने की जरूरत नहीं। खुद से आप अपनी planning कर सकते हैं। इसके अलावा अलग-अलग chapters हैं जो students पर focus करते हैं employees पर, business

owners पर या घर के कामों में। हजारों लोग जिन्होंने अभी तक इस course को लिया है, उन्हें बहुत useful लगाया है, उनके reviews आप स्क्रीन पर देख सकते हैं। और अगले महीने मैं एक बड़ा अपडेट भी लाने वाला हूं, इस कोर्स पर। तो अगर आपने अभी तक ज्वाइन नहीं किया है, नीचे इसका में link मिल जाएगा या फिर आप इस क्यूआर code को scan कर सकते हैं।

और आप में से पहले चार सौ लोग जो coupon code इस्तेमाल करेंगे Don forty DUN fourty उन्हें forty percent off भी मिलेगा। तो जरूर जाकर check out करना। Patel परिवार जिनकी बात मैंने  की शुरू में करी थी उनकी कहानी पर वापस आए तो उन्होंने ज्यादा लोगों को बताया नहीं था कि वो कहाँ जा रहे हैं। बारह जनवरी को Toronto पहुंचने के बाद वो

Canada के money तोबा province में गए जोकि करीब दो हजार एक सौ किलोमीटर दूर है Toronto से एक हफ्ते बाद उन्हें Emercind Town के drop किया गया ये एक छोटा सा town है आप नक्शे पर देख सकते हैं अमेरिकन बॉर्डर के दूसरी तरफ नॉर्थ डकोटा और मिनिसोटा के पास जब इनकी bodies पाई गई तो उनके आसपास कोई गार्डिया वैन का नामोनिशान

तक नहीं था इसका मतलब था कि ये काफी समय से चल रहे थे। और same दिन जब इनकी bodies मिली तो कैनेडियन साइड पर एक सैंतालीस साल के यूएस सिटीजन स्टीव शैंड को भी अरेस्ट किया गया इमेरसन से करीब आठ किलोमीटर दूर ये एक पंद्रह सीट वैन ड्राइव कर रहे थे जिसमें दो गुजराती बैठे थे passengers के तौर पर बाद पांच और गुजराती पाए गए जो

अमेरिका के चार सौ मीटर अंदर मिले। जब authorities ने इन्हें पकड़ा तो इन्होंने बताया कि ये ग्यारह घंटे से चले जा रहे थे। इन पांच लोगों में से एक के पास बैग पैक था जिसमें बच्चों के dive पर खिलौने और बच्चों के कपड़े थे। इन्होंने बताया कि ये बैग इनका नहीं है, इन्होंने कहा कि हमारे साथ चार और लोग थे जो रास्ते में कहीं भटक गए। ये बैग उसी परिवार का है। इवन दो ये

प्लान फेल रहा लेकिन ये सात गुजराती लोग कम से कम survive तो कर गए। बाद में इन्हें और उस अमेरिकन citizen को arrest कर लिया गया, अमेरिकन के द्वारा। अमेरिका का ये नॉर्थन बॉर्डर जो कनाडा के साथ मिलता है यहाँ पर minus thirty five minus forty degree celsius तक ठंड हो सकती है। सोचकर लगेगा कि सदन बॉर्डर से अमेरिका में घुसना बेहतर

होगा लेकिन नीचे का जो बॉर्डर है यूएस से मेक्सिको का वो और भी खतरनाक है। जो लोग वहां का रास्ता अपनाते हैं इस डोंग की process के दौरान उन्हें और भी मुश्किलों से जूझना पड़ता है। भाई हम अमेरिका डोंग की खातिर आए थे भाई चार जने बचे भाई हम। भूखे पेट पांच दिन हो गए भाई मेक्सिको के भाई ऐसा है देख पता पैंतीस चालीस लाख रूपए दे रखे है माँ बाप ने दो

महीने हो गए हमारे माँ बाप ते बात भी नहीं करी बात कहना चाहूँ भाई donkey में कोई ना भाई एक number में चले जाओ भाई South America से शुरू होने वाले ये donkey route Ecuador या Brazil में शुरू होता है ये दो ऐसे देश जहाँ पर Indians के लिए visa लेना comparatively ज्यादा आसान है Ecuador में तो दो हजार उन्नीस से पहले visa की जरूरत

भी नहीं होती थी यहाँ पहुँचने के बाद एक हजारों kilometre लंबा सफर तय करना पड़ता है एक ऐसा सफर जो ऊपर देश फिर पनामा देश से होते हुए Mexico में जाता है यहाँ एक बहुत घना जंगल है सौ kilometre से ज्यादा बड़ा इसे the darian gap कहा जाता है इस area में कोई सड़कें नहीं है सिर्फ पहाड़ और जंगल झाड़ियाँ और नदियाँ कोई सरकारी authority भी

present नहीं है इस area में और इसे one of the most dangerous areas में इसे consider किया जाता है दुनिया के क्योंकि यहाँ पर drug cartils और गोरिल्ला groups अक्सर इस रास्ते को इस्तेमाल करते है जो लोग इस रास्ते को अपनाते है वो अक्सर इन gangs के through मारे भी जाते है भाई एक भाई की मौत हो गई भाई। डोंकर ने गोली मार दी उसके और भाई

उसकी लाश पड़ी मिली थी भाई की भाई एजेंट के एजेंट ने पैसे नहीं आ गए डोंगर के पूरे तो डोंकर के गोली मार दी डोंकर ने बालक इतने मरे हैं भाई न्यूज़ मैंने सुनी है भाई जंगल में तीन-तीन महीने इस जंगल को क्रॉस करने के बाद मेक्सिको का रेगिस्तान आता है जहाँ पर बहुत जबरदस्त गर्मी पड़ती है और फिर आती है ये दीवार ये ऊंची सी दिवार जिसे डोनाल्ड ट्रम्प के समय में

बनाया mostly इसे क्रॉस कर पाना भी एक बहुत बड़ा चैलेंज है और ये रास्ता इतना खतरनाक है। कि दो हजार इक्कीस के इस आर्टिकल को देखिए। इसे एक साल में छह सौ पचास से ज्यादा लोग मारे गए इस यूएस मेक्सिको बॉर्डर को क्रॉस करते हुए। जाहिर सी बात है, यहां पर सवाल उठता है, ये रास्ता इतना खतरनाक जानलेवा होने के बावजूद भी लोग इस डोंग की process

में क्यों लाखों रुपए खर्च करते हैं? और जान दांव पर लगाते हैं। मोटे-मोटे तौर पर देखा जाए तो तीन कारण है इसके पीछे। सबकी बात करते हैं एक-एक करके। सबसे पहला और सबसे बड़ा कारण है economic opportunities. ये वो लोग हैं जो देश के बाहर जाना चाहते हैं, बेहतर opportunities के लिए, बेहतर जिंदगी के लिए, ये लोग अक्सर अमेरिकन ड्रीम के सपनों

से बड़ा प्रभावित होते हैं, इन्हें लगता है कि एक बारी अमेरिका पहुंच गए, तो हमारी जिंदगी बदल जाएगी। आमतौर पर जो लोग upper class या upper middle class से होते हैं, वो लोग भी अक्सर same reasons की वजह से देश से बाहर जाना लेकिन उनके पास legal तरीके बहुत होते हैं, उनकी अच्छी नौकरियां होती हैं तो वो बाहर अच्छी नौकरियों के लिए apply कर

सकते हैं। या फिर उनकी educational qualifications होती हैं कि वो स्टूडेंट के तौर पर बाहर जाकर universities में पढ़ाई कर सकें। लेकिन जो lower middle class के लोग होते हैं। उनके पास ये legal रास्ते लेने के या तो पैसे नहीं होते या qualifications नहीं होते। हितेश त्रिवादी एक ऐसे ही इंसान जो तीस साल पहले इंडिया छोड़कर कनाडा गए, बीबीसी को बताते

हैं कि ये एक highly educated इंजीनियर थे इंडिया में लेकिन ये ऊपर नहीं उठ पा रहे थे। I was born lower class if I had state I would have died lower middle class साल दो हजार में इन्हें एक anadian citizenship मिल गई थी और अब ये profitable restaurant चलाते हैं कनाडा में। ऐसे कई मितेश त्रिवेदी देश के अलग-अलग हिस्सों में पाए जाते हैं।

जब ऐसे successful cases अपने परिवार और दोस्तों को अपनी कहानियाँ सुनाते हैं तो उनके अंदर भी उम्मीद जागती है और धीरे-धीरे करके और लोग motivate होते हैं इसी रास्ते को अपनाने में। इन successful cases की कहानियाँ सुनकर इन परिवारों में अक्सर एक societyal pressure या family pressure वाला angle भी आ जाता है। अगर किसी गाँव से दूसरा इंसान देश से बाहर अमेरिका में जा रहा है तो कुछ लोगों को लगता है कि भाई इज्जत का सवाल है हमारे परिवार में से भी एक

ना एक तो होना चाहिए जो देश के बाहर जाकर अमेरिका में settle नहीं तो क्या इज्जत रह जाएगी हमारे परिवार की हमारे गाँव में मतलब में अगर बच्चा पैदा हुआ है तो America जाएगा हाँ बस वो थी खेती कोई व्यापार धंधा America इसके अगर आप डाटा देखोगे तो बहुत shocking है, इस chart को देखिए। यूएस customs और बॉर्डर protection के अनुसार कितने

Indians actually में illegally अमेरिकन बॉर्डर्स में घुसे? साल भर साल ये नंबर कितनी तेजी से बढ़ता गया है, दो हजार तेरह में ये नंबर negligible होता था, लेकिन दो हजार सत्रह और in fact दो हजार उन्नीस के बाद से देखिए कितना बड़ा यहाँ पर increase देखने को मिला? दो हजार बीस से लेकर इक्कीस के बीच में तीस हजार से ज्यादा Indians ने ये किया। दो हजार

इक्कीस, बाईस में double हो गया ये sixty three thousand nine hundred twenty seven तक पहुँच गया और latest data point आपको इस graph में नहीं दिख रहा वो इससे भी ऊपर है October दो हजार बाईस और September दो हजार तेईस के बीच में ये number ninety-six thousand पर पहुँच चूका है almost एक लाख Indians एक साल में

America में illegally घुसने की कोशिश कर रहे है इस साल के ninety-six thousand nine hundred seventeen Indians में से करीब तीस हजार Canada के through पकड़े गए और forty-one thousand Mexico के पास पकड़े गए ये problem सिर्फ India की नहीं है बाकी कई सारे देशों के लोग भी इस don की process का इस्तेमाल करने की कोशिश

करते है अमेरिका में घुसने के लिए और मैक्सिकन की संख्या और भी ज्यादा है Indians जाहिर सी बात क्योंकि मेक्सिको बॉर्डर पर पड़ता है अमेरिका लेकिन एशियन countries में इंडिया नंबर one पर आता है center for migration studies दो हजार पंद्रह का data इंडिया से करीब साढ़े चार लाख लोग undeocumented अमेरिका में पाए गए चाइना का ये नंबर इंडिया से थोडा-सा कम है। almost चार लाख पर और बाकी और देशों के numbers आप स्क्रीन पर देख सकते हो। अब बात करते

हैं दूसरे कारण की जिसकी वजह से लोग ये कर रहे हैं। जो कि है बढ़ती देश में यही कारण है जिसकी वजह से बहुत से Haryanvi लोगों ने पिछले कुछ सालों में ये किया है क्योंकि center for monitoring Indian economy September दो हजार बाईस की report के अनुसार Haryana का unemployment rate देश में number one पर है Haryana में

highest unemployment देखने को मिलती है thirty-seven point three percent लोग बेरोजगार है जो कि चार गुना ज्यादा है national average और ये of course rural Haryana में शहरों के बाहर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है ये लोग अपनी असल जिंदगी में अपने देश में इतनी बुरी हालतों में है कि इन्हें लगता है कि इस जानलेवा रास्ते को चुनना अभी के

हालातों से तो बेहतर होगा हजारों गाँव में बेरोजगार लोग अपने परिवार की जमीन बेच रहे है सोना बेच रहे है ताकि इस काम के लिए पैसे इकट्ठे किए जा सके धाट रथ Morkhi और Kalwa कुछ गाँव है Haryana के Jind district में जो Donki Sikars का hub बन गए ये लोग अक्सर एक और रास्ता अपनाते है Dubai जाना tourist visa पर और Shirdi hotels में रुकना बिना

proper खाने के और secret containers में बैठ के एक से दूसरे देश में जाना ऐसे ही बीस इक्कीस साल के Haryanvi लड़के Nishch Sharma ने अपनी कहानी सुनाई कि वो पढ़ाई में कमज़ोर होने के चलते student या job visa लेकर बाहर

नहीं जा सकता था तो इसलिए उसने donkey flight का रास्ता अपनाया इसके अनुसार ये बड़ा lucky था पाँच महीने के अंदर अंदर ही पहुँच गया California गया नौ अलग अलग देशों को पार करते हुए कभी जंगलों से तो कभी extreme weather से

गुजरते हुए ये कहता है कि कई बारी इस journey को करने में दो साल तक का समय लग सकता है बहुत से लोगों को मारा जाता है lockup में डाल और कई तो मारे भी जाते हैं इस रास्ते में। हरियाणवी youth का कहना है कि वो परेशान हो गए हैं इस joblessness की toxic cycle से और entrance exam के पेपर leaks की खबर सुनकर। लेकिन बहुत से लोग सही

मायनों में ये realize नहीं करते कि इस रास्ते को अपनाना कितना खतरनाक हो सकता है। फिर आता है दोस्तों तीसरा कारण donkey बनने के पीछे जो कि है escaping political prosecution. जो लोग अपने देश से भागते हैं क्योंकि उनके खिलाफ

अत्याचार हो रहा था या discrimination हो रही थी। अब technically देखा जाए तो पेट्रोल के अनुसार ये सबसे बड़ा reason है, जो लोग रिपोर्ट करते हैं। लेकिन क्या actually में ये सबसे बड़ा कारण है donkey फ्लाइट लेने के पीछे। यहाँ एक

interesting बात आपको बताना चाहूँगा, जो लोग डोंकी का रास्ता अपनाते हैं, वो लोग border cross करने के बाद क्या करते हैं, कभी सोचकर देखा है? क्या वो पुलिस से छुपते घूमते हैं और छुप-छुप कर अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं,

ऐसा नहीं है, ज्यादातर लोग खुद ही अपने आप को बॉर्डर पेट्रोल के हवाले कर देते हैं। border cross करते ही जो guards खड़े होते हैं, खुद ही अपने उनके साथ चले जाते हैं उनसे भागने की बजाय और इसके पीछे कारण है asylum seek करना।

asylum क्या होता है? United nations की refugee agency के अनुसार asylum एक protection का तरीका है। जब आप किसी देश में asylum seek करते हो तो वो देश आपको protect करता है कि आप उस देश में रह सकते हो। क्योंकि अगर आप अपने देश में रहोगे तो आप खतरे में हो। कैसा खतरा कोई political खतरा हो सकता है? कोई आपको मार दे या फिर कोई religious या racial discrimination हो सकती है? तो जो लोग इस रास्ते को अपनाते हैं वो border petrol

के पास जाकर कि वो साएलम सीख कर रहे हैं। तो यहाँ पांच-छह अलग-अलग categories हैं persecution की। एक हो गया religious persecution अगर किसी धर्म से आप belong करते हो और उसकी वजह से आपको discriminate किया जाता है, आपके खिलाफ अत्याचार होता है। एक हो गया political persecution. किसी को उनकी political beliefs की

वजह से उन्हें खतरा पहुँचता है, किसी की ethnic या regional identity की वजह से उनको खतरा पहुँचता है, उनके खिलाफ अत्याचार होते हैं। एक हो गया कास्ट based persecution, किसी की कास्ट की वजह से उनके खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं। या फिर एक हो गया अगर आप किसी सोशल group का हिस्सा हो जिसके खिलाफ violence देखने को मिल रहा है जैसे

औरतें या एलजीबीटी community तो technically काफी सारे कारण हो सकते हैं और जो लोग illegally इस रास्ते को अपनाते हैं वो इनमें से कोई भी कारण बता सकते हैं लेकिन actually में ये कारण सही है justified है या नहीं है। ये decide करने के लिए एक immigration जज होता है तो जो लोग बॉर्डर पार करने के बाद asylum के लिए apply करते हैं उन्हें

immigration कोर्ट में जाकर अपनी justification और reasoning देनी होती है। और कोर्ट के साबित करना होता है कि जो वो कह रहे हैं वो सच है। जाहिर सी बात है बहुत से लोग झूठ बोलते हैं क्योंकि उनका असली कारण कुछ और होता है, पहले दो कारणों में से होता है। तो ऐसे cases में लोगों को वापस deport कर दिया जाता है। यानी लाखों रुपए जो खर्च किए पूरा पैसा

बर्बाद। और अगर आप झूठ बोलते हुए पकड़े गए, ऊपर से ban और लगा दिया जाता है कि आज के बाद आप जिंदगी में कभी अमेरिका में legally travel नहीं कर पाओगे। लेकिन यहाँ ये चीज भी mention करनी जरूरी है, कुछ genuine लोग भी होते हैं, जिनका असली में यही कारण होता है, donkey flight लेने के पीछे। उदाहरण के तौर पे है, हमारे पास रहने वाले जश्नप्रीत

सिंह की कहानी, इस रिपोर्ट में mention किया गया है, जशन एक चौबीस साल के openly gay इंसान थे, जो जालंधर में रहते थे, इन्हें daily basis पर discrimination और harassment face करनी पड़ती थी, चाहे आसपास के पड़ोसी हो या दूर के कोई जानने वाले लेकिन हालात एक दिन इस कदर बिगड़ गए कि गालियों से आगे बढ़कर मारा-पीटा भी जाने लगा इन्हें।

ये बताते हैं कि एक बार इन पर पंद्रह-बीस लोगों ने हमला कर दिया और इन्हें जान से मारने की कोशिश करी गई, इसकी वजह से इनका एक हाथ इन्होंने किया कि ये शहर से बाहर निकलकर किसी दूसरे शहर में शिफ्ट हो जाते हैं। लेकिन इन्हें इस चीज का डर था कि इंडिया में शायद कहीं भी culture इतना open minded नहीं है gay लोगों को लेकर फिर इन्होंने फैसला लिया कि

ये donkey का रास्ता अपनाएंगे टर्की और फ्रांस के through होते हुए कि किसी तरीके से मेक्सिको बॉर्डर तक पहुंचे जिसके through ये अमेरिका में enter किए। वहां इन्होने border cross करने के बाद Assylum के लिए apply किया और इन्हें grant कर दिया गया। एक सवाल आपके मन में आएगा कि ये करने के लिए donkey का route अपनाने की क्या जरूरत थी

और इसकी simple reason ये है कि asylum उन्हीं लोगों को दिया जाता है जो actually में उस देश में मौजूद होते हैं। यूएसए के rules के अनुसार अमेरिका में अगर आपको asylum करना है तो अमेरिकन soil पर आपको होना चाहिए। लेकिन ऐसे cases बहुत कम होते हैं और यहाँ पर ये भी याद रखने वाली बात है कि economic migration को asylum की

category में consider नहीं किया जाता। बहुत से लोग इसी कोशिश में महीनों तक सा लो तक investigation के under रहते हैं अक्सर torture उन्हें सहना पड़ता है। एक asylum की application को process कई बारी सा लो तक का समय लग सकता है और ऐसा भी हो सकता है कि आप कई साल तक अमेरिका में रह लिए लेकिन उसके बाद वो decide करते हैं

कि आप तो झूठे थे यहाँ पर और उसके बाद आपको deport किया जाता है। और यहाँ ये भी बात याद रखने वाली है कि जैसे ही आप बॉर्डर क्रॉस करते हो ऐसा नहीं है कि immediately आपको immigration court के सामने पेश कर दिया जाता है। सबसे पहले detention centers में डाला जाता है लोगों को जहाँ पर हालत काफी ख़राब होती है।

अक्सर कुछ detention centers ऐसे हैं जहाँ पर ढेर सारे लोगों को एक छोटे से कमरे के अंदर बंद करके रखा गया है। और तो महीनों तक वो वहीं पड़े रहते हैं जब तक पुलिस वाले बोलते नहीं कि अब आपका नंबर आ गया एन्ड में मैं एक सिंपल सी चीज कहना चाहूंगा याद रखिए जान है तो जहान है कभी भी अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर ऐसे रास्ते चुनने का कोई फायदा नहीं है।

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