बड़े मियां, छोटे मियां जैसी फ्लॉप फिल्म बनाने के बाद जब से वासु भगनानी के ऑफिस के बिकने की खबर आई है, हर कोई अक्षय कुमार को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है। सिर्फ अक्षय कुमार इस एक फिल्म के लिए नहीं बल्कि कई सारी फिल्मों के लिए responsible माने जाते हैं, जो उन्होंने पिछले कुछ सा लो में की और जो वो नहीं चली। अक्षय कुमार ने कभी अपनी फीस कम नहीं की, लेकिन लगातार उनकी फिल्मों का फ्लॉप होना नहीं रुका।
बात चाहे की हो, लक्ष्मी बॉम्ब की हो, मिशन रानीगंज की या हाल ही में आई बड़े मिया छोटे मिया की लेकिन ये जो इंडस्ट्री है ये चमचों से भरी पड़ी है और ऐसे में बहुत सारे लोग निकल कर आ जाते हैं आपको डिफेंड करने अहमद खान जो कोरियोग्राफर से डायरेक्टर बने थे उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू दिया और वो अक्षय कुमार को काफी डिफेंड करते हुए नजर आए हैं exactly क्या कह रहे हैं अहमद खान मैं आपको बताता हूं ये बताया ये कहते हैं कि अक्षय सर को सफलता और असफलता से कोई फर्क नहीं पड़ता। अब ये लाइन अपने आप में ही गड़बड़ है।
सफलता और असफल आपको फर्क क्यों नहीं पड़ता जब आप करोड़ों रुपए की फीस लेते हैं तो आपको असफलता से फर्क पड़ना चाहिए। खैर सुनते हैं अहमद खान आगे क्या कह रहे हैं ये कहते हैं अक्षय सर को सफलता और असफलता से कोई फर्क नहीं पड़ता वो अपनी असफलताओं के बारे में कभी नहीं बताते उन्हें सिर्फ इस बात की परवाह होती है कि फिल्म में उन्होंने अपना हंड्रेड परसेंट दिया या नहीं वो समय के बहुत पाबंद है। देखिए समय का पाबंद होने का अच्छी एक्टिंग से कोई सीधा ताल्लुक तो है नहीं। बहुत सारे ऐसे actors हैं जो लेट लतीफ रहे हैं, लेट आने के लिए बदनाम रहे लेकिन काम बहुत अच्छा किया।
गोविंदा, राजेश खन्ना इसके examples हैं रही बात उनके hundred परसेंट देने की तो उन्होंने एक फिल्म की थी यशराज के साथ पृथ्वीराज क्या उसमें उन्होंने अपना hundred परसेंट दिया था क्योंकि उसमें hundred परसेंट अक्षय कुमार ही लग रहे थे। वो आगे कहते हैं शूटिंग पर वो कभी देर से नहीं आते सुबह सात बजे की शुफ्ट में मेरे पास साढ़े छह पर ही कॉल आता है कि अक्षय सर पहुँच गए हैं उन्होंने कभी इंतजार नहीं कराया अगर कभी हम लोग लेट पहुंचते थे, वो गुस्सा नहीं करते थे, ये भी कभी महसूस नहीं होने दिया कि हमने इंतजार करवाया।
अरे आप जब रुपए की फीस लेंगे उसके बाद भी आपकी पिक्चर फ्लॉप हो जाएगी तो आप अगर उसके बाद भी असफलता और सफलता की बात ना करें और सिर्फ इस बात की दुहाई देते रहें कि मैं समय पर आता हूँ, समय पर जाता हूँ और हंड्रेड परसेंट देता हूँ तो आपके hundred परसेंट का आचार तो पड़ेगा नहीं? Hundred percent दिया होता तो फिल्में फ्लॉप नहीं होती? या ये समझा जाए कि वो अपनी किसी फिल्म की नाकामी की जिम्मेदारी अपने कंधों पर नहीं लेना चाहते? आगे क्या कहते हैं अहमद खान?
ये मैं आपको दैनिक भास्कर के हवाले से बता रहा हूँ ये कहते हैं अक्षय कुमार एक साल में कई सारी फिल्में करते हैं उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कमाई नहीं कर पा रही हैं तो अहमद खान कहते हैं कि लोग समझते हैं कि अक्षय सर पैसों के लिए फिल्में करते हैं जबकि ऐसा नहीं है उन्हें पैसे की क्या जरूरत है काम करना उनका पैशन है वो कहते हैं कि हर फिल्म को ऐसे करो जैसे करियर की आखिरी फिल्म हो वाकई अगर आप इस तरह से काम करते रहेंगे अक्षय कुमार तो आप नहीं जानते कि कौन-सी फिल्म आपकी आखरी फिल्म साबित हो जाए
क्योंकि अब लोग आपको साइन करने से पहले दस बार सोचेंगे आपको इतनी बार साइन करने वाला प्रोड्यूसर अगर अपना दफ्तर बेच रहा है आपके साथ तो आप सोचिए कि आप किस तरह की जगह रखते हैं बॉलीवुड के अंदर वैसे मैं आपको बता दूँ कि बड़े मियाँ छोटे मियाँ तो फ्लॉप हुई है मतलब ये फिल्म बनी थी करीब साढ़े तीन सौ करोड़ों रुपए में और ये साठ करोड़ भी नहीं कमा पाई।
और इस समय कहा जा रहा है कि वाशु बगनानी को ढाई सौ करोड़ का नुकसान हुआ है और ढाई सौ करोड़ का नुकसान पूरा करने के लिए उन्होंने अपना दफ्तर बेच दिया जो कि सात माले की बिल्डिंग थी और अब वो अपना दफ्तर एक टू बेडरूम अपार्टमेंट में शिफ्ट कर चुके हैं। वैसे अहमद खान welcome to the जंगल में अक्षय को direct कर रहे हैं। अब ये बताइए अहमद खान साहब अगर आपकी ये फिल्म flop हो जाती है, welcome to the जंगल तो आप यही कहेंगे ना कि अक्षय तो टाइम पर आते थे, टाइम पर जाते थे, अपना hundred percent देते थे, अब फिल्म flop हो गई तो मैं क्या करूँ?
तो ये जिस तरीके के स्टेटमेंट्स दे रहे हैं, अक्षय कुमार के बारे में अहमद खान, मुझे लगता है कि इनको दोबारा सोचने समझने की जरूरत है, जब आप करोड़ों रुपए की फीस लेते हैं, तो आपके कंधों पर कंधों पर जिम्मेदारी होती है, उस फिल्म को आगे ले जाने की, अगर आप ये जिम्मेदारी नहीं उठा सकते तो फिर करोड़ों रुपए की फीस लेना बंद कर दीजिए। कुछ दिनों पहले अनुराग कश्यप ने, फरार खान ने, करण जौहर ने, लोगों ने कहा था कि ये जो बड़े-बड़े stars हैं इतना मोटा पैसा लेते हैं इतनी ज्यादा fees लेते हैं उतने इनके tantrms होते हैं उसके बाद भी फिल्में पीट जाती हैं क्योंकि ऐसा तो कोई स्टार ही नहीं है इसकी फिल्में ना पीटती हों। तो उसके बाद ये कह देना कि वो time पर आते हैं समय के पाबंद हैं hundred percent देते हैं उन्हें असफलता सफलता से कोई फर्क नहीं पड़ता।
अरे उन्हें क्यों पड़ेगा जब उनको पूरी fees मिल जाती है तो उनको क्यों पड़ेगा। और उन्हें अगली फिल्में भी मिल जाती हैं। लेकिन ये सिलसिला बहुत ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा। और अक्षय कुमार जिस तरह से हर फिल्म को करते हैं अपनी आखरी फिल्म समझकर ये समझना चाहिए कि वाकई में उनकी कोई फिल्म आखिरी हो सकती है अगर इस तरीके का उनका ग्राफ जाता रहा करियर का तो आप लोग क्या सोचते हैं अहमद खान के स्टेटमेंट के बारे में अक्षय कुमार की लगातार फ्लॉप होती फिल्मों के बारे में और जो बॉलीवुड की जर्जर स्थिति हो गई है जो चरमराकर सब गिरने वाला है क्योंकि खराब कहानियां हैं,
आप कहानियों पर काम नहीं करते, आप नई कहानियों पर प्रयोग नहीं करते, आप दोबारा-दोबारा वही चेहरे घिसे पिटे लेकर आते रहते हैं, ना जाने कितनों को relaunch करते हैं, तो क्या आपको लगता है कि बॉलीवुड इससे पाएगा या वाकई अब अह बॉलीवुड को रुककर सोचने की जरूरत है कि गलती कहां और क्यों हो रही है?