अन्नू कपूर की upcoming फिल्म हमारे बारह की रिलीज़ पर अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने चौदह जून तक रोक लगा दी है ये फिल्म पहले seventh जून को थिएटर्स में रिलीज होने वाली थी हाल ही में पुणे के रहने वाले एक शख्स ने फिल्म के खिलाफ एक याचिका दायर की थी जिसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों की बात सुनकर ये फैसला किया और अब इस केस की जो अगली सुनवाई है वो दस जून को होने वाली है। याचिकाकर्ता का ये कहना है कि इस फिल्म को यूएस कैसे दिया गया?
कोर्ट में याचिका करता अजहर तंबोली ने कहा कि ये फिल्म मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है और इसमें कुरान को भी गलत ढंग से दिखाया गया है फिल्म के कुछ डायलॉग्स भी आपत्तिजनक है, अजहर ने कोर्ट में फिल्म को यूए सर्टिफिकेट दिए जाने पर भी सवाल उठाया है, गौरतलब है कि फिल्म अभी रिलीज नहीं हुई है, रिलीज से पहले ही ये सारी बातें कही जा रही है, सेंसर बोर्ड से कट्स लगाने के लिए भी कहा गया, जी हाँ बात करते हुए वकील अद्वैत सेठना ने बताया कि अब सेंसर बोर्ड से फिल्म हमारे बारह में कुछ कट्स लगाने के लिए कहा गया है।
कुछ scenes या dialogues हटाए जाने के बाद ये फिल्म release हो सकती है। इस बीच इस फिल्म के जो मुख्य कलाकार है अन्नू कपूर उन्होंने भी सुरक्षा की मांग की थी उन्होंने कहा था कि फिल्म हमारे बारह का ट्रेलर और टीजर जब से आया है फिल्म विवादों में है और फिल्म के कलाकारों को जान से मारने की धमकियां मिल रही है। इस बीच एक वीडियो भी जारी किया था अन्नू कपूर ने और महाराष्ट्र पुलिस मंत्रालय से अपने लिए सुरक्षा मांगी थी इसी सिलसिले में उन्होंने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एक नाथ शिंदे जी से भी मुलाकात की।
अन्नू कपूर का ये कहना है कि ये फिल्म जो है वो नारी सशक्तिकरण यानी वीमेन empowerment की बात करती है इस वीडियो में अन्नू ने फिल्म पर सफाई भी दी थी उन्होंने कहा था कि पहले लोग इस फिल्म को देखें फिर इसे जज करें। अब सोचिए फिल्म release नहीं हुई लेकिन बवाल सब कुछ पहले ही हो रहा है। अन्नू के मुताबिक ये फिल्म नारी सशक्तिकरण और बढ़ती जनसंख्या पर focus करती है।
और ये किसी भी धर्म समुदाय के खिलाफ नहीं है। अनु ने ये भी कहा कि बाकी बस इतना ही कहूंगा कि भारत अब वो नहीं हुआ जो वो नहीं रहा जो हुआ करता था। भारत अब दूसरा है धमकियों से डरने वाले नहीं है हम मेरे देश की पुलिस बहुत सशक्त है अगर आपने शांति भंग करने की कोशिश की तो ध्यान रहे हम भी चुप नहीं बैठेंगे। दोस्तों अब हम आपसे एक सवाल पूछने जा रहे हैं। अक्सर ये होता है कि कोई फिल्म रिलीज हो उससे पहले बहुत सारे बवाल होने लगते हैं।
यानी लोग सिर्फ ट्रेलर और टीजर देखकर बहुत से सवाल उठाते हैं। अदालत में पहुँच जाते हैं। सेंसर बोर्ड पर सवाल उठाते हैं और ऐसा लगने लगता है कि मानो ये फिल्म रिलीज हुई तो ना जाने क्या ही हो जाएगा। फिल्में एक क्रिएटिव सब्जेक्ट है। लोग अपनी क्रिएटिविटी दिखाते हैं। और उसके लिए हमारे देश में एक सेंसर बोर्ड है जिससे जिम्मेदारी दी गई है कि आप जितनी भी एक क्रिएटिव एक्सप्रेशन है इसको आप एक सर्टिफिकेट दें कि ये फिल्म अह सबके लिए है या बच्चों के लिए है या बच्चों के लिए अगर तो वो बड़ों के साथ बैठकर देख सकते हैं और इसीलिए सारे सर्टिफिकेट दिए जाते हैं।
यूए या फिर एडल्ट। अब ऐसे में सेंसर बोर्ड अपना काम कर रहा है। फिल्म बनाने वाले अपना काम कर रहे हैं। लेकिन ये जो छोटे-मोटे राजनैतिक टाइप के दल होते हैं जिनको थोड़ी पब्लिसिटी चाहिए होती है। ये एकदम से उठकर आ जाते हैं। और ये सीधे तौर पर नारे लगाने लगते हैं। सड़कों पर उतर आते हैं। क्रांतिकारी बन जाते हैं। बिना फिल्म को देखे हुए। यहाँ सबसे बड़ा सवाल ये है कि ये जो नारे लगा रहे होते हैं ये थर्टी सेकंड टीजर को देख के नारे लगाते हैं, नब्बे सेकंड के ट्रेलर को देख के नारे लगाते हैं, इन्हें खुद नहीं पता होता कि इस फिल्म में है क्या?
लेकिन क्योंकि ऐसा करने से इन्हें अखबारों में जगह मिलती है। इन्हें ऐसा करने से टीवी पर जगह मिलती है, सुर्खियां आती हैं, मशहूर हो जाते हैं, क्योंकि फिल्म बॉलीवुड आप उससे connect हो जाते हैं, तो आप मशहूर होने लगते हैं। तो बहुत सारे लोग ऐसा भी करते हैं। अब मैं आपसे जानना चाहता हूँ कि इस तरीके के जो बवाल होते हैं, फिल्म की रिलीज से पहले बिना फिल्म को देखे फिल्म पर सवाल और ना सिर्फ सवाल सामने वाले को जान से मारने की धमकी देना। जो कि अपने आप में कानूनन अपराध है, हमारे देश में कानून है, अदालत है, आपको शिकायत है तो आप वहां जाइए, वहां सुनवाई होगी आपकी।
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