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बच्चन और नेहरू परिवार में क्यों पड़ी दरार ? | Why did a rift occur between the Bachchan and Nehru families?

बच्चन और नेहरू परिवार में क्यों पड़ी दरार ? | Why did a rift occur between the Bachchan and Nehru families?बच्चन और नेहरू परिवार में क्यों पड़ी दरार ? | Why did a rift occur between the Bachchan and Nehru families?

Rajiv Gandhi और Amitabh Bachchan के बीच की दोस्ती में दरार कैसे आयी इसकी कहानी सुनाने जा रहे है लेकिन इस कहानी को सुनाने के लिए हमें आपको थोड़ा सा पीछे ले जाना पड़ेगा तो शुरुआत करते है Jawaharlal Nehru और Harivansh Rai Bachchan की दोस्ती से Jawaharlal Nehru और Harivansh Rai Bachchan की दोस्ती का परिणाम ये रहा कि साल उन्नीस सौ पचपन में यानी देश को आजादी मिलने के करीब आठ साल बाद Harivansh Rai Bachchan को विदेश विभाग में Hindi के विशेष अधिकारी के रूप में नियुक्त कर दिया गया हरिवंश राय बच्चन की पत्नी और अमिताभ बच्चन की माँ तेजी बच्चन के इंदिरा गांधी के साथ बेहद करीबी रिश्ते थे इंदिरा और तेजी बच्चन की मुलाकात इलाहबाद के आनंद भवन में हुई थी

अब यहाँ एक लाइन का उल्लेख करना बहुत जरुरी है वो लाइन है he is a poet and she is his poem ये कवि है और ये उनकी कविता है असल में ये लाइन कही थी आजादी के कुछ साल बाद Rai Bachchan और उनकी पत्नी Teji Bachchan की Jawaharlal Nehru से मुलाकात कराते हुए Sarojini Naidu ने यानी Sarojini Naidu ने Jawaharlal Nehru से जब पहली बार Harivansh Rai Bachchan और Teji Bachchan को मिलवाया तब उन्होंने ये कहा था कि भाई ये कवि है और ये उनकी कविता है पंडित Nehru और Harivansh Rai Bachchan की इस मुलाकात से ही शुरू हुआ Nehru परिवार और Bachchan परिवार का रिश्ता जिस वाक्य पर आकर खत्म हुआ था वो जानते है क्या वो था he is a snake वो सांप है ये दूसरा जो वाक्य है ये वाली line कांग्रेस के नेता राजीव गाँधी ने अमिताभ बच्चन के लिए कही थी और यहीं पर आकर ये रिश्ता खत्म हो गया था

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अमिताभ बच्चन जिन्होंने सोनिया गाँधी और राजीव गाँधी की शादी के समय सोनिया गाँधी के भाई का फर्ज अदा किया था और इटली से आया सोनिया गाँधी का परिवार भी अमिताभ बच्चन के घर पर ठहरा था जवाहरलाल नेहरू और बच्चन परिवार की दोस्त के बारे में अगर आपको ज्यादा जानना है तो कुछ बातें आपको समझनी होंगी तेजी बच्चन असल में सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिय रहती थी तेजी बच्चन यानी अमिताभ बच्चन की माँ उन्नीस सौ अड़सठ में जब सोनिया गांधी शादी से पहले पहली बार भारत आई तो एयरपोर्ट पर रिसीव करने के लिए पूरा बच्चन परिवार मौजूद था सोनिया के स्वागत के लिए पूरा घर सजाया गया भारतीय रिवाज के हिसाब से शादी से पहले कोई भी लड़की ससुराल में नहीं ठहर सकती। इसीलिए सोनिया गांधी बच्चन पर के साथ ही ठहरी थी और शादी से कुछ दिन पहले ही राखी बांधकर अमिताभ बच्चन को उन्होंने अपना भाई बनाया था

शादी के दिन जब इटली से सोनिया गाँधी का परिवार भारत आया तो वो भी अमिताभ बच्चन के घर ही रुका था राजीव गाँधी और अमिताभ बच्चन की पहली मुलाकात अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर हुई थी उस समय अमिताभ बच्चन चार साल के थे और राजीव गाँधी की उम्र सिर्फ दो साल थी राजीव गाँधी की माँ इंदिरा गाँधी, राजीव को गोद में लिए अमिताभ के जन्मदिन की पार्टी में पहुँची थी उम्र बढ़ने के साथ राजीव और अमिताभ की जितनी अच्छी दोस्ती हुई उतनी ही अच्छी दोस्ती राजीव के छोटे भाई संजय गांधी और अमिताभ के छोटे भाई अमिताभ बच्चन के बीच भी हुई

स्कूल के दिनों में जब भी छुट्टियां होती तो ये चारों दिल्ली में एक साथ मस्ती करते थे राजीव गांधी का technology में काफी interest था खिलौनों और दूसरे यंत्रों के पुर्जों से खेलना और फिर उन्हें जोड़ना उन्हें बेहद पसंद था एक बार हरिवंश राय बच्चन विदेश से transistor कम recorder लेकर आए थे एक दिन Amitabh Bachchan ने इसे जाँचने परखने के लिए सारे कल पुर्जे खोल दिए फिर काफी कोशिशें करने के बाद जब वो transistor के पुर्जे जोड़ने में विफल रहे तो सारे पुर्जे एक bag में भरे और सीधे Gandhi निवास तीन मूर्ति की तरफ चल दिए Rajiv Gandhi के पास गए और बोले यार इसे ठीक कर दो नहीं तो बाबूजी बहुत गुस्सा होंगे

बच्चन और नेहरू परिवार में क्यों पड़ी दरार ? | Why did a rift occur between the Bachchan and Nehru families?

Rajiv Gandhi ने कुछ ही देर में सारे पुर्जे ठीक कर दिए जब Rajiv Gandhi England पढ़ने चले गए तो एक दिन Indira Gandhi अचानक Bachchan परिवार के पास पहुँच गयी और बोली मेरा राजीव इंग्लैंड में मजे में तो है ना उसका कोई समाचार? जिस पर तेजी बच्चन ने जवाब दिया अरे वाह अपने बेटे का समाचार आपके पास नहीं है। इंद्रा ने जवाब दिया अरे यही तो मुसीबत है मुझे तो अपने बेटे की खैर खबर भी तुम्हारे बेटे से लेनी पड़ती है। राजीव मुझे चिट्ठी लिखे या ना लिखे लेकिन अमिताभ को चिट्ठी जरूर लिखता है। जब राजीव गांधी पायलट बन गए तो अक्सर वो अमिताभ बच्चन को इसकी जानकारी दिया करते थे कि फलां-फलां दिन वो फला-फला route पर रहेंगे और इतने बजे वो इस शहर में पहुंचेंगे।

राजीव जब भी Mumbai जाते तो airport पर उन्हें receive करने Amitabh Bachchan ज़रूर होते थे Amitabh जब कभी सफर में होते तो उड़ान भरने से पहले वो अपनी seat पर बैठते थे लेकिन उड़ान भरने के बाद Rajiv Gandhi उन्हें cockquit में बुला लिया करते थे Jawaharlal Nehru से लेकर Indira Gandhi और Rajiv Gandhi से लेकर Sonia Gandhi तक जीवन के हर मोड़ पर Gandhi परिवार और Bachchan परिवार साथ में रहा सब सुख दुःख के साथ ही रहे लेकिन इस कालखंड में ऐसी कई घटनाएँ हुई जिसकी वजह से इन परिवारों के बीच दूरियां बढ़ने लगी लेखक राशिद अपनी किताब नेता अभिनेता बॉलीवुड स्टार पार एंड इंडियन पॉलिटिक्स में वरुण गांधी के हवाले से लिखा है कि जब आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी को सत्ता गंवानी पड़ी तो बच्चन परिवार ने गांधी परिवार से दूरी बना ली इंदिरा गांधी ने एक प्रस्ताव रखा था कि बच्चन परिवार को एक जनसभा में बुलाया जाए लेकिन अमिताभ बच्चन की माँ तेजी बच्चन ने ये कहते हुए मना कर दिया कि इससे मेरे बेटे के बॉलीवुड गलत असर पड़ेगा

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सत्ता जाने के बाद एक बार संजय गांधी मुंबई गए तो अमिताभ बच्चन उन्हें रिसीव करने एयरपोर्ट नहीं आए जबकि पहले हमेशा वो एयरपोर्ट पर मौजूद रहा करते थे इस व्यवहार से संजय गांधी भी काफी दुखी हुए थे एक पत्रिका सूर्या ने दावा किया था कि nineteen eighty में जब इंदिरा सत्ता में लौटी तो उन्होंने तेजी बच्चन की जगह नर्गिश दत्त को राज्यसभा भेजने का फैसला किया इससे तेजी बच्चन नाराज हो गई थी कहा जाता है कि इस वजह से दोनों के बीच कहा सुनी भी इस घटना के बाद से दोनों परिवारों के बीच दूरियां बढ़ती चली गई कांग्रेस के नेता एमएल फोतेदार ने दो हजार पंद्रह में आई अपनी किताब में लिखा है कि इंदिरा गांधी ने अपनी मौत से कुछ दिन पहले एक बैठक में राजीव गांधी को अमिताभ बच्चन को लेकर एक महत्वपूर्ण बात कही थी इंदिरा गांधी ने राजीव गांधी के अलावा अरुण नेहरू और एमएल फोटेदार को बैठक में बुलाया था के मुताबिक इस बैठक में लोकसभा चुनाव पर चर्चा हो रही थी

इस दौरान उन्होंने अपने बेटे से खास तौर पर दो चीजें कही जो भविष्य में कभी नहीं करनी चाहिए इसमें पहली बात थी तेजी के बेटे Amitabh को कभी भी चुनावी राजनीति में मत लाना अब आपको बताते है Rajiv और Amitabh के रिश्ते कैसे बिगड़े Rajiv Gandhi ने Indira Gandhi की चेतावनी को बहुत हल्के में लिया Indira Gandhi के निधन के बाद उन्नीस सौ चौरासी के लोक सभा चुनाव में Rajiv Gandhi ने खुद अपनी तरफ से Amitabh Bachchan को इलाहाबाद seat से चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया Rajiv Gandhi की सरकार बनी Amitabh Bachchan जीतकर संसद पहुँचे इसी बीच Bofors घोटाले की संसद से लेकर सड़क तक सुनाई देने लगी राजीव गाँधी के साथ इसमें अमिताभ बच्चन का नाम भी घसीटा गया बस यहीं से अमिताभ बच्चन ने एक बार फिर से राजीव गाँधी से दूरियाँ बनानी शुरू कर दी अमिताभ बच्चन अपने फ़िल्मी करियर को बचाने के लिए राजनीति से दूर होना चाहते थे

और अपने दोस्त राजीव को संकट की घड़ी में उन्होंने अकेला छोड़ दिया अमिताभ बच्चन ने इलाहाबाद लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया राजीव गाँधी ने अमिताभ बच्चन से इस्तीफा लिया था इसके बाद अमिताभ बच्चन ने राजीव गाँधी से बना ली Bofors कांड के बाद हुए चुनाव में Rajiv Gandhi को सत्ता गंवानी पड़ी वरिष्ठ पत्रकार Santosh Bhartiya ने अपनी किताब V P Singh, Chandra Shekhar, Sonia Gandhi और मैं में लिखा है कि Rajiv Gandhi ने एक बार Amitabh Bachchan को साफ कह दिया था ये बात उस समय की है जब V P Singh सरकार के समय Rajiv Gandhi विपक्ष के नेता थे और Amitabh Bachchan उनसे मिलने आए थे उस वक्त Congress के वरिष्ठ नेता Rajiv Shukla भी वहाँ मौजूद थे जब Amitabh चले गए तो Rajiv Gandhi ने कहा he is a मतलब वो एक सांप है, तो कुछ इस तरह से वो कविता वाली लाइन से शुरू हुआ इन दोनों परिवार का रिश्ता इस स्नेक वाली लाइन पर आकर खत्म हो गया.

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