मंदाकिनी की मुलाकात कैसे हुई राज कपूर से असल में एक फिल्मी पार्टी में शो मैंने राज कपूर की नजर यास्मिन नाम की लड़की पर पड़ी उन दिनों राज कपूर अपने छोटे बेटे राजीव को बॉलीवुड में लॉन्च करने की तैयारी कर रहे थे और राम तेरी गंगा मैली नाम की ये जो फिल्म थी इसकी पूरी प्लानिंग हो चुकी थी लेकिन सिर्फ हीरोइन पर आकर मामला अटका हुआ था।
और वैसे भी उन्होंने इस रोल के लिए डिंपल कपाडिया को लगभग फाइनल कर लिया था जिन्हें उन्होंने बॉबी से लॉन्च किया मगर जब राज कपूर ने यास्मिन को देखा तो उन्होंने डिंपल कपाडिया को अपनी फिल्म में लेने का इरादा तुरंत वहीं पर ड्रॉप कर दिया। राज कपूर ने यास्मिन को रामतरी गंगा मैली में ऑफर करना मतलब फिल्म ऑफर कर दी और जाहिर है राज कपूर किसी को फिल्म अगर ऑफर कर रहे हैं। अस्सी का दशक है राज कपूर बहुत बड़ा नाम है तो यास्मीन ने भी बिना देर किए उस ऑफर को स्वीकार कर लिया।
ये राज कपूर ही थे जिन्होंने मेरठ की रहने वाली यास्मिन जोसफ को उनका फिल्मी नाम मंदाकिनी दिया वो नाम जो अब पहचान बनने वाला था। राम तेरी गंगा मैली में कुछ ऐसे सीन थे जो बेहद बोल्ड थे लेकिन मंदाकिनी ने बिना किसी झिझक के वो सारे सीन पूरे perfection के साथ शूट किए।
वो सभी सीन इतने लोकप्रिय हुए कि ये फिल्म पूरी तरह से मंदाकिनी की फिल्म बन गई। यानी राम तेरी गंगा मैली अगर बहुत बड़ी हिट हुई तो उसकी वजह मंदाकिनी को माना गया और इसी बात पर राज कपूर के सबसे छोटे बेटे राजीव कपूर अपनी फिल्मी नाकामी के लिए जाने यास्मीन को मिली लोकप्रियता से राजीव कपूर को बहुत बुरा लगा उन्हें लगा कि उनके पिता ने राज कपूर ने फिल्म में उनसे ज्यादा हीरोइन को महत्व दिया है और राजीव को जो ये गलतफहमी हुई उसका नतीजा ये हुआ कि उन्होंने अपने पिता राज कपूर से बात करना तक बंद कर दिया।
ये कहानी है जो मंदाकिनी को राज कपूर से जोड़ती है मंदाकिनी को राज कपूर लांच करते हैं अपने बेटे की फिल्म में उनका डेब्यू था। राजीव कपूर का लेकिन मंदाकिनी इतनी पॉपुलर हो जाती है कि राजीव कपूर नाकाम जाने लगते हैं और मंदाकिनी का नाम बहुत बड़ा बन जाता है और यही वजह थी कि मंदाकिनी की वजह से राजीव कपूर ने अपने पिता राज कपूर से बात करना बंद कर दिया था।