रामदेव के बाद अब फसेंगे कई बॉलीवुड सितारे, भ्रामक विज्ञापन मामले में | After Ramdev, now many Bollywood stars will be trapped in misleading advertisement case

रामदेव के बाद अब फसेंगे कई बॉलीवुड सितारे, भ्रामक विज्ञापन मामले में | After Ramdev, now many Bollywood stars will be trapped in misleading advertisement case

जिस तरह से पतंजलि आयुर्वेद वाले बाबा रामदेव भ्रामक विज्ञापन वाले मामले में फंस गए थे अभी तक माफी मांग रहे है court में खड़े होकर कुछ ऐसा ही Bollywood के सितारों के साथ भी हो सकता है क्योंकि माननीय न्यायालय ने एक टिप्पणी की है जिसमें साफ तौर से कहा गया है कि भ्रामक विज्ञापन बनाने के लिए जिस तरह से वो कंपनियां जिम्मेदार है जो ये ऐसे विज्ञापन बनाती है इसमें झूठ बोला जाता है ठीक उसी जो प्रभावशाली लोग जो फ़िल्मी सितारे, जो सोशल मीडिया influencers उसमें काम करते हैं।

वो भी जिम्मेदार माने जाएंगे क्योंकि उन्हें भी पता होना चाहिए कि वो जिस चीज का विज्ञापन कर रहे हैं। क्या उसमें वो सब है, जो विज्ञापन में mention किया गया है, यानी आप ये कहकर बच नहीं सकते कि मुझे तो as a influencer या as a ब्रांड ambassador sign किया गया था, मुझे क्या पता कि इसमें क्या है और क्या नहीं।

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माननीय अदालत साफ तौर पर कहा है मैं आपके सामने उनकी टिप्पणी पढ़ना चाहता हूँ भ्रामक विज्ञापनों को प्रचारित करने वाले celebrities और प्रभावशाली लोग भी उसके लिए उतने ही जिम्मेदार हैं जितना उसे तैयार करने वाली कंपनियां हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद की ओर से अपनी दवाओं को लेकर जारी किए गए भ्रामक विज्ञापनों के मामले की सुनवाई करते हुए ये एक बड़ी टिप्पणी की है।

अदालत ने कहा कि अगर किसी उत्पाद को लेकर किए गए दावे गलत पाए जाते हैं तो उनका प्रचार करने वाले celebrities और सोशल मीडिया influences भी इसके जिम्मेदार माने जाएंगे। पतंजलि आयुर्वेद के मामले की सुनवाई करते हुए बेंच ने आईएमए यानी इंडियन मेडिकल association की भी खिंचाई की अदालत ने कहा कि विज्ञापनों को प्रसारित करने से पहले चैनल्स को भी एक self declaration फॉर्म भरवाना चाहिए।

इसमें ये घोषणा करनी चाहिए कि हम सभी नियमों का पालन कर रहे हैं। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानुल्लाह की बेंच ने guidelines for prevention of misleading ads का जिक्र किया। अदालत ने कहा कि इस नियम की गाइडलाइन thirteen में कहा गया है कि किसी विज्ञापन का प्रचार करने वाली हस्ती को संबंधित सेवा एवं उत्पात के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए, उसे ये पता होना चाहिए कि वो जिस चीज का प्रचार कर रहा है, वो किसी भी तरह से नुकसान देने वाली नहीं है।

मुझे याद आ रहा है, विमल गुटका का add जिसमें शाहरुख खान दिखते हैं। जिसमें दीखते हैं। जिसमें अजय देवगन तो पिछले दो दशकों से देख रहे हैं, ने क्या कहा कि नियम ये कहते हैं कि उपभोक्ता को जो कि उस वस्तु को खरीद रहा है, उस उत्पाद को खरीद रहा है, उसे पता होना चाहिए कि वो जिन चीजों को बाजार से अपने घर लेकर आ रहा है, मेहनत की कमाई खर्च करके उसकी खासियतें क्या हैं, क्या विशेषताएं हैं?

वो क्यों ला रहा है? खास तौर पर अगर वो उत्पाद हेल्थ या फिर फ़ूड प्रोडक्ट्स से जुड़े हो इसके साथ ही बेंच ने कहा कि अगर कोई विज्ञापन भ्रामक निकलता है, तो उसे जारी करने वाली कंपनियों के साथ ही प्रचार करने वाली हस्तियां भी जिम्मेदार मानी जाएंगी है क्योंकि बेंच ने कहा कि मंत्रालय को इस संबंध में कुछ नियम और भी बनाने चाहिए ऐसा इसलिए ताकि विज्ञापन गलत पाए जाने पर ग्राहक शिकायत कर सके और उसका कोई नतीजा भी निकल सके कोर्ट ने ये भी कहा कि ऐसा नियम बनने से पहले चैनलों एवं अन्य प्रसारकों यानी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को लेकर भी एक नियम बनना चाहिए प्रसारकों को self declaration फॉर्म भरना चाहिए कि वो जो विज्ञापन चला रहे हैं उन्होंने उसकी जाँच कर ली है और वो भ्रामक नहीं है वरना देखिए ना इतना बड़ा platform है यूट्यूब है, फेसबुक है, इंस्टाग्राम है, ये कितने सारे बड़े झूठ यहाँ पे प्रसारित हो सकते हैं,

मैं वाले झूठ की बात नहीं कर रहा हूँ वो तो खूब बोले जाते हैं भर-भर के लेकिन मैं बात कर रहा हूँ किसी उत्पाद को लेकर जब आप किसी की जेब से पैसा निकाल रहे हैं कि आप हमें सौ रुपया दो हम आपको ये देंगे और उसमें आप झूठ बोल रहे हैं तो वो एक क्राइम है और उन्होंने ये भी कहा कि हम किसी भी तरह की लाल फीताशाही नहीं चाहते रेड टिपिज्म नहीं चाहते लेकिन हमारा हमारी ये भी मंशा नहीं है कि कुछ भी ऐड चलने दिया जाए मतलब कोई कुछ भी बना के ला रहा है, कुछ भी चल रहा है, कोई कुछ भी बोल रहा है और जनता को खुलेआम खुलकर बनाया जा रहा है पर कोर्ट ने कहा कि ये तय करना भी जरूरी है कि सबकी जिम्मेदारियां क्या हैं?

प्लेटफार्म की, सेलेब्रिटी की, उस कंपनी की जिसने बनाया और अब इस मामले में अह अदालत ने आईएमए को भी नोटिस जारी किया, आईएमए को अगली सुनवाई अब चौदह मई तक इसका जवाब देना होगा, तो कुल मिलाकर अब अदालत ने बड़ा कड़ा रुख अपनाया है, वरना आप सोचिए ना कि आप एक बड़ा नाम है, आप एक बड़े प्लेटफार्म पर जाते हैं, ढेर सा पैसा खर्च करते हैं, एक झूठ-झूठ बोल के प्रोडक्ट बेचने लगते हैं. अभी तक तो हमारे देश की राजनीति झूठ पर चल रही थी अब इतने सारे products आ गए हैं वो झूठ पे चल रहे हैं। तो definitely इसके लिए कोई ना कोई तो कदम उठाना ही था। उम्मीद है कि इस केस के बाद कुछ होगा।

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