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वो कौन सी सी चार बातें हैं जिससे बॉलीवुड का खात्मा हो गया | What are those four things that destroyed Bollywood?

वो कौन सी सी चार बातें हैं जिससे बॉलीवुड का खात्मा हो गया | What are those four things that destroyed Bollywood?वो कौन सी सी चार बातें हैं जिससे बॉलीवुड का खात्मा हो गया | What are those four things that destroyed Bollywood?

चार बातों की जो जिम्मेदार है बॉलीवुड की इस खराब दशा के लिए आखिर ऐसा क्या हुआ है बॉलीवुड को किसकी नजर लग गई है बॉलीवुड वाले लगातार क्या गलतियां कर रहे हैं और एक के बाद एक हर फिल्म में वो गलती हो रही है हर प्रोड्यूसर वो गलती कर रहा है फिर भी वो गलती समझ नहीं आती दिखाई नहीं देती हमारे जैसे लोग आंखें खोलने की कोशिश करते हैं आंखें खुलवाने की लेकिन फिर भी आंखें नहीं खोलते वो गलतियां क्या हैं? आइए मैं आपसे एक सवाल पूछता हूं अगर मैं आपसे ये कहूं कि आप मुझे top favorite बॉलीवुड के writers के नाम बताइए।

आप सोच में पड़ जाएंगे। आपको पाँच क्या आपको शायद तीन writer के नाम भी ना पता हों, दो के भी ना पता हों, जो आजकल फिल्मों की कहानियाँ लिख रहे हैं। तो ये तो importance है हमारे बॉलीवुड में कहानीकारों की, जो कहानियां लिखते हैं, कहानी जो फिल्म की बैकबोन होती है, कहानी जिसके आसपास सब कुछ बुना जाता है। कहानी से ही तो निकलता है हीरो, कहानी से निकलती है हीरोइन, कहानी से निकलता है विलेन। और इस कहानी से निकलने वाले हीरो, हीरोइन और विलेन को तो इतने पैसे दे दिए जाते हैं लेकिन जो कहानी है उसका तो नाम तक के पता नहीं है और आप सोचिए इसका नाम तक आपको नहीं पता उसको ये पैसे क्या देते होंगे।

कल्कि फेक कलेक्शन, बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट | Kalki Fake Collection, Box Office Report

तो पहली गलती ये है कि ना तो कहानी पर कभी ध्यान दिया गया है और ना ही ध्यान दिया जाता है इसीलिए ये हाल है। दूसरी गलती जानते हैं क्या है? दूसरी गलती है कोई भी खतरा ना लेना। खतरे का मतलब ऐसा नहीं कि तीन सौ करोड़ रूपए खर्च कर दो। इसको खतरा नहीं कहते हैं, इसको बेवकूफ ही कहते हैं, खतरे का मतलब ये होता है कि आप एक ऐसा risk लीजिए। कोई ऐसा टॉपिक लेकर आइए जिस पर पिछले कुछ लोगों ने content ना देखा हो आप लोगों को बांध पाएंगे, कुछ नया दे पाएंगे।

लोग आपकी तरफ attract होंगे वरना वो घिसी पिटी भाषा में कहते हैं ना अरे यार ये तो typical बम्बई या फिल्में मसाला फिल्म है पता है इसमें क्या होगा हीरो, हीरोइन विलन बस या लव ट्रायंगल कोई घिसे पिटे फार्मूले, कुछ नया आप try नहीं करते क्योंकि जब भी कुछ नया try किया गया है तो वो चला है। फिर चाहे लगान जैसी फिल्म हो या बारहवीं फेल जैसी फिल्म हो जब भी नए प्रयोग हुए वो चलते हैं। तीसरी सबसे बड़ी गलती क्या है कि जो हिट हो गया उसको कॉपी कर लो। कांतारा साउथ में हिट हुई अब आप उसको कैसे बनाएंगे आप? वो तो कल्चर वहां का है। आप बाहुबली को रीमेक बना देंगे क्या? बाहुबली वहां की फिल्म थी।

आप किसका रीमेक बनाएंगे? किस-किस का रीमेक बनाएंगे? आपने सेल्फी एक रीमेक बनाया था ना, फ्लॉप हो गई। कितने रीमेक्स हैं जो फ्लॉप हो गए, क्योंकि उस भाषा में ही अच्छे लग रहे थे, वो वहां की कहानी थी। उसमें वहां की खुशबू थी, लेकिन आपको लगा कि नहीं मैं तो पेट केक बनाकर बेचूंगा। पेठा-पेठा है, केक-केक है। सबकी अपनी खासियत है। कुल मिलाकर कहने का मतलब ये है कि जब आप दूसरे की देखा-देखी कॉपी करने लगते हैं, तब आप खुद का अस्तित्व खो देते हैं और बॉलीवुड यही कर रहा है। ना अपनी नई कहानी लाता है। ना कोई खतरा मोल लेता है, नए सब्जेक्ट को बताने को लेकर और जब कहते हैं कुछ नया करो तो जो हिट हो गया पहले से उसकी तरफ देखते हैं, बोलते हैं, आओ मैं तुमको कॉपी कर लेता हूँ।

और तीसरी सबसे बड़ी गलती ये करने के बाद कि आप दूसरे को कॉपी कर रहे हैं, आप चौथी सबसे बड़ी गलती करते हैं, जानते हैं क्या? आप उन्हीं को बार-बार रिपीट करते हैं। वही तीस साल से खान साहब, खान साहब, खान साहब चले जा रहे हैं, चले जा रहे हैं, चले जा रहे हैं। अब खान साहब बूढ़े हो गए तो खान साहब के भांजे, भतीजे, बेटा, बेटी, रिश्तेदार, पड़ोसी, नातेदार सब आ रहे हैं। भाई क्यों? नए लोग नहीं है क्या? राजकुमार राव कहीं से आए हैं ना? कार्तिक आर्यन कहीं से आए हैं ना? नवाजुद्दीन कहीं से आए हैं इरफ़ान खान कहीं से आए थे इतने नए चेहरे आए और जब भी कोई नया चेहरा आया उसने कभी निराश नहीं किया।

वो कौन सी सी चार बातें हैं जिससे बॉलीवुड का खात्मा हो गया | What are those four things that destroyed Bollywood?

लेकिन nepogates की वजह से आप दर्शकों को forgranted लेते हैं दर्शक खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं ना आप नई कहानी ला पाते हैं ना कोई नया टॉपिक होता है आपसे कुछ अच्छे की उम्मीद करो तो जो पहले से किसी ने अच्छा किया हुआ है आप उसकी कॉपी कर लेते हैं यानी दूसरे के **** पर अपना लेबल लगाकर बेचते हैं और कुछ नया करने के बारे में सोचे तो आप कहते हैं ठीक है हम कुछ नेपोगिट्स को ले आते हैं तो आप सोचिए कि इस सब के बाद कोई भी दर्शक आपकी फिल्म पर पाँच सौ रुपया क्यों खर्च करें और पांच सौ रुपया तो मैं बहुत कम बोल रहा हूं आप अगर सिनेमा के साथ पॉपकॉर्न और कोल्ड ड्रिंक और आना-जाना, रिक्शा, भाड़ा, टैक्सी, टाइम सब गिनेंगे तो हजार रुपए चले जाते हैं. कोई आपको हजार रुपए क्यों दे?

आप तो कहानी तक पर काम नहीं करना चाहते आप तो नए कहानीकार तक को मौका नहीं देना चाहते. आज बड़ी इंडस्ट्री है बॉलीवुड बहुत बड़ा नाम है. विदेशों में पहचान है. पाँच राइटर भी नहीं जाने जाते हैं बॉलीवुड के आप सोचिए कि विदेश में लोग कितनी हंसी उड़ाते हैं कि बॉलीवुड अच्छा वहाँ पर राइटर होते हैं वो लोग कहानियाँ भी लिखते हैं अरे उनकी फिल्मों में तो सिर्फ नाच गाना होता है. ये छवि बनी है. क्यों? क्योंकि आप रिपीट कर रहे हैं. हर फिल्म में शाहरुख खान, शाहरुख खान लगते हैं. हर फिल्म में अक्षय कुमार, अक्षय कुमार लगते हैं. सलमान खान के तो कहना ही क्या?

और बड़े स्टार्स को सो कॉल्ड बहुत बड़ा कहा जाता है शाहरुख खान चार साल घर पे बैठे थे सलमान खान पिछले पांच साल में कोई हिट नहीं आई है सुल्तान के बाद से तो मुझे कुछ सुनाई नहीं दिया कि उनकी कोई फिल्म हिट हुई हो आमिर खान लास्ट जो रिलीज फिल्म है उसका हाल देख लीजिए लाल सिंह चड्ढा तो हालत ये हो चुकी है बात ये है कि आप जब फिल्म बनाने के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाना शुरू करते हैं ना दर्शक आपको बताना शुरू करते हैं दोस्तों आजकल जो खबरें आ रही हैं ना अमिताभ बच्चन साहब ने अह ऑफिस खरीद अभिषेक बच्चन ने फ्लैट खरीद लिए। तमन्ना भाटिया ने commercial space खरीद लिया। ये जो तमाम खबरें आ रही हैं जानते हैं क्या है ये? ये साफ इस बात को बताती है कि फिल्म इंडस्ट्री में अब दम नहीं है।

ये फिल्म इंडस्ट्री के लोग अब रियल स्टेट में पैसा इसलिए लगा रहे हैं क्योंकि इनको मालूम है। कि इस पैसे को जो ये कमा रहे हैं यहाँ से इन्वेस्ट कहीं और करना पड़ेगा। फिल्मों में अब कमाई नहीं है। क्योंकि लोगों के सामने ये सारे रहस्य उजागर हो चुके हैं कि आपने पिछले कुछ सालों में कुछ भी नहीं किया है। और लोगों के पास ऑप्शन है, वो ओटीटी पे जाते हैं, कोरिया का content देखते हैं, ईरान का content देखते हैं। वो टर्की देखते हैं। पाकिस्तान तक का content देख लेते हैं पर बॉलीवुड को नहीं देखते। जानते हैं क्यों? इसके लिए आप ही जिम्मेदार हैं। आपकी फिल्मों में कहानियां ढूंढने से नहीं मिलती।

आपकी फिल्मों में नए चेहरे ढूंढने से नहीं मिलते। आपकी फिल्मों में नया content ढूंढने से नहीं मिलता और अगर कोई बना देता है ना बारहवीं फेल जैसी फिल्म तो छह महीने तक चलती है वो। छह महीने तक चलती है। क्यों? क्योंकि बेचारे छह महीने तक, अगले छह महीने तक कोई नया content आया ही नहीं तो लोग बारहवीं फेल को ही देखे जा रहे थे। और जो बड़े-बड़े प्रोड्यूसर सैकड़ों करोड़ों रूपए खर्च करके फिल्में बनाते हैं वो ठप्प हो जाती है। अक्षय कुमार एक टाइम में नाम था सबसे ज्यादा टैक्स पे करने वाला एक्टर सबसे ज्यादा टैक्स पे करने वाला एक्टर और पिछले इतने सा लो से लगातार फ्लॉप पे फ्लॉप दे रहा है।

एक गणित किसी के समझ में आता है? आपने अक्षय कुमार को पिछली बार कौन सी फिल्म में कोई किरदार निभाते देखा था? वो तो पृथ्वीराज में भी पृथ्वीराज जी नहीं बन पाए वो अक्षय बने रहे. साल में चार-चार फिल्में करते हैं. महीने दो महीने में एक्टिंग खत्म कर देते हैं. करैक्टर में घुसे उससे पहले तो फिल्म रिलीज हो जाती है. तो हाल ये है कि आज बॉलीवुड सिवाय बेवकूफ बनाने के और कुछ नहीं कर रहा है. बॉलीवुड में असल में फिल्में नहीं बनाई जाती, दर्शकों को बेवकूफ बनाया जाता है। आप सोचिए कि ऐसी फिल्म इंडस्ट्री जहाँ के राइटर को कोई जानता तक ना हो मतलब बॉलीवुड मुझे लगता है दुनिया में अकेली ऐसी फिल्म इंडस्ट्री है, जहाँ के राइटर को कोई जानता ही नहीं है।

वहां का राइटर बड़ी से बड़ी सुपरहिट फिल्म का कोई राइटर जा रहा होगा, उसका नाम तक लोगों ने बताया होगा क्यों? क्योंकि हमने कभी तवज्जो ही नहीं दी। हमने तो वही पुराने घिसे-पिटे फार्मूले पर फिल्में बनानी है, नए लोगों को मौका देना नहीं है, मालूम है इतने insecure है इसलिए किसी और को घुसने भी नहीं देंगे क्यों? क्योंकि ये हमारी राजगद्दी चली जाएगी, अब ये राजगद्दी जो है वो ढहने वाली है, इसलिए फिल्म इंडस्ट्री के लोग बाहर पैसा लगा रहे हैं क्योंकि वो जानते हैं। अब फिल्म इंडस्ट्री पैसे कमाने की जगह नहीं रह गई है। साढ़े तीन सौ करोड़ में बनी थी, बड़े मियां, छोटे मिया। साठ करोड़ भी नहीं कमा पाई, ये तो सिर्फ example है।

अकेली ऐसी फिल्म नहीं है ये। लोग सा लो से फ्लॉप फिल्में दे रहे हैं। आप बताइए ना, अक्षय कुमार की, सलमान खान की आमिर की कौन सी फिल्में हिट हुई है पिछले कुछ सा लो में? शाहरुख खान तक को चार साल घर पे बैठना पड़ा था जिन्हें कहा जाता है कि वो so called बहुत बड़े सुपरस्टार है। घर बैठा हुआ था ये सुपरस्टार। क्रिकेट टीम खरीद के पैसा कमा रहा था क्योंकि फिल्मों में लोगों ने आउट कर दिया था ये असलियत है बॉलीवुड की।

बॉलीवुड को अगर सुधारना है तो सबसे पहले कहानी पर ध्यान देना होगा। innovation पर ध्यान देना होगा। नए लोगों को नए talent को लाना होगा और लोगों से लोगों को बेवकूफ बनाना छोड़ना होगा, सिनेमा बनाना शुरू करना होगा।

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