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क्या बॉलीवुड ने पाकिस्तान के साथ मिलकर रची साजिश | Did Bollywood conspire with Pakistan?

क्या बॉलीवुड ने पाकिस्तान के साथ मिलकर रची साजिश | Did Bollywood conspire with Pakistan?क्या बॉलीवुड ने पाकिस्तान के साथ मिलकर रची साजिश | Did Bollywood conspire with Pakistan?

आठ साल बाद बॉलीवुड में come back करेंगे फवाद खान और वो रिद्धि डोगरा के opposite दिखने जा रहे हैं। ये वही फवाद खान हैं जो कि एक पाकिस्तानी actor हैं और जिन्हें आपने बार रणवीर अनुष्का की फिल्म ए दिल है मुश्किल में देखा था आप ये भी जानते हैं कि रिद्धी और फवात को एक रोम रोम कॉम यानी कि रोमांटिक कॉमेडी फिल्म में कास्ट किया गया है बाकी स्टार्स की कास्टिंग नहीं हुई है फिल्म अभी शुरूआती स्टेज में है पेपर वर्क हाल ही में पूरा किया गया है और फवाद और रिद्धि का इसमें आपको लव एंगल देखने को मिलेगा वहीं डायरेक्टर का नाम अभी तक सीक्रेट रखा गया है कहा ये जा रहा है कि दो हजार छब्बीस में रिलीज हो सकती है ये फिल्म सूत्रों ने ये भी बताया है कि फिल्म की शूटिंग शुरू नहीं हुई है.

क्योंकि दोनों अभी दूसरे कामों में बिजी है शूटिंग इस साल के अंत तक शुरू वहीं मेकर्स जो हैं इसको दो हजार छब्बीस में रिलीज करने वाले हैं ये भी कहा जा रहा है कि रिद्धि और फवाज फिल्म के किसी भी हिस्से की शूटिंग भारत में नहीं करेंगे क्योंकि भारत में इसकी शूटिंग नहीं होने दी जाएगी पूरी शूटिंग विदेश में होगी इसकी शूटिंग न्यूयॉर्क या लंदन या फिर यूरोप या अमेरिका के कई और इलाकों में हो सकती है लेकिन इसके पीछे एक पूरा मामला ये है दोस्तों कि फवाद इन दिनों अपनी जो पाकिस्तानी फिल्म है द लेजेंड ऑफ मौला जेट उसकी भारत में होने वाली रिलीज से भी चर्चा में बने हैं हाल ही में announcement ये भी किया गया कि इस फिल्म को अह अच्छे से रिलीज किया जा रहा है हिंदुस्तान में और उसके बाद से काफी सारे विरोध के स्वर निकल कर आए हैं,

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के तो नेताओं ने साफ कह दिया है कि अगर वो किसी भी पाकिस्तानी कलाकार को भारत में देखेंगे तो सीधे तौर पर उनको उनका विरोध किया जाएगा और उनकी फिल्म को रिलीज़ नहीं किया जाएगा, लेकिन यहाँ अभी तक हमने आपको जो बताया है वो आपको वो सारी बातें हैं जो आपको पहले से पता है या आप दूसरे अखबारों में पढ़ चुके हैं। दोस्तों, ये जो अह है the legend of मौला जट। ये पाकिस्तानी फिल्म है दो हजार बाईस में रिलीज हुई थी इसको स्पेशली थिएटर में देखने के लिए करण जौहर ने ट्रैवल किया था दुबई तक और वहां जाकर ये फिल्म देखकर आए थे, इतना ही नहीं करण जौहर के सपोर्ट से इंडियन फिल्म फेस्टिवल मेलबर्न होता है।

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ऑस्ट्रेलिया में वहां पर इस साल इस फिल्म को प्राइज दिया गया, पुरस्कार दिया गया, जबकि दो हजार बाईस की फिल्म है और ये वही इंडियन फिल्म फेस्टिवल मेलबर्न है जहाँ पर अक्सर पाकिस्तानी लोगों को काफी प्रमोट किया जाता है, पाकिस्तानी मेकअप artist को बुलाकर उनसे काम कराया जाता है stars को वहाँ पर बुलाकर सम्मानित किया जाता है और ऐसी बहुत सी फिल्में रही है जो कि पाकिस्तान की फिल्में है या जो एंटी इंडिया फिल्में थी जिनको भारत में रिलीज़ नहीं किया गया था जिन्हें भारत के सेंसर बोर्ड ने रिलीज़ करने की अनुमति नहीं दी थी उन्हें वहाँ पर रिलीज़ किया गया अब आप देखिए द लेजेंड ऑफ मौला जट को यहाँ इस साल रिलीज़ करना है इसलिए दो हजार बाईस की फिल्में है और इस साल अगस्त महीने में मेलबर्न में इसको अवार्ड दिया जाता है करण जौहर वहां खुद ट्रैवल करते हैं क्यों?

क्योंकि द legend of मौला जेट की रिलीज तो होगी ही साथ ही साथ फवाद खान के साथ एक और फिल्म की तैयारी है। इससे पिछली फिल्म जो फवाद खान ने की थी वो भी करण जौहर की ही फिल्म थी। दोस्तों मैं आपको ये भी बताना चाहता हूं कि इंडियन फिल्म फेस्टिवल मेलबर्न पिछले काफी समय से ऐसे काम करता रहा है जिसकी वजह से वो सवालों के घेरे में रहा है। यहां द कश्मीर फाइल्स जैसी सुपरहिट फिल्म को बिल्कुल एक्नॉलेज नहीं किया जाता। धारा तीन सौ सत्तर जैसी फिल्म को एक्नॉलेज नहीं जबकि हैदर फिल्म को अवार्ड दिया जाता है आप जानते हैं कि हैदर में जो नैरेटिव था वो क्या था?

दोस्तों हमारे नाम पर यानी इंडिया के नाम पर विदेशों में जो फिल्म फेस्टिवल्स चलते हैं वो किस तरह से हमारे ही देश की सोच के खिलाफ हमारे ही देश की जनता के खिलाफ काम करते हैं ये मैं आपको बताना चाहता हूँ अब द लेजेंड ऑफ मौला जट को रिलीज करवाने के पीछे जो सारी कवायत है वो करण जौहर की है क्योंकि करण जौहर खुद इस फिल्म को देखने दुबई गए थे फवाद खान उनके बताए जाते हैं, पिछली फिल्म भी फवाद खान जिसमें काम कर रहे थे करण जौहर की फिल्म थी यानी कुल मिलाकर मामला ये है कि करण जौहर लगे हुए हैं किसी भी तरीके से पाकिस्तानी लोगों को पाकिस्तानी actors को भारत में काम दिलाने के लिए, दोस्तों जब भी ऐसा होता है हमें याद आ जाती है अपने वीरों की शहादत जो बॉर्डर पर जाकर शहीद हो जाते हैं ताकि पाकिस्तान के घुसपैठिए हमारे देश में कब्जा ना जमा सकें.

क्या बॉलीवुड ने पाकिस्तान के साथ मिलकर रची साजिश | Did Bollywood conspire with Pakistan?

आप जानते हैं पाकिस्तान से किस तरह के संबंध रहे में पाकिस्तान के लोगों को बुलाकर यहाँ काम देना, उनको पैसा देना उनको सहूलियतें देना उनको हर तरह की respect देना आप सोचिए कि क्या किसी हिंदुस्तानी का खून नहीं खौलेगा? मैं आपसे जानना चाहता हूँ कि जब आप इस तरह की खबरें पढ़ते हैं, क्या फवाद खान एक अकेले आखिरी एक्टर हैं, जिनके साथ रिद्धि डोगरा की एक फिल्म बननी चाहिए, रिद्धि डोगरा को अगर काम करना है, रिद्धि डोगरा इंडियन है, किसी इंडियन एक्टर के साथ भी काम कर सकती है, दोस्तों सबसे बड़ा सवाल है और आप किसी और की फिल्म को प्रमोट करने के लिए यहाँ पे ग्राउंड तैयार कर रहे हैं.

बकायदा एक जमीन तैयार की जा रही है. दोस्तों ये बहुत बड़ा सवाल है मैं आपको समझाना चाहता हूँ कि कैसे एक दो साल पुरानी फिल्म को यहाँ रिलीज किया जा रहा है. इतना ही नहीं उसी एक्टर की दूसरी फिल्म को भी बनाने की तैयारी हो रही है इंडियन एक्ट्रेस के साथ में शूटिंग यहाँ इंडिया में करेंगे नहीं क्योंकि कर नहीं सकते इजाजत नहीं मिलेगी और लेकिन जब ये फिल्म रिलीज होगी इंडिया में तो पैसा कहाँ से कमाया जाएगा हिंदुस्तान से तो आप सोचिए कि आज हमारे देश में इतने struggling actors हैं क्या भी एक्टर के पास इतना दमखम नहीं है कि वो इस तरह की फिल्म में कास्ट हो और इसके लिए हमें पाकिस्तान के ही एक एक्टर की जरूरत पड़ती है वहीं करण जौहर बीच में आते हैं जो करण जौहर उसकी फिल्म को देखने दुबई भी जाते हैं उसकी फिल्म को अवार्ड भी दिलाते हैं और उसकी पिछली फिल्म जो हिंदुस्तानी फिल्म थी उसमें भी उन्होंने काम दिया था दोस्तों एक बहुत बड़े सवाल है करण जौहर की जहां तक हम बात करें करण जौहर का सपोर्ट हमेशा इंडियन फिल्म फेस्टिवल मेलबर्न को रहता है वहां पर ऐसे और भी कई फिल्मों को सपोर्ट किया जाता रहा है सोचिए इंडिया के नाम festival है और वहां पर पाकिस्तानी फिल्में दिखाई जाती है।

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उनको award दिया जाता है। उनको सराहा जाता है जबकि हमारे ही देश के जो साउथ इंडियन सिनेमा है जो regional सिनेमा है उसको वहां invite नहीं किया जाता उसको वहां acknowledge नहीं किया जाता उसको वहां पे कोई respect नहीं मिलती है ये वही फव्वाद खान है जिनको एमसीजी का टूर भी कराया गया ऑस्ट्रेलिया में बुलाकर और ये वही एमसीजी का टूर है जो सुशांत भी करना चाहते थे लेकिन सुशांत को ये टूर नहीं करवाया गया ये मौका नहीं दिया गया मैं यहाँ पर जो आपके सामने सवाल रख रहा हूँ वो ये है अगर इतनी ज्यादा पाकिस्तान को सहूलियतें हमें देनी है। अगर हम इतना ज्यादा पाकिस्तान समर्थक हो रहे हैं तो ये बॉलीवुड कहाँ का है? ये बॉलीवुड हमारे देश का है या पाकिस्तान का है? और अगर करण जौहर को वाकई नए लोगों को काम देने का शौक है तो वो तो अभी तक सिर्फ nepocates को काम देते रहे हैं।

तो why फवाद खान? फवाद खान को काम देने की क्या जरूरत है? क्या हमारे देश में जो भारतीय talent है, वो अब नहीं है? क्या हमारे देश के युवाओं को काम देने की जरूरत नहीं है? ये सवाल मैं आपके सामने रख रहा हूँ, मैं चाहता हूँ इस video को शेयर भी करें, लोगों तक पहुंचाएं और आप अपनी बात इस वीडियो के नीचे जरूर लिखें, बताएं, लोगों से सवाल पूछें कि आखिर पाकिस्तान को क्यों सपोर्ट कर रहा है बॉलीवुड पाकिस्तान के कलाकारों को क्यों भारत लेकर आना चाहता है, राज ठाकरे ने तो साफ कहा है कि महाराष्ट्र में रिलीज होने नहीं देंगे और मुझे ऐसा लगता है कि ये पंजाबी फिल्म है तो हो सकता है नॉर्थ इंडिया में या पंजाब में रिलीज की जाए और एक और सबसे बड़ी बात इसकी रिलीज़ का टाइम रखा गया है दो अक्टूबर यानी जो महात्मा गांधी जी की जन्मतिथि होती है होती है।

आप सोचिए कि पीस का नाम लेकर, अहिंसा का नाम लेकर, सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया था महात्मा गांधी जी ने उसको भी इस्तेमाल कर लिया इन्होंने और दो अक्टूबर को एक पाकिस्तानी फिल्म को हिंदुस्तान में रिलीज़ कर रहे हैं। ये वही दौर होगा जब कश्मीर में और हरियाणा में चुनाव चल रहे होंगे। आप सोचिए कि कितना बड़ा दिमाग लगाया गया है कि किसी तरीके से पाकिस्तानी फिल्मों को यहाँ एंट्री मिलने लगे। पाकिस्तानी एक्टर को यहाँ एंट्री मिलने लगी और इसमें उन्होंने महात्मा गांधी का भी इस्तेमाल कर लिया।

और इतना भी दिमाग लगा लिया कि चलिए उस वक्त तो चुनाव चल रहे होंगे। लोगों ध्यान तो कहीं और होगा। दोस्तों मैं आपके सामने सवाल को रख रहा हूँ अब आप बताइए इस पूरे मामले को पूरे मामले पर मैं आपकी राय जानना चाहता हूँ कि जिस तरह से ये पूरा मामला निकल कर आ रहा है कि पाकिस्तानी फिल्म को महात्मा गांधी की जन्म जयंती के दौरान भारत में रिलीज़ करना पीस के नाम पर शांति के नाम पर क्या इससे अमन और चैन कायम हो पाएगा? हमारे वो बेटे जो सीमा पर शहीद होते हैं हम उनके परिवारों को क्या शक्ल दिखा सकते हैं, सूरत दिखा सकते हैं? क्या बॉलीवुड उनके सामने खड़ा हो सकता है?

ये वही बॉलीवुड है जो विक्रम बत्रा पर फिल्म बनाता है और ये वही बॉलीवुड है जो फवाद खान की फिल्म को यहाँ रिलीज करता है ये चाहते क्या है? सबसे बड़ा सवाल है दोस्तों मैं चाहता हूँ ये सवाल आप इस वीडियो के नीचे पूछे इस वीडियो को आप शेयर करें लोगों तक पहुँचाए और हमारी ये जो सवाल है हमारा जो ये आवाज है इसको बुलंद करें और सवाल सबसे पूछे कि बॉलीवुड क्या चाहता है? क्या बॉलीवुड पाकिस्तान के साथ खड़ा है या बॉलीवुड हिंदुस्तान के साथ खड़ा है? किस बेटे के साथ खड़ा है?

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