फिल्म animal के डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा लगातार चर्चा में बने हुए हैं, फिल्म के हिट होने के बाद भी इससे जुड़े विवाद खत्म हो नहीं रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया users से लेकर बॉलीवुड के celebrities तक ने वांगा की फिल्मों की आलोचना खुलकर की है। ऐसे में डायरेक्टर साहब जो है एक-एक करके सबको जवाब दे रहे हैं। कभी किरण राव पर बोलते हैं, कभी जावेद अख्तर पर बोलते हैं। और अब उन्होंने शाहरुख खान पर भी एक तंज कसा है। असल में शाहरुख़ खान ने एक event में कहा था कि मैं एक आशावादी इंसान हूँ और ख़ुशी भरी कहानियां, खुशियाँ भरी कहानियां सुनाता हूँ जिस जिस किरदार मैं निभाता हूँ, वो अच्छा काम करते हैं, वो लोगों को उम्मीदें देते हैं, खुशियां देते हैं।
अगर मैं बुरा आदमी बनता हूँ, तो मैं कोशिश करता हूँ कि वो खूब सारी तकलीफ में रहे। कुत्ते की मौत मरे। क्योंकि मैं मानता हूँ कि अच्छे को अच्छा ही मिलता है और मैं विश्वास करता हूँ कि बुराई करने वाला पीछे लात खाने का हकदार होता है, मुझे ईमानदार किरदार निभाने चाहिए, जो लोगों को सपने देखने की हिम्मत दें, मुझे चुपचाप मेहनत करते रहना चाहिए और इस उम्मीद के साथ कि जिंदगी कहीं मेरा पत्ता ना काट दें। अब इस पर आ गया है, सिद्धार्थ खनन एक रेडियो पर्सनालिटी हैं, उनके साथ बातचीत में संदीप रेड्डी बांगा ने कहा कि जिसे शाहरुख खान की कही हुई बात पर मतलब अब मान रहे हैं लोग कि तंज है कहते हैं लोगों को समझ नहीं आता कि glorify करने का मतलब क्या होता है,
वो चाहते हैं कि hero climax में आकर lecture दें जहाँ वो अपनी सारी गलतियों को माने और वो उम्मीद करते हैं कि hero कुत्ते की मौत मर जाए। संदीप रेड्डी बांगा ने शाहरुख खान के साथ भविष्य में काम करने की इच्छा भी जताई है, उन्होंने बताया कि वो और शाहरुख से दो बार मिले हैं लेकिन कभी साथ काम करने को लेकर उनसे बात नहीं हुई। मांगा ने कहा कि मैं शाहरुख के साथ काम करना चाहता हूं, हर हीरो के लिए कोई ना कोई मेरा आईडिया रहता ही है। हिंदी में मैं जरूर शाहरुख खान और रणवीर सिंह के साथ काम करूंगा।
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अब यहां अगर हम बात कर लें संदीप रेड्डी वांगा की, तो संदीप रेड्डी वांगा जिस तरीके से अपने आप को defend कर रहे हैं, और बार-बार इस बात को साबित करने में लगे हैं, कि उन्होंने एनिमल जैसी फिल्म बनाकर एक बहुत बेहतरीन काम किया है, और अब वो एनिमल पार्क भी ला रहे हैं, उससे ऐसा लगता है, मुझे कि वो अब अपनी इस एनिमल वाली गलती को, मैं गलती इसलिए कह रहा हूँ कि जब आप जो कोई भी डायरेक्टर अपनी एक काम को रिपीट करता है, वो गलती होती है। फिर आप बेचने के धंधे में आ जाते हैं, फिर आप सब कुछ बेचने लगते हैं, जब एक चीज चल गई तो फिर आपको बेचनी ही बेचनी है और फिर क्या करते हैं आप? एक मसाला जो बिक रहा है, आपने वैसा ही मसाला दोबारा तैयार किया और उसको लेकर आ गए, तो क्या संदीप रेड्डी वांगा बार-बार animal की तारीफ करके और बार-बार उन लोगों पर हमला बोलकर जो कि animal की success को गलत बताते हैं, या animals से इत्तेफाक नहीं रखते, एनिमल जैसा सिनेमा नहीं देखना, ये कहीं ना कहीं इस बात का इशारा दे रहे हैं कि ये बार-बार ऐसी फिल्में बनाएंगे क्योंकि ये कबीर सिंह बना चुके हैं।
अब ये एनिमल की तारीफ कर रहे हैं, एनिमल पार्क आने वाली है, क्या उस सब में भी यही सब होगा? तो क्या एक जैसी फिल्में बनाने वाला कोई भी डायरेक्टर खुद को क्रिएटिव कह सकता है? पहला सवाल, दूसरा, अगर आप एक तरह का मनोरंजन बार-बार रखते हैं, तो क्या आप समाज में विशेष तरह की सोच को ले जाना चाहते हैं? क्या आप समाज को एक दिशा देना चाहते हैं? क्या आप समाज में वैसे टॉकिंग पॉइंट्स ढूंढ रहे हैं? क्या आप बहुत बड़े खतरे के साथ खेल रहे हैं? क्या ऐसा करते करते आप अपनी creativity को खोते जा रहे हैं? और क्या ऐसा करते-करते आप एक समाज में गलत मिसाल पेश कर रहे हैं?