कोलकाता वाले मामले पर आलिया भट्ट बोली और बोलकर फंस गई। बोला तो अच्छा किया लेकिन उन्हें ये याद नहीं रहा कि किसी जमाने में वो कबीर सिंह जैसी फिल्म को सपोर्ट कर चुकी हैं। जहाँ नारी के साथ क्या नहीं होता आपने उस फिल्म में देखा साथ ही आलिया को लोगों ने रणवीर के किए के लिए भी ट्रोल कर दिया। मैं आपको पहले बताता हूँ कि क्या लिखती हैं आलिया भट्ट।
आलिया भट्ट ने कोलकाता में जो डॉक्टर का rape and murder case हुआ आरजीकर मेडिकल कॉलेज में उस पर अपना दुःख जताते हुए लिखा अपने इंस्टाग्राम पर another day of realization that women are not safe anywhere another horrific atrocity to demind us that it’s been over decade since the Nirbhaya tragedy but still nothing much has changed वो आगे लिखती है कि इंडिया के जितने डॉक्टर्स हैं उसमें thirty परसेंट महिलाएं हैं, नर्सिंग स्टाफ जितना होता है उसमें eighty परसेंट महिलाएं हैं और लगातार उन पर अत्याचार हो रहे हैं। दो हजार बाईस से चार परसेंट महिलाओं के साथ हुए अत्याचार अपराध increase हुए हैं और जिसमें से बीस परसेंट से ज्यादा तो रेप के साथ ही वो ये भी लिखती हैं कि लगभग नब्बे रेप रोजाना हमारे देश में होते हैं, दो हजार बाईस से हम कैसे खुद को सेफ महसूस करें?
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हम कैसे पर जाएं निश्चिंत होकर। और इसने ये जो हाल ही में घटना हुई है कोलकाता में इसमें हमें एक बार फिर से ये एहसास करा दिया है कि हम सेफ नहीं है। उसके बाद एक लंबा-चौड़ा मैसेज है, इसमें वो लिखती हैं, my request to the पार्स that we focus ऑन the safety of women, focus on creating safe spaces and increase all avenues of protection basically वो महिलाओं के अधिकार, महिलाओं की सुरक्षा, महिलाओं के प्रति हो रहे अपराध के बारे में काफी detail एक मैसेज लिखती है इंस्टाग्राम पर इस पर करीब पॉइंट टू मिलियन से ज्यादा लाइक्स आ चुके हैं।
पांच हजार से ज्यादा कमेंट हैं और उसे फोर्टी टू थाउजेंड से ज्यादा बार शेयर किया गया है लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो आलिया को ट्रोल कर रहे हैं ये कहते हुए कि आप अपने पति को संभालिए जो एनिमल जैसी फिल्म करते हैं जिसमें कितनी गंदी तरीके से वो पेश आते हैं महिलाओं के साथ अगर वो इस तरह का सिनेमा करेंगे तो समाज में ये होगा ही कुछ लोगों ने उन्हें ये कहकर भी ट्रेवल ट्रोल किया है कि आपने एक जमाने में कबीर सिंह जैसी फिल्म को पोर्ट किया था।
तो कुल मिलाकर जब बॉलीवुड सेलिब्रिटीज किसी बड़े हादसे पर नहीं बोलते हैं तब तो ट्रोल होते ही हैं लेकिन जब बोलते हैं तब भी ट्रोल होते हैं ताकि लोग उन्हें ये एहसास दिला सकें कि आप जो पर्दे पर करते हैं या आप से जुड़े हुए लोग जो पर्दे पर करते हैं उसकी वजह से ये सब समाज में हो रहा है। दोस्तों ये तो वो लोग हैं जिन्होंने आलिया के उस इंस्टाग्राम पोस्ट के नीचे कमेंट किया लिखा अपने पति को संभालो कैसी फिल्में है, कैसा सिनेमा करता है? तमाम तरह की बातें। अब मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि क्या पर्दे पर निभाया गया कोई किरदार लोगों के जीवन पर ऐसा असर डालता है कि वो असल जिंदगी में वैसे काम करने लगे हैं क्योंकि फिल्मों में खलनायक तो बहुत समय से आ रहे हैं। nineteen fifties में भी आते थे, forties में भी आते थे, लगातार हर फिल्म में कोई ना कोई विलन होता है?
कोई ना कोई खराब काम दिखाया जाता है। तो क्या हम सोसाइटी में होने वाले हर अपराध के लिए फिल्मों को जिम्मेदार मानेंगे? अब आलिया भट्ट क्या करें? अगर वो चुप रहे तो लोग कहेंगे आप चुप है आप बोली नहीं लेकिन आलिया भट्ट जब बोलती है तो कहा जाता है कि आप बोल रही है तो फिर आपने फिल्म में ये क्यों किया आपके पति ने ये क्यों किया? और एक एक्टर की जहाँ तक बात करें तो एक्टर के पास तो तरह-तरह के रोल आते हैं तरह-तरह की कहानियाँ आती हैं अगर समाज में होने वाले अपराध के लिए किसी एक्टर की किसी फिल्म को ऐसे जिम्मेदार बताया जाए तो फिर तो सिनेमा बंद हो जाएगा क्योंकि सिनेमा बंद इसलिए हो जाएगा क्योंकि सिनेमा में सिर्फ हीरो का काम होगा और हीरो करेगा क्या बिना खलनायक के hero करेगा क्या बिना बुराई के तो आपको क्या लगता है
ये जो Ranveer का किया भुगत रही है Alia इसके बारे में आपकी अपनी क्या राय है और कल को हो सकता है किसी आने वाली film में Alia कोई negative character play कर दे तो लोग कहेंगे कि आपने negative role किया इसलिए समाज में बुराई फैल गयी आप लोग इस पूरे मामले पर अपनी क्या राय रखते है जल्दी से इस video के नीचे comment करके बताइए और हाँ बहुत सारे लोग stars के endorsement को भी की बुराइयों से जोड़कर देखते हैं कि जैसे अगर वो गुटका प्रमोट ना करें तो लोग गुटखा नहीं खाएंगे। एक हद तक उसको सही माना जा सकता है क्योंकि वहां एक एक्टर के पास चॉइस होती है कि वो उस endorsement को लेता है या नहीं लेता है। जैसे शाहरुख ने लिया। जैसे अजय देवगन ने लिया जैसे टाइगर श्रॉफ ने लिया।
हालांकि टाइगर श्रॉफ अपने आप को फिटनेस फ्रीक बताते हैं लेकिन वो गुटखे के ऐड में भी आते हैं। वहां तो चॉइस होती है लेकिन अगर फिल्मों में निभाए गए किरदार को अगर compare किया जाने लगे उनके समाज में हो रही आस-पास की तो क्या आपको लगता है कोई भी actor इससे बच पाएगा? क्योंकि कोई ना कोई actor कभी ना कभी तो कोई बुरा इंसान का रोल प्ले करेगा ही और जैसे ही वो प्ले करेगा, लोग उसको connect कर देंगे समाज में हुई बुराई के साथ, क्या सोचते हैं आप इस पर खुलकर सोचिए, खुलकर लिखिए और हमें भी बताइए कि इसमें आखिर जिम्मेदार कौन है? क्या हम हर बात के लिए किसी एक्टर को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं?
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