भारत के लिए ये गौरव का क्षण है क्योंकि 77 कान फिल्म festival में कोलकाता की रहने वाली एक actress है अनुसूया सेन गुप्ता इन्होंने best actress का award जीत लिया है। अनुसूया को ये award uncertain regard segment में फिल्म the sameless में उनकी performance के लिए मिला है। इसके साथ ही वो कान के इतिहास में पहली भारतीय अभिनेत्री बन गई हैं, जिन्हें इस award से नवाजा गया है। यानी ये पहली भारतीय हैं, जिन्हें best actress का award मिला है।
अनुसूया ने ये award भर में समलैंगिक समुदाय और हाशिए पर रहने वाले अन्य समुदायों को समर्पित कर दिया है। अनुसूया ने स्टेज पर जाकर कहा कि ये सभी समुदाय बहादुरी से एक ऐसी लड़ाई लड़ रहे हैं, जो उन्हें नहीं लड़नी चाहिए, उन्हें समाज में बराबरी का हक पाने के लिए लड़ना पड़ रहा है। तो बहुत अच्छा काम किया उन्होंने कि उनके बारे में सोचा का निर्देशन किया है, बुलगैरेन फिल्म मेकर है। और इसकी कहानी दो सेक्स workers के इर्द-गिर्द घूमती है,
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जिनमें से एक के हाथों एक पुलिस वाले का खून इस फिल्म में अनुसूया के अलावा उम्रा शेट्टी भी एक अहम किरदार में है। द शेमलेस के डायरेक्टर बोजनो पहली बार दो हजार चौदह में भारत आए थे तब वो यहाँ चार कहानियों को मिलाकर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाना चाहते थे। इस दौरान कई तरह की परेशानियां सामने आती रही साथ ही उन्हें फाइनेंसियल सपोर्ट भी नहीं मिल रहा था।
वो इस फिल्म को बाद में एनिमेटेड फॉर्म में बनाने की तैयारी कर रहे थे तभी उनकी मुलाकात करैक्टर विजुलाइजर और प्रोडक्शन डिजाइनर अनुसूइया से हुई जिसके बाद उन्होंने अपना इरादा बदल लिया और उन्होंने अनुसूया को ही लीड रोल में कास्ट और इंडिया नेपाल में इसकी शूटिंग की। अनुसूइया ने साल दो हजार नौ में बंगाली डायरेक्टर अंजन दत्त की रॉक म्यूजिकल फिल्म मेडली बंगाली से अपना एक्टिंग रिव्यू किया था दो हजार नौ में ही वो मुंबई शिफ्ट हो गई थी जहाँ उनके भाई अभिषेक सेन गुप्ता फिल्मों में काम करते हैं, एक्टिंग के ज्यादा ऑफर ना मिलने के बाद उन्होंने फिल्मों में आर्ट्स डिपार्टमेंट से जुड़ा काम करना शुरू कर दिया।
वो नेटफ्लिक्स के शो मसावा मसावा के लिए प्रोडक्शन डिजाइनर के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। और कोलकाता की रहने वाली अनुसूइया इन दिनों गोवा में रहती उन्होंने अपनी एजुकेशन कोलकाता की यादवपुर यूनिवर्सिटी से पूरी की है। दोस्तों यकीन नहीं होता कि बॉलीवुड जो इस बात का दावा ठोकता है कि हमारे यहाँ एक से एक अभिनेत्रियां है। वो कोई भी इतने साल बीतने के बाद भी कान में कभी कोई सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार नहीं जीत पाती लेकिन यही सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार एक ऐसी लड़की को मिलता है जो कि फुल टाइम एक्ट्रेस भी नहीं है।
जिसे अच्छे मौके नहीं मिल रहे थे तो दूसरे काम करने शुरू कर दिए। हालाँकि वो फिल्म निर्माण से जुड़ी रही और ऐसे में कान जाकर सर्वश्रेष्ठ एक्ट्रेस का अवार्ड जितना अपने आप में किसी बहुत बड़े रिकॉर्ड को बनाने से कम नहीं है। मैं हार्दिक बधाई देता हूँ अनुसूया सेन गुप्ता को और कोशिश करेंगे कि अनुसूया से हम अपने प्लेटफार्म पर बात करें क्योंकि वाकई हम सभी भारतीयों के लिए एक बहुत बड़ा क्षण है ये कि अह कान अभी तक कोई पहुंची नहीं ऐसी एक्ट्रेस या एक्टर जिसे बेस्ट एक्टर या बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड मिले और अनुसूया सेन गुप्ता ने कर दिखाया है वो भी तब जबकि उन्हें एक्ट्रेस के तौर पर इतना काम नहीं मिल रहा था।