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डीपफेक केस में पुलिस ने बयान लिया | Police took statement in deep fake case

डीपफेक केस में पुलिस ने बयान लिया | Police took statement in deep fake caseडीपफेक केस में पुलिस ने बयान लिया | Police took statement in deep fake case

आपको याद होगा नवंबर 2023 की बात है रश्मिका मंधाना का एक defake वीडियो वायरल हो गया था। डी फेक वीडियो सामने आने का ये अपनी तरह का पहला मामला था और इस मामले में दिल्ली पुलिस ने इसके आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब इसी मामले में रश्मिका मंधाना ने पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज करवा दिया है। जानकारी के अनुसार defake वीडियो मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की आईएफएसओ टीम ने रश्मिका मंधाना का बयान कर लिया है।

दिल्ली पुलिस की ये जो आईएफ़एसओ टीम है यानी intelligence fusion and strategic operations यूनिट ये एक साइबर क्राइम यूनिट है इसने आंध्रप्रदेश से चौबीस साल के एक इंजीनियर इमानी नवीन को गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस ने दस नवंबर दो हजार तेईस के दिन इस केस की एफआईआर दर्ज की थी और रश्मिका का डी फेक इसी शख्स ने बनाया था जिसका नाम इमानी नवीन बताया जाता है।

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महिला आयोग की शिकायत पर दस नवंबर दो हजार तेईस के दिन ये केस दर्ज हुआ जिसके बाद वीडियो की तकनीकी जांच में काफी मेहनत की गई। पहली बार ये वीडियो ब्रिटिश इंडियन लड़की ने इंस्टाग्राम पर ninth अक्टूबर two thousand twenty three के दिन upload किया था जिसमें deep fake के जरिए रश्मि का चेहरा फिट किया गया तेरह अक्टूबर के दिन और उसके बाद ये अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर किया गया, जाँच के दौरान ये पाया गया कि पांच सौ से ज्यादा सोशल मीडिया accounts अह पर ये शेयर हुआ था और उसके बाद इसे उन अकाउंट से delete किया गया, फेसबुक चलाने वाली कंपनी मेहता ने भी इस मामले में काफी मदद की और deleted का डाटा रिकवर करने में करीब पुलिस को दो से तीन हफ्ते का समय लगा।

आईएफएसओ की टीम कई राज्यों में गई और आखिर में इमानी नवीन को आंध्र प्रदेश के गुनटूर शहर से गिरफ्तार किया गया आरोपी ने पुलिस के सामने बाद में अपना जुर्म भी कबूल कर लिया पुलिस के मुताबिक ये जो आरोपी इमानी नवीन है ये रश्मिका मंदाना का एक फैन पेज चलाता था लेकिन डेढ़ साल तक रश्मिका मंदाना का फैन पेज फेसबुक पर चलाने के बाद भी उस पर सिर्फ नब्बे हजार ही फॉलोवर थे और इस वीडियो को अपलोड करने के बाद ये नब्बे हजार बढ़कर एक लाख आठ हजार हो गए। इसका डी फेक वीडियो बनाने का मकसद रश्मिका को नुकसान पहुंचाना तो नहीं था लेकिन आरोपी अह जो था ये मेटा से यानी फेसबुक से monetization के जरिए पैसे कमाना चाहता था और अपने फॉलोवर बढ़ाना चाहता था

इसलिए उसने यूट्यूब चैनल से वीडियो एडिटिंग का कोर्स किया और बाकायदा फिर रश्मिका मंधाना का डी फेक वीडियो खुद बनाया जब आरोपी ने देखा कि ये सब अब एक बड़ा नेशनल इशू बन गया है और बड़े स्टार्स भी इस पर कार्यवाही की मांग करने लगे हैं तो वो डर गया फिर आरोपी ने डी फेक पोस्ट जो था डिलीट कर दिया और फैन पेज का नाम भी बदल दिया। आरोपी ने अपने फोन से भी बहुत सारा डाटा उस वक्त डिलीट कर दिया था यानी शोर मचाने का फायदा हुआ हमेशा कहा जाता है चोर को शोर का डर खैर ये जो इमानी नवीन है इसने चेन्नई से दो हजार इक्कीस में इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकम्युनिकेशंस में बी-टेक किया है आरोपी ने गूगल गैराज से डिजिटल मार्केटिंग का सर्टिफिकेट लिया है इसके अलावा उसने अह यूट्यूब से वेबसाइट डेवलपमेंट, फोटोशॉप और वीडियो editing का कोर्स किया है या मार्च दो हजार तेईस में अह अपने घर से वर्क from home कर रहा था

तो एक तरह से बेरोजगार नहीं था लेकिन हाँ कोई इसके पास कोई खास काम भी नहीं था। डी फेक अह दोस्तों एक एक तरह का एक फेक वीडियो होता है जिसमें किसी भी शख्स के चेहरे और आवाज और expression बदल दिए जाते हैं, एआई tools के जरिए editing इतनी सफाई से होती है कि सच में और फेक में पहचान कर पाना फर्क कर पाना मुश्किल हो जाता है, पहले ये सिर्फ स्टिल फोटोज में होता था मौफिन के जरिए लेकिन अब चेहरे के हाव भाव हैं वो बदल दिए जाते हैं और ज्यादातर deep fake का इस्तेमाल पोर्न फिल्मों के लिए होता है जिसमें किसी की भी तस्वीर या वीडियो को टेक्नोलॉजी की मदद से न्यूट फोटो या न्यूट वीडियो में बदल दिया जाता है लेकिन जिस वक्त ये रश्मिका मंधाना का पूरा मामला सामने आया था

डीपफेक केस में पुलिस ने बयान लिया | Police took statement in deep fake case

उस वक्त अमिताभ बच्चन ने भी और बहुत सारे लोगों ने इस पर आवाज उठाई थी और ये कहा था कि अगर इसको रोका नहीं गया तो आने वाले परिणाम भयंकर हो सकते हैं, दोस्तों कोई भी मामला जब पहला होता है तो उस पर आवाज उठानी बहुत जरूरी होती है। और क्योंकि इस मामले में आवाज उठाई गई इसने तुरंत कार्यवाही की है पकड़ा गया तो अब लगता है इससे सबक लेकर कोई ऐसी हरकत करने की दोबारा कोशिश नहीं करेगा लेकिन देखते हैं क्योंकि जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है तो वैसे-वैसे लोगों के बचने के तरीके भी बढ़ते जा रहे हैं उम्मीद है कि डीप फेक वाले मामले में हम कोई दूसरा केस इस तरह का नहीं सुनेंगे हालांकि इसके बाद भी छोटी-मोटी खबरें आती नहीं है कि ये हो रहा है उम्मीद है कि लोग इससे सबक सीखेंगे और इस तरह की हरकत नहीं करेंगे.

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