2023 हमेशा याद रहेगा क्योंकि इसने हमें एक नया शब्द सिखाया है corporate booking भाई इतना शिद्दत से तो किसी ने English exam के लिए पढ़ाई नहीं की होगी जितनी मेहनत इस शब्द का meaning Google करने में लग गयी लेकिन अब आपको हाथ पैर चलाने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि corporate booking का भूत finally आँखों के सामने आ गया है
donkey versus Salah मैंने शुरू से ही बोला था कि ये बाकी movies की तरह मामूली clash नहीं होगा बल्कि cinema की दुनिया में world war three होने वाला है पहले दिन से ही fans का ध्यान अपने favourite की मूवी से ज्यादा दूसरे वाले की फिल्म ने क्या किया? कैसे किया? इस पे पूरी तरह focused है। और भैया आज तो सारी हदें ही पार हो चुकी है। क्योंकि वो बुक
माय शो जो किसी जमाने में टिकट्स बेचकर एक्टर को स्टार बना के किस्मत बदल सकता था। आज वही बुक माय शो पूरी फिल्म इंडस्ट्री के कपड़े उतार रहा है भाई और कमाल की बात है। प्रॉब्लम ये नहीं कि टिकट्स बीके नहीं बल्कि जरूरत से ज्यादा बिक रहे हैं। देखो यार डंकी versus अलार में content की लड़ाई हार-जीत का फैसला करना थोड़ा मुश्किल था क्योंकि
एक तरफ मास्क था तो दूसरी तरफ family no competition. इसीलिए कौन सी फिल्म है कौन सी पीछे वो पता करने का सबसे बेस्ट तरीका बचता है कलेक्शन. कौन सी फिल्म ने कितना पैसा कमाया? तो भैया फॉर जी के जनरल नॉलेज शाहरुख़ साहब की फिल्म ने छह दिनों में सिर्फ इंडिया के अंदर एक सौ चालीस करोड़ क्रॉस किया तो वर्ल्ड वाइड तीन सौ करोड़ अब
ज्यादा दूर नहीं. फिल्म का बजट भी एक सौ बीस करोड़ के आस-पास है तो आप समझ लो एसआर के द ब्रांड की हेट ट्रिक ऑफ सुपर हिट फिल्म हंड्रेड परसेंट कन्फर्मड हो चुकी है. तो प्रभास की फिल्म सलार ने इसका एकदम डबल दो सौ अस्सी करोड़ किया है इंडिया में नेट फिगर्स में तो वर्ल्ड वाइड गिनती पाँच सौ करोड़ को क्रॉस कर चुकी है पाँच दिनों लेकिन यहाँ पे गौर करने
वाली बात ये है कि सालार का बजट थोड़ा heavy है almost चार सौ करोड़ जिसमें actors की fees भी शामिल है इसीलिए अभी Indian markets में फिल्म को सौ एक सौ बीस करोड़ और ले के आना है तब जा के Prabhas का come back successful माना जाएगा। अब ये सब तो नॉर्मल बात है किसी फिल्म का हिट होना फ्लॉप होना चलता रहता है भाई लेकिन
आज जो थिएटर्स में हो रहा है वो unprecedented है इतिहास में कभी नहीं हुआ। सलाह की bookings खोलोगे अगर आप तो बुक माय शो पे सुबह से लेकर रात तक हर शो में नीचे की पाँच-छह रोज़ सारी की सारी houseful है सर मतलब इतना coincidence कैसे possible है? वीक डे पे भी इतना ज्यादा सीट्स का बुक होना रात ग्यारह बजे के शोज में भी कुछ तो
गड़बड़ है दया। जरा रुको इससे पहले क्या आप सारा इल्जाम बेचारे सलाह के मेकर्स पे ला के पटक दो डंकी का भी तो स्टेटस चेक करना बनता है ना तो भैया यहाँ पे गेम थोड़ा उल्टा है क्योंकि एकदम नीचे और ऊपर वाली नहीं बीच की सीट same pattern में sold आउट हो चुकी है और कमाल की बात ये है कि ये दोनों movies की अतरंगी designs सिर्फ आपको
national multiplex chains में ही देखने को मिलेंगी। जबकि सिंगल स्क्रीन या लोकल थिएटर्स में डंकी का स्टेटस कुछ ऐसा है सर सलार के shows भी कुछ इस तरह भरे हुए हैं देखो जब से मैंने फिल्म देखना शुरू किया हमेशा यही सोचा कि cinema बनता है public के लिए वही फिल्मों की किस्मत का फैसला करती है लेकिन दो हजार तेईस में आ के अब समझ आया कि
फिल्म बनाने वाले अब खुद फिल्म देखने भी लगे हैं पब्लिक के बिना ही फिल्म को हिट कराने का जादू टोना ढूंढ निकाला है
इन्होंने अब मुद्दे की बात ये है कि डंकी वर्सेज सलार में ये सांप सीडी वाला गेम कर कौन रहा है कौन है इसका असली मास्टरमाइंड देखो इसका जवाब बहुत अंदर छुपा है सर मैं और आप वहाँ तक पहुँच भी नहीं पाएंगे लेकिन सबसे बड़ा
manipulation का reason है ये collection mostly ये दो हजार तेईस में शुरू हुआ कि फिल्म मेकर्स ने अब इंडियन कलेक्शन छोड़ के पूरा वर्ल्ड वाइड बिजनेस बताना शुरू कर दिया है। बाहुबली वगैरह जब हिट हुई थी किसी ने पूछा था कि फिल्म का वर्ल्ड वाइड बिजनेस कितना है? बस हर कोई उसको सेलिब्रेट कर रहा था। अरे दंगल से किसी को मतलब है
क्या जिसने इंडिया से सिर्फ चार सौ करोड़ कमाए लेकिन वर्ल्ड वाइड दो हजार करोड़ का बिजनेस किया। असलियत में ये वर्ल्ड वाइड वाला पंगा शुरू हुआ आरआरआर के साथ जब मेकर्स ने पहले ही दिन दो सौ तेईस करोड़ का पोस्टर रिलीज किया था। फिर दो हजार तेईस में पठान ने हिस्ट्री बना दी with record जिसको खुद जवान ने ही तोड़ दिया. Even आदि पुरुष जैसी
फिल्म ने तो हिस्ट्री ही क्रिएट कर दी जिसके पीछे-पीछे लिओ भी भाग कर आई थी. इन शोर्ट जब से ये वर्ल्ड वाइड वाला पंगा शुरू हुआ ना इंडियन मूवीज का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन एग्जाम अब सिर्फ नाम का रह गया है. डंकी वर्सेस सालार भी इसमें पीछे नहीं है. दोनों ही फिल्मों के ट्रेड फिगर्स थोड़ा कंफ्यूजिंग है और ये थिएटर बुकिंग पैटर्न तो आउट ऑफ कंट्रोल है सर.
अब अगर आप ब्लेम गेम करने चलोगे ना तो दोनों मूवीज का फैन बेस सारी लिमिट्स क्रॉस कर देगा लेकिन असलियत किसी को पता नहीं चलेगी. इसीलिए मुझे और आपको ये सीख लेनी चाहिए इन दोनों मूवी क्लैश से कि किसी फिल्म ने पैसा कितना
कमाया वो ये डिसाइड नहीं करता कि फिल्म अच्छी है या बुरी। आपको पता है पंद्रह करोड़ में बनने वाली कांतारा चार सौ करोड़ कैसे कमा लेती है जबकि चार सौ पचास करोड़ कमाने वाली टाइगर थ्री को इज्जत फिर भी नहीं मिलती। रीजन है पब्लिक पावर ये कॉर्पोरेट बुकिंग और फेक कलेक्शन आता-जाता रहेगा लेकिन सिनेमा पब्लिक से है पब्लिक का है और पब्लिक का रहेगा।
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