कुत्तों की तरह ट्रीट करते हैं: उर्फी जावेद | Treats us like dogs: Urfi Javed

कुत्तों की तरह ट्रीट करते हैं: उर्फी जावेद | Treats us like dogs: Urfi Javed

उर्फी जावेद ने टीवी industry की कलई खोलकर रख दी है जी हाँ उर्फी बहुत सारे टीवी सीरियल्स में काम कर चुकी है लेकिन अब उन्होंने छोटे पर्दे की दुनिया में कभी वापस ना जाने की कसम खा ली है आप सोच रहे होंगे कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया? क्योंकि जहाँ से उर्फी ने अपना career शुरू किया था वहां वो वापस जाने से इंकार क्यों कर रही है? असल में उर्फी जावेद ने बड़े भैया की दुल्हनिया, चंद्रनंदनी बेपनाह ये रिश्ता क्या कहलाता है, ऐसे कई सारे सीरियल्स में साइड रोल्स किए थे, showbhis world में ज्यादा मौके उन्हें मिले नहीं तो फिर वो सोशल मीडिया में आ गई और सोशल मीडिया influencer बन गई।

अब उन्होंने बॉलीवुड बबल एक चैनल है उसके साथ बातचीत की और उसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उन्होंने टीवी से दूरी इसलिए बना ली है क्योंकि वहां ऐसा है कि अगर आप लीड एक्टर नहीं है तो आपको बिल्कुल तवज्जो नहीं मिलती। आपको कुत्तों की तरह ट्रीट करते हैं और कुछ प्रोडक्शन हाउस तो बहुत ही बुरे हैं। उर्फी जावेद कहती हैं कि टीवी ने उन्हें बहुत रुलाया है। वो साइड रोल्स किया करती थी तो कोई तवज्जो नहीं मिलती थी।

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फिर कुछ प्रोडक्शन house payment भी बहुत देर से करते थे। उसमें भी काफी सारा पैसा काट लेते थे। उर्फी जावेद ने बिग बॉस ओटीटी में participate किया था और वो बिग बॉस ओटीटी two में स्पेशल guest के तौर पर दिखी थी लेकिन अगर उन्हें दोबारा बिग बॉस में जाने का मौका मिलता है जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ कह दिया कि दोबारा अगर बिग बॉस का ऑफर मिला तो मैं नहीं जाउंगी अह हालांकि जो उर्फी जावेद को जो पहचान मिली है वो बिग बॉस की वजह से मिली है।

आज जो वो उल्टे-सीधे कपड़े पहनकर आती हैं और पापड़ा जी उनके आगे भागते हैं वो इसीलिए भागते हैं क्योंकि ये वाली जो उनको placement मिली है industry में वो Bigg Boss की वजह से मिली है लेकिन आज वो खुद कह रही है कि मैं इस industry में वापस नहीं जाऊँगी क्योंकि जाहिर है lead role तो मुझे मिलेंगे नहीं मैं इतनी काबिल नहीं हूँ ये उन्होंने कहा नहीं शायद उनको लगता होगा तो उन्होंने ये कहा कि मुझे क्योंकि side role मिलते हैं तो importance नहीं मिलती पैसा काट लेते हैं और मुझे importance तो तब मिलती है जब मैं आधे अधूरे कपड़े पहनकर सबके सामने खड़ी हो जाती हूँ उसके बाद तो बहुत सारे लोग मुझे importance देने लगते हैं तो मेरे लिए यही जगह ठीक है अच्छी बात है उर्फी जावेद को पता कि उनकी जगह क्या है?

और उनको लोगों ने बता भी दिया है कि उनकी जगह क्या है? बहुत आसानी हो जाती है आपको career में अगर आपको ये पता लग जाए बहुत जल्द कि आपकी जगह क्या है? बहुत सारे लोग यही समझने में लंबा समय बिता देते हैं कि आखिर उनकी जगह क्या है? और इस वजह से क्या होता है?

वो गलत जगह के लिए कोशिशें करते रहते हैं और वहाँ तक पहुँच नहीं पाते फिर आता है फिर फिल्म industry को गालियाँ पड़ती है कि देखो यहाँ पर लोगों की कदर नहीं होती तो सच्चाई तो ये है कि अगर आपके अंदर talent है तो आप अपनी जगह बना लेंगे लेकिन अगर talent नहीं है तो आपको कुछ ऐसा वाला talent निकालना पड़ेगा जैसा उर्फी जावेद ने निकाला है कि कपड़ों को तरह-तरह से design करके कपड़ों को ही confuse कर दो कि उन्हें पहना गया है कि उतारा गया है कि क्या हो रहा है तो वो कर रही हैं

उर्फ़ी जावेद उनको लगता है यहाँ उन्हें खूब importance मिलती है तो ये जगह तो ठीक है लेकिन वो टीवी industry में जाना नहीं चाहती वो बात अलग है हो सकता है टीवी industry उनको लेना ना चाहे लेकिन उर्फ़ी जावेद को लगता है कि अगर वो टीवी industry में गई तो उन्हें importance नहीं मिलेगा।

और उनको payment भी बहुत कट कर मिलता है बहुत-बहुत दिनों बाद मिलता है इसलिए वो जाना नहीं चाहती? और ऐसा लगता है कि उर्फी जावेद वहीं रहना चाहती हैं जहाँ उन्हें आजकल importance मिल रहा है। और आखिर वो काम भी वो सारे कर रही हैं। जिसको करने के बाद वाकई importance मिलने लगता है। अब वो importance का स्तर क्या होता है? ये तो देखने वाले बता सकते हैं।

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