हम बात करने जा रहे हैं हिंदी फिल्म industry की अब तक की सबसे खूबसूरत अदाकारा माने जाने वाली मधुबाला की। वो मधुबाला जिन्हें देखते-देखते शाकाहारी गोपी कृष्ण non veg खाना शुरू कर गए थे। वो मधुबाला जिनके बारे में शमी कपूर ने एक बार कहा था कि मैं ये जानता था कि मधुबाला किसी और के प्यार में है लेकिन इसके बाद भी मैं ये स्वीकार करना चाहता हूँ कि मैं उनसे पागलों की तरह प्यार करने लगा था। इसके लिए किसी को दोष नहीं दिया जा सकता था क्योंकि उनसे खूबसूरत महिला कभी देखी नहीं थी जी हाँ ये बात शमी कपूर ने अपनी biography शमी कपूर the game changer में Venus of the screen यानि मधुबाला के लिए लिखी थी ये मधुबाला की सुंदरता का ही जादू था कि शम्मी कपूर उन्हें प्यार करने से खुद को रोक नहीं पाए। मधुबाला की खूबसूरती का आलम ये था कि एक बार उनके डांस टीचर जो शुद्ध शाकाहारी थे वो उन्हें देखते ही देखते नाश्ते में non-veg भी खा गए।
मधुबाला के लाखों चाहने वाले थे लेकिन बदकिस्मती ही कहा जाए कि उन्होंने जिसे भी चाहा उसका उन्हें कभी नसीब नहीं हुआ उनके पिता उनकी शादी Dilip Kumar से कराने को राज़ी नहीं थे लेकिन शादीशुदा Kamal Amrohi से उनका निकाह कराने को तैयार थे कई बार दिल टूटने के बाद Madhubala ने Kishore Kumar से शादी की लेकिन जब आखरी समय में वो बीमार पड़ी तो Kishore Kumar ने भी उनसे मुँह मोड़ लिया और महज़ छत्तीस साल की उम्र में तेईस फरवरी उन्नीस सौ उनहत्तर को Madhubala ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया आइए जानते है Madhubala की चार अधूरी प्रेम कहानियों एक असफल शादी और उनके film संघर्षों के बारे में।
देवरा एडवांस बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 4 दिन
मधुबाला का जन्म चौदह फरवरी उन्नीस सौ तैंतीस को दिल्ली में हुआ था। बचपन में उनका नाम मुमताज जहाँ बेगम देहलवी था। वो अपने पिता अताउल्लाह खान और माँ आयशा बेगम की ग्यारह संतानों में पांचवी संतान थी। मधुबाला के पिता शुरुआती दिनों में एक मिट्टी के बर्तन बनाने वाले के साथ काम किया करते थे। इसके बाद उन्होंने पेशावर की एक तंबाखू फैक्ट्री में काम किया लेकिन कुछ दिनों में ही उन्हें इस नौकरी से निकाल दिया गया। इसके बाद उन्होंने परिवार के भरण-पोषण के लिए रिक्शा चलाना भी किया एक दिन उनके पिता की मुलाकात एक ज्योतिषी से हुई पिता ने उन्हें अपने परिवार की सारी परेशानी बताई तब ज्योतिषी ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि उनकी बेटी Madhubala एक नायाब हीरा है देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उसका खूब नाम होगा बाद में Jyotish की बात सच साबित हुई उन दिनों All India Radio में बच्चों का एक program आया करता था जिसमें Madhubala को भी जाने का मौका मिला.
उस program में Bombay talkies के general manager Rai Bahadur Chunni Lal आए हुए थे जब उनकी नज़र Baby Mumtaz यानी Madhubala पर पड़ी तो वो उनके मुरीद हो गए उस वक्त टॉकीज में फिल्म बसंत बनाने की तैयारी चल रही थी इस फिल्म के लिए एक छोटी लड़की की तलाश थी इस रोल के लिए चुन्नी लाल ने मधुबाला की मुलाकात टॉकीज को मालकिन देविका रानी से करवा दी जब देविका रानी ने नन्ही मधुबाला को देखा तो वो भी उनकी दीवानी हो गई इसके बाद मधुबाला ने उन्नीस सौ बयालीस में रिलीज हुई फिल्म बसंत से अपना एक्टिंग करियर शुरू कर दिया। मधुबाला ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट कई सारी फिल्मों में एक्टिंग के साथ-साथ गाना भी गाया था। जब उन्होंने हिंदी सिनेमा में कदम रखा तो उन्हें बेबी मुमताज के नाम से जाना जाता था।
कम उम्र में ही मधुबाला प्यार हो गया था जब वो दिल्ली में रहती थी तो वहाँ पर रहने वाले Latif को वो पसंद करने लगी जो आगे चलकर एक IAS अधिकारी बने जब Latif को पता चला कि Madhubala को Mumbai shift होना है तो वो बहुत दुखी हो गए वो नहीं चाहते थे कि वो उनसे दूर जाए वही Madhubala भी उनसे दूर नहीं होना चाहती थी जब Mumbai जाने से पहले दोनों की आखरी मुलाकात हुई तो Madhubala ने उन्हें Gulab का एक फूल दिया जिसे उन्होंने ताउम्र संभाल कर रखा इधर Mumbai आने के बाद Madhubala फिल्मों में busy हो गयी लेकिन Latif उन्हें कभी भूल नहीं पाए ये भी जाता है कि मधुबाला के निधन के बाद लतीफ उनकी कब्र पर उनकी death anniversary पे जाया करते थे और उस पर गुलाब का एक फूल रखकर आते थे। एक किस्सा ऐसा भी है जिसमें उनके पांच भाई-बहनों की जलने से मौत हो गई जी हाँ मधुबाला का परिवार मुंबई के मालार्ड इलाके में रहता था।
एक बार वो अपने पिता से जिद करके पास के सिनेमाघर में फिल्म देखने चली गई। घर पर उनके पांच भाई-बहन मौजूद थे। और तभी वहां पर अचानक आग लग गई और उनका पूरा घर जल गया इस हादसे में उनके पांच भाई-बहनों की मौत हो गई। उस तंगी का आलम ऐसा था कि पिता के पास बच्चों के कफन तक के लिए पैसे नहीं थे इन्हीं सब हादसों की वजह से छोटी उम्र में ही Madhubala समझदार हो गयी और घर की जिम्मेदारी उन्होंने अपने कंधों पर ले ली आखिरकार लंबे संघर्ष के बाद उन्हें Ranjit film studio में तीन सौ रुपए महीने की नौकरी मिल गयी इसके बाद Madhubala फिल्मी दुनिया में आगे बढ़ती चली गयी और Mahal Badal Kali बरसात की रात Neelkamal ऐसी कई बेहतरीन फिल्मों में अपनी acting का लोहा मनवा लिया कहते है उस जमाने में film Basant में काम करने Madhubala को डेढ़ सौ रुपए की fees मिली थी और एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्हें Hollywood से भी फिल्मों के offer आए लेकिन उनके पिता ने मना कर दिया जी हाँ acting में Madhubala इतनी माहिर थी कि विदेशों में भी उनकी जबरदस्त popularity थी एक बार Hollywood की famous director Kapra ने Madhubala को अपनी कुछ फिल्मों में काम करने का offer दिया लेकिन उनके पिता ने इस offer को ठुकरा दिया उन्होंने ये कहते हुए मना कर दिया कि Madhubala काँटा छुरी से खाना नहीं खा सकती तो वो विदेशों में नहीं रह पाएँगी एक वक्त ऐसा भी आया जब शादीशुदा Kamal Amrohi से उनका रिश्ता रहा उन्नीस सौ उनचास में बॉम्बे टॉकीज के बैनर तले फिल्म बनी महल इस फिल्म के निर्देशक कमाल अब्रोही थे.
फिल्म के लिए पहले सुरैया को कास्ट किया जाना था लेकिन स्क्रीन टेस्ट के बाद लीड रोल में मधुबाला को चुना गया. ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर काफी हिट रही. इस फिल्म की शूटिंग के दौरान ही मधुबाला और कमाल अब्रोही एक दूसरे के नजदीक आ गए थे. मधुबाला के पिता दोनों के रिश्ते से बहुत खुश भी थे. उन्होंने कहा कि अगर आगे चलकर ये दोनों शादी कर लेते हैं तो मुझे कोई ऐतराज नहीं होगा. लेकिन कमाल अब्रोही पहले से ही शादीशुदा थे और वो अपनी पत्नी को छोड़ना नहीं चाहते थे.
वो चाहते थे कि Madhubala उनकी दूसरी पत्नी बनकर रहे लेकिन Madhubala को ये शर्त मंजूर नहीं थी उनका कहना था कि वो अपने पति को किसी और के साथ बाँट नहीं सकती उन्होंने Kamal Abrohi से अपनी पहली बीवी को तलाक देने को भी कहा लेकिन उन्होंने मना कर दिया और इस वजह से दोनों का रिश्ता वहीं खत्म हो गया आपको जानकर शायद हैरानी होगी कि हिंदी cinema की पहली adult certificate वाली film में Madhubala ही lead role में थी जी हाँ film Haste Ansu उन्नीस सौ पचास में release हुई थी ये भारतीय cinema की पहली film थी जिसे adult certificate दिया गया था इसमें मधुबाला थी लेकिन जब ये release हुई तो उन्हें ही इस फिल्म को देखने से रोक दिया गया कहा गया कि वो अभी सत्रह साल की ही है इसलिए एडल्ट सर्टिफिकेट वाली फिल्म नहीं देख सकती।
एक बार मशहूर फोटोग्राफर भारत दौरे पर आए थे और तब उन्होंने मधुबाला को देखा तो उन्हें बिना बताए ही उनकी कई सारी तस्वीरें खींच ली उसके बाद उन photos को अपनी मैगजीन में publish भी कर दिया। एक बार एक फोटोग्राफर ने मधुबाला की बारह तस्वीरें खींचकर उन्हें देनी चाहिए। लेकिन उन्होंने उन तस्वीरों को लेने से मना कर दिया।
उनका कहना था कि वो बिना पैसे दिए तस्वीरों को नहीं लेंगी और फिर Madhubala ने अपनी ही तस्वीरों के बारह सौ रुपए देकर उनसे वो तस्वीरें खरीदी आइए अब आपको बताते है कि कैसे पता चला कि Madhubala के दिल में छेद है असल में एक film की shooting के दौरान एक दिन Madhubala को खून की उल्टियाँ हुई धीरे धीरे ये बात पूरी film industry में आग की तरह फैल गयी जाँच के दौरान पता चला कि उनके दिल में बचपन से ही छेद था जिसका इलाज उस दौर में संभव नहीं था इस वजह से doctor ने उन्हें bed rest करने की सलाह दी लेकिन वो फिल्मों में काम करती रही इधर Madhubala एक के बाद एक hit फिल्में देती रही तो वही दूसरी तरफ उनकी बीमारी भी बढ़ती रही एक किस्सा ऐसा भी है कि Madhubala की कसम की वजह से Prem Nath ने चौदह सालों तक शराब नहीं पी उन्नीस सौ इक्यावन में release हुई Badal में Madhubala Prem Nath के साथ नज़र आयी थी shooting के दौरान ही एक दिन Madhubala Prem Nath के makeup room में गयी और उन्हें love letter और गुलाब दे दिया तब Prem Nath समझ नहीं पाए कि आखिर हो क्या रहा है
जब उन्होंने letter पढ़ा तो उसमें लिखा था अगर आप मुझसे प्यार करते है तो please ये गुलाब स्वीकार कर ले वरना ये खत और फूल वापस कर दे इस खत को पढ़कर Prem Nath के होश गए उन्हें इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा था कि दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की ने उन्हें propose किया है उन्होंने खुशी खुशी उस proposal को स्वीकार कर लिया दोनों में इतना गहरा प्यार हो गया था कि जब किसी film का offer Prem Nath को आता तो वो सिर्फ Madhubala से पूछ कर ही फिल्में sign करते थे इसी वजह से Madhubala ने Prem Nath के सामने धर्म बदलकर शादी करने का प्रस्ताव भी रखा था लेकिन Prem Nath ने मना कर दिया धर्म के कारण ही Prem Nath उनसे शादी नहीं कर पाए और उस समय की top actress Bina Roy से शादी कर ली कहते है इस खबर से Madhubala को सदमा लगा था
उन्होंने प्रेमनाथ से भी कह दिया तुमने मेरा प्यार ठुकराया है तुम भी प्यार को तरसते रहोगे आखिरकार हुआ भी वही प्रेमनाथ और बीना राय की शादीशुदा जिंदगी कुछ खास अच्छी नहीं रही बाद में उन्होंने शराब पीना भी शुरू कर दिया था जब ये बात मधुबाला को पता चली तो उन्होंने प्रेमनाथ को कसम दी कि वो शराब ना पिए साथ ही ये भी कहा कि शराब पीने से अच्छा है कि उनका खून पी जाए मधुबाला की ये बात प्रेमनाथ के दिल को छू गई उन्होंने चौदह साल तक शराब को कभी हाथ भी नहीं लगाया एक किस्सा है कि फिल्म साकी में मधुबाला को नृत्य सम्राट पंडित गोपी कृष्ण ने डांस सिखाया था।
हवा हवाई गर्ल ने किसको दिया चरम सुख!
मधुबाला से उन्हें इश्क तो नहीं था लेकिन वो भी उनकी खूबसूरती के दीवाने हो गए थे। एक बार सेट पर shooting खत्म होने के बाद मधुबाला ने उन्हें नाश्ता offer किया। वो उनके इस offer से इतना खुश हुए कि साथ में खाना खाने को तैयार हो गए। उन्होंने ये भी जानने की कोशिश नहीं की कि नाश्ते में क्या है? दोनों टेबल पर आमने-सामने बैठ गए और बातें करते हुए नाश्ता करने लगे। इस दौरान गोपी कृष्ण मधुबाला को एक टक निहारते रहे। और बिना खाने की ओर देखे ही रहे। असल में वो नाश्ता non-vegetarian था लेकिन गोपी कृष्ण को इस बात का जरा भी अहसास नहीं हुआ। जब ये बात उन्हें पता चली कि वो नाश्ते में chicken mutton खा चुके हैं तो वो बहुत परेशान हुए। मधुबाला को भी इस बात का बहुत मलाल रहा क्योंकि पंडित गोपी कृष्ण vegetarian थे।
फिल्म मुगल-ए-आजम के लिए आसिफ ने गोपी कृष्ण से सलाह मांगी थी कि क्या मधुबाला इस फिल्म में काम करने के लिए तैयार हो जाएंगी। उन्होंने इस काम के लिए गोपी कृष्ण को इसलिए चुना था क्योंकि सिर्फ वो ही एक ऐसे शख्स थे जो मधुबाला के घर बेधड़क चले जाते थे। एक वजह ये भी थी कि मधुबाला के साथ उन्होंने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर भी काम किया था। जब गोपी कृष्ण मुगले आजम का ऑफर लेकर आए तो मधुबाला के पिता ने इंकार कर दिया और कहा कि इतनी बड़ी फिल्म का ऑफर के आसिफ को खुद देने आना चाहिए था ना कि गोपी कृष्ण को भेजना चाहिए था।
हालाँकि बाद में किआसिफ ने मधुबाला के पिता को मना लिया और उनकी बेटी को फिल्म में साइन भी कर लिया। आपको जानकर हैरानी होगी कि मधुबाला को सिर्फ मुगले आजम के लिए ही फिल्म फेयर का बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड मिला था। इसके अलावा उन्हें कभी कोई अवार्ड नहीं दिया गया। अब बात करते हैं दिलीप कुमार और मधुबाला के किस्से की। दिलीप कुमार और मधुबाला मुलाकात film Tarana के set पर हुई थी दोनों पहले दोस्त थे लेकिन धीरे धीरे Madhubala उन्हें पसंद करने लगी एक बार उन्होंने अपने करीबी makeup artist के जरिए Dilip Kumar को खत के साथ एक Gulab भी भेजा खत में लिखा था अगर आप मुझे पसंद करते हैं तभी ये खत कबूल कीजिएगा वरना इसे वापस भेज दीजिएगा Dilip Kumar ने खत को कबूल कर लिया और इसके बाद दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा उन्नीस सौ पचपन में पहली बार film Insaniyat के member के दौरान दोनों को साथ में public space पर देखा गया हालांकि ये आखरी मौका भी था जब पब्लिक प्लेस पर एक साथ दिखे। खैर इन दोनों का रिश्ता नौ साल में ही टूट गया वजह ये थी कि मधुबाला के पिता चाहते थे दिलीप कुमार मधुबाला के हिसाब से काम करें वो उनके हर काम में दखल देते थे इसका जिक्र दिलीप कुमार ने अपनी autobiography दिलीप कुमार the substance and the shadow में भी किया था।
उन्होंने लिखा था जब मेरी मधुबाला से उनके पिता अताउला खान के बारे में बात हुई तो मैंने उन्हें साफ कर दिया कि काम करने का मेरा अपना अलग तरीका है। मैं अपने हिसाब से प्रोजेक्ट चुनता हूँ और उसमें अगर मेरा अपना भी प्रोडक्शन हाउस हो तो भी मैं काम में कोई नहीं कर सकता दिलीप कुमार की ये बात मधुबाला के पिता को पसंद नहीं आयी उन्होंने कहा कि वो बहुत घमंडी और अड़ियल है मधुबाला भी अपने पिता की कोई बात टालती नहीं थी एक दिन दिलीप कुमार ने उनसे कहा कि चलो शादी कर लेते हैं तो वो रोने लगी इस पर दिलीप कुमार ने कहा कि अगर आज तुम नहीं चली तो मैं तुम्हारे पास लौटकर नहीं आऊंगा कभी नहीं आऊंगा इसके बाद सच में वो मधुबाला के पास कभी नहीं लौटे फिल्म मुगल-ए-आजम में अनारकली और सलीम की जोड़ी में दिलीप कुमार और मधुबाला को बहुत पसंद किया गया था मगर शूटिंग के दौरान दोनों एक दूसरे से मिल बात नहीं करते थे।
एक वक्त ऐसा भी आया जब बालासाहेब ठाकरे ने कहा कि आज तो मेरा दिन बन गया और ये बात उन्होंने मधुबाला को देखने के बाद कही थी इंडिया की किताब बॉलीवुड टॉप twenty superstars of इंडिया में राज कपूर ने बताया था कि शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे ने एक बार जब शूटिंग के दौरान मधुबाला को देखा था तो वो उनकी खूबसूरती से इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने कहा आज तो मेरा दिन बन गया फिल्म मुगल-ए-आजम का किस्सा ऐसा है कि इस फिल्म को बनने में नौ साल लगे थे जब फिल्म की शूटिंग शुरू हुई थी तब दिलीप कुमार और मधुबाला के बीच सब कुछ था। लेकिन फिल्म का आखिरी कुछ हिस्सा दोनों के बीच उस वक्त फिल्माया गया जब दोनों अलग हो चुके थे और आपस में बात नहीं करते थे। उन्नीस सौ साठ में release हुई फिल्म मुगल-ए-आजम की शूटिंग के लिए जब शीश महल का सेट बनवाया गया था। तो कई लोग शूटिंग देखने पहुंचे थे। इनमें चीन के तत्कालीन प्रधानमंत्री भी शामिल थे जो कि खासतौर से मधुबाला का डांस देखने के लिए सेट पर पहुंचे थे।
जब मधुबाला डांस की प्रैक्टिस करती थी तो पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो भी उन्हें देखने के लिए आया करते थे। मधुबाला पहली बार actress हैं जिन्होंने किसी इंटरनेशनल मैगजीन के लिए फोटोशूट किया। ये फोटोशूट उन्होंने लाइफ मैगजीन के लिए करवाया था। उन्नीस सौ साठ में मधुबाला ने किशोर कुमार से शादी कर ली। किशोर कुमार को उनकी बीमारी की जानकारी तो थी लेकिन उन्होंने इस बात को बहुत गंभीरता से नहीं लिया था। शादी के बाद वो मधुबाला को लेकर लंदन गए जहाँ पता चला कि वो सिर्फ दो साल ही और जीवित रह पाएंगी।
जब किशोर कुमार उनके साथ वापस मुंबई लौटे तो उन्होंने मधुबाला को उनके पिता और बहनों के पास छोड़ दिया और कहा कि मैं काम की वजह से बहुत व्यस्त रहता हूँ तो मधुबाला की अच्छे से देखभाल नहीं इसके बाद वो Madhubala से मिलने आते थे लेकिन तीन चार महीने में एक बार जब Madhubala को उनके पति की जरूरत सबसे ज्यादा थी तब वो उनके पास नहीं थे Madhubala की हालत दिन ब दिन खराब हो रही थी उनके शरीर में अधिक खून बनता था जिस वजह से वो नाक और मुँह से बाहर निकलता रहता था घर पर doctor शरीर से खून निकालते थे उन्हें फेफड़ों की बीमारी भी थी इस वजह से उन्हें हर चार पाँच घंटे में oxygen देनी पड़ती थी Madhubala लंबे समय तक बिस्तर पर रही शरीर में सिर्फ हड्डियाँ ही बची थी खुद को देखकर वो हमेशा रोती थी थी मुझे जिंदा रहना है मरना नहीं है इस वजह से वो makeup करके रहा करती थी ताकि उन्हें लगे कि वो ठीक है उनकी आखरी समय में कुछ गिने चुने लोग ही उनसे मिलने आया करते थे
इनमें दिलीप कुमार का नाम भी शामिल था जब एक बार दिलीप कुमार उनके घर आए तो उनकी आँखों में आँसू थे दोनों ने घंटों बातें की फिर मधुबाला ने उन्हें सायरा बानो के साथ शादी करने पर कहा मैं खुश हूँ मेरे शहजादे को शहजादी मिल गई बातों ही बातों में मधुबाला ने दिलीप कुमार से पूछा जब मैं ठीक हो जाऊंगी तो क्या तुम मेरे साथ फिल्म में काम करोगे इस पर उन्होंने बिलकुल तुम ठीक हो जाओ मैं तुम्हारे साथ फिल्में जरूर करूँगा इसके बाद ना तो मधुबाला कभी ठीक हुई और ना ही दिलीप कुमार के साथ फिल्में कर पाई आखिरकार बीमारी की वजह से मधुबाला का तेईस फरवरी उन्नीस सौ उनहत्तर को महज छत्तीस साल की उम्र में ही निधन हो गया.