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तीन साल बाद भी अनसुलझा है सिद्धार्थ की मौत का सच | The truth of Siddharth’s death remains unresolved even after three years

तीन साल बाद भी अनसुलझा है सिद्धार्थ की मौत का सच | The truth of Siddharth’s death remains unresolved even after three yearsतीन साल बाद भी अनसुलझा है सिद्धार्थ की मौत का सच | The truth of Siddharth's death remains unresolved even after three years

2 सितंबर 2021 का दिन और सिद्धार्थ शुक्ला के फोन पर कुछ ऐसे मैसेजेस आ रहे थे कि सिद्धार्थ क्या तुम ठीक हो लेकिन दूसरी तरफ से कोई रिप्लाई नहीं आ रहा था। असल में जब भी लोगों को इस तरह के किसी देहांत की खबर मिलती है तो लोगों को यकीन नहीं होता कि इतना young age में कोई कैसे जा सकता है और इस दिन भी यही हुआ था जो भी सुन रहा था उसे यकीन नहीं हो रहा था इसलिए सबसे पहले लोग सिद्धार्थ शुक्ला को व्हाट्सएप्प पर मैसेज करके सच जानने की कोशिश कर रहे थे। एक वरिष्ठ सिद्धार्थ शुक्ला को याद करते हुए अपने लेख में लिखते हैं कि सिद्धार्थ से उनकी जान पहचान दो हजार बारह से हुई थी उन दिनों सिद्धार्थ जो थे वो बालिका वधु सीरियल में काम कर रहे थे और उनका काम खूब पसंद आ रहा था।

कुछ अखबारों में ये भी लिखा गया कि सिद्धार्थ शुक्ला जो है वो दूसरे टेलीविज़न एक्टर्स की तरह जल्दी से जल्दी फिल्मों में काम करना चाहते थे। फिर उन्हें मौका मिला करण जौहर की फिल्म हमटी शर्मा की दुल्हनिया में काम करने का इससे उनका बड़े पर्दे पर डबी हुआ लेकिन उस फिल्म से उन्हें कोई खास फायदा नहीं मिला। सिद्धार्थ असल में बनना चाहते थे लेकिन उस फिल्म में उन्हें सपोर्टिंग रोल मिला था। सिद्धार्थ ने वो रोल निभाया तो था लेकिन उससे खुश नहीं थे इसीलिए उन्होंने उसके बाद किसी और फिल्म में काम ना करने का फैसला किया। इसके अलावा उन्होंने कजाक नाम की फिल्म में काम किया था जिसका नाम था बिजनेस एंड कजाकिस्तान। इसके बाद फिक्शन से सिद्धार्थ ने रियलिटी शोज का रुख किया।

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वो दिखाई दिए झलक दिखलाया सीजन सिक्स में खतरों के खिलाड़ी में सावधान इंडिया और इंडियाज गॉड टैलेंट में भी वो दिखाई दिए। दिल से दिल तक नाम का एक टीवी शो भी उन्होंने कुछ दिनों तक किया लेकिन उनकी जिंदगी में उस वक्त बड़ा बदलाव आया जब वो बिग बॉस के सीजन thirteen में enter हो गए और ना सिर्फ enter हुए बल्कि वो इस शो के winner बन गए। और फिर उनकी चर्चा हर तरफ होने लगी। और वो लोग भी सिद्धार्थ को पहचानने लगे जिन्होंने पहले कभी उनका नाम नहीं सुना था या उनका काम इतना देखा नहीं था। बिग बॉस जितने के बाद एक इंटरव्यू में सिद्धार्थ ने कहा था, पहले उन किरदारों के नाम से पुकारते थे जो उन्होंने टीवी shows में निभाए थे।

कलेक्टर साहब कहा जाता था उन्हें बालिका वधु के लेकिन बिग बॉस जीतने के बाद उन्हें लगा कि लोग अब उन्हें उनके असली नाम से पुकार रहे हैं और ये बात सिद्धार्थ को अच्छी लग रही थी सिद्धार्थ बिग बॉस से मिली सफलता और प्रसिद्धि का खूब आनंद उठाते वो बहुत आगे जाते लेकिन उससे पहले ही दुनिया भर में कोविड फैल गया, लॉकडाउन लग गया, भारत में भी सब अपने घरों में कैद हो गए। और सब कुछ जैसे रुक सा गया सिद्धार्थ का कैरियर प्लान भी एक तरह से रुक गया और एक आखरी इंटरव्यू में सिद्धार्थ शुक्ला ने कहा था कि हम इस वक्त एक अलार्मिंग situation में है जब तक इस वायरल का एंटी डॉट नहीं बन जाता तब तक मुसीबत बनी रहेगी हम इस समय पॉज की स्थिति में है मेरा कैरियर भी पॉज की स्थिति में है लेकिन उससे बड़ी प्रॉब्लम फिलहाल ये है कि ये जो वायरस है फिलहाल मैं अपने घर पर रोजाना cardio exercise करता हूँ और एक disciplined लाइफ जी रहा हूँ

बिग बॉस जितने के बाद उनके पास काफी सारे काम के ऑफर आए थे लेकिन क्योंकि पेन्डेमिक चल रहा था इसलिए सारे के सारे काम होल्ड पर चले गए थे और सिद्धार्थ के बारे में कहा जाता है कि वो अपनी बॉडी को लेकर बहुत सचेत थे और बहुत नियम से अपने अह पालन किया करते थे, क्या खाना है क्या नहीं खाना है, हमेशा नींद लिया करते थे, जितनी चाहिए डाइट लिया करते थे, रेगुलर exercise करते थे, उनका बिल्ड अप बॉडी बिल्ड अप काफी अच्छा था उनके व्हाट्सएप डीपी पर एक कोट लिखा हुआ था।

मुझे याद है इसमें था you may know me but you have no idea who I am सिद्धार्थ को इस दुनिया से गए आज तीन साल हो चुके हैं दो सितंबर दो हजार इक्कीस के दिन हार्ट attack की वजह से सिद्धार्थ शुक्ला इस दुनिया को छोड़कर चले गए और आज सिद्धार्थ शुक्ला के दुनिया भर में चाहने वाले हैं। जो उन्हें याद करते हैं। सिद्धार्थ की माँ है रीता शुक्ला वो पहले भी spiritual थी और उनके जाने के बाद और भी spiritual हो गई और दोस्तों आज भी बहुत से लोग ये मानते हैं कि उनके जाने के पीछे कोई राज था, कोई वजह थी जो सामने नहीं आई।

क्योंकि एक बात ये भी कही जाती है कि जो शख्स अपनी सेहत का, अपने बॉडी का, अपने फिजिक का इतना ध्यान रखता हो, वो अचानक इतनी जल्दी कैसे जा सकता है, कुछ लोगों ने ये भी कहा कि वो कुछ सप्लीमेंट्स लिया करते थे जिसकी वजह से बॉडी react कर गई खैर वजह चाहे जो भी रही हो लेकिन इतना जरूर है कि एक बहुत दिल से हँसता-मुस्कुराता शख्स हमारे बीच से चला गया दोस्तों जहाँ मुंबई में मैं इस वक्त रहता हूँ पीछे एक back road है वहाँ पर एक पार्क है और मैंने खुद वहां सिद्धार्थ को सुबह के वक्त jogging करते कई बार देखा बड़ा हंसमुख चेहरा और हर वक्त उनके चेहरे में एक ऐसा भाव होता था कि हाँ वो जो अचीव करने आए थे वो उसे पाकर रहेंगे।

एक जो विजेता एक जो जीतने वाले एक विनर के चेहरे पर जो भाव होता है वो हमेशा दिखाई देता था सिद्धार्थ शुक्ला के चेहरे पर मुझे याद है कि मुझे भी जब पहली बार ये खबर पता चली तो मुझे लगा कि शायद कोई typing mistake है। कुछ और लिखा जो मैं कुछ और पढ़ रहा हूँ लेकिन जब confirm किया और सच सामने आया तो वाकई बहुत दुख भरा एहसास था शहनाज के दिल पे जो बीती जो उनके साथ रह रही थी उनकी गर्लफ्रेंड उसके बाद शहनाज ने भी खुद को संभाला एक नई तरीके से career को नया आयाम उन्होंने दिया दोस्तों जिंदगी के बारे में हमेशा कहा जाता है कि जिंदगी रुकती नहीं है।

जिंदगी हमेशा चलती है। हमारे साथ के बहुत से लोग छूट जाते हैं, उनकी यादें रह जाती हैं, हम उन्हें याद करके कई बार आंसू भी बहाते हैं, कई बार उनकी यादों में मुस्कुराते हैं, उनसे जो बातें उनसे जो सीखा था, उनके बारे में जो जाना था। उनके साथ जैसी जिंदगी थी। अक्सर जिंदगी फिर वैसी नहीं होती। लेकिन जिंदगी की एक खासियत ये है कि ये रुकती नहीं है। ये हमेशा चलती है। यहाँ ना जाने कितने आए और कितने चले गए।

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Young age में कोई जाता है, तो हमेशा दुःख रहती है, दुःख रहता है, एक टीस रहती है। एक दर्द सा रहता है कि काश वो होता। कुछ और वक्त बिताता। ना जाने कितने सपने पूरे करता। ना जाने कितनों के लिए मिसाल बनता और फिर ना जाने कितनी रचनात्मकता हम देखते हैं, कितनी creativity हम देखते हैं उसके आस-पास क्योंकि बात चाहे सिद्धार्थ की हो, बादशाह सुशांत की हो, जो भीरोज होते हैं ना जो हमारे हीरो होते हैं, मैं फ़िल्मी हीरो या मैं टीवी के हीरो की बात नहीं कर रहा हूँ, मैं उन हीरोज की बात कर रहा हूँ जो बिलकुल middle class घरों से आते हैं और उसके बाद वो पूरी दुनिया पर छा जाते हैं और एक ऐसी अमिट छाप छोड़कर जाते हैं जो न जाने कितनों के लिए एक नई सुबह की तरह प्रेरणा देती रहती है और बहुत सारे ऐसे लोग जो उनके को देखकर, उनकी journey को देखकर, उनके साथ जो जीवन में हुआ उसे देखकर फिर आगे बढ़ते हैं और बहुत कुछ ऐसा करते हैं। आप नहीं जानते कि कितने सारे लोग हैं जो सिद्धार्थ शुक्ला से inspired हैं, कितने सारे लोग हैं जो सुशांत से inspired हैं और ना जाने कितने ही ऐसे लोग हैं, जो young age में जो achievers चले जाते हैं।

उनकी journey से खुद को inspired करना चाहते हैं। दोस्तों जैसा मैंने कहा कि ये जिंदगी रुकती नहीं किसी के लिए, लेकिन जिंदगी हमें बहुत कुछ जाती है, सिखा कर जाती है और अक्सर किसी का चला जाना खासकर जो अचीवर हो, जिसने कुछ पाया हो, जिसने अपनी मेहनत से अपना नाम बनाया हो, जो अपने खून, पसीने से अपनी जगह, अपनी किस्मत लिख रहा हो और उसके बाद वो अगर अचानक चला जाए तो आसपास के लोगों के लिए खालीपन तो रह जाता है। एक शून्य सा तो रह जाता है और जब भी वो चेहरे हमारी आँखों के सामने उभरते हैं तो हम थोड़ी देर के लिए तो उदास हो जाते हैं। और मैं जानता हूँ कि सिद्धार्थ के जितने भी वाले हैं, वो आज उनके बारे में सोचकर उदास हो रहे होंगे।

मुझे भी वो दिन याद आ गया जब मैंने पहली बार सुना था दो सितंबर दो हजार इक्कीस को कि सिद्धार्थ नहीं रहे और मुझे यकीन नहीं हुआ था। हम यही चाहते हैं कि सिद्धार्थ जहाँ भी हैं ईश्वर उन्हें खुश रखे, उनकी आत्मा को शांति दे, उनके परिवार के जो अपने लोग हैं, उनके चाहने वाले हैं, उनको इतना संभल दे कि वो उनके बिना आगे की जिंदगी का ये जो सफर है, लंबा सफर इसे तय कर सकें और सिद्धार्थ के बारे में इतना ही कहना कि सिद्धार्थ जैसे लोग हमारी जिंदगी को महकाने आते हैं। वो आज भी महका रहे हैं, आने वाले दिनों में भी महकाते रहेंगे। हमारे लिए उनकी यादें हैं। और वो एक ऐसी मिसाल की तरह हैं, जो आने वाले कई सदियों तक, कई पीढ़ियों तक लोगों को दी जाती रहेंगी.

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