एक आम महिला की एक असामान्य लड़ाई और उसके धैर्य की कहानी कहता है फिल्म ‘पटना शुक्ला, विवेक बुडाकोटी और राजेन्द्र तिवारी द्वारा निर्देषित, और अरबाज खान द्वारा निर्मित इस फिल्म में हमारे एजुकेशन सिस्टम में हो रहे घोटाले पर एक गहरा सवाल उठाया है. फिल्म में रवीना टंडन, सतीश कौशिक, और अनुष्का कौशिक मुख्य किरदार में नजर आएंगे. फिल्म 29 मार्च को हॉटस्टार पर स्ट्रीम होगी. आइये आपको बताते हैं फिल्म के प्रोड्यूसर अरबाज खान ने इस फिल्म के बारे में क्या बताया.
■ इस प्रोजेक्ट को प्रोड्यूस करने के पीछे और हॉटस्टार जैसे प्लेटफॉर्म को चुनने के पीछे क्या कारण रहे हैं?
मुझे इस प्रोजेक्ट का सब्जेक्ट बहुत इंट्रेस्टिंग लगा, और इसके किरदार मुझे बहुत हीं यूनिक और इंट्रेस्टिंग लगे. फिल्म की कहानी, उसका बैकड्राप ये सब बहुत अच्छा है और साथ हीं फिल्म एक टॉपिक के बारे में बात करती है. फिल्म आज के युवा, और फैमिली के बारे में है. फिल्म से जुड़ी हर चीज मुझे बहुत इंट्रेस्टिंग लगी, इसकी स्क्रिप्ट मुझे बहुत पसंद आई और इसलिए मैंने डिसाइड किया कि मैं इस पर फिल्म बनाऊंगा. फिल्म को लेकर हमें सही कास्टिंग करनी थी क्योंकि कहानी एक शादीशुदा औरत की है जिसका आठ साल का एक बच्चा है. हमारी लिस्ट में रवीना टॉप पर थीं और जब हमने उनसे इस फिल्म को लेकर बात की उनको भी फिल्म की कहानी पसंद आई और वो भी खुश थी इस फिल्म का हिस्सा बनने के लिए. मैं खुद को लक्की मानता हूँ कि रवीना ने इस रोल के लिए हाँ कर दिया क्योंकि हमें जिस तरह का किरदार इस फिल्म के लिए चाहिए था उन्होंने उस किरदार को बखूबी निभाया है.
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■ क्या इस फिल्म की कहानी सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं?
फिल्म की कहानी रियल लाइफ इंसिडेंट्स से ही प्रेरित हैं. ये किसी एक इन्सान की कहानी नहीं है. ये कहानी कई लोगों की कहानी है और इसको प्रूफ करने के लिए आर्टिकल भी हैं कि इस तरह की घटनाएं हुई है. फिल्म के सब प्लॉट्स भी बहुत एंटरटेनिंग और एंगेजिंग हैं, लेकिन इस बात का भी ख्याल रखा गया है कि फिल्म अपने मुद्दे से नहीं भटके.
■ जैसा आपने कहा कि ये फिल्म सच्ची घटनाओं से प्रेरित है. तो अभी हाल हीं में एग्जाम के पेपर लीक की और एजुकेशन स्कैम को लेकर न्यूज आ रही है, एजुकेशन सिस्टम पर सवाल उठाये जा रहे हैं, तो इसके बारे में क्या कहना चाहेंगे?
मुझे नहीं लगता है कि ये कोई आज की बात है. एजुकेशन को लेकर जो चीजें हैं और जो उसमें सुधार करने की जरुरत है वो तो बहुत समय है. हम अभी एक बढ़ता हुआ देश हैं इन चीजों में हमें अभी समय लगेगा. ऐसे कई एरियाज हैं एजुकेशन सिस्टम में जिनपर हमें काम करने की जरुरत है. इस तरह की फिल्मों से हम इन सब बातों पर थोड़ा फोकस डाल सकते हैं कि हमें किन चीजों पर ध्यान देने की आवश्कता है.
■ इस समय में ओटीटी का प्लेटफॉर्म बहुत बड़ा हो गया है, तो क्या आपने आगे के लिए कुछ प्लान किया है?
अभी पहले मै इस फिल्म से निकलूं, इसका रिस्पांस देखूं फिर किसी दुसरे सब्जेक्ट के ऊपर काम करूँ. मेरा ऐसा कोई टाइमलाइन नहीं है कि मुझे हर साल तीन फिल्में बनानी हैं फिर चाहे मुझे सब्जेक्ट अच्छा मिले या नहीं, मै इस तरह से काम नहीं करता हूँ, मेरे पास अगर तीन अच्छे सब्जेक्ट हैं तो मै एक साल में तीन फिल्में बना दूंगा लेकिन अगर मेरे पास एक साल में एक हीं अच्छा सब्जेक्ट है तो मैं एक साल में एक हीं फिल्म बनाऊंगा. मैं उन्हीं चीजों पर काम करता हूँ जो मुझे एक्साइट करती हैं क्योंकि मैं प्रोजेक्ट्स में अपना टाइम और एनर्जी भी लगाता हूँ, फिर भले हीं मै उस प्रोजेक्ट को प्रोड्यूस हीं क्यों नहीं कर रहा हूँ एक प्रोड्यूसर के तौर पर मैं फिल्म के हर फ्लू से जुड़ता हूँ और मैं क्रिएटिव प्रोड्यूसर भी हूँ तो मैं फिल्म की कहानी से लेकर फिल्म के रिलीज होने तक मैं फिल्म के साथ जुड़ा रहता हूँ. इस फिल्म के लिए भी मैं फिल्म की शुरुआत से जुड़ा रहा हूँ
■ इस प्रोजेक्ट्स के साथ आपने कोई चैलेंजेज फेस किये, जिसके बारे में आप डिस्कस करना चाहते हैं?
सच कहूँ तो हम इस फिल्म को बनाने के लिए बहुत एक्साइटेड थे लेकिन बीच में कोरोना आ गया तो हमें अपना काम डिले करना पड़ा और उसके बाद हमें थोड़ा समय लग गया प्रोजेक्ट को वापिस ट्रैक पर लाने में. एक बार जब हमें फिर से हमारी टीम और कास्ट मिल गयी तो फिर हमारा प्रोजेक्ट बहुत आसानी से हो गया.
■ एक एक्टर के बाद अब आप एक प्रोड्यूसर बन गए हैं तो ये फेज कैसा रहा है आपके लिए?
अच्छा हीं रहा है. एक प्रोड्यूसर के तौर पर मेरी पहली फिल्म ‘दबंग’ थी तो वो मेरे लिए एक ड्रीम प्रोजेक्ट था और लाइफ चेंजिंग इंटरेस्ट भी उसी तरह के चीजों में होता है शायद और आपको नॉलेज भी उसकी ज्यादा होती है. अगर एक डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बनता है तो उससे हमें तो कोई शिकायत नहीं होती है. पॉलिटिशियन का बेटा अगर पॉलिटिशियन बनता है तो हमें कोई शिकायत नहीं होती है लकिन अगर एक एक्टर का बेटा एक्टर बनता है तब हम क्यों इतना नाराज होते हैं, या क्यों जब एक डायरेक्टर का बेटा डायरेक्टर बनता है तब हमें दिक्कत होती है. ऐसा नहीं है कि हर सुपरस्टार का बेटा, बेटी या भाई सुपरस्टार हीं बन जाता है, ऐसे कई लोग हीं जो नहीं बन पाये हैं, तो ये चीज लोग क्यों नहीं समझना चाहते हैं. ऐसा नहीं होता है कि आप किसी सुपरस्टार के बेटे या भाई है तो आपके पास एक टिकट होता है कि आप 25 साल का करियर मिलता है और आपको ऑडियंस उतना ही प्यार करेगी जितना उनसे करती थी. किसी को भी एक मौका हीं मिलता है बस वो भी बाहर के लोग नहीं देते हैं, उनकी होम प्रोडक्शन ने हीं उनके लिए फिल्में बनाई हैं. एक आम इन्सान अपने बच्चे के लिए कुछ ना कुछ तो करता हीं है तो फिर जब किसी ने अपने बच्चे के लिए फिल्म बना दी तो फिर क्यों किसी को ऐतराज हो रहा है. मेरे कहने का बस यही मतलब है कि ये बात इतनी बड़ी इशू बनाने वाली कोई बात नहीं है. ऐसा तो नहीं है कि हर कोई हीं इस फील्ड में आ जाता है कुछ लोग दूसरी फील्ड में भी जाते हैं. इंडस्ट्री में 80 लोग जो सक्सेसफुल हैं वो तो बाहर के हैं फिर चाहे वो एक्टर हो, डायरेक्टर हो या प्रोड्यूसर हो.
■ आपको ‘पटना शुक्ला’ कि खास बात क्या लगती है?
इसकी कहानी बहुत अच्छी है. मुझे लगता है ये कहानी जिस टॉपिक पर बनी है वो काफी रेलीवेंट टॉपिक है. इस कहानी के जितने भी किरदार है वो बहुत इंट्रेस्टिंग और एंगेजिंग है. इस कहानी में कहने के लिए बहुत कुछ हैं और उम्मीद है कि लोगों को ये कहानी पसंद आएगी. प्रोमो रिलीज होने के बाद जब व्यूअर का रिस्पांस देखा तब थोड़ा कॉन्फिडेंस बढ़ा है कि लोगों को ये पसंद आ रहा है.
■ अपने फैंस को कुछ कहना चाहेंगे?
यही कहना चाहूँगा कि ये फिल्म हॉटस्टार पर आ रही है. 29 मार्च को फिल्म का प्रीमियर होने वाला है, जरुर देखिये, और पसंद आये तो दूसरों को भी बताइए और उनको भी कहिये ये फिल्म देखने के लिए.
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