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दीप्ति पिन्नाति पर सीबीआई ने एक्शन लिया | CBI took action against Deepti Pinniti

दीप्ति पिन्नाति पर सीबीआई ने एक्शन लिया | CBI took action against Deepti Pinnitiदीप्ति पिन्नाति पर सीबीआई ने एक्शन लिया | CBI took action against Deepti Pinniti

सीबीआई यानी central bureau of investigation ने एक स्वघोषित investigator और यूट्यूबर के खिलाफ charge sheet दाखिल की है और उस पर आरोप ये है कि मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री श्रीदेवी की मौत के मामले में उसने अपने दावों को सही साबित करने की कोशिश में एक यूट्यूब वीडियो में बड़ी शख्सियतों की ओर से फर्जी letters दिखाए। इन शख्सियतों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल थे। इस यूट्यूबर नाम दीप्ती आर पिन्नति बताया जाता है, जो उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर की रहने वाली है, पिछले साल सीबीआई ने दीप्ती और उनके वकील सुरेश नामत के खिलाफ मुंबई के वकील चांदनी शाह की शिकायत पर एक मामला दर्ज किया था, शाह की शिकायत को सीबीआई के पास प्रधानमंत्री कार्यालय में ट्रांसफर किया था। चांदनी शाह ने पिन्नति पर क्या आरोप लगाए थे, मैं आपको बताता हूं, इन्होंने कहा था कि पिन्नति ने कई दस्तावेज दिखाए थे, जिनमें प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री के पत्र भी शामिल थे।

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इसके अलावा इनमें सुप्रीम कोर्ट और सरकार के रिकॉर्ड से जुड़े कुछ दस्तावेज भी शामिल थे जो फर्जी प्रतीत होते हैं। आपको बता दें कि पिन्नति, श्रीदेवी और सुशांत सिंह राजपूत जैसे बॉलीवुड actors की मौत पर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा करती रहती हैं। श्रीदेवी का निधन फरवरी के अह दो हजार अठारह के फरवरी महीने में हुआ था और श्रीदेवी के निधन के बाद पिन्नति ने एक interview में अपने investigation के आधार पर सनसनी खेज दावे किए थे। इसमें से एक दावा ये था कि दो सरकारों के बीच cover up हुआ था। reports बताती हैं कि इसे लेकर पिन्नति ने कहा था कि इस बात भरोसा करना थोड़ा मुश्किल है कि सीबीआई ने मेरे खिलाफ बिना मेरा बयान दर्ज किए मेरे खिलाफ चार्जशीट फाइल कर दी आरोप तय होने पर अदालत के सामने सबूत पेश किए जाएंगे सारी बातें वो कह चुकी है सीबीआई ने दिसंबर 2023 में छापेमारी की भी अह कार्रवाई की थी पिछले साल एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई ने दो दिसंबर दो हजार तेईस को पिन्नति के भुवनेश्वर स्थित आवास पर छापेमारी की थी इस दौरान सीबीआई ने फोन और लैपटॉप समेत कई उपकरण जप्त कर लिए थे

बाद में पता चला कि अह ये जो दस्तावेज पेश किए थे पिन्नति वो एक तरह से सरकार की छवि धूमिल करने के लिए वो फर्जी दस्तावेज थे। दीप्ती ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर भी ऐसे ही कई दावे किए थे। फरवरी दो हजार अठारह में bath truck में डूबने से श्रीदेवी की दुबई में मौत हुई थी वहीं सुशांत सिंह राजपूत चौदह जून दो हजार बीस को अपने कमरे की छत से लटके हुए पाए गए थे उनकी अह इस रहस्य में मृत्यु को लेकर तमाम चीजें होती रही हैं। सोशल मीडिया पर लेकिन ये अपनी तरह का अनोखा मामला है जिसमें एक youtuber के खिलाफ सीबीआई ने एक्शन गया है क्योंकि उसने प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के कार्यालय से एक ऐसे दस्तावेज पेश किए जिनका कोई आधार नहीं था। और अब सवाल ये है कि क्या दीप्ती पिनती की अब गिरफ्तारी होगी।

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पहले भी छापेमार की घटना हो चुकी है और उसमें उनका फोन और लैपटॉप जब्त किया जा चुका है। दोस्तों सोशल मीडिया एक ऐसी जगह है जहाँ पर हम अपने विचार रखते हैं, अपनी बात रखते हैं, कई खबरों पर अपना opinion भी पेश करते हैं, लेकिन अगर इस सब की कोशिश में अह लोगों का ध्यान अपनी तरफ अट्रैक्ट करने के लिए आप फर्जी दस्तावेज का सहारा लेते हैं तो आपके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। ये उन सभी यूट्यूबर्स के लिए एक सबक की तरह है जो किसी भी घटना को scandalize करने के लिए सनसनी खेज बनाने के लिए तमाम तरह के झूठ बोलते हैं और उलटेसीधे सबूत अपनी जनता को दिखाते हैं ताकि उनके views बढ़ते रहें लेकिन अगर आपने ऐसा किया तो आप एक ऐसी मुसीबत में भी फंस सकते हैं, तो कुल मिलाकर मामला ये है कि दीप्ति पिनती का जो मामला ये उन सभी लोगों के लिए एक सबक की तरह है जो अक्सर ज्यादा views पाने की खातिर कुछ भी झूठ सच बोल देते हैं और फिर होता क्या है? एक तो आप जनता को भटकाते हैं।

देश की जनता को गुमराह करते हैं, गलत information देते हैं और कई लोगों पर तरहतरह के आप आक्षेप लगाते हैं, किस लिए? सिर्फ इसलिए ताकि लोग आपको देखते रहें, आपके views बढ़ते रहें, यानी एक तरह से आप झूठ का कारोबार फैलाते हैं। अगर आपको वाकई में कुछ साबित करना है, तो आप अदालत में जाकर सकते हैं लेकिन सोशल मीडिया पर आकर बड़ीबड़ी बातें करना उल्टेसीधे दस्तावेज दिखाना ये ज्यादातर इसीलिए किया जाता है ताकि लोगों के बीच हीरो बना जा सके और जो भी ऐसा करता पाया जाएगा उसके खिलाफ ये कार्यवाही हो सकती है मैं चाहता हूँ कि इस वीडियो को आप ज्यादा से ज्यादा शेयर करें लोगों को बताएं ताकि लोगों को ये समझ में आए जो बहुत सारे लोग हैं कुछ भी बड़ेबड़े दावे करते हैं मनगढ़ंत बिना किसी सबूत के बिना किसी साक्ष्य के बिना किसी पक्के सबूत के बहुत बड़ीबड़ी बातें करते हैं मैं व्यक्तिगत रूप से सारे youtubers को जानता हूँ, जो तमाम तरह की बड़ीबड़ी बातें करते हैं। लेकिन उनके पास कुछ भी आधार नहीं होता।

लेकिन उन यूट्यूबर्स को आगे बढ़ाने में देश की उस जनता का भी हाथ होता है, जो बिना सबूतों की जांच किए उनके दिखाए दस्तावेजों पर भरोसा कर लेती है और किसी की भी छवि धूमिल करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ती। याद रखिए, हमारे देश में न्यायालय है, न्यायपालिका है। लोगों को न्याय दिलाने का काम न्यायालय में होता है। सोशल मीडिया पर नहीं होता है, सोशल मीडिया पर आप खुद को express कर सकते हैं, अपना opinion रख सकते हैं, अपनी बात कह सकते हैं। आप अपनी विचारधाराओं को व्यक्त कर सकते हैं। ये स्वयं की अभिव्यक्ति का साधन है। ये कोई अदालत नहीं है, कोई न्यायालय नहीं है, यहां कुछ भी prove आप नहीं कर सकते।

क्योंकि ये एक ऐसा माध्यम है, जहां पर आपकी तरह के हजारों, लाखों, करोड़ों लोग खुद को व्यक्त करने के लिए आते हैं, व्यक्त करने तक तो ठीक है, लेकिन व्यक्त करते समय इस बात का ध्यान रहे कि आप किसी की मानहानि तो नहीं कर रहे, आप किसी पर बेवजह आक्षेप तो नहीं लगा रहे, आप आम जनता को गुमराह तो नहीं कर रहे, ये तमाम बातें ध्यान रखने की इसलिए भी जरूरत है, क्योंकि अक्सर जो लोग नएनए यूट्यूबर बनते हैं, या फेसबुक पर content creator बनते हैं, उन्हें इस बात की समझ ही नहीं होती कि वो क्या बोल सकते हैं और क्या नहीं। आपने मेरे वीडियोज को काफी समय से ध्यान से देखा होगा, यहाँ पर एक नपा अपना version रखा जाता है, बहुत सारे प्रश्न खड़े किए जाते हैं, प्रश्न पूछना अपराध नहीं है, प्रश्न पूछना हमेशा एक सच्चे और जागरूक नागरिक का कर्तव्य होता है कि वो प्रश्न पूछता रहा, मैंने हमेशा अक्सर कहा है कि खबरें आती जाती हैं, खबरें ताजी और भाषी हो जाती हैं, पर प्रश्न वहीं खड़े रहते हैं और जब प्रश्न वहाँ खड़े रहते हैं तो उन प्रश्नों से बहुत कुछ सध जाता है।

इसलिए किसी भी content creator को अगर आप देख रहे हैं, सुन रहे हैं, सबसे पहले ध्यान दीजिए कि वहाँ क्या कोई प्रश्न पूछा रहा है और प्रश्न पूछते वक्त पूरी तरह से न्यूट्रल होना बहुत जरूरी है, जब आप किसी एक तरफ झुककर सवाल पूछते हैं तब उसे एजेंडा कहा जाता है। और जब आप न्यूट्रल रहकर प्रश्न पूछते हैं तो उसे प्रश्न कहा जाता है, इसलिए प्रश्न कहाँ पूछा जा रहा है, क्या पूछा जा रहा है, किससे पूछा जा रहा है, किस भाषा में पूछा जा रहा है, वो भाषा मर्यादित है, नहीं है या किसी पर आक्षेप लगाती हुई भाषा है इन तमाम बातों पर ध्यान रखना बहुत जरूरी है, हाँ साथ में कुछ लोग अपना opinion भी व्यक्त करते हैं, वो भी बहुत आवश्यक है आप अपना opinion व्यक्त कर सकते हैं लेकिन अपना opinion देते समय इस बात का ध्यान रहे कि आप अनजाने में या जानबूझकर किसी का अपमान तो नहीं कर रहे हैं अब आप सोचिए कि दीप्ती पिनती जो है वो श्रीदेवी जी के बारे में तमाम बातें बोल रही हैं, श्रीदेवी के परिवार के लोग भी हैं।

उनके ऊपर क्या बीतती होगी? क्योंकि आपके लिए श्रीदेवी एक टॉपिक हैं, पर किसी के लिए वो माँ थी, किसी के लिए पत्नी थी, आपको कैसा लगेगा कि आपके माँ और पत्नी जो नहीं है अब इस दुनिया में उनके बारे में कोई तमाम तरह की बातें करें और आप उसे रोक भी ना पाए और उसके उसको साबित करने के लिए वो कई गलत तरह के दस्तावेज भी पेश करने लगे और सारे लोग मजमा तमाशा लगाकर उसको देखने लगे ऐसे देखने लगे कि मानो यहाँ कोई आजादी की जंग हो रही है जिसमें वो अपने प्राण निछावर करना चाहते है इसलिए कोई भी content consume करते वक्त आप इस बात को समझकर चलिए कि आपको रहना है, पहले से ही कुछ सोच लेना और फिर वैसा ही सुनना चाहना, वैसा ही देखना चाहना आपको neutral नहीं बनाता है, neutral बनने के लिए आप सब चीजों को एक तराजू में तोल कर देखें, कुछ भी संभव हो सकता है, जो कुछ भी आपने नहीं देखा है।

उसके बारे में आप कैसे आश्वस्त हो सकते हैं। उसे अवधारणा कहा जाता है, उसे पूर्वाग्रह कहा जाता है। पूर्वाग्रह से ग्रसित ना हों, मामला सिर्फ श्रीदेवी या किसी बड़ी स्टार के मौत का नहीं है। कोई भी खबर हो। तो पूर्वाग्रह, ग्रसित हुए बिना बहुत neutral रहकर आप किसी भी खबर को जब देखें, समझेंगे तो आपको उसका पूरा सच समझ में आएगा।

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