• Sat. Oct 5th, 2024

क्या संदीप वंगा एनिमल मूवी की सफलता के बाद कुछ भी बोलने लगे?

क्या संदीप वंगा एनिमल मूवी की सफलता के बाद कुछ भी बोलने लगे?क्या संदीप वंगा एनिमल मूवी की सफलता के बाद कुछ भी बोलने लगे?

Animal बनाने वाले जो डायरेक्टर हैं संदीप रेड्डी वांगा वो अपने काम को लेकर कुछ ज्यादा ही obsist हो गए हैं। तो शायद आप एकदम से यकीन ना करें लेकिन अभी जो एक incident हुआ है जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने ये जो animal जैसी फिल्म है जो कि adult फिल्म है उसके adult scene edit करके वो फिल्म उन्होंने अपने बेटे को दिखाई है जो सात साल का है और उसको वो फिल्म बड़ी पसंद आई है। मैं ये देख रहा हूँ कि जब से animal फिल्म आई है, animal फिल्म के बारे में एक तरह से वकालत करते दिखाई दे रहे हैं, उसके जो साहब हैं। अब ये कहीं ना कहीं मुझे लगता है कि अगर ऐसी गलतियां वो बार-बार करते रहे तो हो सकता है कि वो एक तरह के type cast होकर रह जाए, फिर एक ही तरह का सिनेमा बनाए और जो success animal को मिली है, कहीं ऐसा ना हो कि वो उसे repeat करने के चक्कर में वैसा ही सिनेमा बनाने लगे, क्योंकि जिस तरह से वो वकालत कर रहे हैं, अपने ही काम की, उन्होंने जावेद अख्तर साहब के लिए भी कह दिया कि उनको तो कुछ आता नहीं है। उनकी तो लेखनी बहुत बेकार है।

मतलब इस तरीके के statements बार-बार आ रहे हैं और जैसा कि उनका ये कहना है कि मैं अपने बेटे को दिखा चुका हूँ मैंने adult scene edit करके दिखाई थी, उसे बड़ी अच्छी लगी, मतलब लगातार वो इस बात को बार-बार साबित करने पर तुले हुए हैं कि उन्होंने एक बहुत बेहतरीन सिनेमा बनाया है। यहीं से डायरेक्टर की गलती शुरू होती है। जैसे ही आप अपने किसी एक काम को लेकर इतने obsist हो जाते हैं, तो ऐसा लगने लगता है कि आपका जो अगला फिल्म होगा या अगला होगा आप उसको लेकर भी इतने ही obsessed हो जाएँगे और फिर आप वही गलती करेंगे जो ज्यादातर ज्यादातर directors करते हैं कि आप उस काम को repeat करने लगते हैं और वहीं पर आपकी जो जिंदगी है वो रुकने लगती है। मुझे ऐसा लगता है जिस तरह से Sandeep Reddy बार बार ये कह रहे हैं कि मेरी film बड़ी अच्छी है। सबको पसंद आ रही है।

टॉप 10 न्यू रिलीज ओ टी टी हिंदी वेब सीरीज जो फरवरी 2024 में रिलीज होगी | Top 10 New Release OTT Hindi Web Series to release in February 2024

मेरे बेटे को पसंद आयी, इसको पसंद आयी, उसको पसंद आयी, उसको पसंद नहीं आयी, उसको कुछ आता नहीं, Javed Akhtar को कुछ नहीं आता, मतलब जो कुछ आता है, वो Sandeep Reddy को आता है और अगर कोई उनकी फिल्म पसंद नहीं करता तो वो व्यक्ति ही गलत है। ऐसा ही स्टेटमेंट कुछ समय पहले तेजस को लेकर कंगना राणावत ने भी दिया था पर उनका काफी माहौल उड़ा था। देखिए फिल्म जो है creativity है। creativity की कोई definite परिभाषा नहीं है। same creativity किसी को पसंद आ सकती है, किसी को नहीं आ सकती है। animal ज्यादातर लोगों को पसंद आई इसलिए उसने अच्छा धंधा किया। कुछ फिल्में पसंद नहीं आती है। लेकिन जो डायरेक्टर होता है वो कोशिश उतनी करता है जो फिल्में नहीं चलती उनमें भी मेहनत उतनी होती है।

लेकिन काम को लेकर आप इस बात पर अड़ जाए कि यही काम सबसे अच्छा है और जो इसको नहीं मान रहा है वो आदमी ही गलत है, तो कहीं ना कहीं ये दिखने लगता है कि आप ये गलती दोबारा करेंगे, आपने कबीर सिंह बनाई, animal बनाई, अब मुझे कोई हैरानी नहीं होगी कि अब ये जो फिल्म बनाएंगे संदीप। उसमें अपने आप को इस हद तक repeat करेंगे success पाने के लिए या ये साबित करने के लिए कि वो जो करते हैं वो सबसे सही होता है। वो वहाँ पर औंधे मुंह गिर पड़ते हैं। तो creativity अगर हर बार नयापन रहे, innovation रहे, तब तो ये अच्छा है, लेकिन अगर आप किसी एक चीज पर अड़ जाते हैं तो फिर आपको पता है क्या होता है? तो संदीप के साथ ऐसा ना हो, आप लोगों को क्या लगता है? संदीप रेड्डी, वांगा के इस तरह के बयान सुनकर आपको क्या लगता है, कि वो बार-बार ये साबित करने पर क्यों तुले हैं कि उन्होंने जो सिनेमा बनाया है, वो बहुत बेहतरीन सिनेमा है और उससे अच्छा सिनेमा बनाना संभव नहीं है।

टॉप 10 बेस्ट क्राइम थ्रिलर हिंदी वेब सीरीज | Top 10 Best Crime Thriller Hindi Web Series