लोग nepotism के नाम पर बॉलीवुड को गालियां क्यों देते हैं? इसका सबसे बड़ा उदाहरण है खुद टाइगर श्रॉफ। जिन्हें इंडस्ट्री में सिर्फ इस वजह से काम मिलता है क्योंकि उनके नाम के आगे श्रॉफ लगा है। वही श्रॉफ जो जैकी के आगे लगा है यानी जैकी श्रॉफ के बेटे टाइगर श्रॉफ जिनके acting skills poor हैं। जो डायलॉग्स नहीं बोल सकते और जिनके अंदर एंटरटेनमेंट करने की कोई महारथ नहीं है उन्हें इतने सा लो से काम मिल रहा है अब नौबत ये आ गई है कि उनके पास काम नहीं हाल ही में उन्होंने सबसे बड़ी फ्लॉप दी है BMCM बड़े मियाँ छोटे मियाँ और इस फ्लॉप फिल्म में उन्होंने जो काम करने की फीस ली वो करीब तीस करोड़ रूपए थी
अब उनसे कहा जा रहा है कि अगर आपको सरवाइव करना है तो आप अपनी फीस को सत्तर फीसदी से ज्यादा घटा दीजिए तब आप उम्मीद कीजिए कि आपको कोई फिल्म देगा वरना यूँ ही ठनठन गोपाल बैठे रहिए कुल मिलाकर मामला ये है कि पिछले काफी समय से लगातार फ्लॉप फिल्म में दिए जा रहे टाइगर श्रॉफ के पास अब काम नहीं है और अब बाकी प्रोड्यूसर्स को भी ये समझ में आने लगा है कि popular surname आगे लगे होने से public आपको देखने नहीं आती है।
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अगर ऐसा होता तो लोग इरफ़ान खान, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, पंकज त्रिपाठी, मनोज बाजपई, इनकी फिल्में देखने नहीं जाते क्योंकि इनके आगे लगा हुआ surname किसी popular बॉलीवुड family का नहीं है। ये उन लोगों के लिए भी सबक है, जो सिर्फ इसलिए फिल्म इंडस्ट्री में आ जाते हैं, क्योंकि उनके घर वाले इस इंडस्ट्री में काम करते हैं, भले उनके अंदर कोई गुण हो या ना हो। टाइगर श्रॉफ इस का जीता जागता example है।
अगर वो किसी और field में चले जाते तो शायद थोड़ी बहुत success मिल जाती बजाय फ्लॉप हीरो होने के क्योंकि फ्लॉप एक्टर भी उन्हें कहा नहीं जा सकता क्योंकि ये एक्टिंग की बेइज्जती होगी, एक्टिंग शब्द की बेइज्जती होगी अगर उन्हें जैकी श्रॉफ के साथ जोड़ा जाए वहां तक तो ठीक है लेकिन जैकी श्रॉफ के बेटे टाइगर श्रॉफ के साथ आप एक्टिंग शब्द को नहीं जोड़ सकते।
क्योंकि आज तक किसी ने भी टाइगर श्रॉफ को एक्टिंग करते हुए नहीं देखा। कैमरे के सामने वो दो-चार उछल कूद करते हैं, थोड़े बहुत फाइट सीन्स करते कुल मिलाकर अपनी बॉडी दिखाने के लिए डांस करते हैं लेकिन उनके अंदर ना तो कोई एक्टर है और ना ही उन्हें डायलॉग डिलीवरी आती है और यही वजह है कि अब कोई भी प्रोड्यूसर उन पर पैसा लगाने के लिए तैयार नहीं है, नौबत ये आ गई है कि टाइगर श्रॉफ को अब अकेले में बैठकर सोचना पड़ेगा कि उनको आगे करना क्या है?
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शायद इसीलिए उन्होंने वो गुटखे का एड किया है, क्योंकि वो जानते हैं कि कैमरे के सामने रहना है, तो कभी गुटका बेचना पड़ेगा, कभी साबुन बेचना पड़ेगा, क्योंकि कोई फिल्म में तो उनको लेने से रहा क्योंकि फिल्म एक बहुत बड़ा बिजनेस है, आप पर बहुत सा पैसा लगता है उसके बाद उम्मीद ये की जाती है कि आप कुछ लोगों को उनके घरों से खींचकर सिनेमा हॉल तक लाएंगे लेकिन टाइगर श्रॉफ के अंदर वो काबिलियत नहीं है अब ये बॉलीवुड को बात धीरे-धीरे समझ में आने लगी है और शायद इसी तरह बॉलीवुड को बहुत कुछ ये भी समझ में आएगा कि एक पॉपुलर सरनेम वाले किसी हीरो को या हीरोइन को ले लेने से फिल्में नहीं चलती।
लोगों के पास पुख्ता वजह होनी चाहिए कि वो उस फिल्म को देखने क्यों जा रहे हैं? जो शायद टाइगर श्रॉफ अब नहीं दे सकते। आज टाइगर श्रॉफ का करियर जिस हद से होकर गुजर रहा है उसमें जरूरत है उन्हें अकेले बैठकर ये वाकई वो सिर्फ फिल्मों में ही काम करना चाहते हैं या कुछ और रोजगार भी तलाश सकते हैं। बेहतर होगा कि अगर वो कोई और काम करने की कोशिश करें जो वो अच्छे से कर पाएं क्योंकि फिल्मों में वो कैसा काम करते हैं ये हमने देख लिया। अकेले उनके बल पर फिल्म हिट हो जाए, चल जाए, ये संभव नहीं।
अक्षय कुमार जैसे के साथ आए वहां भी फ्लॉप तो कुल मिलाकर अब टाइगर श्रॉफ को ब्रेक लेने की जरूरत है, डांस अच्छा करते हैं, कहीं डांस इंस्ट्रक्टर बन जाए, फाइट सीन अच्छे कर लेते हैं, कहीं एक्शन डायरेक्टर बन जाए, या बॉडी अच्छी बना कहीं किसी को जिम में ट्रेनर हो जाए। लेकिन क्या वो वाकई एक्टिंग करना चाहते हैं? ये उन्हें रुक कर खुद से पूछना होगा।