• Sat. Oct 5th, 2024

रत्ना पाठक शाह द्वारा एक्टिंग स्कूलों को ‘दुकानें’ कहने पर अनुपम खेर ने दी प्रतिक्रिया

रत्ना पाठक शाह द्वारा एक्टिंग स्कूलों को ‘दुकानें’ कहने पर अनुपम खेर ने दी प्रतिक्रियारत्ना पाठक शाह द्वारा एक्टिंग स्कूलों को 'दुकानें' कहने पर अनुपम खेर ने दी प्रतिक्रिया

अनुपम खेर हमारे देश के एक बेहतरीन अभिनेता तो हैं ही साथ ही वो अपना एक acting स्कूल भी चलाते हैं। अब हुआ ये कि अनुपम खेर जो हैं वो right wing वाली विचारधारा से प्रभावित हैं उनकी पत्नी किरण खेर भाजपा के टिकट से चुनाव लड़कर सांसद भी बनी हैं।

दूसरी तरफ नसरुद्दीन शाह और रत्ना पाठक शाह ये दो अभिनेता और अभिनेत्री हैं। और ये भी हमारे देश के जाने-माने अभिनेता, अभिनेत्री कहलाते हैं। एक interview नजरुद्दीन शाह ने और रत्ना पाठक शाह ने ये कह दिया कि हमारे देश में एक्टिंग स्कूल्स जो हैं वो दुकानों की तरह खुले हुए हैं। अब ये उन्होंने अनुपम खेर के बारे में तो नहीं कहा था। उन्होंने इन जनरल कहा था कि हमारे देश में जो एक्टिंग स्कूल्स हैं वो दुकानों की तरह खुले हुए हैं।

लेकिन अनुपम खेर ने इस बात को दिल पर ले लिया है। और उन्होंने इस बात का जवाब दिया है, ये कहते हुए कि ये दोनों जो हैं, ये एनएसडी से आते हैं। क्या ये नेशनल स्कूल of ड्रामा को एक्टिंग की दुकान कहेंगे? तो होता है कि कई बार आप विचारधारा को लेकर भिन्न-भिन्न धाराओं में बहते हैं जैसे अनुपम खेर right wing की तरफ झुकाव रखते हैं रत्ना पाठक शाह, नसरुद्दीन शाह थोड़ा सा left की तरफ झुकते हैं।

रुपाली गांगुली ने शहनाज गिल को किया बेइज्जत

अब कड़वाहट तो भिन्न-भिन्न विचारधाराओं के होने की है लेकिन जब तीर चलते हैं तो attack हो जाता है personal मुझे बड़ी हैरानी हुई क्योंकि चाहे अनुपम खेर हो रत्ना पाठक शाह हो या नसरुद्दीन शाह हो। इनकी राजनैतिक विचारधाराएं अलग हो सकती है।

लेकिन इन के अभिनय को देखकर मैं इस बात का अंदाजा लगाता रहा हूँ and I am sure आप लोग इससे इत्तेफाक रखेंगे कि ये दोनों तीनों लोग ही बड़े परिपक्व बुद्धि वाले लोग हैं बड़े mature हैं और mature लोग जब इस तरह की बातें करते हैं तो हैरानी होती है रही बात acting स्कूल की दुकान के अह हिसाब से अगर हम बात करें तो रत्ना पाठक शाह ने अगर ये कहा भी कि acting स्कूल दुकानों की तरह खुले हुए हैं तो दोस्तों जहाँ मुंबई के जिस इलाके में मैं रहता हूँ मैंने भी यहाँ दुकानों की तरह कई सारे acting स्कूल खुले हुए देखें तो रत्ना पाठक शाह इस बात को कहने नहीं है।

रत्ना पाठक शाह द्वारा एक्टिंग स्कूलों को 'दुकानें' कहने पर अनुपम खेर ने दी प्रतिक्रिया

ये अलग बात है कि अनुपम खेर अपने स्तर से अपना एक्टिंग स्कूल चला रहे हैं और बहुत अच्छे से चला रहे हैं। तो एक जो बात कही जाती है वो सब पर लागू हो ऐसा जरूर नहीं होता लेकिन होता ये है कि अगर आप भिन्न-भिन्न विचारधाराओं से आते हैं तो आप उस तीर को अपने छाती पे ले लेते हैं और कहते हैं देखो मेरे को मार दिया लेकिन मैं अगर अपनी बुद्धि से सोचूं तो मुझे नहीं लगता कि नसरुद्दीन शाह या रत्न पाठक शाह का कमेंट अनुपम खेर की एक्टिंग स्कूल के बारे में है लेकिन ये बात भी उतनी ही सही है कि हाँ वाकई मुंबई में एक इलाका है जहाँ आपको दुकानों की तरह acting schools मिल जाएंगे और क्योंकि मैं खुद भी बहुत करीब से बॉलीवुड को देखता रहा हूँ तो इस बात में मैं पूरा यकीन रखता हूँ कि acting सिखने-सिखाने की चीज नहीं है।

हाँ, इतना जरूर है कि आप उस technique से अपनी acting को निखार सकते हैं। यानी acting का जो talent है वो जन्मजात होता है। आप उसको निखार सकते हैं, शुरू से किसी को सिखाना वो मुझे लगता है बहुत मुश्किल है। क्योंकि कला कोई भी हो चाहे लिखने की हो, गाने की हो, अभिनय की हो। ये inbuilt होती है एक स्तर तक।

फिर आप उसे निखारते हैं गुरुओं के सानिध्य में। जैसे संगीत, सुर आपकी आवाज में होते हैं लेकिन आप रिहाज करके उसको और अच्छा और बेहतर बनाते जाते हैं, तो अगर हमारे देश के कलाकार एक दूसरे के प्रति इस तरह की कड़वाहट ना रखें तो शायद एक बेहतर माहौल बनेगा, कड़वाहट फैलाने का काम राजनीतिज्ञों को करने दीजिए, वो वैसे भी दो धर्मों को लड़ाकर दो जातियों में वैमनस्य पैदा करके ऐसे तमाम काम करते रहते हैं, मुझे उम्मीद है कि अनुपम खेर नसीरुद्दीन शाह और रत्ना पाठक शाह ये तीनों जिस तरह अपनी एक्टिंग से अपने अभिनय से हमें प्रभावित करते रहें, हमें मनोरंजन देते रहें हैं, वो आगे भी ऐसा करते रहेंगे।

Fall guy मूवी रिव्यू हिंदी | Fall guy movie review in Hindi