साउथ इंडियन एक्ट्रेस सौम्या ने ये खुलासा किया है कि एक डायरेक्टर ने उन्हें अपना सेक्स स्लेव बनाया था, जब उन्हें सिर्फ डेढ़-डेढ़ साल तक रखा गया था, उन्होंने ये भी कहा था कि एक साल तक मेरे साथ गलत काम किया वो दुनिया के सामने मेरे सामने बेटी थी जी हां सौम्या ने एक दशक की तमिल और तीन मलयालम फिल्मों में काम किया था सौम्या ने एक दशक की तमिल और तीन मलयालम फिल्मों में काम किया था।
सौम्या ने कहा कि ये जो निर्देशक है ये मनोरंजन के लिए उनके प्राइवेट पार्ट में रॉड भी शामिल थी इस घटना से तीस साल बाद सामने आईं उन्होंने कहा कि सभी पीड़ित महिलाओं को इस तरह गाली के तौर पर आवाज उठानी चाहिए ये इंटरव्यू उन्होंने एनडीटीवी को दिया है और एनडीटीवी के साथ इस इंटरव्यू में सौम्या ने कहा कि मैं अठारह साल की थी जब वो डायरेक्टर मुझसे मिले एक तरह से डायरेक्टर ने मुझे अपनी बेटी बताई आह मुझे अपने साथ रखना शुरू कर दिया और दूसरी तरफ वो मेरे साथ गलत काम करता था बाद में चीजें इतनी खराब हो गईं कि वो मेरिबा बेबी पैदा करना चाहती थी और वो डायरेक्टर मुझे सेक्स स्लेव की तरह रोजाना इस्तेमाल करता था हालांकि सोमिया ने इस डायरेक्टर का नाम सुझाया से लाजवाब कर दिया है उन्होंने कहा कि डायरेक्टर के नाम का खुलासा वो स्पेशल पुलिस फोर्स केरल सरकार की ओर से उभरती रचना के सामने हेमा कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद अब इस पूरे इंटरव्यू में करीब छब्बीस मिनट का इंटरव्यू है जिसमें एह सौम्या ने बताया है कि एक दिन जब उस डायरेक्टर की पत्नी घर पर नहीं थी तो उस आदमी ने मुझे बताया बेटी बोली मुझे चूम लिया।
उस किस के बाद मैंने पूरी तरह से अपने दोस्तों से ये बात कही, इच्छा तो थी लेकिन बताई नहीं। मैंने ये दावा किया था कि शायद मुझसे ही कुछ गलती हो गई है इसके बाद भी मैंने डांस रिहर्सल की और बाकी की प्रैक्टिस जारी रखी-धीरे-धीरे उस आदमी ने मेरे पूरे शरीर का खर्च उठाना शुरू कर दिया। उसने मेरा रेप किया और यहां ये सब एक साल लगातार रह रही है। एक तरह से उसने मेरे दिमाग के साथ खेलना शुरू कर दिया था। सौम्या का कहना है कि डायरेक्टर की बेटी ने भी उन पर रेप के आरोप लगाए थे और वो इन दिनों अलग-अलग काम कर रही थीं।
और ये जो प्रबंधन था वो अपने घर के पास रह रहा था. एक और डायरेक्टर की बेटी ने पहले ही उस पर रेप का इल्जाम लगा लिया था और इन शिफ्टों में एक डायरेक्टर और उसकी पत्नी ने उसे बताया था। फिर वो मुझे अपने घर लेकर चले गये। शुरुआत में मेरे साथ बहुत अच्छा व्यवहार करना था। मुझे खाना देते थे, मिल्क शेक देते थे, मुझे जो चीजें पसंद थीं वे मुझे देते थे। लेकिन शूटिंग के दौरान सौमिया से पता चलता है कि मुझे उस प्रोडक्शन से डर लगता था।
सौम्या ने इस साक्षात्कार में यह भी बताया कि वो शुरुआत में निर्देशन के साथ सहज नहीं थीं, उन्होंने कहा था कि ये मेरी पहली मुलाकात में ही कह दिया कि मैं उनके साथ सहज नहीं हूं, हालांकि आह मैं उनके साथ फिल्मों में काम जरूर करना चाहती थी वो कहा जाता है कि पहले आउटडोर शूट के दौरान डायरेक्टर ने मेरी बात ही नहीं की थी, शुरुआत में एग्रीमेंट में लिखा था कि उनकी पत्नी फिल्म का डायरेक्शन कर रही हैं लेकिन असल में डायरेक्शन वो जो पुरुष थे, जो हसबैंड थे वही पूरी फिल्म का डायरेक्शन कर रहे थे, इस जिस तरह से मैं पूरी तरह से उस निर्देशक के नियंत्रण में था, वो मेरे साथ उस तरह का व्यवहार कर रहे थे जैसे कि आम तौर पर पुरुष शांत होकर गुस्सा दिखाते हैं और डरा कर रखते हैं और ऐसा माहौल बना देते हैं कि हम बहुत गंभीर हैं और आप कभी भी नौकरी लगा सकते हैं। मुझे पता है कि उस समय मैं सिर्फ अठारह साल की सौ थी और कॉलेज का वो मेरा पहला साल था।
मैं एक ऐसे कार्टून से आती थी, मेरे पैरेंट्स फिल्मों के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे। तमिल फिल्मों में काम करने का ऑफर मुझे कॉलेज की एक थिएटर के माध्यम से आया था और असल में उन दिनों मेरे घर के पास ही एक एक्ट्रेस करती थी रेवती रियान मैं बहुत इंस्पायर थी और यही वजह रही कि मैं फिल्म में अपना स्क्रीन टेस्ट देती हूं के लिए तैयार हो गया. अब हेमा कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद आप ही जानते हैं कि कई सारी एक्ट्रेस एक के बाद एक लकीर आ रही हैं, ये कहा गया है कि मलयालम इंडस्ट्री में एक तरह से महिला कलाकारों के साथ बहुत कुछ गलत होता है, यौन शोषण होता है जांच के लिए असल में दो हजार उन्नीस में एक सौ जजमेंट हेमा की राष्ट्रपति ने अपनी तीन कमेटी की कमेटी बनाई थी, चार साल बाद उन्नीस अगस्त को अभी यह हेमा कमेटी की रिपोर्ट मिली है, जिसमें वह केरल सरकार को दो टेंटीस स्टूडेंट की एक रिपोर्ट है।
इसमें कई बड़े कलाकारों द्वारा शोषण की गई बातें सामने आई हैं। दोस्तों एह जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद मलयालम फिल्म उद्योग में सारी अभिनेत्रियां हैं जो एक के बाद एक निकल कर आ रही हैं और इस तरह की बातें कर रही हैं बहुत सारी आह बहुत सारी ऐसी बातें हैं जिनकी अब सच रूपरेखा सामने आई है आ रहा है और बा कायदे से एक लिस्ट बनाई गई है इस लिस्ट में ये लिखा है कि किस तरीके से जो अलग-अलग डिपार्टमेंट में काम करने वाली महिलाएं होती हैं उनके साथ ये जो वर्चस्व वाले पुरुष निर्देशित या कलाकार होते हैं बहुत ज्यादा आह पकड़ो होता है इंडस्ट्री पर वो एक साथ गलत काम करती है और एक कलाकार अपना पसंदीदा बनाता है और सिर्फ अभिनेत्रियां ही इसमें शामिल नहीं होती है और कई डिपार्टमेंट में काम करने वाली लड़कियां है जो कहती है कि हां हमारा साथ भी ऐसा था और अलग था तरीकों से लोग सामने आ रहे हैं साथ में ये भी कहा गया है कि कभी-कभी ना तो कपड़े पहनने की सही जगह होती है, ना बाथरूम जाने के लिए कुछ डिजाइन किया जाता है, फिर भी बहुत जोर से सजाया जाता है ऐसा कहा जाता है कि आपने अपना मोबाइल रिटेल स्टोर नहीं खोला है,
नहीं तो आपको ना तो इस इंडस्ट्री में कहीं काम मिलेगा और आपके साथ भी बदनाम हो जाएगा और एक-एक करके नाम सामने आ गया है दोस्तों, मेरे सामने एक बड़ी लिस्ट ये जो बता रही है कि किस तरह से अलग-अलग डिपार्टमेंट में काम करने वाली लड़कियां हैं, बेकार वो मेकअप डिपार्टमेंट में हैं, बेकार वो कॉस्ट्यूम डिपार्टमेंट में हैं, किसी भी डिपार्टमेंट में काम करने वाली लड़कियां हो सकती हैं, उनके साथ तरीके की जबरदस्ती की जाती रही और उन्होंने अपना मुंह बंद कर लिया क्योंकि उन्हें यह कहा गया था कि अगर उन्होंने अपना मुंह खोला जबान काबिल तो शायद आगे काम की तलाश बंद हो जाएगी और उनके बाद क्या होगा उनके बाद ये होगा कि वे घर जाएंगे जैसा कि रिपोर्ट में देखा गया है क्या-क्या सामने आया, मैं आपको बताता हूं कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के कई एक्टर्स, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करते हैं, कई मेकर्स रोल देते हैं और महिलाओं से फेवर की मांग करते हैं।
हम हैं इंडस्ट्री में हीरो की ही मॉस्को मॉल है हीरोइन की नहीं चलती है इंडस्ट्री में बड़े कलाकारों का एक माफिया ग्रुप है जो ये तय करता है कि किसे फिल्म इसमें काम करना है और अब सात तरह के तरीकों से महिलाओं के साथ शोषण होता है। काम के बदले महिलाओं से यौन उत्पीड़न पेपर की मांग करना वर्कशॉप पर यौन उत्पीड़न यौन एहसान की बात ना अपमान पर यातना, शौचालय और चेंजिंग रूम जैसी बुनियादी मांगें ना देना, डॉक्यूमेंट्री ताकि वो उस मुद्दे का लाभ उठा सके, सुरक्षा का प्रस्ताव ना रखना जाना , काम करने पर मनमाने तरीके से बैन लगा देना, बैन का गहरा चुप करा देना, पुरुष वर्चस्व और लिंग के आधार पर भेदभाव, अमर्यादित और अश्लील कमेंट्स लगातार पास करना, कॉन्ट्रैक्ट की शर्त पर भी ना होना, सहमति बनी रहना, तय हुई फ़ेस टाइम पर ना देना महिला और पुरुष के फ़ेस में भेदभाव ये तो खैर बॉलीवुड में भी होता है टेक्निकल नौकरियों में महिलाओं को जगह ना देना ऑनलाइन हैरेसमेंट यानी साइबर अटैक अटैक्शन अधिकार को लेकर कानूनी जागरूकता नहीं है और वो एमएस फ़ायदेमंद है और समस्या के चोट के लिए कोई भी समूह समिति नहीं बनाई गई है, इस सूची में तीस श्रेणियों का वर्णन किया गया है, इस रिपोर्ट में विभाग में काम करने वाली महिलाएं प्रभावित हो रही हैं वो अभिनेत्री हैं, नियुक्त हैं,
निर्देशन जूनियर कलाकार हैं, कैमरा वीमेन सहायक संचालक हैं है, कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर है, ग्राफिक डिज़ाइनर है, मेकअप आर्टिस्ट है, स्नेह डिस्ट्रीब्यूटर्स है, सिनेह प्रदर्शक हैं, प्रोडक्शन एक्जीक्यूटिव हैं, फिर भी फोटोग्राफर हैं, डबिंग कलाकार हैं, संपादक हैं, गीतकार हैं, तकनीशियन हैं, संगीत निर्देशक हैं, पटकथा लेखक हैं, पीआर भी हैं, नर्तक, कला निर्देशक, नृत्य कोरियोग्राफर, कोरियोग्राफर, ध्वनि इंजीनियर, स्टूडियो हैं कर्मचारी, उत्पादन विभाग और हेयर स्टाइलिस्ट ऐसे अलग-अलग विभाग हैं जिन्हें नामित किया गया है जिन पर ये असेंबलियां हैं और आपने सोचा था कि ये सब कुछ चल रहा था और किसी को उम्मीद नहीं थी कि सच में कोई नतीजा सामने आएगा। जब ये सच निकल कर सामने आया तो लोग मांग कर रहे हैं कि भारत की जो दूसरी फिल्म इंडस्ट्री है, मलयालम के अलावा वहां भी इस तरह की जांच हो बा कानूनी मजिस्ट्रेट के इंटरव्यू ले लोगों से बात करें जानकारी संबंधी और ये जो मीडिया काम करती है समय-समय पर इस सब को नापसंद करने का आधिकारिक तौर पर अनुमान लगाया जाता है कि सही दिशा में यह पूरा मामला सामने आता है और कई सारे लोग निकल कर सामने आ सकते हैं जो पारंपरिक बाद में अपना दुख दर्द जाहिर कर सकते हैं।