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फाइटर मूवी रिव्यु मूवी हिंदी | fighter movie review movie Hindi

फाइटर मूवी रिव्यु मूवी हिंदी | fighter movie review movie Hindi

fighter release हो गई है भाई ऋतिक रोशन, दीपिका पादुकोण बड़े नाम, बड़े बजट वाली फिल्म है यार तो क्या नाम बड़े दर्शन छोटे तो नहीं? मास्टरमाइंड सिद्धार्थ आनंद फिर से हाजिर है भाई छब्बीस जनवरी को फैंस को गिफ्ट देने के लिए War Pathan fighter hat trick लगेगी। सच बोलूँ तो काफी लोग confuse हो गए थे यार फिल्म के trailer के बाद क्योंकि फिर से वही इंडिया versus पाकिस्तान पे पैसे उड़ाना कहीं पैसे की बर्बादी तो नहीं है। कुछ लोगों को फिल्म से गदर टू वाली vibes भी आई थी dialogue बाजी के दम पर सिनेमा को चलाना action वाला department कमजोर होगा लगता है। तो बॉस सीधा जवाब ऊपर वाले दोनों सवालों का एक ही है। कोई इतना गलत कैसे हो सकता है?

Boss fighter में गलतियां तो छोड़ो सिर्फ एक गलती ढूंढना भी बड़ा मुश्किल काम है। एक proper balance cinema बनाया है। पैसा समझो मतलब हर डिपार्टमेंट में जितना जरूरी है उतना दिखाना फीलिंग्स है एक्शन है डायलॉग्स है और कभी ना देखें स्टंट्स भी है और सबसे जरुरी satisfaction भी मिलेगा सिद्धार्थ आनंद फेमस ही इसीलिए है क्योंकि ये इंटरनेशनल लेवल जैसा सिनेमा बनाते है तो कहीं हॉलीवुड को कॉपी पेस्ट तो नहीं मार दिया शॉर्टकट बॉस टॉप गन मैव्रिक मुझे पता है आपके मन में फाइटर को लेकर सबसे बड़ा शक इसी फिल्म की वजह से है और उसको दूर करना मेरी जिम्मेदारी है ये बोलना गलत होगा यार की टॉमक्रूस की फिल्म का फाइटर से कोई लेना देना नहीं है जी नहीं टॉप गन मैव्रिक इस फिल्म इंस्पिरेशन जरूर है लेकिन उस सब्जेक्ट में जब इंडियन इमोशंस डाल दिए जाएं और रियल इंसिडेंट से उठाकर रिवेंज की कहानी दिखाई जाए तब फाइटर कम्पलीट होती है। एरियर एक्शन पहली बार इंडियन सिनेमा में ट्राई किया जा रहा है। टीवी पर देखा है ना आपने छब्बीस जनवरी वाले दिन सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। लेकिन आसमान तक पहुंचने से पहले उस प्लेन को चलाने वाला पायलट कितने चैलेंजेस को पार करता है।

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वही चीज फाइटर ने दिखाने का ट्राई मारा है। कमाल की बात है यार ट्रेलर में हम लोग डर रहे थे ना कि फिल्म को वीडियो गेम जैसा तो नहीं बना दिया। एवरेज घटिया स्पेशल effects वगैरह वगैरह। लेकिन बॉस पूरे स्टार्ट से एंड तक आपको शिकायत का एक मौका नहीं मिलेगा। स्पेशल effects स्टॉप लेवल के हैं और उनका भी नहीं किया गया। स्पेशली जो हवा वाले सीन्स बनाए हैं, उनको ऐसे ही अचानक से प्रेजेंट नहीं किया जाता कि देखो और भूल जाओ। अगर कोई प्लेन आसमान में उतरता है, तो पहले उसकी कहानी समझाते हैं, ताकि जब एक्चुअली उसका एक्शन सीन आए तो आप इमोशनली कनेक्ट हो जाओ। यहाँ पे स्पेशल एक्सट्रा तारीफ ऋतिक रोशन की करना चाहूंगी मैं, जो इतने बड़े स्टार होने के बाद भी एक्टिंग के साथ कोम्प्रोमाईज़ नहीं करते, ऋतिक का कैरेक्टर लिखा जबरदस्त है और उसको खतरनाक परफेक्शन से किया जाता है जिस वजह से पूरी फिल्म की कहानी पे यकीन सा हो जाता है.

ये चीज उल्टी पड़ गई थी टाइगर थ्री के टाइम जब सलमान खान को प्रेजेंट बढ़िया किया गया लेकिन उनका परफॉर्मेंस फिल्म के साथ लोगों को जोड़ नहीं पाया. हाँ तो बैक टू फाइटर फिल्म की सबसे बढ़िया चीज क्या है जानते हो हवा में तो जब प्लेन्स उड़ेंगे तो वो उसका एक्सपेक्टर होगा हम जानते थे. लेकिन जमीन पे जो कहानी बनाई गई है वो भी उतनी ही इंटरेस्टिंग और इमोशंस के साथ प्रेजेंट की गई है. जिसमें दीपिका पादुकोण को एक्स्ट्रा क्रेडिट मिलेगा. वैसे फिल्म में स्पाई यूनिवर्स वाले कर्नल लूथरा भी अलग रोल में और जब दीपिका के साथ इनका सीन आप देखोगे उस चीज को सिनेमा बोलते हैं। पता है पहली बार मुझे ऐसा लग रहा है कि हाँ बॉलीवुड में वाकई एयरफोर्स पे एक genuine फिल्म बनाने का try मारा है। फालतू का टाइम pass वो हीरो हीरोइन का जबरदस्ती romance करके गाना बजाना और सिर्फ dialogue बाजी मार के देशभक्ति का फायदा उठाना fighter में ऐसा कुछ नहीं है।

फाइटर मूवी रिव्यु मूवी हिंदी | fighter movie review movie Hindi

जैसे सबसे common mistake बाकी movies में यही होती कि अपना pilot एकदम से सुपर हीरो बन के हाथ पैर से पचास-साठ लोगों को पीट डालता। अरे भाई fighter pilot है वो उसका काम है आसमान में जंग लड़ना। ये छोटी-छोटी चीजों का पूरा ध्यान रखा है सिद्धार्थ आनंद ने ऋतिक रोशन को इस्तेमाल करना वो भी ऐसी फिल्म है जिसका lead hero एक plane है बिल्कुल आसान काम नहीं है भाई लेकिन ये सीन देखो अब कोई शक बाकी है। और पता है काफी लोग शायद इस बात से नाराज हो जाए मुझसे agree भी ना करें लेकिन पठान के comparison में fighter एक ज्यादा complete फिल्म है। क्योंकि इस बार मुझे सिर्फ थिएटर में मास्क नहीं मिला उसके साथ-साथ एक proper sequence में चलने वाली intelligent कहानी भी दिखाई गई। और हाँ भाई विलेन को कैसे भूल सकते हो आप ऋतिक के सामने खड़ा होना as bad guys इसके लिए भी अलग का कॉन्फिडेंस चाहिए सर।

लेकिन सिद्धार्थ आनंद ने सिर्फ अपने विलेन के लुक से आधा मिशन कम्पलीट कर लिया था। फिल्म में सीन कम है लेकिन जितने हैं उसमें दम है। ऋषभ भैया long way to go बस एक शिकायत मेरी और काफी लोगों की पूरे बॉलीवुड से ये होगी कि भाई अगली बार से ये इंडिया वर्सेज पाकिस्तान का overdose मत किया करो। अगर fighter में ये angle नहीं डाल के कुछ personal दुश्मनी दिखा देते दो fighters के बीच में literally ये फिल्म बवाल कर देती कहानी unpredictable बन जाती। तो भैया fighter को मेरी तरफ से पाँच में से पूरे चार stars मिलेंगे। पहला airplane scene हैं, दूसरा कहानी के साथ जोड़ने वाले emotions perfect हैं।

तीसरा ऋतिक with दीपिका and अनिल कपूर इन तीनों का character जबरदस्त है even supporting में एक्टर्स का performance solid है। चौथा पॉइंट फिल्म के भागने की स्पीड माने स्क्रीन पे खरगोश जैसा है। कब खत्म हुई समझ ही नहीं आया। नेगेटिव में बस वो same reputative इंडिया वर्सेज पाकिस्तान का मामला जिसकी वजह से फिल्म कैसे खत्म होगी हम पहले से ही समझ गए ना excitement for climax zero हो गया।

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