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बॉलीवुड ने पैसे देकर ऑस्ट्रेलिया से डाक टिकट छपवाया! | Bollywood paid money to get postage stamps printed from Australia

बॉलीवुड ने पैसे देकर ऑस्ट्रेलिया से डाक टिकट छपवाया! | Bollywood paid money to get postage stamps printed from Australia1

Yash Chopra साहब के नाम पर Australia में एक डाक ticket जारी किया गया वो भी parliament के अंदर parliament के अंदर क्या हुआ था ये तो मैं आपको कल बता चुका हूँ जिसमें मैंने आपको बताया कि parliament में जो कमरे हैं वो किराए पर मिलते हैं जी हाँ Australian Parliament की website पर अगर आप जाकर देखेंगे तो वहाँ खुद इसका प्रचार प्रसार किया जाता है कि आप इन कमरों में अपने घर का function सकते हैं और बहुत से लोग ये करते रहे हैं।

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अब आते हैं डाक टिकट पर।  ऑस्ट्रेलिया में कोई भी व्यक्ति पैसा देकर अपने नाम का डाक टिकट जारी करवा सकता है और ये पैसा इतना कम होता है कि आप बीस से पच्चीस डॉलर में भी अपने नाम का टिकट जारी करवा सकते हैं। जी हाँ क्योंकि अगर सरकारी तौर पर इस डाक टिकट को जारी किया गया होता तो ऑस्ट्रेलिया की जो डार्क व्यवस्था की वेबसाइट है पोस्ट ऑफिस की जो वेबसाइट है उस पर इसका जिक्र होता है मैंने इस वेबसाइट को पूरा खंगाल लिया लेकिन मुझे कहीं भी यश चोपड़ा साहब नहीं हुआ यानी यश चोपड़ा साहब के नाम पर जो टिकट छपवाया गया है वो पैसे देकर छपवाया गया है.

और अक्सर वहाँ पर लोग ये करते है अगर किसी बच्चे का birthday है किसी की wedding anniversary है वो post ऑफिस जाते है उनको उनका शुल्क देते है पैसा देते है और उनके नाम का stamp बन जाता है वो खुशी खुशी घर आ जाते है अपने  और रिश्तेदारों को चिट्ठियाँ लिखकर या card भेजकर उसपे चिपका देते है या एक frame में लगाकर सबको गिफ्ट दे देते है कि हमारे नाम का भी डाक ticket जारी हुआ था तो  ये आप लोगों को बेवकूफ बनाया है और ये मेरी कोशिश है यहाँ पर आपको सच बताने की बॉलीवुड का पर्दाफाश करने की।

ये जो बड़ी-बड़ी तस्वीर आपको दिखाई जाती है, ये जो मोटे-मोटे शब्दों में हेडलाइन छापी जाती है, यश चोपड़ा साहब को राजकीय सम्मान मिला है ऑस्ट्रेलिया में, ऐसा कुछ भी नहीं है। मैं जानता हूँ कि यश चोपड़ा साहब जो हैं, वो स्विट्ज़रलैंड में जाकर अपना सिनेमा शूट करते रहे हैं और वहां उनकी स्टैचू भी है और वहां उनको काफी मान-सम्मान मिलता रहा है, वो अपनी जगह पर है। लेकिन जहां तक ऑस्ट्रेलिया की बात है, जो कुछ भी आपको दिखाया और बताया जा रहा है, वो नकली है कैसे मैं आपको और भी सबूत देता हूँ देखिए जब भी हम ऑस्ट्रेलिया की बात करते हैं और ऑस्ट्रेलिया में डाक टिकट जारी हो रहा है तो आप ये बताइए कि उस मौके पर रानी मुखर्जी के साथ जो ऑस्ट्रेलियन पोस्ट सर्विस है वहाँ का कोई अधिकारी क्यों मौजूद नहीं था.

आप वहाँ पर किसी पोस्टमैन को भी सिंबॉलिक्ली खड़ा कर सकते थे वो कोई मौजूद नहीं था अब मैं आपको बताता हूँ कि ऑस्ट्रेलिया में डाक व्यवस्था चलती कैसे है? असल में ऑस्ट्रेलिया में भारत की तरह नहीं है कि सब कुछ सरकार के ही पास है, ऑस्ट्रेलिया में बाकायदा फ्रैंचाइज़ी ओनर्स है अलग-अलग एरियाज में जो पार्सल्स को पहुंचाते हैं। देखिए आजकल चिट्ठी तो कोई लिखता नहीं है। ये अब डाक का काम सिर्फ पार्सल पहुंचाने का रह गया है।

तो ये पार्सल्स जो हैं ये ड्राइवर्स के through पहुंचाए जाते हैं। जैसे एयरपोर्ट पर कोई डाक आती है, उसको ड्राइवर्स को दे दिया जाता है और अलग-अलग इलाके के जो फ्रैंचाइजी owners हैं, वो इसको अह मैनेज करते हैं कि कैसे कहाँ का पार्सल कब कैसे डिलीवर करना है। एक और बात मैं आपको बता दूँ। कि ऑस्ट्रेलिया में जो eighty percent कोरियर ड्राइवर्स हैं, जो पार्सल को लेकर जाते हैं, eighty वो पंजाबी लोग हैं, जी हाँ, पंजाबी ड्राइवर्स हैं जो लोगों के पार्सल पहुंचाते हैं, और ये जो एरिया वाइज फ्रेंचाइजी दिया हुआ है, अलग-अलग लोकेशन पर पार्सल को मैनेज करने के लिए, उसमें थर्टी परसेंट के आस-पास तो इंडियंस है, अब आप बताइए रानी मुखर्जी अगर वहां पहुंचती है, और बाकायदा राजकीय सम्मान के साथ अगर डाक टिकट जारी किया जाता है, तो पहली बात, वहां पर डाक विभाग का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था. ना ही सरकारी अधिकारी इस बात की पुष्टि करने के लिए था? और अगर आप इसकी कोई सरकारी प्रेस release देखना चाहेंगे कहीं पर आपको दिखाई नहीं देगी।

अगर कोई देश की सरकार किसी के सम्मान में डाक टिकट जारी करती है तो एक press release तो लिखवाएगी। दुनिया भर की मीडिया को बताने के लिए लेकिन यहाँ क्या हुआ? यहाँ पर कुछ लोग पहुंचे, उन्होंने पार्लियामेंट का एक कमरा बुक कराया। अपने चार लोगों को बुलाया, पैसा देकर डाक टिकट छपवाया और उसको दिखा दिया कि अह चोपड़ा के नाम पे डाक टिकट ने जारी किया ऐसा साउंड कर रहा है लेकिन सरकार ने नहीं किया है। ये आपने पैसा देकर किया है।

कल को आपका बर्थडे हो आप भी जाकर कर सकते हैं। मैं तो कहता हूँ आप लोगों से आप अभी ऑस्ट्रेलियन पोस्ट की वेबसाइट पर जाइए मैं आपको दिखा भी रहा हूँ और उस पर चेक कीजिए कि जो recently रिलीज किए गए हैं डाक टिकट उसमें यश चोपड़ा का नाम कहां है? वो डाक टिकट हमें उस वेबसाइट पर दिखाई क्यों नहीं दे रहा है। और हमारे जो अह इंडियन अह फैमिली के लोग रहते हैं ऑस्ट्रेलिया में वो इस बात को भलीभांति जानते हैं कि भी बीस-पच्चीस डॉलर में अपने बच्चे का, अपने खुद का, पूरी फैमिली का डाक टिकट जारी करवा सकते हैं।  मैं आपसे ये भी बताना चाहता हूँ कि ऐसा काम करके ये लोग एक बड़ी तस्वीर बनाना चाहते हैं लेकिन मैं इनका पर्दाफाश इसी तरीके से करता रहूँगा क्योंकि जो झूठ है वो झूठ है।

बॉलीवुड ने पैसे देकर ऑस्ट्रेलिया से डाक टिकट छपवाया! | Bollywood paid money to get postage stamps printed from Australia

वहाँ कोई आपको राजकीय सम्मान नहीं मिला है, आपने पैसा दिया है और अपना डाक टिकट निकाला है और ऐसा काम तो हिंदुस्तान में भी होता रहा है, पिछले दिनों एक बहुत बड़े यूट्यूबर हैं, motivation स्पीकर उन्होंने अपने नाम का डाक टिकट यहाँ भारत में छपवा लिया था हिंदुस्तान में और कहा था कि सरकार ने जारी किया बाद में उनको अपना वीडियो भी वापस लेना पड़ गया क्योंकि पोल खुल गई थी सबने कहा अरे ये काम तो हो रहा है पचहत्तर हजार रुपए में आपने किया है क्या? तो आप इस बात को मानकर चलिए कि ये जो आपके सामने तस्वीर बनाई जा रही है वो झूठी है।

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दूसरी बात बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो इस सब को पढ़कर बड़े अह प्रभावित हो जाते हैं, तो इसको प्रभावित होने की जरूरत नहीं है, जो काम पैसे देकर हो सकता है वो तो आप भी करा सकते हैं। आप अगर भारत रहते हैं तो भारत में घर बैठे आप ऑस्ट्रेलियन पोस्ट की वेबसाइट सर वहाँ छपे किसी भी डाक टिकट को मंगा सकते हैं पैसा देकर कुछ समय पहले मेरे एक मित्र ने मुझे बताया कि उनके घर में उनकी बिटिया का जन्मदिन था उनके कुछ दोस्त गए और बीस पच्चीस डॉलर में उनके नाम का टिकट छपवा लिया कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। लेकिन आपके सामने इसको कैसे पेश किया जा रहा है और अगर ये गलत है तो फिर ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने अगर ऑस्ट्रेलिया सरकार ने छपवाया है डाक टिकट तो उसकी प्रेस रिलीज़ कहाँ है?

उसका कवरेज कहाँ? या तो बड़े-बड़े अखबारों ने छाप दिया। कि यश चोपड़ा के डाक टिकट, यश चोपड़ा के नाम पर डाक टिकट लेकिन किसके कहने पर, किसके पैसे से? कौन गया था? किसने मांगा? किसने रिलीज किया? वहां पर कोई पोस्ट ऑफिस का कोई कर्मचारी, कोई अधिकारी कुछ मौजूद क्यों नहीं था? क्योंकि अगर वहां वो मौजूद होता और कोई उनसे पूछ लेता कि भाई ये क्या मामला है? कहते हैं, पेड सर्विस है, पैसा दिया और छप गया, आपको छपवाना है क्या?

आप तो जानती हैं, दुनिया भर में आजकल जो पोस्ट ऑफिस है, वो ईमेल और व्हाट्सएप के आने के बाद से बेकार हो चुके हैं, वहाँ पर या तो पार्सल अह सर्विस चलती है। हिंदुस्तान में हम देखें तो डाक खाने में पैसे जमा होते हैं। और अब तो हिंदुस्तान में भी ये सर्विस है। बाहर भी कई जगह सर्विस है। पैसा दीजिए अपना डाक टिकट छपवाइए। स्टैम्प कहलाते हैं ये, एक लिमिटेड उसमें छापे जाते हैं और उसके बाद। आपने जितना पैसा दिया है, हो गया है साहब बराबर।

तो ये कोई राजकीय सम्मान तो नहीं है। मैं अगर इतनी बात यहां पर कह रहा हूं, उस डाक टिकट के बारे में एट द सेम टाइम मैं ये भी कहूंगा, यश चोपड़ा ने जो सिनेमा बनाया उसका सम्मान है, यश चोपड़ा ने जो फिल्में बनाई, उनका सम्मान है, लेकिन उनके नाम पर झूठ मत बोलिए। अगर यश आपको वहाँ की सरकार सम्मान दे रही होती तो मैं यहाँ बैठकर खुद आपको बता रहा होता कि सरकार ने सम्मान दिया है लेकिन क्योंकि सरकार ने सम्मान नहीं दिया है आपने वो सम्मान खरीदा है इसलिए मेरा ये फर्ज बनता है कि मैं आपको बताऊँ  आपके सामने ऐसे बहुत से झूठ परोसे जाते हैं। आपको कुछ पता नहीं चलता।

यहाँ के पत्रकार भी चेक नहीं करते। यहाँ जिन अखबारों ने इस खबर को छापा है अगर वहाँ के पत्रकार ये चेक करें कि भाई अब ऑस्ट्रेलियन पोस्ट की साईट पर जाते हैं देखते हैं भाई आपने डाक टिकट जारी किया है तो आपकी अह वेबसाइट पर तो होगा अभी ओलंपिक टीम के लिए डाक टिकट जारी किए गए थे और जितने तमाम जारी किए गए थे सारे के सारे वेबसाइट पर दिख जाएंगे आपको तो फिर ये क्यों नहीं दिख रहा है.

क्योंकि ये पैसे वाला खेल है. कल को आप जाएंगे अपने बच्चे के बर्थडे पे बच्चे का स्टेप आप बनवाएंगे बीस पच्चीस डॉलर में तो थोड़ी ना आपको पोस्ट सर्विस की वेबसाइट पर दिखाई देगा कि आपने अपने बच्चे के बर्थडे पर जो बनाया था डाक टिकट वो भी हम लगा दें वहाँ पर सिर्फ वही लगाए जाते हैं जो सरकारी तौर पर जारी किए जाते हैं. एक बाकायदा प्रेस रिलीज़ होती है भाई सरकार अगर कुछ करेगी तो प्रेस रिलीज़ तो देगी. तो ये सारी बातें झूठ हैं.

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