काजोल को बाजीगर से निकलवाना चाहते थे | Wanted to get Kajol out of Baazigar

काजोल को बाजीगर से निकलवाना चाहते थे | Wanted to get Kajol out of Baazigar

बॉलीवुड के बारे में अक्सर आपने सुना होगा कि यहाँ camp system चलता है, गुटबाज़ी चलती है, यहाँ लोग camp बनाकर कभी किसी को फिल्म में ले आते हैं और कभी किसी को फिल्म से निकलवा भी देते हैं। एक पुराना किस्सा अब्बास मस्तान ने share किया है, फिल्म बाज़ीगर को लेकर फिल्म बाज़ीगर जिससे शाहरुख़ खान को पहचान मिली काजोल थी उसमें शिल्पा शेट्टी का debut हुआ था, ये फिल्म अब्बास मस्तान ने बनाई थी और जिस वक़्त वो ये फिल्म बना रहे थे,

उस वक़्त वो काजोल को जब sign कर चुके थे, उसके बाद ये तय हुआ कि इसका music director sign किया जाए और उस जमाने में नदीम श्रवण का काफी नाम था, आशिकी के गाने बना चुके थे, सडक और साजन के गाने बना चुके थे। और उसके बाद जब नदीम श्रवण को approach किया अब्बास मस्तान ने तो नदीम श्रवण ने एक अजीब सी शर्त रख दी, जब उन्होंने फिल्म के बारे में पूछा कौन-कौन काम कर रहे हैं, तो अब्बास मस्तान ने कहा कि भाई फिल्म की हीरोइन है काजोल तो नदीम श्रवण ने कहा कि अगर आप काजोल को इस फिल्म से निकाल दें हम तभी इस फिल्म का संगीत तैयार करेंगे।

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अब अब्बास मस्तान को ये बात बड़ी अजीब सी लगी कि काजोल को क्यों निकाल दें? उन्होंने कारण तो नहीं बताया पर उन्होंने कहा कि अगर आप चाहते हैं कि हम आपकी फिल्म का म्यूजिक बनाएं तो आपको काजोल को बाहर करना होगा और ये उस जमाने की बात है जब नदीम और श्रवण दोनों इंडिया में रहते थे बाद में गुलशन कुमार की हत्या के बाद तो श्रवण अ माफ़ कीजिएगा नदीम चले गए थे बाहर लंदन में रहे वो पूरे टाइम।

अब्बास मसान को समझ में नहीं आया उन्होंने कहा कि भाई ऐसा नहीं हो सकता पहले ही sign कर चुके हैं काजोल ही इस फिल्म की हीरोइन है और इस बात पर नदीम श्रवण ने कहा कि हम आपकी फिल्म का music तैयार नहीं करेंगे और तब जाकर इस फिल्म में music डायरेक्टर बनने का मौका मिला अनु मलिक को दोस्तों ये पुराना सा है।

अभी शेयर किया गया है कि रेडियो इंटरव्यू के दौरान अब्बास मस्तान ने लेकिन ये बताता है कि फिल्म इंडस्ट्री में कितनी दादागिरी चलती है। ये जो कैंप सिस्टम है जो कहा जाता है फलां को फिल्म से निकाल दिया, उसके सीन कटवा दिए, उसका रोल कटवा दिया। या उसको फिल्म में लेकर आ गए, उसका रोल बड़ा कर दिया। उसके character की length बढ़ा दी। ये तमाम चीजें होती हैं और आज से नहीं पहले से होती रही हैं। क्योंकि ये जो एक दुनिया है यहाँ बहुत close net लोग हैं।

आपस में काफी जुड़े हुए हैं। कोई किसी की फिल्म कर रहा है, कोई किसी के भाई की फिल्म कर रहा है, कोई किसी के पापा की फिल्म कर रहा है। आपस में रिश्तेदारियां भी है, दोस्तियां भी है। इसीलिए दुश्मनियां भी है। तो ये सब बहुत चला करता है, बॉलीवुड में।

अब आप सोचिए कि आज बाज़ीगर को आए लगभग तीस साल होने आ रहे हैं। और आज ये बात निकलकर सामने आई है कि इस फिल्म से काजोल को ही निकालने की कोशिश हुई थी, कामयाब नहीं हो पाए, वो बात अलग है। कहा ये है कि नदीम श्रवण किसी काम के सिलसिले में एक बार तनुजा जो काजोल की माँ है और काजोल से मिलने पहुंचे थे उनके घर पर और वहां उन्हें उनका बर्ताव ठीक नहीं लगा और उसके बाद उन्होंने ये फैसला किया कि हम इनकी फैमिली के लिए बनने वाली किसी फिल्म के लिए काम नहीं करेंगे।

तो छोटा सा किस्सा है लेकिन इंडस्ट्री की बहुत गहरी बात आपको बता के जाता है जो अक्सर आप लोग जानना चाहते हैं, मुझसे अक्सर आप लोग पूछते हैं कि बॉलीवुड के अंदरूनी आप किस्से बताइए, तो देखिए छोटा सा किस्सा तो बताया है, अब्बास मस्तान ने लेकिन कहते हैं ना कि चावल का एक दाना पूरी बोरी के बारे में बता तो अगर उस वक्त में ऐसा होता था तो आप यकीन मानकर चलिए कि आज भी ऐसा होता है और ऐसी बहुत सी चीजें होती हैं अंदरूनी स्तर पे जो चला करती हैं जो कई बार कई सा लो के बाद बाहर आती.

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