अनुराग कश्यप बॉलीवुड के फेमस डायरेक्टर्स में से एक हैं अपनी फिल्मों गैंग्स ऑफ वासेपुर, देवडी और ऐसी ही कई और फिल्मों के लिए उन्हें जाना जाता है, एक और चीज जिसके लिए अनुराग कश्यप फेमस है वो है उनकी बेबाकी। अब एक event के दौरान इन्होंने feminist फिल्मकारों को fraud बता दिया है यानी महिलावादी, नारीवादी जो डायरेक्टर्स हैं जो फिल्में बनाते हैं उन्हें fraud बताया है और इस event में उन्होंने industry के हाल को लेकर भी अपनी चिंता जताई है। अनुराग कश्यप ने क्या कहा, आपको इस वीडियो में बताने जा रहा हूँ, अनुराग ने कहा कि commercial space में दो तरह के फिल्मकार होते हैं एक वो जो सिर्फ पैसा कमाना चाहते हैं और उसे लेकर ईमानदार भी होते हैं और दूसरे होते हैं मौका परस्त। अनुराग का कहना है कि मान्यता के उलट independent सिनेमा का space काफी मुश्किल भरा है।
यहाँ लोग दूसरों को नीचे गिराने का तरीका ढूंढते रहते हैं। इस event में अनुराग कश्यप से हाल ही के सालों में आई कुछ feminist फिल्मों और feminist सिनेमा के बारे में भी सवाल किया तो उसने कहा कि ये जो toxic male कहानियां हैं, उनका जवाब है, इसके जवाब में डायरेक्टर ने कहा कि मुझे लगता है हर फिल्मकार को हर तरह की फिल्म बनाने की आजादी होनी चाहिए, मैं ज्यादातर फिल्मकारों को personally जानता हूं, यहां तक कि सबसे प्रोब्लेमटिक फिल्मकारों को भी जानता हूं, commercial फिल्मकार जिन्होंने केजीएफ और सालार जैसी फिल्में बनाई हैं। वो भी दो तरह के होते हैं, कुछ मौका परस्त होते हैं और फिर आते हैं, वो जो पैसा कमाने और हिट फिल्में देने को लेकर ईमानदार होते अनुराग कश्यप जो इस मामले पर बोल रहे थे तो उन्होंने ये भी कहा कि जितने भी feminist फिल्म makers हैं जो नारीवादी सोच को आगे बढ़ाते हैं, महिला प्रधान सिनेमा बनाते हैं वो बहुत बड़े fraud हैं। अनुराग ने कहा कि मैं आपको बता देता हूँ कि फिल्मकार जो feminist, सोशलिस्ट और क्रांतिकारी लगते हैं।
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मैं आपको बता देता हूँ कि उनमें से नब्बे percent fraud होते हैं। वो सब दिखावा कर रहे हैं। इतने सा लो से independent फिल्म makers को साथ लाने की कोशिश करने के बाद मैंने ये समझा है कि independent फिल्म मेकर बकवास होते हैं क्योंकि वो सिर्फ एक-दूसरे को नीचा दिखाने और बातें सुनाने के काम करते हैं। तो ये दिखावटी समझदार लोगों और दिखावटी बेवकूफों में क्या फर्क हुआ। सारे गधे मिल गए हैं ये उनके शब्द थे। समझदार लोग एक-दूसरे को नीचे गिराने में व्यस्त हैं। अनुराग कश्यप का कहना है। बॉलीवुड के बारे में अनुराग कश्यप ने कहा कि हर तरह के फिल्म मेकर्स को साथ मिलकर रहना चाहिए, उनका कहना है कि वो एक डायरेक्टर की ईमानदारी की सबसे ज्यादा इज्जत करते हैं।
और अगर प्रोजेक्ट्स की बात करें तो अनुराग कश्यप ने फिल्म केनेडी को था इसका premer दो हजार तेईस में कान फिल्म festival में हुआ था लेकिन अभी तक इसे भारत में release date नहीं मिली है। हो सकता है कि इस वीडियो के बहाने इस comment के बहाने अनुराग अपना कोई personal दर्द भी शेयर कर रहे हो लेकिन एक बड़ी खबर बन जाती है अगर बॉलीवुड का एक ऐसा डायरेक्टर खुले तौर पर ये कहे कि जो नारीवादी फिल्में बनाते हैं जो महिला प्रधान फिल्में बनाते हैं वो fraud हैं और बॉलीवुड में बहुत सारे फिल्मकार हैं जो एक दूसरे को नीचे गिराने में लगे हैं।
अनुराग कश्यप जैसे डायरेक्टर का बात को खुलकर कहना इस तरफ इशारा करता है कि बॉलीवुड में काफी कुछ है जो गड़बड़ चल रहा है। और पिछले कुछ समय से जो हमने देखा है उसमें कहीं चीज, कई चीजें ऐसी हैं जो बहुत सच के रूप में अब सामने आ रही हैं। हाँ, ये बहुत छोटी दुनिया है। और यहाँ रातों-रात success मिलती है, रातों-रात success चली भी जाती है। ऐसे में ज्यादातर लोगों का insecure होना भी स्वाभाविक है और अनुराग कश्यप उसी insecurity की तरफ इशारा कर रहे हैं।
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